डाक्टर की सलाह-----
घर में अधिक समय बीताये
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कनीना। कनीना के डाक्टर जितेंद्र मोरवाल का कहना है कि लंबे समय से कोरोना वायरस पूरे ही जग में समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इससे रोकथाम के उपाय अपनाए। रोग से बचने का सबसे सरल उपाय है फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें, घरों में रहकर आराम करें, बार-बार हाथों को साबुन या डिटोल से धोए, सेनिटाइज करना हो तो अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से ही सेनिटाइज करें। उनका कहना है कि दूसरी पारी में रोग की फैलने की दर अधिक है वहीं पहले से अधिक घातक बन गया है। ऐसे में इसे हल्के में न ले और पूरी सावधानी बरते। अभी 45 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को वैक्सीन दी जा रही हैं उन्हें वैक्सीन दिलवाये। समय पर सभी वैक्सीन ले।
उन्होंने कहा कि इधर-उधर घूमने से समस्या बनती है जब कोई काम ना हो तो अनावश्यक इधर-उधर न घूमे, रोग के लक्षण अगर किसी में नजर आए तो 1 मीटर की दूरी बनाए। अगर रोग के लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मास्क जरूर पहने। मास्क पहनने से न केवल कोरोनावायरस अपितु उड़ती हुई राख, हवा में उड़ते भी कीट आदि से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोगाणु से बचना ही सबसे बेहतरीन तरीका होगा। ऐसे में किसी भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर न जाए, आसपास सभा आदि हो रहा हो तो उसमें भी नहीं जाना चाहिए। अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खुशी खुशी दिन बिताना चाहिए। खुशी-खुशी जीवन जिये, शुद्ध सात्विक भोजन खाए, ताजा सब्जी, दाल आदि जरूर प्रयोग करें। इससे रोग से बचा जा सकता है।
डा जितेंद्र मोरवाल एमडीएस उप नागरिक अस्पताल
थाने में एक कोरोना संक्रमित मिला
-डाक्टरों की टीम ने लिए 86 सैंपल
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कनीना। कोरोना दूसरी पारी में त्वरितत गति से पैर पसारने लगा है। कनीना थाने में एक कर्मचारी की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कनीना थाना पहुंचकर वहां के समस्त स्टाफ अन्य कर्मचारियों का भी आरटी पीसीआर टेस्ट कर सैंपल लिए है।
वह टीम के इंचार्ज डा जितेंद्र मोरवाल ले जानकारी देते हुए बताया कि कनीना थाना व अन्य 86 लोगों के सैंपल लेकर कोई टेस्ट के लिए भेज दिए हैं जिनकी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। डाक्टर मोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी टीम में एमपीएचडब्ल्यू राजेश, टेक्नीशियन आशीष व सुनील ने कर्मियों के सैंपल लेकर भेज दिए हैं। डा मोरवाल ने यह भी बताया कि कोरोना महामारी की यह दूसरी लहर पहली से कहीं ज्यादा खतरनाक है। इसलिए हमें घर पर ही रह कर अपने कार्य करने चाहिए और अगर ज्यादा मजबूरी हो तो मास्क लगाकर बाहर निकले। सदा बार-बार साबुन से हाथ धोये।
कनीना मंडी में नहीं आया है एक दाना भी सरसों
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कनीना। कनीना अनाज मंडी में अभी तक एक दाना भी सरसों का नहीं आया है। गेहूं की आवक में तेजी आ गई है। प्रारंभ में गेहूं की आवक धीमी रही किंतु तब तेजी आने से फड़ों पर जगह घटती जा रही है। खरीद के 15 दिन बीत गए हैं किंतु सरसों के भाव खुली मंडियों में ऊंचे होने से सरकारी दामों पर कोई किसान सरसों बेचने नहीं आ रहा है। अब तो सरसों के भाव बढऩे से किसान सरसों का स्टाक करने लगे हैं। सरसों का सरकारी भाव 4650 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि गेहूं का सरकारी खरीद रेट 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। अभी तक गेहूं बेचने के लिए किसान जरूर आ रहे हैं।
15 दिन में 2079 किसानों से खरीदा 72148 क्विंटल गेहूं--
अनाज मंडी में खरीद के 15 बीत गये हैं। अब तक 15 दिनों में 2079 किसानों से 72148 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। रविवार को अवकाश रहता है। बाकी दिन गेहूं की खरीद जारी रहती है। एक अप्रैल से खरीद शुरू हुई थी अब तक केवल 2 दिनों का ही अवकाश रहा है। कनीना मंडी में 15वें दिन 190 किसानों से 6650 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। 15वें दिन 10 हजार बैग उठान किया गया तथा अब तक 108900 बैग उठान किया जा चुका है।
तिथि खरीदा गेहूं क्विंटल में किसानों की संख्या
01 अप्रैल 2021 27 01
02 अप्रैल 21 149 05
03 अप्रैल 21 81 02
04 अप्रैल 21 खरीद नहीं हुई
05 अप्रैल 21 800 30
06 अप्रैल 21 2857 55
07 अप्रैल 21 5500 130
08 अप्रैल 21 9000 225
09 अप्रैल 21 8000 218
10 अप्रैल 2021 9600 290
11 अप्रैल 21 अवकाश रहा
12 अप्रैल 21 12000 347
13 अप्रैल 21 8252 332
14 अप्रैल 21 9232 194
15 अप्रैल 21 6650 190
आकाश में दूसरे दिन भी छाए बादल
-किसान व व्यापारी चिंतित
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कनीना। जहां मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार आकाश में बादल छा गए हैं। आगामी दिनों में भी यह बादल छाए रहेंगे। जिसको लेकर किसान चिंता में डूब गए हैं। एक और जहां किसान गेहूं की कटाई जोर शोर से जुट रहे हैं। जहां मजदूरों का अभाव होने से इस बार किसान बहुत परेशान है। मशीनों से कटाई करवा रहे वहीं हार्वेस्टर मशीन से गेहूं निकलवा रहे हैं वहीं दूसरी मशन पर खर्चा कर तूड़ी बनवा रहे है। यदि बारिश होती है तो खेतों में खड़ी गेहूं भीगने का अंदेशा बन जाता है। उधर कनीना मंडी में गेहूं की खरीद चल रही है। गेहूं को बारिश आदि से बचाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ते हैं।
दसवीं की बोर्ड की परीक्षा रद्द करने पर विद्यार्थियों में खुशी जताई
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कनीना। कनीना क्षेत्र में उस समय विद्यार्थियों में खुशी का माहौल देखने को मिला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दसवीं की परीक्षाएं सीबीएसई की तर्ज पर तर्ज कर रद्द करते हुए सभी को पास करने की बात कही।
दसवीं के विशेषकर कमजोर विद्यार्थी परीक्षा में पास मुश्किल से हो सकते थे उन्हें बहुत राहत मिली है। यहां तक कि शिक्षकों के रिजल्ट अक्सर माइनस आते रहे हैं वे भी बहुत प्रसन्न हैं। ऐसे में बोर्ड द्वारा सभी को प्रमोट कर देने से शिक्षकों में भी खुशी है।
बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी चाहते हैं कि उन्हें भी दसवीं की भांति पास कर दिया जाए परंतु निर्णय सरकार ने लेना होता है। वैसे भी सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा होनी है तो हरियाणा में भी उसी आधार पर 12वीं की परीक्षा कराएगा।
110 कोरोना वैक्सीन दी गई
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कनीना। कनीना और आसपास विभिन्न केंद्रों पर वैक्सीन खत्म होने के कारण महज भडफ़ और गुढ़ा में 110 वैक्सीन र्दी गई। एचआई शीशराम कनीना ने बताया कि भडफ़ में 60 तो गुढ़ा में 50 कोरोना वैक्सीन दी गई। जल्दी कोरोना वैक्सीन आने की संभावना है। इसी प्रकार के हालात भोजावास में रहे जहां कोई वैक्सीन नहीं दी गई। भोजावास में भी वैक्सीन का अभाव है।
संस्कृत अध्यापकों को मिले पीजीटी हिंदी पर मिले पदोन्नति
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कनीना। हरियाणा में संस्कृत अध्यापकों को गणित और विज्ञान अध्यापकों की तरह पीजीटी हिंदी के पदों पर पदोन्नति मिलनी चाहिए। क्षेत्र के शिक्षक संस्कृत शिक्षक बार-बार की मांग कर रहे हैं। उन्होंने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर किया है किंतु संस्कृत पढ़ाने से उनकी पदोन्नति संस्कृत पर ही की जाती है हिंदी पर नहीीं। जबकि हिंदी भाषा की जननी संस्कृत को माना जाता है।
संस्कृत शिक्षकों विरेंद्र सिंह, संजीव कुमार, रोशन लाल तथा निर्मल ने बताया कि एक अप्रैल 2021 को शिक्षा विभाग ने गणित, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र पर पदोन्नतियां की हैं जिनमें टीजीटी विज्ञान अध्यापकों को पीजीटी गणित,भौतिक शास्त्र एवं रसायन पदोन्नत कर दिया है। इसी तरह विज्ञान अध्यापकों को पीजीटी गणित पर पदोन्नत कर दिया है जब गणित और विज्ञान अध्यापकों को उनके विषय से हटकर पीजीटी के पदों पर पदोन्नति मिल सकती है तो संस्कृत अध्यापकों को हिंदी पीजीटी के पद पर पदोन्नति क्यों नहीं दी जाती? इसके लिए बार-बार अनुरोध कर रहे संस्कृत अअध्यापकों ने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि तुरंत इस अन्याय को दूर किया जाए और संस्कृत अध्यापकों को पीजीटी हिंदी पर पदोन्नति दी जाए।
2 सालों से मल्चिंग एवं टपका सिंचाई से पानी बचा रही है मीना देवी भडफ़
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ की मीना देवी मच्ंिग एवं टपका सिंचाई विधि से फसल एवं सब्जियां उगा कर न केवल लोगों को एक संदेश दे रही है अपितु पानी बचत में अहम भूमिका निभा रही है।
मीना कुमारी ने अपने लड़के रवि कुमार से सहयोग लेकर एक एकड़ में टमाटर, एक एकड़ में तरबूज, आधा एकड़ खरबूजा, आधा एकड़ में मिर्च बैंगन, ककड़ी भी उगा रखी है। साथ में एक एकड़ में बेर का बाग लगा रखा है। मीना देवी फल सब्जियों में ड्रिप सिंचाई करती है। यद्यपि ड्रिप सिंचाई में एक बार खर्चा आता है किंतु पानी की बहुत अधिक बचत होती है। उन्होंने सभी सब्जियां मल्चिंग विधि से उगा रखी हैं।
क्या है मल्चिंग विधि-
इस विधि में प्लास्टिक के बारिक पाइपों को रेत के बेड में दबा दिया जाता है तथा पौधे मल्चिंग में उगाए जाते हैं। उन पर पालीथिन लगी होती है। पानी पुरी बूंद बूंद होकर गिरता रहता है तथा जो जो पानी वाष्प बनकर उड़ता है वह पालीथिन से टकराकर वापस बेड में गिर जाता है। इससे बहुत अधिक पानी की बचत हो रही है। विगत 2 वर्षों से उन्होंने यही विधि अपना रखी है और दर्जनों किसान उनके पद चिन्हों पर चल रहे हैं। आज नई तकनीक का प्रयोग कर रही है और सब्जियों में अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है।
मीना देवी बताती है कि उन्होंने बिना खाद तथा रासायनिक के फल सब्जियां तैयार की है जिसके चलते उनकी फल सब्जियों की मांग अधिक है। वैसे भी मीना देवी ने अपनी भडफ़ के पास सड़क पर ही दुकान लगा रखी है जिस पर उनके पति हरीश कुमार सब्जियां बेचते हैं। मीना देवी ड्रिप और मल्चिंग की सहायता से बेड पर सब्जी उगाती है और बहुत से किसानों को लुभा रही है।
उन्होंने बताया कि जब फव्वारा और खुला पानी खेतों में दिया जाता है तो पानी बहुत अधिक मात्रा में लगता है, घंटों परेशानी उठानी पड़ती है और अधिकांश पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है। गर्मी के दिनों में तो यह आम बात है किंतु मल्चिंग में वाष्प बनकर पानी नहीं उड़ सकता वैसे भी बूंद-बूंद करके पौधों की जड़ों में सीधे पानी पहुंचता है। इसलिए पानी बेकार नहीं जाता उन्होंने बताया 2 घंटे में 1 एकड़ जमीन में इतना पानी हो जाता है जो सब्जी के लिए पर्याप्त होता है जबकि खुले में 2 घंटे में पानी दिया जाए तो मामूली से क्षेत्रफल पर
पानी दिया जा सकेगा और वह भी वाष्प बनकर उड़ जाएगा। उन्होंने घर पर भी वर्षा जल संरक्षण किया हुआ है तथा पानी बचाने में अहम योगदान देती आ रही है।
क्या कहते हैं अग्रणी किसान महावीर सिंह किसान महावीर सिंह करीरा जो अग्रणी किसान माने जाते का कहना है कि उन्होंने भी लंबे समय पहले ड्रिप सिंचाई व मल्चिंग सिंचाई शुरू की थी की थी जो आज भी उनके खेतों में जारी है किंतु मीना कुमारी वास्तव में इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। न केवल पानी बचा रही आप ही दो सब्जी से रोटी रोजी कमा रही है। पूरा परिवार पूर्ण रूप से सब्जी पर निर्भर है। इससे इस प्रकार पानी भी बचाती है और दाम भी कमाती है।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: मीना कुमारी टमाटर की मल्चिंग करते हुए पर काम करते हुए।
परिंडे लगाओ पक्षी बचाओ अभियान के तहत संस्था ने लगाए परिंडे
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कनीना। सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल द्वारा बढ़ती हुई गर्मी को देखते हुए अपने हर साल के अभियान की भांति परिंडे लगाओ पक्षी बचाओ अभियान की शुरुआत की। यह कार्य संस्था द्वारा लगातार ढाई साल से किया जा रहा है जिसके तहत अप्रैल से जुलाई के अंत तक इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों,शहीद स्मारकों ,मंदिरो, बणियों व आस पास के बस स्टैंड आदि जगहों पर परिंडे लगाए जाते हैं।
संस्था के प्रधान नवीन कुमार का कहना है कि पिछले ढाई वर्षों से संस्था ने लगभग 3500 के करीब परिंडे लगाए हैं। अबकी बार संस्था ने गर्मी की अधिकता को देखते हुए लगभग 11 हजार परिंडे लगाने का लक्ष्य रखा है। जिसे कुछ समय में ही पूरा किया जाएगा। संस्था के कार्यालय से 50 परिंडे लगाकर इस अभियान की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा हर वर्ष पशु व पक्षियों के लिए पानी और दाने की व्यवस्था की जाती है। संस्था के सभी युवा साथी इस नेक कार्य में सहयोग करते रहते हैं। उन्होंने सभी युवा साथियों से पशु व पक्षियों के लिए बढ़ती गर्मी में दाने पानी की व्यवस्था करने की अपील की। इस अवसर पर विकाश, अनुभव, अजय, बाली,अनुज, इंद्रजीत आदि युवा मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: परिंडे लगाते हुये संस्था के पदाधिकारी।
कृषि एवं किसान कल्याण निदेशक ने किया क्षेत्र में दौरा
-फसल कटाई प्रयोगों का किया निरीक्षण
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कनीना। वीरवार को कृषि एवं किसान कल्याण निदेशालय पंचकूला से डा कुलदीप गौतम संयुक्त निदेशक (भूमि संरक्षण) ने जिला का दौरा किया और कृषि विभाग द्वारा संपन्न किए गए फसल कटाई प्रयोगों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ उप-कृषि निदेशक नारनौल डा सुरेंद्र सिंह यादव और सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी डा अभय राम यादव रहे।
उल्लेखनीय है कि खाद्यान्न से संबंधित नीति निर्धारण हेतु आंकड़े जुटाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा शुरू से ही फसल कटाई प्रयोग किए जाते हैं लेकिन जब से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू हुई है तबसे इन प्रयोगों का महत्व और अधिक बढ़ गया है क्योंकि इन्हीं प्रयोगों के आधार पर कम पैदावार की अवस्था में बीमित किसानों को क्लेम दिया जाने का प्रावधान है। जिले में निरीक्षण के दौरान कनीना के किसान अतर सिंह के खेत का निरीक्षण किया जिसमें प्रयोगों को डाक्टर गजानंद शर्मा की देखरेख में हुआ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सांख्यिकी पर्यवेक्षक अनिल
भगडाना और महेश एटीएम भी उपस्थित थे। फोटो कैप्शन 6: संयुक्त निदेशक के श्री गौतम संग अधिकारी फसल कटिंग प्रयोग करते हुए।
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