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Saturday, May 1, 2021

 

इन्हें सलाम
अब तक 450 मरीजों को होम आइसोलेट कर चुके हैं डॉ विनय मुद्गिल
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 कनीना। कनीना के उप- नागरिक अस्पताल में कार्यरत डा विनय मुद्गिल एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने अब तक करीब 450 कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेट किया है तथा पेशेंट मैनेजमेंट किया है। प्रतिदिन े हाई रिस्क से गुजरते हैं। वर्तमान में भी प्रतिदिन आठ से 10 कोरोना पाजिटिव होम आइसोलेट करने पड़ते हैं। विगत वर्ष जहां 300 कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेट किया था। इस वर्ष अब तक 150 संक्रमितों को होम आइसोलेट कर चुके है।
 एक भेंटवार्ता में डाक्टर विनय मुद्गिल ने बताया कि जब किसी मरीज के पास जाना पड़ता है तो पीपीई किट पहन कर ही जाना पड़ता है। कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है जिसमें हाई रिस्क होता है किंतु 2 गज की दूरी का पालन करते हुए जाना पड़ता है तथा हाथों में ग्लव्ज आदि पहन कर जाते हैं फिर भी किसी चीज को
छूने से बचना पड़ता है। उनका कहना है कि मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है किंतु डरना जरूर चाहिए। महेामारी से बचने के लिए सरकार की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए ।मास्क जरूर पहनना चाहिए और बाहर से आते ही हाथों को सेनिटाइज करना चाहिए। उन्होंने बताया कि माइल्ड महामारी में कोई दिक्कत नहीं आती लेकिन जब केस उच्च रिस्क में पहुंच जाता है तब उन्हें अस्पताल भेजना पड़ता है। विगत वर्ष दो दो -तीन संक्रमितों को अस्पताल भेजना पड़ा था। उन्होंने प्रभु का शुक्रिया अदा किया कि उनका एक भी संक्रमित भगवान का प्यारा नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि हाई रिस्क जोन में जाने से रोग होने  की संभावना बहुत होती है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहनने पर भी सभी हिदायतों का पालन करना होता है।  हर सावधानी बरतनी पड़ती है। उन्होंने बेहद खुशी जताई कि उनके संक्रमित रोग से उभर रहे हैं।
कनीना में वर्ष 2013 से कार्यरत है किंतु मरीजों की देखरेख करने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते। वे जनसेवा में गहन विश्वास रखते हैं। ऐसी शख्सियत को सलाम।
फोटो कैप्शन : डा विनय मुद्गिल




कोरोना महामारी ने एक और जवान को बनाया काल का ग्रास, क्षेत्र में शोक की लहर
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कनीना।  निकटवर्ती गांव झूक निवासी युवक की कोरोना से दर्दनाक मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है। मृतक के ससुर कानूनगो रमेश कुमार यादव रामबास ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका दामाद जो मानेसर एक कंपनी में एचआर हेड था। जिसको कुछ दिन पहले हल्का ज्वर आया तो उनको जयपुर शिवम अस्पताल में भर्ती करा दिया था जहां उनका 15 दिन तक इलाज चला। उनको अस्पताल ने कोरोना संक्रमित घोषित कर दिया जिसके चलते शनिवार को उनकी दर्दनाक मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उनका उनके गांव झूक में कोरोना महामारी की गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया वही इस दर्दनाक मौत से सारे गांव में ही नहीं बल्कि क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
सांस की तकलीफ हुई और हो गई मौत-
कनीना में एक 60 वर्षीय जन को सांस की तकलीफ होने पर अस्पताल लाया गया। जिन्हें नारनौल रेफर कर दिया जहां उनकी मौत हो गई। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। कस्बा में शोक छाया है।




कोरोना पाजिटिव छुपा रहे बातों को
-लोग मिल रहे हैं उनसे और कोरोना फैलने की संभावना रही है बढ़
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 कनीना। यद्यपि कोरोना संक्रमित मिलने पर विगत वर्ष सख्त नियम थे किंतु इस बार कोरोना संक्रमित आने पर व्यक्ति बातों को छुपा रहा है जिसके चलते उनके पास अच्छे खासे लोग भी बैठे बात करते रहते हैं जिससे रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। जो जागरूकता की कमी को दर्शा रहा है। कनीना के पार्षद मोहन सिंह, नेता सुमेर सिंह चेयरमैन, महेश बोहरा आदि ने कहा कि यदि कोई  कोरोना संक्रमित आता है परंतु अपने साथियों को बता देना चाहिए कि कोरोना सक्रमित है ताकि लोग पूरी सावधानी के साथ उनसे मिलने के लिए आए। उन्होंने कहा कि यह जागरूकता की कमी का प्रमाण है कि लोग अपनी बातों को जानबूझकर छुपा रहे हैं जिसके चलते कोरोना बढ़ सकता है और जानलेवा हो सकता है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि यदि कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे अपने सगे एवं साथियों को किसी भी तरीके से सूचना देनी चाहिए कि वह कोरोना संक्रमित है ताकि लोग उसके पास आए तो नियमों का पालन करके आए।


 कोरोना महामारी ने ली एक और की जान
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कनीना। कोरोना ने जहां समूचे देश में कहर ढाया हुआ है वही इसका कहर महेंद्रगढ़ में भी जारी है। गांव एगीहार एक महिला की मौत गई है।
 सीएचसी प्रभारी डॉक्टर प्रभा यादव ने बताया की गांवअगीहार की एक महिला जो 2 दिन पहले बीमार हुई थी जिसको परिजनों द्वारा नारनौल दिखाया गया था जहां उसका कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई जिसकी दर्दनाक मौत हो गई है। महिला का कोरोना गाइड लाइन के अनुसार शनिवार को दाह संस्कार कर दिया गया है। श्रीमती यादव ने यह भी बताया कि कोरोना महामारी एक विस्फोटक रूप धारण किए हुये है लेकिन लोग लापरवाह बने हुये हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि करोना महामारी पर सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पालन करना चाहिए तभी जाकर हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं। यहां गौरतलब है कि 3 दिन पहले उक्त महिला के पति की भी मौत हो गई थी जिस के कारणों का पता नहीं चल पाया था वही आज उनकी धर्मपत्नी भी भगवान को प्यारी हो गई है।
फोटो कैप्शन 9: अगिहार में महिला का अंतिम संस्कार करते हुये।




गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई -इंस्पेक्टर
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कनीना।  कोरोना महामारी की गाइडलाइन को न अपनाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई। ये विचार ट्रैफिक इंस्पेक्टर सत्यनारायण ने  कनीना कस्बे में बेवजह तथा बिना मास के गाड़ी व बाइकों पर सवार होकर घूमने वालों को हिदायत देते हुए चालान भी किए। उनके साथ आए स्टाफ ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस कप्तान के आदेश अनुसार उक्त कार्रवाई की जा रही है ताकि कोरोना महामारी पर किसी तरह काबू पाया जा सके और लोग इस महामारी की चपेट में आने से बच सकें। उन्होंने यह भी बताया कि आज हमने बिना मास्क के घूमने वालों के 20 चालान किए तथा 60 चालान बिना कागजात व बिना हेलमेट वालों के किये गए। उन्होंने बताया कि सरकार की गाइडलाइन है कि घर से बेवजह बाहर ना निकले और अगर जरूरी काम है तो मास्क लगाकर निकले क्योंकि देश में आए दिन कोरोना महामारी बढ़ती ही जा रही है।




बढ़ती जा रही गर्मी, जनजीवन बेहाल
-लू ने दी दस्तक, कोरोना की मार भी बढ़ी
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में गर्मी बढ़ती ही जा रही जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।  गर्मी के साथ साथ कोरोना संक्रमित बढ़ते ही जा रहे हैं। प्रतिदिन कनीना में ही 17--18 कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। एक ओर गर्मी तो दूसरी ओर कोरोना भय।
गर्मी के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। तापमान बढऩे से पेड़ पौधों को भी नुकसान होने का अंदेशा हो गया है वहीं पक्षियों पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है। एक और जहां कोरोना के तहत रात्रि के समय बच्चे और बूढ़ों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी हुई है वही अब दिन के समय गर्मी पडऩे से वे बाहर नहीं निकल सकते। ऐसे में पूरा समय घर के अंदर ही बिताना होगा। वैसे भी कोरोना रोग के समय अंदर रहने की हिदायत दी गई है उसे गर्मी ने पूरा कर दिखलाया है। यूं ही हाल रहा तो जून की गर्मी भारी नुकसान पहुंचा सकती है।



भाजपा पदाधिकारियों ने बांटे 150 मास्क तथा 30 सेनिटाइजर
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कनीना। भारतीय जनता पार्टी मंडल कनीना के पदाधिकारियों ने अनाज मंडी कनीना में आने वाले किसानों को 30 सेनिटाइजर व  150 मास्क बांटकर लोगों को जागरूक किया।
मास्क वितरण करने वालों में जिला प्रवक्ता ओमप्रकाश निशानियां, वेद भडफ़, मोहन पार्षद,देशराज यादव, अनिल यादव व अन्य कार्यकर्ताओं ने फैल रही भयंकर महामारी से बचने के लिए 2 गज की दूरी मास्क जरूरी, सेनिटाइजर से हाथ धोते रहना के लिए जागरूक किया। मजदूरों, किसानों व व्यापारियों को जिला से आई सामग्री बांटी।
उन्होंने कहा कि भयंकर महामारी के दौरान घर से बहुत जरूरी हो तो ही अपने घर से बाहर जाये वरना घर में रहे, अपने बच्चों को बार-बार हाथ धोने, मास्क लगाए रखने की हिदायत दे। इस मौके पर किसानों एवं मजदूरों को विशेष जानकारी दी और उन्हें जागरूक किया। उनका कहना है कि किसान एवं मजदूर सबसे अधिक व्यस्त मिलता है तथा कई लोगों के संपर्क में भी आता है। ऐसे में उनको जागरूक करना जरूरी है।


रोगरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं तरबूज  
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में तरबूज की मांग बढ़ती ही जा रही है। एक और गर्मी से बचने के लिए वही शरीर में रोग रोधक क्षमता पैदा करने के लिए भी तरबूज की अच्छी खासी बिक्री हो रही है। कनीना क्षेत्र में तरबूज उगाने वालों की कमी नहीं है। अजय कुमार इसराणा तथा रवि भडफ़ के किसानों के  यहां तरबूज की बिक्री बढ़ी है। जहां पिछले वर्ष अजय इसराना ने उन्होंने एक एकड़ पर तरबूज पैदा किये थे अबकी बार दो एकड़ में उगाकर ब्रिकी कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि भडफ़ तथा इसराणा में तरबूजों की मांग बढ़ रही है जहां तरबूज बेच रहे हैं।
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन, वैद्य श्रीकिशन आदि से तरबूज के बारे में चर्चा की उन्होंने बताया कि तरबूज उच्च रक्तचाप को घटाने, वजन कम करने, गुर्दे को स्वस्थ रखने, हृदय को स्वस्थ रखने में कारगर है वही एंटी आक्सीडेंट का भंडार है। तरबूज की गिरी भी खाई जाती है वह वहीं तरबूज अस्थमा और लू में भी लाभकारी है। तरबूज खाने से शरीर में पानी की पूर्ति होती है। तरबूज विवाह शादी, उत्सव पर जरूर दिए जाते हैं। तरबूज खाने में आनंद आता है, नुकसान नहीं है। इसलिए भी तरबूज के प्रति कोरोना काल में मांग बढ़ी है।
जिला बागवानी अधिकारी रेवाड़ी मनदीप ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में ड्रिप तथा मल्चिंग विधि से अच्छी मात्रा में तरबूज पैदा किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कनीना के आसपास, सुरेहती, डालनवास, बारडा आदि क्षेत्रों में तरबूज पर्याप्त मात्रा में उगाए जाते हैं।



आकर्षक बनाया कनीना का सबसे पुराना स्कूल
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कनीना। 1950 में स्थापित कनीना कस्बे का सबसे पुराना स्कूल जो राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के नाम से जाना जाता है, ने अनेकों विख्यात शख्सियतें दी हैं। जर्जर होने के बाद जीर्णोद्धार करवाया गया है। वर्तमान में भवन मनमोहक बन गया है।
  शिक्षा समिति कनीना के प्रधान मास्टर दलीप सिंह पूर्व नगर पालिका प्रधान , शिक्षा समिति के उपप्रधान राजेंद्र सिंह लोढा,पूर्व नगर पालिका प्रधान और शिक्षा समिति के सचिव राम सिंह साहब को विद्यालय की इस समस्या से अवगत कराया ने जर्जर हालात देख इसका जीर्णोद्धार करवा दिया है। कितने ही रतन इस विद्यालय ने दिये हैं। दोनों पूर्व प्रधान भी इसी विद्यालय से पढ़े हैं। ऐसे में जीर्णोद्धार के बाद आम जन को प्रसन्नता हुई है।
फोटो कैप्शन 8: राजकीय कन्या उच्च स्कूल का जीर्णोद्धार के बाद मुख्य द्वार।



बदल गया है चौपालों का स्वरूप
-कोरोना के चलते खाली पड़े हैं हुक्का एवं चौपाल
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कनीना। कोरोना तो डर के चलते गांवों में  चौपालों का स्वरूप ही बदल गया है। हुक्का,चाय, चिलम सभी बंद, चौपाल पड़ी हैं सुनसान और दिनभर बोलते हैं काग।
 वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक गांव में चौपाल बनी हुई है, प्रत्येक जाति की चौपाल भी मिल सकती है। लेकिन इन चौपालों में जहां दिनभर व्यस्तता होती थी वर्तमान में वहां  कोई जन नजर नहीं आता। यहां दिनभर हुक्का चलता था विचारों का आदान-प्रदान चलता था वह लगभग समाप्त हो गया है। कोरोना के डर से लोग आपस में पास बैठने से कतराने लगे हैं। ऐसे में चौपाल चौपाल नहीं रह पाई है। अपना अस्तित्व खो रही है।
वैसे भी हाथों में दस्ताने, मुंह पर मास्क पहनकर बाहर निकलते हैं। एक दूसरे से खुलकर बात नहीं कर सकते, हुक्का, चिलम आदि पर मुंह लगाना पड़ता है। मुंह लगाने का मतलब है कि रोगाणु को अपने शरीर में ग्रहण करना। यही कारण है कि अब ये चीजें तो दूर इंसान ही चौपालों में नहीं आते हैं।
एक समय था जब चौपालों पर बैठकर लोग अपने सुख दुख की बातें एक दूसरे आदान प्रदान करते थे वही किसी समस्या को निपटाने के लिए भी इक_े बैठते थे किंतु अब कोरोना डर है। ऐसे में वे एक दूसरे के पास आने से ही कतराने लगे हैं। कहीं जहां दुकानों के आसपास भी भारी भीड़ देखने को मिलती थी अब न तो भीड़ है और न हुक्का मिलता है।
जब हुक्के की बात चलती है तो लोग चुप हो जाते हैं। एक और जहां सरकार ने बीड़ी, सिगरेट तंबाकू पर प्रतिबंध विगत वर्ष प्रतिबंध लगा दिया था वही कोरोना ने ही इस पर प्रतिबंध लगाने में अहम भूमिका निभाई है। चौपालों में इंसान एवं हुक्का दोनों मिलते थे वे दोनों गायब हो गये हैं। बुजुर्ग इंसान एवं हुक्के घरों में छुप गए हैं। जहां तंबाकू बेचने वालों के तंबाकू खरीददार नहीं हैं। चौपाल अपना पहले वाला स्वरूप में आने में भविष्य में कितना समय लगेगा यह कहना कठिन है।
वैसे भी कोरोना बच्चे, बूढ़े और  महिलाओं में अधिक होता है और उन चौपालों पर अधिकांश बुजुर्ग और अनुभवी व्यक्ति बैठते थे और उनमें ही कोरोना का अधिक खतरा बना है। इसलिए उन्होंने चौपालों में आना छोड़ दिया है। बुजुर्ग तो ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में युवा वर्ग ही बेशक कहीं बैठकर गपशप जरूर लगा लेता है। वो भी मुंह पर मास्क लगाकर दो-चार बात बोल कर चलते बनते हैं।
कोरोना के चलते कनीना के महेश बोहरा, मोहन पार्षद, कुलदीप कुमार, रवि कुमार, श्यामसुंदर मासी आदि से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि आप उन्होंने हुक्का ही छोड़ दिया है।  ऐसे में हुक्का छोडऩे में ही उन्होंने भलाई समझी। चौपालों पर चाय भी चलती थी किंतु अब तो चाय की बिक्री घट गई है। क्योंकि चाय की दुकानों पर जो कप व गिलास प्रयोग किए जाते हैं वे इस रोग को फैलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। हुक्का,चाय, चिलम यहीं पर समय बिताने के साधन होते थे अब बंद हो चुके हैं।



लौट चले मजदूर अपने प्रदेश को
-अनाज की खरीद बंद, हो रही है घर वापसी
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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में एक माह पहले करीब 300 मजदूर रोटी रोजी के लिए आए थे किंतु इस बार करीब दो लाख बैग गेहूं के ही खरीदे जा सके जिसके चलते एक माह तक मुश्किल से दस हजार रुपये कमा पाये हैं जबकि आने और जाने का खर्चा करीब दो-दो हजार रुपये दे चुके हैं। इस बार भी मजदूरों के लिए कोरोना काल अच्छा नहीं रहा जबकि सरसों के भाव अधिक होने से अनाज मंडी में सरसों न आना भी इनकी रोटी रोजी पर प्रभाव पड़ा है।
 व्यापार मंडल प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल एवं ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि मजदूरों को प्रत्येक बैग पर करीब 11 रुपये राशि मिलती है जिसमें सिलाई, तुलाई आदि कार्य करने पड़ते हैं। अब बड़े बेआबरू होकर यह मजदूर वापिस अपने प्रदेश को निजी साधना से जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों से आए हुए मजदूर कुछ लावणी के कार्य के लिए तथा कुछ अनाज मंडी के लिए आते हैं। इस वर्ष बहुत कम मजदूर क्षेत्र में आए थे। अनाज मंडी में इनकी संख्या 300 के करीब थी जो अधिकांश अपने प्रदेशों को लौट चुके हैं।
 मजदूर जय राम, संतोष, राजा सिंह, बिरंचि वीरेंद्र, मुकेश (सभी बिहार) ने बताया की 5000  रुपये की निजी बस करके कनीना मंडी आए थे अभी 1 माह के बाद फिर से 5000 रुपये में  निजी बस लेकर बिहार जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार भी उनका अच्छा अनुभव नहीं है। बहुत कम पैसे कमा पाए हैं। इस राशि से रोटी रोजी और परिवार का पालन पोषण करना बहुत कठिन हो जाएगा। कोरोना काल मजदूरों पर भारी पड़ा है।
फोटो कैप्शन दो: मजदूर अपने प्रदेशों को वापिस जाते हुए।


2 दिनों से कोरोना वैक्सीन खत्म
- सोमवार को आने की संभावना
-युवा वर्ग नजर आया मायूस
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 कनीना। एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की संभावना विगत दिनों से जताई जा रही थी किंतु वैक्सीन अभाव ने योजना पर पानी फेर दिया है। किसी प्रकार की कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लोग नागरिक अस्पताल के चक्कर लगाकर वापस अपने घर चले जाते हैं। युवा वर्ग भी रजिस्ट्रेशन करवा रहा है, वही बार-बार अस्पताल से पूछ रहा हैं किंतु हर बार उनको नकारात्मक जवाब मिल रहा है। सोमवार को संभावना है कि कोरोना वैक्सीन मिल सकेगी।
जानकारी देते हुए डा जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि वे लगातार कोरोना जांच के लिए सैंपल ले रहे हैं परंतु 2 दिनों से कोरोना वैक्सीन का अभाव है। उन्हें लगता था कि 1 मई को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी किंतु अपरिहार्य कारणों से उपलब्ध नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि सोमवार को वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है। बहरहाल कनीना उप-नागरिक अस्पताल और आसपास के विभिन्न अस्पतालों में कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लोग बेसब्री से वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे हैं।



5 माह से बंद गोभी का भाव 10 रुपये किलो -कुलदीप नंबरदार ने ड्रिप सिंचाई के तहत उगाई बंद गोभी
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 कनीना। विगत करीब 5 माह से बंद गोभी के भाव नहीं बढ़ रहे हैं जिसको लेकर के किसान परेशान है। नवंबर 2020 माह में भी बंद गोभी 10 रुपये किलो थोक भाव में बिक रही थी वहीं अब मई 2021 में भी बंद गोभी के भाव 10 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।
 कुलदीप नंबरदार कनीना ने बताया कि वे विगत वर्षों से अपने 3 एकड़ जमीन में विभिन्न सब्जियां उगा रहे हैं जिनमें बंद गोभी भी एक है। उन्होंने अपने पूरे खेत में ड्रिप सिंचाई का प्रबंध किया हुआ है जो पानी की बहुत अधिक बचत करता है किंतु उन्होंने करीब 1 कनाल में बंद गोभी उगायी जिसके भाव अधिक न होने से महज 6000 रुपये तक ही कमा पाया है। उन्होंने बताया कि लागत अधिक होती है और आमदनी कम हो रही है।
कुलदीप नंबरदार ने बताया कि उन्होंने अपने 3 एकड़ में जहां पानी बचत के लिए ड्रिप सिंचाई का प्रबंध कर बंद गोभी, घिया, भिंडी, ककड़ी आदि उगा रखी है। अभी भिंडी के भाव बेशक ठीक हो किंतु बंद गोभी के भाव नहीं बढ़ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 3: ड्रिप सिंचाई से पैदा की बंद गोभी दिखाता कुलदीप नंबरदार।




महाराजा हीरा सिंह की याद दिलाती है रणास और राजावाली बणियां
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 कनीना। बेशक कनीना और करीरा में 3 किलोमीटर की दूरी हो किंतु महाराजा हीरा सिंह नाभा के महाराज(1843 -1911) की याद कनीना स्थित रणास वाली बणी तथा करीरा स्थित राजावाली बणी याद दिलाती रहेंगी। यद्यपि महाराजा हीरा सिंह ने चार शादियां की थी जिनमें से तीसरी रानी जसवीर कौर का क्षेत्र में आगमन हुआ माना जा रहा है। जसवीर कौर के महज एक पुत्र और एक पुत्री हुई है रिपुदमन उनका पुत्र बाद में महाराजा बना था।
किंतु महाराजा हीरा सिंह 1902 के आसपास कनीना एवं करीरा क्षेत्र में आए थे। अपनी पत्नी को साथ लेकर आने से उनके टेंट रणास वाली बणी के पास लगवा दिये थे और स्वयं करीरा की राजावाली बनी स्थित राजा वाला जोहड़ के पास न्यायालय लगाया था और लोगों की समस्याएं सुनी थी। आज भी करीरा का यह जोहड़ राजावाला नाम से तथा बणी राजावाली बणी नाम से जानी जाती है किंतु उनकी पत्नी के आवास के कारण कनीना की बणी आज भी रणास नाम से जानी जाती है। तत्पश्चात राणवास कहते हुये ग्रामीण लोग बोलचाल की भाषा में रणास नाम से पुकारने लगे। जहां आज भी राजावाली बनी पर धार्मिक स्थान बनाकर हर वर्ष मेले लगते हैं किंतु रणास वाली बणी पर एसटीपी( सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित कर दिया है। राजा के वक्त का तिबारा तथा पानी का कुआं जर्जर हालात में स्थित है जिन को देखने से ही लगता है कि किसी जमाने में महारानी यहां आकर ठहरी थी और यहां इसी कुआं से पानी पिया था।  यहीं पर उन्होंने विश्राम किया था। आज तिबारा और कुआं जर्जर हालात में खड़े हैं। जल्द ही दोनों समाप्त हो जाने की संभावना है।
कनीना के वयोवृद्ध पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह, डा मेहरचंद, पूर्व मुख्याध्यापक करता सिंह, हरद्वारीलाल का कहना है कि तिबारा एवं कुआं इतिहास को समेटे हुए है। यद्यपि यह कुआं और यह तिबारा किसी रैबारी तथा बंजारा द्वारा बनवाया था जो इतिहास समेटे हुये है।
फोटो कैप्शन  4: राजा वाला जोहड़ और बणी तथा
पांच: रणासवाली बणी के पास कनीना का तिबारा एवं कुआं जर्जर हालात में।




शादी में आए व्यक्ति की बाइक चोरी, मामला दर्ज
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 कनीना। मनीष कुमार डालियाकी जिला रेवाड़ी ने कनीना पुलिस में शिकायत की है कि वह 26 अप्रैल को अपने मामा राजेश की लड़की की शादी में ककराला आए थे। मोटरसाइकिल मामा के मकान पर शादी स्थल के पास खड़ी की थी। रात्रि 11 बजे मोटरसाइकिल दिखाई नहीं दी। सुबह उठकर मोटरसाइकिल की तलाश की गई किंतु कहीं नहीं मिली। कोई अज्ञात व्यक्ति चोरी कर ले गया। पुलिस ने उनकी शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शनिवार को बाइक चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।



कोरोना को हराये, भारत को आगे बढ़ाये
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आइये बंधुवर कोरोना को हराने का सार्थक प्रयास करे। मास्क, सेनिटाइज, ग्लव्ज, पूरे बाजू के कपड़े, सिर ढककर रखे तथा सरकार के आदेशों का सख्ती से पालन करे। देखना एक दिन कोरोना हारेगा।
देखना कोरोना एक दिन हारेगा, भारत की होगी जीत।
हँसते गाते लोग मिलेंगे, फिर से बढ़ जाएगी प्रीत।।

दुख में साथ देना सीखो, प्रभु संकट दूर करे।
भयभीत कभी मत होना, कोरोना से जरूर डरे।।

मास्क,ग्लव्ज, सेनिटाइजर, दो गज दूरी हो जरूर।
आत्मरक्षा करना सीखो, करना कभी नहीं गरूर।।

दुख में जो कोई मिलता, दो उसको कुछ सहारा।
हर इंसान देव सम हो, लगता है प्रभु को प्यारा।।
-होशियार सिंह लेखक,कनीना

  कापी ना भाई ना
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ब्लाग में लिखी हुई किसी भी स्टेटमेंट, लाइनों की कापी करके अन्यत्र प्रयोग करना कापीराइट के तहत जुर्म है। कृपया ब्लाग की प्रतिलिपि, कापी, पेस्टिंग, तोडऩा मरोडऩा कड़ी सजा का पात्र है। ब्लाग से कापी करते ही सूचना गूगल तक जा रही है कृपया इस अपराध से बचे। धन्यवाद
             आपका अपना,
                 -होशियार सिंह लेखक,कनीना



समय के बाद महंगे








दामों पर शराब बेचते हुए कारिंदे को रंगे हाथों पकड़ा, मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना पुलिस को पड़तल बस स्टैंड पर ठेके का कारिंदा शाम छह बजे के बाद ऊंचे दामों पर शराब बेचने की सूचना मिली। पुलिस ने ठेके पर छापा मारा तो कारिंदा शाम छह बजे के बाद भी ठेका खोले मिला। पुलिस ने मौके पर ही फोटो ली कारिंदे को काबू करके नाम पूछने पर मनोज बताया।  कारिंदे ने बताया कि ठेका खोलने के बारे में उसके मालिक अनिल इसराणा ने कह रखा है तथा ऊंचे दामों पर शराब बेची जाती है जिसमें आधा आधा मुनाफा बांट लेते हैं। कोरोना महामारी के चलते अपने मालिक से मिलीभगत करके सरकार के आदेशों की अवहेलना करने के जुर्म में 188/120 बी के तहत मामला अनिल व मनोज  के विरुद्ध दर्ज कर लिया है।

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