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Wednesday, April 7, 2021

 नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज
-पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के एक गांव की नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पीडि़त के परिजनों(पिता व दादी) ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उनकी उसकी बच्ची करीब 8 वर्ष है जो बुधवार को स्कूल से जल्दी आ गई थी और घर पर अकेली थी। बच्ची की दादी जो स्कूल में सफाई कर्मी का कार्य करती है जो स्कूल गई हुई थी और बेटी जो पांचवीं जमात में पढ़ती है।
 पड़ोस के एक लड़के ने उसकी बेटी को अकेला देख उसके साथ गलत हरकत की। बच्ची ने जब शोर मचाया तो वह उसको उसी हालात में छोड़कर भाग गया। बच्ची ने गलत हरकत के बारे में पड़ोस में भी बताया और जब परिजन घर पहुंचे तो उनसे भी बताया। जिसको लेकर वे कनीना थाना पहुंचे यहां पुलिस ने उनकेे बयान पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।




खंड के गांव की बच्ची को ले जाए 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली
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कनीना। कनीना खंड के गांव से भगा कर ले जाई गई लड़की को  6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। पीडि़ता की दादी ने बताया कि उनकी पोती को एक लड़का 6 दिन पहले लेकर फरार हो गया। जिसको लेकर मैंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। वही पुलिस ने इस  मामले को लेकर कई जगह छापा कार्रवाई दी लेकिन अब तक मामला ज्यों का त्यों बना हुआ है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि उनकी बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढा जाये।



130 किसानों से 5500 क्विंटल गेहूं खरीदा
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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में खरीद के सातवें दिन 130 किसानों से 5500 क्विंटल गेहूं 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया। सरसों का सरकारी भाव 4650 रुपये प्रति क्विंटल है।
हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि  अब तक 185 किसान गेहूं बेच चुके हैं जिनसे 9414 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। बुधवार को 1000 बैग लिफ्टिंग हुई और इस प्रकार कुल लिफ्टिंग 2200 बैग की हो चुकी है।
गेहूं की खरीद धीमी गति से चल रही है। विगत वर्ष त्वरित गति से गेहूं बेचा गया था। भारी संख्या में किसान गेहूं एवं सरसों बेचने आ रहे थे किंतु इस बार अभी तक सरसों की का एक दाना भी नहीं खरीदा गया है। मैनेजर ने बताया कि सरकारी दर पर गेहूं खरीदने का कार्य जारी है किंतु किसानों के पास संदेश चंडीगढ़ से आते हैं।
फोटो कैप्शन 10: कनीना मंडी में गेहूं की खरीद करती हैफेड एजेंसी।




विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता
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कनीना। विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में ब्रिलिएंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनौंदा में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन तीन स्तरों प्राथमिक, माध्यमिक व वरिष्ठ स्तर पर किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न वर्गों के 43 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्राइमरी लेवल पर कक्षा दूसरी की छात्रा सुनीती प्रथम, कक्षा चतुर्थ का छात्र अंश द्वितीय तथा कक्षा तीसरी के छात्र गौरव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मिडिल लेवल पर कक्षा आठवीं की छात्रा वंशिका ने प्रथम, कक्षा सातवीं के छात्र यशवंत ने द्वितीय तथा आठवीं की छात्रा ऋषिका व भावना ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग में कक्षा 12वीं की छात्रा खुशी ने प्रथम, छात्र अमित व नितिन ने संयुक्त रूप से द्वितीय तथा रोहित सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के शारीरिक शिक्षा निदेशक रविन्द्र सिंह लांबा ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के महत्व और इसकी शुरुआत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई थी। इसी उपलक्ष्य में वर्ष 1950 से हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रवक्ता मंजीत गौड़ ने भी अच्छी आदतों को अपनाते हुए स्वस्थ रहने पर बल दिया और कहा कि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है।  इस अवसर पर प्रवीण कौशिक, संतोष देवी, आशीष तंवर, राम शर्मा, नेहा, पूजा सहित विद्यालय के सभी अध्यापकगण व छात्र उपस्थित थे।




प्रकृति से दूर होना, विकृतियों के पास जाना-निलेश
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कनीना। प्रकृति से दूर होने का सीधा सा अर्थ है विकृतियों के पास आना। मानव ने अपने कड़े परिश्रम की बदौलत विशाल भवन तो खड़े कर दिए परंतु प्राकृतिक जीवनशैली से दूर होकर अपने स्वस्थ्य की अनदेखी करता गया। यही कारण है कि आज प्रत्येक घर, प्रत्येक व्यक्ति बीमारियों से घिरा हुआ है। योग से स्वास्थ्य, चरित्रता, आपसी प्रेम- भाईचारा व सामाजिक समरसता में उन्नति होती है।
ये विचार योगशिक्षक निलेश मुदगल ने  खेड़ी तलवाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 5 दिवसीय निशुल्क योग शिविर के शुभारम्भ अवसर पर बुधवार को साधकों से कहे।
कोरोना संबंधित सावधानियों के बीच खेडी तलवाना में यह योग शिविर का शुभारम्भ हुआ। इससे पूर्व पतंजलि परिवार एवं राजकीय विद्यालय स्टाफ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित निशुल्क योग जाग्रति शिविर के प्रथम दिवस डीएसपी कनीना राजीव कुमार के प्रतिनिधि कनीना थाना एएसआई अश्विनी कुमार, विद्यालय के प्राचार्य  जयप्रकाश यादव, सरपंच प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप-प्रज्वलित कर सत्र का शुभारम्भ किया।
तत्पश्चात प्राचार्य जयप्रकाश जी ने एएसआई कनीना थाना अश्विनी कुमार जी का स्वागत किया व उपस्थित साधकों से कहा कि योगविद्या हमारे ऋषियों की विरासत है। और आज यह योग ही पूरे विश्व के रोगियों के लिए जीवन में सबसे बड़ी आशा का केंद्र बन गया है। इसी के प्रचार के लिए पूरे विश्व की सहमति से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन होने लगा है। हम सभी को योग की विरासत पर गर्व करते हुए रोजाना योगाभ्यास करना चाहिए।
श्री अश्विनी कुमार जी ने कहा कि  आज के समय में लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी रोग से ग्रस्त है, जिसके कारण से उसका काफी पैसा केवल स्वस्थ रहने में खर्च हो जाता है। आज सामान्य नागरिक की कमाई का बड़ा हिस्सा घर की दवाई और बच्चों कि पढ़ाई में ही खर्च हो रहा है।
अगर हर व्यक्ति योग को अपने दिनचर्या का हिस्सा बना ले तो,वो शारीरिक रूप से तो मजबूत बनेगा ही,अपितु उसका बहुत सारा धन जो बीमारियों में खर्च हो रहा है वो भी बचेगा।
पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी एवं योग शिक्षक निलेश मुदगल ने ने योगिक जोगिंग व सूक्ष्म व्यायामों से योग जागरण की शुरुआत की।
  प्रवक्ता नरेश कौशिक ने कहा कि इस संसार की सभी चिकित्सा पद्धतियों की शुरुआत मानव शरीर के रोगी होने पर होती है। वहीं योग और आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो मनुष्य के स्वास्थ्य की सम्पूर्ण गारन्टी देती है। केवल दिन में एक घंटे का समय प्राणायाम को देने से इंसान सदैव स्वस्थ रहता है और अगर किसी बीमारी से ग्रसित भी है तो वो भी धीरे धीरे खत्म होनी शुरू हो जाती है। यह पूर्ण प्रमाणित सत्य है।
भारत स्वाभिमान खण्ड प्रभारी मनोज कुमार कनीना ने बताया कि रविवार 11 अप्रैल तक चलने वाले इस नि:शुल्क योग शिविर के आगामी दिनों में मोटापा, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, एलर्जी, तनाव, अनिद्रा आदि रोगों के उपचार बताए जाएंगे। बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास में योग का महत्व बताया जाएगा। कद वृद्धि व बौद्धिक विकास में लाभकारी आसन-प्राणायाम बताए जाएंगे। अधिक से अधिक महिला-पुरुषों, बच्चों-बुजुर्गों को इस नि:शुल्क योग शिविर से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना चाहिए।
इस अवसर पर तेजपाल सिंह, सूबेदार ओमप्रकाश सिंह, प्रवक्ता नरेश कौशिक, प्रवक्ता संजय कुमार, प्रवक्ता राजेश जेलदार, योगेंद्र कुमार, प्रशांत कुमार डुलाना, सुरेन्द्र सिंह बव्वा, मुख्यध्यापक देशराज कोटिया, मास्टर राजपाल सिंह, पूजा, भूमिका, दीपक, आदि सहित अनेकों योगसाधक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8,एवं  9: योग शिविर में योग करते साधक तथा योग करवाते निलेश।



आरसीएम स्कूल का परीक्षा परिणाम सुनाया
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कनीना। रामचन्द्र पब्लिक स्कूल कनीना में सत्र 2020-21  का वार्षिक परीक्षा  परिणाम घोषित किया गया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों के लिए पारितोषिक - वितरण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें संस्था के प्राचार्य राकेश कौशिक , एमडी शिवचरण जोशी  व आरआरसीएम ग्रुप आफ  एजूकेशन के चेयरमैन  रोशन लाल यादव ने कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को स्मृति - चिह्न प्रदान करके उन्हें प्रोत्साहित किया।
  रोशन लाल जी ने नए सत्र को प्रारम्भ करने की भी घोषणा की तथा कहा कि प्रथम दिन से ही यदि विद्यार्थी अपनी उचित योजना बनाकर अध्ययन करें तो निश्चित रूप से सफलता संभव है।  समारोह में रितु यादव , नीतू यादव ,संदीप जी आदि सभी अध्यापक उपस्थित रहे।   


कांग्रेसी नेता अर्जुन राव ने किसानों की समस्या को लेकर राज्यपाल को भिजवाया ज्ञापन
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 कनीना। किसानों की समस्या को लेकर एक ज्ञापन कांग्रेसी नेता राव अर्जुन सिंह ने राज्यपाल को भिजवाया है तथा किसानों की समस्या हल करने की मांग की है।
उन्होंने लंबे समय से किसानों की चल रही मांगों के लिए हड़ताल को समाप्त करने तथा कृषि कानूनों को रद्द करने की सरकार से मांग की है। तहसीलदार नवनीत कौर के मार्फत उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन भिजवाया है जिसमें कहा गया है कि कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने के लिए पिछले 4 माह से हरियाणा-दिल्ली बार्डर पर किसान आंदोलन रत हैं जिसमें 300 से अधिक किसान मारे जा चुके हैं किंतु किसानों की सरकार नहीं सुन रही है। उल्टे उन पर लाठी एवं डंडे बरसाये जा रहे है जो उचित नहीं है। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार किसानों की मांगों का समाधान करने की बजाय उन पर
उन पर लाठी डंडे बरसा रही है। शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रख रहे किसानों पर 3 अप्रैल को मुख्यमंत्री के रोहतक आगमन पर लाठीचार्ज हुआ जिसमें कई बुजुर्ग किसान घायल हो गए।
उन्होंने ज्ञापन में कहा है किसान खुशहाल नहीं होगा तो देश खुशहाल नहीं बनेगा। उन्होंने आए दिन किसानों के विरोध में भड़काऊ भाषण दिए जाने को भी गलत ठहराया है। उन्होंने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि 3 अप्रैल को किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, किसानों के विरोध में विवादित बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा मोदी सरकार पर हरियाणा सरकार को दवाब बनाना चाहिए ताकि यह कानून रद्द किए जा सके। इस मौके पर उनके साथ
मा. दिलीप सिंह पूर्व  प्रधान कनीना पालिका, रतनलाल पूर्व मुख्याध्यापक सहित कई गणमान्य जन उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 9: तहसीलदार नवजीत कौर को ज्ञापन देते अर्जुन राव कांग्रेसी नेता।






पदाड़ी एवं धांसों का किया जा रहा स्टाक
-पेड़ों को कटने से बचाने तथा कोयला की मांग घटाने में कारगर
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कनीना। एक जमाने में चंद रुपयों में बिकने वाली तूड़ी तथा मुफ्त में मिलने वाली पदाड़ी एवं धांसे अब कीमती बन गए हैं। किसानों के लिए ये अतिरिक्त आय का साधन बन गए हैं। इन्हीं के दम पर हजारों रुपये किसान कमा लेते हैं। अब किसान न तो धांसों को नष्ट करते हैं और न पदाड़ी को बिखेरते हैं। अब तो प्रत्येक गांव में एक या दो लोग इनका स्टाक करके ईंट उद्योगों को पहुंचा रहे हैं जिससे कोयला एवं लकड़ी की मांग घटी है।
  किसान भारी संख्या में पशु पालते हैं जिनके लिए इसी मौसम में तूड़ी की खरीद की जाती है। गेहूं या जौ की बनी हुई तूड़ी अब महंगी होती जा रही है। किसी जमाने में तूड़ी को तौलकर नहीं देते थे अपितु गेहूं उत्पाद की मात्रा पर ही तूड़ी की मात्रा का आंकलन किया जाता था। आज महंगाई इस कद्र बढ़ गई है कि तूड़ी का भाव  सात से दस रुपये किलो ग्राम बिकने लगा है। ऐसे में किसान अपने खेत से गेहूं की पैदावार से तो आय प्राप्त करते ही हैं साथ में तूड़ी को बेचकर भी अतिरिक्त आय ले रहे हैं।
   चंद वर्षों से गेहूं की तूड़ी खरीदने के लिए दूसरे राज्यों से भी खरीददार आने लगे हैं। ये लोग गेहूं भी खरीदते हैं और तूड़ी भी खरीदकर ले जाते हैं। यही कारण है कि किसान अपने खेत की तूड़ी एवं गेहूं की बेहतर आय प्राप्त होती है। किसानों की 50 फीसदी गेहूं एवं तूड़ी खेत पर ही बेचनी पड़ रही है।
   अब दूर दराज से लोग अपने गन्ने से गुड़ बनाने या ईंट भ_ा मालिक इसे ईंट पकाने में काम में लेने लगे। वर्तमान युग में पदाड़ी को भारी दामों पर बेचा जाता हैं। कुछ लोग तो पदाड़ी का धंधा ही करने लग गए हैं। पदाड़ी को भारी मात्रा में इकट्ठा कर लिया जाता है और भ_ा मालिकों को बेचा जाता है।
     सरसों के अलावा धांसे एवं पदाड़ी की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। किसान धांसों के बदले सरसों की कटाई करवाने के अलावा पदाड़ी को महंगे दामों पर बेच रहे हैं। खेत से धांसे पहले काटे जा रहे हैं और बाद में सरसों की पैदावार ले रहे हैं।  विगत पांच वर्षों से तो किसान सरसों की पैदावार अधिक कर रहे हैं और गेहूं की कम। खेतों में गेहूं की पैदावार तो मात्र अपने परिवार के भोजन के रूप में ही कर रहे हैं किंतु सरसों की पैदावार अधिक ले रहे हैं।
  किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पदाड़ी को उनसे मोल ले जाते हैं और एक जगह स्टाक कर लेते हैं जो ईंट भट्ठा उद्योगों को बेच दिया जाता है। इस प्रकार किसान एवं पदाड़ी का व्यापार करने वाले खुश हैं।



कम हो गई शहतूत की पैदावार
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कनीना। ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाने वाले शहतूत की आवक कम हो गई है। अति मधुर एवं चंद दिनों के ग्रामीण फल बड़े ही चाव से खाए जाते हैं।
  शहरी जन बेशक पसंद न करें किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद चाव से खाए जाने वाले शहतूत फल की पैदावार कम हो पाने के कारण आवक घट गई है। एक जमाना था जब इन्हें रेहड़ी एवं ऊंटगाड़ी में डालकर गांवों में बेचा जाता था किंतु अब एक भी व्यक्ति इनको बेचकर रोटी रोजी कमाता नजर नहीं आता है। ये दो प्रकार के होते हैं खट्टे एवं मीठे। ये पौधे छाया भी प्रदान करता है तो फल भी।
 इस संबंध में किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि मौसम की मार के चलते ये फल या तो झड़ गए हैं या फिर बहुत कम मात्रा में पक पाते हें जिसके चलते आवक घट गई है। इस संबंध में कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज का कहना है कि ये फल इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में होते हैं किंतु मौसम की मार पडऩे से झड़ गए हैं।
फोटो कैप्शन 5:ग्रामीण क्षेत्रों में चाव से खाया जाने वाला शहतूत फल।












सरसों की आवक मुश्किल
-अभी भी खुली मंडियों में भाव है अधिक
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 कनीना। विगत वर्षों जहां सरसों की पैदावार सरकारी रेट पर बेचने के लिए मारामारी करनी पड़ी थी किंतु इस बार अभी तक न तो अनाज मंडियों में सरसों की कोई आवक हुई है और नहीं लगता कि भविष्य में कोई आवक होगी। अभी भी खुली मंडियों में सरसों के भाव अधिक है जबकि सरकारी खरीद भाव कम हैं।
 कारण है कि अब किसान तेल मिलों में अपनी पैदावार ले जा रहे हैं। बहुत से आढ़ती व्यापारी तथा तेल मिल मालिक इन किसानों के घरों से ही सरसों की पैदावार लेने लगे हैं।
कनीना मंडी में विगत वर्षों सदा ही सरसों की खरीद हुई है। यह पहला अवसर सरसों की पैदावार किसानों ने करीब 1 माह पहले ही ले ली है किंतु अनाज मंडियों में बेचने के लिए नहीं आ रहे हैं। सरकारी भाव जहां तक 4650 है जबकि खुली मंडियों में तथा घरों से व्यापारी 5200 रुपये तक खरीद रहे हैं। यही कारण है कि किसान इस बार केवल गेहूं बेचने के लिए आ रहे हैं। सरसों बेचने के लिए अभी तक नहीं आ रहे हैं।

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