बेटी ने बाप पर गंदी हरकत का लगाया आरोप
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-पोस्को एक्ट के तहत मामाला दर्ज
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कनीना। नौताना की एक लड़की ने अपने बाप पर गंदी हरकत करने का आरोप कनीना पुलिस में लगाया है। पुलिस ने पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सरिता पुत्री निहाल सिंह वासी बैरावास जो गांव नौतना में अमित कुमार पुत्र दयाराम के साथ शादीशुदा हैं,ने दरखास्त दी कि दिनांक 22 अगस्त को वो खेत में गई हुई थी। जब खेत से वापस आई उनकी लड़की खुशी पुत्री अमित कुमार उम्र 15 वर्ष ने रो कर बताया कि पापा ने उनके साथ दोबारा गलत तरीके से छुआ है। इस बात को लेकर हमारी आपस में बातचीत हुई तो मेरे पति ने मुझे मारना शुरू कर दिया। मेरा देवर अजय, मेरी सास शकुंतला और मेरा ससुर दयाराम इन सभी ने मिलकर जबरदस्ती मेरे मुंह में जहर डाल दिया और कमरे में बंद कर दिया और ें बोला कि तुम दोनों मां बेटी धंधा करो मोटी रकम मिल जाएगी।
कनीना पुलिस ने मुकदमा नंबर 317 धारा 323,328,342,354,506,34 आइपीसी ,10 पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राइट टू रिकाल बिल पूर्णरूप से गलत
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,कनीना। सरपंचों को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है, अगर बिल ही लाना है तो चुने गए उन नालायक और निकम्मे विधायक और सांसद के खिलाफ यह बिल लाना चाहिए जो बनने के बाद काम ना करके अपना फायदा करते हैं।
दुष्यन्त चौटाला ने अपने एक बयान में कहा है कि इस सत्र के दौरान हरियाणा सरकार दो बिल फ्लोर पर ला रही है जिनमें एक तो महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना , तथा दूसरा चुने गए सरपंच को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल मुख्यत: फ़्लोर पर रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन दोनों में से महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना तो उचित और सराहनीय है। इससे महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी वहीं पंचायत संस्थाओं में महिला हितों का ख्याल रखा जाएगा।
पूर्व सरपंच राधेश्याम गोमला ने बताया किचुने गए सरपंचों को वापिस बुलाने के बिल बारे उन्होंने कहा कि राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है। इससे हर गांव में पार्टीबाजी को बढ़ावा मिलेगा। जीते हुए सरपंच को हटाने के लिए सभी विपक्षी, दलाल व माफिया टाइप लोग गांव की व्यवस्था को बिगाड़े रखेंगे। वे लोग इस प्रकार का दबाव दिखाकर/डराकर सरपंच से मनमानी के काम करवाएंगे। जो सरपंच नही मानेगा उसके खिलाफ गाँव को भड़का के रखेंगे। इससे पंचायती राज व्यवस्था को नुकसान ही होगा। यह बिल पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने की बजाय पंचायती राज को भटका देगा।
पूर्व सरपंच सतपाल चौहान ने कहा कि चौधरी देवीलाल द्वारा राइट टु रिकाल को लागू करने की बात पर कहा कि चौधरी देवीलाल ने तो निकम्मे विधायक और सांसद को वापिस बुलाने हेतु राइट टु रिकाल बिल की पहल और वकालत की थी। उन्होंने तो पंचायत राज में ऐसी व्यवस्था की पैरवी की थी जिससे सामाजिक भाईचारा बढ़े। मगर यह बिल गांव के आपसी तालमेल के वातावरण को दूषित कर देगा। रही बात नालायक और निकम्मे सरपंच को रास्ते पर लाने की तो उनको सुधारने के और बहुत से उपाय है, वो करने चाहिए।
सूर्व सरपंच सुरेश कुमार ने कहा कि रास्ते पर तो, बनने के बाद विधायक और सांसद नही आते, उनके लिए लाना चाहिए यह राइट टु रिकाल बिल सरपंच को वापिस बुलाने हेतु फ्लोर पर रखा जाने वाला यह बिल फायदा नही नुकसान करेगा। इससे आपसी रंजिश बढ़ेगी और रंजिश निकाली जाएगी। बार बार शिकायत होंगी।
क्या कहती है पिंकी यादव-
पिंकी यादव काऊंसलर का कहना है कि एक सच्चे लोकतंत्र में एक ऐसी सरकार की परिकल्पना की गई है, जो लोगों की, लोगों के लिये और लोगों द्वारा चुनी गई हो। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई बार बहुमत की चुनाव प्रणाली में हर निर्वाचित जनप्रतिनिधि को लोगों का सच्चा जनादेश प्राप्त नहीं होता है। तर्क और न्याय का तकाज़ा है कि अगर लोगों को अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार है, तो उन्हें जनप्रतिनिधियों के कर्तव्यपालन में विफल रहने या कदाचार में लिप्त होने पर हटाने का भी अधिकार मिलना चाहिए।
नवीन यादव समाजसेवी का कहना है कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देश के नागरिकों का अधिकार है। लोकतंत्र की मज़बूती के लिये मताधिकार के साथ ही वापस बुलाने का अधिकार भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये। अत: यह आवश्यक है कि जिस तरह से जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से तय करती है ठीक वैसे ही एक चुनाव उन्हें वापस बुलाने के लिये भी किया जाए, आखिर लोकतंत्र में मालिकाना हक़ तो जनता का ही है।
फोटो कैप्शन : राधेश्याम, सतपाल चौहान, सुरेश मानपुरा, नवीन यादव, पिंकी यादव।
पुलिस के साथ मारपीट करने वाले तीसरे आरोपी को भी किया गिरफ्तार भेजा जेल
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कनीना। पिछले सप्ताह थाना कनीना पुलिस गांव नौताना निवासी सरिता की शिकायत पर गई थी जहां सरिता के पति अमित व उसके भाई व पिता दया राम ने महिला पुलिस व कर्मचारियों के साथ हाथा पाई व जान से मारने की धमकी के मामले में गुरुवार तीसरे आरोपित दयाराम पुत्र बुधराम नौताना निवासी को गिरफ्तार किया है जिसे आज कनीना कोर्ट में पेश किया जो कोर्ट ने आरोपी को नसीबपुर जेल भेज दिया है ।
पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बतलाया कि दिनांक 22 अगस्त को पुलिस कंट्रोल रूम नारनौल सूचना मिली कि नोताना गांव में सरिता नाम की महिला को उसके पति ने जहर देने की नीयत से कमरे में बंधक बना रखा है। सूचना मिलते ही थाना कनीना से महिला एएसआई स्नेहलता व र्एएसआई संजु कर्मचारियों के साथ गांव नोताना पहुंची जहा पर उसके पति अमित व भाई अजय व पिता दयाराम ने महिला को छुड़ाते वक्त पुलिस के साथ हाथा पाई गाली गलौच की। ओर मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की गई। जो इनके खिलाफ़ थाना में मामला दर्ज करके पति अमित व उसके भाई को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले तीसरे आरोपी दयाराम को भी आज गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जो कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
एक सप्ताह में अतिक्रमण हटाने का आदेश
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कनीना। एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने कनीना नगरपालिका का एक पत्र प्रेषित कर एक सप्ताह में अतिक्रमण हटवाकर इसकी रिपोर्ट कार्यालय मेुं प्रेषित करने का आदेश दिया है। इस बात की पुष्टि लेखाकार शिवचरण शर्मा ने की।
राइट टू रिकाल बिल पूर्णरूप से गलत
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कनीना। सरपंचों को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है, अगर बिल ही लाना है तो चुने गए उन नालायक और निकम्मे विधायक और सांसद के खिलाफ यह बिल लाना चाहिए जो बनने के बाद काम ना करके अपना फायदा करते हैं।
दुष्यन्त चौटाला ने अपने एक बयान में कहा है कि इस सत्र के दौरान हरियाणा सरकार दो बिल फ्लोर पर ला रही है जिनमें एक तो महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना , तथा दूसरा चुने गए सरपंच को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल मुख्यत: फ़्लोर पर रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन दोनों में से महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना तो उचित और सराहनीय है। इससे महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी वहीं पंचायत संस्थाओं में महिला हितों का ख्याल रखा जाएगा।
पूर्व सरपंच राधेश्याम गोमला ने बताया किचुने गए सरपंचों को वापिस बुलाने के बिल बारे उन्होंने कहा कि राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है। इससे हर गांव में पार्टीबाजी को बढ़ावा मिलेगा। जीते हुए सरपंच को हटाने के लिए सभी विपक्षी, दलाल व माफिया टाइप लोग गांव की व्यवस्था को बिगाड़े रखेंगे। वे लोग इस प्रकार का दबाव दिखाकर/डराकर सरपंच से मनमानी के काम करवाएंगे। जो सरपंच नही मानेगा उसके खिलाफ गाँव को भड़का के रखेंगे। इससे पंचायती राज व्यवस्था को नुकसान ही होगा। यह बिल पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने की बजाय पंचायती राज को भटका देगा।
पूर्व सरपंच सतपाल चौहान ने कहा कि चौधरी देवीलाल द्वारा राइट टु रिकाल को लागू करने की बात पर कहा कि चौधरी देवीलाल ने तो निकम्मे विधायक और सांसद को वापिस बुलाने हेतु राइट टु रिकाल बिल की पहल और वकालत की थी। उन्होंने तो पंचायत राज में ऐसी व्यवस्था की पैरवी की थी जिससे सामाजिक भाईचारा बढ़े। मगर यह बिल गांव के आपसी तालमेल के वातावरण को दूषित कर देगा। रही बात नालायक और निकम्मे सरपंच को रास्ते पर लाने की तो उनको सुधारने के और बहुत से उपाय है, वो करने चाहिए।
सूर्व सरपंच सुरेश कुमार ने कहा कि रास्ते पर तो, बनने के बाद विधायक और सांसद नही आते, उनके लिए लाना चाहिए यह राइट टु रिकाल बिल सरपंच को वापिस बुलाने हेतु फ्लोर पर रखा जाने वाला यह बिल फायदा नही नुकसान करेगा। इससे आपसी रंजिश बढ़ेगी और रंजिश निकाली जाएगी। बार बार शिकायत होंगी।
क्या कहती है पिंकी यादव-
पिंकी यादव काऊंसलर का कहना है कि एक सच्चे लोकतंत्र में एक ऐसी सरकार की परिकल्पना की गई है, जो लोगों की, लोगों के लिये और लोगों द्वारा चुनी गई हो। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई बार बहुमत की चुनाव प्रणाली में हर निर्वाचित जनप्रतिनिधि को लोगों का सच्चा जनादेश प्राप्त नहीं होता है। तर्क और न्याय का तकाज़ा है कि अगर लोगों को अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार है, तो उन्हें जनप्रतिनिधियों के कर्तव्यपालन में विफल रहने या कदाचार में लिप्त होने पर हटाने का भी अधिकार मिलना चाहिए।
नवीन यादव समाजसेवी का कहना है कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देश के नागरिकों का अधिकार है। लोकतंत्र की मज़बूती के लिये मताधिकार के साथ ही वापस बुलाने का अधिकार भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये। अत: यह आवश्यक है कि जिस तरह से जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से तय करती है ठीक वैसे ही एक चुनाव उन्हें वापस बुलाने के लिये भी किया जाए, आखिर लोकतंत्र में मालिकाना हक़ तो जनता का ही है।
फोटो कैप्शन : राधेश्याम, सतपाल चौहान, सुरेश मानपुरा, नवीन यादव, पिंकी यादव।
पुलिस के साथ मारपीट करने वाले तीसरे आरोपी को भी किया गिरफ्तार भेजा जेल
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कनीना। पिछले सप्ताह थाना कनीना पुलिस गांव नौताना निवासी सरिता की शिकायत पर गई थी जहां सरिता के पति अमित व उसके भाई व पिता दया राम ने महिला पुलिस व कर्मचारियों के साथ हाथा पाई व जान से मारने की धमकी के मामले में गुरुवार तीसरे आरोपित दयाराम पुत्र बुधराम नौताना निवासी को गिरफ्तार किया है जिसे आज कनीना कोर्ट में पेश किया जो कोर्ट ने आरोपी को नसीबपुर जेल भेज दिया है ।
पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बतलाया कि दिनांक 22 अगस्त को पुलिस कंट्रोल रूम नारनौल सूचना मिली कि नोताना गांव में सरिता नाम की महिला को उसके पति ने जहर देने की नीयत से कमरे में बंधक बना रखा है। सूचना मिलते ही थाना कनीना से महिला एएसआई स्नेहलता व र्एएसआई संजु कर्मचारियों के साथ गांव नोताना पहुंची जहा पर उसके पति अमित व भाई अजय व पिता दयाराम ने महिला को छुड़ाते वक्त पुलिस के साथ हाथा पाई गाली गलौच की। ओर मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की गई। जो इनके खिलाफ़ थाना में मामला दर्ज करके पति अमित व उसके भाई को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले तीसरे आरोपी दयाराम को भी आज गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जो कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
दौंगड़ा के पीडि़त परिवार ने कनीना थाने में कराया मामला दर्ज
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कनीना। नोयड़ा के एक गुरुकुल में दौंगड़ा अहीर की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों के साथ गुरुकुल में हुये दुव्र्यवहार का मामला पीडि़त सोनिया ने कनीना थाने में दर्ज कराया है। विगत दिनों परिजन डीजीपी नोयडा से भी मिलने गये थे किंतु किन्हीं कारणों से उनसे नहीं मिल पाये।
पीडि़ता सोनिया शर्मा ने बताया कि जुलाई माह में गुरुकुल वालों ने उन्हें किडनैपर की तरह गाडिय़ों में बैठा कर बाहर छोड़ दिया। गुरुकुल प्राचार्य ने उन्हें बुलाया थे। उन्होंने कनीना थाने में दुव्र्यवहार करने तथा उनके साथ बदसलूकी करने का मामला दर्ज कर लिया है। उनके साथ इस मौके पर कनीना थाने में पहुंचे प्रजा भलाई संगठन के अध्यक्ष ठाकुर अतरलाल ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करने की मांग करअगर न्याय नहीं मिला तो हम धरने पर बैठेंगे और न्याय दिलवा कर रहेंगे।
उधर महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सरोज चौधरी ने कहा कि कोरोना के समय भी गुरुकुल में लड़कियों को क्यों रोका गया जबकि सरकार ने सभी स्कूल कॉलेज हॉस्टलों को घर जाने के आदेश दे दिए थे। इस गुरुकुल में सपना के साथ बहुत गलत हुआ है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए सीबीआई द्वारा इसकी जांच करवाई जानी चाहिए और पीडि़ता को न्याय मिलना चाहिए। अगर न्याय नहीं मिला तो वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
इस दौरान सनोज भोजावास विष्णु पाली, मनीष राजपूत खालेडा, अधिवक्ता देवेंद्र चौहान मौजूद रहे।
क्या है मसला-
गांव दौंगड़ा अहीर की नोएडा स्थित एक गुरुकुल में पढऩे वाली लड़की का गुरुकुल में शव मिला था। माता पिता का आरोप लगाया था कि उनकी बच्ची को मार दिया गया है। उसके माता-पिता ने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में शिकायत भी की थी। उधर मामले की जांच नोएडा में होनी थी वहीं कनीना में भी इसकी शिकायत पहुंची थी। मृतका सपना के पिता नवीन ने विभिन्न स्थानों पर शिकायत भी भेजकर कहा गया था कि उनकी दो बेटियां नोएडा के गुरुकुल में पढ़ती है। 3 जुलाई को उनके पास गुरुकुल के आचार्य का फोन आया और उन्हें जल्दी बुलाया। कोरोनाकाल होने पर उन्होंने किराए पर गाड़ी लेकर आने की बात भी कही। जैसे तैसे परिजन गुरुकुल में पहुंचे तो गाड़ी चालक को पैसे देकर लौटा दिया तथा उनके फोन आदि छीन लिए। नवीन का आरोप था कि उनकी पुत्री को मृत देख उनकी पत्नी बेहोश हो गई। जबरदस्ती उनके हस्ताक्षर कुछ कागजों पर करवा लिए गए । आचार्य ने दबाव बनाते हुये कहा कि लड़की ने तुम्हारे खिलाफ भी एक पत्र लिखा है। ऐसे में उन्होंने जल्दी से दाह संस्कार करने का दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर जल्दी से दाह संस्कार नहीं हुआ तो पुलिस बुला दी जाएगी। ऐसे में उनका दाह संस्कार करवा दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि गुरुकुल वालों का स्पष्ट कहना था कि यदि गुरुकुल बदनाम हो गया तो पीडि़त परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। उनकी बेटी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया और न पुलिस को सूचना दी। कुछ कागज लिखने के लिए कहा तो नवीन ने लिख पाने की असमर्थता दर्शाई तो उनकी छोटी पुत्री द्वारा लिखे गये कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए थे। उन्होंने उनकी मृतक पुत्री के द्वारा लिखे कागज आदि मांगे तो उन्होंने वे पत्र भी देने से इनकार कर दिया गया था।
नवीन कुमार का कहना है कि उसकी पत्नी बेहोश पड़ी थी उन्हें खुद लिखना नहीं आता था इसलिए उनकी छोटी बच्ची से कागज लिखवा कर उनके साइन करवा लिए गए। तत्पश्चात उन्होंने जरूरत थी गाड़ी में बैठा कराने घर के लिए रवाना कर दिया। मृतका की मां ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी मांगा किंतु नहीं दिये गये।
फोटो कैप्शन 2 एवं 3: पीडि़त परिवार थाने में जाते हुये।
साइट ने बार बार दिया है धोखा
-पूरे खंड से 71 परिवारों के डाटा किये फीड
-नहीं हो पाया अंतिम सबमिट
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कनीना। पूरे हरियाणा में चल रहे परिवार आईडी अर्थात फैमिली आईडी अपडेट का कार्य सही नहीं हो पाया है। एक बार साइट चला कुछ आंकड़े फीड किए और फिर अंतिम सबमिट करते समय फिर से एरर दर्शा गया। तीन दिनों से विभिन्न स्कूलों में सरकारी कर्मचारी शाम पांच बजे तक कंप्यूटर के जुटे रहे किंतु धनौंदा स्कूल से चार का तथा पूरे खंड से 71 का हो पाया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सरकार ने विभिन्न गांव में पढऩे वाले सरकारी विद्यार्थियों के परिवारों के फैमिली आईडी अपडेट करने की जोर शोर से कोशिश की गई जिसके तहत किसी कमी हो तो उसे दुरुस्त करना था। यहां तक कि अपने सारे आंकड़े भी पुन: फीड करने पड़ रहे थे किंतु साइट शाम के दोपहर पश्चात शुरू हुआ कुछ देर चला किंतु उसमें भी अंतिम सबमिट नहीं हो पाए। पूरे खंड से 71 परिवारों का जिसमें धनौंदा से 4 परिवारों का डाटा अंतिम सबमिट हो पाया। प्राचार्य कृष्ण कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा ने बताया कि तीन दिनों से कर्मचारी बैठे रहे, गांव से लोग समयावधि पर से बुलाए गए थे। वे सभी जमा होने लगे क्योंकि आकंड़ अंतिम सबमिट नहीं हो पाए। बड़ी परेशानी झेल कर आखिरकार परिवार घर पर चले जाते हैं। कंप्यूटर के वरिष्ठ डाटा ऑपरेटर प्रदीप कुमार एवं सूबे सिंह आदि ने बताया एक बार साइट ने काम करना शुरू किया। तत्पश्चात त्वरित गति से आंकड़े फीड किए जाने लगे, बार-बार आंकड़े अंतिम सबमिट करने के बाद भी अंतिम सबमिट नहीं हो पा रहे हैं। तीन दिनों में चार परिवारों के डाटा अंतिम सबमिट हो पाये।
इस प्रकार दिनभर कर्मचारी और अधिकारी परेशानी में जूझते रहे। साइट बेहतर न होने पर बहुत से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
क्या कहते हैं परिवार -
परिवार आंकड़े फीड करवाने वाले जिले सिंह, धन सिंह, आजाद आदि ने बताया कि वे मांगे गए सभी सर्टिफिकेट और आंकड़े स्कूल में ले जाकर दिन भर बैठे रहे। उनका काम तो थका ही कर्मचारी भी दिनभर परेशान रहे और अंत में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। जहां एक तरफ कर्मियों में रोष है वहीं फैमिली आईडी बनवाने वालों में भी रोष है। सरकार द्वारा बेहतर साइट सीधा उपलब्ध ने करवाना परेशानी का सबब बना रहा।
क्या कहते कर्मचारी और अधिकारी-
कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकार को बेहतर साइट उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि इतने अधिक लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी-
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव ने बताया कि अब तक महज 71 परिवारों के डाटा पूरे खंड से अंतिम सबमिट हो पाये हैं। सर्वर धीरे चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सर्वर ठीक हो जाएगा।
फोटो कैप्शन 4: डाटा फीड करते कर्मी।
5:अपना इंतजार करते लोग
दौंगड़ा के पीडि़त परिवार ने कनीना थाने में कराया मामला दर्ज
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कनीना। नोयड़ा के एक गुरुकुल में दौंगड़ा अहीर की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों के साथ गुरुकुल में हुये दुव्र्यवहार का मामला पीडि़त सोनिया ने कनीना थाने में दर्ज कराया है। विगत दिनों परिजन डीजीपी नोयडा से भी मिलने गये थे किंतु किन्हीं कारणों से उनसे नहीं मिल पाये।
पीडि़ता सोनिया शर्मा ने बताया कि जुलाई माह में गुरुकुल वालों ने उन्हें किडनैपर की तरह गाडिय़ों में बैठा कर बाहर छोड़ दिया। गुरुकुल प्राचार्य ने उन्हें बुलाया थे। उन्होंने कनीना थाने में दुव्र्यवहार करने तथा उनके साथ बदसलूकी करने का मामला दर्ज कर लिया है। उनके साथ इस मौके पर कनीना थाने में पहुंचे प्रजा भलाई संगठन के अध्यक्ष ठाकुर अतरलाल ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करने की मांग करअगर न्याय नहीं मिला तो हम धरने पर बैठेंगे और न्याय दिलवा कर रहेंगे।
उधर महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सरोज चौधरी ने कहा कि कोरोना के समय भी गुरुकुल में लड़कियों को क्यों रोका गया जबकि सरकार ने सभी स्कूल कॉलेज हॉस्टलों को घर जाने के आदेश दे दिए थे। इस गुरुकुल में सपना के साथ बहुत गलत हुआ है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए सीबीआई द्वारा इसकी जांच करवाई जानी चाहिए और पीडि़ता को न्याय मिलना चाहिए। अगर न्याय नहीं मिला तो वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
इस दौरान सनोज भोजावास विष्णु पाली, मनीष राजपूत खालेडा, अधिवक्ता देवेंद्र चौहान मौजूद रहे।
क्या है मसला-
गांव दौंगड़ा अहीर की नोएडा स्थित एक गुरुकुल में पढऩे वाली लड़की का गुरुकुल में शव मिला था। माता पिता का आरोप लगाया था कि उनकी बच्ची को मार दिया गया है। उसके माता-पिता ने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में शिकायत भी की थी। उधर मामले की जांच नोएडा में होनी थी वहीं कनीना में भी इसकी शिकायत पहुंची थी। मृतका सपना के पिता नवीन ने विभिन्न स्थानों पर शिकायत भी भेजकर कहा गया था कि उनकी दो बेटियां नोएडा के गुरुकुल में पढ़ती है। 3 जुलाई को उनके पास गुरुकुल के आचार्य का फोन आया और उन्हें जल्दी बुलाया। कोरोनाकाल होने पर उन्होंने किराए पर गाड़ी लेकर आने की बात भी कही। जैसे तैसे परिजन गुरुकुल में पहुंचे तो गाड़ी चालक को पैसे देकर लौटा दिया तथा उनके फोन आदि छीन लिए। नवीन का आरोप था कि उनकी पुत्री को मृत देख उनकी पत्नी बेहोश हो गई। जबरदस्ती उनके हस्ताक्षर कुछ कागजों पर करवा लिए गए । आचार्य ने दबाव बनाते हुये कहा कि लड़की ने तुम्हारे खिलाफ भी एक पत्र लिखा है। ऐसे में उन्होंने जल्दी से दाह संस्कार करने का दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर जल्दी से दाह संस्कार नहीं हुआ तो पुलिस बुला दी जाएगी। ऐसे में उनका दाह संस्कार करवा दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि गुरुकुल वालों का स्पष्ट कहना था कि यदि गुरुकुल बदनाम हो गया तो पीडि़त परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। उनकी बेटी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया और न पुलिस को सूचना दी। कुछ कागज लिखने के लिए कहा तो नवीन ने लिख पाने की असमर्थता दर्शाई तो उनकी छोटी पुत्री द्वारा लिखे गये कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए थे। उन्होंने उनकी मृतक पुत्री के द्वारा लिखे कागज आदि मांगे तो उन्होंने वे पत्र भी देने से इनकार कर दिया गया था।
नवीन कुमार का कहना है कि उसकी पत्नी बेहोश पड़ी थी उन्हें खुद लिखना नहीं आता था इसलिए उनकी छोटी बच्ची से कागज लिखवा कर उनके साइन करवा लिए गए। तत्पश्चात उन्होंने जरूरत थी गाड़ी में बैठा कराने घर के लिए रवाना कर दिया। मृतका की मां ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी मांगा किंतु नहीं दिये गये।
फोटो कैप्शन 2 एवं 3: पीडि़त परिवार थाने में जाते हुये।
साइट ने बार बार दिया है धोखा
-पूरे खंड से 71 परिवारों के डाटा किये फीड
-नहीं हो पाया अंतिम सबमिट
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कनीना। पूरे हरियाणा में चल रहे परिवार आईडी अर्थात फैमिली आईडी अपडेट का कार्य सही नहीं हो पाया है। एक बार साइट चला कुछ आंकड़े फीड किए और फिर अंतिम सबमिट करते समय फिर से एरर दर्शा गया। तीन दिनों से विभिन्न स्कूलों में सरकारी कर्मचारी शाम पांच बजे तक कंप्यूटर के जुटे रहे किंतु धनौंदा स्कूल से चार का तथा पूरे खंड से 71 का हो पाया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सरकार ने विभिन्न गांव में पढऩे वाले सरकारी विद्यार्थियों के परिवारों के फैमिली आईडी अपडेट करने की जोर शोर से कोशिश की गई जिसके तहत किसी कमी हो तो उसे दुरुस्त करना था। यहां तक कि अपने सारे आंकड़े भी पुन: फीड करने पड़ रहे थे किंतु साइट शाम के दोपहर पश्चात शुरू हुआ कुछ देर चला किंतु उसमें भी अंतिम सबमिट नहीं हो पाए। पूरे खंड से 71 परिवारों का जिसमें धनौंदा से 4 परिवारों का डाटा अंतिम सबमिट हो पाया। प्राचार्य कृष्ण कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा ने बताया कि तीन दिनों से कर्मचारी बैठे रहे, गांव से लोग समयावधि पर से बुलाए गए थे। वे सभी जमा होने लगे क्योंकि आकंड़ अंतिम सबमिट नहीं हो पाए। बड़ी परेशानी झेल कर आखिरकार परिवार घर पर चले जाते हैं। कंप्यूटर के वरिष्ठ डाटा ऑपरेटर प्रदीप कुमार एवं सूबे सिंह आदि ने बताया एक बार साइट ने काम करना शुरू किया। तत्पश्चात त्वरित गति से आंकड़े फीड किए जाने लगे, बार-बार आंकड़े अंतिम सबमिट करने के बाद भी अंतिम सबमिट नहीं हो पा रहे हैं। तीन दिनों में चार परिवारों के डाटा अंतिम सबमिट हो पाये।
इस प्रकार दिनभर कर्मचारी और अधिकारी परेशानी में जूझते रहे। साइट बेहतर न होने पर बहुत से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
क्या कहते हैं परिवार -
परिवार आंकड़े फीड करवाने वाले जिले सिंह, धन सिंह, आजाद आदि ने बताया कि वे मांगे गए सभी सर्टिफिकेट और आंकड़े स्कूल में ले जाकर दिन भर बैठे रहे। उनका काम तो थका ही कर्मचारी भी दिनभर परेशान रहे और अंत में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। जहां एक तरफ कर्मियों में रोष है वहीं फैमिली आईडी बनवाने वालों में भी रोष है। सरकार द्वारा बेहतर साइट सीधा उपलब्ध ने करवाना परेशानी का सबब बना रहा।
क्या कहते कर्मचारी और अधिकारी-
कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकार को बेहतर साइट उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि इतने अधिक लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी-
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव ने बताया कि अब तक महज 71 परिवारों के डाटा पूरे खंड से अंतिम सबमिट हो पाये हैं। सर्वर धीरे चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सर्वर ठीक हो जाएगा।
फोटो कैप्शन 4: डाटा फीड करते कर्मी।
5:अपना इंतजार करते लोग
जर्जर सड़क मार्ग बढ़ी परेशानी
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कनीना। कनीना के जर्जर मार्ग परेशानी का कारण बने हुये हैं। आवागमन में दिक्कत आ रही है वही लोग दुखी हैं। कनीना मंडी गेट से बस स्टैंड की ओर जाते पुलिस स्टेशन तक, कनीना अनाज मंडी को क्रास करने वाली नहर के साथ चलने वाला डीएवी तक का मार्ग, अनीता यादव पूर्व सीपीएस के समक्ष गुजरने वाले मार्ग लगभग एक ही समय में निर्मित किए गए थे।
सभी मार्ग जर्जर हो गए हैं। राहगीरों की मांग है कि बाजरे की आवक से पहले सभी मार्गों को दुरुस्त किया जाए ताकि अनाज मंडी में बाजरे की आवक सही ढंग से हो सके।
कनीना मंडी से योगेश अग्रवाल ने कहा कि कनीना थाने से अनाज मंडी गेट तक का मार्ग जर्जर हो चला है। किसानों को अब बाजरे आवक लेकर आना पड़ेगा। ऐसे में होने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने मांग की है कि इस मार्ग को ठीक किया जाए।
अनिल कुमार का कहना है कि कनीना अनाज मंडी से रेवाड़ी रोड तक नहर के साथ छोटा मार्ग और जर्जर हो चला। इस मार्ग को यदि फिर से निर्मित कर दिया जाए तो कई गांव के किसान सीधे अनाज मंडी से जुड़ जाएंगे। वहीं आवागमन भी सुचारू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह मार्ग भीड़ घटाने में सहयोगी है। इसलिए इस मार्ग की सुध ली जाए।
उधर ओमप्रकाश लिसानिया का कहना है पूर्व सीपीएस अनीता भवन समक्ष से गुजरने वाला रोड़
अटेली एवं नारनौल जाने का छोटा मार्ग है। अनाज मंडी वालों के लिए भी छोटा रास्ता है। इस मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाए तो अटेली जाने के लिए सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। वही कस्बा कनीना के लोग भी इस मार्ग के जरिए सीधे नारनौल रोड पर पहुंच जाएंगे।
फोटो कैप्शन: योगेश अग्रवाल, अनिल कुमार तथा ओमप्रकाश लिसानिया।
अगिहार में किसान गोष्ठि का आयोजन
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव अगिहार में गुरुवार को किसान गोष्ठि का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन कृषि उप-निदेशक जसविंद्र सैनी के निर्देशन में हुआ। कृषि संगोष्ठी की अध्यक्षता कृषि विकास अधिकारी खेड़ी डा विकास ने की। किसान संगोष्ठी में मुख्य अतिथि खंड कृषि अधिकारी ड गजानंद शर्मा व डा राजपाल यादव (कृषि वैज्ञानिक) रहे । किसान गोष्ठि में डॉक्टर राजपाल यादव ने किसानों को मिट्टी प्रशिक्षण के बारे में जागरूक किया इसके साथ ही उनको बताया कि मिट्टी का नमूना किस तरह से लेना चाहिए।
इस मौके पर कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज ने बाजरे की फसल बीमारियों की जानकारी से अवगत कराया तथा उनका ईलाज भी बताया। खंड कृषि अधिकारी डा गजानंद शर्मा ने सरकार द्वारा किसानों के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में अवगत करवाया । कृषि विभाग के एडीओ डॉ.देवेंद्र यादव फलबीमा योजन, मेरी फसल मेरा ब्यौरा आदि योजनाओं के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी । कृषि अधिकारी डॉ विकास ने किसानों को कपास में आ रही समस्याओं के बारे में बताया कि इन समस्याओं का समाधान किस तरीके से किया जा सकता है। इस मौके पर ग्राम कृषि अधिकारी अरविंद यादव डॉ मनीषा, डॉ.विकास, फील्डमैन सतीश,फील्डमैन कुलदीप आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
फोटो कैप्शन 1: अगिहार में कृषि विभाग की संगोष्ठी का नजारा।
स्वास्थ्य कर्मी का रास्ता रोककर तीन युवकों ने की लूटपाट
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कनीना। कनीना खंड के गांव पड़ताल में बुधवार की रात बाइक सवार एमपीएचडब्लू स्वास्थ्य कर्मी
का रास्ता रोककर उसकी नकदी, मोबाइल व कपड़ों से भरा बैग लूट लिया और मौके से चंपत हो गए। पीडि़त ने इसकी सूचना कनीना थाने में देकर घटना के दोषियों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई है।
विजय कुमार पुत्र फूल सिंह गांव चढ़वाना झज्जर का रहने वाला है । जो कि स्वास्थ्य विभाग अंबाला में एमपीएचडब्लू की पोस्ट पर कार्यरत था। स्वास्थ्य कर्मी का तबादला नारनौल स्वास्थ्य विभाग में हो गया और वो अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए वह अंबाला से बाइक पर सवार होकर नारनौल जा रहा था।कनीना-अटेली मार्ग पर रास्ते में पड़तल गांव के पास आगे से एक मोटरसाइकिल पर तीन युवक दिखाई दिए। स्वास्थ्य कर्मी को मोटरसाइकिल को साइड में करने के लिए दूर से ही बोलने लग गए। स्वास्थ्य कर्मी ने बाइक साइड में नहीं लगाई परिणाम स्वरूप उन तीनों युवकों ने स्वास्थ्य कर्मी के नजदीक आकर बाइक को धक्का मार दिया जिससे स्वास्थ्य कर्मी वहीं पर गिर गया। स्वास्थ्य कर्मी ने दी शिकायत में कहा कि उन तीनों युवकों ने पहले उनकी पिटाई की उसके बाद उनका पर्स जिसमें 7000 रुपये की नकदी थी मेरा मोबाइल एक बैग जिसमें कपड़े, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी की आरसी एसबीआई बैंक का एटीएम कार्ड स्वास्थ्य विभाग का आई कार्ड आधार कार्ड इत्यादि ले गए । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने पड़तल से आगे भोजावास पर आकर किसी अनजान व्यक्ति से फोन लेकर सो नंबर पर कॉल करके इसकी सूचना कनीना पुलिस को दी। उसके बाद कनीना पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। मामले की तहकीकात कर रहे सब इंस्पेक्टर रामेश्वर ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बताई गई घटना को दर्ज कर लिया गया है तथा आरोपियों की तलाश जारी है।
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