Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, May 4, 2021

 पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव को बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने पर कस्बे में खुशी की  लहर
*************************************************************************
*******************************
***********************************************
संवाद सहयोगी कनीना। कनीना। पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव को बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने पर कस्बे में खुशी की लहर है। पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कानीनवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व डिप्टी स्पीकर वह पूर्व एमएलए अटेली विधानसभा संतोष यादव बीजेपी के प्रधान नेतृत्व में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। जिससे सभी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कानीनवाल ने बताया कि संतोष यादव जब अटेली विधानसभा क्षेत्र से विधायक थी तो उन्होंने अटेली विधानसभा को बहुत सारे प्रोजेक्ट दिए।


आपातकाल के समय जेल काटकर आये थे हरि राम मित्तल
लोकतंत्रता सेनानी हरिराम मित्तल का कोरोना की वजह से निधन
कनीना, गाहड़ा, बाघोत में भी कोरोना के संक्रमण से हुईं तीन मौत
**********************************************************
****************************
*****************************
 कनीना। भारतीय जनता पार्टी कनीना मंडल के कोषाध्यक्ष व लोकतंत्रता सेनानी और भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर रहें सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हरिराम मितल का मंगलवार को कोरोना के कारण मौत हो गई। तकरीबन 4 दिन पहले हरिराम मित्तल बीमार हुए थे उसके बाद परिजनों से एक निजी अस्पताल में लेकर गए वहां से चिकित्सकों ने उन्हें रोहतक रेफर कर दिया।  हरिराम मित्तल रोहतक अस्पताल में भर्ती थे। कस्बे में रह रहे हरिराम मितल लोकतंत्र के प्रहरियों में से एक थे। जिन्होंने 6 दिसंबर 1975 को सत्याग्रह किया, जिसका परिणाम भुगतते हुए उन्होंने उन्हें जेल की सजा मिली। छह अप्रैल 1956 चेलावास में मामचंद और शांति देवी के यहां पैदा हुई संतान लोकतंत्र के सजग प्रहरी बनकर उभरी।
 उन दिनों जब इंदिरा गांधी पूर्व प्रधानमंत्री ने 24 जून 1975 की रात को आपात काल घोषित कर दिया था। आपातकाल के विरोध में नारनौल में सात जनों ने सत्याग्रह की राह अपनाया जिनमें  सत्यप्रकाश गुरुग्राम, मौजी राम, लक्ष्मीनारायण, रामनिवास तथा हरिराम मित्तल एवं दो अन्य साथियों ने नारनौल के आजाद चौक से जुलूस शुरू किया और बाजार से होते हुए कचहरी तक आंदोलन किया था। उनके इस कृत्य से रुष्ट होकर उन्हें बंदी बना लिया। उस वक्त सरकार के विरुद्ध किसी भी प्रकार की बोलने की आजादी नहीं थी, पत्रकारिता पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। जायज बातों पर भी सेंसरशिप लगी हुई थी, पब्लिक के साथ अन्याय किया जाता था, जबरन नसबंदी की की जा रही थी चाहे 15 साल का हो या 85 वर्ष का, बसों में सवार हो या ट्रेनों में सवार और सभी को पकड़कर नसबंदी कर दी जाती थी। नसबंदी करने वाले डॉक्टरों के लिए इनाम की घोषणा भी कर रखा था। जबरन नसबंदी के परिणाम स्वरूप लोगों में भारी रोष पनपा। यदि कोई खुलकर बोलता तो पुलिस पकड़ कर ले जाती उसे मीसा या डीआईआर लगा देती। मीसा लगने पर न्यायालय में भी नहीं जा सकते थे। डीआईआर लगने पर सुनवाई न्यायालय में बड़ी मुश्किल से हो पाती थी। बिना बात नेताओं के अंदर कर दिया गया। इंदिरा गांधी को इलाहाबाद कोर्ट हरा दिया गया, उनका चुनाव अवैध घोषित हो चुका था। उस समय कनीना में आरएसएस शाखा के सदस्य के रूप में शिव कुमार अग्रवाल आदि को भी पकड़ लिया गया और उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया। 6 जनवरी 1976 को जमानत मिल गई थीं। हरिराम मित्तल के बेटे राहुल मित्तल बताते हैं कि उनके पिता ने उन्हें बताया था कि उस वक्त उनकी उम्र महज 19 वर्ष की थी। शादी नहीं हुई थी किंतु उनकी दादी मनभावती गुजर चुकी थी वहीं उनकी मंझली बहन की 19 जनवरी 1976 को शादी होनी थी। ऐसे में जब वे जेल में थे तो घर परिवार बेहद परेशान रहा। आखिरकार 1977 तक केस चलता रहा और 21 मार्च 1977 को आपात काल खत्म कर दिया गया केस वापस ले लिए गए। उनका केस भी खत्म हो गया। जेल के वक्त उस वक्त उनका सारा परिवार दुखी था। वे दो भाई और पांच बहने परिवार के सदस्य थे। इस वक्त भी उनकी मां शांति देवी(87) जीवित है वह भी उन दिनों को याद करके सिहर उठती है परंतु आखिरकार उनकी वर्तमान सरकार ने सुनी।  26 जनवरी 2016 को नारनौल में ताम्रपत्र लेकर उन्हें पुरस्कृत किया उस समय विक्रम सिंह मंत्री भी हाजिर थे। दो अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बसों में सफर करने के लिए बस पास प्रदान किया। प्रथम नवंबर 2017 को दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन घोषित की और उसी दिन से लागू रही।  राहुल मित्तल बताते हैं कि उनके पिता जब नारनौल जेल में गए तब 17 लोग उनके साथ गए थे। जिनमें से कुछ रेवाड़ी के भी थे। उन दिनों दर्पण नामक अखबार चोरी-छिपे छपता था, चोरी छिपे ही बांटा जाता था, वे बड़ी लगन से उसे पढ़ते थे जिसमें लिखा होता था कि प्रजा अगर अन्यायी हो तो राजा दंड देता है लेकिन राजा अगर अन्यायी हो तो उसे कौन दंड देगा? महज धर्म की रक्षा पब्लिक करती है। धर्म की रक्षा करते हुए वे 65 वर्ष की उम्र में कोराना से संक्रमित होने के कारण उनकी मौत हो गई। वर्तमान में उनकी पत्नी ललिता देवी, उनकी दो लड़कियां और दो लड़के हैं लड़कियों की शादी हो चुकी है तथा एक लड़का अभी भी कुंवारा है। स्वास्थ विभाग की टीम ने उनका कोविड-19 की गाइड लाइन के अनुरूप अंतिम संस्कार कर दिया।


वहीं दूसरी तरफ बाघोत गांव की 24 वर्षीय
महिला मीनाक्षी की कोरोना की वजह से मौत हो गई। मीनाक्षी को बीपी की शिकायत थी जिसकी वजह से उसे नारनौल अस्पताल में भर्ती करवाया। मंगलवार को उसकी मौत हो गई। मीनाक्षी के एक 7 वर्ष की लड़की है वह 4 महीने पहले ही उसके एक लड़का हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ गाहडा गांव के बसंत लाल शर्मा का रेवाड़ी में कोरोना की वजह से देहांत हो गया। बसंत लाल 4 दिन पहले बीमार हुए थे परिजनों से रेवाड़ी सामान्य अस्पताल में लेकर गए जहां पर लगातार चार दिन उनका इलाज चला सोमवार को उनकी मौत हो गई। जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया।



दोगडा अहीर को किया सैनिटाइंज
***************************************************
**********************************
*************************
 कनीना। सोमवार को दौंगड़ा अहीर गांव में करोना बीमारी से 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ गांव दौंगड़ा अहीर के युवाओं ने कोरोना वाइरस से बचाव के लिए सेन्टाइज करते हेतु गांव की गलियों में छिड़काव किया तथा करोना बीमारी से मरने वाले व्यक्ति के मोहल्ले को पूरी तरह से सैनिटाइज किया। युवा शक्ति संघ के प्रधान दिनेश कुमार तथा गजेंद्र की देखरेख में गांव के मुख्य रास्तों,गलियों एवं सार्वजनिक स्थलों पर दवा का छिड़काव किया। इस दौरान संघ के सचिव इंजीनियर अशोक कुमार यादव ने बताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने को बिना काम से घरों से बाहर न निकलना,सार्वजनिक स्थानों तथा दुकानों पर इक_े न होना,ताश ना खेलना के बारे में भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है। उन्होंने सभी ग्रामीणों से निवेदन किया कि प्रदेश के लोक डाउन के महत्व को समझते हुए अपने घरों से बाहर निकलने से बचे।
वहीं शेर सिंह प्रधान ने बताया की इस घातक वायरस से एकमात्र उपाय बस स्वच्छता एवम सामाजिक दूरी बनाकर घर पर ही रहना है। अब जब अपने ही गांव में इस बीमारी से मौत हो गई है तथा आस-पास के गांवों में इस रोग के संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं, तो गांव के युवाओं ने घरों से बाहर निकलने का खतरा मोल लेते हुए,समाजसेवा और गांव के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए सेनीटाइज किया। सेनीटाइज करने से वायरस के साथ-साथ अनेक दूसरी बीमारियों का खतरा भी दूर होगा। गांव के बुजुर्ग व मौजिज लोगों ने युवाओं के इस कार्य की भरपूर सराहना कर उनको आशीर्वाद दे कहा की युवाओं के हाथ में गांव का उज्ज्वल भविष्य है और वे अपने कर्तव्य और कार्यों के प्रति भली-भांति जागरूक हैं। गांव में सैनिटाइजेशन के कार्य के दौरान इंजीनियर अशोक यादव के अलावा "युवा शक्ति संघ"से दिनेश,शेर सिंह प्रधान ,सोनू उर्फ सतीश ,नरवीर, सुनिल, गजेंद्र ,पुनीत आदि अनेक युवाओं ने ट्रैक्टर का उपयोग कर गांव की गलियों को सेनीटाइज किया। फोटो साथ है


कड़ी धूप में भी बंदरों की करनी होती है सुरक्षा
***************************************************************
**********************************
******************************
,कनीना। कनीना कस्बे में बंदरों की समस्या सिर चढ़कर बोल रही है। लंबे अरसे से कनीना में बंदर बेहद परेशान कर रहे हैं। हर घर में हजारों रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष कर देते हैं। यदि बागवानी, फल फूल पौधे लगा लिए जाये तो कुछ ही दिनों में बंदरों द्वारा उखाड़ दिये जाते हैं। कस्बा की सुमंत देवी का कहना है कि वह दिन भर पेड़ पौधों के पास धूप और छांव में बैठी रहती है। क्योंकि बंदर न जाने का उनके फलों को तोड़ जाते हैं। पौधों को क्षत विक्षत कर जाते हैं तथा छोटे पौधों को तो उखाड़ कर रख देते हैं। बंदरों द्वारा काटने, परेशान करने, नुकसान पहुंचाने की घटनाएं आम हो गई है। एक बार कनीना नगर पालिका ने कुछ बंदर पकड़वा कर छुड़वाए थे और अब फिर से उन्हें दूर छुड़वाने की मांग उठ रही है।


घरों में रहे, बाहर न घूमे
***********************************************************
**********************************
*******************************
 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के डा जितेंद्र मोरवाल कहा है कि गर्मी बढ़ती जा रही है तथा कोरोना भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में लोगों को घरों में रहना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेना चाहिए तथा घर से बाहर नंगे हाथ पैर कभी नहीं घूमना चाहिए। वैसे भी कोरोना की वजह से घर से बाहर निकलना उचित नहीं है। ऐसे में उन्होंने हिदायत दी है कि लोगों को घर में आराम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन हो जाता है शरीर से पानी की कमी हो जाती है और समस्या बढ़ जाती है उधर बाहर घूमने से कोरोना की मार पड़ रही है। ऐसे में शांत होकर घर में आराम करें।



लोकडाउन का उल्लंघन करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- एसडीएम दिनेश कुमार
**********************************************************************
**********************************
*************************************
कनीना। कोरोना महामारी को लेकर लगे लाकडाउन में अगर कोई भी सरकार द्वारा बनाए गए नियम का पालन नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये विचार कनीना के एसडीएम दिनेश कुमार ने सोमवार को कनीना कार्यालय में अपने अधीन आने वाले कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।इस अवसर पर उन्होंने बैठक में आए कर्मचारियों को कहां की सरकार द्वारा एक सप्ताह का पूण लोकडाउन लगा दिया गया है जिसमें जो नियम बनाये हैं उनके अनुसार ही लोगों से कार्य कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग डाउन में कोई सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाए ताकि कोरोना महामारी को रोका जा सके। वही बैठक में आए अधिकारी व कर्मचारियों ने  उप मंडल अधिकारी को आश्वासन दिया कि सरकार की गाइडलाइन का पालन कराना हमारी ड्यूटी है जिसको हम बखूबी निभाएंगे और लोगों को लाकडाउन के महत्व के बारे में भी समझाएंगे। इस अवसर पर अधीक्षक सुरेंद्र कुमार, रीडर आनंदपाल, बाबू वीरेंद्र सिंह, मनीष कुमार, रितु उमेद जाखड़ पटवारी, अनूप पटवारी के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: कर्मचारियों की बैठक लेते हुए एसडीएम दिनेश कुमार।




मंडी से उठान हुआ पूर्ण
*************************************************
****************************
****************
 कनीना ।कनीना अनाज मंडी में इस वर्ष की खरीद पूर्ण हुई। गेहूं की खरीद 212495 बैग की, की गई है।जिनका उठान कार्य भी पूर्ण हो गया है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि अभी तक उठान चल रहा था, वह भी पूर्ण हो चुका है। इस समय आन रिकार्ड किसी भी बैग उठाना बाकी नहीं है। विगत वर्ष की तुलना में इस बार अच्छी खरीद हो पाई है। पिछले वर्ष का खरीद में रिकार्ड टूट चुका है।

 



कड़ी मेहनत को सलाम--
प्रतिदिन 200 मरीजों की पर्ची बनाकर दवाई देने आदि का काम करते हैं फार्मेसी अधिकारी सतेंद्र
**********************************************************************
****************************
**************************************
 कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में सतेंद्र यादव फार्मेसी अधिकारी बेशक कनीना में 1 जनवरी 2020 से कार्यरत है किंतु उनकी तैनाती देखकर लगता है कि एक नहीं तीन कर्मियों का काम करते हैं। प्रतिदिन 150 से 200 मरीजों की पर्चियां बनाना, तत्पश्चात उनको दवा देना, 25 से 30 इंजेक्शन लगाना सब उनकी जिम्मेवारी होती है। कभी सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीज आते हैं उनको भी दवा देनी पड़ती है किंतु बाद में पता चलता है कि वे तो कोरोना संक्रमित था। ऐसे में उच्च रिस्क जोन में कार्य करना पड़ता है परंतु वे हंसते मुस्कुराते मरीजों को संतुष्टि देने की कोशिश करते हैं ताकि उनके काम से प्रभावित होकर मरीज जल्दी रोग से दूर हो जाए।
सतेंद्र यादव बताते हैं कि अभी तक वे सभी ऐतिहात बतौर सावधानी बरतते हैं, नियमों का पालन करते हैं और अभी तक कोरोना संक्रमित नहीं हुई है। वे मरीजों को विशेषकर खांसी जुकाम सर्दी वालों  से अपील करते हैं कि जब भी अस्पताल आए तो हाथों को सेनिटाइज करके मुंह पर मास्क लगाकर, 2 गज की दूरी बनाकर रखें ताकि किसी प्रकार की समस्या पास वाले व्यक्ति को या चिकित्सा अधिकारी को न झेलनी पड़े।
उन्होंने एक भेंटवार्ता में कहा कि यह मजबूरी है कि हर मरीज को पर्ची बनाकर देनी पड़ती है, हर मरीज को डाक्टर द्वारा बताए अनुसार दवाई देनी पड़ती है परंतु वे खुश हैं कि उनके हाथों से मरीज रोग से दूर हो जाते हैं। इस प्रकार एक नहीं तीन कर्मियों का काम करने वाले सतेंद्र यादव प्रभु को का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने जो भी काम दिया गया है उसे सदा यूं ही बखूबी से निभाते रहे। फोटो कैप्शन: सतेंद्र यादव।






बेहद नुकसानदायक हैं बाजार में कार्बाइड से पके हुए आम








***********************************************************
**********************************************************
कनीना। कनीना क्षेत्र में आम की बिक्री तेजी से चल रही है। ये देखने में तो बहुत मधुर और पके हुए लगते हैं लेकिन यदि हकीकत में जाए जाए तो कार्बाइड से पकाकर बेचे जा रहे हैं। ये जल्दी खराब हो जाते हैं और स्वास्थ्य पर दूरगामी नुकसान पहुंचाते हैं।
   कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए आम दिमाग, स्नायुतंत्र एवं फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं और इसी विधि से केला, आम, पपीता, तरबूज आदि को फल पकाए जा रहे हैं ताकि उनकी मांग बढ़ सके। फल खाने से लीवर को नुकसान पहुंचता है वही पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं।
बालकिशन वैद्य का कहना है कि कार्बाइड से पके हुए आम लीवर को बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसके परिणाम स्वरूप भविष्य में शारीरिक समस्या उत्पन्न हो सकती है।  डा वेद प्रकाश कनीना ने बताया कि ये फल स्नायु तंत्र खराब हो जाएंगे, फेफड़े आदि काम करना बंद कर देंगे। उन्होंने इन फलों से बचने की सलाह दी
 पूर्व कृषि वैज्ञानिक डा देवराज ने बताया कि आम की पैदावार गंगा के तट के साथ-साथ मैदानी इलाकों में ज्यादा होती है। उत्तर प्रदेश, बिहार आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में आम पैदावार होती है जो दिल्ली से विभिन्न राज्यों में पहुंचाए जाते हैं। दिल्ली में इनको पैक किया जाता है। उन्होंने बताया कि आम कतई नहीं खाने चाहिए क्योंकि ये नुकसानदायक होते हैं।
   बाजार में कैल्सियम कार्बाइड से पकाए गए फल धड़ल्ले बेचे जा रहे हैं। अनजाने में लोग भी इन्हें बड़े चाव से खा रहे हैं।
कार्बाइड से पके आम में विटामिन की मात्रा कम हो जाती है। कैल्सियम कार्बाइड एक रसायनिक पदार्थ है, जो फलों की नमी पानी से क्रिया करके इथाइल गैस बनाता है। इससे गर्मी उत्पन्न होने से समय से पहले फल पक जाता है। यह गैस फलों के माध्यम से लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
 कार्बाइडसे पके फलों के सेवन से दुष्प्रभाव तत्काल हो, लेकिन लगातार सेवन करने से पेट में छाले होने के साथ लीवर गुर्दे पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कार्बाइड केमिकल जहर की श्रेणी में आता है। ये फल ऊपर से पके अंदर से कच्चे होते हैं। इनका रंग भी प्राकृतिक रूप से पके फलों की अपेक्षा तेज होता है। फलों को हाथ में लेकर तेज रंगों को देखकर इनकी पहचान की जा सकती है। अगर आम में एल्कोहल, कार्बाइड या किसी अन्य तरह की महक आती है ऐसे आम न खरीदें। ये ज्यादा पके और अंदर से खराब हो सकते हैं।
फोटो 2 व 3: कार्बाइड से पके आम।

No comments: