गर्मी दिखाने लगी है रंग
--हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम में बदलाव
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है और सम्पूर्ण इलाके में धीरे धीरे तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है जिसकी वजह से गर्मी अपने रंग दिखाने लगी है । परन्तु जल्द ही मौसम एक बार फिर से करवट लेने वाला है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि मार्च महीने की शुरुआत से ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव और तापमान में उतार चढाव देखने को मिल रहा है और वर्तमान समय में सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में गर्मी धीरे धीरे अपने रंग दिखाने लगी है। जल्द ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम करवट लेने वाला है। क्योंकि 16 मार्च को एक नया मध्यम आकार का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से उत्तरी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बनने जा रहा है जो अरब सागर दक्षिणी पश्चिमी और बंगाल की खाड़ी की दक्षिणी पूर्वी नमी वाली हवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। जिसके नतीजन सशक्त मौसम प्रणाली बनने से पूर्वी और पश्चिमी हवाओं के टकराव से उत्तरी मैदानी राज्यों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश के साथ भारत के अधिकतर हिस्सों में 16-21 मार्च के दौरान गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की और तेज गति से हवाएं चलने अंधड़ चलने की और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों की संभावनाएं बन रही है इस दौरान सम्पूर्ण इलाके पर बादल अपना डेरा जमा लेंगे इस लिए भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है । हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 50-60त्न हिस्सों में इस मौसम प्रणाली का प्रभाव देखने को मिलेगा। वर्तमान परिदृश्य में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन का तापमान 29.0 डिग्री सेल्सियस से 35.2 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का अधिकतम तापमान क्रमश 34.8 डिग्री सेल्सियस और 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा गर्म दिन महेंद्रगढ़ का रहा है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है आज अधिकतर स्थानों पर 13.0 डिग्री सेल्सियस से 17.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश 16.0 डिग्री सेल्सियस और 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है आने वाले दो दिनों तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली और विशेषकर जिला महेंद्रगढ़ में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी और उसके बाद दिन के तापमान में गिरावट और रात्रि तापमान में हल्की बढ़त दर्ज होगी।
मिलकर यौन उत्पीडन और यौन शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करनी चाहिए- डॉ पूर्ण प्रभा
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के यूथ रेडक्रास और एनएसएस व महिला प्रकोष्ठ के सानिध्य में और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से तथा प्राचार्या डॉ पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में यौन उत्पीडऩ और यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई विषय पर जागरूकता व्याख्यान आयोजित किया गया। प्राचार्या डा पूर्ण प्रभा ने अपने संबोधन में बताया कि यौन उत्पीडऩ वर्तमान समाज की एक गंभीर समस्या बन गई है। छात्राओं को डरने की बजाय हिम्मत से काम लेना चाहिए और इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने का प्रयास करना चाहिए ।हमें हमेशा यौन उत्पीडऩ और यौन शौषण के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करनी चाहिए। साथ ही साथ महाविद्यालय की छात्राओं को आश्वासन दिया की किसी भी प्रकार का उत्पीडऩ सहन नही किया जाएगा और कोई भी छात्रा अगर इस मामले में शिकायत करती है तो उसका समाधान किया जाएगा। व्याख्यानमाला में जिला विधिक प्राधिकरण नारनौल से मुख्य प्रवक्ता कुमारी गिरी बाला व बिजेंद्र प्रताप सिंह, पैनल एडवोकेट रहे । उन्होंने व्याख्यान द्वारा उनके अधिकारों के लिए संविधान में बने कानूनी एक्टों को बताया गया 2013 में बनाए गए महिलाओं के लिए नए कानूनी नियमों से अवगत कराया गया। सन् 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ अधिनियम को पारित किया गया था। जिन संस्थाओं में दस से अधिक लोग काम करते हैं, उन पर यह अधिनियम लागू होता है। ये अधिनियम, 9 दिसम्बर, 2013, में प्रभाव में आया था। जैसा कि इसका नाम ही इसके उद्देश्य रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है। उल्लंघन के मामले में पीडि़त को निवारण प्रदान करने के लिए भी ये कार्य करता है। महाविद्यालय के कुलसचिव डा सत्यपाल सुलोदिया ने बताया की किसी लड़की को बिना उसकी मर्जी के गंदी नीयत से छूना, गंदे मैसेज भेजना, जबरदस्ती कीस करना, गंदी बातें करना, लड़की को देखकर भद्दी टिप्पणी करना, सीटी बजाना, उसकी सेक्सुअल लाइफ के बारे में जानने की कोशिश करना और फोन पर या सामने उससे भद्दे मजाक करना ये सारी बातें सेक्सुअल हैरेसमेंट में आती हैं। किसी भी तरह की यौन गतिविधि जिसमें आपकी सहमति न हो, उसको यौन उत्पीडऩ कहा जाता है। यह पूर्ण रूप से आपकी इच्छा के विरुद्ध की गई यौन गतिविधि होती है। इसमें आपके साथ किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क बनाए जाने को शामिल किया जाता है। यह न सिर्फ महिलाओं, बल्कि बच्चों और पुरुषों के साथ भी हो सकता है। यौन उत्पीडऩ के कई प्रकार होते हैं, जिसमें कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। डॉ सतीश सैनी ने बताया कि यौन उत्पीडऩ का शिकार हुए व्यक्ति को विशेष तरह की सहायता की आवश्यकता होती है, जिसमें उनका परिवार अहम भूमिका निभाता है।महिला प्रकोष्ठ अधिकारी डॉ पलक द्वारा छात्राओं को कॉलेज में गठित शारीरिक शोषण के प्रति जो कमेटी है उससे अवगत कराया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में यूथ रेडक्रास, महिला प्रकोष्ठ और एनएसएस ईकाई के नोडल अधिकारियों के साथ सभी स्टाफ सदस्यों ने अपनी ने अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई।
152-डी राजमार्ग पर कट की मांग
-दूसरे दिन भी रहा धरना प्रदर्शन जारी
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव सेहलंग-बाघोत के बीच से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर कट के लिए 40 गांवों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। संघर्ष समिति के प्रधान विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि गांव के लोगों के द्वारा पिछले काफी दिनों से नेशनल हाइवे 152-डी पर कट छोड़े जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन सरकार व प्रशासन की तरफ से अभी तक इसकी सुध नहीं ली गई। सरकार को जगाने के लिए 25 फरवरी को एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही सरकार को चेताते हुए 15 दिन का समय दिया था। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के कानों तक जूं नहीं रेंगी तो संघर्ष समिति व ग्रामीणों की तरफ से सोमवार को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि लगभग एक साल पहले नितिन गडकरी ने पचगांव रैली में हमारे गांव का कट मंजूर किया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। उन्होंने बताया कि इस कट के बनने से करीब 50 से 55 गांवों के लोगों को फायदा होगा। इस अवसर पर सुमेर सिंह पूर्व सरपंच स्याना, राजेंद्र पंच छितरोली, जनार्धन मुद्गल, लीला राम पार्षद बाघोत, एडवोकेट केपी यादव, नरेंद्र कुमार शास्त्री, रमेश क्रांति, संदीप हिन्दू, वीरेंद्र, जीतू, सतीश, सुभाष सिंह बाघोत, सूबेदार सुखवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह नंबरदार, राहुल पोता आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3: कट की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन।
पशुधन प्रदर्शनी में छाये रहे कनीना क्षेत्र के पशु पालक
-मिले प्रदेश स्तर पर छह पुरस्कार
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कनीना की आवाज। जिला चरखी दादरी में 11 मार्च से 13 मार्च तक चलने वाली 39 वीं पशुधन प्रदर्शनी में कनीना क्षेत्र के किसान छाये रहे। प्रदेश स्तर पर छह पुरस्कार जीते। नीतू यादव हर वर्ष ईनाम लेकर आती है। इस बार गाय, सांड, बकरी एवं बकरा हुये पुरस्कृत।
एक ही घर में मिले पांच पुरस्कार-
मिली जानकारी अनुसार नीतू यादव गांव गुढ़ा के एक ही परिवार में चार पुरस्कार मिले हैं जबकि एक पुरस्कार चेलावास के पशु पालक को मिला है। नीतू यादव गुढ़ा का संकर नस्ल का सांड पूरे हरियाणा में दूसरे स्थान पर रहा वही नीतू की ही दुधारू श्रेणी की गायों में एक गाय प्रदेश भर में तीसरे स्थान पर तथा एक गाय को सांत्वना पुरस्कार एवं बिना दूध वाले गायों की श्रेणी में एक गाय तीसरे स्थान पर रही। नीतू यादव के ही परिवार में जयपाल सिंह गुढ़ा की बकरी दुधारू बकरियों की श्रेणी में पूरे हरियाणा में दूसरे स्थान पर रही। वहीं विक्रम सिंह चेलावास का जखराना नस्ल का बकरा पूरे हरियाणा में तीसरे स्थान पर रहा।
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक-
कनीना के राजकीय पशु चिकित्सालय के डा. पवन कांगड़ा ने बताया कि कनीना क्षेत्र के पशु पालकों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। पशु प्रदर्शनी में छह पशु पालकों ने भाग लिया था जिनमें वीरेंद्र ककराला की मुर्रा नस्ल की 26 किलो दूध देने वाली भैंस, रणबीर सिंह तोतापरी बकरी फार्म चेलावास, मनोज जखराना बकरी फार्म चेलावास, जयपाल सिंह गुढ़ा, नीतू गुढ़ा तथा विक्रम सिंह चेलावास ने भाग लिया था।
फोटो कैप्शन 7: नीतू यादव का सांड जो तीसरे स्थान पर रहा
8: विक्रम सिंह चेलावास का बकरा जो प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा।
पाथेड़ा में किया पौधारोपण
-आबकारी और कराधान आयुक्त नरेंद्र कौशिक ने किया पौधारोपण
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाथेड़ा में मंगलवार को विद्यालय के प्रांगण में जींद के आबकारी और कराधान आयुक्त नरेंद्र कौशिक ने पौधारोपण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य ओमप्रकाश सैनी ने की।
इस अवसर पर नरेंद्र कौशिक ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय की महती आवश्यकता है तथा यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम आने वाली पीढिय़ों को एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करें ताकि आने वाली पीढिय़ां सुखमय तरीके से अपना जीवन यापन कर सके तथा अपने को स्वस्थ रख सके। उन्होंने सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर अपने आसपास के पर्यावरण को स्वस्थ रखें।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रवक्ता राजबाला कौशिक डिंपल भांडोरिया, ओम कुमार यादव सुरेश कुमार, सुरेश कुमार शर्मा, हनुमान सिंह, राजेश दहिया, मुकेश कुमार लिपिक, सुरेंद्र सिंह तथा राजू तंवर सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 9: पाथेड़ा प्रांगण में पौधारोपण करते नरेंद्र कौशिक एवं अन्य।
लक्कीराव सीगड़ा ने नई दिल्ली में आयोजित नेशनल यूथ कॉन्क्लेव 2023 में लिया भाग
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कनीना की आवाज। सामाजिक कार्यकर्ता लक्कीराव सीगड़ा ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित नेशनल यूथ कॉन्क्लेव 2023 में हिस्सा लेकर महेंद्रगढ़ जिले का प्रतिनिधित्व किया । लक्की राव सीगड़ा ने बताया की यह दो दिवसीय नेशनल यूथ कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स द्वारा भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के तत्वावधान में आवास और शहरी मामले मंत्रालय और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के समर्थन से किया गया। इस राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्देश्य यू-20 और वाई-20 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने और कल के उज्ज्वल नेतृत्व को बढ़ावा देना, शहरों और समुदायों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने पर विचार एवं कुछ गंभीर चिंताओं पर चर्चा करना था ।
सीगड़ा ने बताया की देश की विशाल युवा आबादी प्रतिभा, नवाचार और विचारों की एक पावरहाउस है । यह बदलाव के लिए उत्प्रेरक का काम करती है । युवा पीढ़ी इस नए भारत की रचियता भी साबित हो सकती हैं । युवाओं को चुनौतियों को अवसर में बदलना पड़ेगा। किसी भी समाज का आधारस्तंभ और भविष्य उसका युवा होता है। हमें अपने युवाओं को एक सम्मानजनक अवसर देना होगा कि वे एक सृजनात्मक बदलाव का हिस्सा बनें और अपनी ऊर्जा का सही प्रयोग करें।
इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को जलवायु परिवर्तन,पर्यावरण संरक्षण एवं लोकतंत्र में युवाओं जैसे मुद्दों पर अपनी चिंताओं को बढ़ाने के लिए जगह प्रदान करते हैं । यही युवा आगे चलकर इकोनॉमिक, सामाजिक व तकनीकी क्षेत्र में बदलाव करते हैं और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है। इस नेशनल यूथ कॉन्क्लेव में जहां युवाओं का मार्गदर्शित किया वहीं देश भर के युवा, राष्ट्रीय नेता, विशेषज्ञ और नवप्रवर्तकों ने शामिल होकर अपने विचार रखते हुए विभिन्न विषयों पर सुझाव भी दिए।
फोटो कैप्शन 4: लक्की सिगड़ा सम्मेलन में भाग लेते हुए।
आम व सेमल के भारी बोर
सब्जी बना रहे हैं सेमल के फूलों की
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कनीना की आवाज। कनीना में कई जगह आम के बड़े पौधे ही नहीं अपितु फल लगते आ रहे हैं। हाल ही में पौधों पर भारी मात्रा में बोर आया हुआ है। सेमल तो बड़े एवं भारी फूलों से लद गए हैं। किसानों को इस वर्ष बेहतर आम मिलने की उम्मीद है। सेमल के फूलों से तो सब्जी बनाकर खाई जा रही है। इसके फूलों की सब्जी स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताई जा रही है।
कनीना में राम सिंह के घर के सामने आम एवं सेमल के पौधे बोर से लदे हुए हैं। विगत वर्ष पर्याप्त आम लगे थे। राम सिंह ने बताया कि विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक बोर आया है। उनके घर के सामने ही सेमल के पौधे पर बड़े बड़े फूल लगे हुए हैं। इन फूलो को सब्जी बनाने के काम में लाया जाता है वहीं सुआ सेमल साहित्यिक शब्द प्रसिद्ध है। इस सेमल के फल लगने पर तथा गिरने पर जो रुई प्राप्त होती है उससे देहात के लोग तकिया भरते हैं।
उधर कनीना के सिहोर वाटर पंप पर कई पेड़ आम के हैं जिन पर आम के फल लगते आ रहे हैं। सबसे पुराने आम के पेड़ वाटर पंप पर ही हैं। वाटर पंप पर काम करने वाले अशोक कुमार ने बताया कि विगत वर्षों से यहां फल लगते आ रहे हैं किंतु उन्हें पक्षी नष्ट कर देते हैं। बहुत कम फल पकान तक पहुंचते हैं।
अपने ट्यूबवेल पर रह रहे राजेंद्र सिंह किसान ने न केवल अपने खेत पर आम उगाने अपितु फल पेड़ों पर पकाकर दिखाने में सफलता कायम की है। उन्होंने बताया कि उनके पेड़ों पर इस बार विगत वर्षों की तुलना में अधिक बोर आया है। उन्हें आशा है कि आने वाले समय में उनके पेड़ों पर भारी मात्रा में आम लगेंगे। इसी प्रकार कई किसानों ने आम उगाने में सफलता हासिल की है।
सब्जी के लिए प्रसिद्ध है सेमल-
गृहणि कमला, भीम सिंह, राकेश आदि ने बताया कि सेमल के फूलों की मार्केट में बेहतर मांग है। इसके फूलों को साफ करके, पुंकेशर एवं स्त्रिकेशर को निकालकर, मोटी हरी पंखुडिय़ों को काटकर बेहतर सब्जी बनाई जाती है। राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोग तो इसके फूलों को दूर दराज से ढूंढकर लाते हैं। बताया जाता है कि इसके फूलों की सब्जी शरीर के विभिन्न रोगों के लिए लाभकारी होती है। गृहणि कमला देवी ने बताया कि वे भी इसकी सब्जी बनाकर प्रयोग कर चुकी हैं। गठिया एवं जोड़ों के दर्द के लिए भी बेहतर मानी जाती है।
इसी प्रकार सहेजना के पौधे भी फूलों से लदे हुए हैं जिनके फूलों को सब्जी बनाकर लोग खाते आ रहे हैं। कई रोगों के इलाज में यह सब्जी काम आती है।
फोटो कैप्शन 14: सेमल पर आये फूल
कनीना क्षेत्र में बढ़ रही है कुत्तों से परेशानी
-एक साल में एक दर्जन लोगों को काटा, लगवाई वैक्सीन
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वैसे भी पीपल फॉर एनिमल्स का दबदबा रहा है तब से कुत्तों की संख्या बढ़ रही है। गलियों में घूम रहे हैं, जो महज गंदगी बढ़ाते हैं और आने जाने वाले लोगों के लिए समस्या बनी बने है। पिछले 1 साल में करीब एक दर्जन लोगों को कुत्तों ने काटा जिनमें एक बच्ची की मौत हो गई थी किंतु ना चाहते हुए भी तो की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां तक कि कुत्तों का व्यापार भी बढऩे लगा है।
महंगे दामों पर कुत्ते बेचे जाते हैं। कुत्ते जहां भी जाए गलियों में तैयार मिलते हैं। एक और जहां सड़क मार्गों पर जीवों की दुर्घटना होते हैं वही कुत्ते पहुंच जाते हैं। कुत्ते अपने और पराये को नहीं समझते। राहगीरों पर झपट पड़ते हैं और काट खाते हें या फिर भोंक भोंककर डराते हैं।
बच्चे, बूढ़े और महिलाएं कुत्तों से बहुत डरते हैं। एक और सरकार ने कुत्तों के पालने पर लाइसेंस तक की बात कही है किंतु कुत्ते पालने वालों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। उनको सुबह शाम ये लोग बाहर निकालते हैं और आने वाले जाने वाले उनसे भयभीत रहते हैं। कई घटनाओं में ये कुत्ते पालने वालों के हाथों से कुत्ते छुड़ाकर राहगीरों पर झपटने की घटनाएं बढ़ी हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर -
डा पवन कांगड़ा वीएस कनीना राजकीय पशु चिकित्सालय बताते हैं कि कनीना क्षेत्र में करीब 100 लोगों ने कुत्ते पाल रखे और कुत्ते पालकों ने अपने कुत्तों को बीमारियों से बचाने के टीके लगवा रखे है। उन्होंने बताया कि डेढ़ माह के कुत्ते को 7 इन 1 वेक्सीन लगाई जाती है जो 7 बीमारियों से बचाती है। अढ़ाई माह पर बूस्टर डोज, तीन माह पर रेबीज का टीका और 6 माह पर बूस्टर दी जाती है। इसके बाद हर वर्ष एक-एक टीका लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि ये डोज कुत्तों को बीमारियों से बचाते हैं। ये वैक्सीन कुत्ते को बीमारियों से बचाती है किंतु यदि कुत्ता किसी को काट जाता है तो सावधानी के लिए एंटी रेबीज के टीके जरूर लगवाने चाहिए। उन्होंने बताया कि कुत्ते पालने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है किंतु लोग भी जागरूक हो रहे हैं जिसके चलते कुत्तों को बीमारियों से बचाते हैं।
क्या कहते हैं क्षेत्र के लोग -
क्षेत्र के दिनेश कुमार, राधेश्याम, मनोज कुमार महेश कुमार, रवि कुमार आदि बताते हैं कि आवारा कुत्ते एक समस्या बनी हुई है। मिठाई बनाने वालों के आसपास भारी संख्या में कुत्ते मिलते हैं और मौका देखकर कढ़ाइयों को गंदा कर जाते हैं। यही नहीं गली से गुजरने वाले लोग भी बेहद परेशान रहते हैं। न जाने की कुत्ते कब उनको काट जाए। कुत्तों की नसबंदी करने की मांग उठ रही है ताकि इनकी संख्या न बढ़ सके।
बीआर होटल के पास शराब पीते पकड़ा मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस ने बीआर होटल के पास सरेआम सड़क पर शराब पीने के मसले में एक व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा नाम पूछे जाने पर अमर सिंह बताया। पुलिस ने उनका मेडिकल करवा कर उनके विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
मोटरसाइकिल टकराई दो घायल
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कनीना की आवाज। झीगावन एवं अटेली के बीच कलवाड़ी के पास एक मोटरसाइकिल दूसरी मोटरसाइकिल से टकरा गई जिसमें 2 व्यक्ति घायल हो गए जिन्हें नारनौल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सूबे सिंह सागरपुर राजमिस्त्री का काम करता है तथा 13 मार्च को उसका पुत्र अमित मोटरसाइकिल चला रहा था, सूबे सिंह उनके साथ बैठे हुए थे। ज्यों ही वे कलवाड़ी गांव के पास गैस एजेंसी के नजदीक पहुंचे तो सामने से तेज रफ्तार से आ रही मोटरसाइकिल सवार ने सीधी टक्कर दी जिससे अमित तथा सूबे सिंह गिर गये और घायल हो गए। दोनों को एंबुलेंस की सहायता से नारनौल अस्पताल भर्ती करवाया गया। सूबे सिंह के बयान पर मोटरसाइकिल सवार के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
महिला महिला हुई गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के एक गांव से महिला गुम होने का मामला पुलिस ने दर्ज किया है। महिला बिना बताये घर से कहीं चली गई। महिला के ससुर ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया और कहा है कि उसकी पुत्रवधू 13 मार्च से बिना बताए घर से चली गई। उसकी तलाश की गई किंतु कहीं भी नहीं मिली। कनीना पुलिस ने उनकी शिकायत पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
माता के मंदिर मंदिरों में लगे खाने के ढेर
-बासौड़ा पर्व पर चला आ रहा है रिवाज
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कनीना की आवाज। बासौड़ा पर्व के अवसर पर जहां माता के मंदिरों में विभिन्न प्रकार के पकवानों एवं खानों के ढेर लग गए हैं वहीं चौराहों तथा विभिन्न धार्मिक स्थानों के द्वार पर भी भारी मात्रा में अनाज, पकवान, चावल आदि डाले गए। जीव-जंतु भी दिनभर पकवानों के मजे लेते देखे गए। करीब तीन सप्ताह तक यह पर्व अलग अलग दिन चलता है।
कनीना का माता स्थल ,संत मोलडऩाथ आश्रम के पास स्थित है। जहां सुबह सोमवार से भारी मात्रा में अनाज चढ़ाया गया। कुछ लोग इस अनाज को इकट्ठा कर पशुओं के चारे के रूप प्रयोग करते देखे। पशुपालक इस अनाज को इकट्ठा करके गाय, भैंस तथा सुअर आदि को खिलाते देखे गये। आगामी 3 सप्ताह तक यहां इसी प्रकार का दृश्य देखने को मिलेगा।
बासी खाने के लिए प्रसिद्ध है बासौड़ा-
बासौड़ा क्षेत्रीय पर्व है तथा लंबे समय से पर्व मनाया जाता रहा है। उन दिनों जब दवा का अधिक ज्ञान नहीं होता था, चेचक रोग बहुत फैलता था। उस जमाने से इस प्रकार का रीति रिवाज बुजुर्गों ने चलाया जिसमें बासी खाना खाया जाता है। बासी खाने से माना जाता है चेचक आदि रोग नहीं होते। यही नहीं पुत्र आदि के स्वस्थ रहने की कामना से भी महिलाएं इस पर्व को मनाती हैं।
कनीना के डा मेहरचंद बताते हैं कि बासौड़ा पर्व बुजुर्गों के समय से चला आ रहा है। जिन महिलाओं के एक साल के अंतराल में संतान हुई हो वह खाने के रूप में घर घर भेंट देती हैं जिसे कंडवारी नाम से जाना जाता है। माता स्थल पर जहां सीढिय़ों पर भी खाना बिखरा पड़ा है। इस प्रकार के दृश्य को देखकर लगता है कि बासौड़ा के प्रति लोगों का बहुत अधिक रुझान है। सुबह सवेरे उठकर महिलाएं यहां पूजा अर्चना करने आती है और सभी पकवान एवं भोजन या चढ़ाती हैं। तत्पश्चात इसका पूरा परिवार भोग लगाता आया है।
फोटो कैप्शन 03: माता स्थल पर लगे खाने के ढेर।
मोड़ी के गजराज सिंह तथा मुंडिया खेड़ा के मनीराम को कृषि मेले में मिला पुरस्कार
-खाते में आएंगे 50-50 हजार रुपये
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कनीना की आवाज। प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में क्षेत्र के तीन किसानों ने नाम कमाया है। जहां रवि प्रकाश भडफ़ को राज्य स्तरीय प्रथम तो गजराज मोड़ी तथा मनीराम मुंडिया खेड़ा को 50-50 हजार रुपये के पुरस्कार मिले हैं।
हिसार कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर के हाथों मोड़ी गांव के किसान गजराज सिंह को प्रगतिशील किसान का सम्मान मिला। उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह मिले हैं तथा 50 हजार रुपये उनके खाते में दिए जाएंगे। गजराज सिंह ने बताया कि वे 2 एकड़ में आर्गेनिक खेती, एक एकड़ में प्राकृतिक खेती, रेन वाटर हार्वेस्टिंग से सब्जी आदि तैयार करते हैं वहीं मल्चिंग व ड्रिप सिंचाई, छोटा फव्वारा प्रयोग करते हैं। वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा रखा है। गाय के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत तैयार करके बागवानी के पेड़-पौधों पर छिड़कते हैं। सौर ऊर्जा का 3 एचपी का कनेक्शन से होद से पानी उठाकर ड्रीप द्वारा पौधों में सिंचाई के काम में लाया जा रहा है। वर्षा के अधिक पानी को रिचार्ज बोर्ड द्वारा धरती में रिचार्ज किया जाता है। पशुओं से फसल को बचाने के लिए झटका मशीन लगाई हुई है। इंटर क्राप मक्का- बाजरा-ज्वार उगाते हैं। आर्गेनिक खेती करने के अलावा सीड कम फर्टीलाइजर मशीन द्वारा भी बिजाई करते हैं। ऐसे में उन्हें यह सम्मान मिला है उनके पुत्र अजय और पुत्रवधू कांता भी कृषि में मनीराम मुंडिया खेड़ा को मिला प्रगतिशील किसान का पुरस्कार -
हिसार में ही मुख्यमंत्री खट्टर के हाथों मनीराम मुंडियाखेड़ा को प्रगतिशील किसान का सम्मान प्रशस्ति पत्र में मिला है। उनके खाते में 50 हजार रुपये आएंगे वहीं प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न मिला है। ड्रैगन फ्रूट और खजूर दोनों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने 93 पौधे खजूर के डेढ़ एकड़ में तथा 2000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे एकएकड़ में लगा रखे हैं। खजूर के पौधे पर अभी फल नहीं लगे हैं । मनीराम बताते हैं कि ड्रैगन फूट पैदावार दे रहे हैं। जिसमें कैंसर रोधी गुण भी पाया जाता है, इसमें लो कैलोरी पाई जाती है, यह हमारे कोशिकाओं को फ्री रेडिकल से बचाता है तथा हाजमा को ठीक रखता है। मनीराम ने बताया कि खजूर अेनेकों गुणों एवं पोषक तत्वों से भरपूर है। इसके अलावा मनीराम आर्गेनिक खेती खरबूजा, खरबूजा आदि उगाते हैं। उन्होंने मशरूम की खेती भी की है तथा परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक समय आर्गेनिक खेती कर रहे हैं और लोगों के लिए उदाहरण बने हुए हैं।
फोटो कैप्शन 01: गजराज मोड़ी जिन्हें प्रगतिशील किसान का पुरस्कार मिला
फोटो कैप्शन 02: मनीराम मुडिय़ा खेड़ा जिन्हें प्रगतिशील किसान का खिताब मिला है।
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