Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, March 6, 2023

 
अधिकारी सुने त्वरित रूप से शिकायतें
-मौके पर किया गया शिकायतों का निपटारा
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कनीना की आवाज। कनीना खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में विधायक सीताराम यादव  ने आमजन को होने वाली असुविधा के समाधान के लिए एसडीएम कनीना व मंडल के सभी अधिकारियों की उपस्थिति में  जन समस्याएं सुनी।
 सबसे अधिक जन समस्याएं जन स्वास्थ्य विभाग में पानी के चलाने वाले कर्मचारी या अपंग मेडिकल, भूमि ,सड़क व नौकरी वाले की थी। कुछ शिकायतें व्यक्ति विशेष की वाहन प्रदूषण ,पुलिस व सफाई के बारे में थी। लगभग सभी शिकायतों के संबंधित अधिकारी से जानकारी लेकर तुरंत समाधान के  आदेश विधायक सीताराम यादव ने दिये।
कनीना में हर सोमवार को लगने वाले शिकायत निवारण कैंप से इलाके की आम जनता बहुत खुश है और आम आदमी शिकायत केंद्र में बेझिझक आ रहा है।  आम जन पहले इधर उधर भटकती रहती थी कि अब दिन निश्चित होने पर निश्चिंत  हो गई है। इस मौके पर अतर सिंह मंडल अध्यक्ष, सत्यवीर सेहलंग, मनोज कुमार कनिना ,  कंवर सैन वशिष्ठ,  राजेंद्र पोता,  अभिषेक भारद्वाज, सरिता भारद्वाज, राहुल मित्तल, परदेशी गाहडा आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 10: कनीना में शिकायत सुनते विधायक सीताराम।






कनीना मंडी में सजी है गुजराती होली
-विगत 5 सालों से मनाते आ रहे हें इस प्रकार की होली
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी में विगत पांच वर्षों से सुंदर होलिका का निर्माण किया जाता रहा है। कनीना मंडी के लोग सुंदर एवं रंगीन होली का निर्माण उपलों से करवाते आ रहे हैं। साथ में रंगोली एवं होली का भव्य गेट तैयार करवाते हैं। रविंद्र कुमार बंसल,सचिन कुमार प्रवक्ता तथा कनीना मंडी के विक्की पंसार का कहना है कि होली के निर्माण के लिए मैकेनिक बुलाया जाता है जो विधि विधान से होली का निर्माण करता है। इस बार भी सुंदर होली का निर्माण करवाया है जो देखने से ही बनता है।
  उन्होंने बताया कि पहले जमींदारों से उपले खरीदकर लाये गये हैं फिर उन्हें लोहे के सरियों के घेरे पर रखा गया है। कहीं ये उपले गिर न जाये इसलिये ऊपर एवं नीचं तारों से बांधकर खड़ा किया गया है। गुलाल लगाकर विभिन्न रंग के उपले बनाकर रंगीन होली बनाई है जिसका दहन सात मार्च को शाम के वक्त किया जाएगा।
बच्चों के लिए भी है आकर्षण-
रविंद्र बंसल ने बताया कि पूजा करने के लिए आई महिलाओं के लिए तोरण, लाइट एवं बंदरवाल लगाकर दूर तक सजाया गया है। कनीना रेलवे स्टेशन के पास यह नजारा देखने को मिल रहा है। साथ में बच्चों के लिए मिक्की हाउस तथा हवा से भरा हाथी खड़ा किया जाएगा ताकि बच्चे यहां आकर होली का आनंद ले सकेंगे।
दो होलियोंं का दहन होगा-
कनीना में दो होलियों का दहन किया जाएगा। एक कनीना मंडी तथा दूसरी कनीना के मुख्य कस्बा में होलीवाला जोहड़ की होली। कनीना कस्बा में होलीवाला जोहड़ पर तो मेला भी लगता आ रहा है।
फोटो कैप्शन 9: गुजराती होली का नजारा।







स्कूलों में मनाया होली का पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना के विभिन्न स्कूलों में होली का पर्व मनाया गया। मोहनपुर के हेरिटेज स्कूल में तथा कनीना के रामचंद्र स्कूल में होली एडवांस में मनाई तथा सभी को होली की बधाई दी है।






9 करोड़ की लागत से बने कनीना उप-नागरिक अस्पताल में स्टाफ की कमी
-एक्सरे मशीन, अल्ट्रा साउंड तक की है कमी
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कनीना की आवाज। कनीना के उप नागरिक अस्पताल बने चार साल से अधिक समय बीत गया है किंतु अभी तक यहां सुविधाओं का अभाव  है जिसके चलते मरीजों को दूरदराज जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। 82 कमरों वाले, 50 बेड के ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंजिला 09 करोड़ की लागत से बेहतर भवन में सुविधाओं की कमी है।
उप नागरिक अस्पताल में रिक्त पद-
1-कुल 11 डाक्टरों के पद जिनमें 6 कार्यरत, दो पीजी करने गये हुए
2-फार्मासिस्ट -स्वीकृत-01 पद  रिक्त-01
3-एसएमओ-स्वीकृत-02 पद  रिक्त-02
4-एसएमआई-स्वकृत एक पद पड़ा है रिक्त
5-स्टेनो टाइपिस्ट-एक पद रिक्त जो रिक्त है
6-रेडियोग्राफर-एक पद रिक्त जो रिक्त है
उप नागरिक अस्पताल का जनवरी 2018 से निर्माण कार्य शुरू हुआ था और अगस्त 2019 में उद्घाटन कर दिया गया था।
कनीना के उप नागरिक अस्पताल के तहत 37 गांव आते हैं और जिनमें से पीएचसी भोजावास के तहत 15 गांव तथा मुंडियाखेड़ा के तहत 9 गांव शामिल किए गए हैं जबकि कनीना उपमंडल के धनौंदा अस्पताल को सीएचसी सेहलंग के तहत शामिल किया गया है। कनीना नागरिक अस्पताल के तहत 16 उप स्वास्थ्य केंद्र पड़ते हैं जिसमें से 5 भोजावास, चार मुंडिया खेड़ा तथा सात कनीना के तहत शामिल किए गए हैं। करीब डेढ़ लाख लोग इस अस्पताल पर आश्रित हैं किंतु कुछ पद अभी तक नहीं भरे गए हैं जिसके चलते परेशानी बढ़ रही है।
क्या कहते हैं कनीनावासी-
 कनीना के समाजसेवी महेश यादव ने बताया कि कनीना उप-नागरिक अस्पताल में अभी तक कोई एमडी कार्यरत नहीं है जिसके कारण मरीजों को बड़े रोगों के इलाज के लिए दूसरे स्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। डाक्टरों के रिक्त पद होने से इलाज संभव नहीं हो रहा।
कनीना के मुकेश शर्मा का कहना है कि उप नागरिक अस्पताल होते हुए भी एक्सरे की सुविधा नहीं है,जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। क्षेत्र के अधिकांश मरीज गरीब तबके के होते हैं जिन्हें इलाज के लिए दूर दराज जाना पड़ता है और वह लुटते पिटते रहते हैं। एक्सरे के लिए भी दूसरे अस्पतालों या निजी संस्थानों पर मरीजों को जाना पड़ रहा है।
कनीना के एसएन यादव एडवोकेट का कहना है कि  उप नागरिक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, ईसीजी तथा विभिन्न अन्य मशीनों का टोटा है। करीब 18 हजार आबादी का कनीना कस्बा है तथा 55 के करीब गांव इस पर निर्भर हैं।
कनीना के समाजसेवी हरेंद्र का कहना है कि कई करोड़ की लागत से बने भवन में अगर सुविधाएं नहीं दी जाएंगी तो भवन किस काम का होगा? सभी मशीनें एवं सभी रिक्त पदों को भरा जाए।
फोटो कैप्शन 08: कनीना उप नागरिक अस्पताल
साथ में महेश यादव, मुकेश, हरेंद्र एसएन यादव।






मोबाइल एवं नकदी छीनने के मसले में एक गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। कनीना के गांव मोहनपुर के क्षेत्र में मोबाइल, नकदी व मोटरसाइकिल छीनने के मामले में थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने एक ओर आरोपित को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान प्रमोद वासी पाथेड़ा के रूप में हुई है। आरोपितों ने गांव मोहनपुर के क्षेत्र में शिकायतकर्ता से मोटरसाइकिल, मोबाइल और नकदी छीनने की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस मामले में पुलिस द्वारा गांव पाथेडा निवासी दो आरोपितों धर्मेंद्र और नरेंद्र को पहले गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ में पुलिस ने बाईक और मोबाइल बरामद कर लिए थे।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पवन वासी नांगल(मोहनपुर) ने थाना सदर कनीना में शिकायत देते हुए बताया कि वह अपने भाई को गांव गढ़ी हरसरू छोडऩे गया था। जब वह उसके भाई को छोड़कर वापिस घर आ रहा था तो गांव मोहनपुर नहर के पास मोटरसाइकिल पर सवार बदमाशों ने उसकी बाइक रुकवाकर उसके पास से मोबाइल, नकदी और मोटरसाइकिल छीन कर भाग गए। शिकायतकर्ता ने अज्ञात के खिलाफ चोरी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस द्वारा अबतक तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।







निधन पर जताया शोक
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कनीना की आवाज। भारत विकास परिषद् शाखा कनीना के अध्यक्ष पूर्व पार्षद मोहन सिंह यादव के फूफा दुलीचंद यादव बीकानेर के निधन पर एक शोक सभा का आयोजन कर सभी ने अपनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और भगवान से प्रार्थना की पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करे। इस मौके पर दो मिनट का मौन रखा।
इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मास्टर हरि सिंह,बीजेपाल बोहरा, अशोक साहब,अश्मनी प्रवक्ता, डाक्टर नरेंद्र, जसवंत जेई, हैड मास्टर बीजेकुमार, अरविंद कुमार, सुनील कुमार, वेदप्रकाश, कुलदीप बोहरा, महेश बोहरा,कर्ण सिंह, सत्येन्द्र, रविन्द्र, कमलजीत,चन्द्रमोहन, आशीष, प्रदीप, यशराज, मोहन सिंह यादव आदि ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।








डाक्टरों की सलाह
- रासायनिक रंगों से न खेले होली, हानिकारक
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कनीना की आवाज। रंगों के पर्व होली को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। किंतु रंगों की होली हानिकारक प्रभाव डालती है। ऐसे में डाक्टर  रोगों से बचने के लिए रासायनिक रंगों से होली न खेलने की सलाह देते हैं।
  रासायनिक रंगों के प्रयोग से जहां खुजली, एलर्जी तथा कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं। कनीना के विभिन्न डाक्टरों एवं वैद्य अनुसार रासायनिक रंगों के प्रयोग करने के बारे में राय प्रस्तुत है।
झगड़ोली निवासी डा अजीत शर्मा का कहना है कि रासायनिक रंगों से होली खेलना सेहत के लिए प्रतिकूल है। इन रंगों से खुजली, त्वचा के रोग, जलन एवं कई अन्य बीमारियां होने का अंदेशा होता है। रासायनिक रंगों में जल का अधिक उपयोग होने से जल की बर्बादी होती है। कपड़ों एवं चेहरे को रंग खराब कर देता है। इन रंगों से उन्होंने बचने की सलाह दी है।
  गागड़वास के डा वेदप्रकाश का कहना है कि रासायनिक रंगों से होली खेलना किसी भी रूप में बेहतर नहीं है।  एक ओर रासायनिक रंग कपड़ों को दागिल कर देता है तो दूसरी ओर शरीर से रंग छुड़ाने से भी नहीं छूटता है। उन्होंने कहा कि आंख, मुंह व नाक आदि में रंग गिर जाने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ये रंग जहरीले होते हैं।
 वैद्य बालकिशन का कहना है कि होली खेलना अच्छी बात है किंतु रासायनिक रंगों की बजाय चंदन से तथा हो सके तो गुलाल से ही खेलना चाहिए। किसी परेशान व्यक्ति पर रंग गुलाल न डालकर गले से मिलकर खुशी का इजहार करना चाहिए।
वैद्य श्रीकिशन का कहना है कि रंगों का पर्व होली हमें संदेश देता है कि एकता एवं बैर भाव को भूलाना। पुराना बैर भाव भूला देना चाहिए तथा एकता को कायम करना चाहिए। रासायनिक रंग कानों, आंखों एवं चेहरे के लिए घातक होते हैं।
  




एक गांव ऐसा जहां खेली जाती है लट्ठमार होली
-नवविवाहित एक जाति विशेष भी है प्रचलन सोटी मार होली का
-ऐसा भी गांव जहां होली पर पूरे गांव के लोग

















मंदिर में खाना खाता है
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कनीना की आवाज। उप-मंडल कनीना और समीपी ग्रामीण परिवेश में रंगों का त्योहार होली मनाने के अनोखे एवं रोचक अंदाज होते हैं। इस त्योहार को होली, छारेंडी व दुलेंडी आदि नामों से जाना जाता है। हर वर्ग, जाति के स्त्री, पुरुष व बच्चे बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं।
   रंगों का त्योहार होली यूं तो एकता और भाईचारे की अनूठी मिशाल कायम करता है जो फसल पकने की खुशी में भक्त प्रहलाद के होलिका दहन में प्रभु की कृपा से बचने की खुशी को इंगित करता है परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में तो इसका एक नया रूप उभरकर सामने आने लगा है, वह सभ्य जन को इस पर्व से कोसों दूर रहने की प्रेरणा देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रात:काल से ही रंगों और गुलाल से होली की शुरुआत होने लगती है। कीचड़ में पटकने, मुंह में गुलाल व रंग भरने, पानी में पटकने, कालिख से मुंह पोतने से होली का लुत्फ उठाया जाता है। मतवालों की टोली दोपहर में कनीना कस्बा से निकलती है वहीं कुछ प्रबुद्धजन रात को हंसी ठठ्ठा का आयोजन करते हैं जिसे होली स्वांग तथा खेल की समाप्ति का सूचक माना जाता है।
  जिला के कनीना से मात्र दो किमी दूर चेलावास में लट्ठमार होली खेली जाती है। देवर और भाभी एक दूसरे पर लट्ठमार मारते हैं जो भाग खड़ा होता हे वह हारा हुआ माना जाता है। उन्हाणी में रही ऐसी ही परंपरा। कुछ लोग लट्ठ के डर से घर से ही इस दिन दूर रहते हैं और देर रात लौटते हैं। कनीना में भी एक जाति विशेष में जाल पेड़ की सोटी मारकर नव विवाहिता से होली खेली जाती है। गांव सीहा व भडफ़ में मेले भी लगते हैं। ढप व ढोल की ताल पर लोग थिरकते देखे जा सकते हैं। कनीना एवं आस पास गांवा में नव विवाहित वर-वधू जात देने की परम्परा पूर्ण करते हैं। एक जाति विशेष के लोगों में पति व पत्नी वृक्षों की लोदकों से खेल खेलते हैं बाकी परिवार दर्शक होता है। यह दृश्य अति रोचक होता है।
 समीपी गांव कारोली में जहां सारा गांव एक साथ मंदिर में भोजन करके एकता की मिशाल कायम करता है । यहां के लोग अपने-अपने बर्तन लेकर मंदिर पहुंच जाते हैं और खाना खाकर लौटते हैं। परिवार में चाहे मेहमान भी आ जाए उसे भी मंदिर में ही खाना खाने जाना पड़ता है। ठाकुर जी का यह मंदिर गांव के बीच में है। होली जहां भाईचारे का पर्व है वहीं दुश्मनी साधने का तरीका भी बन गया है।
  पुराने वक्त से फूलों द्वारा तैयार रंग व गुलाल ही होली खेलने में काम लेते थे परंतु आजकल तो गुलाल, रंग, जहरीले रासायनिक पदार्थों से बने रासायनिक पदार्थ काम में लाया जाता है जो शरीर में जाकर हानि पहुंचाता है। नाक, कान, जीभ व आंखों को भारी हानि होती है वहीं हाथों, कपड़ों मुंह व चेहरे पर डाला गया रंग कई-कई दिन तक साफ नहीं होता है।
  जिला के समीपी गांव बव्वा, मसीत, निमोठ आदि में मुंडन संस्कार की प्रथा चली आ रही है। नवजात बच्चे के बाल वहां जाकर माता की पूजा करके उतरवाएं जाते हैं। गांव में होली खेलने की शुरुआत भाभी देवर पर पानी डालकर करती है। पिचकारी से रंग डालने के स्थान पर गुब्बारों में रंगीन पानी भरकर फेंका जाता है लेकिन यह विधि अति घातक मानी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई अन्य तरीके भी होली खेल के पनप रहे हैं। गांव जैनाबाद के उधोदास मंदिर में होली के दिन महंत लालदास स्वयं होली खेलने के लिए आगे आता है और दिनभर होली खेलते हैं।







अटेली हलका में सुविधाएं जुटाने की मांग
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कनीना की आवाज। बसपा के अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार पर अटेली विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं हल करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को क्षेत्र में आईएमटी. स्थापित करने, अटेली को उपमंडल तथा दौंगड़ा अहीर को उपतहसील का दर्जा देकर लघुसचिवालय के लिए बजट में धनराशि आवंटित करने, छितरौली, बाघोत, सेहलंग, कनीना, कांटी में इंटरनेशनल स्टेडियम निर्मित करने, मिर्जापुर बाछोद में एम्स स्तरीय मेडिकल कालेज बनाने, पाथेड़ा में महाविद्यालय खोलने जैसे अनेक विकास तथा रोजगार परक योजनाओं की उम्मीद है। अटेली क्षेत्र के 104 गांवों में से लगभग 40 गांव ऐसे हैं जो आज भी सरकारी बस सेवा से वंचित है। इन गांवों के लोगों को 4-5 किलोमीटर का सफर तय कर बस पकडऩी पड़ती है। क्षेत्र में कनीना खास तथा अटेली मंडी दो रेलवे स्टेशन है। जहाँ एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं ठहरती। इन मांगों को पूरा किया जाए।







होली मिलन समारोह का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज। आम आदमी पार्टी कनीना में पार्टी कार्यालय में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोग  पार्टी कार्यालय पहुंचे । हँसी खुशी से एक दूसरे को रंग लगाकर गले से मिले।
इस मौके पर एडवोकेट एसएन यादव ने कहा कि होली एकता और भाईचारे का त्योहार है। इस दिन एक दूसरे के गिले शिकवे भूलकर गले से मिलना चाहिए। यह पर्व इसलिये बनाया गया था ताकि वर्षभर में अगर कोई मनमुटाव हो गया हो उसे भुलाया जा सके। इसलिये पर्व पर होली मिलन समारोह आयोजितहोता है।
पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं में हरिंदर शर्मा ,महेंद्र सिंह  ,मुकेश यादव, भंवर सिंह खेड़ी, मदन सिंह राजपूत, भारत सिंह, सरवन सिंह केमला तथा रतन सिंह इत्यादि ने अपने विचार रखें।
फोटो कैप्शन 5: होली मिलन समारोह में बैठे लोग।






जल संरक्षण पर संगोष्ठि आयोजित
-अव्वल रहे विद्यार्थियों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा बीएमडी कंप्यूटर सेंटर कनीना पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। कार्यक्रम में  सुजाता मुख्य अतिथि के रूप में रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने की।
मोहित कुमार ने बताया कि भारतीय समाज में महिलाओं का सर्वोच्च स्थान रहा है। प्रत्येक घर को एक संस्कारशाला माना जाता है और उस संस्कारशाला की प्रथम शिक्षिका घर की महिला ही होती है अर्थात महिलाएं ही समाज का निर्माण करती है। इसलिए महिलाओं की भूमिका जल संरक्षण के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है।
 प्रत्येक महिला परिवार के अंदर पैदा होने वाले बच्चे के अंदर एक अच्छे व्यक्तित्व निर्माण करें ।
जल संरक्षण एवं प्रकृति संरक्षण को भी उसके जीवन से जोड़कर उसे अगर तैयार करती है
तो निश्चित तौर पर आदर्श युवक या युवती बन सकता है ।
भाषण प्रतियोगिता में कोमल गुढ़ा पहले ,कोमल शर्मा दूसरे तो भानूप्रिया तीसरे स्थान पर रही।
 इस अवसर पर संस्थान चेयरमैन अनिल शर्मा ने सभी छात्र छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं  दी। इस अवसर पर कुसुमलता, सुजाता, संदीप ,विनय, प्रदीप,मीना , पूनम उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 4: महिला दिवस पर जल संरक्षण गोष्ठी को संबोधित करते हुए सुजाता।






बाबा मनसा दास का मेला व भंडारा 8 मार्च को
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कपूरी में 8 मार्च को बाबा मनसा दास का मेला आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। इस विषय में जानकारी देते हुए मंदिर के महंत बाबा राम भजन दास महाराज ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा मनसा दास का मेला 8 मार्च को आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव कपूरी में स्थित बाबा मनसा दास का यह मेला धुलेंडी पर्व के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस विशाल मेले में दूर-दूर से लोग मेला देखने के लिए आते हैं। साथ ही मेले के अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। बाबा मनसा दास महाराज एक उच्च कोटि के महान संत हुए हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन भजन और परोपकार, मानव कल्याण के लिए लगाया था। कपूर और आसपास के लोगों की बाबा के प्रति गहरी आस्था है इसलिए इस मेले के अवसर पर क्षेत्र के अनेक गांवों के भक्त बाबा के दर्शन करने और प्रसाद ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं।
फोटो कैप्शन 3: कपूरी का बाबा मंशादास।





होली दहन तथा होली मेले की तैयारियां पूर्ण
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कनीना की आवाज। कनीना में होली दहन और होली मेले की तैयारी पूर्ण हो गई है। ज्यों ही बाबा मोलडऩाथ मेला संपन्न होता उसके ठीक 4 दिन बाद यह मेला लगता है। करीरा रोड़ के पास जोहड़ के किनारे होलिका दहन होता है। वही होली मेला भी भरता है। उस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि दूरदराज से महिलाएं व्रत करके यहां पहुंचती है, पूजा अर्चना दिनभर करती हैं। उनके  बच्चों को बाबू वेद प्रकाश समाजसेवी पकोड़े का पकवान खिलाते हैं। लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है।
 होली मेला होली दहन की खुशी मनाया जाता है। महिलाएं ढाल बिरकला लेकर के पूजा अर्चना करने आती है और इसी जोहड़ पर होलीवाला जोहड़ स्थल पर पहुंचती है। यहीं पर विगत वर्षों से मेला लगने लगा है। होली दहन इस बार 7 मार्च को होगा। मेले में जहां दुकान लगाने वाले और बच्चों में खुशी है। बच्चे जहां होली पर महिलाओं के साथ जाते हैं और पकवान आदि खाते हैं।
वर्षों से कनीना में एकमात्र स्थान होलीवाला पर होली दहन होता रहा है जिसके चलते जोहड़ का नाम भी होलीवाला पड़ा है।
 क्या कहते लोग -
कनीना क्षेत्र के बाबू वेद प्रकाश का कहना है कि उनके घर के पास होलिका दहन होता है इसलिए वे बच्चों की खुशी के लिए पकवान पकोड़े के रूप में बनाते हैं और विगत वर्षों से खिलाते आ रहे हैं। कभी इस मेले के दृष्टिगत खेलकूद प्रतियोगिता होती थी वह बंद हो चुकी है। होली दहन के लिए कस्बे के अधिकांश लोग यहां आते हैं। कुछ वर्षों से कनीना मंडी में होलिका दहन अलग मनाया जाने लगा है। कनीना मंडी में गुजराती होली मनाई जाती है।
 कनीना के बुजुर्ग में मेहरचंद एवं राजेंद्र कुमार बताते हैं कि होली दहन के बाद रंग डालने की परंपरा शुरू हो जाती है और दुलेंडी को तो जमकर होली खेली जाती है।
हाली स्थल को साफ सुथरा नगरपालिका द्वारा करवा दिया गया है। यद्यपि पास में कुरड़ी डालकर लोग हाली स्थल पर भी अतिक्रमण करते आये हैं। पालिका ने होली स्थल पर साफ सफाई कर दी है।
फोटो कैप्शन 7: होलिका दहन स्थल जहां मेला लगेगा





परेशानी का सबब बनी हुई हैं झुकी हुई विलायती कीकर
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कनीना की आवाज। धनौंदा से पाथेड़ा तथा महेंद्रगढ़ की ओर जाने वाले रास्ते पर विलायती कीकरों ने डेरा डाल लिया है। यहां से गुजरने वाले साइकिल तथा दुपहिया वाहन चालकों के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है जिसके चलते वाहन चालक भी परेशान है। जब दो वाहन आमने सामने से आ जाते हैं तो साइड देना भी कठिन हो जाता है जिसके चलते उनकी गाडिय़ों में खरोच आ जाती है।
लोग अक्सर इस मार्ग से अपनी तैनाती पर जाते हैं किंतु साइड देना भी मुश्किल हो जाता है। जब आगे से कोई वाहन आ जाता है तो साइड देते समय ये विलायती कीकर उनकी गाडिय़ों में खरोच डाल देती हैं जिसके चलते गाड़ी चालक बहुत परेशान हैं।
 उधर दुपहिया वाहन चालक राम सिंह, दिनेश, सुधीर सिंह, रविंद्र आदि ने बताया कि जब दो वाहन आ जाते हैं तो उनको बड़ी दिक्कत आती है। सड़क के किनारे खड़ी विलायती कीकर तथा उनकी शूल आने जाने वालों के कपड़े तो फाड़ देती हैं। दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर झुकी हुई विलायती कीकरों की छंगाई करवा दी जाए ताकि आवागमन में सुविधा हो।
क्या कहते हैं राहगीर-
अभय सिंह यादव फोटोग्राफर का इस सड़क से आना जाना होता है। अपनी गाड़ी से आते जाते हैं महेंद्रगढ़ से धनौंदा, झाड़ली छितरौली इत्यादि गांव में आना जाना रहता है तो इनको भी इन कटीली झाडिय़ों की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विजय कुमार महक प्राध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा आते जाते समय पाथेड़ा-धनौंदा मार्ग पर लगभग रोड़ के दोनों तरफ ढकी इन कटीली झाडिय़ों का सामना करना पड़ता है जब कभी सामने से कोई दूसरी गाड़ी आती है तो साइड लेने की जगह में मुश्किल से ही बचती है इसके लिए गाड़ी को एक साइड में रोककर खड़ा करना पड़ता है।  पिछले 6 महीने से वे इन कटीली झाडिय़ों से आने जाने में काफी दिक्कत का सामना कर रहे है।गाड़ी की दोनों साइड पर इन कटीली झाडिय़ों के नुकीली कीलनुमा कांटे खरोच पैदा करते हैं।
 सुनील कुमार डोहर कला से प्रतिदिन धनौंदा में बतौर डीपी सेवा हेतु आना-जाना करत हैं। पाथेड़ा-धनौंदा मार्ग जो बेहद संकरा है, इस मार्ग पर मुझे गाड़ी चलाते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कटीली झाडिय़ां रोड के दोनों तरफ आकर के झुक गई है जिससे साइड लेने में भारी परेशानी होती है।
 संजय यादव सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ मोटिवेशनल स्पीकर भी है। अक्सर महेंद्रगढ़ के लगभग तमाम गांव में युवाओं को प्रेरित करने हेतु जाना होता है। जब कभी भी वे इस मार्ग से गुजरते हैं तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो सामने से आ रही गाड़ी से दुर्घटना होते-होते बचा है।
 फोटो कैप्शन 4: सड़क पर झुकी हुई विलायती कीकर।
 साथ में विजय महक, सुनील कुमार, अभय सिंह, संजय कुमार।







अच्छी नर्सरी पौधारोपण में करती है सहायता
-धरती पर लाती है स्वर्ग-अजय
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कनीना की आवाज। जैविक खेती में नाम कमाने वाले इसराना के अजय कुमार किसान का कहना है कि अच्छी नर्सरी पृथ्वी को हराभरा बनाने में मददगार साबित हो सकती है। इससे लोगों का रुझान नर्सरी की ओर बढ़ेगा। अजय कुमार ने जहां भडफ़ तथा इसराना में पेड़ पौधों एवं सब्जी के पौधों की नर्सरी लगा रखी है।
सर्दियों एवं गर्मियों में दो बार नर्सरी तैयार की जाती हैं तथा खेतों में उन्हें रोपकर सब्जी एवं फल प्राप्त किये जा रहे हैं। कनीना के कई गांवों में नर्सरी लगाई हुई हैं जिससे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त करते हैं।  
  अजय कुमार का कहना है कि पेड़ पौधे लगाने का फरवरी एवं मार्च माह बेहतर होता है। यही नहीं सब्जी की पौध फरवरी में लगाई जा चुकी हैं जो अप्रैल में सब्जियां देने लग जाती हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों और गर्मियों में नर्सरी तैयार करना बहुत कठिन काम है। सावधानी अधिक बरतनी पड़ती हैं। छोटे-छोटे पौधों को सर्दी एवं गर्मी से बचाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ते हैं तब जाकर कहीं पौध तैयार होती है और सब्जियां उगाने वाले किसानों तक पहुंचाई जाती हैं। किसान पौध तैयार करके बेचकर अपनी आजीविका कमा सकते हैं।
वे कहते है कि यदि धरती को बचाना है तो विभिन्न पौधे लगाने की आदत डालनी होगी। जिसमें बेहतर नर्सरी का अहं योगदान होता है। अगर बेहतर फल एवं सब्जी की पौध मिल जाती है तो किसान एवं आम आदमी का मनोबल बढ़ जाता है वरना उसका मन टूट जाता है। उन्होंने बताया कि डा मनदीप यादव पूर्न बागवानी विभाग महेंद्रगढ़ वर्तमान रेवाड़ी में रहे हैं उन्होंने भरपूर सहयोग दिया तथा बागवानी विभाग ने उन्हें सब्सिडी के तौर पर भी प्रोत्साहन दिया है।
अजय कुमार ने भडफ़ तथा इसराना में करीब 5000 फल, छायादार एवं फूलदार पौधों की नर्सरी लगा रखी है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों किसान एवं लोग पौधे लने के लिए आते हैं। वर्तमान में सब्जी की पौध भी फलदार पौधों की नर्सरी के साथ साथ उगाई जा रही हैं। उनका कहना है कि बेहतर दर्जे की नर्सरी किसानों को अतिरिक्त लाभ प्रदान कर सकती हैं।
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक-
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज, एडीओ देवेंद्र यादव का कहना है कि कनीना क्षेत्र में खट्टे फल वाले पौधे विभिन्न प्रकार की सब्जियां बेहतर पैदावार देती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में नर्सरियों का बड़ा योगदान रहा है। अच्छी नर्सरी धरती को हरा भरा बनाने में कारगर साबित हो सकती है। अधिक से अधिक पौधे लगाने की उन्होंने प्रेरणा दी।
फोटो कैप्शन 1: अजय कुमार किसान भडफ़ स्थित नर्सरी में बेहतर पौधे दिखाते हुए।







सरेआम सड़क पर शराब पीने के जुर्म में एक के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस ने कनीना ककराला सड़क पर बने अंडरपास के आगे एक व्यक्ति को सरेआम सड़क पर शराब पीते हुए पकड़ा जिसका नाम संजय बताया। डाक्टरी परीक्षण करवा दिया तथा उसके मामला दर्ज कर लिया है।






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