पुलिस ने पकड़ा 80 किलो गांजा,
एक व्यक्ति गिरफ्तार
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कनीना। सीआईए ने कनीना रेवाड़ी मार्ग पर ओपीवाई स्कूल के पास एक स्विफ्ट गाड़ी से करीब 80 किलो गांजा पकड़ा है। यह गांजा आंध्र प्रदेश से मालड़ाबास निवासी जिला महेंद्रगढ़ का कर्मबीर गाड़ी में लेकर आ रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ा है। आगामी कार्रवाई एवं पूछताछ जारी है।
मिली जानकारी अनुसार सीआईए टीम कुछ समय से आरोपित पर नजर टिकाये हुये थी। आंध्र प्रदेश से गांजा की सूचना मिलते ही उसका पीछा किया जा रहा था। आखिरकार जब वह रेवाड़ी से कनीना की ओर आ रहा था तो पुलिस सतर्क थी, उसे मुख्य सड़क मार्ग पर गिरफ्तार कर लिया।
सोमवार को शाम सीआईए की टीम ने रेवाड़ी-कनीना रोड पर ओपीवाई स्कूल के पास एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी से नाकबांदी के दौरान 80 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसारी मालड़ा बांस निवासी कर्मबीर के द्वारा गाड़ी की डिग्गी में गांजे को लेजाया जा रहा था। जो रेवाड़ी की तरफ से अपनी गाड़ी को लेकर कनीना की तरफ आ रहा था। इस दौरान सीआईए नारनौल की टीम ने ओपीवाई स्कूल के पास नाकाबंदी कर उक्त गाड़ी को मौके पर रूकवाकर उसकी जांच की तो गाड़ी के अन्दर से पुलिस को गांजे के 38 पैकेट बरामद हुए है। जिनमें करीब 80 किलोग्राम गांजा लेजाया जा रहा था। सीआईए नारनौल इंचार्ज जसवीर सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने सूचना के आधार पर दो गाडिय़ों की मद्द से नाकाबंदी कर आरोपी को काबू कर लिया है। इस दौरान टीम के सदस्य के रूप में एएसआई अनिल कुमार, एएसआई लाल सिंह, एएसआई संजय, एचसी संजय, एचसी संजीत, एचसी सुशील, दीपक, सिपाही प्रिंस, सिपाही राकेश सहित अन्य पुलिस कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि जिले में इस प्रकार के नशीले पदार्थो की तस्करी करने वालों को किसी भी किमत पर नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपी कर्मबीर से पूछताछ में ओर भी खुलाशे होने की संभावना बनी हुई है।
फोटो कैप्शन 10: गांजे सहित कर्मवीर को गिरफ्तार करते पुलिस।
नांगल में व्यक्ति का हुआ अंतिम संस्कार
-फाइनेंसरों के दबाव में की थी आत्महत्या
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कनीना। उपमंडल के गांव नांगल में निजी कंपनी में काम करने वाले राजेंद्र सिंह का गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर पुलिस ने मामले में संलिप्त किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया है। चार जनों के विरुद्ध दर्ज हुआ था मामला।
क्या था मामला-
एक निजी कंपनी में काम करने वाले राजेंद्र सिंह नांगल का शव खेतों से पुलिस ने बरामद किया था। मृतक राजेंद्र के भाई अशोक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका भाई राजेन्द्र बावल स्थित एक कम्पनी में कार्य करता था। रविवार को दोपहर में उसके पास फोन आया कि उसके भाई राजेन्द्र का मृत शरीर खेतों में पड़ा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचा तो वहां पर गांव का सरपंच व अन्य लोग पहले से ही उपस्थित थे। उसके भाई का शव खेत में एक पेड़ के नीचे पड़ा हुआ था। जिसके पास कोल्ड ड्रिंक की एक बोतल व एक डब्बी पड़ी हुई थी। जिसकी सूचना कनीना पुलिस को दी गई। सूचना के बाद पुलिस ने खेतों में पहुंच कर शव को कब्जे में लिया व उसकी तलाशी ली गई। मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमें उसने चार लोगों के खिलाफ उसे मानसिक रूप से परेशान करने की बात कही है। अशोक ने बताया कि उसके भाई राजेन्द्र ने गंगायचा जाट निवासी दीपेश, सोहली निवासी बाबूलाल, ढाणा निवासी उसके दामाद व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ उसे परेशान करने क बात कही है। मृतक ने गंगायचा जाट निवासी दीपेश से करीब 50 हजार रुपये उधार लिए थे। जिसे वह छह माह के दौरान करीब तीस हजार रुपए वापस भी दे चुका था। आरोप है कि दीपेश, बाबूलाल व उसका दामाद उसे पैसे देने के लिए परेशान कर रहे थे व उसके परिवार को खत्म करने की धमकी भी दे रहे थे। अशोक ने कहा कि इन लोगों के दबाव की वजह से ही उसके भाई ने आत्महत्या की है। पुलिस ने मृतक के भाई अशोक के बयान पर मामला दर्ज कर मौके से बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
भोजावास में मृतक का हुआ अंतिम संस्कार-उधर भोजावास में दवा के रियेक्षन से हुई मौत के मामले में मृतक सत्यवीर सिंह का भी गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसने नाक के जरिये दवा डाल ली थी जिससे रियेक्षन हुआ और उन्हें महेंद्रगढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।
प्रशिक्षण को लेकर आयोजित की बैठक
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कनीना। भारतीय जनता पार्टी के कनीना मंडल की बैठक नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना में सोमवार को आयोजित की गई। मीटिंग की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने की। बैठक में मुन्नी लाल शर्मा विशेष रूप से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रशिक्षण स्थान आरस वाटिका कनीना रहेगा।
मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीति और नीति से अवगत कराने के लिए मंडल स्तर पर 5 व 6 जनवरी को प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगी। मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने कहा कि भाजपा प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए सभी संगठनात्मक मंडलों में प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगी। इसमें मंशा- पंचायत चुनाव में बड़ी जीत के लिए बूथ को मजबूत करना है। पार्टी के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा के नेतृत्व यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। अतर सिंह ने आगे कहा कि पार्टी में स्थापना काल से ही कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की परंपरा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व व कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक संगठन है। भाजपा में कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कार्य प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए जाते है। जिनके माध्यम से ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण होता है, जो समाज में अन्य दलों से अलग दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पार्टी द्वारा आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण वर्गों का ही परिणाम है कि कोविड-19 की वैश्विक आपदा के समय पार्टी कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठन को मूलमंत्र मानकर हर गरीब जरूरतमंद की मदद में आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह किए वगैर सेवा कार्यों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में राज्य सरकार गांव, गरीब, किसान, नौजवानों सहित सभी के हितों को ध्यान में रखकर लोक कल्याण के लिए कार्य कर रही है लेकिन विपक्षी दल साजिश व झूठ के सहारे जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे है। मंडल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इन प्रशिक्षण वर्गों से पार्टी कार्यकर्ता प्रशिक्षित होकर तर्क पूर्ण ढंग से विपक्षी दलों की साजिश को न सिर्फ नाकाम करेगें बल्कि जनता के बीच केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकारों की उपलब्धियों को बताते हुए पार्टी संगठन को मजबूत बनाने का काम करेगें। इस बैठक में जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश निशानियां, मंडल महामंत्री कृष्ण जांगड़ा, देशराज, उपाध्यक्ष वेद बोरा, कप्तान छितरौली, हरिराम मित्तल, कंवर सैन वशिष्ठ, ओम प्रकाश यादव, अरुणा, सरिता, राजकुमार भारद्वाज, मास्टर कृष्ण व दीपक कुमार वशिष्ठ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: भाजपा की कनीना में आयोजित बैठक
लुइस ब्रेल का जन्म दिन मनाया
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में लुइस ब्रेल का जन्मदिन मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य लाल सिंह ने किया। अमृत सिंह विशेष अध्यापक ने लुइस ब्रेल के जीवन पर प्रकाश डाला लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के पास कुप्रे नामक स्थान पर हुआ। इनके पिता का नाम साइमन तथा माता का नाम मोनिका था।
अमृत सिंह ने उनके जीवन पर एक रागिनी गाकर कार्यक्रम को चार चांद लगाए लुइस ब्रेल ने दृष्टि बाधितों के पढऩे लिखने के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि के आने से दृष्टि बाधित ओं के जीवन में प्रकाश आया उन्हें समाज की मुख्यधारा में जुडऩे का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा दृष्टि बाधित बच्चों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए ब्रेल एक वरदान साबित हुई आज के परिवेश में समावेशित शिक्षा कार्यक्रम के तहत ब्रेल लिपि से ही दृष्टिबाधित बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। इस अवसर पर प्राचार्य लाल सिंह, मुख्याध्यापक पंकज कुमार, रमन शास्त्री, मदन लाल शास्त्री, महिपाल, सोमनाथ, विनोद विशेष अध्यापक, ईश्वर प्रवक्ता, सुमित्रा व पूनम मौजूद थी।
फोटो केप्शन 8: कनीना स्कूल में लुइस ब्रेल का जन्म दिन मनाते हुए।
उम्मीद 2021
शिक्षा की चार दशकों से जगाए हुये हैं अलख
शिक्षक से डिप्टी डीईओ तक पहुंचने वाले डा रामानंद आज भी प्रेरणास्रोत
-अभी भी ट्यूबवेल पर दे रहे हैं शिक्षा
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कनीना। कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रह चुके तथा उप जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी से सेवानिवृत्त रामानन्द यादव सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षा की अलख जगाए हुये हैं। कम से कम दो सौ महान हस्तियों के हाथों एक सौ के करीब सम्मान पा चुके हैं। जब वे अंग्रेजी बोलते हैं तो लगता है कि वे हिंदी नहीं जानते किंतु जब हिंदी बोलते हैं तो लगता है कि हिंदी के ही प्रवक्ता रहे होंगे। वे एक अच्छे कवि, लेखक, प्रशासक एवं शिक्षक बतौर जाने जाते हैं।
अति साधारण से दिखाई देने वाले एवं सादी पोशाक पहनने वाले रामानन्द यादव ने न केवल कई बेईमान कर्मियों की एफआईआर दर्ज करवाई है अपितु नटवरलालों का पर्दाफाश भी किया है। जिला महेंद्रगढ़ के सतनाली खंड के गांव डिगरोता में एक अति साधारण परिवार में जन्में रामानन्द यादव वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके परिवार में कोई सदस्य लिख पढ़ा न होते हुए भी रामानन्द यादव ने पढऩा शुरू किया। प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से पाने के बाद मिडिल शिक्षा नावां से प्राप्त की। जब वे नौंवीं कक्षा में पढ़ते थे तभी उनके पिता का साया सिर से उठ गया। जैसे तैसे करके सतनाली से हायर सेकेंडरी शिक्षा पाकर महेंद्रगढ़ से स्नातक की शिक्षा पाई। अंग्रेजी में स्नातकोत्तर अलवर से प्राप्त करने के बाद एनसीईआरटी द्वारा संचालित रिजनल कालेज अजमेर से बीएड की शिक्षा पाई। वर्ष 1984 में सतनाली में अंग्रेजी प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हो गए।
वर्ष 2002 में सोंहासड़ा (भिवानी) में प्राचार्य पद पर नियुक्त हुए। वर्ष 2009 में जाटूसाना खंड शिक्षा अधिकारी बने। इसी दौरान उनकी मां का निधन हो गया। वर्ष 2011 से लगातार कनीना में खंड शिक्षा अधिकारी बतौर काम करने के बाद वे उप जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी सेवा करने के बाद वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने वालंटियर शिक्षण का कार्य भी लोहारू, सतनाली, महेंद्रगढ़ में काम किया।
अनेक अवार्ड मिले-
डा रामानंद यादव को राष्ट्रीय अवार्डों में लाइफ टाइम अचीवमेंट गोल्ड मेडल अवार्ड, एमिनेंट सिटिजन आफ इंडिया अवार्ड, ज्वेल आफ इंडिया अवार्ड, राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार, गोडफ्रे फिलिफ्स ब्रेवरी अवार्ड, मेरिटोरियस पर्सन अवार्ड, आर्क आफ एक्सीलेंस एजूकेशन अवार्ड, डा सर्वपल्ली राधाकृष्ण शिक्षा अवार्ड, राष्ट्रीय शिक्षा ज्योति अवार्ड, इंदिरा गांधी एक्सीलेंसी अवार्ड, राष्ट्रीय हिंदी शिक्षा अवार्ड के अलावा अन्तर्राष्ट्रीय अवार्डों में नेपाल, एशिया पेसिफिक, नेपाल, बैंगकाक, दुबई आदि देशों से अवार्ड मिले हैं। अभी यह सिलसिला जारी है।
वे अपने परिवार जिसमें उनकी पत्नी दो पुत्र एक डाक्टर एवं दूसरा वकील है तथा एक पुत्री भी है। अपने परिवार के साथ जीवन सहजता एवं सरलता जीकर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
अभी भी दे रहे हैं छोटे बच्चों को मुफ्त शिक्षा-
इसे नेक दिली कहे या फिर फरिस्ताई काम कि सेवानिवृत्ति के बाद भी एक डिप्टी डीइओ नि:स्वार्थ भाव से छोटे बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। विगत दो माह से वे इस नेक काम में लगे हुए हैं।
कहा दे रहे हैं शिक्षा-
महेंद्रगढ़ जिला के डीगरोता गांव में पले एवं बड़े हुए नेकदिली इंसान रामानंद यादव विगत दो माह से अपने खेतों में ट्यूबवेल पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि दूर दराज ट्यूशन भी उपलब्ध नहीं है और खेतों में स्कूल भी नहीं है। ऐसे में उनकी समस्या को देखते हुए प्रत्येक रविवार को नि:शुल्क शिक्षण का काम शुरू कर दिया है।
रामानंद गरीबी से जूझे हैं-
बता दे कि रामानंद यादव पांच जुलाई 1957 को डीगरोता में जन्मे और उनके पिता रामजीलाल का उस वक्त देहांत हो गया था जब वे नौवीं कक्षा के छात्र थे। किसान परिवार में जन्मे रामानंद की मां सरिया देवी भी उस वक्त उन्हें छोड़ गई जब वे खंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त हुए।
मई 1983 में अंग्रेजी के प्राध्यापक बनने के बाद जनवरी 2002 में वे प्राचार्य बने। वर्ष 2009 में खंड शिक्षा अधिकारी बने और 2014 में डिप्टी डीईओ रेवाड़ी बने जहां से जुलाई 2015 में सेवानिवृत्त हो गए। कोरोना के कारण शिक्षण कार्य रुका हुआ है। वे मानते हैं कि कोरोना काल समाप्त होते ही फिर से इस काम में जुट जाएंगे
फोटो कैप्शन : रामानंद यादव।
फोटो कैप्शन 9: डा रामानंद यादव सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षण करते हुए
नांगल में व्यक्ति का हुआ अंतिम संस्कार
-फाइनेंसरों के दबाव में की थी आत्महत्या
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कनीना। उपमंडल के गांव नांगल में निजी कंपनी में काम करने वाले राजेंद्र सिंह का गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर पुलिस ने मामले में संलिप्त किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया है। चार जनों के विरुद्ध दर्ज हुआ था मामला।
क्या था मामला-
एक निजी कंपनी में काम करने वाले राजेंद्र सिंह नांगल का शव खेतों से पुलिस ने बरामद किया था। मृतक राजेंद्र के भाई अशोक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका भाई राजेन्द्र बावल स्थित एक कम्पनी में कार्य करता था। रविवार को दोपहर में उसके पास फोन आया कि उसके भाई राजेन्द्र का मृत शरीर खेतों में पड़ा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचा तो वहां पर गांव का सरपंच व अन्य लोग पहले से ही उपस्थित थे। उसके भाई का शव खेत में एक पेड़ के नीचे पड़ा हुआ था। जिसके पास कोल्ड ड्रिंक की एक बोतल व एक डब्बी पड़ी हुई थी। जिसकी सूचना कनीना पुलिस को दी गई। सूचना के बाद पुलिस ने खेतों में पहुंच कर शव को कब्जे में लिया व उसकी तलाशी ली गई। मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमें उसने चार लोगों के खिलाफ उसे मानसिक रूप से परेशान करने की बात कही है। अशोक ने बताया कि उसके भाई राजेन्द्र ने गंगायचा जाट निवासी दीपेश, सोहली निवासी बाबूलाल, ढाणा निवासी उसके दामाद व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ उसे परेशान करने क बात कही है। मृतक ने गंगायचा जाट निवासी दीपेश से करीब 50 हजार रुपये उधार लिए थे। जिसे वह छह माह के दौरान करीब तीस हजार रुपए वापस भी दे चुका था। आरोप है कि दीपेश, बाबूलाल व उसका दामाद उसे पैसे देने के लिए परेशान कर रहे थे व उसके परिवार को खत्म करने की धमकी भी दे रहे थे। अशोक ने कहा कि इन लोगों के दबाव की वजह से ही उसके भाई ने आत्महत्या की है। पुलिस ने मृतक के भाई अशोक के बयान पर मामला दर्ज कर मौके से बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
भोजावास में मृतक का हुआ अंतिम संस्कार-उधर भोजावास में दवा के रियेक्षन से हुई मौत के मामले में मृतक सत्यवीर सिंह का भी गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसने नाक के जरिये दवा डाल ली थी जिससे रियेक्षन हुआ और उन्हें महेंद्रगढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।
प्रशिक्षण को लेकर आयोजित की बैठक
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कनीना। भारतीय जनता पार्टी के कनीना मंडल की बैठक नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना में सोमवार को आयोजित की गई। मीटिंग की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने की। बैठक में मुन्नी लाल शर्मा विशेष रूप से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रशिक्षण स्थान आरस वाटिका कनीना रहेगा।
मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीति और नीति से अवगत कराने के लिए मंडल स्तर पर 5 व 6 जनवरी को प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगी। मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने कहा कि भाजपा प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए सभी संगठनात्मक मंडलों में प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगी। इसमें मंशा- पंचायत चुनाव में बड़ी जीत के लिए बूथ को मजबूत करना है। पार्टी के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा के नेतृत्व यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। अतर सिंह ने आगे कहा कि पार्टी में स्थापना काल से ही कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की परंपरा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व व कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक संगठन है। भाजपा में कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कार्य प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए जाते है। जिनके माध्यम से ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण होता है, जो समाज में अन्य दलों से अलग दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पार्टी द्वारा आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण वर्गों का ही परिणाम है कि कोविड-19 की वैश्विक आपदा के समय पार्टी कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठन को मूलमंत्र मानकर हर गरीब जरूरतमंद की मदद में आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह किए वगैर सेवा कार्यों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में राज्य सरकार गांव, गरीब, किसान, नौजवानों सहित सभी के हितों को ध्यान में रखकर लोक कल्याण के लिए कार्य कर रही है लेकिन विपक्षी दल साजिश व झूठ के सहारे जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे है। मंडल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इन प्रशिक्षण वर्गों से पार्टी कार्यकर्ता प्रशिक्षित होकर तर्क पूर्ण ढंग से विपक्षी दलों की साजिश को न सिर्फ नाकाम करेगें बल्कि जनता के बीच केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकारों की उपलब्धियों को बताते हुए पार्टी संगठन को मजबूत बनाने का काम करेगें। इस बैठक में जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश निशानियां, मंडल महामंत्री कृष्ण जांगड़ा, देशराज, उपाध्यक्ष वेद बोरा, कप्तान छितरौली, हरिराम मित्तल, कंवर सैन वशिष्ठ, ओम प्रकाश यादव, अरुणा, सरिता, राजकुमार भारद्वाज, मास्टर कृष्ण व दीपक कुमार वशिष्ठ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: भाजपा की कनीना में आयोजित बैठक
घर में घुस कर मारपीट करने तथा अपहरण करने के प्रयास का मामला दर्ज
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कनीना। घर में घुस कर मारपीट तथा अपहरण करने के प्रयास का मामला दर्ज हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मनोज कुमार निवासी प्राणपुरा हाल आबाद रामबास ने कनीना पुलिस को एक शिकायत देकर बताया कि चेलावास व उन्हाणी के कुछ लड़कों तथा 20-22 अन्य लड़कों ने उनके घर में रविवार शाम को घुसकर लाठी व डंडों मारपीट की तथा उनका अपहरण करने से का प्रयास किया गया। वही पुलिस ने व्यक्ति के बयान पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ करदी है। जांच के बाद ही हकीकत का पता चल पाएगा।
विभिन्न स्कूलों में छापामारी जारी
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कनीना। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न टीमें गठित कर निजी स्कूलों में छापेमारी की कार्रवाई जारी है। छोटे बच्चों को स्कूल में बुलाये जाने के मसले को लेकर यह कार्रवाई जारी है। खंड शिक्षा अधिकारी कनीना की एक टीम ने इसी कड़ी में रामचंद्र पब्लिक स्कूल कनीना में छापेमारी की किंतु यह सब कुछ व्यवस्थित पाया गया।
खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कनीना की टीम की टीम जिसमें प्राचार्या डा सुविरा यादव व एबीआरसी ओमरती ने आरसीएम स्कूल में निरीक्षण किया तो कक्षा नौवीं से ऊपर के बच्चे पढ़ते पाये गये। सभी बच्चे सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप मास्क पहने हुए थे तथा आवश्यक दूरी बनाए हुए थे ।
डा यादव ने बच्चों से बात की तथा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल में सरकार के आदेशों की अनुपालना सही ढंग से की जा रही है। प्राचार्य राकेश कौशिक ने बताया कि विद्यालय सरकार द्वारा जारी आदेशो की अक्षरस: अनुपालना करता है तथा सभी बसों , कक्षा - कक्षों तथा विद्यालय कैंपस को रोजाना दो बार सेनिटाइज किया जाता है तथा बच्चों व अध्यापकों का दिन में दो - तीन बार तापमान मापा जाता है । विद्यालय में दो सेनिटाइज मशीनें लगाई गई है ताकि सभी बार-बार स्वयं को सेनिटाइज कर सकें। साथ साथ सभी अभिभावकों से अपील भी की कि वे अपने घर पर भी इन सब की उचित पालना करें।
फोटो कैप्शन 5: आरसीएम स्कूल में छापेमारी में जांच करती बीइओ कार्यालय कनीना की टीम
विश्व कल्याण के लिए करवाया हवन यज्ञ
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कनीना। कनीना बार एसोसिएशन की तरफ से नए साल के पहले कार्य दिवस पर विश्व कल्याण के लिए वैदिक रीति से हवन यज्ञ किया गया। मुख्य अतिथि कनीना न्यायालय के न्यायाधीश सब डिवीजन मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन व प्रवीण कुमार रहे। यज्ञ का शुभारंभ पवित्र वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। इस दौरान मौजूद सभी अधिवक्ताओं की तरफ से हवन की पवित्र अग्नि में आहुतियां अर्पित की गई। हवन यज्ञ संपन्न होने के बाद सब डिवीजन मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने कहा कि हवन पद्धति हमारी पुरानी संस्कृति है। इससे वातावरण शुद्ध होता है। समय-समय पर हवन यज्ञ का आयोजन करते रहना चाहिए। सब डिवीजन मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार ने आमजन से अपील की कि कोरोना के चलते नियमों का पालन किया जाए। नववर्ष सभी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करें। बार प्रधान कुलदीप रामबास सब डिवीजन मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन व प्रवीण कुमार को विशेष रूप से धन्यवाद किया। प्रधान कुलदीप रामबास ने बताया कि नए साल के पहले कार्य दिवस पर कनीना बार एसोसिएशन के सदस्यों ने हवन यज्ञ में आहुति डालकर विश्व कल्याण की कामना की है। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश गुप्ता, गिरवर लाल कौशिक, रामनिवास शर्मा, सुभाष चंद शर्मा, राजेश कनीनवाल ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में यजमान की भूमिका अधिवक्ता जितेंद्र कुमार एवं अधिवक्ता मनोज कुमारी ने की। यजमान दंपति को बार एसोसिएशन कनीना की ओर से एक धार्मिक पुस्तक भेंट की गई।इस मौके पर सचिव अखिल अग्रवाल, निहाल सिंह खटाना, पूर्व प्रधान हरीश गाहडा, पवन गोमला, राजेंद्र करीरा, योगेश गुप्ता, देशबंधु यादव, संदीप सेहलंग, विचित्र, विक्रम यादव, सुनील रामबास, ओपी रामबास, कुलदीप कनीनवाल, विनोद कनीना व अभिषेक यादव सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे ।
फोटो कैप्शन 6: हवन के दौरान बार एसोसिएशन के सदस्य हवन में आहुति डालते हुए।
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तीसरे दिन भी हुई बूंदाबांदी
-लुक्का छिपी करता नजर आया सूर्य
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कनीना। कनीना क्षेत्र में तीसरे दिन भी मौसम फसल अनुकूल रहा। हल्की बूंदाबांदी हुई। अब तक 2 एमएम बारिश हुई है वहीं पाला नहीं जम रहा है। सोमवार को भी हालात रविवार जैसे ही रहे। किसान इस मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैं। हल्की बूंदाबांदी एवं सुबह ठंड और धुंध से फसल में आब आ गई है। अब बेहतर फसल होने के आसार बन गये हैं। 29 हजार हेक्टेयर पर सरसों फसल खड़ी है।
इस वक्त सरसों और गेहूं की प्रमुख रूप से दो फसलें खेतों में खड़ी हुई है। किसान राजेंद्र सिंह, महेश कुमार, देशपाल, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि मौसम फसल के अनुकूल बन गया है, बारिश होना फसल के लिए लाभप्रद होगा। लगातार तीन दिनों से जहां बूंदाबांदी और आसमान में बादल छाए हुए हैं वहीं फसल लहलहा रही है। पाला पडऩा बंद हो गया है। पल-पल मौसम बदल रहा है। सुबह जहां हल्की धुंध पड़ी फिर बादल छा गए। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी हुई किंतु अच्छी बारिश अभी तक सर्दियों के मौसम में नहीं हुई है। किसान अच्छी बारिश का अभी भी इंतजार कर रहे हैं।
इस वक्त होने वाली बारिश फसल के लिए लाभप्रद मानी जाती है। धरा पर दूर-दराज तक पीली सरसों नजर आती है। 16 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। उधर कृषि अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि बूंदाबांदी फसल के लिए अनुकूल है वहीं मौसम भी फसल के अनुकूल बन गया है। आगामी अच्छी पैदावार के संकेत हैं। किसान प्रसन्नचित नजर आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 2: बूंदाबांदी के बाद सब्जी के खेत में काम करता किसान।
ठंड के चलते बंदर हुए गायब
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कनीना। लंबे समय तक बंदरों से परेशान रहने वाले कस्बा कनीना वासियों को ठंड के समय थोड़ी राहत मिली है। जब से पाला जम रहा है, कड़ाके की ठंड पड़ रही है, बंदर गायब हो गए हैं। कनीना मंडी के शिव कुमार, रविंद्र बंसल, गणेश अग्रवाल ने कहा कि बंदरों से हर वर्ष लाखों रुपए की क्षति होती है। इससे बचने का एकमात्र उपाय उन्हें पकड़कर दूर छोडऩा है। नगरपालिका ने यह प्रयास भी किया था किंतु सफलता अस्थाई रही।
बंदर जहां पेड़ पौधों को पूर्ण रूप से क्षति पहुंचाते हैं वहीं पानी की टंकियों को भी क्षति पहुंचा रहे हैं। बंदरों के कारण कस्बा कनीना में आधा दर्जन लोग घायल भी हो चुके हैं वहीं कितने ही लोग परेशान है। बंदरों के कारण खिड़की दरवाजे बंद करके लोग बैठ जाते हैं ताकि बंदरों से बचा जा सके।
क्योंकि सर्दी अधिक होने से बंदरों को भी ठंड लगती है इसलिए बंदर अचानक गायब हो गए हैं। कभी इक्का-दुक्का बंदर जरूर नजर आता है किंतु वह भी सुस्त महसूस नजर आता है। ऐसे में क्षेत्रवासियों ने बंदरों से राहत मिली है। कुलदीप कुमार, रवि कुमार, महिपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि ने बताया कि जिन बंदरों से कनीनावासी अनहक परेशान थे वे सर्दियों में नहीं दिखाई देते। उन्हें खुशी जताई कि बंदर कम से कम सर्दियों में तो उनका पीछा छोड़ दिया है। परंतु गर्मियां आते ही जल्दी सुबह और देर रात तक भारी नुकसान पहुंचाते हैं। नया गांव-बहाला में तो बंदर हजारों की संख्या में पाए जाते हैं जहां पेड़ों के ऊपर चोटी या तो है ही नहीं या छतरीनुमा बना डाले हैंं।
समाजसेवी एवं आरटीआई एक्सपर्ट शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने तो कई बार प्रशासन से आरटीआई द्वारा बंदरों को दूर छोडऩे की जानकारी हासिल की है किंतु बंदरों से प्रशासन ने कोई विशेष राहत नहीं दी लेकिन ठंड ने थोड़ी थोड़े समय के लिए राहत जरूर दे दी है।
लक्की सिगड़ा के घर आई नन्ही परी
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कनीना। बीएमडी क्लब अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी, पर्यावरणविद लक्की सीगड़ा के घर एक नन्ही परी ने जन्म लिया है। उनकी पत्नी पिंकी यादव प्रमुख परामर्शदाता है। दोनों के यह पहली संतान हुई है। विराट अस्पताल रेवाड़ी में दोनों जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं। दोनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बच्ची के जन्म पर लक्की सिगड़ा ने खुशी जताई कि उनके घर एक बच्ची ने जन्म लिया है। लड़की- लड़को से किसी प्रकार का नहीं होती हैं।
बेरी के बाग एवं बेरी के पौधे दिये उखाड़
-किसी जमाने में बेर के लिए प्रसिद्ध था कनीना
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कनीना। बुजुर्गों के वक्त एक कहावत कनीना पर लागू की जाती थी--रेवाड़ी की रेवड़ी, कनीना के बेर। जल्दी से खा लो करना नहीं देर। आज कनीना के लोग ही बेर खरीदकर लाते हैं। बाग एवं बेरी के पौधे किसान काट देते हें। पेट भरने के लिए बाग उजाड़ दिये गये वहीं गेहूं एवं सरसों में बेरी का पौधा कई रोगों का सहायक बनता है।
गरीबों के सेव गरीब लोगों के लिए बेहतर आय का स्रोत बन गए हैं। चार माह तक ये बाजार में उपलब्ध होते हैं। कनीना क्षेत्र में रेहडिय़ों पर भारी मात्रा में बेर उपलब्ध हैं। बेर जैसे रसीले फल गरीबों के सेव कहलाते हैं। बेर नामक वो फल हैं जिसका स्वाद तो भगवान् श्रीराम ने भी भीलनी के हाथों से लिया था। बेरों का ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर उपभोग किया जाता है यहां तक कि अधिक मात्रा में उत्पन्न बेरों को सूखा लिया जाता हैं और वर्ष भर खाया जाता है। बेरों के गुणों की जानकारी देते हुए विभिन्न लोगों से चर्चा हुई।
श्रीकिशन वैद्य का कहना है कि गरीब जन जो महंगे दामों पर सेव नहीं खरीद सकते हैं वे अपने बेर खाकर विटामिन सी की आपूर्ति कर लेते हैं। बेरों के दो रूप होते हैं जिनमें से देशी नाम से जाना जाने वाला बेर अधिक मीठा एवं पौष्टिïक होता है जबकि हरे रंग का लंबा बेर कम पौष्टिïक एवं कम खनिज लवण प्रदान करने वाला होता है। बेर का व्यवसाय भी होने लगा है। बेर खाने से मुंह में दांतों की एक्सरसाइज होती है वहीं मसुड़े भी स्वस्थ रहते हैं। कनीना क्षेत्र कभी बेर के लिए प्रसिद्ध था जहां अनेक बाग होते थे अब वे अन्न पैदा करने के लिए काट डाले हैं।
कुलदीप बोहरा का कहना है कि सर्दी के मौसम में बेर को जमकर खाया जा सकता है जो लाभकारी साबित होता है। किसान के खेतों में दोनों ही प्रकार के बेर उगाए जाते हैं जो किसान के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकते हैं। शहरी किसान तो इन बेरों को बेचकर आय कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कनीना में बेरी के पौधे हर किसान के खेत में होते थे जिन पर मधुर फल लगते थे किंतु वे पौधे फसल पैदावार में घातक साबित हुये जिसके चलते बेरी बहुत कम रह गई। बकरी चराने वालों ने भी बकरी का प्रमुख चारा होने से काट डाले।
बागवानी विभाग बेरी के पौधे उगाने की किसानों को सलाह देता आ रहा है। वैसे भी भूमि बेर की काश्त के लिए लिए बेहतर होने के कारण बेरी उगाकर उनसे लाभ उठाने पर बल दे रहा है। किसान खेत में फसल भी ले सकते हैं और बेरी से बेर के फल भी ले सकते हैं। एक ओर जहां बेर की मांग बढ़ती ही जा रही है वहीं बच्चे एवं बूढ़े भी बेर को चाव से खाते हैं।
रोशन कुमार का कहना है कि ये फल बिना किसी अधिक मेहनत के खेतों में पैदा होते हैं। रबी फसल के साथ-साथ भी स्वयं पैदा हो जाते हैं। बड़े पेड़ों के भी लगते हैं तो झाडिय़ों के भी लगते हैं। झाड़ी के लगने के कारण इन्हें झाड़ीवाले बेर नाम से भी जाना जाता है। बागों में जो बेर लगते हैं उन्हें बागू बेर कहते हैं। कभी कनीना एवं आस पास झाड़ी भारी मात्रा में मिलती थी जो फसल पैदावार में घातक थी। टै्रक्टर एवं हल नहीं चल पाता था इसलिये उन्हें उखाड़ फेंका और कनीना एवं आस पास बेर खत्म होते जा रहे हैं।
कृषि विस्तार सलाहाकार डा देवराज का कहना है कि बेरी बागों के रूप में तो लाभप्रद है किंतु फसल के बीच खड़ी हो तो फसली रोग फैलाने में सहायक है। इसलिए इनको काट दिया और कनीना क्षेत्र से बेर लुप्तप्राय हैं। कुछ किसान जैसे महाबीर सिंह करीरा, अजय इसराणा,गजराज मोड़ी इन्हें उगा रहे हैं और पैदावार ले रहे हैं। अब तो कनीना के बेर लगभग खत्म हैं।
फोटो कैप्शन 7: बेर की एक फोटो।
साथ मेेंं डा देवराज यादव, रोशन , श्रीकिशन, कुलदीप बोहरा, देवराज।
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