आशा वर्कर ने दिया एक दिवसीय धरना
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-धरना 13 अगस्त तक रहेगा जारी
कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में करीब 75 आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया। इस धरने में मुंडियाखेड़ा, भोजावास और कनीना अस्पतालों से आशा वर्कर शामिल हुई। मंगलवार को आशा वर्कर के धरने को आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की महासचिव सुरेखा, प्रवेश, जिला सचिव कमलेश आदि ने संबोधित किया।
महासचिव सुरेखा ने कहा कि इस वक्त कोरोना काल चल रहा है जिसमें जोखिम भरा कार्य है लेकिन आशा वर्कर्स को औसतन 1000 प्रति महीने पारिश्रमिक मिलता है जो बहुत कम है कम से कम उन्हें 4000 रुपये प्रति माह औसतन पारिश्रमिक दिया जाए। जहां उन्हें पक्का कर्मी नई घोषित किया जा सकता, तब तक सभी सुविधाएं दी जाए। यहां तक कि 2018 का नोटिफिकेशन लागू किया जाए जिसमें सभी सुविधाएं देने की बात कही गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें स्वास्थ्य कर्मी का दर्जा मिले और उसी के अनुरूप वेतन दिया जाए। विगत 7 से 9 अगस्त तक जेल भरो आंदोलन के पश्चात यूनियन पदाधिकारियों ने यह धरना 13 अगस्त तक बढ़ा दिया है। यदि इस दौरान उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनका आंदोलन आगे भी बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि दिन भर उन्हें भागदौड़ करनी होती है परंतु काम के अनुरूप वेतन नहीं दिया जाता। ऐसे में उनकी मांगे जायज है और जायज मांगों को अविलंब स्वीकार कर लेना चाहिए अन्यथा उन्हें भी मजबूरन आंदोलन जारी रखना पड़ेगा। आशा वर्कर्स यूनियन के अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 8: आशा वर्कर्स को संबोधित करती हुई सुरेखा।
नियमों में बंद कर वितरित किया जाएगा प्रसाद
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कनीना। ठाकुर मंदिर कनीना में नियमों में बंध कर जहां जन्माष्टमी को प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए कंवरसैन वशिष्ठ ने बताया कि कोरोना के समय में जहां भीड़ इक_ी नहीं हो सकती वही मास्क लगाकर दूरी बनाकर प्रसाद वितरित किया जाएगा। जन्माष्टमी पर जहां इस बड़े मंदिर में हर वर्ष प्रसाद वितरित होता है रात्रि के करीब 12 बजे के आसपास प्रसाद वितरित किया जाता है। प्रसाद वितरण में जहां हर वर्ष भारी संख्या में लोग आते हैं किंतु इस बार नियमों के अनुसार ही उन्हें आना पड़ेगा तथा सभी नियमों का पालन करने पर ही होने पर प्रसाद किया जाएगा।
अधिकांश मंदिरों में इस बार फीका रहेगा उत्सव
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कनीना। जहां बुधवार 12 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है वही इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को याद किया जाता है किंतु इस बार विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व फीका रहने की संभावना है।
कोरोना के चलते जहां लोग रोग से भयभीत हैं इसलिए अपने घरों में ही प्रसाद बनाने का कार्य चलेगा। उल्लेखनीय है कि कस्बा कनीना में करीब आधा दर्जन स्थानों पर रात्रि 12 बजे जन्माष्टमी को प्रसाद वितरित किया जाता है जिसे चरणामृत कहते हैं। इस चरणामृत का भाग लगाकर व्रत खोला जाता है किंतु इस बार बहुत कम स्थानों पर ही पर्व के दौरान भजन एवं प्रसाद वितरित किया जाएगा। जहां प्रसाद वितरण होगा वहां नियमों में बंद कर प्रसाद वितरित किया जाएगा। ऐसे में अपने ही घरों में प्रसाद बनाने की तैयारियां चल रही है ताकि पूरा परिवार ही प्रसाद प्रयोग कर सके।
वैसे तो हर वर्ष ही बहुत से घरों में रात्रि के 12 बजे घर से बाहर नहीं जा सकने वाली महिलाएं अपने घर में ही प्रसाद का निर्माण करती है किंतु इस वर्ष तो अधिक संख्या में प्रसाद निर्माण अपने घर पर ही किया जाएगा।
महिलाएं कांता, सुनीता, संतरा, शकुंत, शांति आदि ने बताया कि वह प्रसाद का निर्माण अपने घर पर ही करेंगी और प्रसाद को रात्रि 12 बजे जन्माष्टमी पर प्रयोग करेंगी।
वैसे भी इस बार विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं है जिसके कारण विद्यालयों में किसी प्रकार का यह पर्व नहीं मनेगा। इस बार जहां मार्च माह के बाद आने वाले सभी त्योहार और तीज कोरोना की मार झेलते आ रहे हैं जिसके चलते अभी भी कोरोना की मार पड़ रही है। 15 अगस्त पर कुछ चहल कदमी होगी तत्पश्चात 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
2 दिनों में आए छह कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 2 दिनों में 6 केस कोरोना संक्रमित पाए गए। पांच कोरोना संक्रमित मंगलवार को तथा एक कोरोना संक्रमित सोमवार को आया। कनीना उपनागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई कर दी गई। सभी को पटिकरा उपचार के लिए भेज दिया गया।
मिली जानकारी अनुसार वार्ड 1 में अलवर जिले से आया एक व्यक्ति सोमवार को कोरोना संक्रमित पाया गया जो श्रमिक है जबकि 4 केस कोरोना संक्रमित मंगलवार को आये हैं।
वार्ड 3 में रेहडी(ठेला) लगाने वाला एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। डॉ मोनिका तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर की देखरेख में सुनील कुमार आदि ने स्क्रीनिंग किया। उधर वार्ड नंबर 12 में तीन कोरोना संक्रमित पाए गए। सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले श्रमिक है। यहां डॉ विनय कुमार, शीशराम एचआई सुपरवाइजर तथा सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू सहित विभिन्न कर्मियों ने जाकर स्क्रीनिंग की। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। डा धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि बचाव में ही बचाव है। अपना बचाव करने से लोग रोगों से बच सकते हैं। ऐसे में सभी को हाथ बार बार धोने मुंह पर मास्क लगाने तथा घर में रहकर रोगों से बच सकते हैं।
उधर एक संक्रमित केस मंगलवार को ही भोजावास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आया है।
फोटो कैप्शन 6: स्क्रीनिंग करते हुए उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी।
सफेद ग्रब ने पहुंचाया बाजरे की फसल को नुकसान
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कनीना। कनीना उपमंडल के कई गांवों में व्हाइट ग्रब नामक कीड़े की चपेट में बाजरे की फसल आ गई है जिससे बाजरा पीला पड़कर नष्ट हो रहा है। वैसे तो बहुत अधिक गांव के किसान से प्रभावित लेकिन मोड़ी गांव के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुये हैं।
गांव मोड़ी के गजराज सिंह ने 4 एकड़, करण सिंह 2 एकड़, राजेश कुमार 3 एकड़, ईश्वर 5 एकड़, विक्रम सिंह 10 एकड़, बीर सिंह 10 एकड़ विमला 4 एकड़, बहादुर सिंह 2 एकड़, बलबीर सिंह 2 एकड़ फसल कीड़े से प्रभावित हो चुकी है। किसानों ने बताया कि उनकी खेतों में बाजरे की फसल खड़ी हुई थी किंतु धीरे-धीरे नष्ट हो गई है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में है किंतु इसके लिए काबू पाना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि फसल बड़ी हो गई है जिसके कारण जड़ों तक दवा नहीं पहुंच पाती है।
किसानों ने बताया कि विगत अरसे में इस क्षेत्र में जहां ओलावृष्टि का प्रभाव सबसे अधिक पाया गया था वहीं अब इस कीड़े का प्रभाव मिल रहा है। उधर डॉक्टर देवेंद्र एडीओ ने बताया कि व्हाइट ग्रब का कीड़ा है जो पौधे की जड़ों को खा जाता है और यह पौधे धीरे-धीरे नष्ट होते चले जाते हैं।
सफेद रंग एवं लाल काले मुंह का यह कीड़ा बाजरे की जड़ों में मिलता है जिसको आसानी से इस वक्त नष्ट करना संभव नहीं लगता। यह कीड़ा जड़ों को कुतर देता है। उन्होंने बताएं कि दवा तो उपलब्ध है किंतु दवाओं का सीधा असर कीड़े तक नहीं पहुंच पाता है। पौधे पीले पड़कर नष्ट हो रहे हैं
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि किस कीड़े पर काबू पाने के लिए कोई सुविधा प्रदान की जाए।
फोटो कैप्शन 7: पीला पड़ा बाजरा देखते हुए किसान
6: वह कीड़ा जो फसल को नष्ट करता है।
2 दिनों में आए छह कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 2 दिनों में 6 केस कोरोना संक्रमित पाए गए। पांच कोरोना संक्रमित मंगलवार को तथा एक कोरोना संक्रमित सोमवार को आया। कनीना उपनागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई कर दी गई। सभी को पटिकरा उपचार के लिए भेज दिया गया।
मिली जानकारी अनुसार वार्ड 1 में अलवर जिले से आया एक व्यक्ति सोमवार को कोरोना संक्रमित पाया गया जो श्रमिक है जबकि 4 केस कोरोना संक्रमित मंगलवार को आये हैं।
वार्ड 3 में रेहडी(ठेला) लगाने वाला एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। डॉ मोनिका तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर की देखरेख में सुनील कुमार आदि ने स्क्रीनिंग किया। उधर वार्ड नंबर 12 में तीन कोरोना संक्रमित पाए गए। सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले श्रमिक है। यहां डॉ विनय कुमार, शीशराम एचआई सुपरवाइजर तथा सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू सहित विभिन्न कर्मियों ने जाकर स्क्रीनिंग की। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। डा धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि बचाव में ही बचाव है। अपना बचाव करने से लोग रोगों से बच सकते हैं। ऐसे में सभी को हाथ बार बार धोने मुंह पर मास्क लगाने तथा घर में रहकर रोगों से बच सकते हैं।
उधर एक संक्रमित केस मंगलवार को ही भोजावास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आया है।
फोटो कैप्शन 6: स्क्रीनिंग करते हुए उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी।
सफेद ग्रब ने पहुंचाया बाजरे की फसल को नुकसान
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कनीना। कनीना उपमंडल के कई गांवों में व्हाइट ग्रब नामक कीड़े की चपेट में बाजरे की फसल आ गई है जिससे बाजरा पीला पड़कर नष्ट हो रहा है। वैसे तो बहुत अधिक गांव के किसान से प्रभावित लेकिन मोड़ी गांव के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुये हैं।
गांव मोड़ी के गजराज सिंह ने 4 एकड़, करण सिंह 2 एकड़, राजेश कुमार 3 एकड़, ईश्वर 5 एकड़, विक्रम सिंह 10 एकड़, बीर सिंह 10 एकड़ विमला 4 एकड़, बहादुर सिंह 2 एकड़, बलबीर सिंह 2 एकड़ फसल कीड़े से प्रभावित हो चुकी है। किसानों ने बताया कि उनकी खेतों में बाजरे की फसल खड़ी हुई थी किंतु धीरे-धीरे नष्ट हो गई है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में है किंतु इसके लिए काबू पाना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि फसल बड़ी हो गई है जिसके कारण जड़ों तक दवा नहीं पहुंच पाती है।
किसानों ने बताया कि विगत अरसे में इस क्षेत्र में जहां ओलावृष्टि का प्रभाव सबसे अधिक पाया गया था वहीं अब इस कीड़े का प्रभाव मिल रहा है। उधर डॉक्टर देवेंद्र एडीओ ने बताया कि व्हाइट ग्रब का कीड़ा है जो पौधे की जड़ों को खा जाता है और यह पौधे धीरे-धीरे नष्ट होते चले जाते हैं।
सफेद रंग एवं लाल काले मुंह का यह कीड़ा बाजरे की जड़ों में मिलता है जिसको आसानी से इस वक्त नष्ट करना संभव नहीं लगता।यह कीड़ा जड़ों को कुतर देता है। उन्होंने बताएं कि दवा तो उपलब्ध है किंतु दवाओं का सीधा असर कीड़े तक नहीं पहुंच पाता है। पौधे पीले पड़कर नष्ट हो रहे हैं
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि किस कीड़े पर काबू पाने के लिए कोई सुविधा प्रदान की जाए।
फोटो कैप्शन 7: पीला पड़ा बाजरा देखते हुए किसान
6: वह कीड़ा जो फसल को नष्ट करता है।
धनौंदा का कृष्णानंद आश्रम सर्व धर्म आश्रम का प्रतीक है
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कनीना। कनीना उपमंडल से 5 किलोमीटर दूर चरखी दादरी मार्ग पर धनौदा गांव स्थित ब्रह्मचारी कृष्णानंद आश्रम सौहार्द का प्रतीक बन गया है। यहां हर धर्म के लोग श्रद्धा भक्ति से आते हैं और ब्रह्मचारी कृष्णानंद ने अपने आशीर्वचन उसे आविर्भाव कर देते हैं।
धनौंदा की छोटी सी बनी जंगल में कृष्णानंद आश्रम स्थित है। यह लंबे समय से श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना हुआ है। यहां दिन रात भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्त यहां शुद्ध वातावरण एवं रमणीक स्थान को देखकर प्रसन्न हो जाते हैं। जहां आज भी यहां पुराने कुएं के दर्शन होते हैं जहां पानी खींच कर पीते आये हैं। अब ब्रह्मचारी कृष्णानंद आश्रम में फल फूल लगे पौधों मन को आकर्षित कर लेते हैं। जहां हवन के लिए हवन शाला बनाई हुई है। पूजा अर्चना के के लिए विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित। संत के पास जो भी आते हैं उन्हें अपने वचनों से विभोर कर देते हैं।
हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग रद्धा से यहां आते है। वैसे भी पास में पास में बाबा दयाल का आश्रम भी है जहां भी विभिन्न धर्मों के लोग आते हैं किंतु वहां पर कोई पुजारी नहीं रहता। बाबा कृष्णानंद आश्रम में सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है। समय-समय पर विभिन्न हवन आयोजित होते हैं, भजन कीर्तन चलते हैं जिनमें महाराज स्वयं प्रवचन प्रवचन देते हैं ।सभी धर्मों के लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं और उनके विचारों से खुश हो जाते हैं।
भक्त दिनेश कुमार, रमेश कुमार, राजेश कुमार जगदीश कुमार आदि ने बताया की कृष्णानंद महाराज कभी आयुर्वेद के प्रख्यात ज्ञाता थे आजकल वे इस कार्य की बजाय भजन उपदेशों में ज्यादा ध्यान देते हैं। उनके आश्रम में लंबे समय से कनीना, खेड़ी, खरखड़ा बास, धनौंदा तथा अन्य गांवों के भक्त यहां आते रहते हैं और बाबा का प्रसाद ग्रहण कर खुश हो जाते हैं।
महाराज हम सभी धर्म को बराबर आंखों से देखते हैं न किसी की जाती पाती पूछते अपितु आये हुये सभी को सम्मान देते हैं।
फोटो कैप्शन :कृष्णानंद महाराज
कालेज परिसर सहित लगाए 270 पौधे
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जगह जगह पौधारोपण अभियान चलाया गया। कनीना के राजकीय कालेज परिसर के अतिरिक्त विभिन्न गांवों में कालेज विद्यार्थियों द्वारा तकरीबन 270 पौधे लगाए।
कार्यक्रम में प्रो हरिओम भरद्वाज ने कहा कि हर व्यक्ति के जन्मदिन व शुभ कार्यक्रम में पौधा लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ समाज को संदेश भी मिलेगा। खासकर युवाओं को अपना जन्मदिन पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सरोकारों के साथ जोड़कर मनाना चाहिए एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी लेनी चाहिए। हम सभी को अपनी सोच में बदलाव लाना पड़ेगा तभी हम प्रकृति को हो रहे नुकसान से बचा सकते हैं। पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को साँझा कदम बढ़ाने की आवश्यकता हैं। प्रकृति का संतुलन भी पर्यावरण पर ही निर्भर करता हैं। हमारे त्यौहार एवं ऋतुएं भी पौधों के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पौधे हमारी प्रकृति का अभिन्न अंग है इनसे हमें प्राणवायु के साथ साथ औषधियां भी मिलती है। इस अभियान से युवाओं में प्रकृति प्रेम का संचार भी होगा। इस अवसर पर इस मौके पर कालेज परिसर में 29 छायादार पौधे पीपल,बरगद, नीम आदि के लगाए।
इस मौके पर एनसीसी के कैडेट्स, प्रो संदीप सिंह, बलराज सिंह सहित विभिन्न प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: कालेज परिसर में पीपल का पौधारोपण करते हुए शिक्षक एवं विद्यार्थी।
फल सब्जियों में आया अचानक उछाल न
-दोगुने हुए भाव
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कनीना। कनीना क्षेत्र में फल और सब्जियों के भाव विगत एक माह में दोगुने हो गए हैं। जहां सावन माह में व्रत चले जिसके चलते फल एवं सब्जियां महंगी रही। खीरा और आम 50 रुपये किलो बिके। हल्के दर्जे के आम भी 50 रुपये किलो और बढिय़ा आम 100 रुपये किलो बिके वहीं टमाटर आम से भी महंगे हो चुके हैं। अब आम लगभग आवक बंद हो गई है।
करीब एक माह पूर्व दर्जे के आम 25 से 30 रूपए किलो बिकते रहे वहीं खीरा 20 रुपये बिकती थी आज वह भी 40 रुपये किलो बिक रही है। लौकी 40 रुपये, जबकि अन्य दिनों दस रुपये किलो बिकती हरा धनिया हरा धनिया 800 रुपये किलो पहुंच गया है। यहां तक कि बाजार में सब्जी की आवक घट गई है तथा विवाह शादियां बंद होने के बावजूद भी आज फल सब्जियां महंगी हैं। केला 70 रुपये दर्जन बिका वही वही अदरक 150 रुपए किलो भिंडी 40 से 50 रुपये किलो तथा अन्य सब्जियां भी बहुत महंगे दामों पर बिक रही है।
ग्राहक सूबे सिंह, अजीत कुमार, रवि कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि त्योहारों की वजह से भी महंगाई बढ़ी हुई है।
आम सस्ते टमाटर महंगे-
क्षेत्र में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं और हरी सब्जी तो बहुत कम उपलब्ध हो रही है। टमाटर तो आम से महंगे हैं। महंगी सब्जी आम जन खरीदने की बजाय इसके विकल्प तलाश रहे हैं। बारिश में फसल नष्ट होने के कारण भाव बढ़े बताए जा रहे हैं।
उधर महंगी सब्जियां आम जन एवं किसान नहीं खरीद पा रहा है और विभिन्न सब्जियों के विकल्प तलाश रहे हैं। पालक का विकल्प कंटीली चौलाई है जिसे अमरंथस नाम से जाना जाता है
ग्रहणी आशा, शकुंत, बिमला ने बताया कि टमाटर की जगह बाजार में 30 रुपये किलो बिक रही कचरी है वहीं आमचूर एवं टमाटर सोस को सब्जी में डालने से नहीं हिचकिचा रहे हैं।
कुछ सब्जियों में टमाटर की जगह नींबू डाल रहे हैं। सूखाकर रखी गई कचरी काम आ रही हैं। रसोई का बजट डगमगा गया है।
एक माह पूर्व और वर्तमान में फल एवं सब्जियों के भाव
सब्जी एक माह पूर्व भाव वर्तमान में भाव
रुपये किलो रुपये किलो
लौकी 10 40
टमाटर 50 60
टिंडा 20 50
खीरा 15 30
तोरई 20 50
बैंगन 10 20
भिंडी 20 50
परवल 20 40
अरबी 30 40
आलू 20 40
सीताफल 10 30
प्याज 10 20
करेला 15 30
हरा धनिया 100 800
ग्वार की फली 20 40
केला 40 70 रुपये दर्जन
आम 30 50 से 80
क्या कहते हैं ग्राहक-
जहां फल एवं सब्जी विक्रेता सब्जी एवं फलों की कम आवक बता रहे हैं वहीं महेश कुमार, सुरेंद्र सिंह ,महेंद्र सिंह का कहना है कि सब्जी आसमान छू रही है। घर का बजट डगमगा गया है। लोग परेशान हैं। व्रत करना भी कठिन हो गया है वहीं व्रत के समय तो भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
फोटो कैप्शन 3 व 4: फल एवं सब्जी विक्रेता
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-धरना 13 अगस्त तक रहेगा जारी
कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में करीब 75 आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया। इस धरने में मुंडियाखेड़ा, भोजावास और कनीना अस्पतालों से आशा वर्कर शामिल हुई। मंगलवार को आशा वर्कर के धरने को आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की महासचिव सुरेखा, प्रवेश, जिला सचिव कमलेश आदि ने संबोधित किया।
महासचिव सुरेखा ने कहा कि इस वक्त कोरोना काल चल रहा है जिसमें जोखिम भरा कार्य है लेकिन आशा वर्कर्स को औसतन 1000 प्रति महीने पारिश्रमिक मिलता है जो बहुत कम है कम से कम उन्हें 4000 रुपये प्रति माह औसतन पारिश्रमिक दिया जाए। जहां उन्हें पक्का कर्मी नई घोषित किया जा सकता, तब तक सभी सुविधाएं दी जाए। यहां तक कि 2018 का नोटिफिकेशन लागू किया जाए जिसमें सभी सुविधाएं देने की बात कही गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें स्वास्थ्य कर्मी का दर्जा मिले और उसी के अनुरूप वेतन दिया जाए। विगत 7 से 9 अगस्त तक जेल भरो आंदोलन के पश्चात यूनियन पदाधिकारियों ने यह धरना 13 अगस्त तक बढ़ा दिया है। यदि इस दौरान उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनका आंदोलन आगे भी बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि दिन भर उन्हें भागदौड़ करनी होती है परंतु काम के अनुरूप वेतन नहीं दिया जाता। ऐसे में उनकी मांगे जायज है और जायज मांगों को अविलंब स्वीकार कर लेना चाहिए अन्यथा उन्हें भी मजबूरन आंदोलन जारी रखना पड़ेगा। आशा वर्कर्स यूनियन के अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 8: आशा वर्कर्स को संबोधित करती हुई सुरेखा।
नियमों में बंद कर वितरित किया जाएगा प्रसाद
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कनीना। ठाकुर मंदिर कनीना में नियमों में बंध कर जहां जन्माष्टमी को प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए कंवरसैन वशिष्ठ ने बताया कि कोरोना के समय में जहां भीड़ इक_ी नहीं हो सकती वही मास्क लगाकर दूरी बनाकर प्रसाद वितरित किया जाएगा। जन्माष्टमी पर जहां इस बड़े मंदिर में हर वर्ष प्रसाद वितरित होता है रात्रि के करीब 12 बजे के आसपास प्रसाद वितरित किया जाता है। प्रसाद वितरण में जहां हर वर्ष भारी संख्या में लोग आते हैं किंतु इस बार नियमों के अनुसार ही उन्हें आना पड़ेगा तथा सभी नियमों का पालन करने पर ही होने पर प्रसाद किया जाएगा।
अधिकांश मंदिरों में इस बार फीका रहेगा उत्सव
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कनीना। जहां बुधवार 12 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है वही इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को याद किया जाता है किंतु इस बार विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व फीका रहने की संभावना है।
कोरोना के चलते जहां लोग रोग से भयभीत हैं इसलिए अपने घरों में ही प्रसाद बनाने का कार्य चलेगा। उल्लेखनीय है कि कस्बा कनीना में करीब आधा दर्जन स्थानों पर रात्रि 12 बजे जन्माष्टमी को प्रसाद वितरित किया जाता है जिसे चरणामृत कहते हैं। इस चरणामृत का भाग लगाकर व्रत खोला जाता है किंतु इस बार बहुत कम स्थानों पर ही पर्व के दौरान भजन एवं प्रसाद वितरित किया जाएगा। जहां प्रसाद वितरण होगा वहां नियमों में बंद कर प्रसाद वितरित किया जाएगा। ऐसे में अपने ही घरों में प्रसाद बनाने की तैयारियां चल रही है ताकि पूरा परिवार ही प्रसाद प्रयोग कर सके।
वैसे तो हर वर्ष ही बहुत से घरों में रात्रि के 12 बजे घर से बाहर नहीं जा सकने वाली महिलाएं अपने घर में ही प्रसाद का निर्माण करती है किंतु इस वर्ष तो अधिक संख्या में प्रसाद निर्माण अपने घर पर ही किया जाएगा।
महिलाएं कांता, सुनीता, संतरा, शकुंत, शांति आदि ने बताया कि वह प्रसाद का निर्माण अपने घर पर ही करेंगी और प्रसाद को रात्रि 12 बजे जन्माष्टमी पर प्रयोग करेंगी।
वैसे भी इस बार विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं है जिसके कारण विद्यालयों में किसी प्रकार का यह पर्व नहीं मनेगा। इस बार जहां मार्च माह के बाद आने वाले सभी त्योहार और तीज कोरोना की मार झेलते आ रहे हैं जिसके चलते अभी भी कोरोना की मार पड़ रही है। 15 अगस्त पर कुछ चहल कदमी होगी तत्पश्चात 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
2 दिनों में आए छह कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 2 दिनों में 6 केस कोरोना संक्रमित पाए गए। पांच कोरोना संक्रमित मंगलवार को तथा एक कोरोना संक्रमित सोमवार को आया। कनीना उपनागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई कर दी गई। सभी को पटिकरा उपचार के लिए भेज दिया गया।
मिली जानकारी अनुसार वार्ड 1 में अलवर जिले से आया एक व्यक्ति सोमवार को कोरोना संक्रमित पाया गया जो श्रमिक है जबकि 4 केस कोरोना संक्रमित मंगलवार को आये हैं।
वार्ड 3 में रेहडी(ठेला) लगाने वाला एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। डॉ मोनिका तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर की देखरेख में सुनील कुमार आदि ने स्क्रीनिंग किया। उधर वार्ड नंबर 12 में तीन कोरोना संक्रमित पाए गए। सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले श्रमिक है। यहां डॉ विनय कुमार, शीशराम एचआई सुपरवाइजर तथा सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू सहित विभिन्न कर्मियों ने जाकर स्क्रीनिंग की। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। डा धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि बचाव में ही बचाव है। अपना बचाव करने से लोग रोगों से बच सकते हैं। ऐसे में सभी को हाथ बार बार धोने मुंह पर मास्क लगाने तथा घर में रहकर रोगों से बच सकते हैं।
उधर एक संक्रमित केस मंगलवार को ही भोजावास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आया है।
फोटो कैप्शन 6: स्क्रीनिंग करते हुए उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी।
सफेद ग्रब ने पहुंचाया बाजरे की फसल को नुकसान
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कनीना। कनीना उपमंडल के कई गांवों में व्हाइट ग्रब नामक कीड़े की चपेट में बाजरे की फसल आ गई है जिससे बाजरा पीला पड़कर नष्ट हो रहा है। वैसे तो बहुत अधिक गांव के किसान से प्रभावित लेकिन मोड़ी गांव के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुये हैं।
गांव मोड़ी के गजराज सिंह ने 4 एकड़, करण सिंह 2 एकड़, राजेश कुमार 3 एकड़, ईश्वर 5 एकड़, विक्रम सिंह 10 एकड़, बीर सिंह 10 एकड़ विमला 4 एकड़, बहादुर सिंह 2 एकड़, बलबीर सिंह 2 एकड़ फसल कीड़े से प्रभावित हो चुकी है। किसानों ने बताया कि उनकी खेतों में बाजरे की फसल खड़ी हुई थी किंतु धीरे-धीरे नष्ट हो गई है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में है किंतु इसके लिए काबू पाना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि फसल बड़ी हो गई है जिसके कारण जड़ों तक दवा नहीं पहुंच पाती है।
किसानों ने बताया कि विगत अरसे में इस क्षेत्र में जहां ओलावृष्टि का प्रभाव सबसे अधिक पाया गया था वहीं अब इस कीड़े का प्रभाव मिल रहा है। उधर डॉक्टर देवेंद्र एडीओ ने बताया कि व्हाइट ग्रब का कीड़ा है जो पौधे की जड़ों को खा जाता है और यह पौधे धीरे-धीरे नष्ट होते चले जाते हैं।
सफेद रंग एवं लाल काले मुंह का यह कीड़ा बाजरे की जड़ों में मिलता है जिसको आसानी से इस वक्त नष्ट करना संभव नहीं लगता। यह कीड़ा जड़ों को कुतर देता है। उन्होंने बताएं कि दवा तो उपलब्ध है किंतु दवाओं का सीधा असर कीड़े तक नहीं पहुंच पाता है। पौधे पीले पड़कर नष्ट हो रहे हैं
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि किस कीड़े पर काबू पाने के लिए कोई सुविधा प्रदान की जाए।
फोटो कैप्शन 7: पीला पड़ा बाजरा देखते हुए किसान
6: वह कीड़ा जो फसल को नष्ट करता है।
2 दिनों में आए छह कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 2 दिनों में 6 केस कोरोना संक्रमित पाए गए। पांच कोरोना संक्रमित मंगलवार को तथा एक कोरोना संक्रमित सोमवार को आया। कनीना उपनागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई कर दी गई। सभी को पटिकरा उपचार के लिए भेज दिया गया।
मिली जानकारी अनुसार वार्ड 1 में अलवर जिले से आया एक व्यक्ति सोमवार को कोरोना संक्रमित पाया गया जो श्रमिक है जबकि 4 केस कोरोना संक्रमित मंगलवार को आये हैं।
वार्ड 3 में रेहडी(ठेला) लगाने वाला एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। डॉ मोनिका तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर की देखरेख में सुनील कुमार आदि ने स्क्रीनिंग किया। उधर वार्ड नंबर 12 में तीन कोरोना संक्रमित पाए गए। सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले श्रमिक है। यहां डॉ विनय कुमार, शीशराम एचआई सुपरवाइजर तथा सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू सहित विभिन्न कर्मियों ने जाकर स्क्रीनिंग की। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। डा धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि बचाव में ही बचाव है। अपना बचाव करने से लोग रोगों से बच सकते हैं। ऐसे में सभी को हाथ बार बार धोने मुंह पर मास्क लगाने तथा घर में रहकर रोगों से बच सकते हैं।
उधर एक संक्रमित केस मंगलवार को ही भोजावास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आया है।
फोटो कैप्शन 6: स्क्रीनिंग करते हुए उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी।
सफेद ग्रब ने पहुंचाया बाजरे की फसल को नुकसान
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कनीना। कनीना उपमंडल के कई गांवों में व्हाइट ग्रब नामक कीड़े की चपेट में बाजरे की फसल आ गई है जिससे बाजरा पीला पड़कर नष्ट हो रहा है। वैसे तो बहुत अधिक गांव के किसान से प्रभावित लेकिन मोड़ी गांव के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुये हैं।
गांव मोड़ी के गजराज सिंह ने 4 एकड़, करण सिंह 2 एकड़, राजेश कुमार 3 एकड़, ईश्वर 5 एकड़, विक्रम सिंह 10 एकड़, बीर सिंह 10 एकड़ विमला 4 एकड़, बहादुर सिंह 2 एकड़, बलबीर सिंह 2 एकड़ फसल कीड़े से प्रभावित हो चुकी है। किसानों ने बताया कि उनकी खेतों में बाजरे की फसल खड़ी हुई थी किंतु धीरे-धीरे नष्ट हो गई है।
उन्होंने बताया कि वे लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में है किंतु इसके लिए काबू पाना बहुत कठिन हो गया है क्योंकि फसल बड़ी हो गई है जिसके कारण जड़ों तक दवा नहीं पहुंच पाती है।
किसानों ने बताया कि विगत अरसे में इस क्षेत्र में जहां ओलावृष्टि का प्रभाव सबसे अधिक पाया गया था वहीं अब इस कीड़े का प्रभाव मिल रहा है। उधर डॉक्टर देवेंद्र एडीओ ने बताया कि व्हाइट ग्रब का कीड़ा है जो पौधे की जड़ों को खा जाता है और यह पौधे धीरे-धीरे नष्ट होते चले जाते हैं।
सफेद रंग एवं लाल काले मुंह का यह कीड़ा बाजरे की जड़ों में मिलता है जिसको आसानी से इस वक्त नष्ट करना संभव नहीं लगता।यह कीड़ा जड़ों को कुतर देता है। उन्होंने बताएं कि दवा तो उपलब्ध है किंतु दवाओं का सीधा असर कीड़े तक नहीं पहुंच पाता है। पौधे पीले पड़कर नष्ट हो रहे हैं
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि किस कीड़े पर काबू पाने के लिए कोई सुविधा प्रदान की जाए।
फोटो कैप्शन 7: पीला पड़ा बाजरा देखते हुए किसान
6: वह कीड़ा जो फसल को नष्ट करता है।
धनौंदा का कृष्णानंद आश्रम सर्व धर्म आश्रम का प्रतीक है
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कनीना। कनीना उपमंडल से 5 किलोमीटर दूर चरखी दादरी मार्ग पर धनौदा गांव स्थित ब्रह्मचारी कृष्णानंद आश्रम सौहार्द का प्रतीक बन गया है। यहां हर धर्म के लोग श्रद्धा भक्ति से आते हैं और ब्रह्मचारी कृष्णानंद ने अपने आशीर्वचन उसे आविर्भाव कर देते हैं।
धनौंदा की छोटी सी बनी जंगल में कृष्णानंद आश्रम स्थित है। यह लंबे समय से श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना हुआ है। यहां दिन रात भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्त यहां शुद्ध वातावरण एवं रमणीक स्थान को देखकर प्रसन्न हो जाते हैं। जहां आज भी यहां पुराने कुएं के दर्शन होते हैं जहां पानी खींच कर पीते आये हैं। अब ब्रह्मचारी कृष्णानंद आश्रम में फल फूल लगे पौधों मन को आकर्षित कर लेते हैं। जहां हवन के लिए हवन शाला बनाई हुई है। पूजा अर्चना के के लिए विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित। संत के पास जो भी आते हैं उन्हें अपने वचनों से विभोर कर देते हैं।
हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग रद्धा से यहां आते है। वैसे भी पास में पास में बाबा दयाल का आश्रम भी है जहां भी विभिन्न धर्मों के लोग आते हैं किंतु वहां पर कोई पुजारी नहीं रहता। बाबा कृष्णानंद आश्रम में सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है। समय-समय पर विभिन्न हवन आयोजित होते हैं, भजन कीर्तन चलते हैं जिनमें महाराज स्वयं प्रवचन प्रवचन देते हैं ।सभी धर्मों के लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं और उनके विचारों से खुश हो जाते हैं।
भक्त दिनेश कुमार, रमेश कुमार, राजेश कुमार जगदीश कुमार आदि ने बताया की कृष्णानंद महाराज कभी आयुर्वेद के प्रख्यात ज्ञाता थे आजकल वे इस कार्य की बजाय भजन उपदेशों में ज्यादा ध्यान देते हैं। उनके आश्रम में लंबे समय से कनीना, खेड़ी, खरखड़ा बास, धनौंदा तथा अन्य गांवों के भक्त यहां आते रहते हैं और बाबा का प्रसाद ग्रहण कर खुश हो जाते हैं।
महाराज हम सभी धर्म को बराबर आंखों से देखते हैं न किसी की जाती पाती पूछते अपितु आये हुये सभी को सम्मान देते हैं।
फोटो कैप्शन :कृष्णानंद महाराज
कालेज परिसर सहित लगाए 270 पौधे
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जगह जगह पौधारोपण अभियान चलाया गया। कनीना के राजकीय कालेज परिसर के अतिरिक्त विभिन्न गांवों में कालेज विद्यार्थियों द्वारा तकरीबन 270 पौधे लगाए।
कार्यक्रम में प्रो हरिओम भरद्वाज ने कहा कि हर व्यक्ति के जन्मदिन व शुभ कार्यक्रम में पौधा लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ समाज को संदेश भी मिलेगा। खासकर युवाओं को अपना जन्मदिन पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सरोकारों के साथ जोड़कर मनाना चाहिए एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी लेनी चाहिए। हम सभी को अपनी सोच में बदलाव लाना पड़ेगा तभी हम प्रकृति को हो रहे नुकसान से बचा सकते हैं। पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को साँझा कदम बढ़ाने की आवश्यकता हैं। प्रकृति का संतुलन भी पर्यावरण पर ही निर्भर करता हैं। हमारे त्यौहार एवं ऋतुएं भी पौधों के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पौधे हमारी प्रकृति का अभिन्न अंग है इनसे हमें प्राणवायु के साथ साथ औषधियां भी मिलती है। इस अभियान से युवाओं में प्रकृति प्रेम का संचार भी होगा। इस अवसर पर इस मौके पर कालेज परिसर में 29 छायादार पौधे पीपल,बरगद, नीम आदि के लगाए।
इस मौके पर एनसीसी के कैडेट्स, प्रो संदीप सिंह, बलराज सिंह सहित विभिन्न प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: कालेज परिसर में पीपल का पौधारोपण करते हुए शिक्षक एवं विद्यार्थी।
फल सब्जियों में आया अचानक उछाल न
-दोगुने हुए भाव
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कनीना। कनीना क्षेत्र में फल और सब्जियों के भाव विगत एक माह में दोगुने हो गए हैं। जहां सावन माह में व्रत चले जिसके चलते फल एवं सब्जियां महंगी रही। खीरा और आम 50 रुपये किलो बिके। हल्के दर्जे के आम भी 50 रुपये किलो और बढिय़ा आम 100 रुपये किलो बिके वहीं टमाटर आम से भी महंगे हो चुके हैं। अब आम लगभग आवक बंद हो गई है।
करीब एक माह पूर्व दर्जे के आम 25 से 30 रूपए किलो बिकते रहे वहीं खीरा 20 रुपये बिकती थी आज वह भी 40 रुपये किलो बिक रही है। लौकी 40 रुपये, जबकि अन्य दिनों दस रुपये किलो बिकती हरा धनिया हरा धनिया 800 रुपये किलो पहुंच गया है। यहां तक कि बाजार में सब्जी की आवक घट गई है तथा विवाह शादियां बंद होने के बावजूद भी आज फल सब्जियां महंगी हैं। केला 70 रुपये दर्जन बिका वही वही अदरक 150 रुपए किलो भिंडी 40 से 50 रुपये किलो तथा अन्य सब्जियां भी बहुत महंगे दामों पर बिक रही है।
ग्राहक सूबे सिंह, अजीत कुमार, रवि कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि त्योहारों की वजह से भी महंगाई बढ़ी हुई है।
आम सस्ते टमाटर महंगे-
क्षेत्र में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं और हरी सब्जी तो बहुत कम उपलब्ध हो रही है। टमाटर तो आम से महंगे हैं। महंगी सब्जी आम जन खरीदने की बजाय इसके विकल्प तलाश रहे हैं। बारिश में फसल नष्ट होने के कारण भाव बढ़े बताए जा रहे हैं।
उधर महंगी सब्जियां आम जन एवं किसान नहीं खरीद पा रहा है और विभिन्न सब्जियों के विकल्प तलाश रहे हैं। पालक का विकल्प कंटीली चौलाई है जिसे अमरंथस नाम से जाना जाता है
ग्रहणी आशा, शकुंत, बिमला ने बताया कि टमाटर की जगह बाजार में 30 रुपये किलो बिक रही कचरी है वहीं आमचूर एवं टमाटर सोस को सब्जी में डालने से नहीं हिचकिचा रहे हैं।
कुछ सब्जियों में टमाटर की जगह नींबू डाल रहे हैं। सूखाकर रखी गई कचरी काम आ रही हैं। रसोई का बजट डगमगा गया है।
एक माह पूर्व और वर्तमान में फल एवं सब्जियों के भाव
सब्जी एक माह पूर्व भाव वर्तमान में भाव
रुपये किलो रुपये किलो
लौकी 10 40
टमाटर 50 60
टिंडा 20 50
खीरा 15 30
तोरई 20 50
बैंगन 10 20
भिंडी 20 50
परवल 20 40
अरबी 30 40
आलू 20 40
सीताफल 10 30
प्याज 10 20
करेला 15 30
हरा धनिया 100 800
ग्वार की फली 20 40
केला 40 70 रुपये दर्जन
आम 30 50 से 80
क्या कहते हैं ग्राहक-
जहां फल एवं सब्जी विक्रेता सब्जी एवं फलों की कम आवक बता रहे हैं वहीं महेश कुमार, सुरेंद्र सिंह ,महेंद्र सिंह का कहना है कि सब्जी आसमान छू रही है। घर का बजट डगमगा गया है। लोग परेशान हैं। व्रत करना भी कठिन हो गया है वहीं व्रत के समय तो भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
फोटो कैप्शन 3 व 4: फल एवं सब्जी विक्रेता
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