अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में अमीश ने पाया हरियाणा में तीसरा स्थान
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कनीना। भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता का परिणाम घोषित कर दिया गया है जिसमें पिता और पुत्र ने हरियाणा में तीसरा स्थान प्राप्त किया जबकि पुत्र ने अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया है।
मिली जानकारी अनुसार कनीना निवासी अमीश कुमार यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़ का विद्यार्थी है तथा अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया था जो स्वामी विवेकानंद पर आयोजित की गई थी। जिसका परिणाम हाल ही में परिणाम घोषित हुआ है। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान तथा हरियाणा स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। उनके पिता एचएस यादव को भी तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
इस प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी देते हुए कंवरसैन वशिष्ठ भारत विकास परिषद के कनीना प्रधान ने बताया कि प्रतियोगिता तीन भागों में बांटी गई थी। छठी से आठवीं, नौवीं से बारहवीं तथा 12वीं से बड़ी कक्षाओं की यह प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें अमीश कुमार ने कक्षा 10वीं-12वीं स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया था। उधर उनके पिता एचएस यादव ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था क्योंकि वे पीएचडी स्कालर के विद्यार्थी है। ऐसे में उनका हरियाणा में तीसरा स्थान रहा है क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: अमीश कुमार।
घर से भागी दो बच्चियों ने बनाई अपहरण की मनगढ़ंत कहानी
-पुलिस ने उनके अभिभावकों तक पहुंचाया
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कनीना। रविवार शाम करीब 6 बजे कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा से दो नाबालिग बच्चियां परिवार के डर के मारे कनीना पहुंची तथा भारत विकास परिषद के प्रधान कंवर सैन वशिष्ठ ने उन्हें चौकी पहुंचाया। सभी उनकी मनगढ़ंत अपहरण की कहानी से चौक पड़े।
कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि वो प्रतिदिन पुलिस चौकी स्थित व्यायामशाला में एक्सरसाइज करने जाते हें। रविवार को शाम 6 बजे वहां दो बच्चियां एक्सरसाइज करने वाले यंत्रों पर झूल रही थी। कंवरसेन वशिष्ठ ने उनसे पूछा कि तुम कौन हो और कहां से हो तो उन्होंने बताया कि वे अपहरण से छूटकर आई हैं। हम स्कूल से जब घर की ओर आ रही थी तो हमारा अपहरण कर लिया गया था। जैसे तैसे छुड़ाकर आयी हैं।
जब कंवरसेन ने उनकी सारी जानकारी हासिल की तो उन्होंने बताया कि हम स्कूल से जब आ रही थी तो एक महिला और पुरुष ने हमें पकड़कर गाड़ी में डाल दिया और वे हम दोनों को घर ले गए। हमारे हाथ और पैर बांध दिए गए। जब महिला और पुरुष बातों में लग गये तो हम एक दूसरे का हाथ खोल कर भागने में कामयाब हुए और हम सीधे यहां पहुंच गए। तभी कंवर सैन वशिष्ट उनको चौकी इंचार्ज गोविंद सिंह एसआई के पास ले गया। एएसआई ने तुरंत घटना को भाप लिया और दोनों को अलग-अलग करके पूछताछ की तो बताया कि दोनों परिवार से डर के मारे भागकर आई हैं और कुछ पैसे भी घर से लेकर आ गई। बस से कनीना पहुंची और व्यायामशाला तक पहुंच गई। सारी घटना की हकीकत जान चौकी इंचार्ज ने उनके परिजनों को कनीना चौकी में बुलाया और उनके सुपुर्द किया। एक और जहां दोनों की बातें सुनकर सभी अचरज में है वही पांचवी और छठी कक्षा में पढऩे वाली की बातें सुनकर कंवर सैन वशिष्ठ भी घटना को सच्चाई मान उन्हें चौकी तक ले गये। लेकिन कुल मिलाकर दोनों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया है।
सेहलंग क्षेत्र में पिलाई 2264 बच्चों को खुराक
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कनीना। पल्स पोलियो अभियान के तहत सेहलंग सामुदायिक स्वासथ्य केंद्र के तहत 2264 बच्चों को खुराक पिलाई गई है।
सीएचसी सेहलंग के हेल्थ इंस्पेक्टर राजेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएचसी सेहलंग में कुल 26 बूथ बनाए गए थे जिसमें एक मोबाइल वैन का भी प्रयोग किया गया था। इन 26 बूथों पर 104 एएनम आशा वर्कर आंगनवाड़ी वर्कर की ड्यूटी लगाई गई थी। इन सभी 26 बूथों को मानिटरिंग करने के लिए 5 सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगाई गई थी। सीएचसी सेहलंग में 3284 बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें केवल 2264 बच्चों को ही खुराक पिला पाए।
शहीद कन्हीराम स्टेडियम को पूरा किए जाने की मांग
-शहीद के पुत्र ने भेजा उच्चाधिकारियों को ज्ञापन
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया स्थित राव कन्हीराम स्टेडियम को अविलंब पूरा किए जाने की मांग उठने लगी है। वर्ष 2002 में सांसद कोटे से राशि मंजूर हुई थी जिसके चलते स्वतंत्रता सेनानी की याद में स्टेडियम निर्मित कर दिया लेकिन अभी भी चारदीवारी नहीं बनी है, न ही सड़क मार्ग बना है और सम्मानपट्ट अधूरा पड़ा है।
स्वतंत्र सेनानी राव कन्हीराम के पुत्र देशराज कोटिया ने बताया कि 2002 में स्टेडियम के लिए सांसद कोटे से राशि मंजूर हुई थी जिसके चलते लाइब्रेरी हाल बनाया गया है वहीं स्टेडियम का निर्माण किया गया है। लाइब्रेरी भी अधूरा पड़ी थी जिसको कोटिया की पंचायत ने पूर्ण करवाया है। स्टेडियम की चारदीवारी नहीं बनी है जबकि स्टेडियम में बालीबाल, बास्केटबाल के पोल लगे है, दौडऩे वालों के लिए ट्रेक बना हुआ है। ऐसे में उन्होंने चारदीवारी बनाने की मांग की है वहीं स्कूल गेट से स्टेडियम तक का करीब 250 फुट का लिंक मार्ग भी पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सम्मान पट्ट भी अभी अधूरा पड़ा है। जिसे अविलंब पूरा किया जाए। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में एक ज्ञापन भेजा है।
देशराज कोटिया ने बताया कि शहीद कन्हीराम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत थे। ऐसे में उनसे प्रेरणा लेने के लिए स्टेडियम की चारदीवारी पूर्ण करवाना, लिंक मार्ग बनाना तथा समानपट्ट करना बहुत जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी स्टेडियम में आकर खेल खेलेंगे वहीं उनसे प्रेरणा भी लेंगे।
फोटो कैप्शन 13: राव कन्हीराम स्टेडियम
14: अधूरा पड़ा सम्मान पट्ट।
69 बूथों पर पिलाई 6812 बच्चों को पोलियो की खुराक
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कनीना। कनीना क्षेत्र में पल्स पोलियो की खुराक पिलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। लगातार तीन दिन यह कार्यक्रम चलेगा। बूथ स्तर पर रविवार को जीरो से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। कायक्रम का शुभारंभ एसएमओ डा धर्मेंद्र ने किया।
इस मौके पर विस्तृत जानकारी देते हुए सुपरवाइजर शीशराम ने बताया कि कनीना उप-उप नागरिक अस्पताल के तहत भोजावास तथा मुंडियाखेड़ा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी शामिल हैं। कनीना में 27 बूथ बनाए गए थे जिनमें एक मोबाइल टीम लगाई गई थी। 27 बूथों पर 2656 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जबकि भोजावास में 23 बूथ बनाए गए थे जिन पर 1637 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई। वहीं मुंडिया खेड़ा में 15 बूथ बनाए गए थे जिन पर 1506 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। सेहलंग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत भी विभिन्न गांवों में बूथ स्तर पर दवा पिलाई गई। इस मौके पर कनीना क्षेत्र में जहां मोबाइल टीमें का नेतृत्व सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू कर रहे थे। उनके साथ कविता कुमारी सुपरवाइजर ने भी अहं भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि रविवार को पल्स पोलियो का शुभारंभ किया गया है जबकि 1 फरवरी और 2 फरवरी को घर-घर जाकर पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। उन्होंने बताया की एक बूथ सलम एरिया के लिए भी गठित किया गया था जहां पर भी बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाई गई है।
फोटो कैप्शन 9: डा धर्मेंद्र एसएमओ पल्स पोलियो का शुभारंभ करते हुए
10: सलम एरिया में पल्स पोलियो की खुराक पिलाते हुए।
गैस पर आधारित शवदाह गृह मशीन दो सालों से खा रही है जंग
-नगरपालिका ने कंपनी पर डाला केस
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कनीना। कनीना के राजकीय कालेज के पास शमशान घाट पर पूर्व एसडीएम संदीप सिंह द्वारा करीब 16 लाख रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह बनवाकर मशीन तो स्थापित करवा दी गई थी किंतु दो वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है जबकि इसके लिए बिजली कनेक्षन तथा गैस सिलेंडर की आपूर्ति हो चुकी है। अब नगरपालिका ने परेशान होकर कंपनी पर ही केस डाल दिया है।
मिली जानकारी अनुसार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से करीब 16 लाख रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह मशीन को चार साल पूर्व मंगवाया था। शमशान घाट पर इसे स्थापित कर बिजली कनेक्शन और 6 सिलेंडरों की व्यवस्था भी कर दी किंतु कंपनी द्वारा डेमो न दिये जाने के चलते मशीन जग खा रही है। इसी को लेकर विगत दिनों भारत विकास परिषद भी उच्चाधिकारियों से मिली थी।
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि शवदाह गृह गैस पर आधारित है जिसके लिए छह गैस सिलेंडरों की जरूरत थी जो आपूर्ति हो चुकी है वहीं बिजली कनेक्शन भी मिल चुका है। गोरखपुर से यह मशीन मंगवा कर स्थापित की गई थी ताकि सबको एक गैस सिलेंडर में ही अंतिम संस्कार किया जा सके। इससे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगेगी वहीं पेड़ों की कटाई भी रुकेगी।
उधर नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने मशीन को कंपनी ने अभी तक हैंड ओवर नहीं किया है वहीं कंपनी के करीब छह लाख रुपये बाकी हैं। बार बार नोटिस दिया जा चुका है किंतु इसे हैंड ओवर करने का काम पूरा नहीं किया गया है जिसके चलते उन्होंने कंपनी पर केस डलवा दिया है। कंपनी को यह मशीन शुरू करनी ही होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व एसडीएम संदीप सिंह के वक्त यह मशीन स्थापित करवाई थी। चार साल बीत जाने पर भी मशीन शुरू नहीं हो पाई है।
फोटो कैप्शन 11: गैस आधारित शवदाह गृह मशीन।
सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व-गणेश चतुर्थी मनाया गया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का व्रत पर्व मनाया गया। इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि माघ माह की कृष्ण चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में संकटहरण चतुर्थी, तिल कुटनी तथा गणेश चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। सर्दी के माह में आने वाले इस पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत पति, पुत्र की मंगलकामना, धन एवं धान्य के लिए किया जाता है।
इस पर्व पर दिनभर तिलों को कुटकर तथा चासनी में डालकर बनाई गई विशेष प्रकार का केक खाया गया। इसलिए इसे तिल कुटनी का व्रत भी कहते हैं। यह व्रत विवाहित एवं अविवाहित दोनों ने ही किया। महिला आशा, शकुंतला, नीलम आदि ने बताया कि अविवाहित महिलाएं अपने सुपति की कामना से तो विवाहित महिलाएं अपने पुत्र, भाई एवं पति की मंगलकामना के लिए व्रत किया। महिलाएं चांद जैसी शीतलता एवं चमक अपने इष्टïदेव में देखना चाहती हैं। दिनभर श्रीगणेश की पूजा की तथा दान दक्षिणा दी गई। महिलाओं ने कार्तिकेय और गणेशजी की कहानी सुनी। यह पर्व शिव परिवार को समर्पित रहा।
मार्च 2020 के बाद फिर से एक फरवरी को विद्यार्थी पहुंचेंगे स्कूल में
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कनीना। वर्ष 2020 में 23 मार्च को जहां कोरोना के चलते स्कूल बंद कर दिए गए थे वे एक फरवरी से फिर से लगने जा रहे हैं। कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं करीब 11 महीने बंद रह चुके हैं। परंतु शिक्षा विभाग द्वारा एक फरवरी से घोषित सेट नामक आनलाइन परीक्षा एक बार फिर से किसान आंदोलन की भेंट चढ़ गई है। अभी एक से पांच तक की कक्षाएं स्कूलों में बुलाने के आदेश जारी नहीं हुये हैं।
प्राचार्य अभयराम यादव ने बताया कि 1 फरवरी से कक्षा छह से आठ तक विधिवत रूप से 3 घंटों के लिए स्कूल खुल गए हैं जिसमें बिना वर्दी के विद्यार्थी आ सकेेंगे और उन्हें पका पकाया कोई भोजन नहीं दिया जाएगा और एसओपी के नियमों का पालन किया जाएगा किंतु अवसर एप पर होने जा रही परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं।
मिली जानकारी अनुसार किसानों का दिल्ली में आंदोलन चल रहा है जिसके चलते कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इंटरनेट सेवा बंद होने से अब यह परीक्षा संभव नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि अब नए शेड्यूल के अनुसार भविष्य में सेट की परीक्षा होगी। पहली बार शिक्षा विभाग अवसर नामक एप पर यह परीक्षा आयोजित करने जा रहा था और उसमें यह किसान आंदोलन अब आड़े आ गया है। ऐसे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि कब तक यह परीक्षा स्थगित करनी पड़ सकती है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी आदेशों तक यह परीक्षा स्थगित रहेगी जिस के संबंध में शिक्षा विभाग ने गत दिनों पत्र भी जारी कर दिया है। ऐसे में विद्यार्थी स्कूल में आएंगे लेकिन शिक्षा ग्रहण करने के लिए ही आएंगे। उधर स्कूलों को विधिवत रूप से कक्षाएं बिठाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। विद्यालयों को सैनिटाइज किया जा रहा है ताकि कक्षाएं लगाई जा सके। उधर विद्यार्थियों को सख्त आदेश दिया जा रहा है कि बीमार हालात में स्कूल में नहीं आए तथा अभिभावकों से स्कूल जाने का अनुमति पत्र तथा शिक्षा केंद्र से स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र साथ लेकर आए। यही नहीं विद्यालयों में भी पहुंचने पर उनका ताप आदि का ब्यौरा रिकार्ड किया जाएगा ताकि कोरोना रोग से हराया जा सके। अभी तक कोरोना के केस कम पड़ गए परंतु सरकार एवं शिक्षा विभाग बड़ी सावधानी बरत रही है जिसकी लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
उधर शिक्षकों से इस संबंध में बात की गई तो महिपाल सिंह, लक्ष्मी देवी, राजेश कुमार आदि ने बताया कि यह कदम सही समय पर उठाया है जो सराहनीय है। वे इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
विद्याथी, राजकपूर, दिनेश, सरेखा, राकेश आदि से बात की तो उन्होंने खुशी जताई कि सरकार ने स्कूल खोले दिये हैं। वे घर बैठे बैठे मोबाइल पर काम करते हुये परेशान हो चुके थे। अब स्कूल जाकर गुरुओं से ज्ञान प्राप्त करेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के निमित्त संपर्क एवं निधि संग्रह अभियान शुरू
-वाल्मीकि धर्मशाला में हवन करके शुभारंभ किया
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कनीना। कनीना के महर्षि भगवान वाल्मीकि मंदिर में वाल्मीकि बस्ती के लोगों के साथ आर्य समाज कनीना ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के निमित्त संपर्क एवं निधि संग्रह अभियान के लिए हवन करके शुभारंभ किया। इस हवन का मुख्य उद्देश्य श्रीराम मंदिर के लिए सामाजिक समरसता और सभी लोगों के सहयोग की अपेक्षा रहा।
हवन में दो यजमान बैठे, दोनों जोड़े बाल्मीकि बस्ती से रह। इस हवन के माध्यम से गांव के प्रबुद्ध जनों ने एक सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए निधि संग्रह अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग मंत्री सुरेंद्र सिंह कनीना, खंड के संयोजक शिव कुमार, सह संयोजक दिलावर,आर्य समाज के प्रधान मोहर सिंह, मनफूल, ओम प्रकाश, जगदीश आचार्य विष्णु, सुनील, संदीप राठी, यादराम, जितेंद्र, योगेश अग्रवाल, वाल्मीकि बस्ती के सभी घरों के लोग औरतें बच्चे उपस्थित रहे।
गौशाला से भी हुआ अभियान शुरू-
उधर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान की महंत लक्ष्मण गिरी विकलांग गौशाला आश्रम से भी की गई। आश्रम के महंत विठ्ठल गिरी ने 11 हजार रुपये की समर्पण राशि राममंदिर के निर्माण हेतु दी। इसी के साथ बूचावास मण्डल में 100 झण्डे 100 कंधे का भी श्रीगणेश हुआ। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री सुरेंद्र जी ने मण्डल के सभी कार्यकर्ताओं को अभियान के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान अभियान के जिला मीडिया प्रमुख जितेन्द्र जोनी , मण्डल संयोजक कौशल्या देवी, सभी गांवों के ग्राम प्रमुख , जीतू पाथेडा, उत्तम ,विक्रांत यदुवंशी, गौरव मेहता गुढ़ा, दीपक, सतपाल,मनीष तंवर, नवीन तंवर, मनीष ,प्राण, डा प्रदीप रसूलपुर आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 4: कनीना की वाल्मीकि धर्मशाला में यज्ञ से समर्पण निधि संग्रह की शुरुआत करते हुए।
5: बूचावास गौशाला के महंत विठ्ठल गिरी 11 हजार रुपये की समर्पण राशि प्रदान करते हुए। फोटो में बाये से दाये तीसरे नंबर पर भगवावस्त्रधारी बि_लगिरी महंत।
श्रीराम के प्रति आस्था के चलते महिलाओं ने थामी कमान
-राजपूत बाहुल्य गांव में राम मंदिर निर्माण संकल्प निधि के लिए जाएंगी घर घर
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कनीना। पाली गांव में भगवान राम के काम के लिए महिलाओं ने पर्दा त्याग कर समर्पण अभियान में अपना योगदान देना शुरू कर दिया है। पूरे गांव की महिलाओं का जोश अनोखा है। राजपूत बाहुल्य गांव पाली में श्रीराम मंदिर निर्माण संकल्प निधि की बैठकें करके टोलियां बन चुकी हैं। वे प्रत्येक घर में संपर्क करेंगी और हर घर से श्रीराम मंदिर के लिए निधि समर्पण करवाएंगी
ग्राम प्रमुख ललिता और सह प्रमुख स्नेह लता ने बताया की पाली गांव के सभी पंद्रह सौ घरों हमारी टीम निधि समर्पण का आग्रह करेंगी उन्होंने कहा अयोध्या में बनने वाला भगवान श्रीराम का मंदिर हमारी आस्था का मंदिर है। राम के प्रति समाज में सदैव एक आस्था का भाव रहा है और इसी भाव से ओतप्रोत होकर हम सब ग्रामीण महिलाओं ने संकल्प लिया है कि हमारे गांव में प्रत्येक घर में केवल मातृशक्ति जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव को 11 वार्डों में बांटा गया है प्रत्येक वार्ड में 175 से 200 घर है।
अभियान प्रारंभ होते ही नरेश गिरदावर,
विनोद पाली, देशराज सिंह ने 11 - 11 हजार रुपए संकल्प निधि के रूप में दिए वही सुभाष वर्मा ने 5100 रुपए की आहुति डालकर अभियान का प्रारंभ किया। निधि समर्पण अभियान के जिला पालक कैलाश पाली ने कहां की इस देश में मातृ शक्ति का योगदान सदैव धार्मिक कार्यों में रहा है त्याग और बलिदान की मूर्ति के रूप में मातृशक्ति को देखा जाता है। भारत के इतिहास में अहिल्या, दुर्गावती, लक्ष्मी बाई, रानी पद्मावती और वर्तमान में कल्पना चावला जैसी महिलाओं ने सदैव समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृशक्ति की गोद में भगवान भी खेलें और देव भी खेले। उन्होंने सदैव बचपन से ही हमारी पीढ़ी को संस्कार देने का काम किया है जब-जब समाज को आवश्यकता पड़ी तब सब मातृशक्ति अपने समर्पण के लिए सदैव तैयार रही हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग 1000 टोलियां बन चुकी है। यह मंदिर राष्ट्र मंदिर बनेगा हमारे समाज में समरसता का भाव पैदा करेगा। हिंदू समाज अपने आप पर गर्व महसूस करेगा।
श्री पाली ने कहा कि अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर भारत के लिए एक राष्ट्र मंदिर बनेगा 40 पीढ़ी पहले जो हिंदुओं ने सपना सजाया था वह स्वप्न 2024 में पूरा होगा। 1992 में कारसेवकों ने उस ढांचे को नष्ट करके मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़ जिले के सभी 367 गांव और प्रत्येक वार्ड में प्रत्येक घर जाने की योजना बनी है। यह अभियान 1 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक चलेगा।
फोटो कैप्शन 7 व 8: राम मंदिर निर्माण के लिए निधि संचयन के लिए कमान संभाले महिलाएं। जागरण
कैनरा बैंक ने लगाया गाहड़ा में किसान ऋण शिविर
-20 लाख रुपये के बांटे ऋण
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कनीना। कैनरा बैंक शाखा कनीना द्वारा गाहड़ा गांव में किसान ऋण शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूनमचंद मैनेजर कैनरा बैंक क्षेत्रिय कार्यालय गुरुग्राम मुख्य अतिथि थे।
पूनमचंद द्वारा कृषि एवं पशुपालन संबंधित विभिन्न योजनाओं जैसे किसान क्रेडिट कार्ड, किसान ओवरड्राफ्ट, मिनी डेयरी, पशु किसान कार्ड, पीएम कुसुम, मशरूम की खेती आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि विस्तार अधिकारी पाबू सिंह तथा विजय कुमार मैनेजर कैनरा बैंक शाखा बूड़ोली द्वारा भी विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया गया। इस अवसर पर 20 लाख रुपए के कृषि ऋण बांटे गए। इस मौके पर विजय कुमार यादव मैनेजर कैमरा बैंक, आशा कुमारी मैनेजर केनरा बैंक कनीना, पाबू सिंह कृषि विस्तार अधिकारी, अजीत कुमार आदि शामिल थे।
फोटो कैप्शन 01: किसानों को ऋण वितरित करते पूनमचंद मैनेजर केनरा बैंक।
3 दिन से जम रहा है पाला
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कनीना। कनीना क्षेत्र में विगत 3 दिनों से लगातार पाला जम रहा है। ज्यों ज्यों धूप बढ़ती जा रही है त्यों त्यों पाला भी बढ़ता ही जा रहा है। सुबह सवेरे दूर-दराज तक धरती पर भी पाला देखा गया।
कनीना क्षेत्र के किसान सुनील कुमार, महेश कुमार, कुलदीप सिंह, मोहन कुमार, सुमेर सिंह आदि ने बताया कि जब खेतों की ओर गए तो चारों और धरती सफेद नजर आ रही थी। पाले को देखकर जहां किसानों की चिंता की रेखाएं बढ़ गई है किंतु कृषि विभाग अभी भी इस पाले का कोई दुष्प्रभाव न पडऩे की बात कह रहा है। उिदसंबर माह में भी पाला जमा था। इस वर्ष लंबे समय तक पाला जमने की घटना घट रही है। धुंध एवं कोहरा कम पड़ा है किंतु पाला अधिक जमा है। सरसों, गेहूं के पत्तों पर सफेद पाला जमा देखा गया। यहां तक कि सुबह सवेरे उठकर लोग आग के पास बैठे देखे गए।
कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज का कहना है कि जब तक दिन के समय धूप पड़ती रहेगी पाले का कोई नुकसान नहीं हो सकता है। उनका कहना है कि यदि पाला लंबे समय तक चलेगा तो निश्चित रूप से ही फसल को नुकसान होगा।
फोटो कैप्शन 2 व 3: कड़बी एवं धरती पर जमा हुआ पाला।
अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में अमीश ने पाया हरियाणा में तीसरा स्थान
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कनीना। भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता का परिणाम घोषित कर दिया गया है जिसमें पिता और पुत्र ने हरियाणा में तीसरा स्थान प्राप्त किया जबकि पुत्र ने अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया है।
मिली जानकारी अनुसार कनीना निवासी अमीश कुमार यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़ का विद्यार्थी है तथा अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया था जो स्वामी विवेकानंद पर आयोजित की गई थी। जिसका परिणाम हाल ही में परिणाम घोषित हुआ है। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान तथा हरियाणा स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। उनके पिता एचएस यादव को भी तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
इस प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी देते हुए कंवरसैन वशिष्ठ भारत विकास परिषद के कनीना प्रधान ने बताया कि प्रतियोगिता तीन भागों में बांटी गई थी। छठी से आठवीं, नौवीं से बारहवीं तथा 12वीं से बड़ी कक्षाओं की यह प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें अमीश कुमार ने कक्षा 10वीं-12वीं स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया था। उधर उनके पिता एचएस यादव ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था क्योंकि वे पीएचडी स्कालर के विद्यार्थी है। ऐसे में उनका हरियाणा में तीसरा स्थान रहा है क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: अमीश कुमार।
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Sunday, January 31, 2021
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