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Saturday, August 15, 2020

आईएनए के सैनिक गूगन सिंह को घर पर किया सम्मानित
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-सरकार दे रही है उन्हें सम्मान

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कनीना। स्वतंत्रता की 74वीं वर्षगांठ पर एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने कनीना उपमंडल के जीवित स्वतंत्रता सेनानी को घर पर जाकर सम्मानित किया एवं हालचाल पूछा। उन्हें शाल ओढाकर गुलदस्ता भेंट किया।
उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना में भर्ती होकर आजादी की लड़ाई में भाग लिया और देश के लिए नाम कमाया है।अपने देश की आजादी के लिए खुलकर लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों से लोहा लिया, जेल में गए और अनेकों यातनाएं झेली।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1942 में आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। इस फौज में करीब 43 हजार सैनिक थे। जब यह फौज गठित की गई तो भारतीय सैनिक आकर्षित हुए और जोश एवं जुनून के साथ नेताजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में लड़े। स्याणा के गुगन सिंह सैनिक इसी फौज में भर्ती हुए थे।
 गुगन सिंह आज जीवित है जिनकी उम्र 96 वर्ष के करीब बताई जा रही है। गांव स्याणा में जीवाराम के घर में सबसे छोटे बेटे का नाम गुगन सिंह है जो आइएनए के सेनानी हैं और आज जीवित है। ये 1940 में अंग्रेजी सेना भर्ती हो गए और अंबाला कैंट में इनकी ट्रेनिंग पूरी की गई। ट्रेनिंग करते हुए पाकिस्तान के हैदराबाद में सेवा के लिए भेज दिया गया। तत्पश्चात उन्हें भारत के  हैदराबाद भेजा गया। तत्पश्चात मुंबई मुंबई भेजा और वहां से ईरान में भेज दिया गया।
हिटलर से मिलकर नेताजी सुभाषचंद्र बेस ने  आजाद हिंद फौज का गठन किया जिसमें भर्ती होकर उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बोस सेना का गठन करकेे जापान चले गए तो उन्होंने अन्य सैनिकों को संगठित किया। मगर जर्मनी की हार हो गई। तत्पश्चात इनको इंग्लैंड भेजा गया। इंग्लैंड जाकर वे बीमार हो गए। उन्हें वायुयान द्वारा हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अस्पताल में इलाज दौरान कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्हें आसौदा(रोहतक) भजा गया। वहां से उन्हें 25 रुपये देकर घर भेज दिया गया। मगर वे घर आने की बजाय दरियागंज दिल्ली में कांग्रेस के कार्यालय में चले गए या आजादी की लड़ाई में लड़ते रहने की सोच कर 1946 में कांग्रेस कार्यालय में गए थे किंतु उनके हालात सुधार नहीं हुआ तो वे घर आ गए। देश आजाद होने के बाद 1957 में ये पूर्ण स्वस्थ हो गए और फिर से सेना में भर्ती हो गए। 1957 से 1974 तक इन्होंने देश की सेवा की तथा रिटायर कर दिया गया। तत्पश्चात से  वे अपने गांव आ गए और गांव में अपने परिजनों के साथ रहते हैं। उपमंडल कनीना के वे एकमात्र ऐसे सेनानी है जो आजाद हिंद फौज से संबंध रखते हैं और अभी भी जीवित हैं। उनके तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।
फोटो कैप्शन: जीवित आइएनए सेनानी गुगन सिंह

कनीना क्षेत्र में आए 13 कोरोना संक्रमित 

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 कनीना। पंद्रह अगस्त पर कनीना क्षेत्र में 13  कोरोना संक्रमित आये। विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों ने आगामी कार्रवाई करदी है।
प्राप्त विवरण अनुसार भडफ़ में चार कोरोना संक्रमित पाए गए।
कनीना की उपमंडल के गांव पोता, मुंडिया खेड़ा में एक एक तथा झीगावन में दो कोरोना  संक्रमित पाये गये। जबकि कनीना में 5 कोरोना संक्रमित पाए गए यह सभी कंटेनमेंट जोन से संबंध रखते हैं। अधिकांश दूसरे राज्यों से आये मजदूर है और उन्होंने 13 अगस्त को टेस्ट करवाया था तो 15 अगस्त को रिपोर्ट आई है। उन्हें पटिकरा में स्वस्थ्य लाभ के लिए भेज दिया है।


विभिन्न संस्थानों में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

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 कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न संस्थाओं में दिनभर स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उपमंडल स्तर पर स्वतंत्रता दिवस कनीना के राजकीय महाविद्यालय में मनाया गया। एसडीएम रणवीर सिंह ने जहां ध्वजारोहण किया वहीं हरियाणा पुलिस की टुकड़ी, एनसीसी की टुकडिय़ों ने मार्च पास्ट किया। इस मौके पर उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि प्रदेश सरकार विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। शहीद हो या कृषि क्षेत्र हो या फिर किसानों का मसला हो या शिक्षा का क्षेत्र हर क्षेत्र में सरकार ने बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि कोरोना के चलते अमेरिका जैसे देश में प्रभावित हो गए हैं तो यहां भी प्रभावित होना स्वाभाविक है। इस मौके पर उन्होंने समाजसेवियों शहीदों के परिजनों को शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वालों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर जहां करीना न्यायालय के न्यायाधीश प्रतीक जैन एवं प्रवीण कुमार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी युद्धवीर सिंह, नायब तहसीलदार सत्यपाल यादव, खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव, एसडीओ नरेंद्र कुमार, नगर पालिका अध्यक्ष सतीशजैलदार पालिका के दोनों पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा एवं मा. दलीप सिंह, एसएमओ धर्मेंद्र सिंह, जितेंद्र मोरवाल ,दुर्गादत्त गोयल, थाना प्रभारी विनय कुमार चौकी इंचार्ज गोविंद सिंह, प्रोफेसर हरिओम भारद्वाज आदि उपस्थित थे।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में सबसे पढ़ी लिखी छात्रा आरती यादव ने ध्वजारोहण किया। इस मौके पर एनसीसी की  टुकड़ी ने मार्च पास्ट किया। इस अवसर पर जहां प्राचार्य लाल सिंह, पंकज कुमार हेड मास्टर, रमन शास्त्री, ईश्वर सिंह प्राध्यापक सहित एसएमसी प्रधान कृष्ण सिंह आदि मौजूद थे।
उधर राजकीय उधर एचडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्राचार्य ओमप्रकाश यादव ने ध्वजारोहण किया वही शहीदों को भी नमन किया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नालंदा में जहां पर आचार्य कृष्ण सिंह की मौजूदगी में विद्यालय में अव्वल रही छात्रा ने ध्वजारोहण किया। वही मुख्याध्यापक महिपाल सिंह, राजवीर सिंह तथा समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़ के प्रांगण में शोध छात्रा रीना यादव ने ध्वजारोहण किया तथा सरपंच महेंद्र सिंह एसएमसी प्रधान कृष्ण कुमार आदि उपस्थित थे। इस मौके पर पौधारोपण भी किया गया। फूलचंद लाली देवी महेश कुमार आदि उपस्थित थे।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय पड़तल में भी ध्वजारोहण राजकुमार मुख्याध्यापक ने किया। इस अवसर पर कोरोना वारियर्स को पुरस्कृत भी किया गया।
फोटो साथ हैं।

एक जैम के रूप में विख्यात हैं राजेश बंसल

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-दिन भर गूंजते हैं जिनके गीत

कनीना। उपमंडल स्तर पर आयोजित हर कार्यक्रम में नहीं अपितु पूरे प्रदेश में मंच संचालन, गीत गायन शैली के रूप में राजेश बंसल विख्यात हैं।
राजेश बंसल न केवल एलबम अपितु विडियों भी राष्ट्रीय पहचान बना चुके हैं। यूं तो रडियों एवं टीवी पर रफी, मुकेश, महेंद्र कपूर एवं मन्नाडे आदि के सदाबहार गीतों की गूंज सुनाई पड़ती है वही कनीना और आसपास केवल राजेश बंसल गीत सुनाई पड़ते हैं। वर्तमान में जहां एक कॉलेज में सहायक प्रोफेसर है वही कनीना कालेज में प्राचार्य की भूमिका भी निभा चुके हैं।
 कनीना में जन्मे राजेश बंसल बचपन से ही प्रखर बुद्धि के थे जिसके चलते उन्होंने छठी कक्षा से ही जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में पढऩे का मौका मिला। उस वक्त वार्षिकोत्सव पर दहेज लघु नाटिका में भगवान् नारद की भूमिका निभाई और बतौर फार्चून टेलर(भविष्य वक्ता) की भूमिका अदा की। वह रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों से आए हजारों लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यह वो सीढ़ी थी जिस पर पहली बार में ही उच्चतम पायदान पर पहुंच गए। शरीर से बेशक हट्टे कट्टे न हो किंतु उनके मंचन,सुरीली आवाज,बोलने की बेहतरीन अदा,दिल की गहराइयों से निकले उद्गार  बरबस ही श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लेते हैं। कला के जादूगर जादूगर राजेश बंसल ने जहां महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से स्नातक तत्पश्चात  रसायन विज्ञान में परास्नातक पास की। और फिर नेट की परीक्षा पास की। अपने कालेज के समय में बेस्ट यूथ का खिताब जीता वही रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर में अपने बैच में प्रथम स्थान हासिल किया। स्कूल हो या कालेज उनकी भाषा शैली,गीत, भजन, विचार सुनकर धीरे-धीरे उनके आवाज के फैन बढ़ते चले गए और एक ऐसे युवा कलाकार के रूप में उभरे कि उनके बगैर मंच संचालन भी आधा अधूरा रहता है।
कनीना कालेज में जहां सहायक प्रोफेसर के अतिरिक्त कालेज में प्राचार्य की भूमिका भी निभाई। वहीं उन्होंने विभिन्न यूथ फेस्टिवल में अपनी वो छाप छोड़ी कि बस उनके मंच पर आने का इंतजार होता रहता है। एक बार यूथ फेस्टिवल में कन्वीनर तथा पांच बार आर्गेनाइजर की भूमिका अदा कर पूरे ही देा में नाम कमाया।
 मंच संचालक बतौर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की। मंच संचालन के वक्त वे लोगों के दिलों दिमाग में घर कर जाते हैं। कालेज के जीवन से ही डिबेट एवं काव्यपाठ  बतौर नाम कमाया।
राजेश बंसल के तीन एलबम निकालें जिनमें मुरली, जीवन दर्पण के अतिरिक्त गूंज रहे जयकारे एलबम में दो भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया। तत्पश्चात संकल्प सुधा नाम से महाराजा अग्रसेन के गीतों की एक एलबम आई जिसने पूरे प्रदेश हरियाणा में ख्याति अर्जित की। उन्होंने दो यू-ट्यूब चैनल बनाए जिनमें से एक संगीत का है जिस पर करीब 35 मोटिवेशनल वीडियो डाली हुई है वहीं हरियाणा हरि की धारा भजन अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुका है। यह भी वीडियोरूप में जिसमें उन्होंने मीनाक्षी पंचाल के साथ न केवल गीत कंपोज किया है वहीं सुरीली आवाज भी दी है। राजेश बंसल का दूसरा चैनल केमिस्ट्री फॉर आल के नाम से चल रहा है जिसका लाभ लाकडाउन में भी विद्यार्थी उठा पाए हैं। उनकी चार फिजिकल केमिस्ट्री भाग दो की पुस्तकें प्रगति प्रकाशन मेरठ की सहायता से निकाली है जो स्नातक स्तर की हैं।
प्रदेश में ही नहीं अपितु और राष्ट्र में युवा कलाकार, मंच संचालन के रूप में जाने जाते हैं। जब कभी मंच संचालन होता है तो उनके बगैर अधूरा लगता है। उनके जीवन का यादगार दिन  26 जनवरी 2018 का है जब उनके द्वारा गाया हुआ कनीना का थीम सांग- बुलंदिया छूता, हिमालय की ऊंचाई मापता नामक आया जो हर बच्चे बच्चे की जुबान पर चढ़ गया। तब से लेकर आज तक गली गली गूंज रहा है। कनीना के तत्कालीन एसडीएम संदीप सिंह द्वारा कवित्त रूप में लिखा हुआ तथा राजेश बंसल द्वारा गाया हुआ थीम सांग हर गली में गूंजता सुनाई पड़ता है। नगरपालिका की गाडिय़ोंं में हर समय चलता रहता है।  जब कहीं किसी काम से ये गाडिय़ां जाती है तो उन पर बस यही संगीत गलियों से बजते हुए सुनाई पड़ता है। मोबाइल टोन भी लोगों ने थीम सांग को बनाया हुआ है। आज के दिन राजेश बंसल श्रीकृष्ण राजकीय कालेज कंवाली में कार्यरत हैं लेकिन बावल में डेपूटेशन किया हुआ है। बेहतरीन अदाकार, कलाकार, संगीतकार के रूप में जाने जाते हैं और कनीना लोग उन्हें कनीना के जेम राजेश बंसल नाम से जानते हैं।
फोटो साथ हैं।

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