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Sunday, August 2, 2020

बाजार में बढऩे लगी भीड़, रक्षाबंधन का पर्व आने से महंगे हुए फल 
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कनीना। रक्षा बंधन के पर्व के चलते बस स्टैंड के आस पास जा रही है। ना तो बसों में पैर रखने की जगह मिल रही है।  भाई-बहन के अटूट प्यार की निशानी रक्षाबंधन तीन अगस्त को मनाया जा रहा है। तीन अगस्त और रक्षाबंधन के चलते बहन भाइयों का आवागमन जारी है और वेे विभिन्न स्थानों पर आ जा रहे हैं किंतु इनकी संख्या बढऩे से भारी भीड़ चल रही है। निजी वाहनों से भी भारी संख्या में लोग इधर उधर जा रहे हैं।
 त्योहार के दृष्टिगत जहां फलों में भारी वृद्धि हो गई है। केले 80 रुपये पति दर्जन तक पहुंच गए हैं। पर्व पर केला,मिठाई,पेठा,बतासें आदि प्रयोग किए जाते हैं। यही कारण है फलो, मिठाई एवं पेठा के साथ-साथ राखी बेचने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और दुकान एवं रेहड़ी बढ़ गए हैं। गांव और कस्बों में भी राखी बेचने वालों की कोई कमी नजर नहीं आ रही है। रक्षा पर्व के चलते जहां भारी समस्या उत्पन्न होने लगी है। लोग इधर-उधर भाग रहे हैं।




कंटीली चौलाई ने की किसानों की नींद हराम

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कनीना। क्षेत्र के किसान कांग्रेस घास से परेशान थे जो खेतों में तथा यहां वहां मिलती थी परंतु अब किसानों को परेशान करने में नंबर वन पर कंटीली चौलाई है। भारी मात्रा में यहां वहां खड़ी मिलती है। सड़क किनारे, नहरों के पाल पर, किसानों के खेतों में जमकर खड़ी हुई है।
 बारिश होते ही कंटीली चौलाई लहलहाने लगी है। कांग्रेस घास को भी पीछे छोड़ दिया है तथा यह भी खरपतवार होती है। अंतर है तो बस इतना कि कांग्रेस घास जहरीली होती है जिसे कोई जानवर नहीं खाता है परंतु कंटीली चौलाई को पशु चारे के रूप में प्रयोग करते हें तथा कुछ लोग इसे चौलाई की जगह प्रयोग कर रहे हैं। शहरों में तो यह चौलाई के विकल्प के रूप में मिलती है। जब बड़ी हो जाती है तो यह कंटीली बन जाती है तथा इसका रूप चौलाई से मिलता जुलता होता है जिसके कारण इसे कंटीली चौलाई कहते हैं।
   बारिश होते ही जहां कभी नहरों के किनारे, खेतों में तथा पुराने घरों के आस पास कांग्रेस घास मिलती थी वहां अब कंटीली चौलाई मिलती है। किसान अजीत कुमार कनीना, सूबे सिंह कनीना, राजेंद्र सिंह कनीना ने बताया कि दूसरे प्रदेशों विशेषकर राजस्थान, बिहार एवं यूपी से आए हुए लोग इसे काटकर ले जाते हैं और सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं। उनका कहना है कि गाय, भैंस भी इसे खा लेती हैं किंतु उनके खेतों में परेशानी का कारण बना हुआ है। उन्हें निराई के रूप में इसे खेतों से हटाना पड़ता है।
  किसान कृष्ण कुमार, योगेश कुमार, रोहित कुमार का कहना है कि कांग्रेस घास से डरते थे अब उन्हें कंटीली चौलाई से डर लगने लगा है। अधिक मात्रा में खड़ी होने से निराई करने में दिक्कत आती है। अगर पक जाए तो पूरे खेत में कांटे बिखेर देती है। पशु भी तब तक ही खाते हैं जब तक यह पक न जाए।
  कुछ भी कहा जाए परंतु सड़क के किनारे हरियाली का प्रमुख स्रोत कंटीली चौलाई बनती जा रही है। गहरे हरे की होने के कारण इसे लोग खा रहे हैं। हरी पत्तेदार सब्जी का विकल्प भी इसे मान रहे हैं।
फोटो कैप्शन 7: कंटीली चौलाई।




रक्षाबंधन पर्व के चलते भारी भीड़
-आवागमन में परेशानी 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां रक्षाबंधन पर्व की पूर्व संध्या के चलते सड़कों पर भारी भीड़ रही, आवागमन में अति परेशानी आई। जहां इस बार रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं तथा किसी रूट पर चल भी रही है तो बहुत कम हैं। वैसे भी महिलाओं को इन बसों में मुफ्त में आने जाने की कोई अनुमति नहीं है जिसके चलते निजी साधनों की भरमार हो गई है।
एक और  बस स्टैंड कनीना समक्ष गुजरने वाले महेंद्रगढ़-रेवाड़ी मार्ग पर दोनों तरफ दुकान हैं और उनके सामने बार-बार साइन बोर्ड तथा निजी वाहन इस कदर बढ़ गए कि आवागमन अवरुद्ध रहा। जहां रक्षाबंधन का पर्व सोमवार और वह भी सावन का अंतिम सोमवार है इसलिए रक्षाबंधन का महत्व बढ़ गया है।
राजेश कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र शर्मा, सज्जन सिंह आदि ने बताया कि उन्हें सड़क पार करने में भी बड़ी दिक्कत हुई। जिसके चलते हुए सड़कों के किनारे खड़े रहे।
रक्षा बंधन पर्व-
 महेंद्र शर्मा का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व महाभारत से चला रहा है। जब श्री कृष्ण ने महाभारत की युद्ध में युधिष्ठिर से सैनिकों की कलाई पर रक्षा सूत्र बनवाया था। देवराज इंद्र ने भी इसे धारण किया था। उधर सुरेश कुमार का कहना है कि वास्तव में रक्षा सूत्र शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण के अंगुली से खून आने पर रोकने के लिए द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर बांधा था। वही रक्षा सूत्र था जिसके बदले श्री कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी। सिकंदर की पत्नी ने भी पोरस के लिए एक राखी भेजी थी ताकि सिकंदर की जीवन की रक्षा हो सके। मेवाड़ की कर्णवती ने भी हुमायू को राखी भेजी थी किंतु हुमायू के पहुंचने से पहले कर्णवती जौहर कर चुकी थी। वास्तव में गुरुकुल में भी इस दिन रक्षा सूत्र बांधा जाता है, जनेऊ धारण किए जाते जो वास्तव में राखी का ही एक रूप होते हैं।
कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि रक्षा सूत्र 3 अगस्त को मनाया जाएगा और यह रक्षा सूत्र लोगों के लिए शुभ होगा। एक और जहां कोरोना की मार चल रही है फिर भी भारी संख्या में लोग इधर उधर आ जा रहे हैं ।सड़कों पर गुजरने के लिए जगह नहीं है। विशेषकर भारी वाहन सड़कों पर जमा हो जाते हैं जिसके चलते आवागमन बाधित हो जाता है।
फोटो कैप्शन 5 व 6:  सड़क मार्ग पर वाहनों की भीड़।





रक्षाबंधन और सावन अंतिम सोमवार साथ होने  से मंदिरों में रहेगी भीड़

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 कनीना। जहां सोमवार सावन का अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन एक साथ आने से शिवालयों में भीड़ रहने के आसार बन गए हैं। वैसे भी सावन सोमवार का व्रत करने वाले लोग इस बार अंतिम सोमवार को अधिक संख्या में मंदिरों में पहुंचेंगे।
 कनीना की भरपूर सिंह तथा शकुंतला यादव ने बताया कि वे प्रतिदिन शिवालय में जाते हैं लेकिन हर सोमवार को भारी भीड़ होती है। इस बार अधिक भीड़ रहेगी क्योंकि सावन का अंतिम सोमवार होगा। इसलिए इस दिन भारी भीड़ जुटने के आसार बन गए हैं। कनीना के आसपास गांव से भी मिली जानकारी अनुसार भारी भीड़ रहेगी। करीरा के सुरेश कुमार ने बताया कि सोमवार अंतिम सोमवार हैं।  वैसे भी अपने भाइयों के यहां मिलने आएंगी और व्रत रखकर शिव भोले को जल अर्पित करेंगी। तत्पश्चात अपने भाई की लंबी आयु की कामना करेंगी।



20 पौधे फलदार लगाए गए

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कनीना। खंड के गांव चेलावास में बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल सामाजिक संस्था की मुहिम पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत 20 पेड़ जामुन, तुलसी, पारस पीपल, शीशम के पौधे शहीद  हवलदार सतबीर सिंह व शहीद सतीश कुमार स्मारक में लगाये गए। संस्था की तरफ से लगातार पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
्र संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक ने बताया कि हर गाँव में सुंदर पार्क बनाये गए हैं पौधों की व्यवस्था भी अच्छी की हुई है कमी है तो जागरूकता की इनमें अगर पंचायत या सरकार की तरफ से अगर एक माली की व्यवस्था की जाए तो युवाओं को रोजगार और पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी। उन्होंने  बताया कि संस्था द्वारा घर घर जाकर पेड़ वितरण कर जागरूक किया जा रहा है। संस्था की तरफ से चेलावास गांव से अनीश ने पहल करते हुए शहीद स्मारक में साफ सफाई की, पौधा रोपण करके लोगों को जागरूक होने की अपील की। इस अवसर पर गजे सिंह इंदौरा, कुलदीप तंवर  पंकज कुमार निमोठ व टीम के अन्य साथी मौजूद रहे।
  उधर मुकेश कुमार ने बताया कि कनीना कालेज रोड़ पर एक सप्ताह में दस पौधे तोड़ दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि शाम को पेड़ तोडऩे की कार्रवाई चलती है चूंकि दिन के समय वे हाजिर रहते हैं। इस प्रकार की घटना दे बार घटित हो चुकी है।
फोटो कैप्शन 4: पीपल का पौधा लगाते पदाधिकारी।


पांच अगस्त को कनीना में मनेगी दीपावली

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कनीना।  विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष महेश बोहरा ने कहा की 5 अगस्त को। दीपावली के त्योहार की तरह ही मनाया जाएगा विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के द्वारा तैयारियां की जा रही है। श्री बोहरा ने कहा कि दीपक बांटने का कार्य आज से शुरू कर दिया गया है विहिप कार्यकर्ताओं को गांव में बांटने के लिए दीपक पहुंचाए जा रहे हैं। कनीना के वार्ड नंबर 13 और  10 में स्वयं कनीना अध्यक्ष महेश बोहरा ने घरों में जाकर दीपक बांटे। श्री बोहरा ने कहा कि अयोध्या में बनने वाला श्री राम मंदिर इतना सुंदर और भव्य बनेगा कि पूरे भारत देश में पहला तीर्थ स्थान एवं पर्यटक स्थल होगा। हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरे संसार का हिंदू चाहता है कि जल्द से जल्द राम मंदिर बन जाए और हम सब अयोध्या जाकर के श्रीराम के दर्शन करें। श्री बोहरा ने कहा कि 5 अगस्त के लिए सभी भक्तों के मन में इतना उत्साह हो रहा है की सब नए-नए तरीकों से तैयारियां करने में लगे हुए है। उन्होंने विहिप कार्यकर्ताओं से निवेदन करते हुए कहा कि 5 अगस्त तक ज्यादा से ज्यादा घरों में  दीपक पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने एक बार फिर करोना  महामारी के मध्य नजर सावधानी रखने के के लिए कहा है।
  उधर श्याम सुंदर महाशय, शिव कुमार अग्रवाल, आचार्य जगदीश आदि ने खुशी जताई कि राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू हो रहा है।
फोटो कैप्शन 2: विभिन्न गांवों के जन माटी पहुंचाकर दीप ले जाते हुए।


सनातन संस्कृति का प्रतीक है,अयोध्या में राम मंदिर

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कनीना।  भगवान श्रीराम चन्द्र  चिर सनातन संस्कृति के वाहक हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक हैं। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है। जिसकी भूमि पूजन का कार्यक्रम 5अगस्त 2020 को हो रहा है। इसी के साथ कई दशक पुराना संकल्प पूर्ण होगा। ये विचार सुनीता यादव सह विभाग कार्यवाहिका राष्ट्र सेविका समिति ने यहां व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि जिसके लिए देश व विदेश में भी कार्यकर्ता इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगें। इसी कड़ी में राष्ट्र सेविका समिति की बहने भी अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर इस दिन को एक विशेष उत्सव की तरह मनाएगी और धार्मिक स्थलों पर भजन कीर्तन, यज्ञ हवन, सत्संग आदि कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रसाद वितरण किया जाएगा। समाज के सभी नागरिकों में एक अजीब सा जोश और उत्साह है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि अयोध्या वह दैव भूमि हैं, जहाँ भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। वहां भगवान श्री राम का मंदिर था जिसे बाबर ने 1528 में तोड़ कर बाबरी मस्जिद बना दी। यह हिंदुओं की आस्था पर एक गहरी चोट थीं, जो एक लंबे समय औऱ संघर्ष के बाद हमारी संस्कृति के प्रतीक औऱ हमारी आस्था के केन्द्र श्री राम जी का मंदिर बनाने जा रहा है।इस दिन को माँ भारती का प्रत्येक नागरिक दिपावली जैसे जोश और उत्साह से मनाएगा। इस दिन सभी को दीप प्रज्वलित करने चाहिए, मिठाई बाँटनी चाहिए। मन्दिरों, धार्मिक स्थलों पर भजन कीर्तन, सत्संग आदि का आयोजन करना चाहिए। इस दिन मातृशक्ति को विशेष रूप से बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए, क्योंकि भारतीय सनातन संस्कृति में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव मातृशक्ति के बिना पूर्ण नहीं होते।इसलिए मातृशक्ति को इस दिन पूरे मन से और जोश के साथ अपना योगदान देना चाहिए।बन्धुओं को भी इस आयोजन के लिए अपने अपने परिवार की मातृशक्ति को भागीदार बनाना चाहिए। केवल सोशल मीडिया पर ही पोस्ट ना करके वास्तविक रूप में मनाना चाहिए।
फोटो कैप्शन: सुनीता यादव।

डाक वितरण का कार्य हुआ 

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कनीना। कनीना उप-डाकघर में डाक वितरण का कार्य हुआ। जहां ईद के कारण शनिवार को अवकाश रहा वहीं आज भारी मात्रा में डाका आई थी। उप डाकघर के एसपीएम विकास जांगिड़ ने बताया कि सुबह से छटनी करके और डाक वितरण के लिए विभिन्न पोस्टमैन को उनके गांव में तथा कस्बा कनीना में भेज दिया गया है। इसी प्रकार विगत वर्ष भी रविवार को डाक वितरण का कार्य किया गया था और आज भी रविवार होने से तथा सोमवार को रक्षाबंधन होने के कारण डाक वितरण किया गया।
उधर पोस्टमैन राजेंद्र सिंह ने बताया कि भारी मात्रा में राखी आई हुई है। सुबह से शाम तक राखी वितरण का कार्य करेंगे। उन्होंने खुशी जताई कि कितने ही भाइयों के लिए उनकी बहनों द्वारा भेजी हुई राखियां में पहुंचा कर आएंगे। उन्हें प्रसन्नता हुई कि हर वर्ष हजारों लोगों तक राखियां पहुंचाने का काम करते हैं।
 फोटो कैप्शन एक: पोस्ट ऑफिस में उप डाकघर में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी।



रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई

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कनीना। रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। ये विचार कनीना के प्राध्यापक सुरेंद्र कुमार नेव्यक्त करते हुए कहा कि भगवान श्री राम चन्द्र जी के कुल की यह कहावत चिर परिचित हैं।  इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए, चिर सनातन संस्कृति के वाहक हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है। जिसकी भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 अगस्त 2020 को हो रहा है। इसी के साथ कई दशक पुराना संकल्प पूर्ण होगा। यहीं वो वचन जिसे पूर्ण करने के लिए मां भारती के प्रत्येक हिन्दू ने अपनी आस्था जताते हुए, अनेकों बार संघर्ष किया, कोठारी बन्धुओं जैसे अनेक भक्तों ने अपनी जान की बाजी लगाई तो अनेकों साधू संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन इस कार्य के लिए खपा दिए। वर्तमान में हिन्दू समाज बड़ी तन्मयता से इस कार्य में लगा है। माँ भारती के प्रत्येक नगर गाँव के धार्मिक स्थलों से पवित्र जल औऱ मिट्टी अयोध्या में मन्दिर की नींव स्थापना के लिए भेजी जा रही हैं।जिसके लिए देश व विदेश में कार्यकर्ता इस कार्य में लगे हैं। समाज के सभी नागरिकों में एक अजीब सा जोश और उत्साह है और हो भी क्यों ना , क्योंकि हम सब जानते हैं कि अयोध्या वह दैव भूमि हैं, जहाँ भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था। वहां भगवान श्रीराम का मंदिर था जिसे बाबर की सेना   ने 1528 में तोड़ कर बाबरी मस्जिद बना दी। यह हिंदुओं की आस्था पर एक गहरी चोट थीं, जो एक लंबे समय और संघर्ष के बाद हमारी संस्कृति के प्रतीक और हमारी आस्था के केन्द्र श्री राम जी का मंदिर बनाने जा रहा है। इस दिन को माँ भारती का प्रत्येक नागरिक दीपावली जैसे जोश और उत्साह से मनाएगा। दीप प्रज्वलित करने चाहिए, मिठाई बाँटनी चाहिए। मन्दिरों, धार्मिक स्थलों पर भजन कीर्तन, सत्संग आदि का आयोजन करना चाहिए।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र सिंह

5 अगस्त को कनीना में होगा हवन आयोजित

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कनीना। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की खुशी में 5 अगस्त को कनीना के खाटू श्याम मंदिर परिसर में हवन आयोजित होगा। विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित प्रदीप शास्त्री ने बताया कि श्री श्याम मंडल की तरफ से जहां 5 अगस्त को हवन आयोजित होगा। यह इसी खुशी में आयोजित किया जा रहा है कि 5 अगस्त को अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने की कार्रवाई शुरू होगी ।उन्होंने खुशी जताई कि भगवान श्री राम का मंदिर 500 सालों के बाद अब निर्मित होगा।

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