अधिराज यादव को मिला सेना मेडल
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कनीना। मेजर अधिराज यादव को सेना मेडल मिलने पर कनीना में खुशी का माहौल है। उनका संबंध कनीना से है। कनीना में मंगलवार को लड्डू बाटें गये।
विस्तृत जानकारी देते हुए पार्षद मोहन कुमार का कहना है कि मेजर अधिराज को गणतंत्र दिवस पर सेना मैडल से सम्मानित किया गया। इस मौके पर नेता मेमोरियल क्लब कनीना मे एकत्रित होकर लड्डू बांटते हुए मेजर अधिराज के चाचा पार्षद मोहन सिंह ने कहा कि जिस तरह उनके दादा ने द्वितीय विश्व युद्ध में पराक्रम दिखाकर जंगी ईनाम और आइडीएसएम मैडल प्राप्त किया था। उसी तरह भतीजे ने भी सेना मैडल प्राप्त कर परिवार वह गांव का ही नहीं अपितु पूरे इलाके का नाम रोशन किया है । इस मौके विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष महेश बोहरा ने कहा कि मेजर अधिराज ने इतनी छोटी सी उम्र में सेना मेडल लेकर के गांव व इलाके के युवाओं में जोश भर दिया है युवा उनकी इस बहादुरी से प्रसन्न होकर सेना में जाने के लिए लालायित हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीना के आईडीएसएम मैडल प्राप्त भेरूं सिंह के परपौत्र व जगत सिंह के पोता, कर्नल राव महेंद्र सिंह के सुपुत्र मेजर अधिराज यादव हैं। इस मौके पर विजयपाल चेयरमैन, राजकुमार चेयरमैन, सुमेर चेयरमैन, धनपत साहब सूबेदार सुरेन्द्र सिंह,अशोक साहब, प्राध्यापक अश्वनी कुमार, कंवरसैन वशिष्ठ, ओमप्रकाश, सतबीर, राज सिंह, दलीप सैनी,अभिषेक भारद्वाज, शिव कुमार,सोनु सिंगला, बिजेंद्र यादव, गोविंद यादव, बीजेपी वरिष्ठ नेता देशराज, श्याम सुन्दर महाशय, हिमांशु, चंद्रमोहन कमलजीत,विकास, आशीष, यशराज , कृष , केशव, जतिन ,पृथ्वीराज सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने खुशी व्यक्त की है।
पालिका प्रधान हुये सम्मानित-
कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। उन्हें हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा, जिला उपायुक्त अजय कुमार, एसपी चंद्रमोहन के हाथों बेहतर सेवाएं देने के चलते सम्मानित किया गया है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में अधिराज को सेना मेडल मिलने पर कनीना खुशी जताते लोग।
प्राण न्योछावर करने वालों को कभी नहीं भुलाया जा सकता-पांवरिया
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कनीना। कनीना के राजकीय डिग्री कालेज में 72 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि तरुण कुमार पांवरिया डिप्टी सीइओ जिला परिषद ने मुख्यातिथि के तौर पर तिरंगा फहराया तथा परेड का निरीक्षण किया व मार्च पास्ट की सलामी ली। समारोह पर पहुंचने से पहले उन्होंंने नेताजी मेमारियल क्लब तथा शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों के साथ-साथ उन जांबाज सैनिकों को भी सलाम करता हूं जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता-अखंडता के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उन्होंंने कहा कि सन 1950 में आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। आज बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर समेत संविधान सभा के तमाम सदस्यों को नमन करने का दिन भी है।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व के साथ हमारे देशभक्तों के त्याग, तप और बलिदान की एक लंबी गौरवगाथा जुड़ी हुई है। देश को आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डा. भीमराव अंबेडकर जैसे अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ा संघर्ष किया। शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और उधम सिंह जैसे क्रांतिकारियों के बलिदानों के कारण ही आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
श्री पांवरिया ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हरियाणा का अहम योगदान रहा है। सन 1957 की क्रांति में राव तुलाराम ने नसीबपुर में अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया। झज्जर के नवाब अब्दुर्रहमान खान, बल्लबगढ़ के राजा नाहर सिंह तथा फर्रूखनगर के शासक अहमद अली को बिना सुनवाई के फांसी पर लटका दिया गया था। हरियाणा के लोग आज भी सेना में भर्ती होना अपनी शान समझते हैं। यही कारण है कि आज भारतीय सेना का हर दसवां जवान हरियाणा से है।
उन्होंंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले लगभग पौने सात सालों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिससे दुनिया भर में भारत का गौरव और प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 व धारा 35-ए को हटाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत के हमारे महापुरुषों के सपने को पूरा करने का काम किया है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की आधारशिला रखकर करोड़ों देशवासियों की आस्था को मजबूती देने का काम किया है।
डिप्टी सीइओ जिला परिषद ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और एक दौर तो ऐसा भी आया जब अपने-आपको महाशक्ति बताने वाले देश भी इसके सामने लाचार नजर आए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान व गतिशील नेतृत्व में भारत ने धैर्य और संयम से काम लिया और इस महामारी का डटकर मुकाबला किया। यही कारण है कि भारत में इसके संक्रमितों की मृत्यु-दर पश्चिमी देशों के मुकाबले बेहद कम रही। देश के असंख्य डॉक्टरों, नर्सों, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं आदि ने कोरोना योद्धा के रूप में मानवता की महान सेवा की है। अब चूंकि कोरोना की वैक्सीन आ गई है, इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही हम इस महामारी को हराने में कामयाब होंगे।
उन्होंने कहा कि हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों को कुछ सुविधाएं देकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं को 25 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेेसिया ग्रांट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशनों में बढ़ोतरी की गई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान वीरगति को प्राप्त होने वाले हरियाणा के शहीदों के 332 आश्रितों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
श्री पांवरियाने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओजस्वी नेतृत्व में मौजूदा सरकार सुशासन से सेवा का संकल्पÓ लेकर आई है। लेकिन जब तक सरकारी तंत्र में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं होगा तब तक सुशासन से सेवा का संकल्पÓ भी पूरा नहीं होगा। राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुरूप सबका साथ-सबका विकासÓ और हरियाणा एक-हरियाणवी एकÓ के मूलमंत्र पर चलते हुए पूरे हरियाणा और प्रत्येक हरियाणवी के विकास का बीड़ा उठाया है। पिछले सवा छहसालों में जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर काम किया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए पारदर्शी शासन दिया है।
उन्होंने कहा कि मानवीय दखल को कम करने के लिए सरकार ने ई-गवर्नेंस का रास्ता अपनाया है। आज प्रदेश में 41 विभागों की लगभग 550 सेवाएं और योजनाएं अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आई है, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है और लोगों को अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ घर बैठे मिलने लगा है। परिवहन विभाग में और अधिक पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन शुद्धि के तहत डीटीओ के पद सृजित किए गए हैं। चैकिंग के दौरान कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा बाडी कैमरे लगाने अनिवार्य किये गये हैं। खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए ई-रवाना स्कीमÓ लागू की गई है। इससेे कर-चोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। वर्ष 2020 को Óसुशासन संकल्प वर्षÓ के तौर पर मनाया गया। इस साल को सुशासन परिणाम वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
श्री पांवरिया ने कहा कि हरियाणा ऐसा राज्य है जहां देश में एमएसपी पर सबसे ज्यादा फसलों की खरीद की जाती है। किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। फसल की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौराÓ के नाम से ई-खरीद पोर्टल शुरू किया गया है। बागवानी फसलों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए भावांतर भरपाई स्कीमÓ लागू की गई है। प्राकृतिक आपदा के चलते होने वाले किसी तरह के नुकसान की भरपाई के लिए Óमुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजनाÓ शुरू की गई है। जल संरक्षण तथा मक्का व अरहर खेती के प्रोत्साहन के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालकों के लिए Óपशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजनाÓ शुरू की गई है। महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, Óआपकी बेटी-हमारी बेटीÓ, Óमहिला एवं किशोरी सम्मान योजनाÓ, और Óमुख्यमंत्री दूध उपहार योजनाÓ जैसी कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इसी तरह, 9वीं से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं के लिए शिक्षा संस्थानों तक सुरक्षित आवागमन के लिए Óछात्रा सुरक्षित परिवहनÓ योजना चलाई जा रही है।
इस मौके पर प्रतक जैन एसडीजेएम, प्रवीण कुमार जेएमआइसी, बीडीपीओ देशबंधु, नायब तहसीलदार सत्यपाल सिंह, पालिका उप प्रधान अशोक ठेकेदार, हितेष जेई,सत्यवान बीइओ, प्रो हरिओम भारद्वाज, अभयराम यादव प्राचार्य, पूर्व प्रधान मा दलीप सिंह, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, कृष्ण सिंह एएसआई, गोविंद सिंह एएसआई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
झांकियां-
गणतंत्र दिवस पर 3 विभागों की झांकियां प्रदर्शित की गई जिनमें कृषि विभाग, आंगनबाड़ी तथा आर्गेनिक खेती इसराना। तीलनों झांकिया अति मनमोहक थी।
कई टुकउिय़ों ने निकाला मार्च पास्ट-
परेड व मार्च पास्ट मेंं कई टुकडिय़ों ने भाग लिया जिनमें पुलिस, दौंगड़ा, कनीना स्कूल तथा कनीना कालेज प्रमुख हैं। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में आरआरसीएम, एसडी स्कूल कनीना, राजकीय माडल स्कूल कनीना, कनीना मंडी, कनीना कालेज के विद्यार्थी प्रमुख हैं। मार्च पास्ट में राजकीय कालेज कनीना, हरियाणा पुलिस तथा भोजावास सरकारी स्कूल ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में आरआरसीएम, एसडी स्कूल तथा आरसीएम क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। झांकियों में आंगनबाड़ी, कृषि विभाग तथा इसराना आर्गेनिक खेती क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। शहीद परिवारों को भी सम्मानित किया गया।
सम्मान-
विभिन्न क्षेत्रों मेंं श्रेष्ठïता अर्जित करने वाले 50 महानुभावों को किया सम्मानित मुख्यातिथि ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारी, विभिन्न सामाजिक संगठन तथा अन्य क्षेत्रों में श्रेष्ठïता अर्जित करने वाले नागरिक शामिल रहे।
लेखन एवं खिलाड़ी हुये मायूस-
गणतंत्र दिवस पर लेखन कार्य करने वाले तथा खिलाडिय़ों को कोई सम्मान न मिलने से मायूस हुये। कनीना क्षेत्र में राज्यपाल तक के सम्मानित लेखक हैं वहीं हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा भी सम्मानित साहित्यकार हैं वहीं खिलाडिय़ों की कमी नहीं हैं किंतु सभी मायूस लौटे।
फोटो कैप्शन 2: मुख्य इअतिथि को सम्मानित करते हुए जज प्रतीक जैन एवं प्रवीण कुमार।
3 झांकी निकालता कृषि विभाग कनीना
4: सांस्कृतिक कार्यक्रम की झलक
5 मार्च पास्ट निकालती पुलिस की टुकड़ी
विभिन्न संस्थाओं में मनाया गणतंत्र दिवस
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कनीना। कनीना क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं ने गणतंत्र दिवस मनाया। इस मौके पर डा बीआर अंबेडकर को याद किया।
कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य लाल सिंह ध्वज फहराया। इस मौके पर ईश्वर सिंह प्राध्यापक, महिपाल सिंह, ईश्वर सिंह, पंकज कुमार मुख्याध्यापक, महिपाल सिंह, उमेद कुमार, अमरजीत, कुलदीप कुमार उपस्थित थे।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कृष्ण कुमार प्राचार्य एवं छात्रा हंसु ने ध्वज फहराया। इस मौके पर राजेश कुमार, हंसराज, महिपाल सिंह, राजजबीर, संजय पीटीआई सहित समस्त स्टाफ हाजिर था।
एसडी स्कूल ककराला में 72वें गणतन्त्र दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इसी उपलक्ष्य में एस. डी. विद्यालय ककराला में भी 72 वें गणतन्त्र दिवस की बड़ी धूमधाम रही। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने राष्ट्रीय ध्वज को फहराया व सलामी दी। इसके बाद अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिससे पूरा वातावरण देश भक्ति के रंग में रंग गया। राजस्थानी नृत्य, हरियाणवी लोक नृत्य एवं पूलवामा घटना को विद्यार्थियों को इस प्रकार प्रस्तुत किया कि सभी दर्शक भाव विभोर हो गए। प्यारा तिरंगा, वतन मेरे आवाद रहे तुम व तेरी मिट्टी में मिलजावा जैसे गीतों ने सम्पूर्ण सभा का समा बांध दिया। विद्यालय प्राचार्य ने गणतन्त्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ हर वर्ष भारत इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। आज भारत एक सशक्त देश है। देश की सुरक्षा व रक्षा का दायित्व प्रत्येक नागरिक पर है। प्रत्येक नागरिक को सकारात्मक विचारों के साथ अपने कार्य को पूर्ण करना चाहिए जो देश को उन्नति के पथ पर बढ़ाता है। प्रत्येक नागरिक किसान, विद्यार्थी, अध्यापक, चिकित्सक, सैनिक आदि अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन कर देशभक्ति को निभा सकता है तथा देश के विकास में सहयोगी बनता है। वर्तमान समय में भारतीय जनता में सुनहरे भविष्य के प्रति आशाएँ व विश्वास बढ़ा है संपूर्ण विद्यालय स्टाफ व विद्यार्थियों ने 72 वें गणतंत्र दिवस पर एक दूसरे को बधाईयां दी। इस अवसर पर विद्यालय का सम्पूर्ण स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 9: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में तिरंगा फहराते हुये लाल सिंह प्राचार्य
10: एसडी स्कूल में ध्वज फहराते हुए जगदेव निदेशक।
दूर दराज तक विख्यात है कनीना का बाबा लालगिरी
लगा मेला तथा आयोजित हुई खेल प्रतियोगिताएं
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,कनीना। संत लालगिरी कनीना की 45वीं पुण्यतिथि श्रद्धा के साथ मनाई गई। कनीना के वो एक उन संतों में से थे जिनका अपने समय में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाते हुए देह अवसान किया। उनकी पुण्यतिथि पर विशाल मेला एवं खेल मेला एवं जागरण आयोजित किया गया। शमशानी बाबा के नाम से प्रसिद्ध रहे लालगिरी महाराज ने कई जगह तप किया और कनीना में समाधि स्थल पर देह अवसान किया था।
कनीना के सरकारी कालेज के पास ही शमशानघाट बना हुआ है जहां सालों से स्वर्गवासियों को मिट्टी दी जाती है। इसी शमशानघाट के पास विशाल क्षेत्र पर बाबा लालगिरी की कुटिया बनी हुई है। सरल एवं मृदु स्वभाव के बाबा लालगिरी कनीना के परम संत मोलडऩाथ के समकालीन थे। उन्हाणी गांव में लंबे समय तक तप करने के बाद ही कनीना में आए और उनके स्थल के आस पास शमशानघाट होने के कारण शमशानी बाबा कहलाए। कनीना में लंबे समय तक अपने तप एवं ज्ञान का आभास कराते हुए आखिरकार 1976 में ब्रह्मलीन हो गए। जिस जगह उनकी समाधि बनी हुई है वहीं पर उन्होंने देह का त्याग किया था और यहीं पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तभी से लेकर आज तक भक्त उनकी समाधि पर धोक लगाते आ रहे हैं।
जब से बाबा ने पोष माह की तेरस को 45 वर्ष पूर्व देह अवसान किया है तभी से भक्त उनकी याद में इस दिन विशाल भंडारा लगाया गया। हवन आयोजित किया गया। छह वर्षों से उनकी याद में मेला लग रहा है। दूर दराज से भक्तों ने आकर बाबा की समाधि पर धोक लगाई और प्रसाद वितरित ग्रहण किया। दिनभर भंडारा चला।
बाबा ने जहां देह अवसान किया वहां पर बाबा की मूर्ति विद्यमान की हुई है। पास में बाबा के काल का धूना बना हुआ है जहां साधु संत आकर विश्राम करते हैं। लालगिरी आश्रम में बहुत पुराना सती स्थल है। यहां एक बात प्रचलित है कि इस सती स्थल पर वो भक्त आते हैं जिनके मस्सा हो गया है।
फोटो कैप्शन 11: बाबा लालगिरी स्थल का नजारा।
12: लालगिरी आश्रम पर प्रसाद वितरण।
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