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Sunday, January 17, 2021

 


दुर्घटना में चार मरे


एक परिवार के तीन भाई व उनकी बहन की दर्दनाक मौत **************************************
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कनीना। झगडोली नहर के पास रविवार देर शाम को एक निजी बस व वैगनआर कार के बीच भयानक दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना में फरीदाबाद के एक परिवार के तीन भाई व उनकी बहन की दर्दनाक मौत हो गई। वे बड़े भाई का रिश्ता करने के लिए फरीदाबाद से महेंद्रगढ़ आए थे और लौटते समय यह हादसा हो गया। चारों के शव महेंद्रगढ़ के अस्पताल के शवगृह में रख दिए गए हैं और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।  जानकारी के अनुसार सेक्टर-19 फरीदाबाद निवासी लाकीराम के तीन बेटे सुरेशचंद्र(61), योगेश, जितेन्द्र व उनकी बहन संतोष महेंद्रगढ़ में छोटे भाई का रिश्ता करने महेंद्रगढ़ के बैंक ऑफ बड़ौदा के पास आए थे। शाम को वे वापिस फरीदाबाद के लिए अपनी वैगनआर गाड़ी में रवाना हुए थे। लेकिन जैसे ही वे झगड़ौली नहर के पास पहुंचे तो सामने से रेवाड़ी से आ रही निजी बस ने टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि दूर तक आवाज आई और गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। बस की सवारियों व आस-पास के लोगों ने कार में सवार लोगों को बड़ी मुश्किल से निकाला। दो भाई व बहन की मौत गाड़ी में ही हो चुकी थी, जबकि एक भाई ने महेंद्रगढ़ अस्पताल में लाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए महेंद्रगढ़ के अस्पताल में रखवा दिया है। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को भी सूचना दे दी है। थाना प्रभारी अजयवीर ने कहा कि कनीना की ओर आ रही बस के साथ वैगनआर गाड़ी की आमने-सामने की टक्कर हो गई, जिसमें तीन भाईयों व उनकी बहन की मौत हो गई है। मामले की जांच चल रही है।

बाबा मोलडऩाथ क्लब की टीम ने ट्राफी पर कब्जा
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 कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोहन नाथ परिसर में रविवार को बाबा मोलडऩाथ युवा क्लब कनीना की ओर से कबड्डी खेलों का आयोजन किया गया। इन खेलों में मुख्य अतिथि बाबा पहाड़ी नाथ थे वही समापन समारोह में मुख्य अतिथि वार्ड नंबर एक के पार्षद दिलीप सिंह थे।    विस्तृत जानकारी देते हुए क्लब के विपिन कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश से 10 टीमों ने भाग लिया। अंतिम खेल बाबा मोहननाथ क्लब की टीम तथा राजली हिसार की टीम के बीच हुआ जिसमें कनीना की टीम प्रथम रही दूसरा स्थान राजली हिसार की टीम ने पाया।
 इस मौके पर राजेंद्र सिंह लोढ़ा, बाबा पहाड़ीनाथ तथा वार्ड एक के पार्षद दिलीप सिंह ने प्रथम पुरस्कार 5100 रुपये तथा टाफी दी  जबकि द्वितीय पुरस्कार 3100 रुपये तथा ट्राफी पुरस्कार स्वरूप दी। इस मौके पर पार्षद दिलीप कुमार ने भी अपनी ओर से 1100 रुपए प्रथम टीम को पुरस्कार स्वरूप दिये। वही राजेंद्र लोढ़ा ने कनीना के प्रत्येक खिलाड़ी को 500-500 रुपये दिए।
उन्होंने बताया कि इस मौके पर हिमांशु और मनजीत को बेस्ट कैचर तथा मोहित को बेस्ट रैडर के सम्मान से सम्मानित किया। गया इस मौके पर बाबा पहाड़ी नाथ ने खेलों में भाग लेकर देशभर में नाम कमाने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेल ही इंसान को कई गुणों से परिपूर्ण बनाते हैं इसलिए खेलों में जरूर भाग लेना चाहिए। इस मौके पर अंकुर, नितिन राव, जीतू ,राजेंद्र सिंह लोढ़ा, भेलिया,विपिन सहित विभिन्न युवा उपस्थित रहे। फोटो कैप्शन 11: प्रथम टीम के कप्तान को सम्मान देते हुए पहाड़ी नाथ, राजेंद्र लोढ़ा एवं दलीप सिंह।

पेशाब घर बना मयखाना
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 कनीना। शराबी कहीं भी शराब पी सकते हैं। पीने के लिए उन्हें झाड़ झंखाड़ या किसी घर की जरूरत नहीं अपितु शौचालय में भी जमकर शराब पी जाते हैं। लोग समझते हैं कि आमुक व्यक्ति शौच आदि के लिए गया है किंतु उनकी सोच शराब पीने तक सीमित होती है। कनीना के कालेज तथा श्मशान घाट के द्वारों के सामने बना हुआ पेशाबघर यदि बाहर से देखा जाए तो आधुनिक दर्जे का ई-टायलेट है किंतु अंदर जाकर देखा जाए पेशाबघर कम तथा बार अधिक नजर आता है। यूरिनल में बोतल भरी हैं वहीं कुछ  बोतल नीचे भरी पड़ी हैं। बाहर से कोई पेशाब करने जाए तो उसे वापस आना ही अच्छा लगता है क्योंकि किसी ने देख लिया तो उस पर भी शराबी जैसा लांछन लगाने में देर नहीं लगेगी। शराबी शराबी किसी जगह को नहीं छोड़ रहे हैं। शराबियों को तो पेशाबघर भी मयखाना नजर आता है।
फोटो कैप्शन 9: ई-टायलेट में पड़ी है खाली शराब की बोतलें।



धरा हुई पीली, ठंड एवं धुंध जारी  
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में विगत चंद दिनों से ठंड एवं धुंध पडऩे लगी है। जहां 16 फरवरी को बसंत पंचमी आ रही है जिसके चलते धरा पीली नजर आ रही है। इस समय सरसों में फलियां आने लगी हैं। कनीना क्षेत्र में इस बार विगत वर्ष की तुलना में अधिक सरसों उगाई गई है। करीब 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों तथा 11 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल को ठंड के कारण लाभ होने का अंदेशा बना हुआ है। क्षेत्र में लंबे समय से मौसम परिवर्तनशील है। कभी ठंड तो कभी कोहरा एवं पाला पड़ रहा है तो कभी शीत लहर चलती है।
किसान कृष्ण कुमार, रवि कुमार, विकास, महेंद्र सिंह,महेश कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया कि विगत दिनों जहां ठंड तथा कोहरा पडऩा बंद हो गया तो अब पुन: शीतलहर फिर शुरू हो गई है। यदि यूं ही शीतलहर जारी रही तो फसल को लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है। उधर कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि यूं ही ठंड पड़ी तो ही फसल को लाभ होगा।
 कनीना क्षेत्र में विगत दिनों 32 एमएम बारिश हुई थी जिसके बाद मौसम में परिवर्तन आया है। ठंड में बेशक स्कूल लग रहे हैं किंतु यह ठंड फसल के लिए लाभकारी बताई जा रही है।
फोटो कैप्शन 10: पीली धरा नजर आती सरसों।

खेलों से आती है राष्ट्र एवं समाज में जागृति-अतरलाल
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कनीना। गांव धनौन्दा में आयोजित की जा रही चार दिवसीय राज्य स्तरीय शहीद महेशपाल ओपन फुटबाल प्रतियोगिता का उद्घाटन समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट और शहीद के भाई जीतपाल सिंह ने रिबन काट कर किया। इससे पूर्व सरपंच रूपेन्द्र सिंह की अगुवाई में शहीद महेशपाल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
 खिलाडिय़ों को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा कि खेलों से राष्ट्र व समाज में जागृति आती है और आपसी भाईचारे की भावना बढ़ती है। उन्होंने खिलाडिय़ों को अनुशासन और खेल की भावना से खेलने की अपील करते हुए ग्राम पंचायत धनौन्दा तथा शहीद महेशपाल सिंह फुटबाल क्लब का सराहनीय खेल आयोजित करने के लिए धन्यवाद किया। उद्घाटन मैच एसएमएफसी तथा डीएफसी धनौन्दा के बीच में खेला गया। जिसमें एसएमएफसी एक गोल से विजयी रहे। दूसरा मैच चंदनपुरी तथा आरएफसी रेवाड़ी के बीच में खेला गया। इसमें रेवाड़ी की टीम एक गोल से विजयी रही। इस अवसर पर सरपंच रूपेन्द्र सिंह, ओमबीर सिंह पंच, कंवरपाल सिंह, रविन्द्र पंच, जीतपाल सिंह, मास्टर प्रहलाद सिंह, सूबेदार जीवन सिंह, देशराज सिंह, जगदीश सिंह, विक्रम कोच, हरिकिशन कोच, सतीश कोच, घनश्याम शास्त्री, औमप्रकाश फोरमैन, डा. विनयपाल सिंह, रवि कौशिक, सूबेदार माल सिंह तथा सैकड़ों खिलाड़ी तथा खेली प्रेमी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 6: गांव धनौन्दा में फुटबाल प्रतियोगिता का रिबन काट कर उद्घाटन करते समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट और अन्य।



प्रोटीन का बेहतर स्रोत है मशरूम
-विवाह एवं उत्सवों पर मिलती है भारी मांग
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 कनीना। मशरूम जिसे खुंभ/ खुंबी एवं कुकुरमुत्ता आदि नामों से जाना जाता है। जिसे खाना तो दूर जहरीला और गंदगी वाले स्थानों पर उगने वाला सफेद रंग का पौधा मानते थे किंतु अब बड़े चाव से खाते हैं। विवाह शादियों,संभ्रांत घरों एवं पार्टियों में स्थान बना लिया है। 16 फरवरी बसंत पंचमी के विवाहों के लिए पहले से खुंभ की बुकिंग हो चुकी है।
 खुंब की ओर किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। खुंबी को कुकुरमुत्ता कहते हैं क्योंकि बुजुर्ग मानते थे कि यह उन स्थानों पर उगती है जा कुकर अर्थात कुत्ता और मुत्ता अर्थात मूतता है किंतु अब पता गया है कि यह गले सड़े पदार्थों पर उगती है इसलिए इसके लिए विशेष प्रकार के बेड की जरूरत होती है। एक ही जगह पर कई वर्षों तक उगाई जा सकती जिसके लिए विशेष बेड बनाना पड़ता है। कभी इसको जहरीला मानते थे आज सिद्ध हो चुका है कि इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण और विशेषकर विटामिन डी पाई जाती है जो अन्य फल एवं सब्जियों में नहीं पाई जाती।
वर्तमान में 150-200 रुपये किलो तक भाव पहुंच गए है किंतु इसे बड़े चाव से लोग खाते हैं। विवाह शादियों, होटलों, रेस्तरां में बहुत चाही सब्जी बनी हुई है। यहां तक कि इसका अचार बनाकर विगत वर्ष महाबीर करीरा ने अचार बनाकर कृषि मेलों में प्रदर्शित कर सिद्ध कर दिया कि इसका अचार बनाकर भी उपयोग में लाया जा सकता है। विभिन्न सब्जियों में इसे प्रयोग करते हैं और सबसे बड़ी विशेषता है कि से पकाने के लिए अधिक समय एवं ऊर्जा की जरूरत नहीं होती। जिला महेंद्रगढ़ में 5000 ट्रे मशरूम उगाई हुई है। डीगरोता, महेंद्रगढ़, शेखपुरा सीहोर, कोटिया,गुढा आदि जगह किसानों ने उगा रखी है। पर जहां सरकार भी अनुदान दे रही है। ऐसे में भी को उगाने के लिए दिनों दिन किसान आगे आ रहे हैं। कोटिया एवं करीरा में भी विगत वर्षों उगाई थी।
किसान राजवीर एवं संदीप, महाबीर सिंह, निरंजन करीरा आदि ने बताया कि खुंबी उत्पादन से अपनी रोटी रोजी तो कमा लेते हैं परंतु आय का साधन भी बेहतर है। कई किसान बेहतर पैदावार ले रहे हैं। खुंबी की सब्जी मंडी आसपास अन्य होने से किसानों को दिक्कत आ रही है किंतु जब कभी विवाह शादी तथा उत्सव होते हैं तो खुंबी को रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, चरखी दादरी आदि स्थानों से लाकर सब्जी बनाकर परोसते हैं। अब यह प्रसिद्ध होती जा रही है। मंडियां पास होती तो किसानों की आय में वृद्धि हो जाती।
खुंभी के लिए एक नहीं कई लेयर का बेड बनाया जा सकती है। एक बेड से हम भी खत्म हो जाती है तो दूसरे बेड पर तैयार हो जाती है। इस प्रकार लगातार सर्दी के मौसम में खूब खुंब उगाई जाती है। खुंबी उत्पादन में जिला महेंद्रगढ़ धीरे-धीरे अग्रणी बनता जा रहा है।
 बागवानी विभाग गुरुग्राम के विषय वस्तु विशेषज्ञ डा मंदीप यादव ने  कहना है कि दिनोंदिन जमीन घट रही है। ऐसे में घटती जमीन का बेहतर विकल्प खुंबी है। थोड़ी सी जगह पर यहां तक कि प्लाट पर छह माह में अपनी पूंजी को दोगुना किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार इस पर अनुदान दे रही है। ऐसे में खेती आसानी से की जा सकती है। थोड़ी जमीन पर भी बेहतर पैदावार ली जा सकती है जो प्रोटीन का बेहतर स्रोत है।
फोटो कैप्शन 7 व 8: खुंबी से संबंधित है।

सेहलंग में लगने वाले मेले को लेकर आयोजित हुई बैठक
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 कनीना। सेहलंग की पहाड़ी पर लगने वाले मेले को लेकर रविवार को गांव तथा कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मेले के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई तथा दौड़ कूद, वालीबाल, कबड्डी, कुश्ती आदि के खेलों के आयोजन के लिए भी विचार विमर्श किया गया। विस्तृत जानकारी देते हुए विजयपाल सेहलंगिया समाजसेवी ने बताया कि धाम पर कमरों गेट आदि के रंग रोगन, सड़क के दोनों तरफ की सफाई का काम करवाने का निश्चय किया गया है। इस बार वालीबाल, कबड्डी, कुश्ती का प्रथम पुरस्कार 21 हजार रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। बैठक में सभी पदाधिकारी तथा युवा तथा 21 युवा समाजसेवी स्वेच्छा से काम करने के लिए आगे आए हैं।
सेहलंग की पहाड़ी पर खिमज नामक धाम स्थित है जहां हर वर्ष मेला लगता है। यह मेला वर्षों से लगता आ रहा है। सेहलंग गांव से करीब डेढ़ किमी दूर छोटी सी पहाड़ी पर गांववालों ने भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया है। इस गांव की सबसे प्रमुख देवी खिजम हुई हैं जिनका पहाड़ी पर भव्य मंदिर है। ऐसे ही देवी मंदिर भीलमाल जिला जालौर तथा टोडा नजदीक टोंक में स्थित हैं। जहां पहाड़ी पर चढऩे के लिए करीब 212 सीढिय़ा बनाई गई हैं वहीं सीढिय़ों पर चढऩे से पहले सत्संग भवन बना हुआ है। यहां साधु संत निवास के लिए भी हाल बना हुआ है।
 रमणीक पहाड़ी पर सबसे ऊंचा मंदिर खिजम माता का है साथ में हनुमान मंदिर एवं शिवालय भी है। माता के विषय में विजय सिंह सेहलंगिया बताते हैं कि यह गांव के बसने से पूर्व ही यहां देवी का निवास था। वो एक चमत्कारी माता होने के कारण जब गांव बसा तो गांववासी बस उन्हीं के पास अपने कार्र्याें को पूर्ण करवाने के लिए जाते आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 4: सेहलंग गांव में मेले को लेकर आयोजित बैठक।

युवा सप्ताह दिवस पर सेमीनार एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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कनीना। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से मनाए जा रहे युवा सप्ताह के तहत कनीना में सामाजिक संस्था बीएमडी क्लब के सहयोग से कान्हाजी स्कूल कनीना में युवा शांति दिवस एवं सेमीनार एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी परसराम के मार्गदर्शन में किया गया। मुख्य अतिथि युवा समाज सेवी आईवाईसी ब्लाक अध्यक्ष नीरज चौधरी थे जबकि अध्यक्षता चेयरमैन लक्की सीगड़ा एवं सचिव इंद्रजीत शर्मा ने की।  
मुख्य अतिथि नीरज चौधरी ने कहा की स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमुख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं।  जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी उन्हें स्थापित किया। कार्यक्रम निर्णायक कुसुमलता एवं मनोज यादव ने कहा की प्रतिभागी युवाओं को अपना आत्मविश्वास ओर सुदृढ़ करने की आवश्यकता हैं ताकि वे किसी भी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए कीर्तिमान स्थापित कर सके।
सचिव इंद्रजीत शर्मा एवं नरवीर सिंह ने भी अपने सम्बोधन में कहा की किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। आज के पारिदृश्य में जहां चहुं ओर भ्रष्टाचार, बुराई, अपराध का बोलबाला है जो घुन बनकर देश को अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं। ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है। विवेकानंद के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं को नई चेतना से भरकर नई ऊर्जा और सकारात्कमता का संचार कर देती हैं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त कर सभी विजेताओं को शुभकामनाएं देते कहा कि हमें अपने जीवन में सामाजिक सरोकारों से जुड़कर कार्य करना चाहिए  ताकि समाप्त होते जीवन मूल्यों को भी बचाया जा सके। निबंध प्रतियोगिता में 12  प्रतिभागियों ने भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता में ने गीतांजलि ने प्रथम ,टोनिका ने दूसरा एवं अभिषेक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। वाईसीओ संदीप संघी ने भी सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर जिला यूथ अवार्डी कर्मपाल यादव, बलवान यादव, हेमंत कुमार, रचना शर्मा, मोनिका शर्मा, स्वीटी यादव, प्रियंका प्रजापति, खुशबू, निशु, पूजा, सरिता, दीपिका, पंकज, शुभाष, मोनिका, दिनेश कुमार, मंजू यादव सहित अन्य युवा एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: वाद विवाद प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि व अन्य


  दूर दराज तक विख्यात है कनीना का बाबा लालगिरी
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,कनीना। यूं तो हरियाणा प्रदेश संतों एवं महात्माओं की तप स्थली है और प्रत्येक गांव में कोई न कोई संत जीवन बीताकर अपनी लीलाओं को जनजन तक पहुंचाकर उनका मन मोह चुका है। ऐसे ही एक संत जिला महेंद्रगढ़ के कनीना उप-मंडल में हुए हैं जिन्हें आज भी श्रद्धा के साथ दूर दराज के लोग नमन करते हैं। जनवरी माह में उनकी पुण्यतिथि अपार श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। कनीना के वो एक उन संतों में से थे जिनका अपने समय में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाते हुए देह अवसान किया।  कनीना के महान संत लालगिरी महाराज की 26 जनवरी 2021 में 44वीं पुण्य तिथि मनाई जा रही है जिस पर विशाल मेला एवं खेल मेला लगा। शमशानी बाबा के नाम से प्रसिद्ध रहे लालगिरी महाराज ने कई जगह तप किया और कनीना में समाधि स्थल पर देह अवसान किया था।
 कनीना के सरकारी कालेज के पास ही शमशानघाट बना हुआ है जहां सालों से स्वर्गवासियों को मिट्टी दी जाती है। इसी  शमशानघाट के पास विशाल क्षेत्र पर बाबा लालगिरी की कुटिया बनी हुई है। सरल एवं मृदु स्वभाव के बाबा लालगिरी कनीना के परम संत मोलडऩाथ के समकालीन थे। बंगाल से आकर उन्हाणी गांव में लंबे समय तक तप करने के बाद ही कनीना में आए और उनके स्थल के आस पास शमशानघाट होने के कारण शमशानी बाबा कहलाए। कनीना में लंबे समय तक अपने तप एवं ज्ञान का आभास कराते हुए आखिरकार 1976 में ब्रह्मलीन हो गए। आज जिस जगह उनकी समाधि बनी हुई है वहीं पर उन्होंने देह का त्याग किया था और यहीं पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तभी से लेकर आज तक भक्त उनकी समाधि पर धोक लगाते आ रहे हैं।
  समाजसेवी केसी शर्मा ने बताया कि शमाशानी बाबा के वक्त से ही यहां भंडारा एवं शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उस वक्त जब बाबा अपने ज्ञान का प्रसार कर रहे थे तो शरद पूर्णिमा का पर्व अति धूमधाम से मनाया जाता था। दूर दराज से भक्त आकर खीर का प्रसाद बनाते थे और रात भर चांद के प्रकाश में रखने के बाद उसे सुबह शरद पूर्णिमा को वितरित किया जाता था। उस वक्त आक पौधे के पत्तों में प्रसाद डालकर दिया जाता था। दूर दराज से आए भक्त प्रसाद ग्रहण करके अपने को धन्य समझते थे।
  बाद में भंडारा किया जाने लगा। बाबा की पुण्यतिथि में मेला जनवरी माह में लगता आ रहा है। जब से बाबा ने पोष माह की तेरस को 44 वर्ष पूर्व देह अवसान किया है तभी से भक्त उनकी याद में इस दिन विशाल भंडारा लगाने लगे हैं। तीन वर्षों से उनकी याद में मेला लग रहा है। दूर दराज से इस दिन भक्त आकर बाबा की समाधि पर धोक लगाते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं।
  बाबा ने जहां देह अवसान किया वहां पर बाबा की मूर्ति विद्यमान की हुई है। पास में बाबा के काल का धूना बना हुआ है जहां साधु संत आकर विश्राम करते हैं। दूर दराज से ही छायादार पेड़ भक्तों को आकर्षित करते हैं। सौम्य एवं रमणीक स्थल पर दूर दराज से आने वाले भक्तों के लिए आराम का बेहतर प्रबंध किया गया है।
  मेला-
आश्रम के संचालक केसी शर्मा ने बताया  कि 26 जनवरी कों यहां पर खेल मेला व मेला लगने जा रहा है। इस मेले से पूर्व रात्रि को सत्संग एवं भजन आयोजित किए जाते हैं वहीं मेले वाले दिन 41 हजार रुपये की इनामी सर्कल कबड्डी, 3100 रुपये तक की रस्साकसी, 2100 रुपये वाली बूढ़ों की दौड़ आयोजित की जा रही है। इस दिन भंडारे का प्रबंध किया जाता है। दूर दराज से भक्तजन आकर बाबा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस मौके पर भीम गुर्जर प्रधान युवा एकता क्लब शुभारंभ करेंगे तथा समापन अवसर पर सुमित राव समाजसेवी होंगे। बाबा लालगिरी महाराज कमेटी खेलकूद आयोजित करवाती आ रही है। भजन सत्संग भी आयोजित किए जाते हैं।
फोटो कैप्शन: 1: बाबा लालगिरी प्रतिमा
2: बाबा का धूना


कुआं पूजन पर राष्ट्रीय मानवाधि









 संगठन ने परिवार को किया सम्मानित
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कनीना। कन्या के जन्म को लेकर कुआं पूजन करके खुशियां मनाई गई। कुआं पूजन के कार्यक्रम पर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष जोनी सुन्दरह ने कहा कि घर में बेटी का जन्म लेना ही सबसे बड़ा धन है। लोगों को जिस तरह बेटी के जन्म पर कुआं पूजन किया जाता है वैसे ही बेटी के जन्म पर कुआं पूजन किया जाना चाहिए। इससे आमजन में जागरूकता आएगी। कुआं पूजन के दौरान नव जन्मी की माता अंजू व पिता लख्मीचंद ने बताया कि आमतौर पर लोग बेटों के जन्म पर कुआं पूजन करते हैं। उन्होंने कहा हमारे घर पहली संतान के रूप में  बेटी का जन्म हुआ है जो कि खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि कुआं पूजन को लेकर ग्रामीणों को बेटियों के प्रति जागरूकता मिली है। इसके साथ-साथ सरकार द्वारा जो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया है, वह भी पूर्ण रूप से सार्थक होता है। बेटी की माता ने उत्साहपूर्वक यह भी बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से न केवल ग्रामीण आंचल की महिलाओं में बेटियों के प्रति सत्कार बढ़ेगा, बल्कि बेटियों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि देश के विकास में महिलाओं का बराबर का योगदान रहता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बेटियों का सत्कार करना चाहिए और उनके जन्म पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर दूसरों को भी प्रेरणा देनी चाहिए। इस मौके पर गांव में बेटी के जन्म पर कुआं पूजन किया गया इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के हरियाणा राज्य से सचिव जगविंद्र ढिल्लो व महासचिव परविंद्र के  अलावा लड़की के दादा रामानंद ओर दादी ब्रह्म सहित गांव के अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3: कन्या को जन्म देने वाली अंजू को सम्मानित करते जोनी सुंदराह।

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