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Monday, August 24, 2020


जिला अध्यक्ष का हुआ स्वागत

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कनीना। राकेश शर्मा जिला अध्यक्ष बीजेपी के कनीना आगमन पर पर कई जगह स्वागत किया गया। कनीना बस स्टैंड तथा अनाज मंडी में फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया।
राकेश शर्मा ने कहा कि वे सभी को साथ लेकर पार्टी को निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए पार्टी को शिखर तक ले जाएंगे। किसी की कोई समस्या होगी उसे मिल बैठकर हल किया जाएगा।
इस मौके पर ओमप्रकाश निसानिया एवं हरिराम मित्तल ने अपने निवास स्थान एवं प्रतिष्ठान पर श्री शर्मा फुलमालाओं से स्वागत किया। उनके साथ मण्डल कनीना के सभी कार्यताओं ने भी फूलमाला डालकर स्वागत किया। इस मौके पर मुन्नीलाल साहब,श्री मोहन सिंह पार्षद,मण्डल अध्यक्ष अतर सिंह,श्रीराम शर्मा,सुरेश अत्रि,पार्षद कृष्णा सिहोर,वेद भडफ, अरुणा,सरिता ,शिव कुमार अग्रवाल,योगेश अग्रवाल,नवीन मितल,आशु,भगवानदास,जगदीश सेठ, सुरेश, दीपक शर्मा, औमप्रकाश आर्य, कंवरसेन वशिष्ठ एवं हरिराम मित्तल आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 10: जिला अध्यक्ष का स्वागत करते हुये।

15 बोतल शराब पकड़ी

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कनीना। कनीना पुलिस ने तितरिया उर्फ कुलदीप से कनीना बस स्टैंड के पीछे खेल के मैदान से 15 बोतल शराब पकड़ी। पुलिस को सूचना मिली थी कि खेल के मैदान के पास शराब बेची जा रही है। सुनील कुमार एचसी ने मुखबिरी के आधार पर छापा मारा किंतु शराब बेचने वाला पुलिस को देख भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



पाश्चात्य सभ्यता के कारण घट रहा है बुजुर्गों का मान सम्मान 

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 कनीना। हरियाणा के सोनीपत जिले में जहां एक बुजुर्ग महिला को उसकी जवान बहू द्वारा पीट-पीटकर काम कराए जाने के मसले को लेकर आप लोग सोचने को मजबूर हो गए हैं। बुजुर्ग जिनकी छत्रछाया में हर इंसान अपना जीवन गुजारता है जिन्होंने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया इसलिए ताकि वह उनका बुढ़ापे में सहारा बने और बुढ़ापे में अगर सहारे की बजाय उनको अपमान मिले, उनकी पिटाई हो, उन से काम लिया जाए तो इससे बड़ा कलियुग शायद नहीं हो सकता। क्षेत्र के हर वर्ग में इस घटना को लेकर रोष पनप रहा है और झकोर कर रख दिया है। युवा बुजुर्ग और बड़े-बड़े सोचने को मजबूर हो गये हैं।
इस संबंध में विभिन्न समुदाय के लोगों से चर्चा की गई। सभी ने इस घटना को टीवी एवं पाश्चात्य संस्कृति की देन करार दिया।
 प्रसिद्ध समाजसेवी शिव कुमार अग्रवाल कनीना मंडी ने बताया कि यह कलियुग का दोष नहीं अपितु टीवी सभ्यता ने सब कुछ हिलाकर रख दिया है। सुबह से शाम तक युवा महिला बुजुर्ग सभी टीवी के आगे बैठे देखते हैं। जिस पर अनेकों कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जो इंसान में गलत सोच को बढ़ावा देते हैं। बहुत से कार्यक्रम समाज हित के नहीं अपितु समाज में इस प्रकार की बुरी आदत डालने को मजबूर कर देते हैं। शिक्षा पाने का का बेहतर जरिया भी आजकल टीवी हो गया है। वैसे भी विगत लंबे समय से कोरोना के चलते लोग टीवी के सामने बैठे रहते हैं और टीवी सभ्यता ने जरूर इस प्रकार की सभ्यता पैदा कर दी जिसके चलते बुजुर्गों को उसके बच्चों द्वारा जमकर धुनाई कर के काम लिया जाता है। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए टीवी सभ्यता को बदलने की गुहार की है। यदि यही संस्कृति सिखाते रहे तो भविष्य में भारतीय सभ्यता संस्कृति जो पूरे विश्व की सिरमौर थी वो क्षीण होती चली जाएगी।
इस संबंध में समाजसेवी की भूमिका निभाने वाले भीम सिंह का कहना है की नौकरी पेशे में इस प्रकार के हालात बना दिए हैं।  अक्सर समाज में दो प्रकार के जन होते हैं एक नौकरी करने वाले तो दूसरे नौकरी न करने वाले बुजुर्ग।  कुछ व्यक्ति नौकरी पेशा पर चाहते हैं अगर नौकरी पेशे पर जाते हैं वह इस प्रकार की घटनाएं घटा सकते हैं क्योंकि उनके पास समय का अभाव होता है और वे नौकर चाकर का खर्च न आने देना चाहते और वे  चाहते हैं कि घर पर ही उनका काम पूरा हो जाए। घर में बुजुर्गों से भी वह जबरन काम लेते हैं। उन्होंने इस प्रकार के काम लेने की घटना का दिल से विरोध किया है। वैसे भी कोरोना ने बहुत से लोगों का स्वभाव चिड़चिड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि
बुजुर्ग तो हमारे सम्मान के पात्र हैं। उन्हें प्यार सम्मान, समय पर खाना एवं हर एक इच्छा पूरी करने का दायित्व निभाना चाहिए लेकिन इस प्रकार की समस्या नौकरी पैसे एवं कोरोना के कारण भी आ सकती है। और भी कारण हो सकते हैं।
कनीना की सभ्य गृहणी कमला देवी का कहना है कि हमारे संस्कार गिरते जा रहे हैं। मां बाप जब बच्चों के सामने उल्टी सीधी बातें करते हैं या बेहतर संस्कृति सभ्यता में बच्चा नहीं चलता तो वह इस प्रकार की हरकत कर सकता है कि बड़े बूढ़ों का अपमान करने से पीछे नहीं हटता। उन्होंने कहा कि वक्त था जब बड़े बूढ़े घर की रखवाली का काम तो करते ही थे परंतु लोग उनके चरण स्पर्श कर घर में प्रवेश करते थे। भारत की सभ्यता में तो जीव जंतुओं से इतना लगा होता था कि उनके घर से जुदा होने पर आते थे। परंतु दुर्भाग्य है कि आज की युवा पीढ़ी अपने पुराने संस्कार और सभ्यता को भूल रही है। उन्होंने कहा कि मां-बाप और गुरुजनों का दायित्व बनता है कि युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा संस्कार दे।
सुदेश यादव दुकानदारी का काम करती है, का कहना है कि आज के समाज में अच्छी शिक्षा में मिलना युवा वर्ग को मार्ग से भटका देता है। यदि युवा वर्ग को बेहतर शिक्षा मिलेगी तो कभी ऐसा गलत कदम नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के सम्मान से इंसान के सभी कार्य पूर्ण होते हैं, उनका तो आशीर्वाद ही बहुत बड़ा है। जिन्होंने हमें पाल पोष कर बड़ा किया है और हम उनका आदर करें तो हमारा मान सम्मान बढ़ेगा वरना आने वाले समय में हमारा भी मान सम्मान घट जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में जहां जीव जंतुओं से भी लगाव होता है। ऐसी सभ्यता कहां से आई। उन्होंने शिक्षकों को बेहतर संस्कार देने की मांग की है ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
समाजशास्त्री-
 डा हरिओम भारद्वाज समाजशास्त्री एवं कनीना कालेज के सहायक प्रोफेसर का कहना है कि जिस तरह से वृद्धा की निर्मम पिटाई की गई, उससे हम इस बात का भली-भांति अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे समाज मैं विकृतियां फैल गई है। संस्कार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। यह सब हमारे संस्कारों का परिणाम है। यदि हमारे संस्कार अच्छे नहीं होंगे तो इस तरह की घटनाएं निरंतर होती रहेंगी। यह बहुत ही चिंतनीय विषय है, जिस की समीक्षा जरूरी है। कहते हैं कि नागरिकता अपने घर से प्रारंभ होती है। हम जिस तरह का वातावरण जिस तरह की परंपराएं आचार विचार अपने परिवार और समाज में देखते हैं उसी से हम कुछ सीखते हैं। यह बहुत ही निंदनीय कृत्य है जिसकी जितनी अधिक निंदा की जाए कम है। एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है दूसरी और हमारी बेटियों के ये कृत्य समाज को बिगाड़ रहे है। इस तरह की घटनाओं से हमारी आने वाली पीढिय़ां क्या सबक लेंगे यह तो समय ही बताएगा? सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेकों को योजनाएं चलाई हुई हैं परंतु हम कह सकते हैं कि यह महिला सशक्तिकरण नहीं है बल्कि महिलाएं दिशाहीन हो गई हैं। भारत तो वह देश है जहां पर नारियों की पूजा की जाती थी नारी को श्रद्धा समझा जाता था किंतु आज समाज में जो परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं जो बहुत ही चिंतनीय है। वास्तव में आज नैतिक शिक्षा की बहुत जरूरत हो गई है। एक अध्यापक होने के नाते हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा तथा अपने विद्यार्थियों को इस तरह की शिक्षा देनी होगी कि हमें अपने बड़े बुजुर्गों और गुरुओं का आदर करना होगा अन्यथा समाज का विघटन बहुत जल्दी हो जाएगा। एक महिला का यह कर्तव्य बनता है कि वह अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरी महिला की भी सुरक्षा करें तथा दूसरी महिलाएं उनसे सीख ले और समाज में सद्भावना एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण की स्थापना हो सके।
फोटो कैप्शन: भीम सिंह, डा हरिओम, कमला देवी, शिव कुमार, सुदेश यादव।

 खरीफ की फसल को लेकर हुई किसान गोष्ठी 

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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ककराला में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। अनुसूचित जाति के किसानों के लिए आयोजित की गई इस गोष्ठी में 100 किसानों ने भाग लिया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ देवेंद्र यादव सहायक विकास अधिकारी भोजावास ने की।
डा देवेंद्र देवेंद्र खंड ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि बाजरे की फसल किसानों के लिए आय का सौदा बन गई है। कभी इस फसल को केवल चारे के रूप में प्रयोग करते थे किंतु अब इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है। किसानों को अपनी फसल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पैदावार बढ़ सके। उन्होंने कहा कि कम समय में यह फसल पक कर तैयार हो जाती है। इस अवसर पर डॉ रमेश यादव वरिष्ठ संयोजक कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ ने किसानों को ग्वार की फसल पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्वार की फसल पैदावार किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। विभिन्न प्रसाधन के सामान बनाने के लिए ग्वार का काम में लाया जा रहा है। कभी इसका महत्व कम जानते थे किंतुआज के दिन को पूर्ण फसल बन गई है। उन्होंने किसानों को ग्वार उगाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर डॉ अशोक ढिल्लो विशेषज्ञ किसानों की आय बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसान आजकल फसल पर निर्भर करते हैं। फसल बेहतर हो जाती है तो गुजर बसर बेहतर ढंग से हो सकता है।
ऐसे में उनकी आए यह भी दोगुनी हो जाए तो बेहतर ढंग से अपना जीवन चला सकते हैं। उन्होंने उन तरीकों के बारे में जानकारी दी जिससे किसान बेहतर पैदावार लेकर आय को दोगुना कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ आशीष सिवरान ने कांग्रेस घास को खत्म करने पर बल दिया और कहा कि कांग्रेस घास केवल नुकसान कर रही है। डॉ विकास कृषि विकास अधिकारी खेड़ी ने किसानों कपास की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं डॉ देवराज कृषि विशेषज्ञ ने किसानों को बाजरे की फसल में लगने वाली
विभिन्न बीमारियों की जानकारी एवं समाधान के तरीके भी बताए। इस अवसर पर बीटीएम डॉ मनीषा ने किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के बारे में प्रशिक्षित किया और डॉक्टर अरविंद ने किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा बारे में जानकारी दी। किसान गोष्ठी में कृषि विभाग के महेश, कुलदीप एवं सतीश फील्ड मैन आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 8: कृषि गोष्ठी ककराला में संबोधित करत डा रमेश यादव।


विधायक सीताराम ने ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर रास्ते का लिया जायजा 

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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा में पहुंचे अटेली विधायक सीताराम यादव के समक्ष लोगों ने धनौंदा -सीहोर वाया गाहड़ा जाने वाला कच्चा रास्ता ठीक करवाने की मांग की। इस मौके पर विधायक ने शिकायत पर गौर करते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर खेतों के रास्ते का मुआयना किया और परेशानी को जानकर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना को फोन करके तुरंत गड्ढे भर कर रिपोर्ट करने का आदेश दिया। जिसका धनौंदा वासियों ने आभार व्यक्त किया है। पहली बार ग्राम वासियों ने ऐसा विधायक मिला है जो ट्रैक्टर पर भी सवार होकर समस्याओं को सुन सकते हैं। उन्होंने किसानों की और गांव वासियों की मांग को जायज बताया।
  उल्लेखनीय है कि इस समस्या को लेकर धनौंदावासियों ने विगत दिनों एसडीएम कनीना के मार्फत उच्चाधिकारियों को एक ज्ञापन भेजा था। बार बार इस समस्या के बारे में किसान एवं नेता अधिकारियों से मिल रहे हैं। किसानों को इस मार्ग से बार बार आना जाना पड़ता है इसलिये वो चाहते हैं कि बाजरे की फसल पैदावार के समय यह रास्ता ठीक हो जाए किंतु सीताराम विधायक ने उनकी समस्या को अविलंब हल करने का आश्वासन दिया है।
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश अत्रि, भाजपा नेता मनोज कुमार, केसर दत्त शर्मा, विष्णु शर्मा, रतन सिंह, सोनू, अशोक कुमार आदि उपस्थित थे। 
फोटो कैप्शन ट्रैक्टर 9: ट्रॉली में सवार होकर सीताराम विधायक रास्ते का जायजा लेते हुए।

  गुढ़ा में आंबेडकर भवन निर्माण शुरू

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कनीना।  भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर शोषित, पीडि़त लोगों के मसीहा थे। देश के संविधान निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। गुढ़ा ग्रामवासियों ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर का स्मारक निर्माण शुरू करके ऐतिहासिक कार्य किया है।
कनीना खंड के गांव गुढ़ा में निर्माणाधीन डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मारक स्थल पर अभी से ही लोग पहुंच रहे हैं। उनकानारा  शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो के नारे पर लोग्र चल रहे हैं। उधर नेता अतरलाल एडवोकेट ने निर्माणाधीन स्मारक का निरीक्षण कर शानदार गौरवशाली स्मारक बनाने के लिए स्मारक समिति तथा गुढ़ा गांव का धन्यवाद किया। उन्होंने अपने निजी कोष से 5100 रुपये स्मारक समिति को भेंट किए। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुमार, गुरदीप, अशोक, बीर सिंह, अनिल, सुरेश, चन्द्रपाल, रामफल, कैलाश सेठ, विजेन्द्र तंवर आदि जन उपस्थित थे।



आशा वर्कर्स ने निकाला जुलूस, धरना दिया

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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल में आशा वर्कर्स का धरना सोमवार को भी जारी रहा। अपनी मांगों के समर्थन में उन्होंने जुलूस निकाला एवं हड़ताल जारी रखी।
हड़ताल की अध्यक्षता कर रही ब्लॉक प्रधान अनीता, मुडिय़ा खेड़ा से प्रधान रेखा और से ढंग से प्रधान कमलेश की अध्यक्षता में जुलूस निकाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार गंूगी व बहरी है । आशा वर्करों की मांगों की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए आशा वर्करों में भारी रोष है । आशा वर्कर अपना आंदोलन तेज करके सड़क जाम करेंगी । शासन व प्रशासन से टक्कर लेंगी । सरकार के मंत्री का मंत्री का घेराव करेंगी। कमलेश ने आगे कहा कि इस दौरान अगर आशाओं को कुछ हो गया तो वह खामियाजा भी सरकार को भुगतना पड़ेगा। वे कोविड-19 के दौरान न्यूनतम वेतन देने, अतिरिक्त जोखिम भत्ते देने, कटी हुई प्रोत्साहन राशि प्रदान करने जैसी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं।
 सरकार जल्दी से जल्दी आशाओं के सचिव मंडल को बुलाकर आशाओं की मांगों को पूरी करे। आशा वर्कर्स ने उप नागरिक अस्पताल से लघु सचिवालय तक जुलूस निकाला। उसके बाद आशा वर्कर बस स्टैंड के सामने ऐसे होते ही बाबा मोलडऩाथ वाली गली से होती हुई अपना बेटा अस्पताल पहुंची।  इस दौरान धरने में ब्लॉक प्रधान अनीता, रेखा, सावित्री, सरला, सुनीता, सरोज, सुलोचना, शर्मिला, गीता, कमलेश, पूनम, उगनता सहित अनेक आशा वर्कर मौजूद रही।
फोटो कैप्शन 6:आशा वर्कर्स जुलूस निकालते हुये।

हल्की बूंदाबांदी हुई 

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-अब किसान मौसम खुलने का कर रहे हैं इंतजार 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी हुई। रविवार को भी हल्की बूंदाबांदी हुई थी। आप फसल पककर तैयार है, किसान लावणी का इंतजार कर रहे हैं। मौसम साफ होते ही लावणी शुरू होने की पूरी उम्मीद है। इस बार किसान मजदूरों के अभाव में परेशानी महसूस कर रहे हैं। करीरा के किसान महिपाल सिंह ने बताया कि उनकी फसल पककर तैयार है। मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों को भी फोन किया हुआ है मजदूर या तो अपनी गाड़ी लेकर कटाई के लिए आएंगे या फिर उनके लिए गाड़ी भेजी जाएगी। क्षेत्र में इस बार कोरोना के चलते किसान वापस अपने राज्यों को लौट गए थे तब से किसान और फैक्टरी उद्योग धंधे मजदूरों के अभाव में मंदे में चल रहे हैं। उधर किसान गजराज सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार सिंह आदि ने बताया कि इस समय बारिश की ज्यादा आवश्यकता नहीं है क्योंकि बाजरे की फसल पकी हुई है। अधिक बारिश होती है तो फसल में नुकसान होने का अंदेशा होता है। ऐसे में मौसम साफ रहेगा तो फसल कटाई शुरू कर देंगे।
   वैसे तो सावन माह में कम किंतु बाद में अच्छी बारिश हुई है। खेतों में बाजरा, ग्वार एवं कपास की फसल खड़ी है जो पकान के करीब जा चुकी है। किसान गजराज मोड़ी, सूबे सिंह कनीना, अजीत सिंह कनीना, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि समय समय पर बारिश हुई है जिससे बेहतर फसल खड़ी है। उधर करीरा के सुरेश कुमार, योगेश कुमार ने बताया कि अधिक बारिश होती है तो बाजरे की खड़ी फसल के लिए घातक साबित हो सकती है। वैसे भी मौसम विभाग ने अभी और बारिश होने  की संभावना जता रखी है। कृषि विभाग के पूर्व अधिकारी देवराज यादव ने बताया कि बाजरे की अगैती फसल पैदावारकटाई पर पहुंच गई है। उन्होंने भी इस वक्त अधिक बारिश नुकसानदायक बताई
फोटो कैप्शन 7: कनीना क्षेत्र में बारिश के बाद फसल।

 प्रशासनिक व न्यायिक भवन की जगह की तलाश के लिए किया कनीना शहर का दौरा

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कनीना। कनीना में बनने वाले प्रशासनिक व न्यायिक भवन के लिए आज नांगल चौधरी के विधायक डॉ अभय सिंह यादव व अटेली के विधायक सीताराम यादव तथा उपायुक्त आरके सिंह ने कनीना के खंड कार्यालय तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम का निरीक्षण किया।
जिले के दोनों विधायक तथा उपायुक्त सोमवार को ठीक 8:30 बजे सबसे पहले खंड कार्यालय पहुंचे। वहां पर एसडीएम रणवीर सिंह व राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बारे में विचार विमर्श किया। सभी ने संभावित स्थानों का नक्शा देखा।
इसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम का निरीक्षण किया। यहां पर तहसीलदार को निर्देश दिए कि इसकी पैमाइश करवाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने पशु अस्पताल की जमीन का भी निरीक्षण किया।
इस मौके पर अटेली के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि कनीना हलके के लगभग सभी सरपंचों तथा ग्रामीणों ने प्रस्ताव दिया है कि प्रशासनिक व न्यायिक भवन का निर्माण लोगों की पहुंच में होना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज कनीना शहर में ही इन स्थानों का निरीक्षण किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि इस संबंध में जल्द से जल्द आगे की कार्रवाई की जाए ताकि इस भवन का निर्माण शुरू किया जा सके। इसी कड़ी में आज वे सभी मौके का मुआयना करने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री द्वारा इस भवन की आधारशिला रखी गई थी।
श्री यादव ने कहा कि शासन व प्रशासन का पूरा प्रयास रहेगा कि लोगों को दूरदराज ना जाना पड़े। हम सब का उद्देश्य यही है कि जल्द से जल्द जगह सुनिश्चित करके इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए। अगर खंड कार्यालय में न्यायिक भवन तथा स्टेडियम में प्रशासनिक भवन बनता है तो लोगों को अधिक सुविधा होगी लेकिन इस पर अभी अंतिम निर्णय हम सभी बैठ कर लेंगे। सभी पंचायतों की भी यही राय है कि शहर के अंदर ही यह दोनों भवन बने।
इस मौके पर इस मौके पर एसडीएम कनीना रणवीर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1 से 9:कनीना में न्यायिक व प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए जगह का मुआयना करते विधायक तथा उपायुक्त।

वर्ष 2012 से अटका पड़ा है कनीना न्यायिक परिसर का मसला

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कनीना। कनीना न्यायिक परिसर का मसला लंबे समय से अटका हुआ है। बार बार कनीना में बनाये जाने की बात चलती है और दफन हो जाती है।
वर्ष 2012 कनीना उप तहसील होता था जिसे उपमंडल का दर्जा दिलवाने में अहं रोल तत्कालीन विधायक एवं सीपीएस अनीता यादव का रहा था।  बाद में  पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव के समय  पीपलवाली बणी में दोनों भवन बनाने के लिए ग्रांट भी प्रदान करवा दी थी किंतु तत्पश्चात से न्यायिक परिसर एवं सचिवालय निर्माण को लेकर के कशमकश जारी है। बार-बार कनीना में ही दोनों भवन निर्माण के लिए मांग उठ रही है,आंदोलन तक चला है। इस मांग को लेकर एसडीएक कार्यालय के पास 22 फरवरी 2017 से कनीनावासियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किए चलाया था जो 65 दिन चला। तत्पश्चात 27 अप्रैल को इंद्रजीत सिंह के निजी सचिव रवि यादव ने कहा वासियों को आश्वासन देने के पश्चात धरना स्थगित किया था, लेकिन उस वक्त मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात हुई थी और आश्वासन दिया था कि दोनों भवन अर्थात न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय कनीना में बनाए जाएंगे। लेकिन विगत दिनों भवन निर्माण कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उन्हाणी में ये भवन बनाने की रिपोर्ट सौंपी है जिसको लेकर कनीना में भारी रोष पनप रहा है।  उस वक्त क्षेत्र में महिलाओं से भारी संख्या में लोगों ने अध्यक्षता करते हुए धरना दिया था जिनमें महेश बोहरा ,पूर्व पालिका प्रधान राजेंद्र सिंह लोढा, मास्टर दलीप सिंह, सुमेर सिंह चेयरमैन, विजयपाल चेयरमैन विनय कुमार, जसवंत सिंह बबलू आदि ने अहम भूमिका निभाते हुए धरने का समर्थन किया था। एिक बार फिर से कनीनावासियों ने मांग है कि है कि दोनों भवन कनीना में निर्मित करवाये जाए।
उधर कनीना मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजकुमार कनीनवा ने बताया कि संतोष यादव पूर्व विधायक के समय 2015 में न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाए जाने को लेकर 80 कनाल जमीन के तीन करोड़ 85 लाख रुपए नगरपालिका के खाते में भेज दिए थे किंतु भवनों का निर्माण नहीं हो पाया। उल्लेखनीय है कि 2012 में अनीता यादव के समय उपमंडल की घोषणा हुई थी और अभी तक निर्मित नहीं हुआ है। उधर कनीना बार के सदस्यों ने भी जल्द ही जल्दी न्यायालय सचिवालय बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी तक वह गर्मी सर्दी में टीन साइड में बैठे हैं और लंबे समय से बाट जो रहे हैं ताकि जल्द ही कोई भवन का निर्माण किया जा सके







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