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Saturday, April 24, 2021

 

कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति अभी तक पूरी तरह नियंत्रण में -ओम प्रकाश यादव
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कनीना।प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति पूरी तरफ से नियंत्रण में है कहीं भी किसी भी अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उपरोक्त बातें प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्राकश यादव ने शनिवार को कनीना स्थित नवदीप मोटर्स वर्कशाप पर कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए हम सभी का सहयोग भी बहुत अधिक आवश्यक है। सभी लोगों को कोविड-19 की गाइडलाइनों का पालन करते हुए आवश्यकता पडऩे पर ही अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सूझबूझ से अभी तक प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सूनी व उपस्थित लोगों को मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने के लिए अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश में जहां भी जरूरत होगी वहां पर सरकार अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था के साथ-साथ आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहने देगी। इस अवसर पर कनीना नगरपालिका के पूर्व प्रधान मास्टर दलीप सिंह, मुकेश नंबरदार, सतीश, मनोज कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 13: नवदीप मोटर्स वर्कशाप पर लोगों की समस्याएं सुनते मंत्री ओम प्रकाश यादव।




कनीना की लगाई 360 वैक्सीन
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से वैक्सीन देने का सिलसिला जोर पकड़ गया है। शनिवार को जहां कनीना, करीरा और गुढ़ा में 360 कोरोना वैक्सीन दी गई।
 विस्तृत जानकारी देते हुए एचआई शीशराम ने बताया कि कनीना में 110, करीरा में 109 तथा गुढ़ा में 141 कोरोना वैक्सीन दी गई लेकिन ये वैक्सीन अभी तक 45 से अधिक उम्र के लोगों को ही दी जा रही हैं। इस मौके पर संदीप, राकेश, संजोग शारदा, पवन, सरिता आदि ने अपनी भूमिका निभाई।


युवा शक्ति संघ के युवा बांट रहे हैं मास्क
-लोगों को कर रहे हैं जागरूक
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कनीना। कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। पूरी दुनिया में इसे लेकर पैनिक स्थिति देखने को मिल रही है। हर दिन हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं। दुनिया भर के कई शहरों और पूरे देश में लाकडाउन जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए कई लोग जागरूकता के लिए भी काम कर रहे हैं। दौंगड़ा अहीर के युवा शक्ति संघ के युवाओं ने बाबा रूपा दास मंदिर से लोगों को मास्क बांटते हुए पूरे गांव में घूम कर लोगों के बीच निशुल्क मास्क का वितरण करते हुए लोगों को कोरोना गाइड लाइन पालन करने की समझाइश दे रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आदर्श गांव दौंगड़ा अहीर में युवा शक्ति संघ के पूर्व प्रधान राजकुमार यादव द्वारा कोरोना से बचने के उपाय के बारे में बताते हुए कहा कि सभी को सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए,व मास्क लगाए रखना चाहिए क्योंकि इस महामारी से बचने का यही एक उपाय हैं इसको देखते हुए पूरे गांव में गली गली घूमकर मास्क वितरण किये।साथ ही समूह में बैठे ताऊ, बूढ़े, बुजुर्गों,ताश खेलने व हुक्का पीने वालों एवं दुकानदारों को भी इसके बारे में जागरूक किया गया।
इंजीनियर विकास यादव ने बताया कि आज के दिन पूरे देश में हालात बहुत ही खराब है राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अब कोरोना हरियाणा में भी पांव पसार लिए हैं प्रतिदिन सम्पूर्ण हरियाणा में लगभग 9000 से भी ज्यादा मरीज आने लगे हैं लेकिन उसके साथ साथ मरीज ठीक होने की दर भी लगभग 85 प्रतिशत के आसपास है।आज के दिन पूरे देश में आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है तो इन्हीं सब को देखते हुए सभी लोग कोरोना से बचने के नियमों का पालन करते रहे व अपने घरों में सुरक्षित रहे।घर में जो भी वृद्घजन हैं,उनको टीका लगवाएं।
इस मौके पर वेद प्रकाश आर्य,भावी जिला पार्षद राजकुमार यादव, मनोज यादव, इंजीनियर अशोक यादव,विष्णु,सोनू  विकास इंजीनियर एवं कैलाश पालड़ी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 12: दौंगड़ा में मास्क वितरित करते युवा शक्ति संघ।




शाम छह बजे बाद छा जाता है सन्नाटा, सभी दुकानें हो जाती हैं बंद
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कनीना। कोरोना के दृष्टिगत जहां सरकार ने दुकानें शाम छह बजे बंद करने के आदेश जारी कर रखे जिसके चलते शाम छह बजते ही बस स्टैंड, अनाज मंडी, मुख्य बाजार आदि सब जगह सन्नाटा पसर जाता है। महज आवश्यक सेवाओं की दुकानें, मेडिकल स्टोर आदि की खुले रहते हैं।
नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि सरकारी आदेश का सख्ती से पालन हो रहा है तथा कनीना में भी सभी दुकानें शाम छह बजे बंद हो जाती है। उल्लेखनीय है कि अभी तक दिनभर दुकानें खुली रहती है। किंतु विगत वर्ष दुकानदारों ने बहुत कष्ट झेले थे।



कोरोना को लेकर काफी बदलाव देखने को मिला
-अब लोग कम भयभीत
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 कनीना। यद्यपि विगत वर्ष कोरोना तथा लाकडाउन चला। इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। यह लहर विगत वर्ष की तुलना में अधिक घातक बताई जा रही है किंतु लोगों के में कोरोना को लेकर काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। विगत वर्ष जब किसी घर में कोरोना संक्रमित मिलता तो लोग उस परिवार से डर डर कर रहते थे।
 प्रशासन भी अधिक सख्त था किंतु इस वर्ष कोरोना से लोग कम भयभीत हैं। किसी घर में कोरोना मरीज आ जाता है तो लोग अधिक चिंता नहीं कर रहे हैं। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम डर लग रहा है। जहां विगत वर्ष दुकानदार भी नोटों को डरकर हाथ लगा रहे थे किंतु इस बार बेशक कोरोना अधिक घातक है किंतु नोटों को त्वरित गति से छूते हैं। यही नहीं कोरोना को लेकर के दिनचर्या में बदलाव भी आ गया है। जहां
गत वर्ष कोरोना के लेकर लोग अधिक समय घरों में बिताते देखे गए इस वर्ष बहुत कम देखने को मिल रहा है। यह जरूर है कि इस वर्ष कोरोना की वैक्सीन आने से लोगों का रुझान वैक्सीन की ओर देखने को मिला है। जहां विगत वर्ष शादियों का दौर कम था। इस वर्ष अभी शादियों का दौर शुरू हो गया है। जहां कोरोना के लिए अनेक हिदायतें दी गई हैं। विवाह शादी समारोह दिन में चलेंगे तथा 50 व्यक्तियों से अधिक को अनुमति नहीं दी जा रही है। जिसको लेकर के शादी समारोह स्थलों में भीड़भाड़ कम देखने को मिल रही है वहीं कोरोना के लेकर के लोग कुछ सतर्क अधिक हो गये हैं।



ट्रांसफार्मर से रातों रात सामान चोरी
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा के 2 किसानों के खेतों में लगे हुए ट्रांसफार्मरों से अज्ञात चोर सामान चोरी कर ले गए। उनकी शिकायत पर कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
 बस्तीराम गाहड़ा निवासी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनका ट्यूबवेल कोटिया रास्ते पर स्थित है। ट्यूबवेल पर अपना निजी ट्रांसफार्मर लगाया हुआ था। रात को अज्ञात चोर ट्रांसफार्मर  को तोड़कर कीमती सामान चोरी कर ले गए। यही नहीं गाहड़ा गांव के ही किसान धर्मपाल के खेत के ट्यूबवेल पर लगे हुए ट्रांसफार्मर से भी अज्ञात चोर कीमती सामान निकाल ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



बाइक हुई चोरी
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 कनीना। शादी में गये हुये व्यक्ति की मोटरसाइकिल चोरी हो गई। व्यक्ति बेरी का निवासी है। रोहित कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि वह बेरी से गुढ़ा गांव में बाइक से शादी समारोह में गया था। जब घर वापस जाने लगा तो उनकी मोटरसाइकिल समारोह के पास से गायब मिली। पूछताछ करने पर नहीं मिली। पुलिस ने अज्ञात चोर के विरुद्ध बाइक चोरी करने का मामला दर्ज कर लिया है।



मार पिटाई का मामला दर्ज
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 कनीना। सेहलंग गांव की कृष्णा देवी ने कनीना पुलिस में 10-12 लोगों के विरुद्ध घर आकर मार पिटाई करने तोडफ़ोड़ करने व जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज करवाया है।
कृष्णा ने कहा है कि वह सेहललंग की स्थाई निवासी है। उनके पास नरेश, पंकज तथा 10-12 अन्य लोग ट्यूबवेल पर आये तथा उनके साथ मार पीटाई की धक्का देकर भविष्य में उनके परिवार को खत्म करने और जान से मार देने की धमकी दी। महिला ने कहा है कि उनके पति खेती बाड़ी का काम करता है और ट्यूबवेल पर ही मकान बनाकर रहते हैं। ये लोग हाथों में लोहे की पाइप, लाठी-डंडे लिए हुए थे। उन्होंने कहा है कि घटना के वक्त एक लेबर महिला उनके साथ थी। उन्होंने शिकायत की है कि उन्होंने सीसीटीवी भी लगवाए उनको भी तोड़ गए, डीवीआर मशीनस सीसीटीवी की फुटेज की रिकार्ड मशीन को भी अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा है कि घटना के समय वह तथा एक लेबर की औरत हाजिर थे। इन लोगों ने गरीब औरत लेबर महिला के साथ छेड़छाड़ की और मोबाइल छीन ले गए। कनीना पुलिस ने विभिन्न लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है तथा जांच शुरू कर दी है।



सूखे में पैदा किए आम
-कई सालों से ले रहे हैं पैदावार
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 कनीना। बेशक जिला महेंद्रगढ़ में पानी की कमी हो और आम पैदा करना महज कल्पना मात्र लगता हो किंतु कनीना मंडी में भीम सिंह ने अपने घर के पास आम के पौधों पर हर वर्ष आम तैयार करते आ रहे हैं।
कनीना के राजेंद्र सिंह ने भी आम पैदा करके नाम कमाया है। दोनों ही किसान आम पैदा करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि लंबे संघर्ष के बाद यहां पैदा हुए हैं। इस बार अंधड़ ने उनके आम के फल झाड़ दिये हैं।
उधर राजेंद्र सिंह ने बताया कि वे उनके खेत में कई कई साल पुराने आम के एक दर्जन पेड़ हैं जिन पर कभी कम तो कभी अधिक आम लगते हैं।
फोटो कैप्शन 6: आम के पेड़ पर आम लगे दिखाते हुये भीम सिंह कनीना।



पितृ भक्ति की मिसाल
अपने माता-पिता की सेहत के लिए खरीद कर लाए हैं थारपार नस्ल की गाय
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 कनीना। कनीना से 4 किलोमीटर दूर महेंद्रगढ़ रोड पर उन्हाणी के पास जयपाल अपने माता पिता की लंबी उम्र की कामना के लिए थारपार नस्ल की गाय चांदन जिला-जैसलमेर (राजस्थान)से एक लाख रुपये में मंगवाई है।
 जयपाल बीएससी करने के बाद पशुपालन से लगाव हो गया। वे उत्तम नस्ल की गाय तथा भैंस पालते हैं। उनकी मां संतरा देवी गृहणि है जबकि राव भगवान सिंह मुख्याध्यापक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
जयपाल की मां संतरा देवी शरीर से कमजोर है वहीं उनके पिता राव भगवान सिंह के स्टंट डल चुके हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों से तथा वैज्ञानिकों से राय लेकर उन्हें पता चला कि देशी एवं थार पार नस्ल की गायों का दूध विभिन्न रोगों में रामबाण है
वे बताते हैं कि थारपार नस्ल की गाय का दूध अगर 3 महीने तक लगातार सेवन किया जाए तो शुगर, उच्च रक्तचाप, तनाव जैसी बीमारी जड़ से दूर हो जाती है। इसी उद्देश्य को लेकर थार पार नस्ल की गाय राजस्थान से एक लाख रुपये में मंगवाई है। वो अपने माता-पिता को गाय का दूध पिला रहे और उनकी इच्छा है कि उनके माता-पिता लंबे समय तक जीवित रहे ताकि वह उनके दर्शन कर सके।
फोटो कैप्शन 7: थारपार नस्ल की गाय दिखाते हुए जयपाल।


इनके आगे विज्ञान भी फेल
गोबर की बनाती हैं लकड़ी, खाना बनाने में लेती हैं काम
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 कनीना। अगर हाथों में करामात हो तथा बुद्धि बल काम करती हो तो इंसान नया करने में सक्षम हो जाता है। गुढ़ा गांव में दीना और मीना तथा उनके परिवार वाले गोबर की लकड़ी बनाते हैं जो ईंधन का बेहतर विकल्प बन रहा है।
गोबर के उपले जलाने से धुआं अधिक होता है किंतु सरसों के धांसे त्वरित गति से आग पकड़ लेते हैं। ऐसे में कुछ परिजन गोबर से लकड़ी बनाते हैं। धूप में सूखाकर ईंधन की जगह काम में लेते हैं।
उन्होंने दिखाया धांसों पर हल्की गोबर एवं पदाड़ी की परत लपेट दी जाती है। उन्हें सुखाकर ईंधन के रूप में काम में लेते हैं। यह लकड़ी का काम करती है और जलकर बेहतर ऊष्मा प्रदान करती है।
एक ओर जहां किसान इन धांसों को उखाड़ कर फेंक देता है चहीं पशुधन का गोबर भी उपलब्ध हो जाता है। दोनों की सहायता से लोग गोबर को लकड़ी जैसा रूप देते हैं ेिजसे गोबर की लकड़ी कहते हैं। असम राज्य में इस प्रकार की लकड़ी अधिकार काम में लाई जाती है। असम से कुछ लोग मजदूरी करने इधर आए हुए हैं। अपने दैनिक जीवन में गैस सिलेंडर बचाने के लिए र्इंधन का विकल्प तैयार करते हैं। उनको देखकर दूसरे लोग भी अब गोबर पदाड़ी, धांसों आदि की सहायता से गोबर की लकड़ी बनाने लग गए हैं।
 फोटो कैप्शन 8 एवं 9: बनाई हुई गोबर की लकड़ी, धूप में सुखाते हुए तथा गोबर की लकड़ी तैयार करते हुए परिवार।


किसानों के लिए ढैंचा उपलब्ध
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कनीना। कनीना खंड कृषि अधिकारी कार्यालय के तहत किसानों को अब ढैंचा के बीज उपलब्ध हैं। 12 किलों की थैली सब्सिडी सहित 130 रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है। किसान आधार कार्ड की कापी लेकर ढैंचा का बीज ले सकता है। हरियाणा बीज निगम कनीना पर ये बीज पर उपलब्ध है।
 खंड कृषि अधिकारी गजानंद शर्मा ने बताया कि ढैंचा का एक बैग 12 किलो का होता है जिसमें की कीमत 120 रुपये सरकार ने रखी है। कोई भी किसान दो बैग ले जा सकता है लेकिन उसके लिए आधार कार्ड की कापी साथ लेकर आना जरूरी है।
  उन्होंने बताया कि यह पौधा हरी खाद के निर्माण के लिए तथा तने के रेशे रस्सियां बनाने के काम आती हैं। राजस्थान में इसे इकड़ नाम से जाना जाता है जो खरीफ की फसल होती है। यह उत्तम हरी खाद के काम आता है।



इंसान की पर्यावर








ण से छेड़छाड़ जीवों के लिए बन रही है मुसीबत
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,कनीना। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में मारिशश देश के डोडो पक्षी की भांति ये पुस्तकों में पढऩे को मिलेंगे।
 जब झोपड़ पट्टी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औधोगिकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लगा पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
  उधर राजेंद्र सिंह पर्यावरणविद का कहना है कि अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित किये जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे।  जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं। किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं।


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