ट्रैक्टर चोरी मामले में आरोपी को न्यायालय में किया पेश
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कनीना। उपमंडल कनीना के गांव कोटिया में एक घर से ट्रैक्टर चोरी करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ा और न्यायालय में पेश किया।
मिली जानकारी अनुसार आरोपी अनूप को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एसएचओ प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि कोटिया निवासी संतोष कुमार ने पुलिस को शिकायत देकर गांव के ही अनूप पर उसका ट्रैक्टर चोरी करके ले जाने का आरोप लगाया था। जिसके पास से मौके से ट्रैक्टर बरामद कर लिया गया था लेकिन आरोपी मौके से फरार हो गया था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय में पेश किया है। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
उप-नागरिक अस्पताल में 100 दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा के लिए दी गई ट्रेनिंग
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कनीना। जिले में क्वांटस कम्पनी द्वारा खाद्य सुरक्षा सर्टिफिकेट की ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग देने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत कनीना स्थित उपनागरिक अस्पताल परिसर में 100 दुकानदारों को गुरुग्राम से पहुंचे कम्पनी के ट्रेनर प्रदीप यादव के द्वारा ट्रेनिंग दी। उन्होंने सभी दुकानदारों को खाद्य सामग्री की देखरेख, उसकी गुणवत्ता से संबंधित जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया ने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कदम उठाए है। जिसके तहत खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने वालों को एफएसएसएआई की फोस्टेक योजना के तहत ट्रेनिंग लेनी होगी। जिसके लिए क्वांटस कम्पनी ने दुकानदारों के रजिस्ट्रेशन कर ट्रेनिंग देने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
कनीना व आस-पास के गांवों के 100 दुकानदारों को अस्पताल परिसर में दी गई ट्रेनिंग
क्वांटस कम्पनी के अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि पिछले करीब एक दो माह से कम्पनी के कर्मचारियों के द्वारा दुकानदारों के पंजीकरण का कार्य किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से ट्रेनिंग में देरी हुई और अब आफलाईन ट्रेनिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। कनीना, पड़तल, भोजावास व खेड़ी के करीब 100 दुकानदारों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब अलगे सप्ताह महेंद्रगढ़ में 100 दुकानदारों को ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी तक कनीना व महेंद्रगढ़ में करीब 500 से भी अधिक दुकानदारों के द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी भंवर सिंह ने बताया कि दुकानदार सरकार द्वारा जारी मानकों के आधार पर ही सामान को बेचे। ताकि उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग के माध्यम से दुकान काफी हद तक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। जिससे हम उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त सामान उपलब्ध करवाने में समर्थ हो पाते है। वहीं खराब होने वाले सामान से स्वयं को बचाकर अपनी आय को भी बढ़ा सकते है। इस दौरान दुकानदारों को ट्रेनिंग की सर्टिफिकेट भी दी गई। इस अवसर पर एसएमओ डा धर्मेन्द्र यादव, शिवकुमार शर्मा खेड़ी, सचिन यादव आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 11:दुकानदारों को क्वांटस कंपनी द्वारा दी गई सर्टिफिकेट्स।
नेट हाउस लगाकर कर रहे 3 सालों से सब्जी की खेती
-आधा एकड़ में अकेले टमाटर से विगत वर्ष कमाये चार लाख
-इस वर्ष उम्मीद अधिक
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा के नवीन कुमार किसान ने नेट हाउस के जरिए सब्जी का उत्पादन कर लाखों रुपये कमाये हैं तथा दूसरे किसानों के लिए उदाहरण बना हुआ है। वे विशेषकर शिमला मिर्च, टमाटर,मिर्च तथा अन्य सब्जी वाली फसलें उगाते आ रहे हैं। 28 लाखे रुपये लागत से नेट हाउस लगवाया है। नवीन कुमार बताते हैं कि विगत वर्ष उन्होंने आधा एकड़ जमीन पर बने नेट हाउस में टमाटर उगाया था। टमाटर बेल वाला होने की वजह से प्रत्येक बेल पर एक एक क्विंटल तक टमाटर पैदा किए। बाजार में अच्छे भाव मिले और चार लाख रुपये तक की आय प्राप्त की। इस वर्ष उन्होंने टमाटर तथा शिमला मिर्च के अलावा अन्य सब्जियां नेट हाउस में पौन एकड़ में उगा रखी है। उन्हें विश्वास है कि पिछले साल का आय का रिकार्ड टूट जाएगा। किसान सब्जी की नेट हाउस, पोली हाउस और ग्रीन हाउस लगाकर पैदावार ले रहे हैं क्योंकि ये हाउस सब्जी को सर्दी व गर्मी से बचाते हैं। यही कारण है कि अब बेहतर पैदावार
हो जाती है।
नवीन का कहना है कि सब्जियां उगाने से जहां किसानों को कम भूमि पर अधिक लाभ मिल सकता है। वहीं नेट हाउस लगाने पर भी सरकार सब्सिडी देती है। उनका कहना है कि सरसों आदि उगाकर 1 एकड़ में मुश्किल से 30 से 40 हजार रुपये की आय हो सकती है। जबकि सब्जियां उगाकर लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पदचिह्नों पर कई किसान चलने लगे हैं। क्षेत्र में सब्जी अधिक पैदा होने लगी है।
क्या कहते कृषि अधिकारी-
कृषि अधिकारी डाक्टर देवेंद्र का कहना है कि सब्जी फसल की ओर किसानों का रुझान धीरे-धीरे बढ़ गया है इसके चलते ग्राहकों को अच्छी सब्जी खाने को मिल सकती है। वहीं सब्जी उगाने वालों को लाभ मिल सकता है। अगर क्षेत्र में सब्जी मंडी होती तो आय और भी इजाफा हो सकता है। अभी तक किसान थोड़ा दूर सब्जी मंडी में बेचने के लिए सब्जी ले जाते फिर भी अच्छी कमाई कर लेते हैं। महेंद्रगढ़ क्षेत्र की भूमि सब्जी के लिए अच्छी साबित हो रही है।
फोटो कैप्शन 7 व 8: नेट हाउस में उगाई हुई सब्जी।
सर्दी में बढ़ी फास्ट फूड एवं चाय की मांग
-खुलती ही जा रही हैं फास्ट फूड की स्पेशल दुकानें
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कनीना। जहां सर्दी का मौसम चल रहा है, चाय विक्रेता और फास्ट फूड विक्रेताओं खुशी का माहौल है। कोई भी चाय विक्रेता 500 से कम चाय नहीं बेच पा रहा। कनीना और आसपास गांवों में 200 दुकानों पर फास्ट फूड एवं चाय बेची जा रही हैं। जहां दोनों चीजों की मांग आई है। युवा वर्ग तो फास्ट फूड की ओर अधिक आकर्षित हो रहा है वहीं बुजुर्ग और युवा चाय भी पी रहे हैं। चाय बेचने वाले महाशय, नरेंद्र, हिमांशु ,ललित, किशोर आदि से बात की गई उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में चाय अधिक बिकती है। वैसे तो सर्दी गर्मी बरसात हर मौसम में चाय बिकती रहती है किंतु इस वक्त 500 से 800 तक चाय के कप बिक जाते हैं।
विभिन्न कर्मचारी, व्यापारी, दुकानदार, आम आदमी सुबह और शाम को तो जरूर चाय पीता है। वैसे भी चाय पीने वाले करीब 99 फीसदी लोग हैं। यही कारण है कि चाय की दुकानें बढ़ती जा रही है। किसी संस्था आदि के सामने चाय बनाने वाला जरूर मिलता है। कहने को तो सामान्य धंधा है लेकिन चाय विक्रेता प्रतिदिन एक चाय पर दो से तीन रुपए कमा लेते हैं। यही कारण है कि चाय विक्रेता खुश है। कुछ चाय विक्रेता तो पैतृक रूप में इसी धंधे को अपना रहे और इसी से अपनी तथा परिवार की रोटी रोजी कमा रहे हैं।
कुछ कर्मचारी और लोग तो ऐसे देखे जो घर की चाय पीने की बजाय ठेलों पर चाय पी कर अपने कार्यालय में जाते हैं। मोहन सिंह, सुमेर सिंह चेयरमैन, महेंद्र सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि जब वे बाजार आते हैं तो अक्सर पी लेते हैं। यही कारण है कि चाय की मांग बढ़ती जा रही है। उधर चाय के साथ-साथ फास्ट फूड तेजी से बिक रहे हैं। फास्ट फूड विक्रेता दिनेश कुमार, निशांत देवेंद्र आदि ने बताया कि सर्दी आने पर फास्ट फूड की मांग बढ़ जाती है क्योंकि लोग गर्म चीजें पसंद करते हैं। यही कारण है कि समोसा, इडली, डोसा चाउमीन, बर्गर तथा अन्य सभी फास्ट फूड खाने वाले बढ़ते ही जा रहे हैं। युवा पीढ़ी का तो फास्ट फूड पर बहुत मन चढ़ा हुआ है इसलिए फास्ट फूड खाए बगैर कोई कार्य भी नहीं करते। यद्यपि फास्ट फूड शरीर के लिए घातक है। डाक्टर, वैद्य सभी फास्ट फूड को नुकसानदायक बता रहे हैं वहीं बाबा रामदेव जी फास्ट फूड को घातक बता रहे हैं किंतु कनीना और आसपास गांव में 200 से अधिक संस्थानों में फास्ट फूड से जाते हैं वही ठेलों पर भी फास्ट फूड बेचे जाते हैं। चाय में भी कैफीन नामक विषैला पदार्थ पाया जाता है।
नेताजी मेमोरियल क्लब की दीवार के साथ-साथ भारी संख्या में फास्ट फूड विके्रता खड़े होते हैं जिनसे खाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। कुछ प्रतिष्ठान तो फास्ट फूड के लिए ही जाने जाते हैं। जहां दुकानों पर अलग से इसी काम में मजदूर लगाकर फास्ट फूड तैयार किये जाते है। फास्ट फूड में भी अच्छी आय होती है। बहरहाल तक चलती है फास्ट फूड और चाय की मांग बढ़ती जा रही है। हर मौसम में मांग रहती है।
फोटो कैप्शन 9: चाय बेचता चाय विक्रेता
10: फास्ट फूड बनाते हुए दुकानदार।
क्षेत्र में पड़ी सघन धुंध
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कनीना। मंगलवार को सघन धुंध पड़ी तथा दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए।
सुबह से धुंध पडऩी शुरू हो गई थी। देखते-देखते धुंध बढ़ती चली गई। सर्दी भी अधिक थी। दुकानदार अपनी दुकानों के सामने आग जला कर बैठे देखे गये। वाहन धीमी गति से चलते रहे।
क्षेत्र में पल पल मौसम बदल रहा है। इतना सघन कोहरा पहली बार क्षेत्र में देखने को मिला जब कुछ दूरी भी नहीं दिखाई दे रही थी। जहां धुंध के कारण दुर्घटनाएं बढ़ गई है वहीं आवागमन में परेशानी हो रही है। बाकी दिनों सूर्यदेव के दर्शन हो जाते थे किंतु मंगलवार को सूर्य भी नहीं दिखाई दिया।
कोहरा फसल के लिए अच्छा माना जा रहा है किसान प्रसन्न हैं किंतु यदि लंबे समय तक सूर्य देव के दर्शन नहीं होते तो फसल को नुकसान हो सकता है। दुकानदार रवि कुमार, अजीत कुमार, देवेंद्र, सुरेश, अजीत, महेंद्र कुमार ने बताया पहली बार इतनी ठंड महसूस हो रही है
जिसके कारण आग जलानी पड़ रही है। ठंड के कारण सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ठंड के कारण लोग घरों में दुबके भी देखे गये। कृषि विशेषज्ञ इस मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैंं।
फोटो कैप्शन 3: सघन धुंध में वाहन
4: दुकानों के आगे आग सेकते दुकानदार।
लंबे समय के बाद चली ट्रेन, बढ़े किराये ने किया मायूस
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कनीना। लंबे समय के बाद कनीना खास रेलवे स्टेशन श्रीगंगानगर-दिल्ली एक्सप्रेस सेवा शुरू हो गई है किंतु ट्रेन से मायूसी हाथ लगी क्योंकि चलने वाली ट्रेन का किराया बहुत अधिक होने से यात्री सफर नहीं कर पाएंगे। यद्यपि यही ट्रेन सभी रेलवे स्टेशनों पर रुकते हुए कोरोना काल से पहले भी जाती थी तब इसका नाम पैसेंजर ट्रेन था जिसका वर्तमान में नाम बदलकर फास्ट ट्रेन रख दिया है किंतु किराया बहुत अधिक बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय कि ट्रेन कनीना खास रेलवे स्टेशन पर रात को करीब 9:30 बजे दिल्ली से आती है तथा सुबह करीब 4:30 बजे कनीना खास रेलवे स्टेशन पर दिल्ली के लिये जाती है। ट्रेन का किराया जहां 10 से 12 गुना बढ़ा दिया है इसके चलते यात्रियों की परेशानी बढ़ी है।
यात्री दिनेश कुमार,महेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, हिम्मत सिंह, महेंद्र कुमार ने बताया कि इस ट्रेन से सफर करना बहुत कठिन है। इसकी बजाए बस से सफर करना लाभप्रद होगा। यात्रियों का कहना है कि इस ट्रेन किराया फिर से पैसेंजर वाला किया जाए।
बहरहाल देर आए दुरुस्त आए वाली कहावत लागू नहीं हुई। 10 महीने के बाद ट्रेन चली किंतु ट्रेन को पाकर भी खुशी नहीं मिल रही है। मायूसी हाथ लगी है। अब इस ट्रेन में फास्ट ट्रेन का किराया लग रहा है तथा ट्रेन आने से तीन घंटे पहले तक रिक्त सीटों के लिए टिकट मिल सकती हैं।
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