कैथल की टीम ने जीता कबड्डी में 81 हजार रुपये का इनाम
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कनीना। खंड के गांव छिथरोली में बाबा धुनिगर की 72वीं वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में दो दिवसीय को खेल प्रतियोगिताओं व धार्मिक मेले का आयोजन किया गया। कैथल की टीम ने कबड्डी में 81 हजार रुपये का इनाम जीता है।
सरपंच प्रतिनिधि प्रदीप ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समस्त ग्राम वासी व ग्राम पंचायत के सहयोग से इस धार्मिक मेले का आयोजन सामूहिक रूप से करवाया गया।
हरियाणा स्टाइल ओपन कबड्डी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बलभेडा जिला कैथल की टीम विजय हुईं जिसको 81 हजार रुपये का ईनाम दिया गया। वहीं द्वितीय स्थान जींद जि़ले के झमोला की टीम रहीं। जिसको 61 हजार रुपये का इनाम दिया गया। तृतीय पर दो टीमों को रखा गया। जिसमें दयहोरा जिला कैथल की टीम व सोनीपत जिले के लाठर की टीम को 21- 21 हजार रुपयेका नकद ईनाम दिया गया । इसके अलावा प्रतियोगिता में हिसार जिले के सरर गांव के भूरिया को बैस्ट रैडर का इनाम 31 हजार रुपये दिए गए। वहीं बैस्ट कैचर पानीपत जिले के जोरासी गांव के प्रदीप को भी 31 हजार रुपये का नकद ईनाम दिया गया। बुजुर्गों की दौड़ में बाढड़़ा गांव के रामकिशन ने पहला स्थान प्राप्त किया जिसको 21 सौ रुपये का इनाम दिया गया। जींद जिले के कथुरा गांव के बाल किशन दूसरे स्थान पर रहे जिनको 15 सौ रुपये का इनाम दिया गया। महेंद्रगढ़ जिले के राता कला गांव के बाल किशन तीसरे स्थान पर रहे जिनको 11 सो रुपये का इनाम दिया गया।
लड़कों की 100 मीटर दौड़ में पहले नंबर पर दुधवा गांव के जानी रहे। जिसको 21 सौ रुपये का इनाम दिया गया। खरकड़ा बास गांव के प्रदीप दूसरे स्थान पर रहे। जिनको 15 सौ रुपये का इनाम दिया गया। राता गांव की निरंजन तीसरे स्थान पर रहे जिनको 11 सौ रुपये का इनाम दिया गया। लड़कों की 400 मीटर दौड़ में पहले स्थान पर सतनाली गांव के सोनू रहे जिनको 21 सौ रुपये का इनाम दिया गया। दूसरे स्थान पर जींद जिले के बलेवा गांव के सुनील रहे जिन को 15 सौ रुपये का इनाम दिया गया। वहीं महेंद्रगढ़ जिले के राता गांव के नीरज तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 11 सौ रुपये का इनाम दिया गया।
लड़कों के 5000 मीटर की दौड़ में रोहतक जिले के जमालपुर गांव के अमन पहले स्थान पर रहे जिन को 51सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया। आदमपुर गांव के मोहन सांगवान दूसरे स्थान पर रहे जिनको 31 सौ रुपये का इनाम दिया गया। तीसरे स्थान पर दो खिलाड़ी गुरुग्राम के ललित व कोका के मयंक रहे। इन दोनों को 11,11 सौ रुपये का इनाम दिया गया।
लड़कों की रिले में सतनाली के संजय पहले स्थान पर रहे जी को 21 सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया। खरखड़ा गांव के प्रदीप दूसरे स्थान पर रहे जिन को 15 सौ रुपये देकर सम्मानित किया। माडोला गांव के सुनील तीसरे स्थान पर रहे जिन को 11 रूपए देकर सम्मानित किया गया।
गोला फेंकने में भिवानी जिले के सागर, भिवानी जिले के भगत सिंह व भिवानी जिले के सौरभ विजय रहे। इन तीनों खिलाडिय़ों को 1100-11 1100 रुपये देकर सम्मानित किया गया।
लड़कियों की 100 मीटर दौड़ में भिवानी जिले की प्राची शर्मा पहले स्थान पर रही जिस को 21 सौ रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया गया। दूसरे स्थान पर वह भूर्थाला गांव की अंतिम रही जिसको 11 सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया। तीसरे स्थान पर एक ही गांव दुर्जनपुर की दो लड़कियां दीक्षा व मंजू रहीं। जिनको 500-500 रुपये देकर सम्मानित किया गया। लड़कियों के 400 मीटर दौड़ में बूचोली गांव की पूजा पहले स्थान पर रही जिसको 21 सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया जाटू लोहारी गांव की शशि दूसरे स्थान पर रही इसको 15 सौ रुपये देकर सम्मानित किया व तीसरे स्थान पर मातनहेल गांव की मुस्कान रही जिसको 700 रुपयेदेकर सम्मानित किया गया। लड़कियों के 15 मीटर दौड़ में दुर्जनपुर गांव की हीना पहले स्थान पर रही जिसको 31 सौ रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया गया। दूसरे स्थान पर दुर्जनपुर गांव की खुशबू रही जिसको 21 सो रुपए का इनाम देकर सम्मानित किया गया। तीसरे स्थान पर बाघोत गांव की काजल को 11 सौ रुपए व महेंद्रगढ़ की कवि को 500 रुपये देकर सम्मानित किया गया। लड़कियों की रिले रेस में रोहतक जिले के रिटोली गांव की उज्ज्वल पहले स्थान पर रही जिस को 21 सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया। दूसरे स्थान पर भिवानी जिले के जाटू लुहारी गांव की मंजु रहीं जिसको 15 सौ रुपए देकर सम्मानित किया गया। तीसरे स्थान पर महेंद्रगढ़ जिले के बूचोली गांव की प्राची रहीं जिसको 11 सौ रुपये देकर सम्मानित किया गया। बाबा के स्थान पर देशी घी के भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर सुरेंद्र धनखड़ कमेटी प्रधान कैप्टन विनोद कुमार सचिव, कोच सज्जन सिंह, रमेश पंडित ओम प्रकाश राज वीर बलवान सिंह सरपंच प्रतिनिधि प्रदीप योगेश मनोज राज कुमार राजेंद्र जगदीश संजय धनखड़ निरंजन शास्त्री मक्खन लाल सहित हरियाणा ही नहीं दूसरे राज्यों के लोग भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 14 व 15: छीथरोली में आयोजित दंगल का एक नजारा।
शुक्रवार को पहुंचेगी 500 डोज वैक्सीन
-बहुत देर कर दी हुजूर आते आते......
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में 15 जनवरी को 500 डोज वैक्सीन पहुंच रही हैं। ऐसे में उप नागरिक अस्पताल के की तृतीय मंजिल को दुल्हन की तरह सजा कर बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। कोरोना का अंत अब नजदीक आ रहा है। यह वैक्सीन 16 जनवरी को दी जाएगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव बताया कि 500 डोज आ रही है जो 250 व्यक्तियों को ही दी जाएंगी क्योंकि एक डोर नहीं अपितु एक मरीज को दो-दो डोज देनी पड़ती है। प्रथम डोज जहां 16 जनवरी को लगाई जाएगी तत्पश्चात 28 दिनों के बाद दूसरी डोज दी जाएगी। दोनों एक साथ कनीना उप-नागरिक अस्पताल में पहुंच रही हैं। उधर उन्होंने बताया कि यह डोज पहले से रजिस्टर्ड जनों को लगाई जाएगी जिसमें हेल्थ वर्कर प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का लंबे समय तक इंतजार कर रहे थे, आखिरका इंतजार की घडिय़ां पूरी होने जा रही हैं।
बहुत देर कर दी ........
कोरोना ने बहुत तड़पाया ,बहुत सताया आखिरकार देर से ही सही अब वैक्सीन आ रही है जिसको लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। बहुत से बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना से मौत के शिकार हुए हैं। काश! थोड़ा पहले आ जाती तो बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती थी परंतु कहावत है देर आए दुरुस्त आए। यदि देर से भी आई है तो बेहतर परिणाम दे यही लोगों की दुआ है। अब बहुत जल्द कोरोना का विनाश निश्चित है।
18 जनवरी से मिलेगी कनीनावासियों को ट्रेन
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कनीना। श्रीगंगानगर तिलक ब्रिज प्रतिदिन स्पेशल गाड़ी का प्रचलन 18 जनवरी से होगा। लगभग सभी स्टेशनों पर रुकेगी और कनीनाखास रेलवे स्टेशन पर श्रीगंगानगर से आते वक्त सुबह 3:39 पर पहुंचेगी जो दिल्ली की ओर जाएगी वहीं वापसी में यह गाड़ी कनीना खास रेलवे स्टेशन पर रात्रि के समय 9:35 पर मिलेगी जो महेंद्रगढ़ की ओर जाएगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए स्टेशन मास्टर जतिराम मीणा ने बताया कि पहले भी यह ट्रेन चलती थी किंतु अब यह फास्ट ट्रेन बना दी गई है। है यह ट्रेन श्री गंगानगर से 18 जनवरी को रात्रि 8:30 पर रवाना होगी जो लोहारू, सतनाली, नावा, नांगल डीगरोटा, महेंद्रगढ़, बुचावास गुढ़ा कैमला, कनीना खास, डहीना आदि स्टेशनों पर रुकती हुई जाएगी। जिन स्टेशनों पर पहले रुकती थी लगभग उन्हीं स्टेशनों पर रुकेगी किंतु इस बार यह केवल फास्ट ट्रेन होने के कारण इसका चार्ज बढ़ा दिया गया है।
स्टेशन मास्टर के अनुसार अगर सीट खाली हुई तो इस ट्रेन के आने से पहले 4 घंटे पहले तक टिकट मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि ट्रेन में दो प्रकार की सीटें उपलब्ध होंगी जिनमें सलिपिंग तथा सीटिंग इदोनों प्रकार की होगी। स्लीपर टिकट कनीना से गुढ़ा के लिए करीब 60 रुपये की होगी जबकि सेटिंग के लिए करीब 40 रुपये की लगेगी अर्थात 5 किलोमीटर दूरी तय करने का अब खर्चा करीब 60 रुपये तक आएगा।
उधर लंबे समय से रेलवे स्टेशन खाली पड़े हैं। आखिरकार यात्रियों को अभी है राहत मिलेगी। कनीना के रविंद्र बंसल, गणेश कुमार, शिवकुमार अग्रवाल, ओमप्रकाश आदि ने खुशी जताई कि आखिरकार ट्रेन का प्रचलन हो रहा है। इससे कुछ राहत मिलेगी। अभी तक दिल्ली के लिए कनीना वासियों के लिए कोई ट्रेन नहीं थी और यह ट्रेन दिल्ली के लिए उपलब्ध हो पाएगी। वही दिल्ली से आते वक्त भी यह ट्रेन कनीना वासियों के लिए राहत देगी।
फोटो कैप्शन 10: कनीना खास रेलवे स्टेशन।
मेले में बही भक्ति की रसधार
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में बृजेश्वर महाराज धाम पर मेला आयोजित हुआ वहीं जागरण के भक्ति रस में भक्तजन डूबे रहे।
सरपंच महेंद्र सिंह भडफ़ के बड़ीवाला स्थल पर मेला लगा एवं हवन आयोजित किया गया।
बड़ी वाला आश्रम पर भी वर्षों से मेला लगता आ रहा है। मेले से पूर्व ग्रामवासी हवन आयोजित करते हैं। इस मेले में अनोखी परंपरा के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरित करते हैं जिनमें शक्कर का प्रसाद प्रमुख है। गांव के सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि पूरे गांव के लोग पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार जोहड़ के पास मिट्टी छांटने की कार्रवाई करते हैं और प्रसाद बांट कर बाबा को धोक लगाते हैं। इस मौके पर रामस्वरूप , मनफूल पंच, रामफल पंच, डा वेद , हरिप्रकाश, प्रेमानंद गिरी महाराज उपस्थित थे। यहां भंडारा भी आयोजित किया गया। सरपंच महेंद्र यादव ने बताया कि गांव की बसासत से यह मेला भरता आ रहा है।
उधर बाबा बृजेश्वर महाराज का कोटिया में पुराना धाम है जिस पर करीब 20 वर्षों से मेला भरता आ रहा है। विभिन्न भक्ति कलाकारों ने भक्ति की रसधारा बहाई। गांव के समाजसेवी देशराज ने बताया कि भारी संख्या में लोग पहुंचे और धोक लगाई। मकर संक्रांति को मेला लगा, प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे आयोजित किए गए वहीं दूरदराज से आए भक्तों ने मिश्री एवं बतासों का प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर भंडारा भी आयोजित किया गया। यहां साल में दो बार मेला लगता है। दूसरी बार दुलेंडी का मेला भरता है।
फोटो कैप्शन 7: कोटिया का बाबा बृजेश्वर मंदिर जहां भक्तों ने धोक लगाई।
एनएसएस का एक दिवसीय शिविर आयोजित
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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में एक दिवसीय कैंप आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डा विक्रम यादव ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में छात्राओं से कहा कि इस कैंप के आयोजन का उद्देश्य स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से
उनके व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास करना है। स्वयं सेविका स्वयं से पहले समुदाय को स्थान देता है। इसलिए प्रत्येक स्वयं सेविका यह सामाजिक कर्तव्य है कि वह सामाजिक समस्याओं को जानकार उन्हें दूर करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि सारा समाज कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। अत: वे अपने सामाजिक एवं नागरिक दायित्व निर्वहन करते हुए स्वयं सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने आस-पास के बुजुर्ग एवं अनपढ़ व्यक्तियों को इसके बारे में जागरूक करें। इस कैंप में 100 स्वयंसेविकाओं श्रमदान करते हुए सम्पूर्ण महाविद्यालय परिसर व पंखों की सफाई की। श्रमदान के उपरांत स्वयं सेविकाओं के लघु जल पान की व्यवस्था की गई। सभी स्टाफ सदस्यों ने इसमें स्वेच्छा से योगदान दिया। कार्यक्रम संयोजिका डा सीमा देवी ने इस योगदान के लिए सभी का आभार प्रकट किया। इस शिविर में डा कान्ता, डा.सुधीर, डा.अंकिता, नीतू, कविता, श्री सोमेश, राजेश,धनेश, अनिल, कंवर सिंह, सुश्री पूनम उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8:पंखों की सफाई करते स्वयं सेविकाएं।
मेले में बही भक्ति की रसधार
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में बृजेश्वर महाराज धाम पर मेला आयोजित हुआ वहीं जागरण के भक्ति रस में भक्तजन डूबे रहे।
सरपंच महेंद्र सिंह भडफ़ के बड़ीवाला स्थल पर मेला लगा एवं हवन आयोजित किया गया।
बड़ी वाला आश्रम पर भी वर्षों से मेला लगता आ रहा है। मेले से पूर्व ग्रामवासी हवन आयोजित करते हैं। इस मेले में अनोखी परंपरा के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरित करते हैं जिनमें शक्कर का प्रसाद प्रमुख है। गांव के सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि पूरे गांव के लोग पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार जोहड़ के पास मिट्टी छांटने की कार्रवाई करते हैं और प्रसाद बांट कर बाबा को धोक लगाते हैं। इस मौके पर रामस्वरूप , मनफूल पंच, रामफल पंच, डा वेद , हरिप्रकाश, प्रेमानंद गिरी महाराज उपस्थित थे। यहां भंडारा भी आयोजित किया गया। सरपंच महेंद्र यादव ने बताया कि गांव की बसासत से यह मेला भरता आ रहा है।
उधर बाबा बृजेश्वर महाराज का कोटिया में पुराना धाम है जिस पर करीब 20 वर्षों से मेला भरता आ रहा है। विभिन्न भक्ति कलाकारों ने भक्ति की रसधारा बहाई। गांव के समाजसेवी देशराज ने बताया कि भारी संख्या में लोग पहुंचे और धोक लगाई। मकर संक्रांति को मेला लगा, प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे आयोजित किए गए वहीं दूरदराज से आए भक्तों ने मिश्री एवं बतासों का प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर भंडारा भी आयोजित किया गया। यहां साल में दो बार मेला लगता है। दूसरी बार दुलेंडी का मेला भरता है।
फोटो कैप्शन 7: कोटिया का बाबा बृजेश्वर मंदिर जहां भक्तों ने धोक लगाई।
बार बार बदल रहा है मौसम, पुन:लौट आया कोहरा
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,कनीना। कनीना क्षेत्र में रबी फसल के दौरान बार बार मौसम में बदलाव आया है। ठंड, पाला, धुंध, कोहरा,कभी दिन का ताप अधिक, तो अब पुन: कोहरा पड़ रहा है।
कनीना क्षेत्र में गुरुवार को कोहरा पड़ा जो दोपहर तक चला। विगत तीन दिनों से लगातार पाला पड़ रहा था। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में दिसंबर माह में बहुत कम कोहरा पड़ा है। किसान रोहित कुमार, मोहन सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि इस वर्ष रबी फसल की बिजाई के बाद मौसम ने कई करवट बदली है। कभी ठंड रहती है कभी दिन का ताप अधिक रहता है तो कभी धुंध पड़ी है। उन्होंने कहा कि कनीना की बावनी भूमि पर करीब 20,000 हेक्टेयर में सरसों, 11000 हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की गई है। ये दोनों फसलें ही किसानों की मुख्य फसलें है। इन फसलों को उगा कर वर्ष भर की आजीविका कमाते हैं। खरीफ फसल की बिजाई तो मात्र पशु चारे के लिए जाती है। वर्तमान में सरसों पर फूल आए हुए और गेहूं की फसल अंगड़ाई ले रही है। अभी तक बेहतर फसल के आसार नजर आ रहे हैं।
किसानों का कहना है कि यूं ही मौसम चला तो तो गेहूं व सरसों की पैदावार बेहतर हो पाएगी।
बता दे कि रबी फसल चारे के साथ साथ खाने के रूप में प्रयोग करते हैं। इसी फसल पैदावार को किसान बाजार में बेचकर वर्ष भर की आय प्राप्त करते हैं। मौसम की मार झेलने पर भी सरसों एवं गेहूं की फसल बेहतर नजर आ रही है। कोहरे से जहां आवागमन में दिक्कत रही वहीं फसल को लाभ मिलने के आसार हैं।
क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ-कृषि विशेषज्ञ डा देवेंद्र का कहना है कि धुंध एवं कोहरा पडऩे के बाद अगर धूप खिलती है तो फसल को कोई नुकसान नहीं हो सकता। यह फसलों के लिए नमी की पूर्ति करेगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक धुंध पड़े और धूप न हो तो फसल को नुकसान हो सकता है।
फोटो कैप्शन 5 एवं 6: कनीना क्षेत्र में पड़ती हुई धुंध। जागरण
धनौन्दा में शहीद महेशपाल की याद में होगी चार दिवसीय फुटबाल खेल प्रतियोगिता
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कनीना। धनौन्दा में शहीद महेशपाल की याद में 17 जनवरी से 20 जनवरी तक चार दिवसीय फुटबाल खेल प्रतियोगिता चलेगी जिसमें विभिन्न राज्यों से खिलाड़ी आएंगे। धनौंदा के घनश्याम शास्त्री व नरेन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शहीद महेशपाल ओपन फुटबाल खेल प्रतियोगिता का आयोजन कनीना के गांव धनौन्दा में स्थित शहीद महेशपाल खेल स्टेडियम में अैायोजन किया जाएगा। जिसमें आने वाली विजेता टीम को 51 हजार रुपये व द्वितीय को 31 हजार रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा। वही उन्होंने यह भी बताया कि इस खेल प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को भी 3100 रुपये नगद ईनाम दिया जाएगा। खेलों का शुभारंभ समाजसेवी ठाकुर अतर लाल व शहीद के अनुज जीतपाल सिंह शास्त्री व कंवरपाल सिंह द्वारा किया जाएगा। वही इस खेल प्रतियोगिता का समापन ब्लाक समिति के पूर्व सदस्य अशोक प्रधान, समाजसेवी अजीत सिंह तंवर व वरिष्ठ चिकित्सक विजयपाल सिंह तंवर द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर प्रतियोगिता में 100 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर तथा 1600 मीटर तक की दौड़ के अलावा लड़कियों व बूढ़ों की 100 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता का आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रथम आने वाले खिलाडिय़ों को 1100 तथा दूसरे स्थान पर आने वाले को 750 रुपये नगद इनाम दिया जाएगा।
मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों में चूरमा एवं दाल पकाया गया। बुजुर्गों को जगाने की प्रथा भी कुछ देखने को मिली। रातभर आग जलाकर लोग उसके चारों ओर बैठे रहे।
मकर संक्रांति पर्व पर दुकानों पर भारी भीड़ रही। लोहड़ी पर्व की रात्रि को ही लोग नहा धोकर आग के पास बैठ गए। गजक, मूंगफली, शकरकंदी आदि खाते देखे गए। सुबह होने तक यह क्रम जारी रहा। बुजुर्गों को जगाने का रिवाज भी देखने को मिला। जागते हुए लोगों को फिर से जगाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में गायों को चारा एवं मीठा खाना परोसा गया और लोगों ने दान दक्षिणा दी। उधोदास गौशाला में बाबा लालदास महाराज ने अपने हाथों से हवन करवाया और अपने हाथों से गायों को मीठा खाना खिलाया। दिनभर दान दक्षिणा दी गई। श्रीकृष्ण गौशाला कनीना में समाजसेवी होशियार सिंह ने अपने हाथों से विभिन्न लोगों से प्राप्त मीठा खाना खिलाया। दिनभर दान पुण्य की परंपरा चलती रही।
दिनभर खीर चूरमा और दाल चूरमा का भोग लगाते देखे गए हैं। वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। उधर बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों से वह देखते आ रहे हैं कि उनके पूर्वज भी कभी दाल चूरमा ही बनाते आता है। किसी समय में दाल चूरमा ही क्षेत्र का प्रसिद्ध पकवान होता था उसे आज भी प्रयोग में ला रहे हैं।
उधर डीजे एवं बैंड बाजे पर बुजुर्गों को जगाकर दान पुण्य की परंपरा को दिनभर आगे बढ़ाया गया। गरीबों को दान, गायों की सेवा, गौशालाओं में मीठा भोजन, सार्वजनिक स्थानों पर गायों के लिए चारा आदि डालकर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
दिनभर लगी सवामणी---
कनीना की श्रीकृष्ण गोशाला, उधोदास गौशाला जैनाबाद, बूचावास गौशाला आदि में दिनभर जहां गायों की सेवा करते भक्त नजर आए वहीं सवामणी लगाई गई। महिलाएं सज धज कर अपने साथ गुड़, मीठा चारा तथा कई अन्य पदार्थ लेकर गायों की सेवा करती नजर आई। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला गौ भक्तों ने दिन भर गायों की सेवा की और कहा कि गायों की सेवा करने से सभी पुण्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए। गायों की सेवा भगवान श्रीकृष्ण करते थे इसलिए गोपाल कहलाए। उधर उधोदास गौशाला में गायों की सेवा करते संत लालदास ने हुए कहा कि गायों की सेवा से सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने गायों की सेवा सबसे बड़ी सेवा करार दी।
खाद्य पदार्थ की आवक हुई।
उल्लेखनीय की कभी गायों के लिए कनीना में खुले स्थान पर खाद्य पदार्थ डाले जाते थे। अब न तो खुले में इतनी गाय उपलब्ध हैं और न खुला स्थान उपलब्ध है। इसलिए वे गौशाला में जाकर लोग सेवा कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 1 व 2: आग के पास मकर संक्रांति को बैठे हुए बच्चे।









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