22 से 26 मार्च तक हल्की बारिश के आसार
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सशक्त मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ का असर साफ तौर पर दिखाई दिया जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में हल्की से मध्यम आकार की बारिश और तेज गति से हवाएं अंधड़ और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि लगातार एक के बाद एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और तेज गति से हवाएं अंधड़ चलने और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया गया है । नये साल से ही कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहें थे जिसकी वजह से मौसम में बदलाव और तापमान में उतार चढाव देखने को मिल रहा था परन्तु मैदानी राज्यों पर जनवरी से मार्च के पहले पखवाड़े के दौरान बारिश की गतिविधियां कमजोर रही जिसकी वजह से मौसम की चरम अवस्थाएं जनवरी में रिकॉर्ड तोड ठंड और पाला जमने की स्थिति और फरवरी में रिकॉर्ड तोड तापमान में बढ़ोतरी और अब सशक्त मौसम प्रणाली की वजह से बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। 17- 21 मार्च के दौरान सम्पूर्ण इलाके में प्री मानसून गतिविधियां देखने को मिली। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले 24 धंटो के दौरान निम्नलिखित बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया गया है
करनाल 50.8
सोनीपत 50.5
अंबाला 49.0
इंद्री 38.5
रोहतक 34.0
गुडग़ांव 30.0
महेंद्रगढ़ 29.0
नारनौल 27.0
यमुनानगर 26.0
चंडीगढ़ 21.8
चरखी दादरी 20.0
झज्जर 14.5
रेवाड़ी 10.0
फरीदाबाद 5.5
भिवानी 4.5
इसके अलावा कैथल जींद कुरुक्षेत्र होडल पलवल सोहना तावडू नूंह मेवात सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश के साथ तेज गति से हवाएं अंधड़ चलने और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया गया है। जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर तापमान में गिरावट दर्ज हुई है और सम्पूर्ण इलाके में तापमान सामान्य से कम बनें हुए हैं आज सोमवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस से 16.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश 15.0 डिग्री सेल्सियस और14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर हल्की बादल वाही देखने को मिल रही है। केवल सिरसा फतेहाबाद हिसार में इस मौसम प्रणाली का प्रभाव देखने को नहीं मिला। कल रात्रि को एक नया ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है जिसकी वजह से 22-26 मार्च के दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 50-70 प्रतिशत इलाकों पर एक बार फिर से हल्की से मध्यम बारिश और तेज गति से हवाएं चलने और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना बन रही है इस लिए भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इस मौसम प्रणाली का 24 -25 मार्च के दौरान अधिकतर स्थानों पर देखने को मिलेगा।
ओलावृष्टि से हुये नुकसान की गिरदावरी करवाने के लिए एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
-50 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाए मुआवजा
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कनीना की आवाज। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को क्षेत्र में ओलावृष्टि व अंधड़ की वजह से हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री के नाम लिखा एक ज्ञापन एसडीएम सुरेन्द्र सिंह को सौंपा। इंडियन यूथ कांग्रेस के हल्का अध्यक्ष नीरज यादव ने बताया कि कनीना व आसपास क्षेत्र में रविवार व सोमवार को हुई भारी ओलावृष्टि व अंधड़ की वजह से किसानों की खेतों में लहलाती हुई फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। सरकार को विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग खेती पर ही आश्रित है अगर इनको मुआवजा नहीं मिलता है तो इनके साथ नाइंसाफी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंश्योरेंस करवाया है उनको फॉर्म भरकर महेंद्रगढ़ जाना पड़ रहा है। स्थानीय अधिकारियों को कनीना में फॉर्म भरवाने चाहिए। जिससे किसानों को अलग-अलग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस दौरान पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान दीपक चौधरी ने कहा कि वर्तमान में हुई ओलावृष्टि से सबसे अधिक कनीना क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई हैं सरकार का क्षतिपूर्ति पोर्टल लगातार कार्य नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से किसानों को बहुत अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय अधिकारियों को कृषि विभाग में किसानों के लिए अलग से एक टेबल लगाकर फॉर्म भरने चाहिए। इस दौरान बार एसोसिएशन प्रधान ओपी रामबास, पूर्व प्रधान हरीश गहड़ा, चीकू चौधरी, राजू, पवन, योगेश, कैलाश चंद गुप्ता, संत कुमार, सुनील चौधरी, परविंदर, अभिषेक चौधरी, विजेंद्र सहीत अन्य किसान मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10: एसडीएम कनीना को ज्ञापन सौंपते कांग्रेसी कार्यकर्ता।
अधिवक्ताओं ने न्यायिक परिसर एवं चैबर निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए दिया धरना
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कनीना की आवाज। कनीना बार एसोसिएशन के समस्त पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं ने न्यायिक परिसर एवं चैबर निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए एक दिवसीय धरना दिया।
धरने पर बैठे अधिवक्ताओं का कहना है कि बार एसोसिएशन कनीना का गठन 2016 में हुआ था। यहां अदालत अगस्त 2016 से लगातार न्याय न्याय करती आ रही है। इस समय 55 गांव न्यायालय के आधीन आते हैं और न्यायिक परिसर में 5582 वाद विचाराधीन हैं। हर मंगलवार को पारिवारिक न्यायालय लगता है। जहां पारिवारिक वाद भी हमारे यहां पर विचाराधीन है। ज्ञापन में कहा गया कि 7 साल बीत चुके लेकिन आज तक न तो न्यायिक परिसर भवन का निर्माण हुआ है और न ही अधिवक्ताओं के चैंबर व्यवस्था की गई है। विषम परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता दोनों दयनीय हालात में कार्य करने को मजबूर है। न्यायिक अधिकारियों के पास सुचारू रूप से कार्य करने के लिए जगह नहीं। वहीं अधिवक्ताओं के लिए मिसल मुआयना करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। टीन शेड में बारिश, गर्मी और सर्दी में हर प्रकार के विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने को मजबूर हैं। 3 साल पहले न्यायमूर्ति हरिपाल वर्मा ने न्यायिक परिसर का निर्माण का शिलान्यास किया था लेकिन आज तक कोई कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सचिवालय का कार्य आधा पूर्ण हो चुका है।
उन्होंने तुरंत न्यायिक परिसर एवं वकीलों के लिए चैंबर के निर्माण की मांग की है। उन्होंने एक गत दिवस एक ज्ञापन मुख्य न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को भेजा है तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश नारनौल को भी एक प्रति भेजी है।
इस मौके पर प्रधान ओपी रामबास, कैलाश चंद्र गुप्त एडवोकेट, संदीप सिंह कानीनवाल,कुलदीप सिंह कानिनवाल, रमेश कौशिक, गिरवर लाल कौशिक, अभिषेक सेक्रेट्री, विक्रम वाइस प्रधान, पूर्व प्रधान दीपक चौधरी,सतीश बटोटिया,मंजीत कोटिया,अनिल रसूलपुरआदि अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 11 : अधिवक्ता एक दिवसीय धरना देते हुए।
विश्व जल दिवस 22 मार्च पर
जरूरत है वर्षा जल संरक्षण की
-कनीना में 6 जोहड़ों की हो खोदाई
-पेयजल को बहा रहे हैं नालियों में
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कनीना की आवाज। दिनोंदिन भूमिगत जल कम होता जा रहा है। कनीना को पहले ही डार्क जोन घोषित किया हुआ है किंतु पेयजल और भूमिगत जल को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
जोहड़ों की हो खोदाई-
कनीना क्षेत्र में करीब छह जोहड़ पानी से भरे रहते हैं। इन जोहड़ों की खोदाई की जरूरत है। कनीना के दो प्रमुख जोहड़ होलीवाला और कालरवाली जोहड़ लबालब पानी से भरे हैं। खोदाई न होने और जल की को सही ढंग से न सहेजे जाने के कारण गंदा जल दूर-दराज तक फैल रहा है और सैकड़ों हरे पेड़ों को लील लिया है।
वर्षा का जल सहेजे-
सरकार द्वारा जोहड़ों का पानी सहेजने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं किंतु अभी तक कनीना के लिए जोहड़ों के पानी को सहेजने के लिए अनुदान नहीं आया है। अप्रैल माह में यह अनुदान आए जाने की संभावना जता रहे हैं। वर्षा जल को सहेजने की जरूरत समझी जा रही है। घरों में वर्षा जल कउ्ढों में जमा करके काम मे लाया जा सकता है।
विगत 20 वर्षों में कनीना क्षेत्र में जलस्तर गिरता ही जा रहा है। कभी 20 मीटर गहराई पर होता था जो अब 70 मीटर गहरा जा चुका है। पूरा जिला महेंद्रगढ़ ही डार्क जोन घोषित हो चुका है। दिनोंदिन जल का दोहन हो रहा है किंतु जल की आपूर्ति जो वर्षा से होती है वो घटती ही जा रही है। करीब 20 वर्षों में कनीना क्षेत्र में हुई वर्षा पर नजर डाले तो पता चलता है कि वर्ष 1995 व 1996 में कुछ वर्षा हुई जबकि अन्य वर्ष अल्प वर्षा हुई है।
नालियों में बहा रहे हैं जल-
कनीना क्षेत्र ही नहीं अपितु आस पास के लोग पेयजल से गाडिय़ां धोते, नालियां साफ करते, भैंस को नहलाते देखे जा सकते हैं और पेयजल से गलियों को साफ करते है। भूमिगत जल का दोहन हो रहा है। यू ही जल का दोहन हुआ तो जल पाताल में पहुंच जाएगा।
31 हजार हेक्टेयर पर होती है कृषि-
कहने को तो कनीना क्षेत्र 52 हजार हेक्टेयर का स्वामी माना जाता है किंतु वर्तमान में 31 हजार हेक्टेयर के करीब भूमि पर खेती की जाती है। यहां भूमिगत जल स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है। किसान भी बारिश के समय फव्वारा चलाते, सउ़क तथा रास्तों में फव्वारा चलाते देखे गये हैं। करीब 20 वर्षों में कनीना क्षेत्र में हुई वर्षा पर नजर डाले तो पता चलता है कि वर्ष 1995 व 1996 में कुछ वर्षा हुई जबकि अन्य वर्ष अल्प वर्षा हुई है।
कितनी हुई वर्षा-
वर्ष 1995 से अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार कम वर्षा होती आ रही है।
प्रथम जनवरी से 31 दिसंबर तक होने वाली वर्षा
वर्ष वर्षा मिमी में
1995 490
1996 492
1997 435
1998 295
1999 213
2000 280
2001 105
2002 210
2003 336
2004 229
2005 312
2006 118
2007 221
2008 319
2009 189
2010 304
2011 196
2012 326
2013 259
2014 219
2015 221
2016 235 2017 230
2018 243
2019 229
2020 238
2021 205
2022 216
घटते जल स्तर को लेकर कृषि वैज्ञानिक हैं चिंतित-
घटते जल स्तर को लेकर कृषि वैज्ञानिक हैं चिंतित हैं। इस संबंध में कृषि वैज्ञानिकों ने 2014 से अब तक दर्जनों गांवों में किसान शिविर लगाकर आने वाली जल समस्या के बारे में जानकारी दी चुकी है। ताप, वायु, हिम, वर्षा में बदलाव के पीछे सूर्य की ऊष्मा में बदलाव, महासागरों के जल बहाव में परिवर्तन, जीवाष्मी ईंधन का अधिक जलाना, वनों की कटाई, शहरों के आस पास अंधाधुंध भवन निर्माण, जल का दोहन आदि प्रमुख कारण माने जा रहे हैं जिसके चलते ग्रीन हाउस प्रभाव बनता है जिसके कुप्रभावों में पृथ्वी का अधिक गर्म होना, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी, वर्षा की मात्रा में बदलाव, अधिक कार्बन डाइआक्साइड के चलते उगने वाली पौधों की प्रजातियों में प्रभाव पड़ता है।
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक-
पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि वे किसानों को शिविर लगाकर समझा रहे हैं कि वर्षा की कमी या प्रतिकूल होने के क्या कारण है जिसके लिए किसान अहं योगदान दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि भूमिगत जल स्रोतों को पुन: प्रभावी करके, सिंचाई के लिए आधुनिक मशीनों एवं तरीकों को अपनाकर, धान की अवशेष, गेहूं के भागों को जलाना नहीं चाहिए। उनके अनुसार अधिक से अधिक पौधारोपण करके, ऊर्जा के नवीनीकरण तरीकों को अपनाकर, फसलों में कम से कम रासायनिक पदार्थ डालकर, गोबर गैस का प्रयोग करके, खान पान की आदतों में बदलाव करके, जल का कम दोहन करके, फसल की आवश्यकतानुसार सिंचाई करके भू जल स्तर को कम होने से बचाया जा सकता है। अगर इसी प्रकार वर्षा के जल का दोहन हुआ तो आने वाले समय में गंभीर समस्या बन जाएगी।
फोटो कैप्शन 09: कनीना के जोहड़ जिनमें खड़ा भारी मात्रा में जल
नव वर्ष के लिए वितरित किये भगवा ध्वज
-22 मार्च को मनाएंगे पर्व
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कनीना। विक्रमी संवत 2080 जो कि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है उसके लिए एक दिन पहले महेश बोहरा व्यापारियों के अंदर भगवा ध्वज वितरण किए।
श्री बोहरा ने कहा कि यह ध्वज जो आप सभी को कल अपने घरों पर अपने प्रतिष्ठानों के ऊपर लगाने हैं और नया साल अपने घर में खीर-पूरी का प्रसाद बनाकर आसपास एवं मोहल्ले में वितरित करना है। इस दौरान हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक महेश बोहरा ने कहा कि ओम का झंडा लगाना चाहिए ताकि हर समय परिवार व पड़ोसियों को भी परमात्मा के प्रति लगन और विश्वास रहे।
मोहन सिंह पूर्व पार्षद ने कहा कि ऊं में ही सब समाया है। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के अवतार के रूप में श्री राम ने जन्म लिया और राक्षसों का विनाश कर धरती को राक्षसों से मुक्त कराया। हम सब को भगवान श्री राम के पद चिन्हों पर चलते हुए समाज को एक अच्छी दिशा में ले जाना चाहिए ताकि समाज से बुराईयों को दूर भगाया जा सके।
इस मौके पर विकास परिषद के अध्यक्ष शाखा कनीना पार्षद मोहन सिंह, श्यामसुंदर महाशय, गौरी शंकर शर्मा, हिमांशु बंसल, गोविंद यादव, राजकुमार यादव एडवोकेट, मनोज शर्मा, मुकेश सेठ, चंचल, मेहंदी रत्ता, करण अरोड़ा, अजय गोयल, मनीष गोयल, प्रेम सिंगला, बाबा बिल्लू, आशीष यादव, कृष यादव, केशव यादव, प्रभात सिंह, सोनू सैनी, विकास शर्मा, मनु शर्मा, सोनू पंसारी, कुलदीप बोहरा, देशराज यादव, डाक्टर विनोद, बिजेंद्र यादव, छोटू आदि गणमान्य लोगों ने ध्वज ग्रहण किया।
फोटो कैप्शन 8: नव वर्ष के लिए ध्वज वितरित करते हुए।
प्रश्रकाल दौरान कनीना में बाइपास बनाने पर विचार का किया स्वागत
-महेंद्रगढ़-रेवाड़ी का स्टेट हाइवे बनेगा फोरलेन
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कनीना की आवाज। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा महेंद्रगढ़-रेवाड़ी का स्टेट हाइवे फोरलेन बनेगा तथा ट्रैफिक रिपोर्ट के अनुसार कनीना में अभी बाईपास बनाने की आवश्यकता नहीं लेकिन भविष्य को देखते हुए सरकार कनीना में बाईपास बनाने पर करेगी विचार पर कनीनावासियों की नजर टिक गई है।
महेंद्रगढ़ से रेवाड़ी का करीब 51 किमी लंबा मार्ग है जो कनीना होकर गुजरता है इसके फोरलने बनाये जाने की बात चली है जिस पर लोगों में खुशी है। करीब 20 वर्ष पहले इस मार्ग पर स्टेट हाइवे के बोर्ड लगाये गये थे तभी से कनीनावासी भविष्य को देखते हुए फोर लेन बनाये जाने की आश लगाये बैठे हैं। आखिरकार डिप्टी सीएम ने प्रश्नकाल दौरान यह बात कही है। उधर कनीना में भारी वाहनों के दृष्टिगत वर्तमान में ही बाइपास बनाने की जरूरत है। कनीना के सैकड़ों लोगों ने मांग की है कि अविलंब बाइपास बनाकर रेवाड़ी महेंद्रगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाया जाए। कनीना के विकास के दृष्टिगत भी यह जरूरी बन गया है।
उल्लेखनीय है कि कनीना एक उपमंडल है जो अटेली, नारनौल, कोसली, रेवाड़ी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ आदि विभिन्न मार्गों से जुड़ा हुआ है तथा दूर दराज जाने के लिए कनीना होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में कनीना में बाईपास के साथ साथ फोरमार्ग लेन की जरूरत है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट की मांग को लेकर धरना नौवें दिन भी रहा जारी
-जनसमर्थन मिलना जारी
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव सेहलंग- बाघोत के बीच से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर कट के लिए 40 गांवों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को नौवें दिन भी जारी रहा। 9 मार्च 2022 को केंद्रीय मंत्रि सड़क परिवहन नितिन गडकरी ने सीएम मनोहर लाल खट्टर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की मौजूदगी में सेहलग-बाघोत कट को मंजूर किया था। उसके बाद केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक को ज्ञापन दिया जा चुका है व एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई। अब क्षेत्र के 40 गांवों के द्वारा पिछले 9 दिनों से कट की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने वादे को अभी भी पूरा नही करती है तो सभी लोग आमरण अनशन व रोड़ जाम करने के लिए विवश होंगे।
उधर राजेंद्र भारद्वाज ने बताया कि कट को लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को एक ज्ञापन राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव, विधायक अभय सिंह व विधायक लक्ष्मण यादव भी संयुक्त रूप से दिया है। ज्ञापन में कई विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
राजपूत सभा महेंद्रगढ़ ने धरने को समर्थन दिया इनेलो जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला प्रमुख सुरेंद्र कौशिक ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरने को समर्थन दिया। आरजेपी के युवा प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर बसई ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर धरने को समर्थन दिया। दलबीर सिंह, विजय सिंह चेयरमैन राजपूत सभा के अध्यक्ष, सवाई सिंह राठौड़, पंकज हिंदू सरपंच खेड़ी तलवाना, वीरपाल सिंह सरपंच स्याणा, बलवान सिंह सरपंच छितरौली, हरिओम सिंह सरपंच पोता, प्रदीप ठेकेदार खेड़ी, शिवकुमार खेड़ी, रणधीर पहलवान बाघोत, राजेंद्र सरपंच बाघोत, सुनील यादव, सत्यवीर पोता, भवानी शर्मा जाट, लाल सिंह बसई, सुधीर कुमार सिंह आदि समर्थन में पहुंचे।
फोटो कैप्शन 7: धरना स्थल पर कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जिम्मेदार बने क्योंकि जीवन बहुमूल्य है
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हानी में सड़क सुरक्षा शिक्षार्थ के उद्देश्य से स्थापित ट्रैफिक इंटरप्रिटेशन सेंटर के तत्वाधान में सड़क सुरक्षा अभियान'के तहत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय की छात्राओं ने बड़ चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. विक्रम यादव ने की। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक युवा का यह सामाजिक दायित्व भी है कि वह स्वयं सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत होकर जनसाधारण को भी उन नियमों के बारे में जागरूक करे क्योंकि आज बड़ी संख्या में लोग लापरवाही तथा नियमों की अनदेखी करने से सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं के बारे मे अत्यंत ही प्रभावशील व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में शिवानी ने प्रथम, रीना ने द्वितीय व स्नेहलता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
स्लोगन व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में रीना और प्रियंका ने प्रथम, तमन्ना और भारती ने द्वितीय, राखी और प्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में तन्नू, आरजू, पारुल क्रमश प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रही।
प्राचार्य महोदय ने कार्यक्रम संयोजक श्री दिनेश कुमार को कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार से डॉ. सुधीर यादव, डॉ. सीमा, नीतू कुमारी, सोमेशचंद, राजेश कुमार, सीमा, अनिल कुमार, हरपाल सिंह, मोनू यादव, कंवर सिंह, रामकिशन आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: राजकीय कालेज उन्हाणी के अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते प्राचार्य।
नव वर्ष तैयारियां जारी, 22 मार्च से हैं नवरात्रि
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कनीना की आवाज। नवरात्रे एवं हिन्दू नव वर्ष 2080 के प्रारंभ होने जा रहे हैं। मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं। कनीना के महेश कुमार बोहरा, श्याम सुंदर महाशय, देशराज, सुरेंद्र सिंह , मोहन पार्षद आदि ने लोगों से अपील की कि धूमधाम से नव वर्ष मनाए।
22 मार्च को क्षेत्र में नवरात्रों का आगाज हो रहा है। इस मौके पर व्रत रखाने एवं पुराने अन्न को नौ दिनों तक शरीर से समाप्त करके नए अन्न को ग्रहण करने का नियम है। मौसम के बदलाव से नया अन्न तुरंत शरीर में ग्रहण नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि इस दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। राम नवमी के दिन नवरात्रों को समाप्त कर दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सम्म्त नाम से जाना जाता है।
महाराजा विक्रमादित्य द्वारा चलाया गया विक्रमी संवत आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रासंगिक है। इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य ने हूणों पर विजय प्राप्त करके अक्सास नदी में घोड़ों को जल पिलाया था। तभी से आज तक यह पर्व चला आ रहा है।
क्या है नव संवत-
22 मार्च को पूरे ही देश में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नव संवत्सर का पर्व मनाया जा रहा है। विश्व का सबसे पुराना संवत नव संवत्सर जिसे वर्ष प्रतिपदा, उगादि पर्व तथा गुड़ी पाड़वा नामों से जाना जाता है। माना जाता है है कि ब्रह्मïाजी ने इसी दिन सृष्टिï की रचना की थी जिसके चलते इस दिन दिन ब्रह्मा की भी पूजा की जाती है।
उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नवसंवत्सर 22 मार्च से 2080 शुरू हो रहा है।
विक्रमादित्य ने अपने बल पर शकों का नामोंनिशान मिटा अश्वों को आक्सस नदी का पानी पिलाया था। अपनी जीत की खुशी में विक्रमी संवत का श्रीगणेश किया था। इसी दिन को हिन्दू अपना नववर्ष मानते हैं। विक्रमादित्य ने अपने पिता गंधर्वसेन की मृत्यु का बदला लिया था।
फोटो केप्शन 06: नव वर्ष को लेकर महेश कुमार नव वर्ष के ण्ंडे वितरित करने की तैयारी में।
राजकीय महाविद्यालय कनीना के विद्यार्थियों ने तंबाकू मुक्त समाज निर्माण हेतु ली शपथ
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय कनीना में तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्था के नोडल कार्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों को तंबाकू व तंबाकू से बने उत्पादों का प्रयोग न करने की प्रतिज्ञा दिलाई गई।
उक्त जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डा. हरिओम भारद्वाज ने बताया कि तंबाकू व तंबाकू से बने उत्पाद आज समाज में व्यापक असर दिखाते हुए नाश का कारण बन रहे हैं। विद्यार्थियों को शपथ दिलाते हुए डा. भारद्वाज ने बताया कि विद्यार्थियों को शपथ दिलाने का यही उद्देश्य है कि वे अपनी बात को अधिक प्रभावी ढंग से समाज में रख सकते हैं। शैक्षणिक संस्थानों सहित समाज में भी तंबाकू से जुड़े उत्पादों का प्रयोग न करने के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य युवा वर्ग ही अधिक ऊर्जा के साथ कर सकता है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने भी विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की सलाह दी। एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कांता यादव ने कहा कि नशा ही करना है तो अच्छी बातों का करो। बुरी बातें और बुराई से दूर रहकर एक अच्छे समाज व अच्छे राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ भारती यादव एवं संदीप यादव कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना ने संयुक्त रूप से बताया कि समाज बहुत तेजी से बदल रहा है और इसमें अब बहुत विकृतियां आ गई है। अब समय आ गया है कि विद्यार्थियों को समाज कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी तथा एक सभ्य समाज की स्थापना करनी होगी। हमें अपने अधिकार एवं कर्तव्यों को बखूबी समझना होगा तथा अपनी भूमिका निर्धारित करनी होगी। आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है।
इस अवसर पर श्री अनिल कुमार, कंवरपाल, गजानंद, छोटेलाल महेश कुमार प्राध्यापक सहित सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: कनीना कालेज में तंबाकू निषेध की शपथ लेते विद्यार्थी।
सोमवार को हुई 6 एमएमए बारिश, धरती पर लेटी फसल में हो रहा है नुकसान
-किसानोंने की मुआवजे की मांग
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कनीना की आवाज। लगातार बारिश से किसानों की फसल को नुकसान होता ही जजा रहा है। रविवार को अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि ने जहां गेहूं एवं सरसों फसल को नुकसान पहुंचाया था वहीं अभी बारिश का सिलसिला रुका ननहीं है। सोमवार को 6 एमएम बारिश और हो गई। जहां सरसों की फसल काट कर डाली हुई थी वो पानी में तैरती नजर आ रही है वहीं गेहूं की फसल धरती पर लिटा दी गई है। किसानों की सारी आशाओं पर पानी फिर गया है। जहां ओलावृष्टि हुई है वहां 40 से 70 फ़ीसदी तक नुकसान आंका जा रहा है।
कनीना क्षेत्र में जहां गेहूं की फसल को धरती पर लिटा दिया गया है, उस पर ओलावृष्टि और बारिश ने गेहूं की फसल को मिट्टी में मिलाने में कसर नहीं छोड़ी है। वही सरसों की कटाई पूरे यौवन पर चल रही थी। काट कर डाली हुई फसल बिखर गई, मिट्टी में मिल गई तथा पानी खड़ा होने से काटकर डाली फसल में नुकसान हो रहा है। किसान बेहद परेशान है। उनकी मांग है कि विशेष गिरदावरी करवाई जाए और उचित मुआवजा दिया जाए।
किसान सूबे सिंह, महिपाल सिंह, गजराज सिंह, कृष्ण कुमार, अजीत कुमार, महेश कुमार, राजेंद्र सिंह आदि का कहना है कि बड़ी आशा के साथ रबी फसल उगाई थी। कुछ कर्जा पूरा करने एवं नये काम करने की इच्छा थी किंतु पहले पाले ने और अब बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है जिससे ये काम रुक गये हैं। गेहूं भी की कटाई भी महंगी हो गई है। मजदूर अधिक कटाई लेंगे वही सरसों भी फसल खेतों में पड़ी मिट्टी में मिल गई है।कहना है कि बारिश, अंधड़, पाला और सर्दी आदि ने बार-बार उनकी रबी की फसल को क्षति पहुंचाई है जिसके चलते अब किसी प्रकार के विशेष कार्य कर पाना संभव नहीं लग रहा है।
कनीना के खंड कृषि अधिकारी डा. मनोज कुमार ने बताया कि गेहूं में 30 से 40 फ़ीसदी नुकसान हो चुका है वहीं खड़ी हुई सरसों की फसल में 50 फ़ीसदी नुकसान हुआ है। काट कर डाली गई सरसों की फसल में 15 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ है। उधर पूर्व विषय विशेषज्ञ डा देवराज का कहना है कि हर प्रकार से बारिश नुकसानदायक है। बारिश का इस समय कोई लाभ नहीं है। ओलावृष्टि का तो भारी नुकसान पहुंचा है।
फोटो कैप्शन 03: गेहूं की लेटी हुई ओलावृष्टि और अंधड़ से नुकसान दिखाते किसान
दो दिवसीय शहीद स्मारक यात्रा करेंगे मदन मोहन कौशिक
-आठ बार यात्रा कर चुके हैं
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में अंग्रेजी के प्रवक्ता तथा ग्राम झगड़ोली निवासी मदन मोहन कौशिक महेंद्रगढ़ के राव तुलाराम चौक से शहीद ए आजम भगत सिंह की समाधि हुसैनीवाला जिला फिरोजपुर भारत-पाकिस्तान सीमा तक की दो दिवसीय बाइक यात्रा की शुरुआत बृहस्पतिवार 23 मार्च को प्रात: पांच उनके बलिदान दिवस पर करेंगे। अपनी यात्रा की जानकारी देते हुए मदन मोहन कौशिक ने बताया कि उनकी यात्रा महेंद्रगढ़ दादरी,कलानौर, जींद, नरवाना, संगरूर, बरनाला मोगा के रास्ते फिरोजपुर व हुसैनीवाला पहुंचेगी, जहां आजादी के महान क्रांतिकारियों भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के अलावा भगत सिंह की मां विद्यावती देवी की समाधि पर तथा भगत सिंह के अभिन्न मित्र बटुकेश्वर दत्त की समाधि पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे तथा शाम को हुसैनीवाला बार्डर पर बीएसएफ की परेड का भी अवलोकन किया जाएगा उनकी यात्रा वापसी में तरनतारन अमृतसर जालंधर लुधियाना,भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कला,सरहिंद, चंडीगढ़ अंबाला पानीपत रोहतक होते हुए महेंद्रगढ़ प्रस्थान करेगी तथा जलियांवाला बाग के शहीदों को अमृतसर में तथा सरहिंद के पवित्र गुरुद्वारे में सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादों फतेह सिंह और जोरावर सिंह को नमन किया जाएगा।
फोटो कैप्शन : मदनमोहन कौशिक
विश्व जल दिवस पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताएं
-अव्वल विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन जिला महेंद्रगढ़ की टीम द्वारा विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य पर खंड स्तर का आयोजन सीवीएस इंटरनेशनल स्कूल ककराला में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार उपस्थित रहे।
इस मौके पर जल जीवन संवाद जल संरक्षण जल की गुणवत्ता संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए।इसके साथ-साथ जलजीवन मिशन, कैच द रैन विषय पर पेंटिंग और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका प्राचार्या शकुंतला , शिक्षिका ज्योति, दीपिका,पूनम ने निभाई। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल निदेशक मुनेश्वर दयाल ने की। उन्होंने बताया की पेयजल संकट आज एक वैश्विक समस्या बना हुआ है समय रहते अगर इस पर कार्य नहीं किया गया तो यह समस्या और भी गंभीर होती जाएगी।
स्कूली छात्रों को हर हाल में जल संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए और विभिन्न प्रकार की जल संरक्षण टिप्स भी बताए गए।
खंड संसाधन समन्वयक मोहित कुमार बताया कि जल के संकट को ध्यान में रखते हुए आमजन को जल सुरक्षित रखना होगा तभी हमारा कल सुरक्षित हो सकता है धरती मां की कोख से जल्द लगातार नीचे जा रहा है जो चिंता का विषय बना हुआ है। इंसानों में होने वाली बीमारियों का कारण भी दूषित जल है साथ ही गांव में जो हर तालाबों की लगातार होती कमी से भोजन रिचार्ज में कमी आई है जिस वजह से पेयजल संकट गहराता जा रहा है। हम सबको मिलकर जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करना होगा।
स्लोगन लेखन में प्रथम स्थान पर संयुक्त रूप से अन्नुश्री इशाना रही दूसरे स्थान पर हिमांशी चौहान और तीसरे स्थान पर नेहा रही। वही पेंटिंग मे पहले स्थान पर ग्रेसी, दूसरे स्थान पर माही यादव, तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से अनुष्का और हर्ष रहे। सभी विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर निदेशक मुनेश्वर दयाल, सरोज, मनीषा ,मंजू, पूजा, दीपक ,विनय ,सीमा, सुदेश सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: जल दिवस के अवसर पर अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते स्कूल शिक्षक।
दुकान का ताला तोड़कर हजारों रुपये का सामान एवं नकदी चोरी
-दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में भालखी गांव की एक दुकान का ताला तोड़कर अंदर से हजारों रुपये का सामान एवं नकदी चोरी हो गये। दशरथ भालखी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
उन्होंने पुलिस में बताया कि उनकी दुकान भालखी गांव में नहर के पास है। रात को वह दुकान का ताला लगाकर अपने घर गया था किंतु सुबह वापस आया तो देखा कि दुकान के आगे लगाये गये जाल का ताला टूटा हुआ है। अंदर जाकर पता लगा 15 हजार रुपये की नकदी, दो गैस सिलेंडर, एक इनवर्टर एवं बैटरी अज्ञात चोर चोरी कर ले गये। उनकी शिकायत पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
नहीं खुला मौसम,किसान बेचैन
-सोमवार रात को फिर से हुई बारिश
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कनीना की आवाज। मौसम न खुलने से किसान बेचैन हैं। मंगलवार को भी आकाश में बादल छाए रहे तथा सोमवार की रात 6 एमएम बारिश के कारण काट कर डाली गई फसल फिर से भीग गई है। बार-बार बारिश ने किसानों की आफत कर दी है। लगातार प्री मानसून ने सावन सावन की याद दिला दी है। बारिश आसमान से हो रही है किंतु किसानों की आंखों से आंसू की झड़ी लगी हुई है। किसानों की भावी सभी कामों पर विराम लग गया है। जहां भी देखें वर्षा का जल भरा हुआ है। बारिश के कारण जहां खेतों में किसान जाकर देखते हैं और वो मन मसोस कर वापस आ जाते हैं। वास्तव में किसानों के सारी अरमानों पर पानी फिर गया है। जहां एक हिंदू नव वर्ष व नवरात्रि मनाए जाने की खुशी होनी चाहिए थी किंतु किसान दुखी नजर आ रहे है। उन्हें नहीं लगता कि अब जो फसल से कुछ पैदावार ले पाएंगे क्योंकि बारिश की फसल को सूखने नहीं दे रही जिसके चलते अब वो सोच नहीं पा रहे हैं कि क्या किया जाए। जब तक काट कर डाली गई फसल नहीं सूख जाती आगे की कार्रवाई संभव नहीं हो पाएगी। किसानों कहना है कि अब तो मौसम खुलने का इंतजार करना पड़ेगा किंतु मौसम विभाग अभी और प्री मानसून की सूचना दे रहा है। जिससे किसानों की परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। अब देखा जाना है कब तक मौसम खुल पाएगा और किसान अपनी फसल से बची हुई पैदावार ले पाएंगे।
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