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Saturday, August 8, 2020


शहीद रामकुमार को याद किया
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कनीना। कनीना के शहीद रामकुमार को उनकी 55वीं बरसी पर श्रद्धासुमन अर्पित किए एवं हवन आयोजित किया गया।  कनीना में गुगनराम नामक एक साधारण व्यक्ति के घर रामकुमार नामक बच्चे का प्रथम जुलाई 1937 को जन्म हुआ। मां का नाम दाना देवी था। घर के हालातों के चलते कोई शिक्षा प्राप्त नहीं की किन्तु आर्मी शिक्षा आठवीं तक पाई थी। परिवार में 6 भाई थे। उस वक्त वे चार भाई रामसिंह, नित्यानन्द, अमर सिंह व रामकुमार फौज में नौकरी करते थे। यही वजह है कि उनके पिता गुगनराम भुवालखा को वारजागिर के रूप में पेंशन मिलती थी। प्रारम्भ से ही रामकुमार के लक्षण देश सेवा के लगते थे। छोटी उम्र में ही जब रामकुमार की उम्र 16 वर्ष थी, उनसे दो वर्ष छोटी सारली देवी से उनकी शादी कर दी गई। किन्तु शादी भी उन्हें अधिक समय तक घर में रोक नहीं पाई। परिजनों की प्रेरणा से वे
आखिरकार 19 वर्ष की उम्र में 6 सितम्बर 1957 को कुमाऊं रेजिमेंट (4 कुमाऊं आर्मी नं. 4144088) में नायक पद भर्ती हो गए। नौकरी पूूर्व उनके घर एक बालिका ने जन्म लिया।  अब तो उन की खुशी का ठिकाना नही रहा क्योंकि वे देश सेवा करना चाहते थे। जब कभी वे घर लौटते तो देश और दुश्मनों पर घंटों साथियों से चर्चा करते थे। मां-बाप भी उनसे अति प्रसन्न थे। परन्तु भाग्य में कुछ और ही लिखा था। 1965 में पाक ने भारत पर धावा बोल दिया। पाकिस्तानी पीओके से गोलाबारी करने लगे। पाक को सबक सिखाने के लिए कुमाऊं रेजिमेंट को भेजा जिसमें यह वीर भी साथ था।
भारत का का अमर सपूत रामकुमार 4 कुमाऊं टुकड़ी के कमांडर के साथ कारलपुर पुल की सुरक्षा के लिए 7 अगस्त 1965 को तैनात किया। दुश्मन की नजर पुल को उड़ाने की थी क्योंकि आवागमन का यही रास्ता था। पुल की दिन भर कड़ी सुरक्षा की गई धीरे-धीरे काली रात आने लगी। रात करीब 11 बजे दुश्मनों की सेना ने मौका देख गोली बारी शुरू कर दी और राकेटों से हमला बोल दिया। भारी संख्या में सैनिक मारे गए। टुकड़ी का कमांडर भी बुरी तरह से घायल हो गया और वह चलने में असहाय नजर आता था। उधर रामकुमार भी खुद गोलीबारी में घायल हो चुका था परन्तु हिम्मत जुटाकर रामकुमार ने कमांडर को कन्धे पर डाल लिया और धीरे-धीरे घसीटते हुए उन्हें दूर ले गया जहां पर दुश्मन का प्रभाव कम था। जब दुश्मन की टुकड़ी पुल पर पहुँची तो रामकुमार ने घायल अवस्था में भी दो-दो हाथ करने की ठान ली। ग्रेनेड द्वारा हमला कर दिया और दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। दुश्मन में भगदड़ मच गई तथा दुश्मनी सेना ने जमकर गोलीबारी व राकेटों से हमला बोल दिया। नायक रामकुमार के सिने पर गोलियां लगी और शरीर छलनी हो चुका था। भारत मां की जय बोलकर वीर, भारत मां के सपूत ने धरती के लाल ने प्राण त्याग दिए।
भारत के इस वीर सपूत के अदम्य साहस को देख 7 अगस्त 1965 को ही उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र देने की घोषणा कर दी गई। उन्हें रक्षा मैडल, सैन्य सेवा मैडल, वीर सेवा मैडल तथा वीर चक्र से सम्मानित किया गया।  उनकी पत्नी सारली को इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री तथा डा एस राधाकृष्णन् द्वारा दिल्ली में वीर चक्र प्रदान किया। वर्तमान में शहीद के दो पुत्र सूबेदार अर्जुन सिंह(सेवानिवृत्त) एवं भरपूर सिंह हैं।
  उनको श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में कर्नल भूप सिंह, सूबेदार राम सिंह, अमर सिंह, अतर सिंह, सूबेदार अर्जुन सिंह, कंवरसेन वशिष्ठ, उप प्रधान अशोक कुमार, कृष्ण जेलदार, सू मोहर सिंह, कर्ण सिंह, संजीत कुमार, अजीत, जीत सिंह, सत्यवीर सिंह, भरपूर सिंह, राज सिंह आदि प्रमुख थे। 
फोटो कैप्शन 1: शहीद रामकुमार को श्रद्धा सुमन अर्पित करते जन।
2: हवन आयोजित करते हुए। 











 व्यक्ति ने की आत्महत्या की
पुलिस ने किया कार्रवाई
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 कनीना। कनीना खंड के गांव पोता निवासी अनिल कुमार  राजपूत ने अपने घर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है। वे विगत समय से परेशान चल रहे थे। मृतक के पिता रतिपाल द्वारा पुलिस में दिए गए बयान के अनुसार लंबे समय से परेशान चल रहे थे क्योंकि उनकी पत्नी के साथ तलाक का मामला न्यायालय में चल रहा है जिसके चलते वह परेशान था। मानसिक रूप से परेशान होने के कारण उन्होंने  शुक्रवार को जहरीला पदार्थ खा लिया तत्पश्चात उन्हें नारनौल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां वह शनिवार को उनकी मौत हो गई। कनीना पुलिस ने इत्तफाकिया मौत का मामला दर्ज करते हुए शव का महेंद्रगढ़ से पोस्टमार्टम करवा उसके परिजनों को सौंप दिया जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
उधर कनीना पुलिस ने धनौंदा में धीरज नामक एक व्यक्ति से अवैध शराब के मिलाकर 81 बोतल आधा, पव्वा, देसी बरामद की है। मामला दर्ज कर लिया है।


एसीपी में तदर्थ सेवा का दिया जाए लाभ
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कनीना। सरकारी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों की कच्ची या तदर्थ सेवा का लाभ उनकी एसीपी(सुनिश्चित सेवा प्रगति) में शामिल किया जाए। यह मांग अध्यापक नेताओं ने सरकार से यहां की है।
  यहां जारी एक बयान में अध्यापक नेताओं कंवरसेन वशिष्ठ एवं निर्मल शास्त्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 30 हजार ऐसे शिक्षक हैं जिनकी सेवा 20 वर्षोंे की हो चुकी हैं किंतु केवल एक ही एसीपी लग पाया है। सरकार पहले दस, बीस एवं तीस वर्ष पर तो अब आठ, सोलह एवं 24 वर्षों के बाद एसीपी का लाभ दे रही है। ऐसे में उनकी एसीपी लाभ में तदर्थ या अस्थाई नौकरी का लाभ नहीं दिया गया है। इस बात को लेकर शिक्षकों में रोष है और वे वर्षों से एसीपी के लाभ में अस्थाई एवं तदर्थ सेवा का लाभ देने की मांग कर रहे हैं।



छोटे बच्चों ने दादी के संग किया पौधारोपण
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कनीना। वृक्षारोपण अभियान के तहत करीरा के छोटे प्यारे बच्चों ने अपनी दादी के संग पौधारोपण किया।
 दादी निर्मला देवी ने बच्चों निपुण, दीपू यादव एवं रौनक यादव को पौधों का जीवन में बहुत महत्व है। वृक्ष पर्यावरण संतुलन में पूर्ण सहयोग देते हैं। वर्षा करने में सहायक है। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेवारी समझते हुए एक पौधा अवश्य लगाए। यदि हम पौधे नहीं लगाएंगे तो आने वाली पीढिय़ों को धोखा दे रहे हैं। ऑक्सीजन बिना मरना है। आने वाली पीढ़ी अभी नहीं बचेगी। अधिक से अधिक पौधे लगाना। इस मौके पर नींबू, अमरूद शहतूत के पौधे लगाए।
फोटो कैप्शन 7: दादी के संग नींबू का पौधा लगाते बच्चे।
व्यक्ति ने की आत्महत्या की
पुलिस ने किया कार्रवाई 

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 कनीना। कनीना खंड के गांव पोता निवासी अनिल कुमार  राजपूत ने अपने घर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है। वे विगत समय से परेशान चल रहे थे। मृतक के पिता रतिपाल द्वारा पुलिस में दिए गए बयान के अनुसार लंबे समय से परेशान चल रहे थे क्योंकि उनकी पत्नी के साथ तलाक का मामला न्यायालय में चल रहा है जिसके चलते वह परेशान था। मानसिक रूप से परेशान होने के कारण उन्होंने  शुक्रवार को जहरीला पदार्थ खा लिया तत्पश्चात उन्हें नारनौल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां वह शनिवार को उनकी मौत हो गई। कनीना पुलिस ने इत्तफाकिया मौत का मामला दर्ज करते हुए शव का महेंद्रगढ़ से पोस्टमार्टम करवा उसके परिजनों को सौंप दिया जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
उधर कनीना पुलिस ने धनौंदा में धीरज नामक एक व्यक्ति से अवैध शराब के मिलाकर 81 बोतल आधा, पव्वा, देसी बरामद की है। मामला दर्ज कर लिया है।




पांच कोरोना संक्रमित पाए गए
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में दो व्यक्ति, सेहलंग सीएचसी के तहत एक तथा भोजावास स्वास्थ्य कंद्र के तहत दो व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। कनीना, सेहलंग तथा भोजावास अस्पताल की ओर से कार्रवाई करते हुए उनको आइसोलेट कर दिया गया है।
मिली जानकारी अनुसार गाहड़ा निवासी 29 वर्षीय आइटीबीपी में नौकरी करता है ।3 अगस्त को जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख से घर आया था। 6 अगस्त को सैंपल दिया गया जो कोरोना संक्रमित पाया गया है।
उधर 28 वर्षीय पड़ताल निवासी नेवी(डिफेंस) में नौकरी करता है। मुंबई से 3 अगस्त को आया था, 6 अगस्त को सैंपल दिया और कोरोना संक्रमित पाया गया है। उधर उच्चत निवासी 41 वर्षीय वन विभाग में कार्यरत कर्मी को बुखार आने पर सैंपल 6 अगस्त को महेंद्रगढ़ अस्पताल में सैंपल दिया था कोरोना संक्रमित पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में संक्रमित जनों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक आंकड़ा 91 को पार कर गया है जिनमें से 71 रोग रहित हो चुके हैं। एक वृद्ध की मौत हो चुकी है। एसएमओ डा धर्मेंद्र बताया कि सावधानी से ही इस रोग से बचा जा सकता है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो रोग फैलने का भय रहेगा।
डॉक्टर अंकित कुमार की अध्यक्षता में शीशराम पिचाई सुपरवाइजर सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू, सरिता एएनएम, गीता, आशा, सुमन, राजेश आदि ने स्क्रीनिंग में अहं भूमिका निभाई है। गाहड़ा गांव में व्यक्ति को घर पर आइसोलेट किया गया। गाहड़ा में कंटेनमेंट जोन में एक घर और पांच व्यक्ति तथा बफर जोन में तीन घर और 21 व्यक्ति शामिल किए गए। उधर कनीना में वार्ड 3 में एक व्यक्ति श्रमिक के रूप में कोरोना संक्रमित पाया गया है जिसके लिए डॉ मोनिका के अध्यक्षता में शीशराम एचआई सुपरवाइजर, सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू ,गीता, सरिता, आशा, सुमन, राजेश आदि की देखरेख में स्क्रीनिंग की गई। उन्हें भी घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है। उधर बचीनी में भी एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। इस प्रकार कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत गाहड़ा में पड़ताल और बचीनी भोजावास स्वास्थ्य केंद्र के तहत तथा सेहलंग स्वास्थ्य केंद्र के तहत उच्चत गांव का व्यक्ति कोरोना संक्रमित  पिाये गये हैं।
फोटो कैप्शन 4: गाहड़ा में स्क्रीनिंग करते हुए अस्पताल के कर्मी।


मिलिए कनीना के सबसे वृद्ध व्यक्ति से .......
-करतार सिंह पूर्व मुख्याध्यापक दैनिक जागरण के शौकीन है
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कनीना। 93 वर्षीय कनीना के सबसे वृद्ध व्यक्ति करतार सिंह पूर्व मुख्य अध्यापक आज भी अपनी बोल्ड आवाज के रूप में जाने जाते हैं। कनीना में दो बार पालिका पार्षद रह चुके तथा पितामह कान्ह सिंह कालेज के पदाधिकारी रहे तथा धनौंदा के राजकीय स्कूल से सेवानिवृत्त हुए करतार सिंह मुख्य अध्यापक उन शहीदों को आज भी याद करते जिन्होंने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद करवाया। आज भी अपना कार्य स्वयं करते हैं जिनमें चलना, फिरना टहलना सब कुछ सही सलामत है और वे सभी को भलीभांति जान पहचान लेते हैं। उनका कहना है कि कस्बा कनीना में अमन चैन उनकी प्राथमिकता है तत्पश्चात देशभक्तों को याद करते हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी होता है। कस्बा के अनेकों जांबाज हुये हैं जिन्होंने विभिन्न युद्धों में नाम कमाया है।
बिना चश्मे के दैनिक जागरण अखबार को अच्छी प्रकार पढ़ते हैं और उनका कहना है कि यदि शाकाहार भोजन लिया जाए उम्र दर उम्र इंसान चलता रहेगा।  कस्बा कनीना में 3 वयोवृद्ध व्यक्ति है जिनमें से श्यामलाल पंडित, राम प्रताप पंडित तथा सबसे वृद्ध मुख्याध्यापक करतार सिंह हैं।
उनका कहना है कि पहले भी आजादी का जश्र देखते आए हैं और इस आजादी के जश्न 15 अगस्त को एक बार फिर से देखेंगे। कितने ही वर्षों से जन सेवा में जुटे रहने वाले करतार सिंह प्रसन्न हैं।
 फोटो कैप्शन 3: करतार सिंह पूर्व मुख्याध्यापक अखबार पढ़ते हुए।

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