Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, March 27, 2023

 
कौशल विकास केंद्र का हुआ उद्घाटन
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे में सोमवार को हरियाणा कौशल विकास केन्द्र का उद्घाटन आरएसएस संघ के खंड संचालक शिव कुमार व जिला कोर्डिनेटर अनिल कुमार ने रिबन काटकर व दीप प्रज्ज्वलित कर की। इस मौके पर शिव कुमार व अनिल ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल रोजगार मिशन को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा कौशल विकास केन्द्र खोला जा रहा है। जिससे युवा नि:शुल्क अपनी कौशलता को बढ़ाकर रोजगार प्राप्त कर सके। इस केन्द्र पर विद्यार्थियों को डोक्यूमेंटेशन एक्जिक्यूटिव की कार्य कौशलता नि:शुल्क सिखाई जाएगी। अनिल ने बताया कि हरियाणा कौशल केन्द्र एसबीआई बैंक के सामने, गाहड़ा मौड़ पर स्थित है। इस उपलक्ष्य पर शाखा कार्यवाहक डा. विनोद, सुरेन्द्र साहब, जिला कार्डिनेटर अनिल कुमार, केन्द्र संचालक संदीप मालड़ा, कमलेश यादव, ममता भडफ़, रीना लूखी, पवन धनौंदा सहित समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन करते हुए शिव कुमार एवं अन्य।







अभी तक कोई आवक नहीं हुई है कनीना मंडी में
-सूनी नजर आती है मंडी
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कनीना की आवाज। यद्यपि हरियाणा सरकार ने 5450  रुपये प्रति क्विंटल सरसों जबकि गेहूं 2135 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का एमएसपी निर्धारित किया है किंतु कनीना अनाज मंडी में अभी तक सरसों और गेहूं की कोई आवक शुरू नहीं हुई है। जहां कनीना में इस बार 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की गई है जबकि 10 हजार हेक्टेयर गेहूं की बिजाई की गई है। ओलावृष्टि एवं पाले से फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान सकते में हैं।
 दोनों ही फसलों पर पहले पाले की मार सहन कर चुकी हैं और अब आंधी, बारिश एवं ओलावृष्टि का कुप्रभाव पड़ा है जिसके चलते इस बार गेहूं और सरसों अनाज मंडी में देरी से आने की संभावना है। यद्यपि दो दिनों से मौसम खुला है किंतु किसान गेहूं की लावणी में लग गये हैं। कनीना में करीब 38 आढ़ती सरसों एवं गेहूं आने का इंतजार कर रहे हैं। साल में दो बार अनाज मंडी में आवक होती है किंतु अभी तक रबी फसल पैदावार की कोई आवक शुरू नहीं हुई है।
फोटो कैप्शन 7: बिन आवक के सूनी पड़ी कनीना अनाज मंडी।









152-डी राष्ट्रीय मार्ग पर  कट के लिए 15वें दिन भी धरना जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर कट के लिए सेहलंग बाघोत  के बीच कट बनाने के लिए पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना जारी है। सोमवार को सूबेदार गोविंद सिंह कटारिया बाघोत की अध्यक्षता में धरना जारी रहा।
सोमवार को धरना संघर्ष समिति के प्रधान विजय सिंह चेयरमैन वह महावीर पहलवान  ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व महेंद्रगढ़ भिवानी के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह को भी इस बारे में ज्ञापन सौंपा। मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व चौधरी धर्मवीर सिंह ने विश्वास दिलाया है कि जल्दी ही उनकी इस जायज मांग को पूरा किया जाएगा और  नितिन गडकरी मंत्री भारत सरकार से मिलकर इस कार्य को अति शीघ्र शुरू करवाने का भरसक प्रयास  करेंगे।  उन्होंने इस बात का भी समर्थन किया कि यहां यह कट इस क्षेत्र विशेषकर बाघेश्वर धाम, एनटीपीसी प्लांट, आईएमटी खुडाना, सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा और आस-पड़ोस के 40 गांव के लिए बहुत फायदेमंद होगा। अत: उनकी इस जायज मांग को माननीय मंत्री से मिलकर अति शीघ्र पूरा करवाने का भरसक प्रयास करेंगे। आज के धरने में आस-पड़ोस के काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए और सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना इसी प्रकार से जारी रहेगा।  धरना स्थल पर संतोष कुमार, रणघीर पहलवान, सतपाल पोता, मास्टर धर्मवीर पोता, पंकज सरपंच खेड़ी, वीरपाल सरपंच स्याण, रामजस, विजयपाल सेहलंग, डॉ लक्ष्मण सेहलंग, सत्यवीर चेयरमैन पोता,  एडवोकेट  के पी,सोनू तंवर , डॉक्टर धनखड़ छितरौली, मनजीत सेहलंग के अतिरिक्त ठाकुर अतरलाल भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 14: धरना स्थल पर बैठे लोग
           15: मंत्री राव इंद्रजीत को ज्ञापन देते महाबीर पहलवान एवं अन्य
            16:सांसद धार्मवीर को ज्ञापन देते महाबीर पहलवान एवं अन्य।










ट्रांसफार्मर हटाने के लिए प्रशासन से लगाई गुहार
-यहां तीन सालों में तीन भैंस तथा एक बछिया की करंट से हो चुकी है मौत
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव चेलावास में अटेली रोड़ पर स्थित रमेश कुमार एवं राम सिंह आदि के घरों के ऊपर से गुजरने वाली एचटी लाइन और पास में रखा ट्रांसफार्मर हटाने की मांग की है। आज उन्होंने अपनी समस्या पूर्व सीपीएस अनीता यादव को बताई और बताया कि 3 भैंसें और एक बछिया यहां करंट से मर चुकी हैं।
 अनीता यादव ने बताया कि 33 केवी का एक ट्रांसफार्मर है जिसमें 11-11 हजार की 2 लाइनें गुजर रही है। वहीं छतों के ऊपर से लाइन गुजर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तुरंत प्रभाव से ट्रांसफार्मर अन्यत्र ट्रांसफर स्थानांतरित कर देना चाहिए।
 इस मौके पर आसपास के लोगों ने ट्रांसफार्मर को लेकर के रोष प्रकट किया। उन्होंने इसे अविलंब अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की है।
 फोटो कैप्शन 12: चेलावास के लोग और रोष प्रकट करते हुए साथ में अनीता यादव पूर्व सीपीएस।









स्वतंत्रता सेनानी व जांबाज सैनिक ही हमारे असली हीरो-मदन मोहन कौशिक
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय कनीना के राष्ट्रीय सेवा योजना के तीसरे दिन आज गांव कोटिया के बृजेश्वर मंदिर में स्वच्छता अभियान चलाया तथा प्रकृति की गोद में बसे सुरम्य वातावरण में स्थित इस मंदिर की सफाई की।  उपरोक्त जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना की यूनिट के प्रभारी संदीप यादव ककरालिया तथा प्रोफेसर भारती  ने स्वयंसेवकों के कार्य की प्रशंसा की तथा उन्हें अनुशासन के गुर बताएं।
 इस अवसर पर मोटिवेशनल स्पीकर तथा मुख्य अतिथि के रूप में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक रहे उन्होंने  स्वयंसेवकों का आह्वान किया की आजादी के महानायकों तथा शहीदों का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। सदा उन्हीं की बदौलत हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने  क्रांतिकारियों और  भारतीय सैनिकों को अपना असली हीरो बताते हुए कहा जब वे सीमाओं पर जागते हैं तो हम अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायकों से प्रेरणा ग्रहण करने की अपील की।  इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्यार्थियों को नशा मुक्ति तथा मद्य पान व धूम्रपान से होने वाली हानियों के बारे में भी विस्तार से बताया तथा युवाओं का आह्वान किया कि नशा अंधकार के द्वार खोल देता है। अत: वे हर हालत में नशे से दूर रहें। वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।  विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित गांव के ही रिटायर्ड सूबेदार निहाल सिंह यादव ने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे सादा जीवन तथा उच्च विचार अपनाकर भारतीय संस्कृति के वाहक बने तथा उच्च चरित्र धारण करके  एक सुंदर समाज का निर्माण करें। इस अवसर पर मंच संचालन स्वयंसेविका विशाखा किया तथा हितेश नितिन साहिल, नरेंद्र, दिनेश तथा कमल कुमारी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मदन  मोहन  कौशिक ने स्वंयसेवकों व कार्यक्रम अधिकारियों  कों तिरंगा झंडा  देश भक्ति के प्रतीक चिह्न के रूप मे भेट  किया।
फोटो कैप्शन 13: मदनमोहन कौशिक एनएसएस स्वयंसेवकों के साथ।








विधि विधान से करें मां कालरात्रि की पूजा-सुरेंद्र
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कनीना की आवाज। सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माता दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा मां कालरात्रि के रूप में की जाती है। सप्तमी की पूजा सुबह अन्य दिनों की तरह ही होती है लेकिन माता कालरात्रि की पूजा में विशेष विधान के साथ पूजा की जाती है जिसके लिए विशेष स्तर की शुद्धता नियम की जरूरत होती है।
माता कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है इनका वर्ण अंधकार की भांति काला और केस भी खरे हैं मां कालरात्रि के तीन नेत्र इस ब्रह्मांड में विशाल वह गोल हैं जिनमें से जिस तरह आकाश में बिजली चमकती है उसी तरह मां की नेत्रों से किरण निकलती है। मां का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों को नाश करने के लिए है। बाकी लोगों के लिए माता कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और उनका भला ही करती हैं।
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करके अपने मन क्रोध पर विजय पा सकते हैं। कालरात्रि साधक को ज्ञान देते हैं कि क्रोध का उपयोग स्वयं की सफलता के लिए कैसे करना है।
देवी का यह रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है। दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाजा खुल जाता है और भक्तगण पूजा स्थलों पर देवी के दर्शन हेतु पूजा स्थल पर जुटने लगते हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके और ध्यान रहे कि यह विशेष पूजा आपको रात्रि में ही करनी चाहिए ।मां कालरात्रि के सक्षम दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक-एक लोंग चढ़ाते जाएं लव का भोग लगाकर अग्नि में छोड़ते जाएं ऐसा करने से आपके घर की बाधाएं दूर होती हैं आपके शत्रु पराजय होते हैं। विजय की प्राप्ति होती हैं।
माता कालरात्रि को लगाया जाने वाला भोग- सप्तमी तिथि में माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-आराधना की जाती है। ये माता काल अर्थात बुरी शक्तियों का नाश करने वाली हैं इसलिए इन्हें कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। नवरात्र के सातवें दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन साधक को पूरे दिन का उपवास करने के बाद माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है।  इस प्रकार माता की पूजा करने से व्यक्ति पर आने वाले शोक से मुक्ति मिलती है व उपवासक पर आकस्मिक रूप से आने वाले संकट भी कम होते हैं।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र शर्मा






मौसम खुलते गेहूं की कटाई शुरू
-सरसों की पैदावार लेने की कार्रवाई जारी
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कनीना की आवाज। ज्यों ही मौसम खुला है किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है। वही सरसों की पैदावार लेने का कार्य भी शुरू हो गया है। परंतु अधिकांश किसान अभी तक सरसों पैदावार लेना नहीं चाहते क्योंकि वे मौसम के करवट बदलने पर नजर टिकाए हुए हैं।
 इस वक्त किसानों की सरसों की काटकर डाली गई फसल भीगी हुई है। जिसके चलते अगर इक_ी की हुई सरसों को फैलाते हैं और  बारिश हो जाए तो अधिक नुकसान होने का अंदेशा बन जाएगा। ऐसे में किसान बड़ी ही सोच समझ कर आगे कदम रख रहे हैं। कुछ किसान तेजी से अपनी सरसों की पैदावार लेने में लग गए हैं। किसान पूरी तरह से मौसम की मार झेल कर बची हुई फसल पैदावार लेने में हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं।
किसान राजेंद्र, महेंद्र, सूबे सिंह, दिनेश आदि ने बताया कि ओलावृष्टि एवं पाले से हुये नुकसान के बाद अब तो बची हुई पैदावार लेने का कार्य शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अब गेहूं की कटाई भी जल्दी कर रहे हैं। गेहूं की कटाई मजदूर छह हजार रुपये प्रति एकड़ लेते आये हैं उन्होंने भी अब  मजदूरी बढ़ा रहे हैं। चूंकि गेहूं की फसल धरती पर लेटी हुई है और किसान चाहते हैं कि जैसे-तैसे फसल पैदावार ले ली जाए ताकि भविष्य में होने वाले मौसम के फेरबदल से बचाव हो सके । लेकिन एक इस बार कनीना क्षेत्र में करीब 10 हजार हेक्टेयर पर ही गेहूं की बिजाई की गई थी जिसकी पैदावार लेना भी कठिन हो गया है। ऐसे में किसान अनुमान लगा रहे कि गेहूं ,सरसों एवं तूड़ी आदि के भाव भी बढ़ेंगे किंतु जो भी कुछ हो किसान अपनी गेहूं की कटाई शुरू कर दी है।
फोटो कैप्शन 09: कनीना क्षेत्र में गेहूं की टकटाई/लावणी करते हुए।







पालीथिन प्रयोग करके किसान पछताए
-काली पड़ गई हैं फलियां
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में करीब 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई करके बेहतर आय लेने की सोची थी। फसल पकने के करीब पहुंची तो पाले ने नष्ट कर दिया और बची हुई फसल पैदावार लेने की सोची तो ओलावृष्टि एवं बारिश ने खराब कर दिया।
  रही सही कसर किसानों द्वारा सरसों की काटकर डाली गई फसल के नीचे महंगे दामों पर लाकर पालीथिन बिछाने ने पूरी कर दी। बारिश का पानी पालीथिन पर जमा हो गया और वर्षा का जल धरती में नहीं जा सका। परिणामस्वरूप अब किसान सरसों की काटकर डाली गई फसल को फैला रहे हैं तो अपनी गलती का एहसास हो रहा है। अभी भी पालीथिन पर पानी जमा मिल रहा है।
  किसान सुनील, रमेश, बनवारीलाल , कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि काटकर डाली गई फसल को सूखाने के लिए बिखेरते हैं तो सरसों की फलियां काली निकल रही हैं। बदबू आ रही है तथा फफूंद लग गई है। उन्हें आशंका है कि दाने खराब हो गये किंतु पैदावार लेने पर ही पता चल पाएगा कि सरसों के दाने कितने खराब हो गये हैं?
क्या कहते हैं खंड कृषि अधिकारी-
कनीना खंड कृषि अधिकारी डा मनोज कुमार ने बताया कि किसानों को अब सरसों की फसल को फैला देना चाहिए और अच्छी प्रकार सूखाना चाहिए वरना फंगस लग जाएगी और नुकसान बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि काटकर इक_ी की गई सरसों की फसल को फैला देने से अगर वर्षा भी होती है तो नुकसान कम होगा।
फोटो कैप्शन 10: सरसों की काटकर डाली गई काली पड़ी फंगस लगी फसल।







धरना प्रदर्शन 29 को अटेली में
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कनीना की आवाज। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग ए को आरक्षण देने की मांग को लेकर 29 मार्च को अटेली मंडी तहसीलदार कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। उक्त जानकारी देते हुए धरना संयोजक समिति के सदस्य पदमेन्द्र जांगड़ा भडफ़ तथा दान सिंह प्रजापत ने कहा कि धरना प्रदर्शन का नेतृत्व प्रमुख समाज सेवी बसपा नेता ठाकुर अतरलाल करेंगे। उन्होंने कहा कि शहरों तथा कस्बों में पिछड़ा वर्ग-ए की आबादी 23 प्रतिशत से ऊपर है। इसलिए पंचायत संस्थाओं के चुनावों की तरह नगरपालिका, नगर परिषद तथा नगरनिगम के चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजसेवी अतरलाल ने पंचायत संस्था के चुनावों में पिछड़ा वर्ग ए को आरक्षण दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया था इसलिए उनके नेतृत्व में ही जिला के पिछड़ा वर्ग-ए के सभी कार्यकर्ता आगामी 29 मार्च को अटेली में तहसीलदार कार्यालय के समक्ष धरना देकर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहरलाल तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन दर्शन सिंह के नाम ज्ञापन सौपेंगे। उन्होंने कहा कि धरना तथा प्रदर्शन को लेकर पिछड़ा वर्ग-ए के लोगों में काफी उत्साह है।






अधिकारी सुने त्वरित गति से शिकायतें
-विधायक ने किया मौके पर ही शिकायतों का निपटारा
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कनीना की आवाज। कनीना खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में विधायक सीताराम यादव  ने आमजन को होने वाली असुविधा के समाधान के लिए एसडीएम कनीना व मंडल के सभी अधिकारियों की उपस्थिति में  जन समस्याएं सुनी।
 सबसे अधिक जन समस्याएं जन स्वास्थ्य विभाग में पानी के चलाने वाले कर्मचारी या अपंग मेडिकल, भूमि ,सड़क व नौकरी वाले की थी। कुछ शिकायतें व्यक्ति विशेष की वाहन प्रदूषण ,पुलिस व सफाई के बारे में थी। लगभग सभी शिकायतों के संबंधित अधिकारी से जानकारी लेकर तुरंत समाधान के  आदेश विधायक सीताराम यादव ने दिये।
कनीना में हर सोमवार को लगने वाले शिकायत निवारण कैंप से इलाके की आम जनता बहुत खुश है और आम आदमी शिकायत केंद्र में बेझिझक आ रहा है।  आम जन पहले इधर उधर भटकती रहती थी कि अब दिन निश्चित होने पर निश्चिंत  हो गई है। इस मौके पर अतर सिंह मंडल अध्यक्ष, सत्यवीर सेहलंग, मनोज कुमार कनीना ,  कंवर सैन वशिष्ठ,  राजेंद्र पोता,  अभिषेक भारद्वाज, सरिता भारद्वाज, राहुल मित्तल आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 11: कनीना में शिकायत सुनते विधायक सीताराम।



हनुमान जयंती पर होगा भंडारण एवं जागरण
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में हनुमान जयंती 6 अप्रैल को छठा विशाल जागरण एवं भंडारा आयोजित किया जाएगा।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हवा सिंह प्रधान कोटिया ने बताया कि हनुमान जयंती के अवसर पर 6 अप्रैल को सुबह हवन किया जाएगा तथा प्रसाद वितरित होगा। इसी समय बाबा बुर्जेश्वर का गुणगान किया जाएगा। बाबा के गुणगान करने के लिए सुरेश गोला, बाबी बघेल, मन्नू तंवर, अन्नू चौधरी, दिनेशा, प्रदीप सांगवान पहुंच रहे हैं। वही मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर रामेश्वर दास महाराज होंगे।







सरकारी स्कूलों ने प्रवेश के लिए छेड़ा अभियान
-राजकीय माडल स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना का समस्त स्टाफ इंचार्ज प्रधानाचार्य रमन शास्त्री के नेतृत्व में गांव भडफ़ में पहुंचा और ग्रामवासियंो को  कनीना खंड का एक मात्र सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सरकारी विद्यालय में दाखिले की अपील की। इस मौके पर विद्यालय में दी जाने वाली सुविधाएं  व पढ़ाई की रूपरेखा विस्तार से बताई  जिससे ग्रामवासी प्रभावित हुए और उन्होंने ज्यादा से ज्यादा बच्चों का दाखिला कनीना के माडल स्कूल में करवाने का आश्वासन दिया।  इस अवसर पर सरपंच पूनम शास्त्री ,नरेश प्रवक्ता, नीतीन, उमेद सिंह, अमरजीत सहित भारी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: माडल स्कूल कनीना में प्रवेश दिलाने की हिमायत करता स्टाफ।







डाक्टरी की पढ़ाई पूरी करके दिव्या कमा रही है मेट्रो अस्पताल में नाम
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कनीना की आवाज। कनीना की लड़की ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों से पढ़कर एमबीबीएस करके आज मेट्रो अस्पताल जयपुर जैसे अस्पताल में भी नाम कमा रही है।
कनीना के राव सतवीर सिंह बोहरा की पोती एवं कुलदीप की पुत्री दिव्या 2022 में एमबीबीएस करके आज मेट्रो अस्पताल में नाम कमा रही है। 26 वर्षीय दिव्या ने कनीना के सदासुख स्कूल से दसवीं तथा यहीं से 12वीं की परीक्षा पास की। न केवल अपने घर परिवार में अपितु खेत क्यार एवं घर का काम आदि में सेवा की अपितु नीमस अस्पताल  से उन्होंने एमबीबीएस किया है।। इससे पहले उन्होंने एक साल की कोचिंग लेकर एमबीबीएस की तैयारी की। एमबीबीएस पूरी होने के बाद आज मेट्रो अस्पताल जयपुर में सेवा दे रही है और मरीजों की देखभाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
 आज भी जब वह घर आती है तो अपने घर के काम में व्यस्त हो जाती है। माता पिता की 5 एकड़ जमीन होने की वजह से खेत क्यारका काम भी उन्होंने बखूबी से करना आता है। प्रतिभा के बल पर आज इस मुकाम तक पहुंची है।
 पढ़ाई के क्षेत्र में भी सदा अग्रणी रही है। ग्रामीण क्षेत्र से निकली हुई, इस प्रकार की प्रतिभाएं देश-विदेश तक नाम कमाती हैं। उनके पिता कुलदीप एक बीज की दुकान चलाते हैं।
कुलदीप ने बताया के प्रारंभ से ही दिव्या,डाक्टर बनने की इच्छा रखती थी जिसके चलते उन्हें 10 + 2 की पढ़ाई जीव विज्ञान से पास करने के बाद नेट की परीक्षा पास की। तत्पश्चात उनका प्रवेश निम्स अस्पताल जयपुर में हुआ। वहीं से अपनी पढ़ाई पूरी करके मरीजों की सेवा में लग गई है। उनके दिल में गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के प्रति आस्था और भाव देखने को मिलता है। महेश बोहरा बताते हैं कि जब दिव्या घर पर आती है तो बच्चों में ऐसे घुल मिल जाती है जैसे आज भी वह बच्ची हो और रंगोली आदि सजाने में अहम भूमिका निभाती है। उनकी इन अदाओं के चलते बच्चे भी उनसे प्रभावित है। उनके घर आने पर वह अपने मां-बाप की सेवा में तल्लीन हो जाती है किंतु खेत एवं घर के काम को आज भी नहीं भूलती। अपने माता पिता के साथ खेत कार में मदद करती है वहीं घर के काम में भी हाथ बंटाती है। उसे देखकर ऐसा नहीं लगता कि वह आज डॉक्टर है।
फोटो कैप्शन: दिव्या






























एक किसान की बेटी एमबीबीएस करके कर रही है जन सेवा
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कनीना की आवाज। हरियाणा में जहां बेटियों को गर्भ में ही मारा जा रहा है वही बेटी आज किस क्षेत्र में कम नहीं है। वे जहां घर के काम में कुशल होती हैं वहीं ऊंचे से ऊंचे से ऊंचे मुकाम को हासिल कर देश सेवा और जन सेवा बखूबी करती हैं। जसने उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है बेटियों को लिखाते पढ़ाते नहीं। ऐसा ही उदाहरण कनीना की एक बेटी रीतिका जिन्होंने अपने माता-पिता की सेवा की, घर का काम करवाया, चारा खेत से लाकर पशुओं को चारा चराया, दूध दोहने में मदद की, खेत में फव्वारा सेट आदि बदलने तथा सभी कृषि कार्यों में अपने पिता और माता की मदद करने के पश्चात नीट की परीक्षा पास कर एमबीबीएस कर ली। अब जन सेवा में लीन है। सबसे बड़ी बात है कि घर में कोई अधिक लिखा पढ़ा भी नहीं है।
अपने बल पर पहुंची इस मुकाम तक-
 रितिका अपने बल पर इस मकान तक पहुंची है। कनीना में एक नवंबर 1998 को जन्मी पिता दिनेश कुमार महज दसवीं पास है जबकि उनकी मां मंजू तीसरी कक्षा पास है। एमबीबीएस तक अपनी बच्ची को पहुंचाना बहुत कठिन काम था। किंतु बच्ची ने घर का काम करने के अतिरिक्त देर रात तक पढ़कर इस मुकाम तक पहुंच सिद्ध कर दिया कि मेहनत कभी असफल नहीं जाती है। करीब पांच साल एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद अब पीजीआईएमएस में प्रेक्टिस कर रही है तथा जन सेवा करने में अग्रणी है।
कहां से की पढ़ाई-
 पहली से पांचवीं कक्षा एसएनडी आदर्श स्कूल से पास करने के बाद कक्षा 6 से 12 तक की परीक्षा आरआरसीएम कनीना में पास की। अपनी मेहनत के बल पर इस मुकाम तक पहुंच गई है कि आज हर कोई उनकी प्रशंसा करने में जुटा हुआ है। महज एक साल सीकर से कोचिंग लेकर हरियाणा के पीजीआईएमएस में अपने पहले ही प्रयास में प्रवेश पा गई थी। फिर तो माता पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। और देखते ही देखते अब एमबीबीएस भी कर ली है।
खेत क्यार से रही है रुचि-
रितिका को अपने माता पिता से जितना लगाव है उतना ही पशु एवं खेत क्यार से रहा है। अब भी जब घर आती है तो पहले उन पशुओं की ओर दौड़ती है जिनकी सेवा करते हुए इस मुकाम तक पहुंची। तत्पश्चात अपने माता-पिता के खेत में अब भी कार्य करवाती है जिसे देखकर नहीं लगता कि यह एमबीबीएस की छात्रा है जो इतना छोटा काम माना जाने वाला काम भी कर सकती है।
कनीना के एक किसान की बेटी रीतिका वर्तमान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर ली है। अब तक को खेतों में दरांती और बाकड़ी चलाती थी किंतु अब वे अपनी मेहनत के बल पर एमबीबीएस की शिक्षा पा ली है और आपरेशन करने लगी है। वे अपनी मेहनत के बल पर इस मुकाम तक पहुंची है। पीजीआई रोहतक में एमबीबीएस की पढ़ाई कर करना कठिन काम है किंतु उनके लिए सरल काम रहा है।
क्या करते हैं माता पिता-
 उनके पिता दिनेश कुमार एक सामान्य किसान है और सारा खर्चा खेती से ही निकाल रहे हैं जबकि उनकी मां मंजू एक गृहणी है जो अधिक पढ़ी लिखी है दोनों ही माता तथा पिता बहुत कम पढ़े लिखे लेकिन उनकी पुत्री ने नाम रोशन किया है और डाक्टरी की पढ़ाई पूरी की है। वे दसवीं कक्षा से बुद्धिमान विद्यार्थियों में से एक थी। उन्होंने दसवीं की परीक्षा आरआरसीएम से दस सीजीपीए प्राप्त करके पास की और अपने विद्यालय में टापर रही थी।  10 + 2 की परीक्षा भी आरआरसीएम से 95 फीसदी अंकों से पास की थी। उनकी मेहनत पर सभी को नाज है। तत्पश्चात उन्होंने ओबीसी आल इंडिया एमबीबीएस के लिए 938वां रेंक प्राप्त किया था जबकि पीजीआई रोहतक में 13वां रैंक प्राप्त किया और अब रोहतक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करके जनसेवा में जुटी है। गांव या आस पास के कोई मरीज आ जाए तो हर प्रकार से उनकी सहायता करती है।उन्हें अपने माता पिता पर गर्व है जो किसान होकर भी अपनी पुत्री को इस मुकाम तक ले गए। माता पिता को अपनी पुत्री पर नाज है। उनके पिता दिनेश कुमार ने बताया कि घर पर भी जहां लावणी का काम, चारा डालना, झाड़ू पोछा लगाना आदि में जितनी तन्मयता से काम करती थी उतनी ही पढ़ाई में ध्यान लगाती थी। देर रात तक अध्ययन करती थी जिसके चलते वह आज एमबीबीएस की पढ़ाइ पूरी कर चुकी है।

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