सीताराम ने सुनी समस्याएं
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कनीना। विधायक सीताराम ने कनीना नगरपालिका कार्यालय में कुछ लोगों की समस्याएं सुनी वहीं सतीश प्रधान जेलदार से कस्बा की समस्याओं पर विचार विमर्श किया। इस मौके पर उन्होंने श्री जेलदार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
लहलहाने लगी है बाजरे की फसल
-अगस्त के अंतिम सप्ताह में लावणी की उम्मीद
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कनीना। कनीना क्षेत्र में करीब 20 हजार हेक्टेयर पर बाजरे की फसल लहलहा रही है। जहां कपास की फसल दूसरे नंबर पर है किंतु बाजरे के प्रति इस बार रुझान अधिक देखने को मिला है। बाजरे का समर्थन मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल रखा है जो कि गेहूं के समर्थन मूल्य से भी अधिक है, गेहूं 1935 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि बाजरा उससे महंगा बिक रहा है। विगत वर्ष बाजरे का भाव 2000 रुपये प्रति क्विंटल था। विस्तृत जानकारी देते हुए पूर्व अधिकारी डॉ देवराज ने बताया इस बार समय पर से पूर्व बीजाई , 5 जून को कर दी गई थी जो 25 अगस्त के बाद कभी भी बाजरे की लावणी शुरू हो जाएगी। इस बार किसानों को पर्याप्त समय मिलेगा ताकि वे अक्टूबर माह में सरसों की बिजाई कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल 80 से 85 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। यदि सही सलामत फसल पकी तो इस बार बंपर पैदावार होने की होगी।
क्षेत्र में बाजरे की फसल अन्न के रूप में कम तथा पशु चारे के रूप में अधिक प्रयोग की जाती है। बाजरे की फसल से कड़बी( पशु चारे)के काम में लिया जाता है, इसलिए किसान बाजरा जरूर उगाते हैं क्योंकि बाजरा पैदावार लेकर या तो उसे पशुओं को चारे के रूप में या मुर्गी फार्म केंद्रों पर पहुंचाया जाता है। या फिर बाजरे की सरकारी खरीद में बेच दिया जाता है। कनीना मंडी बाजरे की आवक का बेसब्री से इंतजार कर रही है। फिलहाल कनीना मंडी सुनसान पड़ी हुई है।
व्यापार मंडल उप-प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि इस बार गेहूं 1935 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि बाजरे का सरकारी मूल्य विगत वर्ष की तुलना में 150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक रखा गया है। ऐसे में किसान अपनी बाजरे की पैदावार कनीना मंडी बेचने के लिए जरूर पहुंचेंगे।
किसान राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, योगेश कुमार,सूबे सिंह, योगेश कुमार आदि ने बताया कि बाजरे के साथ-साथ कपास की फसल तेजी से बढ़ रही है और इस बार कपास की बंपर पैदावार होने की संभावना है। जहां कृषि अधिकारी कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप बता रहे हैं और दवा का छिड़काव करने की अपील कर रहे हैं ताकि पैदावार बढ़ सके।
यहां उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के किसान बाजरे की फसल पैदावार लेने के बाद बाजरे के पौधे को सूखाकर इक_ा कर लेते है और पूरी साल इस को काटकर पशुओं को चराया जाता है, विशेषकर सूखा चारा बनाया जाता है।
वर्तमान में बाजरे की फसल में भुट्टे आ गए हैं तथा तेजी से बाजरे की फसल बढ़ रही है। किसान अपनी बाजरे की फसल को देखकर प्रसन्नचित है। किसानों का कहना है कि जल्द ही वे अपनी पैदावार ले पाएंगे।
सबसे बड़ी बात यह रही कि सावन माह में बारिश कम हुई जबकि जून माह में बारिश अधिक। जून माह में ही बीजाई कर दी गई थी। दो प्रकार की बाजरे की फसल खड़ी हुई हैं जिनमें अगेती तथा पछेती। अगैती फसल निकाल रही है, बाजरे पर दाने पडऩे लग गए हैं और जल्द ही पक कर तैयार हो जाएगी। किसान अपनी बाजरे की फसल को देखकर फूले नहीं समा रहे है।
किसानों ने बताया कि समय-समय पर बारिश से भी उनकी फसल में आब गई है। पहले कभी बारिश की कमी झलकने लग गई थी। बाजरे की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई थी किंतु बार-बार हल्की बूंदाबांदी ने उनकी फसल पर रौनक लौटी है। अगर बीच में एक बार बारिश और हो जाती है तो ज्यादा बेहतर होगा।
फोटो कैप्शन 4 व 5: किसान बाजरे की फसल को दिखाते हुए।
निशानदेही न मिलने से प्लाट धारक परेशान
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कनीना। कनीना खंड के गांव खरखड़ा बास के लोग 11 वर्ष पूर्व आवंटित सौ-सौ वर्ग गज के प्लाट के लिए कब्जा निशान देही न होने से परेशान है। वे उच्चाधिकारियों शिकायत करते घूम रहे हैं किंतु उनकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया जाता है। यहां तक कि सीएम विंडो पर भी गांव के लोगों ने इस संबंध में शिकायत की है।
गांव की मेवा देवी, जोगेंद्र, देवेंद्र, खुशीराम, शुभ राम, ओम प्रकाश, कृष्ण कुमार, रोशनी आदि ने बताया कि 11 वर्ष पूर्व उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट तो दे दिए गए थे लेकिन उन्हें अभी तक निशानदेही नहीं मिली है। गांव के सरपंच को भी बार-बार इस संबंध में सूचना दी गई है जिस पर वे जल्द ही इस काम को पूरा करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार कदम उठाते हुए उनके प्लाटों को निशानदेही देकर कब्जा दिलवाए।
पुलिस के जवान को सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
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कनीना। कनीना निवासी एवं हरियाणा पुलिस में वायरलेस ऑपरेटर पद पर तैनात जसवंत सिंह का बुधवार रात्रि निधन हो गया। उनका निधन हृदयघात माना जा रहा है। गुरुवार को उनका शव कनीना लाया गया तथा पुलिस सम्मान के साथ में अंतिम सलाम देकर विदा किया।
मृतक के भाई दारा सिंह ने बताया कि उनका भाई जसवंत सिंह वर्ष 1990 में वायरलेस ऑपरेटर के पद पर भर्ती हुआ था तथा खोल थाना के अंतर्गत कार्यरत था। बुधवार को ही उन्हें पदोन्नति मिली थी और वे सब इंस्पेक्टर बन गए थे। पदोन्नति पर उन्हें स्टार लगाए जाने थे किंतु बुधवार रात्रि को कनीना में भली-भांति खाने के पश्चात अपने कमरे में जाकर सोया था। सुबह उनकी पत्नी सुशीला देवी उन्हें जगाने पहुंची तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई जिसके चलते उन्होंने अपने परिजनों को ऊपर बुलाया दरवाजा तोड़ा तो उन्हें अचेत अवस्था में उन्हें पाया। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में पहुंचे तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक जसवंत सिंह का पोस्टमार्टम महेंद्रगढ़ स्थित अस्पताल से करवा कर उनके परिजनों को सौंप दिया जहां कनीना में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
रेवाड़ी से आई पुलिस की टुकड़ी ने अपने साथी को सशस्त्र सलामी दी, मातमी धुन बजाकर अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हें विदा किया।
मृतक की पत्नी सुशीला देवी के अतिरिक्त परिवार दो लड़कियां एवं एक लड़का है। दो लड़कियों में से एक शादीशुदा है तथा दूसरी नर्सिंग का कोर्स कर रही है। वही उनका एक 8 वर्षीय बेटा भी है। समूचे कस्बे में उनकी मृत्यु पर गहरा शोक है।
इंचार्ज एएसआई संसार चंद्र के नेतृत्व में जवानों की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। इस मौके पर डीएसपी रेवाड़ी रणवीर सिंह, डीआरओ भगवान सिंह, डीआरओ सुभाष, इंस्पेक्टर हरि प्रकाश नारनौल, इंस्पेक्टर विजय सिंह, चौकी प्रभारी गोविंद सिंह, एएसआई विद्यानंद, हवलदार आकाश यादव ढाणा, एएसआई विद्यानंद, एचसी सुंदरलाल आदि मौजूद थे।
इस मौके पर कस्बा कनीना के नरेश कुमार, दारा सिंह, बलबीर सिंह, ओमप्रकाश, हंसराज, गोपी, गजराज सिंह, नितेश गुप्ता, मनीष, दिनेश, मनोज जाटीवाल, कपिल गर्ग आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन दो: पुलिस की टुकड़ी सशस्त्र सलामी देते हुए।
राधेश्याम को मिलेगा नेशनल प्राइड बुक आफ रिकार्ड अवार्ड
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कनीना। जिला महेन्द्रगढ़ के कनीना उपमंडल के गांव गोमला के पूर्व सरपंच और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला को नेशंस प्राइड बुक ऑफ रिकाडर््स अवार्ड हेतु चुना गया है। उनका रिकार्ड उल्लेखनीय रहा है।
इस राष्ट्रीय पुरस्कार का आयोजन नेशन्स प्राइड बुक ऑफ रिकॉडर््स संस्था गुडग़ांव की ओर से हो रहा है। नैशन्स प्राइड बुक के निदेशक गुंजन मेहता व पुष्कर मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशन्स प्राइड बुक ऑफ रिकॉडर््स की ज्यूरी ने उन्हें उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कामों के लिए चुना है।
राधेश्याम गोमला ने बताया कि ज्यूरी ने उनके द्वारा 2005 से 2010 तक गोमला के सरपंच के तौर पर किए गए बेहतरीन कार्योँ, पंचायती राज संस्थाओं को उनके अधिकार और जिम्मेदारियों हेतु प्रशिक्षित करने, देश के कई राज्यों के अनेक गांव में उत्कृष्ट कार्य करने, सन 1857 की क्रांन्ति में शहीद हुए हजारों शहीदों की याद में नसीबपुर गाँव में बने स्मारक स्थल के पुनर्निर्माण करवाने के लिए, प्रदेश स्तर पर एक अभियान चलाकर प्रदेश के पूर्व सरपंच प्रधानों को पेंशन दिलवाने का ऐतिहासिक कार्य करने हेतु, नहरी पानी के समान बंटवारे हेतु अभियान चलाने , भूजल स्तर ऊपर उठाने हेतु नदी खुदवाकर उसमें नहरी जल छुड़वाने के लिए किए गए प्रयासों, हो रहे कन्या-भ्रूण हत्या के विरोध में जागरूक करने, महिला सशक्तिकरण व अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने के लिए राधेश्याम गोमला को इस पुरस्कार हेतु चुना गया है।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व यह पुरस्कार केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी, केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मन्त्री महादेव राव झंकर, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश वैश्य व एम डी एच के सीईओ महाशय धर्मपाल गुलाटी सहित कुछ अन्य देश के नामचीन लोगों को जा चुका है।
उन्हें यह अवार्ड 14 अगस्त को गुडग़ाँव में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा जहां देश के 21 लोगों को यह पुरस्कार दिए जाएंगे।
फोटो कैप्शन: राधेश्याम गोमला।
चार केस कोरोना संक्रमित पाये गये
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ में एक साथ एक ही ढाणी के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए वहीं ढाणा में भी एक केस संक्रमित पाया गया है। विगत दिनों यहां एक कोरोना संक्रमित केस केस पाया गया था जिसके चलते रैपिड टीम नारनौल ने भडफ़ और तुरंत प्रभाव से आज ही 3 केस कोरोना संक्रमित पाए गए जिनमें एक वृद्धा और दो बच्चे हैं। जिनको घर पर ही ऐसे लेट कर दिया गया है। डॉ विनय कुमार की अध्यक्षता में सुनील कुमार, राजेश कुमार आदि ने मिलकर आगामी कार्रवाई की।
अभी यहां स्क्रीनिंग का कार्य नहीं हुआ है। स्क्रीनिंग का कार्य भी किया जाएगा। उधर गांव ढाणा में एक सैनिक भी कोरोना संक्रमित पाया गया है। दो दिनों पूर्व उनका सैंपल लिया गया था।
राधेश्याम को मिलेगा नेशनल प्राइड बुक आफ रिकार्ड अवार्ड
कनीना। जिला महेन्द्रगढ़ के कनीना उपमंडल के गांव गोमला के पूर्व सरपंच और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला को नेशंस प्राइड बुक ऑफ रिकाडर््स अवार्ड हेतु चुना गया है। उनका रिकार्ड उल्लेखनीय रहा है।
इस राष्ट्रीय पुरस्कार का आयोजन नेशन्स प्राइड बुक ऑफ रिकॉडर््स संस्था गुडग़ांव की ओर से हो रहा है। नैशन्स प्राइड बुक के निदेशक गुंजन मेहता व पुष्कर मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशन्स प्राइड बुक ऑफ रिकॉडर््स की ज्यूरी ने उन्हें उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कामों के लिए चुना है।
राधेश्याम गोमला ने बताया कि ज्यूरी ने उनके द्वारा 2005 से 2010 तक गोमला के सरपंच के तौर पर किए गए बेहतरीन कार्योँ, पंचायती राज संस्थाओं को उनके अधिकार और जिम्मेदारियों हेतु प्रशिक्षित करने, देश के कई राज्यों के अनेक गांव में उत्कृष्ट कार्य करने, सन 1857 की क्रांन्ति में शहीद हुए हजारों शहीदों की याद में नसीबपुर गाँव में बने स्मारक स्थल के पुनर्निर्माण करवाने के लिए, प्रदेश स्तर पर एक अभियान चलाकर प्रदेश के पूर्व सरपंच प्रधानों को पेंशन दिलवाने का ऐतिहासिक कार्य करने हेतु, नहरी पानी के समान बंटवारे हेतु अभियान चलाने , भूजल स्तर ऊपर उठाने हेतु नदी खुदवाकर उसमें नहरी जल छुड़वाने के लिए किए गए प्रयासों, हो रहे कन्या-भ्रूण हत्या के विरोध में जागरूक करने, महिला सशक्तिकरण व अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने के लिए राधेश्याम गोमला को इस पुरस्कार हेतु चुना गया है।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व यह पुरस्कार केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी, केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मन्त्री महादेव राव झंकर, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश वैश्य व एम डी एच के सीईओ महाशय धर्मपाल गुलाटी सहित कुछ अन्य देश के नामचीन लोगों को जा चुका है।
उन्हें यह अवार्ड 14 अगस्त को गुडग़ाँव में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा जहां देश के 21 लोगों को यह पुरस्कार दिए जाएंगे।
फोटो कैप्शन: राधेश्याम गोमला।
चार केस कोरोना संक्रमित पाये गये
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ में एक साथ एक ही ढाणी के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए वहीं ढाणा में भी एक केस संक्रमित पाया गया है। विगत दिनों यहां एक कोरोना संक्रमित केस केस पाया गया था जिसके चलते रैपिड टीम नारनौल ने भडफ़ और तुरंत प्रभाव से आज ही 3 केस कोरोना संक्रमित पाए गए जिनमें एक वृद्धा और दो बच्चे हैं। जिनको घर पर ही ऐसे लेट कर दिया गया है। डॉ विनय कुमार की अध्यक्षता में सुनील कुमार, राजेश कुमार आदि ने मिलकर आगामी कार्रवाई की।
अभी यहां स्क्रीनिंग का कार्य नहीं हुआ है। स्क्रीनिंग का कार्य भी किया जाएगा। उधर गांव ढाणा में एक सैनिक भी कोरोना संक्रमित पाया गया है। दो दिनों पूर्व उनका सैंपल लिया गया था।
जन्माष्टमी पर्व मनाये जाने को लेकर तैयारियां शुरू
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कनीना। कनीना में जन्माष्टमी पर्व मनाए जाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 12 और 13 अगस्त को जहां जन्माष्टमी और गोगा पर्व मनाया जा रहा है। वास्तव में गोगा व जाटी नामक पेड़ पौधों की पूजा के लिए भी यह पर्व जाना जाता है। विभिन्न मंदिरों में जहां प्रसाद वितरण होता है वही व्रत करने और भजन कीर्तन करने की रात भर परंपरा चली आ रही है।
ठाकुर मंदिर के कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया की 800 सालों से इस मंदिर में प्रसाद उनके पूर्वज तथा कस्बावासी प्रसाद ग्रहण करते एवं वितरण करते आये हैं। सबसे पुराना मंदिर है यहां प्रसाद वितरण होगा। इसके लिए सभी तैयारियां चल रही है और जल्द ही सभी प्रबंध पूरे कर दिए जाएंगे। इस दिन जहां दक्षिण हरियाणा में प्रसिद्ध पौधा जाटी की पूजा होती है वही गोगा की भी पूजा की जाती है। दिन जहां पतंगबाजी पूर्णता बंद कर दी जाती है।
यह पर्व हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता किंतु कोरोना के चलते कुछ प्रभाव घटा है।
हल्की बूंदाबांदी हुई
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गुरुवार को हल्की बूंदाबांदी हुई। सोमवार को भी बारिश हुई थी। जुो दस एम एम मापी गई थी। गुरुवार को कनीना क्षेत्र में बहुत हल्की बूंदाबांदी आई। बूंदाबांदी के साथ-साथ तेज हवाएं भी चली। आसमान में गहरे बादल छाए रहे तथा किसानों को भारी बारिश की उम्मीद थी किंतु बारिश अधिक न हो करके हल्की बूंदाबांदी होकर बादल गुजर गए। किसान अल्प बारिश से भी खुश हंै।
ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या बन उभरी-कमल
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कनीना। ग्लोबल वार्मिंग भविष्य में खतरे का संकेत है। यदि यूं ही धरा का ताप बढ़ा तो धुर्वों की सारी बर्फ पिंघलकर समुद्रों में चली जाएगी। ये विचार कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनसीसी कैडिट्स कोग्लोबल वार्मिंग से होने वाले दुष्प्रभावों व उसके निदान विषय पर आयोजित संगोष्ठी कमल कुमार प्रवक्ता जीव विज्ञान ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि धरा पर इंसान को अगर बचाना है तो गलोबल वार्मिंग के प्रभावों से बचना जरूरी है। इसका एकमात्र सरल सा उपाय है पेड़ पौधे लगाना। अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए जिससे पर्यावरण संरक्षित होगा साथ में जीवन सुरक्षित बच जाएगा
उन्होंने एनसीसी कके कैडेट्स को कम से कम एक एक पौधा लगाने की अपील की।
इस मौके पर प्राध्यापक महिपाल सिंह ने कहा कि अगर आने वाली पीढिय़ों को बचाना है तो अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। जहां भी संभव हो खाली जगह को पेड़ पौधों से भर दिया जाए। उहोंने पेड़ों के लाभों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा की पौधों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। आज के इस युग में हमारा कर्तव्य बनता है कि जल व पौधों को बचाएं ताकि भविष्य में आने वाली पीढिय़ां सुख से सांस ले सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को पौधारोपण के प्रति जागरूक एवं प्रेरित किया।
इस मौके पर प्राचार्य लालसिंह,एनसीसी अधिकारी रमन शास्त्री, मुख्याध्यापक पंकज कुमार, प्रसिद्ध लोकगायक अमृल लाल ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर अमरजीत कोच,सोमनाथ ,दीपक स्काउट गाइड ब्लाक प्रभारी, एसएमसी प्रधान कृष्ण सिह ,हरिसिंह ,श्रीराम, ताराचंद आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए अमृतलाल गायक।
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