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Wednesday, August 26, 2020


दौंगड़ा गांव के मसले को लेकर अनेकों चर्चाएं

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 कनीना। दौंगड़ा अहीर गांव की नाबालिग लड़की गुरुकुल नोएडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिलने वाला मसला एक बार तेजी से फैला। अनेकों प्रकार की चर्चाएं चल रही है परंतु हकीकत का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। उनके परिवार वाले अर्थात पीडि़त परिजन किसी का फोन नहीं उठा रहे हैं। वही आस पड़ोस के लोग अनेक प्रकार की बातें कर रहे हैं। गांव के सरपंच नीतू यादव ने बताया कि कुछ दिनों पहले
पीडि़त परिवार वाले उनके पास आए थे जिसके चलते हुए एसपी नारनौल के पास जाकर पुलिस मामला दर्ज करवा दिया था। तत्पश्चात से उनके पास मिलने नहीं आए हैं और न ही आगे की कार्रवाई का उन्हें पता। यहां तक की मंगलवार को परिवार वाले नोएडा गये बताएं जिसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पा रही है।
बहरहाल मामला फिर से ढीला पड़ता जा रहा है।
क्या है मामला-
 गांव दौंगड़ा अहीर की नोएडा स्थित एक गुरुकुल में पढऩे वाली लड़की का गुरुकुल में शव मिला था। माता पिता का आरोप लगाया था कि उनकी बच्ची को मार दिया गया है। उसके माता-पिता ने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में शिकायत की थी। उधर मामले की जांच नोएडा में होनी थी वहीं कनीना में भी इसकी शिकायत पहुंची थी। मृतका सपना के पिता नवीन ने विभिन्न स्थानों पर शिकायत भी भेजकर कहा गया था कि उनकी दो बेटियां नोएडा के गुरुकुल में पढ़ती है। 3 जुलाई को उनके पास गुरुकुल के आचार्य का फोन आया और उन्हें जल्दी बुलाया। कोरोनाकाल होने पर उन्होंने किराए पर गाड़ी लेकर आने की बात भी कही। जैसे तैसे परिजन गुरुकुल में पहुंचे तो गाड़ी चालक को पैसे देकर लौटा दिया तथा उनके फोन आदि छीन लिए। नवीन का आरोप था कि उनकी पुत्री को पंखे से लटका देख उनकी पत्नी बेहोश हो गई। उनका आरोप है कि जबरदस्ती उनके हस्ताक्षर कुछ कागजों पर करवा लिए गए तथा उनकी बेटी को मार कर लटकाया हुआ था। आचार्य ने कहा कि लड़की ने तुम्हारे खिलाफ भी एक पत्र लिखा है। ऐसे में उन्होंने जल्दी से दाह संस्कार करने का दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर जल्दी से दाह संस्कार नहीं हुआ तो पुलिस बुला दी जाएगी। ऐसे में उनका दाह संस्कार करवा दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि गुरुकुल वालों का स्पष्ट कहना है कि यदि गुरुकुल बदनाम हो गया तो पीडि़त परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। उनकी बेटी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया और न पुलिस को सूचना दी। कुछ कागज लिखने के लिए कहा तो नवीन ने लिख पाने की असमर्थता दर्शाई तो उनकी छोटी पु़त्री द्वारा लिखे गये कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए थे। उन्होंने उनकी मृतक पुत्री के द्वारा लिखे कागज आदि मांगे तो उन्होंने वे पत्र भी देने से इनकार कर दिया गया था।
नवीन कुमार का कहना है कि उसकी पत्नी बेहोश पड़ी थी उन्हें खुद लिखना नहीं आता था इसलिए उनकी छोटी बच्ची से कागज लिखवा कर उनके साइन करवा लिए गए। तत्पश्चात उन्होंने जरूरत थी गाड़ी में बैठा कराने घर के लिए रवाना कर दिया। मृतका की मां ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी मांगा किंतु नहीं दिये गये।




दो दिनों में हुआ दो परिवारों का काम पूरा
-बार बार धोखा देता मिला साइट

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 कनीना। पूरे हरियाणा में चल रहे परिवार आईडी/फैमिली आईडी अपडेट का कार्य दो दिनों में दो परिवारों का ही हो पाया। एक बार साइट चला कुछ आंकड़े फीड किए और फिर अंतिम सबमिट करते समय फिर से एरर दर्शा गया। दिन भर विभिन्न स्कूलों में सरकारी कर्मचारी शाम पांच बजे तक कंप्यूटर के जुटे रहे किंतु अंतिम सबमिट किसी का नहीं हो पाया। हर केंद्र पर एक या दो परिवार ही सुलझ पाये हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सरकार ने विभिन्न गांव में पढऩे वाले सरकारी विद्यार्थियों के परिवारों के फैमिली आईडी अपडेट करने की जोर शोर से कोशिश की गई जिसके तहत किसी कमी हो तो उसे दुरुस्त करना था। यहां तक कि अपने सारे आंकड़े भी पुन: फीड करने पड़ रहे थे किंतु दो परिवारों के आंकड़े अंतिम सबमिट हो पाए। प्राचार्य कृष्ण कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा ने बताया कि दिन भर सारे कर्मचारी बैठे रहे, गांव से लोग समयावधि पर से बुलाए गए थे। वे सभी जमा होने लगे क्योंकि आकंड़ अंतिम सबमिट नहीं हो पाए। दो दिनों से परिवार बड़ी परेशानी झेल कर आखिरकार परिवार घर पर चले गए। कंप्यूटर के वरिष्ठ डाटा ऑपरेटर प्रदीप कुमार एवं सूबे सिंह आदि ने बताया एक बार साइट ने काम करना शुरू किया। तत्पश्चात त्वरित गति से आंकड़े फीड किए जाने लगे, बार-बार आंकड़े अंतिम सबमिट करने के बाद भी अंतिम सबमिट नहीं हो पा रहे थे। महज दो परिवारों के ही दो दिनों में आंकड़े पूर्णरूप से सबमिट हो पाये हैं।
इस प्रकार दिनभर कर्मचारी और अधिकारी परेशानी में जूझते रहे। साइट बेहतर न होने पर बहुत से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
क्या कहते हैं परिवार -
परिवार आंकड़े फीड करवाने वाले रवि कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार, जतिन कुमार,राजेश  आदि ने बताया कि वे मांगे गए सभी सर्टिफिकेट और आंकड़े स्कूल में ले जाकर दिन भर बैठे रहे। उनका काम तो थका ही कर्मचारी भी दिनभर परेशान रहे और अंत में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। जहां एक तरफ कर्मियों में रोष है वहीं फैमिली आईडी बनवाने वालों में भी रोष है। सरकार द्वारा बेहतर साइट सीधा उपलब्ध ने करवाना परेशानी का सबब बना रहा।
 फोटो कैप्शन : 8: डाटा फीड करते कर्मी।


बैठक में एसडीएम ने दिये आवश्क निर्देश

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कनीना। एसडीएम कनीना रणबीर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक कनीना नगरपालिका में आयोजित हुई जिसमें उन्होंने पालिका कर्मियों एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने पौधारोपण, सफाई, छूटे पशु, अतिक्रमण आदि से छुटकारा दिलाने के दिशा निर्देश दिये।  पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने सभी मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
सतीश जेलदार ने  दैनिक जागरण को बताया कि आने वाले समय में पौधारोपण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अतिक्रमण, साफ सफाई आदि नियमितरूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि नगरपालिका की भूमि पर भी पड़ पौधे लगाए जाने की कार्रवाई चलेगी। उन्होंने हर जन से अपील की कि वे अधिक सक अधिक पेड़ पौधे अपने घरों के आसपास लगाए और पर्यावरण को साफ सुथरा बनाने में पालिका एवं प्रशासन की मदद करें। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे सम्पूर्ण मानव जाति के लिए भगवान का सर्वोत्तम वरदान है। इसलिए पर्यावरण का संरक्षण हम सभी का प्रथम कर्तव्य है। पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखना पेड़-पोधों से ही संभव है। पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार है। उन्होंने पालिका पदाधिकारियोंं को भी पौधारोपण पर बल दिया।
फोटो कैप्शन 9: नगरपालिका में आयोजित बैठक का एक नजारा।

गुढा व भालखी में मिले दो कोरोना संक्रमित 

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कनीना। कस्बे में अब कोरोना के केस धीरे धीरे कम होते नजर आ रहे है। जिससे लगता है कि आमजन जागरूक हो गया है । बुधवार को गुढ़ा गांव का 38 वर्षीय एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला है।  यह व्यक्ति 24 अगस्त को उप नागरिक अस्पताल कनीना में टेस्ट करवाने के लिए आया था।  जिसकी रिपोर्ट 26 अगस्त को पॉजिटिव आ गई । दूसरा केस भालखी गांव का 38 वर्षीय एक व्यक्ति मिला है।  जिसने 24 अगस्त को कोरोना की जांच करवाई थी।  जिसके रिपोर्ट 26 अगस्त को पॉजिटिव आ गई। एसएमओ डा धर्मेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को अपना सैंपल देकर कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए।



त्वरित गति से होगा लोगों का सैंपल 

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 कनीना। एसडीएम कनीना रणवीर सिंह ने कोरोना के मामले घटाने के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों का सैंपल लेने की एक रूपरेखा तैयार कर एसएमओ कनीना को आदेश दिया है।
 मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग से एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार सहित मार्केट कमेटी, नगर पालिका और पुलिस चौकी से एक एक कर्मी की तैनाती लगाई गई है जो भीड़ वाले स्थानों पर विशेषकर दुकानदार आदि को समझाया जाएगा ताकि वे अस्पताल में जाकर अपना सैंपल लिए जाएंगे और कोरोना पर काबू पाए जाने की संभावना बढ़ेगी।
 उल्लेखनीय प्रतिदिन साढ़े आठ से 11 बजे तक रजिस्ट्रेशन होता है तत्पश्चात 11 से 12 बजेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे तक लिए जाएंगे। ऐसे में डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि है कोरोना पर काबू पाने का बेहतरीन तरीका होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए यदि इस विधि का उपयोग किया जाएगा तो जल्द से जल्द कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 40 सैंपल लिए जा सकेंगे और रोगों होने के प्रारंभ में पता लगा लिया जाएगा। विशेष रूप से लोगों को समझाया जाएगा ताकि समझा-बुझाकर भी अपना सैंपल अस्पताल पहुंचाया जाएगा ताकि वे उनका सैंपल लिया जा सकेगा।

छह के विरुद्ध कनीना थाने में मामला दर्ज

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 कनीना। न्यायालय से गैर हाजिर रहने के चलते कनीना पुलिस में छह जनों के विरुद्ध भादसं की धारा 174-ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार सात वर्ष नामजद पूर्व सोनू व जयदीप जो कोर्ट में लगातार गैरहाजिर रहने केचलते दो के विरुद्ध महेंद्रगढ़ न्यायालय की ओर से तथा गालू, बाली , साहुन , बरसीम को कनीना न्यायालय में पेशी पर गैरहाजिर रहने पर भगोड़ा घोषित किया है। इन चारों के खिलाफ वर्ष 2016 में मामला दर्ज किया था।


गुढा व भालखी में मिले दो कोरोना संक्रमित 

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कनीना। कस्बे में अब कोरोना के केस धीरे धीरे कम होते नजर आ रहे है। जिससे लगता है कि आमजन जागरूक हो गया है । बुधवार को गुढ़ा गांव का 38 वर्षीय एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला है।  यह व्यक्ति 24 अगस्त को उप नागरिक अस्पताल कनीना में टेस्ट करवाने के लिए आया था।  जिसकी रिपोर्ट 26 अगस्त को पॉजिटिव आ गई । दूसरा केस भालखी गांव का 38 वर्षीय एक व्यक्ति मिला है।  जिसने 24 अगस्त को कोरोना की जांच करवाई थी।  जिसके रिपोर्ट 26 अगस्त को पॉजिटिव आ गई। एसएमओ डा धर्मेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को अपना सैंपल देकर कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए।



त्वरित गति से होगा लोगों का सैंपल

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कनीना। एसडीएम कनीना रणवीर सिंह ने कोरोना के मामले घटाने के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों का सैंपल लेने की एक रूपरेखा तैयार कर एसएमओ कनीना को आदेश दिया है।
 मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग से एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार सहित मार्केट कमेटी, नगर पालिका और पुलिस चौकी से एक एक कर्मी की तैनाती लगाई गई है जो भीड़ वाले स्थानों पर विशेषकर दुकानदार आदि को समझाया जाएगा ताकि वे अस्पताल में जाकर अपना सैंपल लिए जाएंगे और कोरोना पर काबू पाए जाने की संभावना बढ़ेगी।
 उल्लेखनीय प्रतिदिन साढ़े आठ से 11 बजे तक रजिस्ट्रेशन होता है तत्पश्चात 11 से 12 बजेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे तक लिए जाएंगे। ऐसे में डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि है कोरोना पर काबू पाने का बेहतरीन तरीका होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए यदि इस विधि का उपयोग किया जाएगा तो जल्द से जल्द कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 40 सैंपल लिए जा सकेंगे और रोगों होने के प्रारंभ में पता लगा लिया जाएगा। विशेष रूप से लोगों को समझाया जाएगा ताकि समझा-बुझाकर भी अपना सैंपल अस्पताल पहुंचाया जाएगा ताकि वे उनका सैंपल लिया जा सकेगा।

छह के विरुद्ध कनीना थाने में मामला दर्ज

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कनीना। न्यायालय से गैर हाजिर रहने के चलते कनीना पुलिस में छह जनों के विरुद्ध भादसं की धारा 174-ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार सात वर्ष नामजद पूर्व सोनू व जयदीप जो कोर्ट में लगातार गैरहाजिर रहने केचलते दो के विरुद्ध महेंद्रगढ़ न्यायालय की ओर से तथा गालू, बाली , साहुन , बरसीम को कनीना न्यायालय में पेशी पर गैरहाजिर रहने पर भगोड़ा घोषित किया है। इन चारों के खिलाफ वर्ष 2016 में मामला दर्ज किया था।

त्वरित गति से होगा लोगों का सैंपल 

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कनीना। एसडीएम कनीना रणवीर सिंह ने कोरोना के मामले घटाने के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों का सैंपल लेने की एक रूपरेखा तैयार कर एसएमओ कनीना को आदेश दिया है।
 मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग से एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार सहित मार्केट कमेटी, नगर पालिका और पुलिस चौकी से एक एक कर्मी की तैनाती लगाई गई है जो भीड़ वाले स्थानों पर विशेषकर दुकानदार आदि को समझाया जाएगा ताकि वे अस्पताल में जाकर अपना सैंपल लिए जाएंगे और कोरोना पर काबू पाए जाने की संभावना बढ़ेगी।
 उल्लेखनीय प्रतिदिन साढ़े आठ से 11 बजे तक रजिस्ट्रेशन होता है तत्पश्चात 11 से 12 बजेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे तक लिए जाएंगे। ऐसे में डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि है कोरोना पर काबू पाने का बेहतरीन तरीका होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए यदि इस विधि का उपयोग किया जाएगा तो जल्द से जल्द कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 40 सैंपल लिए जा सकेंगे और रोगों होने के प्रारंभ में पता लगा लिया जाएगा। विशेष रूप से लोगों को समझाया जाएगा ताकि समझा-बुझाकर भी अपना सैंपल अस्पताल पहुंचाया जाएगा ताकि वे उनका सैंपल लिया जा सकेगा।


हुई दस एमएम बारिश
-गाहड़ा मार्ग बाधित

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 कनीना। कनीना खण्ड के गांव गाहड़ा में  बरसात की वजह से आए दिन गांव के मुख्य मार्ग पर पानी भर जाता है।  जिससे राहगीर व ग्रामीण परेशान हो रहे है।
   ग्रामीण मंजू, संजू, प्रदीप, प्रवीण बोहरा, राजेश, संतलाल, सुशील, ओम प्रकाश, पवन कुमार, टुनटुन, रमेश पाई, जयपाल, जगराम, रवि शंकर, यज्ञ पाल, राजू, रमेश राजेंद्र मोनू आदि ने बताया कि अक्सर बरसात के मौसम में  इस मार्ग पर पानी भर जाता  है। जिससे राहगीरों और ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी पैदल चलने वाले राहगीरों को होती है। इस पानी की वजह से कई बार पैदल चलने वाले राहगीर गिरकर चोटिल तक हो जाते है। गांव के इसी रास्ते से ग्राम सीहोर, बव्वा, कारोली, नया गांव, घड़ी सहित आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग निकलते है।  उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले इस सड़क का निर्माण करवाया गया था । जिससे ग्रामीणों ने आपत्ति भी जताई थी कि यहां पर सही तरीके से रोड बनाया जाए नहीं तो बरसात के दिनों में यहां इस गड्ढेनुमा सड़क पर पानी भर जाएगा । लेकिन उस वक्त ठेकेदार ने रातो रात इस सड़क का निर्माण करवा दिया । अब आने जाने वाले लोग बहुत ज्यादा परेशान हो रहे हैं कई बार दोपहिया वाहन चालक गिरवी जाते हैं जिससे उनके कपड़े खराब हो जाते हैं हल्की-फुल्की चोट भी लग जाती है। पानी निकासी के संबंध में स्थानीय ग्रामीण कई बार ग्राम पंचायत के जिम्मेदार लोगों से शिकायत कर नाली बनवाने की मांग कर चुके है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। ग्रामीणों ने कहां है क्या कर इसका कोई समाधान नहीं हुआ तो जल्दी ही उच्च अधिकारियों को शिकायत करेंगे।
फोटो कैप्शन 2 व 3: गाहडा के मुख्य मार्ग पर बरसात के कारण भरा हुआ पानी।


क्षेत्र में हुई 10 एमएम बारिश

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां मंगलवार शाम को दस एमएम बारिश हुई है। बारिश के चलते फसलों में नुकसान होने का अंदेशा बन गया है।  किसान बरसात नहीं चाहते तो इंद्रदेव बरसात कर रहा है। कुछ किसानों ने तो कटाई भी शुरू कर दी है।
 कनीना क्षेत्र में 21300 हेक्टेयर पर बाजरे की बिजाई की हुई है वही 5950 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है। इस बार बाजरे का रकबा करीब 200 हेक्टेयर बढ़ा है। जहां बाजरे की फसल बेहतर होने के आसार हैं। किंतु किसान दुखी हैं और मौसम खुलने का इंतजार कर रह हैं। किसान अजीत कुमार. राजेंद्र सिंह सूबे सिंह. कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि अगर अधिक बारिश हुई तो आने वाले समय में फसल को नुकसान होने की संभावना बनेगी।


फुटबाल ग्राउंड में हुई पैमाइश
-लंबे अरसे से अटका है न्यायिक परिसर का मसला

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 कनीना। कनीना में जल्द ही न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाने की उम्मीद है। प्रशासन एवं सरकार ने गतिविधियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में बुधवार को बस स्टैंड के ठीक पीछे फुटबॉल ग्राउंड में पैमाइश की गई। पैमाइश कर जमीन की यथा स्थिति बनाकर भेजी जाएगी। ऐसे में जहां कनीना न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय कनीना में ही बनने के पूर्ण आसार हो गए हैं। एसडीएम रणबीर सिंह, नायब तहसीलदार सतपाल सिंह, जेई नवनीत सिंह पीडब्लूडी, पालिका प्रधान सतीश जैलदार, विजयपाल चेयरमैन,पटवारी अनूप सिंह द्वारा पैमाइस मशीन से कराई गई।
े उल्लेखनीय है कि कभी इसी जगह कान्ह सिंह पार्क बनाए जाने की भी चर्चाएं चली थी। कुछ गतिविधियां भी तेज हो गई थी किंतु ऐन मौके पर यहां से कान्ह सिंह पार्क श्रीकृष्ण गौशाला के पास निर्मित किया गया है। इसी ग्राउंड की पैमाइश के बाद अब संभावना बन रही है कि या तो न्यायिक परिसर यहीं बनेगा या फिर वर्तमान में एसडीएम कार्यालय के पीछे पड़ी जमीन पर न्यायिक परिसर बनेगा।
वर्ष 2012 में कनीना को उप मंडल का दर्जा तो दे दिया गया था लेकिन तब से अब तक एक लंबे सफर में अनेकों जगह का चुनाव किया, अनेकों बार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आकर दौरा करके जमीन का जायजा लेकर गए, 65 दिन का निवासियों का धरना इसी बात को लेकर चला कि कार्यालय कनीना में ही बनना चाहिए। बार-बार इसे इधर-उधर बनाए जाने की चर्चा सुनकर कनीना वासी एकजुट हो जाते हैं आखिरकार अब फिर से गतिविधियां तेज हो गई है और ऐसा लग रहा है कि जल्द ही निर्माण कार्य कनीना में ही शुरू हो जाएगा। कस्बा के महेश कुमार, राजेश कुमार, अजीत कुमार आदि ने बताया कि जल्द से जल्द इस कार्यालय का निर्माण हो जाए तो लोगों के लिए राहत भरा कदम होगा। ऐसे में लोग जी जान से जुट गए हैं कि किसी प्रकार न्यायिक परिसर का निर्माण जल्द से जल्द हो सके।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों भी एसडीएम नारनौल सहित विधायक अटेली, विधायक नांगल चौधरी सहित अन्य अधिकारियों ने भी क्षेत्र के विभिन्न जमीनों का का मुआयना किया था। उसी कड़ी को अब आगे बढ़ाया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 4: कनीना की जमीन की पैमाइश करते हुए अधिकारी।

राइट टू रिकाल बिल पूर्णरूप से गलत

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कनीना। सरपंचों को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है, अगर बिल ही लाना है तो चुने गए उन नालायक और निकम्मे विधायक और सांसद? के खिलाफ यह बिल लाना चाहिए जो बनने के बाद काम ना करके अपना फायदा करते हैं। सर्व समाज मंच के अध्यक्ष और पंचायती राज विशेषज्ञ राधेश्याम गोमला ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए उक्त बात कही।
उन्होंने बताया कि दुष्यन्त चौटाला ने अपने एक बयान में कहा है कि इस सत्र के दौरान हरियाणा सरकार दो बिल फ्लोर पर ला रही है जिनमें एक तो महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना , तथा दूसरा चुने गए सरपंच?ं को वापिस बुलाने का राइट टु रिकाल बिल मुख्यत: फ़्लोर पर रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन दोनों में से महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना तो उचित और सराहनीय है। इससे महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी वहीं पंचायत संस्थाओं में महिला हितों का ख्याल रखा जाएगा।
मगर चुने गए सरपंचों को वापिस बुलाने के बिल बारे उन्होंने कहा कि  राइट टु रिकाल बिल लाना सरासर गलत है। इससे हर गांव में पार्टीबाजी  को बढ़ावा मिलेगा। जीते हुए सरपंच को हटाने के लिए सभी विपक्षी, दलाल व माफिया टाइप लोग गांव की व्यवस्था को बिगाड़े रखेंगे। वे लोग इस प्रकार का दबाव दिखाकर/डराकर सरपंच से मनमानी के काम करवाएंगे। जो सरपंच नही मानेगा उसके खिलाफ गाँव को भड़का के रखेंगे। इससे पंचायती  राज व्यवस्था को नुकसान ही होगा। यह बिल पंचायती राज व्यवस्था को सुधारने की बजाय पंचायती राज को  भटका देगा।
उन्होंने चौधरी देवीलाल द्वारा राइट टु रिकाल को लागू करने की बात पर कहा कि परम आदरणीय चौधरी देवीलाल जी ने तो निकम्मे विधायक और सांसद को वापिस बुलाने हेतु राइट टु रिकाल बिल  की पहल और  वकालत की थी। उन्होंने तो पंचायत राज में ऐसी व्यवस्था की पैरवी की थी जिससे  सामाजिक भाईचारा बढ़े। मगर यह बिल गांव के आपसी तालमेल के वातावरण को दूषित कर देगा। रही बात नालायक और निकम्मे सरपंच को रास्ते पर लाने की तो उनको सुधारने के और बहुत से उपाय है , वो करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि रास्ते पर तो,  बनने के बाद विधायक और सांसद नही आते,  उनके लिए लाना चाहिए यह राइट टु रिकाल बिल सरपंच को वापिस बुलाने हेतु फ़्लोर पर रखा जाने वाला यह बिल फायदा नही नुकसान करेगा।
फोटो कैप्शन : राधेश्याम।
 
















कपास फसल में लगा रोग
-बारिश के कारण खराब 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में कपास की फसल में जहां एक तरफ रोग लग गया है वही कपास खराब हो गई है। कपास के डोडा हुई बारिश के चलते खराब हो गये है। मंगलवार को भी 10 एमएम बारिश हुई।
 उल्लेखनीय है कनीना क्षेत्र इस बार 5950 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है जबकि 21300 हेक्टेयर पर बाजरा उगाया गया है। कपास की फसल बार-बार बारिश होने के चलते तथा  रोग लगने के कारण भी नष्ट हो गई है। किसान सरकार से मांग कर रहे कपास की सर्वे करवाई जाए। यही नहीं जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवा रखा है वह मांग करने लगे हैं कि उनकी कपास की फसल का मुआवजा दिया जाए। किसानों से इस संबंध में बात की गई।
किसान अजीत कुमार का कहना है कि अधिक बारिश के चलते कपास के टिंडे खराब हो गए हैं। टिंडों के अंदर कपास एववं रूई काली पड़ गई है। उन्होंने कहा कि इस वक्त बारिश हो रही है। इसी वक्त कपास के डोडे पक गए हैं। इसलिए उनके कपास में भारी नुकसान हो गया है।
 उधर करीरा के किसान महिपाल सिंह का कहना है कि पूरे खेत की कपास की फसल सूखती जा रही है। यह कोई रोग लग गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी फसल का बीमा किया हुआ है। यहां कंपनी को भेजकर सर्वे करवाई जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। उधर किसान राजबीर ने बताया कि इस बार बेहतर पैदावार होने की संभावना थी कि अचानक कपास में रोग लग गया। खड़ी फसल सारी की सारी सूख गई है। सरकार से मांग की है कि सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए।
 एडीओ डॉक्टर देवेंद्र से बात की तो उन्होंने कहा कि बारिश के बाद हर वर्ष इस प्रकार की घटना घटती है। यदि तुरंत प्रभाव से फसल सूखती हैं तो यह बिल्ट नामक रोग भी हो सकता है। इसके लिए दवा का छिड़काव से ही कुछ बचाव संभव है। उन्होंने बताया कि इस रोग के पीछे अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। इन में सफेद मक्खी मिलीबग, रस चूसने वाले कीड़े, तेला आदि भी रोग के कारण हो सकते है। उन्होंने कहा कि ब्लाइट नामक रोग के कारण भी ऐसा होता है। उनका कहना है कि कपास की जड़े ज्यादा गहराई पर नहीं होती, इस वक्त कपास में टिंडे अधिक आ जाते हैं और अधिक खुराक की जरूरत होती है। अधिक खुराक उपलब्ध न होने के कारण पौधे सूख जाते हैं। उन्होंने एनपीके का स्प्रे करने की सलाह दी है।
फोटो कैप्शन 1: कपास की खड़ी फसल साथ में किसान साथ में अजीत कुमार, महिपाल, राजबीर किसान।

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