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Wednesday, January 13, 2021

 लोहड़ी पर्व मनाया
-दी लोहड़ी की बधाई
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कनीना। कनीना क्षेत्र में बुधवार लोहड़ी का पर्व मनाया गया। विभिन्न संस्थाओं, पंजाबी समुदाय के लोगों तथा सामान्य जनों ने भी लोहड़ी का पर्व मनाकर खुशी जताई।
  दिनभर लोहड़ी के पर्व पर रेवड़ी, मूंगफली तथा गजक बांटकर खाई गई तथा एक दूसरे को बधाई दी गई। वर्षों से यह पर्व संस्थाओं में भी मनाया जाने लगा है।
लोहड़ी के त्यौहार पर विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष महेश बोहरा ने कनीना मार्केट वालों के साथ लोहड़ी मनाई। महेश नागपाल विकी नागपाल को मार्केट वालों ने रेवड़ी मूंगफली बांटकर चलाकर लोहड़ी की बधाइयां दी। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता गोविंद यादव, जोगेंद्र खत्री, सोनू सिंगला, चंचल मेंदीरत्ता, देश बंधु गुप्ता, संजय सिंगला, बजरंग लाल, डॉ विनोद यादव, श्रीभगवान यादव आदि ने लोहड़ी के त्यौहार पर बधाइयां दी।
   इस पर्व से जुड़ी यादों के बारे में महेश बोहरा ने बताया कि पर्व लोहड़ी से पंजाब में दुल्ला भट्टी का नाम जुड़ा है। इनका जिक्र लोहड़ी से जुड़े हर गीत में भी किया जाता है।  मुगल काल में बादशाह अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक युवक पंजाब में रहता था।  एक बार कुछ अमीर व्यापारी कुछ समान के बदले इलाके की लड़कियों का सौदा कर रहे थे। तभी दुल्ला भट्टी ने वहां पहुंचकर लड़कियों को व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराया। और फिर इन लड़कियों की शादी हिन्दू लड़कों से करवाई। इस घटना के बाद से दुल्हा को भट्टी के नायक की उपाधि दी गई और हर बार लोहड़ी पर उसी की याद में कहानी सुनाई गई।
 लोहड़ी के दिन आग जलाने को लेकर माना जाता है कि यह अग्नि राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है। एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया और इसमें अपने दामाद शिव और पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया। इस बात से निराश होकर सती अपने पिता के पास आकर पूछा कि उन्हें और उनके पति को इस यज्ञ में निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया। इस बात पर अहंकारी राजा दक्ष ने सती और भगवान शिव की बहुत निंदा की। इससे सती बहुत आहत हुईं और क्रोधित होकर खूब रोईं। उनसे अपने पति का अपमान देखा नहीं गया और उन्होंने उसी यज्ञ में खुद को भस्म कर लिया। सती के मृत्यु का समाचार सुन खुद भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न कर उसके द्वारा यज्ञ का विध्वंस करा दिया। तब से माता सती की याद में लोहड़ी को आग जलाने की परंपरा है।
 लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है। इस त्योहार से कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि लोहड़ी पर अग्नि पूजन से दुर्भाग्य दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
फोटो कैप्शन 10 व 11: लोहड़ी पर्व मनाते हुए कनीना बाजार के युवा।




एसडी स्कूल की सन्जना एवं प्रिया रही लेखन में प्रथम
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कनीना। जिला कल्याण विभाग द्वारा एसडी विद्यालय ककराला में कू्ररता निवारण विषय पर निबन्ध लेखन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी दर्शकों एवं प्रतिभागियों के बीच सोशल डिस्टेन्सिग का पूरा ध्यान रखा गया। निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में सन्जना को प्रथम, पायल कुमारी को द्वितीय एवं मुस्कान को तीसरा स्थान मिला।
भाषण प्रतियोगिता में प्रिया को प्रथम अनुष्का को द्वितीय एवं नेहा को स्थान तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। निर्णायक मण्डल के रुप में योगेन्द्र, मीरा कुमारी, सुरेन्द्र, नरेन्द्र यादव एवं सुनील कुमार ने भूमिका निभाई। जिला कल्याण कार्यालय नारनौल से एआरओ धर्मेन्द्र, एसए यशवन्त, राजकुमार एवं कृष्ण द्वारा विजेता प्रतिभागियों को नकद राशि के रुप में प्रोत्साहन दिया गया। धर्मेन्द्र ने बताया कि अनुसुचित जाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के प्रति होने वाली पाश्विक कृत्य के प्रति जागरुकता के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाता है सभी प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थी जागरुक होगा तो ही सभ्य समाज का निर्माण सम्भव है।
विद्यालय प्रबन्धन द्वारा सभी अतिथियों को समृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, ओमप्रकाश यादव, सीईओ आर एस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, सुरेन्द्र कुमार चौहान, सुनील यादव, वालीबाल कोच प्रदीप एवं समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 13: अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते जगदेव एवं स्टाफ सदस्य।


दो दिवसीय खेलों का शुभारंभ यज्ञ द्वारा किया गया
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कनीना। खण्ड़ के गांव छितरोली में होने वाले दो दिवसीय खेलों की शुरूवात समस्त ग्राम वासियों द्वारा यज्ञ करके की गई।
 उपमंडल के गांव छितरोली में बुधवार से शुरू दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ बाबा धुनीगर मेला कमेटी व समस्त ग्राम वासियों ने यज्ञ के द्वारा किया गया। जिसमें समस्त ग्राम वासियों के अलावा बहार से आए खिलाडिय़ों ने भी भाग लिया। उन्होंने यह भी बताया कि इन दो दिवसीय खेल प्रतियोगता में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन बाबा धुनीगर मेला कमेटी व समस्त ग्राम वासियों द्वारा किया गया।
 इस अवसर पर बलवान सिंह आर्य ने यज्ञ पर आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस संसार में जब भी किसी राजा-महाराजा द्वारा कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो उसको यज्ञ द्वारा ही शुरू किया जाता है जिससे कि वह कार्य सुख और शांति से समपन्न हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि गांव छितरोली में पिछले सैकड़ो वर्षो से बाबा धुनीगर के पवित्र स्थान पर मेले का आयोजन शुरू हुआ था और यह कार्य आज तक हर वर्ष लगातार से हो रहा है।  
फोटो कैप्शन 12: खेलों के शुभारंभ पर यज्ञ करते हुए छीथरोली के लोग।


 ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कराने की कि मांग
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कनीना। सड़क कार्य को पूरा न करने को लेकर ग्राम वासियों में रोष है। गांव धनौंदा निवासी ठाकुर रत्तन सिंह तंवर, ठाकुर पुर्ण सिंह तंवर, पूर्व पंच सुनील कुमार, कालूराम हलवाई, डाक्टर मुकेश तंवर,  सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर वीर सिंह, डा फतेचन्द्र दायमा अन्य ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना से दादरी जाने वाली सड़क कार्य कागजों में तो पूरा हो चुका है और ठेकेदार उसकी पूरी पैमेंट भी ले चुका है लेकिन इसके बाद भी इस सड़क में धनौन्दा के पास जवाहरलाल नेहरू केनाल पर लगभग आधा किलोमीटर का टुकड़ा बीच में छोड़ देने के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसमें अब तक दर्जनों दुघर्टनाए होकर राहगीर अपने हाथ-पाव गंवा चुके हैं।
 पांच माह बीत चुके और प्रशासन ने ठेकेदार को उसकी पैमेंट भी कर दी जिसके बाद भी उक्त सड़क का कार्य बिच में छोड़ा हुआ है जिसके कारण इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई ठेकेदार व प्रशासन से वसूल की जाए।
फोटो कैप्शन 13: जर्जर मार्ग से गुजरता भारी वाहन।

आरओ जिला शिक्षा अधिकारी ने उद्घाटन
-अब मिलेगा भडफ़ के विद्यार्थियों को शुद्ध पीने का पानी
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 कनीना। राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़ में 45 हजार रुपये  की लागत से बड़े आरओ(विपरीत परासरण) का उद्घाटन जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव ने बुधवार को किया। आरओ की राशि लाली देवी सेवानिवृत्त पीटीआई तथा स्टाफ के सदस्यों द्वारा एकत्रित की गई थी।
इस अवसर पर सुनील दत्त यादव ने कहा वर्तमान समय में शुद्ध पानी एवं शुद्ध हवा दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। शुद्ध हवा पेड़ पौधे लगाने से उपलब्ध हो सकती है। जहां भी संभव हो अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि शुद्ध हवा प्राप्त हो सके वहीं शुद्ध जल पीना चाहिए। डाक्टरों के अनुसार कम से कम तो 2- 3 लीटर पानी प्रतिदिन जरूर पीना चाहिए। पानी पीने से हर प्रकार की बीमारी कमजोर पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि अक्सर पानी का कोई स्वाद नहीं होता फिर भी हम उसे मीठा और खारा पानी बोलते हैं। खारा पानी स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं होता लेकिन मीठा जल भी आजकल टीडीएस अधिक होने से अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए कम टीडीएस का साफ-सुथरा पानी यदि उपलब्ध हो जाए तो स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
 उन्होंने कहा विद्यालय एक ऐसी संस्थाएं होती है जहां विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है। यही कारण है पुराने समय से स्कूल में शुद्ध पानी और अधिक पेड़ पौधे लगाने की परंपरा चली आ रही है और इसी कड़ी में भडफ़ में आरओ स्थापित करवाया गया है। इसके लिए समस्त स्टाफ बधाई का पात्र है। इससे सभी विद्यार्थियों को शुद्ध जल पीने को मिलेगा वहीं उन्होंने गर्मियों में यह तोहफे के रूप में काम आएगा।
उन्होंने आरो का शुभारंभ अपने हाथों से किया। इस अवसर पर कार्यकारी खंड शिक्षा अधिकारी रह चुके अभय राम यादव, हेमसा प्रधान बाबूलाल, प्रदीप कुमार, प्राचार्य महेश शर्मा, लालाराम, फूलचंद यादव सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 8: आरओ का उद्घाटन करते हुए सुनील दत्त यादव डीइओ।


कहीं खुशी कहीं गम.......
कनीना में बनने वाले न्यायिक परिसर से खुशी, कुछ दुकानदारों का फूटा दर्द
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 कनीना। खुशी और गम सदा साथ साथ चलते आए हैं। यह कहावत कनीना में बनने वाले न्यायिक परिसर और प्रशासनिक भवन को लेकर देखने में मिल रही है। करीब 21 दुकानदारों को खोखे हटाने के नोटिस जारी हो चुके है जबकि पंचायत समिति द्वारा 154 दुकानदार बस स्टैंड के आसपास अपनी दुकानों में जमे हुए हैं। उनको भी अब डर लगने लगा है कि कहीं उनकी भी दुकानें तो नहीं हटाई जाएंगी। एक वर्ष पहले भी 154 दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए थे तत्पश्चात ये दुकानदार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। तत्पश्चात 1 वर्ष के बाद फिर से ये नोटिस 21 दुकानदारों को दिए गए हैं।
ऐसे ही पीडि़त रविंद्र, लाल सिंह, राम भगत, मनोज, जयवीर छितरोली, अशोक कुमार आदि ने बताया कि उनको पंचायत समिति द्वारा नोटिस जारी कर दिए गए हैं जिसमें स्पष्ट लिखा है है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार पंचायत समिति की कुल भूमि 54 कनाल 6 मरला है। जिस पर उपमंडल अधिकारी कार्यालय कनीना का परिसर बनाना स्वीकृत हो चुका है। पंचायत समिति कनीना ने अपनी कुल भूमि 54 कनाल 6 मरला उपमंडल अधिकारी नागरिक को निर्माण के लिए दे दी है इसलिए आदेश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर अंदर अपनी पंचायत समिति कनीना की दुकान/सेकेंड स्ट्रेक्चर/ खोखा को हटाना सुनिश्चित करें। यदि समय पर नहीं हटाया  जाता तो पंचायत समिति इनको हटवाएगी जिसके नुकसान के जिम्मेदार दुकानदार स्वयं होंगे।
इस प्रकार का नोटिस मिलते ही कुछ दुकानदारों के होश उड़ गए हैं। इधर-उधर हाथ पैर मार रहे हैं किंतु ने अब कोई चारा नजर नहीं आता। 1 साल पहले भी इसी प्रकार के नोटिस जारी किए गए थे किंतु तब उप मंडल अधिकारी कार्यालय फाइनल नहीं हो पाया था और अब लगभग फाइनल हो चुका है।
 यही नहीं कनीना में 3 साइट उच्च अधिकारियों द्वारा देखे गए हैं जिनमें अधिकारियों के आवास,  प्रशासनिक भवन तथा न्यायिक परिसर में तीनों बनाए जाने है। वर्तमान न्यायिक परिसर में न्यायिक परिसर किये जाने की संभावना सबसे प्रबल है। वही वर्तमान नगरपालिका के साथ पड़ी हुई खाली जगह पर भी यह संभावना जताई जा रही है। यहां तक कि कनीना के जर्जर पशु अस्पताल को बड़ी गौशाला के पास स्थानांतरित करके यहां भी कार्यालय निर्मित किए जा सकते हैं। वहीं कनीना का फुटबाल ग्राउंड भी खाली पड़ा हुआ है जहां ये आवास निर्मित किये जा सकते हैं।
क्या कहते हैं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी -
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी देशबंधु से बात हुई। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उन्होंने खोखे दे रखे थे,उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनकी संख्या करीब भी 21 हैं। ये केवल वही व्यक्ति है जिनको जगह नहीं दी थी अपितु खोखा रखने की अनुमति दी थी।
क्या कहते हैं कनीना पालिका प्रधान-
 कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार से इस संबंध में बात की उन्होंने कहा कि दुकानों का मसला पंचायत समिति का है किंतु यदि ये दुकानदार प्रभावित होते हैं और उनके खोखे/ दुकानें हटाई जाती है तो नगरपालिका की पूरी सहानुभूति उनके साथ होगी और कहीं भी कंपलेक्स बनाकर उनको दुकानें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नगर पालिका खुद चाहती है कि यदि कोई इस प्रकार से न्यायिक परिसर निर्माण में दुकानदार प्रभावित होता है तो उसकी रोटी रोजी को बरकरार रखने का प्रयास किया जाए।
फोटो कैप्शन 9: दुकानदारों को दिए गए नोटिस।

भारी मात्रा में मकर संक्रांति का सामान उपलब्ध
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 कनीना।  कनीना बाजार में मकर संक्रांति के दृष्टिगत भारी मात्रा में मूंगफली एवं गजक आई हुई है। ठेलों पर, सब्जी की दुकानों पर परचून की दुकानों पर हर जगह ये खाद्य पदार्थ नजर आते हैं। दाल एवं गुड़ की बिक्री भी बढ़ गई है। चूरमा और दाल बना कर खाने का की परंपरा है।


मकर संक्रांति का पर्व मनाया
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 कनीना। कनीना में विभिन्न संस्थानों में मकर संक्रांति का पर्व पूर्व संध्या पर विभिन्न कायक्रम हुए।
 सरस्वती विद्यालय भडफ़ में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर विद्यार्थियों को गजक मूंगफली वितरित किए और उन्हें मकर संक्रांति के साथ-साथ गजक और मूंगफली के सेहत के लिए लाभ बताये।
 इस अवसर पर चेयरमैन रमेश कुमार भारद्वाज ने बताया कि लोग इस पर्व पर पतंगबाजी करते परंतु यहां पतंगबाजी नहीं चलता। यह दान दक्षिणा का पर्व है। उन्होंने विद्यार्थियों को गुड़ की बनी हुई रेवड़ी, गजक तथा मूंगफली को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बताया। उन्होंने कहा कि सर्दियों में जहां ठंड अधिक लगती है लेकिन इनके चलते ये पदार्थ शरीर में गर्मी पैदा करते हैं।
 उन्होंने ने उत्तरायण पर्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इस पर्व पर पुराने समय से महत्व है क्योंकि कर्क और मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता है इसलिए इन राशियों का विशेष महत्व है। इस दिन बे बाद दिन बड़े और रातें छोटी होने लग जाती है। उन्होंने पवित्र नदियों पर स्नान करने, उपासना करने, सूर्य पूजा करने आदि का महत्व विस्तार से बताया। इस मौके पर प्राचार्य मनोज कुमार,निदेशक गजराज सिंह, राकेश कुमार सहित समस्त स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 7: मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर मूंगफली एवं गजक बेचते रमेश भारद्वाज, राकेश कुमार गाहड़ा आदि।




नवोदय में नौवीं की प्रवेश परीक्षा अब 24 फरवरी को
-13 फरवरी को होनी थी यह परीक्षा
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 कनीना। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा 24 फरवरी को आयोजित होगी। अब तक 13 फरवरी को यह परीक्षा निश्चित की हुई थी।
प्राचार्य सुरेश कुमार जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा ने बताया कि वर्ष 21-22 के लिए कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु 23 खाली सीटें हैं जिन पर 271 आवेदन प्राप्त हुए हैं। 13 फरवरी 2021 को इनकी प्रवेश परीक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में सुनिश्चित की गई थी किंतु अपरिहार्य कारणों से 24 फरवरी 2021 को होगी।




किसानों














का पीछा नहीं छोड़ रहा पाले का भूत
- विगत वर्ष 10 फरवरी का है अब तक का सबसे अधिक पाला
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 कनीना। पाले का भूत किसानों के पीछे पड़ गया है। प्रतिदिन अधिक पाला पड़ता जा रहा है। 18 दिसंबर से सिलसिला शुरू हुआ था रुक-रुक बीच-बीच में पाला पड़ रहा है। विगत तीन दिनों से पाला पडऩे की घटना घट रही है। कहने को तो बसंत पंचमी 16 फरवरी की है किंतु अभी से ही सरसों के फूल पूरे यौवन पर है तथा फलियां आ रही है। ऐसे में पाले का नुकसान फलियों में बनने वाले बीज पर पड़ सकता है।
 किसान गुरुवार को इससे भी अधिक पाला पडऩे की संभावना जता रहे हैं। चूंकि बुधवार को सुबह से ही धूप खिल रही है। मोड़ी के अग्रणी किसान गजराज सिंह, अजय सिंह, सतीश कुमार, कांता आदि ने बताया कि उनके गांव मोड़ी में भारी पाला पड़ा है। उन्होंने बताया कि विगत 10 फरवरी को तथा 2 वर्ष पहले भी 10 फरवरी के आसपास सबसे ज्यादा पाला पड़ा था। महावीर सिंह करीरा, महिपाल सिंह करीरा ने बताया कि उनके यहां भारी मात्रा में पाला पड़ा है। इसराणा गांव के किसान अजय सिंह ने बताया कि उनके यहां भारी पाला पड़ा है। उधर कनीना में अजीत और सूबे सिंह ने बताया कि अब तो पाला उनकी फसल के लिए आफत बन गया है जो नुकसान पहुंचा सकता है। पाला दिनों दिन बढ़ रहा है।
 क्या कहते किसान-
अमर सिंह, महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, देशराज, कुलदीप सिंह आदि किसानों का कहना है कि अब पाले का नुकसान निश्चित है। उनका कहना है कि जिस दिन धूप निकलती है उससे अगले दिन पाला अधिक पड़ता है। बुधवार को सुबह से ही धूप चमकी है जिसके चलते गुरुवार को अधिक पाला पडऩे की संभावना जताई जा रही है।
भारी नुकसान हुआ सब्जी को -
जिन किसानों ने सब्जी की फसल उगा रखी थी उनके यहां भारी नुकसान हो चुका है। टिंडा, टमाटर बैंगन आदि की फसल चौपट कर दी है। किसानों को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। सब्जी उत्पादक किसानों ने इस बार भारी नुकसान पाले का झेला है। करीब 200 हेक्टेयर पर कनीना क्षेत्र में सब्जी उगाई गई है। किसानों को सब्जी से बड़ी आशा थी किंतु उनकी मेहनत मिट्टी में मिल गई है। नेट हाउस, पोली हाउस द्वारा तो सब्जी को बचाया गया है किंतु खुले में सब्जी उगाने वाले इस बार पछता रहे हैं।
सब्जी उगाने वाले किसानों महाबीर,अजय, कुलदीप, आशा आदि ने बताया कि उनकी सब्जी को तहस-नहस कर दिया है और पाला अभी पड़ता ही जा रहा है जिसके चलते भविष्य में पैदा होने वाली कुछ सब्जी के बारे में भी अनिश्चितता बन गई है।
इतने लंबे समय तक पाला पडऩा कई वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है। किसान कहते हैं कि यदि पाला यूं ही पड़ता रहा तो उनकी सरसों की फसल को अधिक नुकसान होगा। क्योंकि गेहूं अभी बहुत छोटा है इसलिए उनकी फसलों को कोई नुकसान होने की संभावना नहीं जताई जा रही है। यद्यपि इन फसलों को सर्दी की अधिक जरूरत है। कड़ाके की ठंड पडऩे के साथ-साथ पाला पडऩा नुकसानदायक साबित हो सकता है।
क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ -
कृषि विशेषज्ञ डा देवेंद्र कुमार, डा देवराज आदि का कहना है कि अभी तो फसलों में बहुत कम नुकसान होने की संभावना है। सरसों में फलियों में बीज बनने लगेगा तब तो उन पर पाले का नुकसान हो सकता है। पाले के कारण किसानों की चिंता बढऩा स्वाभाविक है किंतु प्रकृति के सामने कुछ भी नही कर सकते हैं।
 कहां कहां देखा जा सकता है पाला -
पाला यूं तो फव्वारा पाइप, सब्जी और पौधों के पत्तों पर देखा जा सकता है किंतु सुबह सवेरे अधिक मात्रा में देखने को मिलता है ।जहां कड़वी की अवशेष पड़े हैं वहां पर बहुत अधिक मात्रा में तथा कुरडिय़ों पर सफेद चादर के रूप में पाला सुबह सवेरे देखने को मिलता है। इसी से किसान अपनी ठंड का अनुमान लगाते हैं यदि पाला अधिक पड़ रहा है तो इसका मतलब ठंड भी अधिक पड़ रही है। कनीना क्षेत्र में करीब 31000 हेक्टेयर पर विभिन्न फसलें उगाई गई हैं।
पाला के कितना नुकसान हो पाता है या  नहीं होता भविष्य तय करेगा।

फोटो कैप्शन 2 से 6: पाला फसल तथा सब्जी के पत्तों पर।

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