Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, March 23, 2023

 
फिर हो सकती है बरसात

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कनीना की आवाज। एक सशक्त मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तरी मैदानी राज्यों राजस्थान पंजाब हरियाणा एनसीआर दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर आज रात्रि से मौसम में बदलाव लेने वाला है और सम्पूर्ण इलाके पर हल्की से मध्यम बारिश और तेज गति की हवाओं अंधड़ और सीमित स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना बन रही है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वुधवार को सक्रिय होने से पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बनने से हवाओं की दिशा में बदलाव होने से और अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से प्रचुर मात्रा में नमी मिलने से  एक बार फिर से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सशक्त पश्चिमी विक्षोभ  का असर आज दोपहर बाद साफ तौर पर दिखाई देने लगा है जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके पर बादलों ने डेरा जमा लिया है और कुछ स्थानों पर तेज़ गति से हवाएं अंधड़ चलने हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई है आज जिला महेंद्रगढ़ के कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ और तेज गति से हवाएं चलने व  हल्की से मध्यम आकार की बारिश देखने को मिल रही है ।आज रात्रि को हरियाणा के पश्चिमी जिलों सिरसा फतेहाबाद हिसार भिवानी महेंद्रगढ़  चरखी दादरी रेवाड़ी पर  तेज़ गति से हवाएं चलने हल्की से मध्यम बारिश  की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। साथ ही साथ शुक्रवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली सम्पूर्ण इलाके में मौसम प्रणाली का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा क्योंकि चक्रवातीय सरकुलेशन उत्तरी पूर्वी राजस्थान पर पहुंच जाएगा जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तेज़ गति की हवाओं अंधड़ चलने और हल्की से मध्यम आकार की बारिश और गरज चमक के साथ सिमित स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों की संभावना बन रही है भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर 24 मार्च को आरेंज अलर्ट जारी कर दिया है और 25-26 मार्च को येलो अलर्ट जारी कर दिया है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सुबह से मौसम साफ और शुष्क बना हुआ था परन्तु दोपहर बाद शाम को सम्पूर्ण इलाके पर बादलों ने डेरा जमा लिया जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर  रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आज अधिकतर स्थानों पर 11.0 डिग्री सेल्सियस से 16.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है । सम्पूर्ण इलाके में रात्रि तापमान सामान्य से   1.0 डिग्री सेल्सियस से 4.0 डिग्री सेल्सियस तक नीचे दर्ज किया गया है।जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश 13.8डिग्री सेल्सियस और 13.8डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जो सामान्य से नीचे बने हुए हैं।



भारत देश मुकाम पर है उसका श्रेय देश के वीर शहीदों और क्रांतिकारियों को जाता है - रामनिवास 

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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव खैराना में  ग्रामीणों ने  भारत के महान क्रांतिकारी भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु की  तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके साथ ही इन वीर सपूतों की शहादत को नमन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चौधरी रामनिवास खेड़ी ने भगत सिंह, सुखदेव राजगुरु की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें शत् शत् नमन किया और जीवनी पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि आज भारत के महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को याद कर उन्हें नमन करने का दिन है। आज शहीद दिवस पर पूरा देश आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीद- ए -आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को नमन कर रहा है।
 भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जान सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस जुर्म में 23 मार्च 1931 को शहीद -ए -आजम भगत सिंह को उनके दो साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ अंग्रेजों ने फांसी पर लटकाया था। यही वजह है कि हर साल 23 मार्च का दिन भारत के 3 सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को आज के ही दिन फांसी दी थी। देश को अंग्रेजों के चंगुल से निकालने के लिए इनके द्वारा दिए गए बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
 उन्होंने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 23 मार्च 1931 को फांसी के फंदे को चूम कर देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। उनके इस स्वरूप से बलिदान की याद में हर साल 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी भारतीय जनता मजदूर यूनियन के महेंद्रगढ़ जिला अध्यक्ष अनिल यादव, खैराना गांव के सरपंच राहुल यादव, पूर्व सरपंच महावीर सिंह ,शेर सिंह, डा अशोक कुमार, विक्रम, प्रदीप, सतवीर पूर्व पंच, मोतीराम पूर्व पंच, महावीर पंडित, जितेंद्र यादव, संजय कुमार, जिले सिंह, भारत सिंह ,ओमप्रकाश पिंटू यादव, हरीश यादव ,वेद पेंटर ,रोशन यादव ,सूरत सिंह, जितेंद्र यादव ,संजय कुमार ,अमित, मोनू यादव ,आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 14: शहीदों को याद करते भाजपा के पदाधिकारी।


 

 

 

 

विभिन्न संस्थाओं में शहीदी दिवस मनाया
-भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव को किया याद

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कनीना की आवाज। विभिन्न संस्थाओं में शहीदी दिवस पर भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव को याद किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
 शहीद शिवकुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में शहीदी दिवस के अवसर पर राजगुरु, सुखदेव एवं भगत सिंह को याद किया। साथ में गांव के शहीद हुए जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य विजयपाल, गांव ककराला की सरपंच नीलम देवी व समस्त स्टाफ व बच्चे उपस्थित रहे।  इस मौके पर विजय पाल प्राचार्य ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात बताया कि शहीद हमारी कौम के असली हीरो है। शहीदों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हमें शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
 हुसैनीवाला में शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि    उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने लगातार आठवीं बार हुसैनीवाला फिरोजपुर में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सपूतों शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उपरोक्त जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मैं उत्तर भारत के लगभग सभी शहीद स्मारकों ग्वालियर, झांसी, हल्दीघाटी, जलियांवाला बाग, उदयपुर, चित्तौडग़ढ़ काकोरी, बनारस, लखनऊ, कानपुर, कारगिल,  लेह लद्दाख, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री  के अलावा देश के 264 जिलों का अपने स्प्लेंडर बाइक से भ्रमण कर चुका हूं। उनकी आगामी योजना देश के 500 से ज्यादा जिलों का भ्रमण करने की है। हुसैनीवाला के बारे में जानकारी देते हैं उन्होंने बताया कि हुसैनीवाला उत्तर भारत का सबसे बड़ा महातीर्थ है जहां बहुत बड़ा मेला लगता है तथा लाखों लोग आजादी के उन दीवानों को नमन करने के लिए हुसैनीवाला प्रतिवर्ष आते हैं तथा यहीं पर भगत सिंह की मां विद्यावती तथा शहीद ए आजम भगत सिंह के अभिन्न मित्र बटुकेश्वर दत्त की भी समाधि है। जहां पहुंचकर उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
शहीद दिवस के उपलक्ष्य में एसडी विद्यालय में एनएसएस स्वयंसेवकों ने शहीदों को याद किया। कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार के नेतृत्व में शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया गया। जिसके माध्यम से समाज को शहीदों के बलिदान के महत्व के बारे में जागरुक किया गया।
 निदेशक महोदय ने स्वयंसेवकों को शहीद दिवस के महत्व के बारे में बताते हुए कहा की कोई भी देश शहीदों के बलिदान से ही सुरक्षित रहता है। शहीद देश के सच्चे हीरो होते है। हमें अपने शहीदों के बलिदान को कभी नही भूलना चाहिए। देश सेवा से बढ़कर कोई सेवा नही होती। देश सुरक्षित है तो सब सुरक्षित है।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आरएस यादव, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ नरेन्द्र यादव, शैक्षणिक विभाग के मुखिया सुनील यादव, सुरेन्द्र कुमार चैहान, संदीप कुमार, मुकेश कुमार, राजकुमार, राजेश यादव उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 11: ककराला के राजकीय स्कूल में शहीदों को याद करता सटाफ।
             12: हुसैनीवाला में मदनमोहन कौशिक शहीदों को नमन करते हुए।
    13: जगदेव एवं स्टाफ शहीदों को याद करते हुए।


 

 

 

राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट की मांग को लेकर धरना 11वें दिन भी रहा जारी
-नांगल चौधरी विधायक अभय सिंह मौके पर पहुंचे

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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव सेहलंग- बाघोत के बीच से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर कट के लिए 40 गांवों का अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को 11वें दिन भी जारी रहा। 9 मार्च 2022 को केंद्रीय मंत्रि सड़क परिवहन नितिन गडकरी ने सीएम मनोहर लाल खट्टर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की मौजूदगी में सेहलग-बाघोत कट को मंजूर किया था। उसके बाद केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक को ज्ञापन दिया जा चुका है व एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई। अब क्षेत्र के 40 गांवों के द्वारा पिछले 9 दिनों से कट की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने वादे को अभी भी पूरा नही करती है तो सभी लोग आमरण अनशन व रोड़ जाम करने के लिए विवश होंगे।
  11 वें दिन डा.अभय यादव विधायक नागंल चौधरी एवं राव अक्षत सिंह ने दिया धरने को समर्थन दिया। अक्षत राव ने कहा कि यहां पर नजदीक ही बाघोत गांव में बाघेश्वर धाम है जहां पर हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। यही नहीं यहां से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रीय विश्वविद्यालय और लगभग 10 से 12 किलोमीटर दूरी झाड़ली में स्थित एक पावर प्लांट भी है। इस कट से यहां आने-जाने वाले लोगों को काफी फायदा मिलेगा व उनका समय भी बचेगा। नांगल चौधरी विधायक डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की मांग जायज है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर चर्चा कर चुके हैं। इस दौरान अजीत पार्षद वार्ड नं 7, रतन सिंह सरपंच बास, दलीप पूर्व सरपंच पाथेड़ा, डॉ अशोक यादव खुर्शीद नगर, नवीन सरपंच रसूलपुर, महावीर पूर्व सरपंच उच्चत, मास्टर जगदीश शर्मा सेहलंग, सत्यवीर पूर्व सरपंच पोता, डालू नंबरदार पाथेड़ा, महेंद्र सिंह पूर्व बीडीसी पाथेड़ा, अतर सिंह कैमला मंडल अध्यक्ष भाजपा कनीना, पवन डीपी नौताना, रामनिवास बंसल सरपंच तलवाना, राजेंद्र सरपंच बाघोत, महिपाल बीडीसी मेंबर बाघोत सहीत अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: धरना देते ग्रामीण
             10: धरना स्थल पर विधायक अभय सिंह लोगों को जानकारी देते हुए।
टीबी दिवस 24 मार्च
 

 

 

टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है
-नियमित जांच एवं दवा लेने से दूर कर सकते हैं बीमारी को-डा दीपांशु 

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कनीना की आवाज। टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर जांच एवं दवा लेने से दूर कर सकते हैं।  
ट्यूबरकुलोसिस को आम बोलचाल की भाषा में टीबी कहते हैं। यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे आम प्रकार का होता है।
टीबी एक संचरणीय रोग है जो एक भी खांसी और छींक के द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। टीबी का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है जो जिन्हें पहले से कोई बड़ी बीमारी जैसे कि एड्स या डायबिटीज आदि होती है। साथ ही, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
कनीना में टीबी के मरीज-
डा दीपांशु ने बताया कि अकेले कनीना में 26 मरीज टीबी के हैं जबकि कनीना टीबी यूनिट जिसमें धनौंदा, सेहलंग, मालड़ाबास, भोजावास, दोंगड़ा अहीर, मुंडिया खेड़ा एवं कनीना में कुल 146 मरीज टीबी के हैं। डाटस टीबी को दूर करने का बेहतर तरीका है। नियमित रूप से दवा लेने से यह रोग दूर हो जाता है।
टीबी के प्रकार -
डा दीपांशु ने बताया कि टीबी मुख्यता दो प्रकार के होते हैं जिसमें लेटेंट टीबी और सक्रिय टीबी शामिल हैं। टीबी को अन्य दो भागों में बांटा जा सकता है जिसमें पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी शामिल हैं।
टीबी के कारण
टीबी से पीडि़त मरीज जब छींकता, खांसता और थूकता है तो उसके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में टीबी के बैक्टीरिया फैल जाते हैं। यह बैक्टीरिया कई घंटों तक वायु में जीवित रहते हैं और स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकते हैं। जब टीबी का बैक्टीरिया सांस के माध्यम से फेफड़ों तक जाता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढऩे से रोकती है, लेकिन जैसे-जैसे यह क्षमता कमजोर होती है, टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है।
टीबी के लक्षण -
डा दीपांशु ने बताया कि टीबी के प्रमुख लक्षणों में तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना,    सांस फूलना,सांस लेने में तकलीफ होना, शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना, सीने में तेज दर्द होना,   अचानक से वजन का घटना, भूख में कमी आना,   बलगम के साथ खून आना,फेफड़ों का संक्रमण होना,लगातार खांसी आना,बुखार आना प्रमुख हैं।
इनके लक्षणों के अलावा भी कुछ अन्य लक्षण मिल सकते हें। जिनमें लकवा लगना,पेट में दर्द होना,ग्रंथियों में स्थिर सूजन होना,डायरिया की शिकायत होना,पीठ में अकडऩ होना,प्रभावित हड्डी में दर्द और उसकी कार्यशीलता में कमी आना आदि प्रमुख हैं।  
टीबी की जांच-
उन्होंने बताया कि टीबी की जांच के लिए बलगम जांच, छाती एक्सरे, सीबी नाट, टर्यू नाट प्रमुख हैं। ये जांच महेंद्रगढ़ तथा नारनौल में संभव हैं। सरकार ने 2025 तक टीबी को पूर्णरूप से समाप्त करने की योजना बना रखी है। राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री की ओर से टीबी मरीज हर माह 500 रुपये तक पा सकता है जिसके लिए अस्पताल में संपर्क करना होगा।


नमो देवी.......................
 अंधी मां की कोख से जन्म लेकर भी कमाया शर्मिला ने पूरे भारत भर में नाम
-अनेक मेडल जीत छू रही है ऊंचाइयों को
 

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कनीना की आवाज। किसी भी विषम परिस्थिति से इंसान को नहीं घबराना चाहिए। यदि हिम्मत से काम ले तो एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी। ये शब्द कनीना उपमंडल के गांव छितरोली की शर्मिला के हैं।  36 वर्षीय शर्मिला ने बेशक दसवीं तक परीक्षा पास की हो किंतु जिन परिस्थितियों से होकर वो गुजरी है उन पर गौर फरमाया जाए तो लगता है कि सचमुच नारी कुछ करने की ठान लेती है तो वह कठिन से कठिन काम को करके ही दम लेती है। जब शर्मिला 2 वर्ष की थी बुखार के कारण पोलियो में अपना एक पैर गंवा बैठी थी। मां संतोष अंधी/नैनसुख थी जबकि पिता जय लाल एक जमींदार हैं जिनकी 2014 में दोनों टांगे चली गई थी। शर्मिला की शादी 2005 में कर दी गई दो लड़कियां हुई किंतु शादी अधिक दिनों तक नहीं चली। लाचार माता पिता की सेवा शर्मिला और उसका भाई करते हैं। शर्मिला के अलावा दो विवाहित बहने  तथा एक भाई भी है। शादी के 4 साल बाद अपने पीहर आ गई घर से निकाल दिया गया यही कारण है कि शर्मिला ने जिंदगी भर अपने ससुराल में न जाने का निर्णय किया और कुछ करके दिखाने का फैसला लिया। ससुराल में उसे लंगड़ी कहकर खिजाते थे जिसके कारण उनके दिल पर ठेस लगती थी। परंतु 6 साल अपने पीहर में बीताये।  2017 में अजीत सिंह जिला रेवाड़ी से संबंध रखने वाले बिजनेसमैन से की जिन्होंने अपनी पत्नी शर्मिला को कुछ कर दिखाने के लिए विकलांग खेलों के लिए प्रेरित किया। परंतु अपनी हिम्मत के कारण वर्ष 2018 में हरियाणा रोडवेज बस कंडक्टर बतौर नियुक्ति हुई। वे हरियाणा की प्रथम महिला परिचालक बनी। रेवाड़ी में खंडोड़ा रोड पर लड़कियों को कालेज तक छोडऩे और घर तक पहुंचाने का कार्य करने लगी। उनकी इस कार्य की सराहना होने लगी किंतु उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था।
 समय बीता और वर्ष 2020 आ गया और उन्हें खेलों के विषय में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने एसडीएम स्कूल छीथरोली के निदेशक अजमेर सिंह दांगी से सलाह ली। अजमेर सिंह दांगी ने उन्हें आगे तक पहुंचाने के लिए एक प्रयास किया। चूंकि खेलों की कोचिंग के लिए ममहेंद्रगढ़ जिला में बेहतर कोच नहीं होने से तुलाराम  स्टेडियम में चेतन कोच के पास भेजा ताकि कुछ सीखने का मौका मिले और भारत भर में नाम कमा सकें।
 महज एक साल की कोचिंग के बाद ही वर्ष 2021 में पहला नेशनल मेडल शाट पुट में प्राप्त किया। 19वीं पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल लेकर नाम कमाया। 2021 में दिसंबर में एक नहीं दो बेंगलुरु में आयोजित तीसरे नेशनल ओपन खेलों में दो मेडल हासिल किये। जहां शाटपुट में सिल्वर तो ज्वेलिन में गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
 मार्च 2022 में दुबई में आयोजित 20वीं पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में अपना पिछला रिकार्ड ध्वस्त कर 8.03 मीटर गोला फेंक गोल्ड मेडल हासिल किया। दुबई में वर्ष 2022 में आयोजित खेलों में पांचवां स्थान प्राप्त किया। फिर अगस्त 2022 में इंग्लैंड में आयोजित कामनवेल्थ गेम में चौथा स्थान हासिल किया। परिणाम स्वरूप हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उनकी प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुये और 15 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया। शर्मिला का हौसला अफजाई करने के लिए 20 सितंबर 2022 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनसे बात की। तत्पश्चात एक के बाद एक अनेकों मेडल लाकर पूरे भारत में नाम कमाया है।
 इंटरनेशनल वूमेन डे पर बेस्ट वूमेन एथलीट अवार्ड तथा 21 हजार रुपये की राशि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदान की। हाल ही में पुणे में आयोजित 21वीं पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप अपना ही पिछला रिकार्ड ध्वस्त कर गोला फेंक में 8.67 मीटर गोला फेंक राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। वहीं डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक भी हासिल किया।
 वर्तमान में शर्मिला ने एशियन गेम के लिए क्वालीफाई कर लिया है वहीं वल्र्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है। वल्र्ड चैंपियनशिप जुलाई 2023 में पेरिस में होने वाले खेल हैं जिनमें वे अपना दमखम दिखाएंगी।
 शर्मिला इस समय पुणे में कोचिंग ले रही है तथा उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन भारत की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनकर नाम कमाएंगी। विषम परिस्थितियां होने पर भी शर्मिला ने जो कार्य कर दिखलाया वह सच में  महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का कार्य है। जब इंसान इस प्रकार की घटनाओं से पीडि़त होता है तो मन मसोसकर बैठ जाता है लेकिन शर्मिला ने निराशा को दूर भगाया और अपने साहस को नहीं छोड़ा है। आज वह इस मुकाम पर है।
 फोटो कैप्शन: शर्मिला मेटल दिखाती हुई  तथा फोटो कैप्शन 1,2,3,4 एवं 5 शर्मिला विभिन्न मेडल मिलते हुए।


 

 

 

 

मां मंदिर......
मां दुर्गा मंदिर झाड़ली

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कनीना की आवाज। कनीना से करीब 5 किलोमीटर दूर झाड़ली ब्राह्मणों वाली गांव में करीब 70 साल पहले गांव के जंगल में मां दुर्गा मंदिर का निर्माण करवाया गया था। इस मंदिर में स्वयंभू मां दुर्गा की मूर्ति है। मंदिर देखरेख का काम मंदिर का महंत एवं संत सूरज गिरी करते आ रहे थे उनका देहावसान हो चुका है। इस मंदिर को देखने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर पर भव्य मेला लगता है। दुर्गा सप्तमी के दिन बड़ा मेला लगता है।
 मूर्ति है विशेष आकर्षण
 झाड़ली मां दुर्गा मंदिर में माता दुर्गा की स्वयंभू मूर्ति ही आकर्षण का केंद्र है। करीब 70 साल पहले गांव के जंगल में मां की मूर्ति निकली थी। इसी मूर्ति पर मंदिर का निर्माण कर दिया गया है। यहां के महेंद्र शर्मा बताते हैं की एक बावड़ी की खुदाई कर रहे थे तब यह मूर्ति प्राप्त हुई थी। मां दुर्गा का एक छोटा सा मंदिर है लेकिन दूरदराज तक विख्यात है। मंदिर स्थल पर करीब 50 वर्ष पहले गांव के ही तूही राम शर्मा प्राध्यापक ने मेले की शुरुआत की थी जो आज भी चला रहा है।
 भव्य मेला
गांव के दुर्गा मंदिर पर भव्य मेला दुर्गा सप्तमी के दिन लगता है जिसमें दूर दराज से भक्तजन आते हैं और प्रसाद चढ़ा कर मन्नत मांगते हैं। इस मेले में करीब 50 गांव के आसपास गांव से श्रद्धालु आते हैं और अपने साथ प्रसाद लेकर यहां बांटते हैं।
 पूजा का है विशेष विधान
 मां झाड़ली मंदिर में लोग दूर दराज से आते हैं ले हलवा तथा चने का प्रसाद बांटते हैं और चढ़ाते हैं जबकि कुछ लोग शक्कर का प्रसाद भी बांटते हैं। मां पर मां की प्रतिमा पर चुनरी चढ़ाई जाती है, नारियल भी चढ़ाया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है।
 गांव का है एकमात्र मंदिर
गांव झाड़ली में मां दुर्गा का यह एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर है जहां मेला लगता है और जब जब भीड़ पड़ती है लोग इसी मंदिर में पहुंचकर मां के समक्ष अपनी मन्नत मांगते हैं। यूं तो गांव में और भी मंदिर हैं किंतु मां दुर्गा का केवल एक ही मंदिर है। आकर्षण का केंद्र
 मां दुर्गा की प्रतिमाएं विशेष आकर्षण का विषय हैं। लोग दूरदराज से आकर मां दुर्गा की प्रतिमाओं को ध्यान से देखते हैं। भक्तों का अपार समूह नवरात्रों के दौरान आता है। जहां भक्त समय समय पर मां के दर्शन करते हैं वही दुर्गा सप्तमी के दिन बड़ा मेला लगता है। जिसमें धनौंदा, उच्चत, बाघोत के लगभग समस्त लोग पहुंचते हैं वहीं आसपास गांवों के भारी संख्या में भक्तजन आते हैं। इस दिन भंडारे लगते हैं।
 कैसे पहुंचे मंदिर मां दुर्गा मंदिर
झाड़ली पहुंचने के लिए कनीना से धनौंदा जाना पड़ता है। धनौंदा से अपरोच रोड झाड़ली जाता है। झाड़ली कनीना-चरखी दादरी रोड पर स्थित है। यहां अधिकांश लोग ब्राह्मण जाति से संबंध रखते हैं इसलिए इस गांव को ब्राह्मणों वाली झाड़ली नाम से जाना जाता है। भक्तजन घर से चल कर आते हैं और यहां पूजा अर्चना करके मां के चरणों में धोक लगाते हैं।  
 फोटो कैप्शन: मां दुर्गा मंदिर दो फोटो एक मुख्य द्वार तथा दूसरी स्थापित स्वयंभू मूर्ति






कनीना क्षेत्र में हुई 6 एमएम बारिश
-खेतों में फिर से भरा पानी
- महज 6 दिनों में हो चुकी है 35 एमएम बारिश
 

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*************************************** कनीना की आवाज।। इस वर्ष प्री-मानसून की बारिश ने किसानों को बेहद परेशान कर दिया है। बुधवार को 6 एमएम बारिश हुई जबकि मंगलवार को भी 6 एमएम बारिश हुई थी। लगातार बारिश, ओलावृष्टि एवं अंधड़ ने किसानों की फसल को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जहां सर्दियों के मौसम में रबी फसल में पाला और ठंड ने नुकसान पहुंचाया था और अब तक दो बार फसलों में नुकसान पहुंचा है। मौसम ने दो बार में फसलों में नुकसान पहुंचाया है वही किसान भी दूसरी बार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। चारों ओर खेतों में पानी भरा है। रास्तें एवं सड़कों से निकल पाना कठिन हो गया है। फसल एक बार फिर से पानी में भीग गई है। ऐसे में अभी किसान फसल पैदावार लेने में अक्षम नजर आ रहे हैं।
 क्या कहते किसान-
 किसान राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह ,सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार, अजीत कुमार आदि ने बताया कि इस बार बड़ी आशा के साथ रबी फसल उगाई थी। रबी फसल में लगातार मौसम की मार पड़ रही है। दो बार फसलों में नुकसान हो चुका है। अब तो हालात यह है कि किसानों को नहीं पता कि पैदावार ले पाएंगे या नहीं। किसानों ने सरसों कटाई करते वक्त पालीथिन बिछाई थी जो अब काट कर डाली गई सरसों फसल के लिए समस्या बन गई है। किसानों ने बताया कि विगत 3 वर्षों से किसान एक नई तकनीक अपना रहे हैं। सरसों की लावणी करने से पहले पालीथिन बिछा देते हैं जिस पर फसल काटकर डालते हैं। पालीथिन इसलिए डाली जाती है ताकि सरसों की फलियां फटने पर दाने मिट्टी में न मिले किंतु इस बार उन्हें क्या पता था कि बारिश का पानी ही पालीथिन पर जमा हो जाएगा। जिसके चलते अब हालत यह है कि सरसों की काट कर डाली गई फसल में पानी खड़ा हो गया है। पॉलीथिन के कारण पानी जमीन में नहीं जा पा रहा है। किसान बेहद परेशान है और वे पूर्णरूप से मुआवजे पर निर्भर है। किसान निरंतर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मुआवजे की सरकार ने कही बात-
एक और जहां सरकार ने विशेष गिरदावरी करने की बात कही है वही किसान बेसब्री से गिरदावरी किए जाने और मुआवजा देने की आस में बैठे हैं।
फोटो कैप्शन 07: खेतों में खड़ा हुआ पानी।



प्रदर्शन करके मांगा मुआवजा
-एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री के नाम भेजा

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कनीना की आवाज। विगत 19 - 20 मार्च को तेज अंधड़, बरसात तथा ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान का प्रभावित किसानों को मुआवजा देने तथा अन्य मांगों को लेकर बसपा के कार्यकर्ताओं ने उपमंडल अधिकारी (नागरिक) कनीना के कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने फसल नुकसान का मुआवजा दो, मुआवजा दो, किसानों के बैंक ऋण माफ करो के जोरदार नारे लगाए। बाद में प्रदर्शनकारियों ने अतरलाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार कनीना को सौंपा।
  ज्ञापन में कहा गया है कि कनीना उपमंडल तथा अटेली तहसील के रसूलपुर, चेलावास, कैमला, कनीना, स्याणा, नौताना, सेहलंग, पोता, बाघोत,खेड़ी, तलवाना, धनौन्दा, झाड़ली, छितरौली, उच्चत, सीहोर गाहड़ा, कोटिया, करीरा,रामबास, कपूरी, ककराला,  मानपुरा, ढाणा, बेवल, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, अटाली, कलवाड़ी, सिलारपुर, दुलोठ जाट आदि लगभग 60 गांवों में तेज अंधड़, बारिश तथा ओलों से किसानों की फसलों में 80 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों की सारी लागत व छह माह की मेहनत बर्बाद हो गई है। प्रभावित किसान मायूस तथा सदमे में हैं। इसलिए सरकार तत्काल विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को पचास हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दे। ज्ञापन में सरकार से किसानों के अल्पावधि कृषि ऋण माफ करने तथा छह माह का बिजली बिल तथा नहरी माल माफ करने की मांग की गई। इस अवसर पर रघबीर सिंह मुकदम, कैलाश सेठ, नरेंद्र सिंह, पवन चौधरी, नवीन, राजकुमार ,श्रीराम, भाग सिंह चेयरमैन ,शेर सिंह यादव, दान सिंह प्रजापत, सुरेश, लालचंद, अशोक सिंह, राकेश सिंह आदि अनेक किसान तथा कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06:  बसपा नेता अतरलाल के नेतृत्व में ज्ञापन देते किसान व कार्यकर्ता।








































कनीना क्षेत्र में हुई 6 एमएम बारिश
- महज 6 दिनों में हो चुकी है 35 एमएम
बारिश
-सरसों के दाने खराब होने के लिए बिछाई पालीथिन कर रही सरों को खराब

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कनीना की आवाज। इस वर्ष प्री-मानसून की बारिश ने किसानों को बेहद परेशान कर दिया है। बुधवार को 6 एमएम बारिश हुई जबकि मंगलवार को भी 6 एमएम बारिश हुई थी। लगातार बारिश, ओलावृष्टि एवं अंधड़ ने किसानों की फसल को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जहां सर्दियों के मौसम में रबी फसल में पाला और ठंड ने नुकसान पहुंचाया था और अब तक दो बार फसलों में नुकसान पहुंचा है। मौसम ने दो बार में फसलों में नुकसान पहुंचाया है वही किसान भी दूसरी बार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। चारों ओर खेतों में पानी भरा है। रास्तें एवं सड़कों से निकल पाना कठिन हो गया है। फसल एक बार फिर से पानी में भीग गई है। ऐसे में अभी किसान फसल पैदावार लेने में अक्षम नजर आ रहे हैं।
 क्या कहते किसान-
 किसान राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह ,सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार, अजीत कुमार आदि ने बताया कि इस बार बड़ी आशा के साथ रबी फसल उगाई थी। रबी फसल में लगातार मौसम की मार पड़ रही है। दो बार फसलों में नुकसान हो चुका है। अब तो हालात यह है कि किसानों को नहीं पता कि पैदावार ले पाएंगे या नहीं।
खुद के जाल में खुद फंसे किसान-
किसानों ने सरसों कटाई करते वक्त पालीथिन बिछाई थी जो अब काट कर डाली गई सरसों फसल के लिए समस्या बन गई है। किसानों ने बताया कि विगत 3 वर्षों से किसान एक नई तकनीक अपना रहे हैं। सरसों की लावणी करने से पहले पालीथिन बिछा देते हैं जिस पर फसल काटकर डालते हैं। पालीथिन इसलिए डाली जाती है ताकि सरसों की फलियां फटने पर दाने मिट्टी में न मिले किंतु इस बार उन्हें क्या पता था कि बारिश का पानी ही पालीथिन पर जमा हो जाएगा। जिसके चलते अब हालत यह है कि सरसों की काट कर डाली गई फसल में पानी खड़ा हो गया है। पॉलीथिन के कारण पानी जमीन में नहीं जा पा रहा है। किसान बेहद परेशान है और वे पूर्णरूप से मुआवजे पर निर्भर है। किसान निरंतर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मुआवजे की सरकार ने कही बात-
एक और जहां सरकार ने विशेष गिरदावरी करने की बात कही है वही किसान बेसब्री से गिरदावरी किए जाने और मुआवजा देने की आस में बैठे हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
कनीना के खंड कृषि अधिकारी डा. मनोज कुमार ने बताया कि सरसों के दानों को मिट्टी में मिलने से बचाने के लिए पालीथिन पर काटकर डाली गई सरसों में वर्षा का जल जमा होने से सरसों को नुकसान होगा। सरसों के दाने खराब हो जाएंगे। पानी को निकालना जरूरी है। वैसे भी पालीथिन प्रयोग प्रकृति के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि गेहूं में 30 से 40 फ़ीसदी नुकसान हो चुका है वहीं खड़ी हुई सरसों की फसल में 50 फ़ीसदी नुकसान हुआ है। काट कर डाली गई सरसों की फसल में 15 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ है। उधर पूर्व विषय विशेषज्ञ डा देवराज का कहना है कि हर प्रकार से बारिश नुकसानदायक है। बारिश का इस समय कोई लाभ नहीं है। ओलावृष्टि का तो भारी नुकसान पहुंचा है।
फोटो कैप्शन 07 खेतों में खड़ा हुआ पानी।
             08: काटकर डाली गई सरसों के नीचे पालीथिन बिछाने से भरा पानी
खंड कृषि अधिकारी डा मनोज कुमार यादव।



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