Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, March 7, 2023

 
कनीना में संपन्न हुआ होलिका दहन
-भारी संख्या में औरतें पूजा करती हुई तथा युवक जौ भूनते देखे गये
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कनीना की आवाज। कनीना में होलिका दहन कार्य पूर्ण हो गया है। शाम ढलते ही युवा वर्ग होलिका दहन के लिए तैयार हो गए। महिलाएं बार-बार होलिका दहन बूझाती रही किंतु युवा वर्ग उसमें आग लगाता देखा गया। वास्तव में आग लगाने के पीछे माना जाता है कि ये युवा प्रहलाद भक्त को जलाना चाहते थे और महिलाएं इस देवी रूप में भक्त प्रहलाद को बचाती नजरअैाई जो आग को बुझा रही थी। किंतु मौका देखकर युवा वर्ग ने होलिका दहन कर ही दिया जिसमें महिलाएं पूजा करके भक्त पहलाद को बचाने की अर्चना करती रही। युवा वर्ग जौ की बाल भूनते नजर आए। लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है कि इस क्षेत्र के किसान जौ अधिक उगाते थे और जौ की एक बानगी लेकर होलिका दहन में भून कर पेूरा परिवार चखता था कि जौ अच्छी प्रकार पक गए हैं या नहीं। पकने के बाद इसकी लावणी का कार्य शुरू होता था। जौ की लावणी जल्दी होती है। अब तो किसानों ने जौ को उगाना ही भूला दिया है। किसान जौ के पौधे गेहूं के खेतों में ढूंढते नजर आए और होलिका दहन में भूनने की प्रथा को पूर्ण किया। होलिका दहन पर दिनभर जहां मेला लगा बाबू वेद प्रकाश द्वारा हर वर्ष की भांति भंडारा लगाया वहीं इस बार कनीना में वर्षों पुरानी भूली गई परंपरा खेलकूद फिर से शुरू की गई।  खेलकूद भी आयोजित हुए जिन्हें होली के खेलकूद कहते हैं। होलिका दहन के बाद महिलाओं ने व्रत को पूर्ण किया। कनीना क्षेत्र में जहां होलिका दहन को लेकर एक माह पूर्व से ही कार्रवाई चल रही थी झंडा गाड़ कर उस पर ईंधन डाला हुआ था। आज सुबह से ही महिलाओं ने उस पर धार्मिक ले डालें और पूजा की। शाम के समय विधि विधान से ज्योतिष शास्त्र अनुसार होलिका दहन किया गया होलिका दहन पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे। फोटो कैप्शन: होलिका दहन का नजारा






बच्चे होली दहन स्थल पर भी में भी ढूंढते रहे खाद्य वस्तुएं
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कनीना की आवाज। एक सुंदर गीत है- इंसान को चांद पर भी नजर आती है रोटियां जो शत-प्रतिशत कनीना की होलिका दहन स्थल पर देखने को नजारा मिला। कम से कम एक दर्जन बच्चे होलिका दहन स्थल पर डाले गए ढाल बिड़कलों को इधर-उधर पलटते देखे गए जिनमें महिलाएं पूजा-अर्चना के समय एक या दो रुपये तथा खाने पीने की वस्तुएं भी डालती है जिनको बच्चे ढूंढ ढूंढ कर निकालतं दे देखे गए।
 इसी प्रकार का नजारा होलिका दहन से अगले दिन भी देखने को मिलता है जब महिलाएं बचे हुए दीपक ढूंढती हें और इन्हें वर्षभर प्रयोग करती है। मानो खाने पीने को ढूंढते बच्चे कह रहे हैं- पेट के लिए इंसान क्या-क्या नहीं करता है?
फोटो सेक्शन 11 होलिका दहन स्थल पर बच्चे ढूंढते हुए खाने की वस्तु




दिनभर होलिका दहन स्थलपर लगा भंडारा
-मेला आयोजित
--वेदप्रकाश चौधरी ने लगाया दिनभर भंडारा
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कनीना की आवाज। कनीना में सबसे पुरानी होलिका दहन स्थल पर  दिनभर होली की पूजा अर्चना चलती रही।  मेले में तथा पूजा अर्चना में महिलाओं की संख्या अत्याधिक थी। कनीना मंडी में होली दहन 5 वर्षों से अलग हो रहा है।
   होलीवाला जोहड़ के एक किनारे पर मुख्य मार्ग पर आज दिनभर होली की पूजा चलती रही। महिलाएं लगभग पूरे कस्बा से सजधज कर आई और पूजा अर्चना की।
 होलिका दहन की संक्षेप में पौराणिक कथा बताते हुए सुरेंद्र जोशी का कहना है कि हिरण्याकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद भक्त को मारने के हर संभव प्रयास में असफल हो गया तो उनकी बहन होलिका ने हिरण्याकश्यप से कहा कि उनके पास एक ऐसा वस्त्र है जिसे ओढ़कर वे आग में प्रवेश कर सकती हैं। ऐसे में उन्होंने अपने भाई हिरण्याकश्यप से कहा कि वे प्रहलाद को अपनी गोदी में लेकर आग से सुरक्षा करने वाला कपड़ा स्वयं ओढ़कर बैठ जाएंगी। उस पर बाड़ एवं ईंधन डालकर आग लगा देना। प्रहलाद जल जाएगा और मैं बच जाऊंगी। हिरण्याकश्यप ने वैसा ही किया किंतु इस घटना में विष्णु कृपा से होलिका जल गई और भक्त प्रहलाद बच गए। तभी से होलिका दहन की प्रथा चली आ रही है।
 मेला-
होलिका दहन स्थल पर मेला लगा। विगत कुछ सालों से यह मेला बढ़ता ही जा रहा है। दिनभर महिलाएं होली की पूजा करने आई और मेले में खरीददारी की।
भंडारा लगाया-
होलिका दहन स्थल के पास ही बाबू वेदप्रकाश यादव के घर के पास भंडारा लगाया और आधुनिक युवा पीढ़ी की पसंद पकौड़े का प्रसाद दिनभर खिलाया गया। कई युवा पीढ़ी के जन इस नि:शुल्क भंडारे में मदद करते नजर आए। ओमप्रकाश यादव ने बताया कि यह भंडारा वर्षों से यहीं पर चला आ रहा है।  इस मौके पूर्व प्रधान कनीना पालिका मा दलीप सिंह, दिनेश कुमार, अनिल कुमार, बाबू वेदप्रकाश, पंकज एडवोकेट, ओमप्रकाश, सतीश कुमार, ,मुकेश कुमार, मोनू यादव, हर्ष यादव, प्रकाश साहब सहित कई समाजसेवियों ने भंडारे में मदद की।
फोटो कैप्शन 07: होली पर लगाया भंडारा।
फोटो कैप्शन 06. होली दहन स्थल पर पूजा करती महिलाएं।








पौधारोपण करके दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
-रामबास के के युवाओं ने तैयार किया एक सुंदर पार्क
-सामुहिक रूप से लगाये  150 पौधे
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कनीना की आवाज। यदि कुछ अच्छा करने की कठोर इच्छा शक्ति हो तो हर जटिल काम संभव दिखाया है गाव रामबास के लोगों ने। पहले जहां गंदगी और कचरे का ढेर था वहां अब चारदीवारी और एक हनुमान जी की मूर्ति के बाद एक सुंदर बगीचा तैयार किया गया है।
पार्क में  हनुमानजी की मूर्ति निर्माण कुछ वर्ष पहले पूर्व सरपंच युद्धवीर यादव व पूर्व पार्षद सतेंद्र यादव के परिवार ने करवाया था। अब गाव के युवाओं ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर इस जगह को एक सुंदर पार्क का रूप दे दिया है।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रहे मनोज कुमार रामबास ने  बताया कि हमारा प्रयास है कि हमारा गाव हरित व सुंदर बने ।
 इस पार्क में  टाइल ट्रेक,  बड़ी लाइट और एक हनुमानजी की सुंदर मूर्ति बनी हुई है  लेकिन यहां पर लगातार खतपतवार उग आते थे। अब गाव के कुछ युवाओं ने  बीडा उठाया और जगह को साफ सुथरा करके ग्राम पंचायत के सहयोग से पानी के फव्वारे लगाकर घास व चारों तरफ  लगभग 150 पौधे  बोटल पाम, फाइकस, गुडहल, गुलाब, आम,  नींबू और तरह तरह के पौधे लगाए हैं।
 अब यहां आने जाने वाले लोग इस जगह को देखकर अचंभित हो रहे है। सरपंच प्रतिनिधि अधिवक्ता कुलदीप यादव ने कहा कि ग्राम पंचायत  का प्रयास है कि गाव रामबास एक स्मार्ट गाव बने  इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ।साथ ही  गाव के युवा जो लगातार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं सराहनीय है।
इस मौके पर  कुलदीप अधिवक्ता,  सुरेश यादव अधिवक्ता,फूल सिंह साहब,  कृष्ण साहब, अमित रामबास, सचिन दहिया,  सचिन निर्मल के साथ  समस्त ग्राम पंचायत सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: रामबास में पौधारोपण करते ग्रामीण।






बूचावास के विद्यार्थियों ने जीते थांगता में 5 गोल्ड मेडल
--थांगता की जिला स्तरीय प्रतियोगिता
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास के 8 विद्यार्थियों ने थांगता की जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 5 गोल्ड मेडल तथा 3 सिल्वर मेडल प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया है। विद्यार्थियों के उल्लेखनीय उपलब्धि पर उन्हें स्कूल पहुंचने पर पुरस्कृत किया। विस्तृत जानकारी देते निर्मल कुमार शास्त्री ने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों ने भाग लिया था जिसमें इन्होंने नाम कमाया है। स्कूल के प्राचार्य बृजेशचंद्र शर्मा ने स्कूल में एक सम्मान समारोह आयोजित किया जिसमें उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा छुपी होती है। गुरु को उसकी प्रतिभा पहचान कर उसे निखारने की आवश्यकता होती है। सेल्फ डिफेंस प्रतियोगिता की को-आर्डिनेटर लता सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि बूचावास स्कूल के विद्यार्थियों ने सेल्फ डिफेंस की जिला स्तरीय थांगता प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं।
 उन्होंने बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा अनीता, आठवीं कक्षा के डेविड, छठी कक्षा के छात्र कार्तिक ,आठवीं कक्षा के छात्र दीपांशु एवं सूरज ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। इनके अलावा छठी कक्षा की छात्रा दिव्या, वंशिका एवं अंकिता ने द्वितीय स्थान प्राप्त करके सिल्वर मेडल प्राप्त किया है। प्रतियोगिता में स्कूल की टीम जिला स्तर पर तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य बृजेश शर्मा के अलावा प्रवक्ता रोहतास,  निर्मल शास्त्री, सूबे सिंह चौहान, रामनिवास शर्मा, राजेश वर्मा ,सुरेंद्र, विजय यादव, रेनू यादव ,नीलम एवं मीनाक्षी आदि प्रवक्ता, शर्मिला डीपी ,नीलम मिश्रा योगेंद्र यादव, सुदेश, कृष्ण कुमार, प्रमिला, विनोद अनिल शेखावत, योगेंद्र निर्मल, शास्त्री एवं उर्मिला आदि उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन  04: प्राचार्य बृजेश शर्मा विद्यार्थियों को स्टाफ सहित पुरस्कृत करते हुए।



पेशेंट केयर असिस्टेंट के 62 किट वितरित  
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में विद्यार्थियों में कौशल विकास के दृष्टिगत 62 किट पेशेंट केयर असिस्टेंट तथा ब्यूटी एवं वैलनेस के वितरित किए। पीसीए तथा ब्यूटी एंड वैलनेस पढऩे वाले विद्यार्थियों को एक-एक किट दिया जाता है ताकि  किट से अभ्यास करके भविष्य में अपने कैरियर बना सकते हैं।
 इस मौके पर इंचार्ज प्राचार्य राजेश कुमार ककराला ने कहा कि ये किट बहतु उपयोगी होते हैं जिनसे वे अपनेशरीर की देखरेख कर सकते हैं वहीं उनके द्वारा घर परिवार में छोटे-मोटे रोगों के इलाज में प्रयोग कर सकते हैं तथा भविष्य में अपने कैरियर भी इन्हीं के मार्फत बना सकते हैं। उन्होंने इस किट का सदुपयोग करने पर बल दिया। इस मौके पर प्रवक्ता मधु ने कहा कि कौशल विकास के तहत बांटे जाने वाले  किट विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होते है। यदि इनका सदुपयोग किया जाए तो भविष्य में कैरियर का आधार इन्हीं से बना सकते हैं। इस अवसर पर डॉ मुंशी राम प्रवक्ता, सीमा, सुनीता प्रवक्ता ,मैना प्रवक्ता, मधु ,प्रीति तथा सहित विद्यार्थी एवं शिक्षक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: पीसीए की किट वितरित करते हैं हुये धनौंदा के शिक्षक।








मेले और भंडारे संस्कृति के संवाहक
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कनीना की आवाज। मेले, जागरण और भंडारे हमारी संस्कृति के रक्षक और परंपरा के संवाहक हैं। इसी प्रकार खेल प्रतियोगिताओं से छुपी हुई प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलता है। इसलिए ग्रामीण अंचल में खेल प्रतियोगिता तथा मेले, जागरण, भंडारे आदि आयोजित किए जाने चाहिए। ये विचार बसपा नेता अतरलाल ने गांव सिहोर में तीन दिवसीय बाबा ब्रह्मचारी मेला एवं खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर व्यक्त किए।
 अतरलाल ने कबड्डी प्रतियोगिता की टीमों का परिचय प्राप्त कर खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई की। बाद में खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खेलों से युवाओं का भविष्य बनता है और रोजगार मिलता है। इसलिए युवाओं को अधिक से अधिक प्रतियोगिता में शामिल होना चाहिए तथा नियमित अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने खेलों को मनुष्य का नैसर्गिक गुण बताते हुए युवाओं से खेल प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। इस अवसर पर हरीश सरपंच, कुलदीप पूर्व सरपंच, अनूप एक्स सरपंच, देवव्रत, अजय, नीरज, सुनील, विकास, दिनेश, शिवचरण स्वामी, राजेंद्र पंच, श्यामलाल पंच, विकास पंच, प्रभाती लाल मास्टर, बलवंत साहब, हेमंत पंच, वीरेंद्र क्लब प्रधान, रोहताश मास्टर, कैलाश सेठ सहित अनेक खिलाड़ी तथा सैकड़ों खेल प्रेमी एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
फोटो केप्शन 09: सिहोर में खिलाडिय़ों का परिचय करवाते अतरलाल।




करीरा में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
-बेटियों के लिए हुआ सम्मान समारोह आयोजित
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव करीरा में होली के पावन पर्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में सूबेदार गणेश दास जन सेवा ट्रस्ट करीरा के द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में की तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वेश्वर शर्मा खंड शिक्षा अधिकारी कनीना ने की। इस अवसर पर जन सेवा ट्रस्ट द्वारा विद्यालय प्रांगण में वाटर कूलर का लोकार्पण मुख्य अतिथि आशा यादव द्वारा किया गया। इसके साथ ही ट्रस्ट द्वारा  स्कूल को 5 पंखे भी दान स्वरूप भेंट किए गए। विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए सभी बच्चों को नोटबुक और पेन भी बांटे गए। इस अवसर पर गांव की होनहार शिक्षाविद बेटियों और बहुओं को जो सरकारी नौकरी लगी है या हायर एजूकेशन की पढ़ाई कर रही है उन्हें भी स्मृति चिन्ह व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी के साथ विद्यालय की महिला अध्यापिका एवं शैक्षणिक स्टाफ को भी स्मृति चिन्ह व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आशा यादव ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि महिलाओं और लड़कियों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना चाहिए। प्रिंसिपल नीलम यादव ने सभी आगंतुकों का विद्यालय प्रांगण में पहुंचने पर आभार व्यक्त किया। सूबेदार गणेश दास जन सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन राजपाल यादव ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ और ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10: करीरा में महिलाओं को सम्मानित करते बीइओ तथा ट्रस्ट पदाधिकारी।




अब नहीं बिकते शहतूत बाजारों में
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कनीना की आवाज। ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाने वाले शहतूत की आवक कम हो गई है। अति मधुर एवं चंद दिनों के ग्रामीण फल बड़े ही चाव से खाए जाते हैं।
  शहरी जन बेशक पसंद न करें किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद चाव से खाए जाने वाले शहतूत फल की पैदावार कम हो पाने के कारण आवक घट गई है। एक जमाना था जब इन्हें रेहड़ी एवं ऊंटगाड़ी में डालकर गांवों में बेचा जाता था किंतु अब एक भी व्यक्ति इनको बेचकर रोटी रोजी कमाता नजर नहीं आता है। ये दो प्रकार के होते हैं खट्टे एवं मीठे। ये पौधे छाया भी प्रदान करता है तो फल भी।
 इस संबंध में किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि मौसम की मार के चलते ये फल या तो झड़ गए हैं या फिर बहुत कम मात्रा में पक पाते हें जिसके चलते आवक घट गई है। इस संबंध में पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज का कहना है कि ये फल इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में होते हैं किंतु मौसम की मार पडऩे से झड़ गए हैं।
फोटो कैप्शन 5:ग्रामीण क्षेत्रों में चाव से खाया जाने वाला शहतूत फल।





पानी की बचत करेंगे तथा खेलेंगे होली
-चंदन का टीका लगाकर गले मिलेंगे
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कनीना की आवाज। रंगों के पर्व होली को यादगार बनाने के लिए इस बार भी युवा कम से कम पानी का प्रयोग करेंगे तथा हो सके तो पानी बगैर होली खेलेंगे। गले मिलकर तथा टीका लगाकर ही होली खेलेंगे। गुलाल का भी कम से कम प्रयोग करेंगे। शिक्षित वर्ग ने सादगी एवं कम पानी प्रयोग करके मनाने पर बल दिया।
  इस मौके पर डा मुंशीराम मोहनपुर ने कहा कि रासायनिक रंगों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता है वहीं इसका प्रयोग अधिक पानी को खराब करने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि कम से कम पानी प्रयोग करना चाहिए।
 निर्मल कुमार ने इस मौके पर कहा कि होली एक पवित्र एवं हंसी खुशी से मनाने की शिक्षा देता है। ऐसे में हमें प्यार से एक दूसरे को चंदन आदि का टीका लगाकर या फूलों की होली खेलकर मनाना चाहिए। प्राकृतिक पदार्थों के संग मनाई गई होली सच्ची होली होगी।
  जसवंत सिंह का कहना है कि पानी बचाना इस पर्व का प्रमुख कत्र्तव्य होगा। पेयजल की कमी होती जा रही है। ऐसे में होली मनाने के लिए हमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करने पर बल देना चाहिए। उन्होंने यह संदेश हर जन तक पहुंचाने की अपील की।
  इस मौके पर राजेश शास्त्री लूखी का कहना है कि इस होली के पर्व पर रासायनिक रंगों का त्याग करके प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करेंगे। पानी की बचत करेंगे और भाईचारे का पैगाम देंगे। एक दूसरे से गले से मिलकर पर्व को बेहतर बनाएंगे।
 विजयपाल प्राध्यापक कनीना का कहना है कि दिनोंदिन पानी कम होता जा रहा है वहीं इंसान पानी का दुरुपयोग कर रहा है। एक ओर जहां खुशी का अवसर है तो क्यों न पानी की बचत करते हुए या तो कम से कम गुलाल लगाकर या फिर चंदन आदि का टीका लगाकर खुशी का इजहार किया जाए। उन्होंने कहा कि वे सभी को जल बचाने, रासायनिक रंगों से होली खेलने से बचने की प्रेरणा देंगे। यह जनहित का कार्य है और इस कार्य में अधिक से अधिक लोगों को आगे आना चाहिए।
 फोटो कैप्शन: राजेश शास्त्री, जसवंत सिंह,  डा मुंशीराम, विजयपाल, निर्मल कुमार।




न्यायालय ने किया एक भगोड़ा घोषित
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय में सत्यवीर सिंह नामक व्यक्ति बार-बार बुलाए जाने पर भी अनुपस्थित रहने के चलते कनीना न्यायालय ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है और उसके विरुद्ध मामला दर्ज करने की पुलिस ने कार्रवाई कर करवा दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर भगौड़ा घोषित कर दिया है।


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