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Saturday, April 17, 2021



482 वैक्सीन कनीना तथा आसपास गांवों में दी गई
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 कनीना। कनीना और आसपास गांवों में 482 वैक्सीन दी गई। अधिकांश वैक्सीन प्रथम डोज के रूप में दी गई। कनीना के स्वास्थ्य निरीक्षक शीशराम ने बताया कि करीरा में 160 कनीना में 82 और उन्हाणी 70 कोरोना वैक्सीन डोज दी गई। इस मौके पर राकेश, शारदा, सुनीता, राजबीर, बिमला आदि ने अहम भूमिका निभाई। उधर पीएचसी भोजावास के स्वास्थ्य निरीक्षक राजकुमार ने बताया कि भोजावास में 170 कोरोना डोज दी गई। 




मजदूर वर्ग के लोग कोरोना के डर से अपने प्रदेश लौटने लगे
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कनीना। कोरोना महामारी के डर से कनीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में देश के विभिन्न कोनों से मजदूरी करने आए मजदूर घबराकर वापिस अपने प्रदेशों को लौटने लगे हैं। पहले ही क्षेत्र में कम मजदूर आये हैं। अधिकांश मजदूर होली पर अपने गांव गये थे जो लौटकर वापस नहीं आये हैं।
यद्यपि हरियाणा सरकार ने लाकडाउन न करने की बात कही है किंतु मजदूरों के दिल में रोग बढऩे से भय है। कुछ परिवारों से बात की तो उन्होंने बताया कि परिवार का लालन पालन करने के लिए हरियाणा आए थे और अब शक है कि कोरोना महामारी में कभी पहले की तरह लाकडाउन ना लग जाए। इसलिए अपने घर लौटना चाहते हैं।    अगर लाकडाउन लग गया तो परिवार वाले वहां और हम यहां भटकते फिरेंगे। ऐसे में मजदूरी के कुछ पैसे मिले हैं लेकर जा रहे हैं।
अभी तो बस गाडिय़ां चल रही है लेकिन कोरोना इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं के सारे देश में लाकडाउन लग जाएगा और बस गाडिय़ां बंद हो सकती हैं। रामलाल, कृष्ण कुमार, धीरेंद्र, रवि, नरेश, कालिया के अलावा अन्य मजदूर लोगों ने बताया कि अब तो घर पहुंचना ही बेहतर होगा।
 यहां गौरतलब है कि वैसे प्रदेश सरकार ने यह बात साफ कर दिया है कि बाहर से आने वाले लोग अपना काम करें ,उनको किसी प्रकार से परेशान नहीं होने दिया जाएगा लेकिन उसके बाद भी अन्य प्रदेशों से आए मजदूर वर्ग के लोग कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से डरकर अपने प्रदेश भागने लगे हैं। क्षेत्र के समाजसेवियों व प्रबुद्ध लोगों ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश से बाहर जाने वाले व दूसरे प्रदेशों से आने वाले सभी लोगों की जांच करानी चाहिए।
फोटो कैप्शन 10: अपने प्रदेशों में लौटने के लिए रेलवे स्टेशन जाते मजदूर।




कोरोना योद्धा से बात
कोरोना से डरना चाहिए घबराना नहीं- अनूप कुमार
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कनीना। कोरोना से डरना चाहिए घबराना नहीं। ये विचार कोरोना योद्धा अनूप पटवारी ने दैनिक जागरण से बातचीत दौरान व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष एक सितंबर को अचानक उन्हें दिल्ली अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था जबकि 20 सितंबर को उन्हें छुट्टी मिली थी।  30 अगस्त की रात सांस फूलने लगी, मुंह खोलकर सांस लेना भी कठिन हो गया। उस समय तुरंत संजय गांधी अस्पताल भर्ती करवाया गया। जहां  4 सितंबर को कोरोना संक्रमित पाया गया था। घरवालों से दूर रहा ताकि उनसे कहीं रोग न फैल जाए। उन्होंने कहा कि उस वक्त आक्सीजन का स्तर रक्त में कम हो गया था। यह स्तर 98 प्रतिशत के आसपास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी एक बहन सरिता को विगत वर्ष कोरोना में गंवा दिया था। जयपुर भर्ती भी करवाया। 10 दिनों के करीब भर्ती रही किंतु वह कोरोना की मार झेलती दुनिया से चली गई।
उन्होंने कहा कि ठीक है कि कोरोना एक महामारी है जिसे घबराना नहीं चाहिए किंतु जरूर डरना चाहिए। यदि किसी में सांस की तकलीफ  हो तो जरूर तुरंत डाक्टरी सहायता लेनी चाहिए, वरना अंजाम बुरा हो सकता है।
उन्होंने उन लोगों लोगों को जागरूक किया कि दूरी बनाकर रखें, मास्क जरूर पहने, सरकार द्वारा दी गई हिदायतों का जरूर पालन करें। यदि कोरोना संक्रमित पाया जाए तो डाक्टरों की सलाह जरूर लें तथा डाक्टरों द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें।
उन्होंने बताया कि कभी उन्हें बुखार खांसी आदि उन्हें बुखार नहीं हुआ अचानक कोरोना संक्रमित हो गया। यह बीमारी  इस प्रकार की है कि सीधी फेफड़ों पर धावा बोलती है। ऐसे में इस रोग से बचना ही सबसे बेहतर जरिया है। मास्क पहनने, दूरी बनाये रखने की बात कही।
फोटो कैप्शन: अनूप सुहाग पटवारी कोरोना योद्धा।



सोमवार को होगी कनीना में गेहूं की खरीद
-अब तक खरीदा जा चुका है करीब 76 हजार क्विंटल गेहूं
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कनीना। कनीना अनाज मेंडी में रविवार को भी नहीं होगी खरीद। शनिवार को खरीद नहीं हुई, केवल उठान का काम चला। सोमवार को ही गेहूं की खरीद की जाएगी। कनीना अनाज मंडी में अभी तक एक दाना भी सरसों का नहीं आया है। गेहूं की आवक में तेजी आ गई है। प्रारंभ में गेहूं की आवक धीमी रही किंतु तब तेजी आने से फड़ों पर जगह घटती जा रही है। खरीद के 17 दिन बीत गए हैं किंतु सरसों के भाव खुली मंडियों में ऊंचे होने से सरकारी दामों पर कोई किसान सरसों बेचने नहीं आ रहा है। अब तो सरसों के भाव बढऩे से किसान सरसों का स्टाक करने लगे हैं। सरसों का सरकारी भाव 4650 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि गेहूं का सरकारी खरीद रेट 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं बेचने के लिए किसान जरूर आ रहे हैं।
17 दिन में  2139 किसानों से खरीदा 76520 क्विंटल गेहूं--
 अनाज मंडी में खरीद के 17 बीत गये हैं। अब तक 17 दिनों में 2139 किसानों से 76520 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। रविवार को अवकाश रहेगा। बाकी दिन गेहूं की खरीद जारी रहती है। एक अप्रैल से खरीद शुरू हुई थी। अब तक केवल 3 दिनों का ही अवकाश रहा है।
अब तक का गेहूं खरीदा का ब्यौरा-
तिथि    खरीदा क्विंटल में  किसानों की संख्या
01 अप्रैल 2021   27           01
02 अप्रैल 21     149           05
03 अप्रैल 21      81            02
04 अप्रैल 21    खरीद नहीं हुई
05 अप्रैल 21     800            30
06 अप्रैल 21     2857           55
07 अप्रैल 21    5500           130
08 अप्रैल 21     9000          225
09 अप्रैल 21    8000           218
10 अप्रैल 2021 9600           290

11 अप्रैल 21    अवकाश रहा
12 अप्रैल 21    12000       347
13 अप्रैल 21    8252         332
14 अप्रैल 21   9232          194
15 अप्रैल 21   6650          190
16 अप्रैल 21   4372          60
17 अप्रैल 21   अवकाश रहा
शनिवार को उठान रहा जारी-
हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि शनिवार को गेहूं की खरीद नहीं की गई अपितु 8000 बैग का उठान किया गया। अब फड़ों पर खाली जगह हो गई है। अब तक 131700 बैग का उठान किया जा चुका है।
फोटो कैप्शन 8: कनीना अनाज मंडी में गेहूं की खरीद का नजारा।



युवाओं के आदर्श हैं पंकज कुमार -जगदेव यादव
-विश्व कप में सिल्वर मेडल लेकर लौटा है
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कनीना।  एसडी विद्यालय खेड़ी तलवाना में एक सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमें  अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी इंटरनेशनल शूटिंग स्पोट्र्स  फेडरेशन द्वारा आयोजित विश्व कप में सिल्वर मेडल विजेता पंकज कुमार को 11000 रुपये नगद  व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
 पंकज कुमार वीर भूमि खेड़ी तलवाना के सुपुत्र हैं ।  यह एक गरीब परिवार से  संबंध रखते हैं पंकज बचपन से ही बहुत लगन सील विद्यार्थी रहा है। एसडी ग्रुप के चेयरमैन जगदेव यादव ने कहा पंकज कुमार युवाओं के लिए आदर्श है। एक सामान्य परिवार में जन्मे पंकज ने जो सोचा था  वह अपनी लगन व मेहनत से हासिल कर लिया। पंकज  ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद सेना में जाने का निर्णय लिया। अपनी मेहनत के बल से खुली भर्ती में  हिस्सा लेकर कामयाबी हासिल की वह अपने सपनों को साकार किया। सेना में जाने के  बाद शूटिंग खेल को चुना। वह प्रतिवर्ष  प्रत्येक प्रतियोगिता में अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराते हुए आपने काबिलियत का लोहा मनवाया। आज क्षेत्र के लिए यह गर्व कि बात है कि वल्र्ड कप में मेडल के साथ आया है।
 विद्यालय प्राचार्य शक्ति सिंह ने आगंतुकों   का स्वागत करते हुए  कहां के वास्तव में क्षेत्र में  प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता है उनकी प्रतिभा को खोज कर निखारने की। यह भूमि वीरों की भूमि है इतिहास गवाह है के यहां के वीरों ने देश सेवा में अपना बड़ा योगदान दिया है। यहां के नौजवान सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए हमेशा अग्रणी रहते हैं। पंकज कुमार ने अपने संबोधन में कहां के विद्यार्थी अपने लक्ष्य को निर्धारित करने के बाद उसको पाने के लिए लगातार प्रयास करता रहे। अपने लक्ष्य को पाने में जरूर सफल होगा। इस अवसर पर सतीश कुमार,  फुटबाल कोच, प्रदीप कुमार, सुजीत, विकास कुमार, कृष्ण कुमार, जोगिंदर कुमार, योगेश शर्मा, हनुमान सिंह, राकेश कुमार, सरजीत साहब, पूनम यादव, रीता, अनीता यादव व उपदेश आदि समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 9: पंकज कुमार को सम्मानित करता सटाफ एवं अन्य जन।




10 लोगों के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज
  -गुढ़ा में हुआ मारपीट का मामला
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 कनीनाI कनीना उपमंडल के गांव गुड़ा में एक व्यक्ति के साथ मार पिटाई करने तत्पश्चात उन्हें छुड़ाने के लिए आए लोगों के साथ मार पिटाई करने पर 10 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। कनीना पुलिस में मोहित कुमार ने गुढ़ा निवासी ने मामला दर्ज करवाया है कि वह अपनी परचून की दुकान पर बैठा था तभी उनके पास मनोज नामक व्यक्ति शराब के नशे में आया और गंदी गालियां देने लगा। मनोज ने ठंडे की बोतल मांगी समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने मनोज, उमेद, राकेश, सुशील , राजाराम, रोहताश, अनिल, अरुण, फूलपति, विपिन आदि को बुला लिया। उन्होंने मार पिटाई की। जब मोहित ने शोर मचाया तो उनकी ताई संतोष, चाची पूजा, पत्नी पूर्ण, मां देविंद्रा छुड़ाने के लिए आई तो उनके साथ भी ईद के खोरो से चोट मारी। गांव के लोगों ने उन्हें छुड़ाया। जब उन्होंने इस घटना की सूचना अपने पिता को दी तो उनके पिता घर पर आये और उन्हें कनीना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए जहां से डाक्टरों ने चार लोगों को नारनौल रेफर कर दिया। झगड़े दौरान देवेंद्र का लॉकेट झगड़े में सोने का लाकेट गुम हो गया। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



आयुर्वेदिक डाक्टर की सलाह
भाप नाकों से खिंचनी चाहिए-शशी मोरवाल
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कनीना।  आयुष विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर शशी मोरवाल ने कोरोना नामक महामारी को लेकर बचाव के प्रति लोगों को जागरूक  करते हुए कहा कि गर्म पानी पीने के अतिरिक्त भाप को नाकों से खिंचना चाहिए जिससे नाकों के वायरस खत्म हो जाते हैं।
  इस महामारी से बचने के लिए गिलोय का काढ़ा लेना चाहिए,रोजाना संसमन वटी की एक टेबलेट सुबह और एक सांय गर्म पानी के साथ लेनी चाहिए तथा आए दिन दूध में हल्दी डालकर पीना चाहिए। दाल चीनी, अदरक का काढ़ा बना कर पीना चाहिए तथा खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए तथा अपने घरों में रह कर शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ा कर इस महामारी से अपने तथा अपने परिवार को बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रोग को हल्के में न ले। रोग की यह दूसरी लहर है जिसमें यह और भी घातक बना हुआ है। ऐसे में पूरी सावधानी बरते। जब शरीर में रोग रोधक क्षमता कम हो जाती है तो रोग हो जाता है। ऐसे में जहां तक हो सके शुद्ध सात्विक भोजन करें तथा रोग रोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने घर से बाहर का भोजन न खाने की सलाह दी है तथा फिजिकल दूरी बनाये रखने, मास्क का प्रयोग करने, नियमित गर्म पानी पीने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस रोग के वायरस या तो नाकों मेें या गले में पाये जाते हैं। ऐसे में भाप को नाकों से खिंचने एवं गर्म पानी पीने से ये वायरस खत्म हो जाते हैं।
फोटो डा शशी मोरवाल आयुष विभाग




देश में बनी दवा









कारगर
-यह अवश्य ही लेना चाहिए- प्राचार्य कृष्ण सिंह
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कनीना। कोरोना महामारी को लेकर धनौंदा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण सिंह ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली। इसके उपरांत उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी किसी जाति धर्म व बिरादरी को नहीं देखती। यह तो सबको ही मारती चलती है। इसलिए हमें इसके बचाव के लिए पहले ही  वैक्सीन का प्रयोग कर सुरक्षा कवच तैयार कर लेना चाहिए।  हमारे देश का सबसे बड़ा भाग्य है कि हमारे देश में संसार में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना वैक्सीन बनाकर यह साबित कर दिया कि हमारा देश संसार में बसने वाले अन्य देशों से किसी तरह भी कम नहीं है। भारत में कोरोना वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है, इसलिए देश के साथ साथ भारत ने अन्य देशों में भी कोरोना वैक्सीन की दवा भेज कर यह साबित कर दिया कि भारत पहले भी गुरु था और आज भी संसार का गुरु है।
फोटो कैप्शन 7: कृष्ण सिंह प्राचार्य पहली डोज लेते हुए। 

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