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Tuesday, April 13, 2021

भारत की बनी दवा कारगर-पार्षद मोहन सिंह
-यह अवश्य ही लेना चाहिए- डा हरिओम शर्मा
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कनीना। कोरोना महामारी को लेकर कनीना महाविद्यालय कनीना के प्रोफेसर डा हरिओम शर्मा तथा पार्षद मोहन सिंह ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली। इसके उपरांत उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी किसी जाति धर्म व बिरादरी को नहीं देखती। यह तो सबको ही मारती चलती है। इसलिए हमें इसके बचाव के लिए पहले ही  वैक्सीन का प्रयोग कर सुरक्षा कवच तैयार कर लेना चाहिए।  हमारे देश का सबसे बड़ा भाग्य है कि हमारे देश में संसार में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना वैक्सीन बनाकर यह साबित कर दिया कि हमारा देश संसार में बसने वाले अन्य देशों से किसी तरह भी कम नहीं है। ारत में कोरोना वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है, इसलिए देश के साथ साथ भारत ने अन्य देशों में भी कोरोना वैक्सीन की दवा भेज कर यह साबित कर दिया कि भारत पहले भी गुरु था और आज भी संसार का गुरु है।
486 वैक्सीन डोज दी-
कनीना एवं आस पास गांवों में मंगलवार को 486 डोज वैक्सीन दी गई। शीशराम एचआई ने बताया कि कनीना में 70 डोज प्रथम, 40 डोज दूसरी, चेलावास में 90 डोज दी गई हैं। उधर भोजवास पीएचसी के राजकुमार एचआई ने बताया कि 273 डोज वैक्सीन प्रथम तो 13 डोज दूसरी बार दी गई हैं।
फोटो कैप्शन 15: डा हरिओम भारद्वाज डाकेज लेते हुए
             16: पार्षद मोहन डोज लेते हुए।





देश की महिलाओं को सम्मान देना मां दुर्गा की सच्ची पूजा
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कनीना। यज्ञ रूपी  ही जीवन है। जिस प्रकार यज्ञ में बहुत सी कीमती चीजें जलकर खत्म हो जाती हैं लेकिन दूसरों के लिए वही सुगंध बन जाती हैं। ये विचार संत कृष्णानंद महाराज ने कनीना के गांव धनौदा की बणी में मां दुर्गा की उपासना के उपरांत यज्ञ पर आए भक्तजनों को व्यक्त किए।
 इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने जीवन को यज्ञ रूपी जीवन बनाना चाहिए और जीवन में शुभ कर्म करते हुए मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा की पूजा का मतलब है देश की महिलाओं का सम्मान देना। जो व्यक्ति देश की महिलाओं का अपनी मां बहन और बेटियों का सम्मान करता है वही मां दुर्गा का सच्चा पुजारी है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की पूजा के साथ साथ अपने घर परिवार और देश की महिलाओं का पूरा सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर डा फतेहचंद दायमा, जगदीश,शिव कुमार  निरंजन लाल,घनश्याम शर्मा, विनय पाल,विजय स्वामी के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 17: संत यज्ञ पर विचार व्यक्त करते हुए।





332 किसानों से खरीदा 8252 क्विंटल गेहूं
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कनीना। खरीद के 13 दिन कनीना मंडी में मंगलवार को 332 किसानों से 8252 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। कनीना मंडी मंडी में सरसों का एक दाना भी अभी तक सरकारी खरीद बतौर नहीं खरीदा है।
  विस्तृत जानकारी देते हुए खरीद एजेंसी हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि अब तक 13 दिनों में 1595 किसानों ने 56266 क्विंटल गेहूं खरीद लिया है। जबकि  22500 बैग
अकेले मंगलवार को उठान किये गये जबकि कुल खर्च उठा हुआ जबकि अब तक कुल उठान 82700 बैग का हो चुका है। उन्होंने कहा कि खरीद के पुख्ता इंतजाम है और किसानों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं।
फोटो कैप्शन 18: कनीना मंडी में खरीद करते हुये।






एक दिन में ही टूट गया मार्केट कमेटी द्वारा खरीद का बनाया गया नियम
-उठान में आई परेशानी
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 कनीना। कनीना मार्केट कमेटी द्वारा गत दिवस जहां किसी भी रजिस्टर्ड किसानों द्वारा गेहूं बेचने की बजाय संदेश मिलने वाले किसानों द्वारा गेहूं बेचने का नियम महज एक दिन में ही टूट गया।  हुआ यूं कि मार्केट कमेटी द्वारा सभी ग्रुप में संदेश भिजवा दिया गया था कि केवल वे ही किसान  गेहूं बेच पाएंगे जिनको गेहूं बेचने का संदेश प्राप्त होता है। किंतु सुबह जब खरीद शुरू हुई, उस समय अनेकों किसान ऐसे आ गए जिनके पास संदेश नहीं आया किंतु उन्हें मार्केट कमेटी के नये आदेश का मालूम नहीं था। उन्होंने जिद की कि जब तक उनका गेहूं नहीं खरीदा जाएगा तब तक वे किसी अन्य किसान को गेहूं नहीं बेचने देंगे। परिणाम स्वरूप सभी के लिए गेहूं बेचने का आदेश जारी कर दिया गया। तत्पश्चात सभी किसानों ने गेहूं बेचा जो पोर्टल पर रजिस्टर्ड थे। ऐसे में बनाया गया नियम एक दिन में ही टूट गया। उधर हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि ई-खरीद साइट द्वारा बेहतर काम न करने से उठान में भारी परेशानी आई है। उन्होंने बताया कि ई-खरीद साइट काम करने से गेट पास बनते हैं किंतु गेट पास महज दिन भर में 4 ट्रकों के हो पाये जबकि 30 ट्रक उठान के लिए कार्यरत है। ऐसे में उठान में भी परेशानी हुई है।




जल संरक्षण में जुटी है पिंकी यादव
-वर्षा का जल भी सहेजती है
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,कनीना। जल संरक्षण हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें पूरी ईमानदारी और तन्मयता के साथ इसका निर्वहन करना चाहिए जैसे विचारों के साथ काउंसलर पिंकी यादव समाज के साथ-साथ घर पर रहकर भी जल संरक्षण का संदेश दे रही हैं। पिंकी यादव का कहना हैं कि हमारे दैनिक जीवन में जल संरक्षण करने के बहुत तरीके हैं। हमारे क्षेत्र में जल की समस्या बहुत ही गंभीर बन चुकी हैं ।
घर में जल से धोने की बजाय पौछा लगाते हुए भी पिंकी यादव जल को संरक्षित कर रही हैं। उनका कहना है कि हम सभी को जल बचाने के तरीकों को  दैनिक जीवन क्रियाओं जैसे ब्रश करना,सेव करना ,नहाना एवं कपड़े धोना आदि  में लगातार उपयोग में लाना पड़ेगा तभी यह मिशन सफल होगा। कपड़े धोने के बाद उस जल से पौछा लगाया जा सकता है। पिंकी यादव ने बताया कि घर में कपड़े धोने एवं बर्तन साफ करते वक्त का पानी भी पाइप द्वारा रिचार्ज बोर में भेजा जा रहा हैं ताकि भूमिगत जल स्तर को बढ़ावा मिल सकें। अब तक पिंकी यादव जल संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रमों के दौरान 5000 से ज्यादा लोगों को जल संरक्षण करने को शपथ भी दिला चुकी हैं।
काउंसलर पिंकी यादव कनीना ने जल संरक्षण पर अपील करते हुए कहा कि इसे समाप्त होने से बचाने के लिए सभी समाज के प्रबुद्ध लोगों एवं सामाजिक संस्थाओं को भरसक प्रयास करना पड़ेगा तभी इस समस्या से निपटारा मिल सकता हैं। पिंकी यादव द्वारा समय-समय पर घर के पास बने होद में वर्षा जल का संचयन भी जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। पिंकी यादव के अनुसार ग्रामीण परिवेश में वर्षा जल संचयन जल को रक्षित करने की अच्छी पहल हैं। वर्षा जल प्रवाह नाली और सीवर के माध्यम से बहता है और बर्बाद हो सकता है, उनका संग्रहण एवं उपयोग किया जा सकता है । वर्षा जल संचयन कर उस जल का उपयोग पिंकी यादव घर में उगाई गई सब्जियों एवं पेड़-पौधों में पानी देने में कर रही हैं। जिससे निश्चित रूप से जल का सदुपयोग होता है।
फोटो कैप्शन 13:जल बचत करते हुए पौछा लगाते हुए। कपड़े धोने कें बाद का पानी प्रयोग हो रहा है।
            14: घर में वर्षा जल संरक्षण के लिए बनाया गया स्टोर।





बेजुबान परिंदों के लिए पावर हाउस में की  दाना पानी की व्यवस्था
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,कनीना। बेजुबान परिंदों के लिए पावर हाउस में की  दाना पानी की व्यवस्था की कड़ी में विक्रमी संवत 2078 में 132 केवी कनीना पावर हाउस के प्रांगण में बेजुबान परिंदों के लिए जाना सिकोरे लगाक पानी का प्रबंध किया।
महावीर पहलवान प्रदेश मुख्य संगठनकर्ता एचएसईबी वर्कर यूनियन ने कहा कि मुहिम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को संगठित करके बेजुबान परिंदों को बचाना चाहिए इस गर्मी के सीजन में परिंदों के लिए अन्न एवं जल  का अभाव हो जाता है और समय पर और समय पर अन्न व जल की व्यवस्था करके हम परिंदों को बचा सकते हैं। इस मुहिम की शुरुआत राम रतन जेई गोमली के द्वारा कुछ रोज पहले की जा चुकी है। इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए 132 पावर हाउस के जेई छोटेलाल वह सूबे सिंह, तीर्थराज, हरसेवक कृष्ण कुमार आदि भी जुड़ गये हैं।
फोटो कैप्शन 9: कनीना एचएसईबी में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते महाबीर सिंह पहलवान एवं अन्य।




नवरात्रों में फल एवं सब्जियों के दाम बढ़े
-व्रत  दौरान फल खाना हुआ दूभर
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 कनीना। क्षेत्र में जहां नवरात्रों के पर्व पर व्रत शुरु हो गये हैं। वहीं इन नवरात्रों एवं व्रतों में फल एवं सब्जियों की मांग बढ़ गई है। फल एवं सब्जियों की मांग के चलते उनके दामों में वृद्धि कर दी गई है। सब्जी एवं फलों के भावो ंमें 20 रुपये तक की वृद्धि हुई है।
 कनीना के कुलदीप बोहरा, दिनेश कुमार ,सूबे सिंह आदि ने बताया कि वे नवरात्रों पर व्रत करते आ रहे हैं। व्रतों के दौरान जहां केले के दामों में कम से कम 15 रुपये प्रति दर्जन बढ़ोतरी हो गई है वहीं अन्य फल भी महंगे हो गए हैं। सब्जियों के दामों में भी 20 रुपये प्रति किलो तक बढ़ा दिए गए हैं। उधर महिलाओं अनीता, सुमन आशा, राजेश आदि ने बताया कि व्रतों के दौरान मंदिरों में फल अर्पित करती हैं वही घरों में भोजन के रूप में फल सब्जियों का आहार करती हैं। फल सब्जियां महंगी हो गई है। उधर फल विक्रेता शिव कुमार, इलू, रमेश कुमर, अशोक एवं हेमराज आदि ने बताया कि उनकी मजबूरी है कि जो फल सस्ते मिलते थे अब उन्हें ही महंगे मिलते हैं। ऐसे में फल महंगी करने पड़े हैं। यही हालात सब्जी की है। व्रतों के दृष्टिगत तथा नवरात्रों के दृष्टिगत फल एवं सब्जियों पीछे से ही महंगी आती हैं। इसके कारण उन्हें मजबूरन महंगे भाव लेने पड़ रहे हैं। उनका कहना है कि नवरात्रों में अक्सर ही फल एवं सब्जियों के भाव थोड़ा-बहुत बढ़ते हैं। फल एवं सब्जियों के भाव बढऩे से लोग अक्सर केले तथा संतरा फल तथा मौसमी का जूस आदि प्रयोग कर रहे हैं। वहीं सब्जियों में आलू प्रमुख रूप से प्रयोग किया जा रहा है।
फल एवं सब्जियों के भाव इस प्रकार बढ़े हैं--
फल/सब्जी  वर्तमान भाव  एक सप्ताह पूर्व भाव
               प्रति किलो   प्रति किलो
मटर         250            150
बैंगन         40-50         20
गोभी फूल     50            20
आलू          20             15
भिंडी          100           60
ग्वार फली    100            50
कटहल        100           60
तरबूज         30-50        20
खरबूजा       80            40
टमाटर         40           20
खीरा          60           25
अरबी        100           60
केले         70-80        50 रुपये दर्जन
आम         80           140
अंगूर        100          60
अनार        140          80
पपीता       50            30
संतरा       120           90
चीकू        120         60
ककड़ी       50          20
घिया        40          15
प्याज        40         20
तोरई         80         50
फोटो कैप्शन 10 : फल एवं सब्जियां बेचते दुकानदार।




भूमि सुपोषण अभियान की की शुरुआत
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कनीना। क्षेत्र में नव वर्ष मनाया गया। इस वर्ष हिंदु नव वर्ष की ओर रुझान कम देखने को मिला।
खंड के गांव इसराना में भारतीय नव वर्ष के आगमन पर भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर जैविक खेती और  भूमि के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
कार्यक्रगम का संचालन मोहित इसराना ने किया।
मोहित इसराना ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि जो किसान जैविक खेती कर रहे हैं उन खेतों से मिट्टी लाई गई और उस मिट्टी से पूजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे पूर्व सरपंच विजेंद्र सिंह ने प्राचीन भारतीय खेती पद्धति के बारे में भी नई पीढ़ी को अवगत कराया।
 इसके साथ  जैविक उत्पादक किसान अजय इसराना  ने भी जैविक खेती के फायदों के बारे में बताया। कार्यक्रम में जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण एवं संरक्षण, भूमि क्षरण को कैसे रोका जाए विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यर्क्रम के दौरान जैविक खेती करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गया।
 इस अवसर पर मोहित इसराना, मदनलाल, रवि विकास ,अंकित, उदयवीर, राम अवतार, मनीष कौशिक सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
उधर हिन्दू नववर्ष पर भारत विकास परिषद् शाखा कनीना के अध्यक्ष मोहन सिंह ने बाबा राधेदास आश्रम पर हवन-यज्ञ किया। भगवान से सभी के सुख शांति की कामना करते हुए सभी को  हिंदू नववर्ष की बधाई दी। इस मौके पर गौशाला प्रधान यादवेंद्र सिंह,धर्मबीर फौजी,कंवरसैन वशिष्ठ, धनपत साहब, हनुमान, सूबेदार सुरेन्द्र, मास्टर कृष्ण सिंह, अखिलेश आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: इसराणा में भूमि सुपोषण अभियान की की शुरुआत करते जन।



 कोरोना के चलते नव वर्ष पर पहले वाला रुझान नहीं मिला
-नहीं देखने को मिली रौनक
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कनीना। कोरोना के चलते नव वर्ष पर पहले वाला रुझान नहीं मिला। विगत वर्ष भी रुझान कम रहा।
नव संवत 2078 पर कनीना बस स्टैंड पर कोई साज-सज्जा देखने को नहीं मिली और न ही मिठाई बांटी गई। इससे पहले हिंदू नव वर्ष पर कनीना के बाजार को श्रीराम के झंडों से पूरे बाजार को सजा दिया जाता था और मिठाइयां बांटना व डीजे पर रामलला के भजनों के साथ नया साल का उत्सव मनाया जाता था लेकिन इस साल 13 अप्रैल को नए साल का कोई उत्सव नहीं देखा गया। विहिप कार्यकर्ता गोविंद यादव ने बताया कनीना प्रखंड में विश्व हिंदू परिषद की शुरुआत महेश बोहरा द्वारा ही की गई थी। उन्होंने हम सभी को विश्व हिंदू परिषद से जोड़ा व हिंदुत्व के लिए उन्होंने बहुत ज्यादा कार्य किए हैं। महेश बोहरा ने प्रखंड अध्यक्ष से और मनोज शर्मा एडवोकेट ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। जब इस मामले पर महेश बोहरा से बात हुई तो उन्होंने बतायाकि विश्व हिंदू परिषद प्रखंड के कार्यकर्ताओं द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा था, चाहे राम जन्मभूमि भूमि पूजन का कार्य हो चाहे हिंदुत्व का, चाहे नव वर्ष का कार्यक्रम हो हर मौके पर सभी कार्यकर्ता तन-मन-धन से काम में जुट जाते थे लेकिन अब नई कार्यकारिणी में हिंदुत्व पर काम कम होने के कारण कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। कार्यकर्ताओं के सम्मान को बरकरार रखने के लिए प्रखंड अध्यक्ष महेश बोहरा और मनोज शर्मा ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। श्री बोहरा ने कहा कि जल्द ही हिंदुत्व के उत्थान के लिए व कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए विश्व हिंदू क्रांति दल के नाम से संगठन का गठन किया जाएगा।
 


मानका की बणी में बार बार आग लगने की घटना को रोकने की मांग
-सैकड़ों कैर व जाल के पेड़ जल कर नष्ट
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 कनीना। नगर पालिका कनीना द्वारा कस्बा का कूड़ा उठाकर मानका की बणी में डालने का सिलसिला कई वर्षों से जारी है किंतु जहां विगत एक सप्ताह में 5 बार आग लगने की घटना ने सैकड़ों कैर एवं जाल के पेड़ स्वाह कर दिया है। इस पर भी नगरपालिका बाज नहीं आ रही है। यदि यही हाल रहा तो बुजुर्गों की निशानी जाल के  वृक्ष एक दिन लुप्त हो जाएंगे। पांच बार आग की घटना ने पेड़ पौधों को तो जलाया ही वहीं सैकड़ों वन्य प्राणी जलकर नष्ट हो गए। न तो वन विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही नगर पालिका के अधिकारी इस ओर कोई कार्रवाई कर रहे हैं। आए दिन आगजनी की घटना घट रही है और फायर ब्रिगेड को बार बार बुला कर सरकार पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। स्थायी समाधान नहीं ढूंढा जा रहा है।
 यूं तो कनीना की सभी बणियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। अवैध कब्जों के चलते बणियों को काट काट कर गंजे के सिर जैसा बना दिए हैं।
बणियों में कभी घुसना कठिन था और अब दैौड़ के मैदान जैसी बना दी हैं। आग ने जहां संपूर्ण मानका की बणी को जला दिया है वहीं पेड़ पौधों को जो क्षति पहुंची वह अपूर्णीय है। फायर ब्रिगेड की महेंद्रगढ़ से आई गाडिय़ों ने अलग-अलग समय पर आग पर काबू पाने का प्रयास किया है किंतु कूड़े कचरे में लगी आग को काबू नहीं पाया जा रहा है। लगातार कूड़ा कचरा सुलगता जा रहा है। आग लगाने के पीछे ठोस कारण नहीं बताया जा रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि कूड़ा बीनने वाले बीड़ी, सिगरेट पीकर डाल देते हैं जिससे आग लगी है जबकि कुछ लोगों का मानना है कि कूड़ा गाड़ी में जलता हुआ कोई सामान गलती से यहां लाकर डाल दिया गया जो धीरे-धीरे आग में बदल गया। एक बार आग लगने के बाद इस कूड़े कचरे की आग पर काबू पाना कठिन हो गया है। हजारों टन कूड़ा कचरा दूरदराज करीब आधा किलोमीटर तक बिखरा पड़ा है। कूड़े कचरे को को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर पालिका ने जहां कनीना कस्बे की सफाई करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी किंतु पेड़ पौधों को जलाने में भी अहम भूमिका निभाई है। होना चाहिए था कि यहां गहरा गड्ढा खोदकर उसमें कूड़े कचरे को भरा जाए ताकि वह खाद बन जाए किंतु अभी तक इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं गया है। परिणाम मूक पेड़ अधिकारियों की अकर्मण्यता की मार को झेलकर दम तोड़ रहे हैं। 2-3 गड्ढे भी खोदे गये हैं लेकिन उसमें 5 से 7 गाडिय़ां कूड़ा डाला जा सकता है। बहरहाल टींट एवं पीचू देने वाले कैर के पेड़ तो पील देने वाले जाल के सैकड़ों वर्ष पुराने पेड़ स्वाह हो चुके हैं।
अगर यूं ही आग धधकती रही तो आने वाले समय में जाल के पेड़ पुस्तकों में पढऩे मात्र रह जाएंगे। आश्चर्यजनक बात है कि वन विभाग का कहना है कि उनका काम नहीं है अपितु नगर पालिका की जिम्मेदारी है।
क्या कहते हैं नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार-












 नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि पालिका की बुरी छवि बनाने में अधिकारियों का अहम रोल है। उन्होंने कहा कि कनीना नगर पालिका एक नंबर की है किंतु अधिकारी काम नहीं करते । उन्होंने बताया कि नगरपालिका में कार्यरत कर्मचारी महीनों से कार्यालय में नहीं आ रहे हैं। बार-बार उच्च अधिकारियों को लिखा जा रहा है किंतु कोई अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहा है। परिणामस्वरूप बार-बार गहरा गड्ढा खोदकर उसमें कूड़ा कचरा डालने की बात कही जा रही है किंतु अधिकारी टस से मस नहीं हो रहे हैं। उन्होंने खेद जताया कि कहीं ना कहीं ये अधिकारी पालिका को आगे ले जाने की बजाय अधिकारी पीछे धकेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह उच्च अधिकारियों को इस संबंध में फिर से शिकायत करेंगे अगर फिर भी अधिकारी नहीं सुनेंगे तो वे समस्या को मुख्यमंत्री तक ले जाने में नहीं हिचकिचाएंगे ताकि इन जाल के वृक्षों को बचाया जा सके।
फोटो कैप्शन: 02 से 03: आग से झुलसे कैर एवं जाल के पेड़।


रेड रिबन क्लब की ओर से एचआईवी पर आयोजित हुये कई कार्यक्रम
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में रेड रिबन क्लब की ओर से एचआइवी एड्स पर भाषण, स्लोगन व पोस्टर मेकिंग आदि कई कार्यक्रमों का आयोजन किये गये। इस वर्ष का थीम है- एक निष्पक्ष स्वस्थ दुनिया का निर्माण। जो एक निष्पक्ष स्वस्थ दुनिया बनाने के लिए नए अभियान के रूप में आधारित है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा जितेंद्र मोरवाल उप नागरिक अस्पताल कनीना थे। उन्होंने एचआइवी एड्स के प्रमुख कारणों तथा समाज में फैली विभिन्न भ्रांतियों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर रेड रिबन क्लब की अध्यक्षता कर रही कुसुम यादव ने अपने विचार रखे।  इस मौके पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।

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