सुन्द्रह-बवानिया सड़क मार्ग पर हुए हादसे में बुजुर्ग की मौत
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव सुन्दरह निवासी अमर सिंह की सड़क हादसे में मौत हो गई। पुलिस ने गांव के ही व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शनिवार को शव का उपनागरिक अस्पताल महेंद्रगढ़ से पोस्टमार्टम करवा उसके परिजनों को सौंप दिया जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रत्यक्षदर्शी ओमप्रकाश ने दी शिकायत में बताया कि वह गांव सुन्दरह का रहने वाला है तथा खेतीबाड़ी का काम करता है। बीती 19 अगस्त की शाम समय वह अपने गांव के ही ओमप्रकाश के साथ बाइक पर सवार होकर सुन्दरह गांव से बवानिया रोड स्थित अपने कुए पर जा रहे थे। बवानिया की तरफ से एक कार चालक अपनी कार को बड़ी तेज रफ्तार, गफलत व लापरवाही से चलाता हुआ लाया ओर साइड में लाकर उनकी बाइक को टक्कर मार दी । इस हादसे में वे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए महेंद्रगढ़ के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां से चिकित्सक ने उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। घरवाले उन्हें इलाज के लिए महेंद्रगढ़ के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान घायल अमर सिंह की मौत हो गई।
दौंगड़ा अहीर की बेटी के परिवार से मिला अधिवक्ताओं का दल, इंसाफ दिलाने के लिए लड़ेंगे निशुल्क
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कनीना । नोएडा के एक गुरूकुल में पढने वाली दौंगड़ा अहीर की 14 वर्षीय सपना की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली से आए अधिवक्ताओं के एक दल ने पीडि़त परिवार से मिला। समस्त जानकारी हासिल करने के बाद अधिवक्ताओं के समूह ने यह निर्णय किया कि दौंगड़ा अहीर की लड़की का केस निशुल्क लड़ेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्याम मनोहर लाल मिश्रा व इशा यादव(जिंदगी प्राथमिक फाउंडेशन एनजीओ की सदस्या) ने संयुक्त रूप से बताया कि दौंगड़ा अहीर की लड़की के साथ हुई इस घटना की वे घोर निंदा करते हैं। वे अब दौंगड़ा अहीर की लड़की को न्याय दिलवाने के लिए निशुल्क केस लड़ेंगे।
एडवोकेट इशा यादव ने बताया कि उनकी संस्था सुसाइड ना करने के लिए काम करती है। बच्ची को न्याय दिलाने के लिए वे पूरा प्रयास करेंगे। वेद पुराणों में गुरुकुल को बहुत पवित्र जगह माना गया है लेकिन गुरुकुल में इस तरीके की घटना को सुनकर बड़ा गहरा धक्का लगा है। इस मामले की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी जिसके चलते वे शनिवार को पीडि़त परिवार से मिले हैं और अब न्याय दिलाना उनकी जिम्मेदारी बनती है। उन्हें पूरा भरोसा है कि वे न्याय दिलाकर ही दम लेंगे और केस निशुल्क लड़ेंगे।
वहीं दूसरी तरफ युवा समाज सेवी संस्था बाघोत के सदस्य भी दौंगड़ा अहीर में पहुंचे। उन्होंने पीडि़त परिवार से मुलाकात की और आर्थिक सहयोग किया। संस्था के सुनील अत्री ने बताया कि दौंगड़ा अहीर की लड़की को न्याय जरूर मिलना चाहिए। अगर सरकार ने जल्दी ही पीडि़त परिवार को न्याय नहीं दिलवाया तो वे एक महापंचायत करके अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
उल्लेखनीय है कि बीती 3 जुलाई को नोएडा के गुरुकुल में दौंगड़ा अहीर की 14 वर्षीय लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का इंसाफ दिलाने के शुक्रवार को अटेली हलके के विधायक सीताराम यादव भी दौंगड़ा अहीर पहुंचे थे। दौंगड़ा अहीर पहुंच कर उन्होंने मृतक लड़की के परिजनों से मुलाकात की और उनको न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया था।
वहीं आरपीएस ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन के सीइओ मनीष यादव ने पीडि़त परिवार के दो बच्चों साहिल पांचवीं कक्षा तथा पुष्पा आठवीं कक्षा की आगे पढ़ाई लिखाई का खर्च उठाने की जिम्मेवारी उठाई। यही नहीं उनके दोनों बच्चों को शनिवार से आनलाइन शिक्षण में जोड़ दिया गया है और पूरी सहायता का आश्वासन भी दिया। चंडीगढ़ जागर मुख्यमंत्री से बात र चाही किंतु कोरोना के कारण उनके पर्सनल सचिव से बात की और दौंगड़ा अहीर की समस्त जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने डीजीपी उत्तरप्रदेश तथा मुख्यमंत्री योगीनाथ से बात का आश्वासन दिया।
इस दौरान बीएमडी क्लब चेयरमैन लक्की सीगड़ा,रेखा यादव एडवोकेट,सचिन महायच,एडवोकेट ईशा यादव सुप्रीम कोर्ट, एडवोकेट श्याम मनोहर, सुनील अत्री, अरविंद आर्य, प्रीतम, विचित्र एडवोकेट, आशीष मित्तल, प्रमोद अत्री, नरवीर खटाना सहित क्षेत्र के अन्य समाज सेवी उपस्थित थे।
वही महिला आयोग की सदस्या इंदु यादव पीडि़त परिवार से गत दिनों मिली थी। वह मृतका की मां सोनिया तथा पिता नवीन से भी मिली तथा सारा हाल जाना। इंदु यादव ने पीडि़त परिवार को पूरा आश्वासन दिया कि वे किसी भी प्रकार से इस मामले को ढीला नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा वे बारी-बारी से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर तत्पश्चात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीनाथ से मिलकर बताएंगी वहीं महिला आयोग की अध्यक्षा को भी यह सूचना देकर अवगत कराएंगी। विभिन्न संस्थाएं एवं संगठन अब आगे आने लगे हैं। गत दिनों से मामला सुर्खियों में आया हुआ है। आए दिन विभिन्न जन परिवार से मिलने के लिए जा रहे हैं और मामले को उठाकर तह तक ले जाने का आश्वासन दे रहे हैं। सांसद मंगढ़ भिवानी चौ धर्मवीर ने भी इस मामले की निंदा की थी और उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया है।
क्या था मामला-
क्या है मामला-
गांव दौंगड़ा अहीर की नोएडा स्थित एक गुरुकुल में पढऩे वाली लड़की का गुरुकुल में शव मिला था। माता पिता का आरोप लगाया था कि उनकी बच्ची को मार दिया गया है। उसके माता-पिता ने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में शिकायत की थी। उधर मामले की जांच नोएडा में होनी थी वहीं कनीना में भी इसकी शिकायत पहुंची थी। मृतका सपना के पिता नवीन ने विभिन्न स्थानों पर शिकायत भी भेजकर कहा गया था कि उनकी दो बेटियां नोएडा के गुरुकुल में पढ़ती है। 3 जुलाई को उनके पास गुरुकुल के आचार्य का फोन आया और उन्हें जल्दी बुलाया। कोरोनाकाल होने पर उन्होंने किराए पर गाड़ी लेकर आने की बात भी कही। जैसे तैसे परिजन गुरुकुल में पहुंचे तो गाड़ी चालक को पैसे देकर लौटा दिया तथा उनके फोन आदि छीन लिए। नवीन का आरोप था कि उनकी पुत्री को पंखे से लटका देख उनकी पत्नी बेहोश हो गई। उनका आरोप है कि जबरदस्ती उनके हस्ताक्षर कुछ कागजों पर करवा लिए गए तथा उनकी बेटी को मार कर लटकाया हुआ था। आचार्य ने कहा कि लड़की ने तुम्हारे खिलाफ भी एक पत्र लिखा है। ऐसे में उन्होंने जल्दी से दाह संस्कार करने का दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर जल्दी से दाह संस्कार नहीं हुआ तो पुलिस बुला दी जाएगी। ऐसे में उनका दाह संस्कार करवा दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि गुरुकुल वालों का स्पष्ट कहना है कि यदि गुरुकुल बदनाम हो गया तो पीडि़त परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। उनकी बेटी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया और न पुलिस को सूचना दी। कुछ कागज लिखने के लिए कहा तो नवीन ने लिख पाने की असमर्थता दर्शाई तो उनकी छोटी पु़त्री द्वारा लिखे गये कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए थे। उन्होंने उनकी मृतक पुत्री के द्वारा लिखे कागज आदि मांगे तो उन्होंने वे पत्र भी देने से इनकार कर दिया गया था।
नवीन कुमार का कहना है कि उसकी पत्नी बेहोश पड़ी थी उन्हें खुद लिखना नहीं आता था इसलिए उनकी छोटी बच्ची से कागज लिखवा कर उनके साइन करवा लिए गए। तत्पश्चात उन्होंने जरूरत थी गाड़ी में बैठा कराने घर के लिए रवाना कर दिया। मृतका की मां ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी मांगा किंतु नहीं दिये गये। तब से मामला गर्माता ही जा रहा है।
फोटो कैप्शन 7 व आठ: अधिवक्का सर्वोच्च न्यायालय पीडि़त परिवार से मिलते हुएतथा समाजसेवी।
स्टेट अवार्डी मुख्याध्यापक ने मालिक तक पहुंचाई पांच हजार की राशि
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कनीना। ईमानदारी ही जीवन में सबसे अच्छी नीति है। इसका पालन करना चाहिए। इसी नियम का पालना में सड़क पर मिली नगदी कैमला के मुख्याध्यापक को सड़क पर पड़ी पाई राशि 5000 को उसके असली मालिक तक पहुंचा कर दम लिया। पंचायत की मौजूदगी में यह राशि लौटाई गई। पूरी पंचायत का पैसों क मालिक ने धन्यवाद किया।
स्टेट अवार्डी वीरेंद्र सिंह जांगिड़, मुख्याध्यापक कैमला ने बताया कि जो राशि प्राप्त हुई थी उससे संबंधित कई जानकारियां प्राप्त हुई। कई जन राशि के ग्राहक बने जिन्हें धमकाया गया। सभी बुलाकर उनसे अपनी- अपनी राशि से संबंधित पूरी जानकारी पूर्व सरपंच दलीप सिंह तंवर
पाथेड़ा की उपस्थिति में लेने के बाद तसल्ली कर दिनेश कुमार गांव कुहाडवास असल मालिक पाया गया जो कि अपने निजी कार्य के लिए
पाथेड़ा गांव में आया था और उसकीं तसल्ली की गई। तदुपरांत सभी की उपस्थिति में वह राशि 5000 रुपए लौटा दी गई है तथा भविष्य में अपनी सावधानी बरतने संबंधी आवश्यक जानकारी दी गयी। जहां आज के भौतिकवादी एवं स्वार्थमय जीवन में ईमानदारी ही सबसे अच्छी नीति है। हम सब ने ईमानदारी का पालन करते हुए पारदर्शिता के साथ कार्य करना चाहिए दूसरों की वस्तु पर कभी नजर नहीं रखनी चाहिए।
पूर्व सरपंच पाथेड़ा दलीप सिंह ने कहा कि इंसान को हर प्रकार की लालच से बचना चाहिए और यही हमारी भावी पीढ़ी के संस्कार होने चाहिए ताकि मनुष्य अपना ईमानदारी पूर्ण जीवन जी सकें। हमें अच्छे आचरण का पालन करना चाहिए, बड़ों का आदर करना चाहिए। इस मौके पर अनिल कुमार प्रवक्ता,सुरेंद्र सिंह चौहान, जसवंत चौहान ,दिनेश कुमार, अशोक कुमार ,दीपक , सुरेश कुमार आदि जन उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 5: ईमानदारी का परिचय देते हुए मुख्याध्यापक 5 हजार रुपये राशि मालिक को लौटाते हुये।
दौंगड़ा पुलिस चौकी के नो कर्मी कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत पडऩे वाले दौंगड़ा पुलिस चौकी के 9 कर्मचारी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर नौ हो गई हैं। कनीना उप-नागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई पूर्ण कर दी गई है।
जहां गत दिनों फरीदाबाद में तैनाती दे रहे कनीना के एक पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाया गया था। वही कोरोना संक्रमित पाए जाने वालों की संख्या पुलिस चौकी में बढ़ती जा रही है। मिली जानकारी अनुसार विगत दिनों चौकी में एक कोरोना संक्रमित पाया गया था जिन्होंने अपना सैंपल नारनौल में दिया था। तत्पश्चात छह अन्य पुलिसकर्मी शुक्रवार को कोरोना संक्रमित पाये गये। इसके बाद सभी कर्मचारियों का सैंपल लिया गया तथा टेस्ट में दो कोरोना संक्रमित और पाए गए।
एसएमओ डा धर्मेंद्र ने बताया कि अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर पुलिस चौकी में 9 हो गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस चौकी को सील करके सैनिटाइज कर दिया गया है। शुक्रवार को छह पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाये गये तब डा विजेंद्र, डॉ ललिता की देखरेख में पवन कुमार, योगेंद्र, प्रिया, मनोज आदि ने संपूर्ण चौकी को सैनिटाइज कर दिया गया था। एसएमओ डा डॉ धर्मेंद्र ने इस मुद्दे पर विस्तार से बताया कि कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने मास्क का नियमित रूप से उपयोग करने पर बल दिया वही हाथों की नियमित रूप से सफाई करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सावधानी नहीं बरती जाएगी तो कोरोना की केस बढ़ते ही चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बचाव में ही बचाव संभव है। ऐसे में उन्होंने हर सावधानी से काम करने पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित केस बढऩे के चलते जहां शनिवार और रविवार को सभी दुकाने तक बंद रखी गई है। वहीं लोगों को घर से बाहर निकलने की सलाह भी दी गई है ताकि कोरोना पर काबू पाया जा सके। एकमात्र यही बेहतरीन इलाज उपलब्ध है।
मालिक तक पहुंचाई पांच हजार की राशि
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कनीना। ईमानदारी ही जीवन में सबसे अच्छी नीति है। इसका पालन करना चाहिए। इसी नियम का पालना में सड़क पर मिली नगदी कैमला के मुख्याध्यापक को सड़क पर पड़ी पाई राशि 5000 को उसके असली मालिक तक पहुंचा कर दम लिया। पंचायत की मौजूदगी में यह राशि लौटाई गई।
वीरेंद्र सिंह जांगिड़ (मुख्याध्यापक) कैमला ने बताया कि जो राशि प्राप्त हुई थी उससे संबंधित कई जानकारियां प्राप्त हुई। कई जन राशि के ग्राहक बने जिन्हें धमकाया गया। सभी बुलाकर उनसे अपनी- अपनी राशि से संबंधित पूरी जानकारी (विवरण)पूर्व सरपंच दलीप सिंह तंवर
पाथेड़ा की उपस्थिति में लेने के बाद तसल्ली कर दिनेश कुमार सुपुत्र श्री जयवीर सिंह गांव कुहाडवास असल मालिक पाया गया जो कि अपने निजी कार्य के लिए
पाथेड़ा गांव में आया था और उसकीं तसल्ली की गई। तदुपरांत सभी की उपस्थिति में वह राशि 5000 रुपए लौटा दी गई है तथा भविष्य में अपनी सावधानी बरतने संबंधी आवश्यक जानकारी दी गयी। जहां आज के भौतिकवादी एवं स्वार्थमय जीवन में ईमानदारी ही सबसे अच्छी नीति है। हम सब ने ईमानदारी का पालन करते हुए पारदर्शिता के साथ कार्य करना चाहिए दूसरों की वस्तु पर कभी नजर नहीं रखनी चाहिए।
पूर्व सरपंच पाथेड़ा दलीप सिंह ने कहा कि इंसान को हर प्रकार की लालच से बचना चाहिए और यही हमारी भावी पीढ़ी के संस्कार होने चाहिए ताकि मनुष्य अपना ईमानदारी पूर्ण जीवन जी सकें। हमें अच्छे आचरण का पालन करना चाहिए, बड़ों का आदर करना चाहिए। इस मौके पर अनिल कुमार प्रवक्ता,सुरेंद्र सिंह चौहान,
जसवंत चौहान ,दिनेश कुमार, अशोक कुमार ,दीपक , सुरेश कुमार आदि जन उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 5: ईमानदारी का परिचय देते हुए मुख्याध्यापक 5 हजार रुपये राशि मालिक को लौटाते हुये।
दौंगड़ा पुलिस चौकी के नो कर्मी कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत पडऩे वाले दौंगड़ा पुलिस चौकी के 9 कर्मचारी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर नौ हो गई हैं। कनीना उप-नागरिक अस्पताल की ओर से सभी कार्रवाई पूर्ण कर दी गई है।
जहां गत दिनों फरीदाबाद में तैनाती दे रहे कनीना के एक पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाया गया था। वही कोरोना संक्रमित पाए जाने वालों की संख्या पुलिस चौकी में बढ़ती जा रही है। मिली जानकारी अनुसार विगत दिनों चौकी में एक कोरोना संक्रमित पाया गया था जिन्होंने अपना सैंपल नारनौल में दिया था। तत्पश्चात छह अन्य पुलिसकर्मी शुक्रवार को कोरोना संक्रमित पाये गये। इसके बाद सभी कर्मचारियों का सैंपल लिया गया तथा टेस्ट में दो कोरोना संक्रमित और पाए गए।
एसएमओ डा धर्मेंद्र ने बताया कि अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर पुलिस चौकी में 9 हो गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस चौकी को सील करके सैनिटाइज कर दिया गया है। शुक्रवार को छह पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाये गये तब डा विजेंद्र, डॉ ललिता की देखरेख में पवन कुमार, योगेंद्र, प्रिया, मनोज आदि ने संपूर्ण चौकी को सैनिटाइज कर दिया गया था। एसएमओ डा डॉ धर्मेंद्र ने इस मुद्दे पर विस्तार से बताया कि कोरोना संक्रमित के बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने मास्क का नियमित रूप से उपयोग करने पर बल दिया वही हाथों की नियमित रूप से सफाई करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सावधानी नहीं बरती जाएगी तो कोरोना की केस बढ़ते ही चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बचाव में ही बचाव संभव है। ऐसे में उन्होंने हर सावधानी से काम करने पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित केस बढऩे के चलते जहां शनिवार और रविवार को सभी दुकाने तक बंद रखी गई है। वहीं लोगों को घर से बाहर निकलने की सलाह भी दी गई है ताकि कोरोना पर काबू पाया जा सके। एकमात्र यही बेहतरीन इलाज उपलब्ध है।
सभी टेस्ट सुविधाएं एवं डाक्टरों की सुविधाएं प्रदान की जाए
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल जहां नये भवन परिसर में काम कर रहा है किंतु अभी तक मरीज के लिए करवाये जाने वाले टेस्ट बाहर से होते हैं वहीं स्पेशलिस्ट का अभाव है। मरीज कनीना अस्पताल में बड़ी आशा लेकर आते हैं किंतु डाक्टरी लाइन के विशेषज्ञ न मिलने तथा विभिन्न प्रकार के शारीरिक टेस्ट करवाने के लिए निजी संस्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है जहां उनसे मोटी राशि वसूली जाती है। ऐसे में लोगों में रोष पनपने लगा है।
कनीना के सुमेर सिंह पूर्व चेयरमैन किसान सेवा समिति का कहना है कि कनीना उप नागरिक हस्पताल खुद बीमार है। कहने को तो यह बहुत बड़ा अस्पताल है लेकिन सुविधा न के बराबर है। यह सिर्फ रेफर हस्पताल बनकर रहगया है यहा पर न तो ऐकसरे मशीन है ना ही अल्ट्रासाउंड मशीन है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है और स्टफ पूरा नहीं है। जांच की सुविधा नहीं है। जांच के लिए भी बाहर जना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से लगभग हर मरीज रेवाड़ी, रोहतक गुडग़ांव, दिल्ली के लिए रेफर कर दिए जाते है जो रास्ते मे दम तोड़ जाते है। सुमेर सिंह चेयरमैन ने सरकार से मांग की है कि उप नागरिक अस्पताल मे स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे मरीज को कही भटकना ना पड़े और सस्ते मे इलाज हो जाये। चेयरमैन ने कहा कि सरकारी अस्पताल मे सस्ता इलाज मिलने पर गरीब परिवार प्राइवेट हस्पताल मे लुटाई से बच जाएगा और उन्होंने कहा कि अस्पताल में पूरी जांच कि सुविधा होनी चाहिए। सभी डाक्टर के पद भरे जाये।
उधर महेश कुमार का कहना है कि कनीना के करीब 60 गांवों पर एकमात्र उप- नागरिक अस्पताल कनीना है जहां यदि संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी तो गरीब तबका लूटने पीटने से बच जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में न कोई स्पेशलिस्ट सुविधा है और न जांच की सुविधा है। जांच के लिए तुरंत बाहर भेजा जाता है। और बाहर भेजे जाने का मतलब है भारी खर्चा। उन्होंने कहा कि अधिकांश मरीजों को गंभीर परिस्थितियों में रोहतक , दिल्ली आदि भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि यहां स्पेशलिस्ट एवं जांच की सुविधाएं हो तो किसी भी मरीज को बाहर नहीं भेजा जाएगा और उनकी जान बच जाएगी। जान बचाने का एकमात्र साधन यही है। उन्होंने अविलंब यहां सभी जांच सुविधाएं प्रदान करने की बात कही है।
उधर मनोज शर्मा का कहना है कि सरकार ने बेहतरीन भवन वाला अस्पताल तो बना दिया किंतु अब आगे की कार्रवाई पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है। अस्पताल में हर विषय का स्पेशलिस्ट होना चाहिए। वही अल्ट्रासाउंड तथा छोटी मोटी सभी प्रकार की जांच करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाए तो गरीब तबके के लोग तो क्या अमीर भी यहां अपनी जांच करवा कर बेहतरीन इलाज पास सकेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा इसी बहाने हो जाएगी और गरीब तबका दूरदराज जाने से बचेगा।
उधर एसएमओ डॉ धर्मेंद्र से इस संबंध में गत दिनों बात भी हुई थी जिस पर उन्होंने कहा था कि विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है। यदि ये सुविधाएं जल्दी उपलब्ध हो जाए तो कई लोगों की जान बच सकती है।
फोटो कैप्शन: महेश कुमार, सुमेर सिंह चेयरमैन, मनोज शर्मा।
सभी टेस्ट सुविधाएं एवं डाक्टरों की सुविधाएं प्रदान की जाए
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल जहां नये भवन परिसर में काम कर रहा है किंतु अभी तक मरीज के लिए करवाये जाने वाले टेस्ट बाहर से होते हैं वहीं स्पेशलिस्ट का अभाव है। मरीज कनीना अस्पताल में बड़ी आशा लेकर आते हैं किंतु डाक्टरी लाइन के विशेषज्ञ न मिलने तथा विभिन्न प्रकार के शारीरिक टेस्ट करवाने के लिए निजी संस्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है जहां उनसे मोटी राशि वसूली जाती है। ऐसे में लोगों में रोष पनपने लगा है।
कनीना के सुमेर सिंह पूर्व चेयरमैन किसान सेवा समिति का कहना है कि कनीना उप नागरिक हस्पताल खुद बीमार है। कहने को तो यह बहुत बड़ा अस्पताल है लेकिन सुविधा न के बराबर है। यह सिर्फ रेफर हस्पताल बनकर रहगया है यहा पर न तो ऐकसरे मशीन है ना ही अल्ट्रासाउंड मशीन है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है और स्टफ पूरा नहीं है। जांच की सुविधा नहीं है। जांच के लिए भी बाहर जना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से लगभग हर मरीज रेवाड़ी, रोहतक गुडग़ांव, दिल्ली के लिए रेफर कर दिए जाते है जो रास्ते मे दम तोड़ जाते है। सुमेर सिंह चेयरमैन ने सरकार से मांग की है कि उप नागरिक अस्पताल मे स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे मरीज को कही भटकना ना पड़े और सस्ते मे इलाज हो जाये। चेयरमैन ने कहा कि सरकारी अस्पताल मे सस्ता इलाज मिलने पर गरीब परिवार प्राइवेट हस्पताल मे लुटाई से बच जाएगा और उन्होंने कहा कि अस्पताल में पूरी जांच कि सुविधा होनी चाहिए। सभी डाक्टर के पद भरे जाये।
उधर महेश कुमार का कहना है कि कनीना के करीब 60 गांवों पर एकमात्र उप- नागरिक अस्पताल कनीना है जहां यदि संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी तो गरीब तबका लूटने पीटने से बच जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में न कोई स्पेशलिस्ट सुविधा है और न जांच की सुविधा है। जांच के लिए तुरंत बाहर भेजा जाता है। और बाहर भेजे जाने का मतलब है भारी खर्चा। उन्होंने कहा कि अधिकांश मरीजों को गंभीर परिस्थितियों में रोहतक , दिल्ली आदि भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि यहां स्पेशलिस्ट एवं जांच की सुविधाएं हो तो किसी भी मरीज को बाहर नहीं भेजा जाएगा और उनकी जान बच जाएगी। जान बचाने का एकमात्र साधन यही है। उन्होंने अविलंब यहां सभी जांच सुविधाएं प्रदान करने की बात कही है।
उधर मनोज शर्मा का कहना है कि सरकार ने बेहतरीन भवन वाला अस्पताल तो बना दिया किंतु अब आगे की कार्रवाई पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है। अस्पताल में हर विषय का स्पेशलिस्ट होना चाहिए। वही अल्ट्रासाउंड तथा छोटी मोटी सभी प्रकार की जांच करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाए तो गरीब तबके के लोग तो क्या अमीर भी यहां अपनी जांच करवा कर बेहतरीन इलाज पास सकेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा इसी बहाने हो जाएगी और गरीब तबका दूरदराज जाने से बचेगा।
उधर एसएमओ डॉ धर्मेंद्र से इस संबंध में गत दिनों बात भी हुई थी जिस पर उन्होंने कहा था कि विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है। यदि ये सुविधाएं जल्दी उपलब्ध हो जाए तो कई लोगों की जान बच सकती है।
फोटो कैप्शन: महेश कुमार, सुमेर सिंह चेयरमैन, मनोज शर्मा।
धनौंदा में एटीएम खोलने की मांग
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कनीना। प्रजा भलाई संगठन ने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक से जिला के गांव धनौन्दा के बस अड्डे पर बैंक का एटीएम स्थापित करने की मांग की है।
संगठन सुप्रीमो समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सर्व हरियाणाा ग्रामीण बैंक धनौन्दा शाखा प्रबन्धक को बैंक के चेयरमैन रोहतक मुख्यालय तथा रीजनल मैनेजर रेवाड़ी के नाम दो अलग-अलग ज्ञापन सौंप कर धनौन्दा बस अड्डे पर बैंक एटीएम स्थापित करने की मांग की है। अतरलाल ने कहा कि गांव में सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की शाखा तो कार्यरत है परन्तु एटीएम न होने के कारण आस-पास के एक दर्जन गांव के बैंक उपभोक्ताओं को आकस्मिक कार्यों के लिए पैसा निकासी हेतु कनीना या महेन्द्रगढ़ एटीएम जाना पड़ता है। इससे उनका समय व धन बर्बाद होता है और परेशानी उठानी पड़ती है। ब्रांच मैनेजर ने प्रतिनिधि मंडल की बात ध्यान व गौर से सुनकर उनका ज्ञापन उच्च अधिकारियों को प्रेशित करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्ण सिंह पूर्व इंस्पैक्टर, किसनपाल सिंह, अशोक सिंह, मीर सिंह, मदन सिंह, अजय सिंह आदि अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1: धनौन्दा में बैंक एटीएम. स्थापित करने की मांग को लेकर शाखा प्रबन्धक को ज्ञापन सौंपते प्रजा भलाई संगठन के पदाधिकारी।
जिला प्रशासन के आदेश के चलते दुकाने रही बंध
-रविवार को दुकान खुली तो होगा जुर्माना
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कनीना। कनीना बस स्टैंड अनाज मंडी की समस्त दुकाने जिला प्रशासन के आदेश के चलते पूर्णतया बंद रही। कोरोना के बढ़ते कदम को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसी कड़ी में दुकानें बंद रखने की मुनादी भी शुक्रवार रात को कनीना पालिका की ओर से करवा दी गई थी। यदि रविवार को कोई दुकान खुली मिली तो उस पर जुर्माना भी किया जाएगा।
कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि शनिवार को दुकानें बंद रखने का आदेश उन्हें शुक्रवार की रात को ही मिला था जिसके चलते उन्होंने बस स्टैंड पर तथा अनाज मंडी में दुकानें बंद रखने की मुनादी भी करवा दी गई थी। जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए आज समस्त दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी। उन्होंने कहा कि कुछ दुकानें खुली पाई गई तो दुकानदारों को समझा कर बंद करवा दिया गया। लेकिन रविवार को किसी भी हाल में किसी दुकानदार को नहीं बख्शा जाएगा। यदि दुकान खुली मिली तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रविवार को पूर्णता दुकानें बंद रखने के आदेश दिए हुए हैं।
उधर दिनभर सड़के लगभग वीरान नजर आई। बहुत कम लोग घरों से बाहर निकले। वैसे भी मेडिकल स्टोर एवं आवश्यक सेवाएं जरूर खुली पाई गई। बाकी सभी दुकानें बंद रही।
चाय पीने वाले और बीड़ी सिगरेट आदि का नशा करने वालों की शामत आई। वे इधर-उधर भटकते फिरे।
कनीना कस्बा के दुकानदार रवि कुमार, सुरेश कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि कोरोना ने इस बार उनकी रोटी रोजी भी बहुत प्रभावित कर डाली है। लंबे समय से कोरोना के भागने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोरोना भागने का नाम ही नहीं ले रहा है। दिनोंदिन और भी बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि कब कोरोना पूर्णतया भागेगा और फिर से भी दुकानें अच्छी प्रकार चला सकेंगे। उधर घरों में बैठे हुए विद्यार्थी भी आप तंग आ चुके हैं। जहां विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षण पाकर बहुत परेशान हो चले हैं। दिन-रात मोबाइल से चिपके रहते हैं जिसके चलते उनकी आंखें भी दुखने लगी है। बहुत से लोगों ने तो नए मोबाइल/स्मार्टफोन खरीदने पड़े हैं। कोरोना की दोहरी मार पड़ी है। गरीब व्यक्ति दिनेश कुमार, सविता, कमल आदि ने बताया कि वे बेरोजगारी में जी रहे हैं तथा मजदूरी करके गुजारा करते हैं किंतु बच्चों के ऑनलाइन शिक्षण के लिए उन्होंने स्मार्टफोन भी खरीदने पड़े हैं। आखिरकार वे भी चाहते हैं कि अब इस विपत्ति से छुटकारा पाया जाए। एक और जहां स्कूल बंद हैं किंतु स्टाफ को फिर भी नियमित रूप से जाना ही पड़ता है।
दुकानें बंद रखने के कार्यों को बखूबी अंजाम देने के लिए जिला प्रशासन भी सड़कों पर घूमता देखा गया। जिसके चलते कोई दुकान नहीं खुली और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
फोटो कैप्शन 2 व 3: कनीना अनाज मंडी और बस स्टैंड की बंद दुकानें।
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