सुख में तो सभी सेवा करते हैं पर दुख में सेवा करने वाले बहुत कम होते हैं -अनिल कुमार
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कनीना। जहां एक तरफ लोग कोरोना महामारी से बचने के लिए घरों में छुपे बैठे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पीडि़त वह उनकी सेवा करने वाले लोगों की हौसला अफजाई करने तथा उनमें में ताकत भरने का कार्य करने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में बाबा धन धन सतगुरु तेरा ही आश्रय के अनुयायी अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोराना गाइडलाइन का पालन करते हुए पुलिस थाने विभिन्न नाकों पर लगे अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों को नींबू पानी पिलाकर यह संदेश दे रहे हैं कि इस तरह के दुख भरे समय में हमें एक दूसरे की सेवा में सहायता करनी चाहिए जिससे भगवान भी खुश होता है और तुमने भी लगता है उनका यह भी कहना है। किस सुख में तो सब एक दूसरे के साथी होते हैं लेकिन सच्चा साथी तो वही होता है जो दुख में एक दूसरे की सेवा और सहायता करें। इस अवसर पर अटेली, कनीना, नारनौल, नांगल चौधरी महेंद्रगढ़ के सैकड़ों अनुयायियों ने विभिन्न थानों में अस्पतालों में व नाकों पर पड़े कर्मचारी व अधिकारियों को नींबू पानी पिलाकर उनकी हौसला अफजाई की।
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लेख----
कोरोना काल में बदलते सामाजिक मूल्य।
----होशियार सिंह यादव---
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विगत एक साल बीत गया, पूरे ही जगत में कोरोना काल चल रहा है। कोरोना ने जहां इंसान को बदल के रख दिया वही उनके सामाजिक मूल्य निरंतर बदलते ही जा रहे हैं। एक वक्त था जब इंसान आपस में मिलजुलकर , एक दूसरे की भावना की कद्र करते हुए सुख दुख में भागीदारी करते थे। शांतचित होकर पूरे परिवार के संग मिल बैठकर विभिन्न मांगलिक कार्यों, पर्वों एवं सामाजिक रीति रिवाजों में भाग लेते थे। अचानक खलल डालने कोरोना नामक वायरस आया जिसने सब कुछ बदलकर रख दिया जिसमें सामाजिक मूल्यों का ह्रास भी एक है।
इंसान मिल जुल कर रहते थे आपस में हुक्का, बीड़ी, सिगरेट आदि बैठकर सभा पार्टी आदि में लेते थे। लोग एक दूसरे के सुख दुख में शरीक होने के लिए भी विभिन्न प्रकार रीति रिवाजों में बंधकर कार्य करते थे। परंतु कोरोना के चलते इंसान-इंसान से दूर होता जा रहा है, घरों में छुपता जा रहा है। जहां मिलकर बैठने में बुराई लगने लगी है, वह दूर जंगलों में या एकांत में छुप कर आराम कर रहा है ताकि महामारी न लग जाये। यहां तक कि जब किसी की अंत्येष्टि की जाती थी तो भारी संख्या में लोग मिलकर अंत्येष्टि में जाते थे। आजकल जब किसी की मौत होती है तो जेहन में कोरोना कौंधता रहता है और इंसान उसके दाह संस्कार में जाने से कतराने लग जाता है। वास्तव में इतनी बुरी स्थिति कभी नहीं देखने को मिली। यहां तक कि कोरोना से मौत हो जाती है तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ही उसके परिजनों को बगैर दिखाएं शव का अंतिम संस्कार कर देते हैं। जिन लोगों को सम्मान के साथ कंधे पर बैठ कर जाना चाहिए था अगर कोरोना से मौत हो जाती है तो वह सम्मान तो दो तुरंत श्मशान घाट पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।
सैमाज में कितना बदलाव कोरोना ने कर दिया कि किसी कारण से जन की मौत होती थी तो उन्हें आंसुओं के साथ विदा करते थे। आज तो आलम यह है कि उन्हें चोरी छिपे नदियों में बहा रहे हैं। गंगा नदी में भारी संख्या में शव मिल रहे हैं जिससे सिद्ध होता है कि अपनों से कितनी दूर चले जा रहे हैं लोग। सामाजिक मूल्य कितने बदल गए हैं।
जब कभी विवाह शादी होती थी तो कितने ही कार्रवाई की जाती थी। आज जब वह शादी होती है तो सरकार की अनुमति से चंद जन ही जाते हैं और विवाह शादी को संपन्न कराते हैं।
अब तो पुराने समय से चले आ रहे शादियों के रीति रिवाज लगभग बंद कर दिए गए हैं। विशेषकर गौरवा, दूल्हे को दूध पिलाना, जूते छिपाना, यहां तक कि बैंड एवं डीजे बजाना सब धीरे-धीरे बंद कर दिये गये है। सबसे बड़ी बात तो जो इंसान पास बैठते थे, उन्हें आप 2 गज दूरी पर खड़े रहने की बात अनुमति है तथा दूर दूर रहकर बात करते हैं। किसी भी सभा और चौपाल में हुक्का पान आदि खाते पीते थे, जमकर बेहतरीन खाना खाते थे, वे अब बंद हैं। अब तो आम आदमी भी डरने लग गया है। खाने में कहीं कोरोना न हो ऐसे में खाना भी खाने से डरता है।
धड़ाधड़ मौत हो रही है। मौत के बाद परिवार वाले भी और चाहते हैं कि किसी प्रकार से शव को दूर ही ले जाया जाए क्योंकि कोरोना का डर है कि कहीं दूसरों में न लग जाए। समाज में देखा जाए तो कभी लोग घर के अंदर नहीं बैठे रहते हैं। अब घर के अंदर छुपे बैठे देखे जा सकते हैं। इक्का-दुक्का ही कोई मजबूरी में घर से बाहर जाता है।
पहले भी कुछ संप्रदायों में मुंह पर कपड़ा ढकने की प्रथा थी। अब हर व्यक्ति को मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ता है या मास्क लगानी पड़ती है और परिणाम यह है कि इंसान बोलते वक्त, बात करते वक्त दूर से ही बात करता है।
अब तो घर के अंदर भी परिवार वाले एक दूसरे को कम ही मिलते हैं। बहन बेटी अपने ससुराल जाते समय जा गले से मिलती थी ,वह गायब हो गई है। जहां तक पैरों को छूने की प्रथा थी उसकी जगह अब दूर दूर से ही हाथ जोड़कर नमन किया जाता है, हाथ मिलाना तो लोग भूल गए हैं। यहां तक की किसी पर्व और त्योहार पर गले मिलते थे एक दूसरे को नमन करते थे, सब कुछ गायब हो गया है। कुल मिलाकर शहर एवं गांव वीरान से नजर आते हैं।
ऐसी हालात शायद कभी नहीं देखी होगी। जब एक दूसरे के पास खड़े होकर भी बातें करना गुनाह माना जाता है। जहां कभी खांसते थे तथा सर्दी जुकाम एवं बुखार के वक्त सामान्य रोग समझा जाता था किंतु अब कोई व्यक्ति छींकता है या खांसता है तो उसे कोरोना का मरीज मान लेते हैं और उससे ऐसे डरते हैं जैसे कोई खतरनाक शेर आ गया हो। अभी और भी सामाजिक मूल्यों में बदलाव लाजमी है।
कभी जंगलों में तथा एकांत में साधु संत रहते थे किंतु अब तो रोगी एवं आम आदमी जंगल या एकांत की ओर भागना चाहता है ताकि रोग न हो। अब तो किसी उत्सव में बुलाने पर भी नहीं आता। चाहे इंसान अंतिम सांसे ले रहा फिर भी उसे देखने को इक्का दुक्का लोग मिलेंगे।
युवा शक्ति संघ ने दौंगड़ा अहीर में चलाया सफाई अभियान
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कनीना। दौंगड़ा अहीर में बने खेल परिसर में रविवार से युवा शक्ति संघ के युवाओं ने लाकडाउन के दौरान सफाई अभियान की शुरुआत की। खेल परिसर की जमीन पर खेल ग्राउंड की साफ-सफाई के लिए गांव के युवाओं ने श्रमदान किया।
युवाओं ने बताया कि खेल परिसर की साफ सफाई के लिए 5-6 दिनों तक लगातार श्रमदान करने की आवश्यकता है। युवाओं ने खेल मैदान की साफ-सफाई कर कांग्रेस घास, कंटीली झाडिय़ों और अन्य उगे झाड़ झंखाड़ों को हटाया। इसके लिए काफी युवाओं ने सहयोग किया। इस अवसर पर इंजीनियर अशोक यादव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से युवाओं में सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण भाव बढ़ता है और लाकडाउन के समय घर पर बैठे युवाओं ने समय का भी किया सदुपयोग किया है। युवा शक्ति संघ ने जनवरी माह में भी इसी तरह से खेल परिसर की साफ-सफाई की थी। इसी तरह अब इस लोक डाउन में भी दूसरे चरण में खेल परिसर की सफाई अभियान की शुरुआत कर स्वच्छता का बीड़ा उठाया है। गांव के युवाओं ने संकल्प लिया कि वो सफाई अभियान चलाएंगे साथ ही गांव के लोगों को भी इस अभियान में शामिल कर सफाई से रहने जागरूक करेंगे। इस अभियान में युवा शक्ति संघ के प्रधान दिनेश कुमार ,अनिल फौजी विशन देव आदि शामिल रहे।
फोटो कैप्शन 8: युवा वर्ग सफाई करते हुए। जागरण
सोमवार तथा मंगलवार को दी जाएंगी 18-44 वर्ग को 400 वैक्सीन डोज
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल में 18 से 44 आयु वर्ग के 400 युवाओं को सोमवार और मंगलवार को कोरोना वैक्सीन डोज दी जाएंगी। विस्तृत जानकारी देते
उप नागरिक अस्पताल कनीना के एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि हाल ही में 400 वैक्सीन आई है जिसके लिए 2 दिन सेशन चलेगा और 200-200 डोज प्रतिदिन 18 से 44 आयु वर्ग को दी जाएंगी। धनौंदा और सेहलंग में भी 18-44 आयु वर्ग को दवा दी जाएंगी।
एक ही गांव की दो युवा लड़कियों की मौत
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव रसूलपुर में जहां दो युवा लड़कियों की मौत हो गई। दोनों की कोरोना जांच नहीं हुई करवाई थी। मिली जानकारी अनुसार ईरा 12 वर्षीय लड़की के गले की हड्डी की कोई गले की समस्या थी जिनका जयपुर इलाज चल रहा था। जयपुर में उनकी मौत हो गई। रविवार सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर रसूलपुर में 16 वर्षीय एक लड़की सपना अपने प्लाट पर गई थी जहां चिनाई का काम चल रहा था और वह चक्कर खाकर गिर गई। परिजनों ने अस्पताल भर्ती करवाया जहां उनकी मौत हो गई। दो जवान लड़कियों की मौत पर सन्नाटा छाया हुआ है।
आइवाइसी ब्लाक अध्यक्ष नीरज चौधरी ने लगवाया टीका
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कनीना। इंडियन यूथ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष नीरज चौधरी ने उप नागरिक अस्पताल कनीना में कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। ब्लॉक अध्यक्ष नीरज चौधरी ने टीका लगवाने के बाद कहा कि कोरोना वैक्सीन का टीका सभी को लगवाना चाहिए। बहुत अधिक जरूरी कार्य हो तभी घर से बाहर मास्क पहन कर निकले। सामाजिक दूरी बनाए रखें बार-बार साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइजर का प्रयोग करें। अपनी बारी आने पर समय पर टीका लगवाएं। इस विपदा में हम सभी को मिलकर करोना महामारी को हराना है।
फोटो कैप्शन 9: कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाते हुए नीरज चौधरी।
इस्तगासा के आधार पर दो लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी का माला दर्ज
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कनीना। न्यायालय के आदेश पर दो लोगों के विरुद्ध प्लाट की धोखाधड़ी का मामला विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया है। प्रवीन नामक व्यक्ति जिला झज्जर हाल आबाद कनीना ने यह मामला सत्यवीर और अतर सिंह गांव लोकरा, पटौदी के विरुद्ध दर्ज करवाया है। प्रवीण ने कनीना न्यायालय में दायर किये इस्तगासा में कहा है कि प्रवीन छपार जिला झज्जर का निवासी है किंतु हाल आबाद वार्ड 13 का निवासी है। उन्होंने कहा है कि वह होंडा कंपनी मानेसर में नौकरी करता है तथा उसके साथ सत्यवीर नामक व्यक्ति भी नौकरी करता है। इसलिए सत्यवीर से जान पहचान हो गई। सत्यवीर ने प्रवीन से बताया कि उनका भाई अतर सिंह स्मार्ट सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से अलवर-भिवाड़ी रोड पर कंपनी चलाता है और कंपनी लोगों को सस्ते रेट पर प्लाट देती है। यदि चाहे तो प्लाट खरीद सकते हैं जिसके चलते प्रवीन 125 वर्ग गज का एक प्लाट सौदा 9,87,500 में तय किया। प्लाट की बुकिंग 19 अक्टूबर 2012 को कर दी गई, बुकिंग करने के बाद कंपनी द्वारा एक पत्र भी जारी किया जिस पर कंपनी के सभी एथेराइज्ड के हस्ताक्षर और मोहर है। इस पत्र में ही जमा की जाने वाली किस्तों का ब्यौरा दिया गया था। यही कारण है कि 19 अक्टूबर 2012 को बुकिंग के समय पर उन्होंने कनीना में 98,7,50 चेक के माध्यम से अदा कर दिए। इस मौके पर उन्हाणी निवासी दरिया जो परवीन के मामा लगते हैं, हाजिर था। चेक से पेमेंट कर दी गई। 22 अक्टूबर 2012 को रसीद भी प्राप्त हो गई। प्रवीण का आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनी का बुकिंग लेटर जारी कर दिया। 6 दिसंबर 2012 को 1,18,500 रुपये चेक से दे दिए जिसकी पेमेंट भी हो चुकी है। जिसकी कोई रसीद नहीं दी लेकिन उनके खाते से रकम कट चुकी है। इसके बाद तीसरी किस्त 1,48,125 का चेक दे दिया 30 जनवरी 2013 को जिसकी पेमेंट भी हो चुकी है। उसके बाद चौथी किस्त 1,48,125 चेक दोषी गण को दे दिए जबकि तीसरी और चौथी किस्त की रसीद 23 जुलाई 2013 को उन्हें मिली। चौथी किस्त की रकम के चेक का भुगतान भी हो चुका है। इस तरह कुल रकम 5,13,500 अदा हो चुकी है लेकिन कंपनी के लोगों ने प्लाट पर कब्जा नहीं दिया। बार-बार आश्वासन देते रहे किंतु अभी तक कब्जा नहीं दिया गया है। प्रवीण ने इस्तगासे कहा है कि दोषीगण फोन नंबर भी बदलते रहते हैं जिसके कारण उनसे किसी प्रकाश संपर्क भी साधा। अब तो दोषीगण रकम को भूल जाने की बात भी कहते हैं, यहां तक की रकम मांगने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। ऐसे में इस्तगासे के आधार पर कनीना पुलिस ने दो लोगों सत्यवीर और अतर सिंह के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 294/ 34/ 406/ 409/ 420 और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कोरोना वैक्सीन दी जाए घर-घर
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कनीना। पूरे देश में जहां कोरोना वैक्सीन विभिन्न केंद्रों पर दी जा रही है विभिन्न आयु वर्ग के लोग आनलाइन रजिस्ट्रेशन तो करते हैं लेकिन सफलता कम मिलती है। 20-20 दिन से कोशिश करने वाले लोगों का नंबर भी आनलाइन में नहीं बन पाता। 200 डोज महज पलक झपकते ही बुक हो जाती हैं।
ऐसे में लगातार मांग उठ रही है कि कनीना कस्बे में घर-घर या वार्ड वाइज कोरोना वैक्सीन दी जाए। कनीना उपमंडल में जहां कनीना उप नागरिक अस्पताल है वहीं सेहलंग में सीएचसी पड़ता हैं। कनीना के तहत जहां साथ सब-सेंटर आते हैं जिनमें कुल मिलाकर कनीना, कनीना मंडी, कोटिया, करीरा, भडफ़, चेलावास, ककराला, कपूरी, गाहड़ा, उन्हाणी, गुढ़ा, नांगल हरनाथ, रसूलपुर आदि गांव प्रमुख रूप से आते हैं। यहां पर वैक्सीन देने के बारे में अलग अलग राय है।
मुकेश नंबरदार कनीना मंडी का कहना है कि जिस प्रकार पोलियो की खुराक घर-घर जाकर पिलाई जाती है, अगर इसी प्रकार कोरोना की वैक्सीन दी जाए तो निश्चित ही स्वास्थ्य लाभ तो होगा ही साथ में उन्हें बार-बार इधर-उधर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कोरोना वैक्सीन उनको घर पर ही उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला एवं पुरुष अस्पताल तक जाने में बड़ी तकलीफ महसूस करते हैं। इसलिए भी बुजुर्ग वैक्सीन लेने की बजाय घर पर ही रहना पसंद करते हैं।
उधर रविंद्र बंसल व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष का कहना है कि कोरोना वैक्सीन वार्डवाइज दी जाए। कनीना में 13 वार्ड हैं। प्रत्येक वार्ड में तैनाती उप-नागरिक अस्पताल की ओर से कर दी जाए। साथ में उस वार्ड का पार्षद तथा नंबरदार आदि अहम भूमिका निभा सकते हैं और एक निश्चित तिथि घोषित की जाए जिस दिन उसी वार्ड में कोरोना वैक्सीन दी जाए और वो भी एक निश्चित आयु वर्ग को। इस प्रकार सभी व्यक्तियों को घर बैठे बिठाये लाभ मिल सकता है।
मदनलाल गेरा समाजसेवी का कहना है कोरोना तेजी से बढ़ रहा है और इसका समाधान कोरोना वैक्सीन माना जाता है। कोरोना के लिए जहां महामारी से बचने के लिए उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी सीधे लोगों तक वैक्सीन पहुंचाए और लोगों को दे। समस्त रिकार्ड नोट कर लिया जाए तथा उसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन उप नागरिक अस्पताल के कर्मचारी कर दे तो ज्यादा कारगर होगा। यहां तक कि विभिन्न गांवों में अलग-अलग दिन कोरोना निर्धारित किया जाए जिस दिन गांव में कोरोना वैक्सीन दी जाए। इस प्रकार आसानी से पूरे ही क्षेत्र के लोगों को कोरोनावायरस दी जा सकती है। जिस प्रकार किस प्रकार पोलियो की खुराक से कोई बच्चा नहीं छूटता इसी प्रकार कोरोना वैक्सीन से कोई व्यक्ति नहीं बचना चाहिए। जिससे देश में मृत्यु दर घटेगा।
फोटो कैप्शन: रविंद्र बंसल, मुकेश नंबरदार, मदनलाल गेरा।
उच्च रक्तचाप दिवस पर विशेष
खानपान में बदलाव के चलते बढ़ रहे हैं उच्च रक्तचाप के मरीज
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कनीना। कभी शहरी क्षेत्रों में ही उच्च रक्तचाप के लोग मिलते थे किंतु अब ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं है। सादा शाकाहार खाने की बजाय फास्ट फूड तथा मांसाहार की ओर ध्यान लोगों का गया है तब से रक्तचाप बढ़ता ही जा रहा है। रक्तचाप बढऩे के पीछे तनाव भी एक कारण है। अक्सर भारी संख्या में लोग तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं। विभिन्न कार्यालयों से भी तनाव बढ़ता जा रहा है। सौहार्दपूर्ण वातावरण अब घटता जा रहा है परिणाम स्वरूप लोगों का रक्तचाप बढ़ता ही जा रहा है।
यद्यपि गली-गली चाय की दुकानें, शराब के ठेके, बीड़ी सिगरेट बेचने की दुकानें, पान पराग मसाले आदि की दुकानें खुली हुई है, जहां से युवा पीढ़ी भी इन चीजों का प्रयोग करना शुरू कर देती है। बाद में उन्हें पछतावा तो होता है किंतु बहुत देर हो चुकी होती है। क्षेत्र के डाक्टरों से इस संबंध में चर्चा की गई। डा वेद प्रकाश का कहना है कि जितनी सादगी से जीवन जीएंगे उतना ही रक्तचाप सामान्य रहेगा, जितनी भोजन में जटिलता प्रयोग की जाएगी उतना ही रक्तचाप बढ़ेगा। व्यक्ति हंसी-खुशी परिवार के संग जीते हैं, यहां तक कि योगाभ्यास करने वाले, सुबह घूमने फिरने वाले तथा दिनचर्या पर विशेष ध्यान वाले देने वाले लोग भी सही रक्तचाप के मिलेंगे।
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन और श्रीकिशन शर्मा से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आज के दिन फास्ट फूड खास पसंद की चीज बन गई है जिसके चलते रक्तचाप बढ़ रहा है। रक्तचाप का पता तब चलता है जब कोई शरीर में नुकसान होता है। यही कारण है कि विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ अनाप-शनाप प्रकार की वस्तु चाय, बीड़ी, चिलम आदि जमकर प्रयोग किये जाते हैं जो इंसान को हृदय रोगजैसी बीमारी की ओर धकेल देता है। उन्होंने सादा खाना खाने,हंसी ठठ्ठा करने, घूमने फिरने, योगाभ्यास करने आदि पर बल दिया ताकि रक्तचाप सामान्य रहे।
कंवर सैन वशिष्ठ बने गौ-सेवा आयोग के संयोजक
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कनीना। भारत विकास परिषद के पूर्व प्रधान कंवर सैन वशिष्ठ का प्रदेश भारत विकास परिषद गौ-सेवा आयोग का संयोजक बनाया है।
अध्यक्ष भारत विकास परिषद कनीना के मोहन सिंह ने बताया कि कनीना शाखा की 4 वर्ष पहले स्थापना की थी जिसके कंरसेन वशिष्ठ लंबे सय तक अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वनाथ मिश्र को जिला गौ-सेवा का जिला अध्यक्ष व रमेश स्टाफ को जिला महासचिव नाया गया है। विश्वनाथ महेंद्रगढ़ बहुत अनुभव कार्यकर्ता हैं वह पहले महेंद्रगढ़ रेवाड़ी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं उनके मनोनयन पर जिला महेंद्रगढ़ के भारत विकास परिषद के सभी सदस्यों ने खुशी जाहिर की है। कंवर सैन वशिष्ठ ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसे पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करूंगा और सभी साथियों को साथ लेकर चलूंगा। श्रीराम जन्म भूमि नीधी के जिला संयोजक सुरेंद्र सिंह यादव, सेवा भारती के कनीना प्रधान सुरेश कुमार शर्मा, बीजेपी मंडल प्रधान अतर सिंह कैमला, विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष दिलावर सिंह यादव, पूर्व प्रखंड प्रधान महेश बोहरा, पार्षद अरुणा शर्मा, सरिता भारद्वाज ,प्रेम, लखनलाल सिंह, दिलीप सिंह पार्षद, धनपत, संतलाल धंन्नोदा, दयाशंकर तिवारी महेंद्रगढ़, महावीर प्रसाद शर्मा, मास्टर कृष्ण सिंह यादव ,सुरेंद्र, ओमप्रकाश गाहड़ा, हनुमान, बलराम ने खुशी जाहिर की है।
फोटो कैप्शन: कंवरसेन वशिष्ठ।
गांवों में पर्यावरण की शुद्धता के लिए किया हवन
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कनीना। कोरोना वैश्विक महामारी को जड़ से खत्म करने व पर्यावरण शुद्धि के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष कुमार जोनी ने तीन दिवसीय महायज्ञ अभियान की सफल शुरूआत की।
अध्यक्ष कुमार जोनी ने बताया की आज के इस महामारी के दौर में वातावरण की शुद्धि एवं विश्व शांति के लिए यह महायज्ञ अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। जिससे की पर्यावरण शुद्ध हो और कोरोना महामारी का प्रकोप भी कम हो सकेगा। यह महायज्ञ अभियान हरियाणा के साथ साथ देश के 24 राज्यों में चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम सुन्दरह, खेड़ा, नांगल मोहनपुर, झिगावन में सम्पन्न हुआ। उधर गाहड़ा में भी दो दिवसीय यज्ञ संपन्न हो गया है।
फोटो कैप्शन 6: हवन यज्ञ करते हुए युवा।
बिजली विभाग में लागू आनलाइन तबादला नीति का किया विरोध
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कनीना। एचएसइबी वर्कर यूनियन के प्रदेश मुख्य संगठनकर्ता महावीर पहलवान बाघोत ने कड़े शब्दों में तबादला नीति का विरोध किया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि कोरोना की इस महामारी में बिजली विभाग में 50 से ज्यादा कर्मचारी शहीद हो गए व 900 से ज्यादा कर्मचारी आज कोरोना पाजिटिव है, उनको कंपनसेशन देने या फिर मेडिकल सुविधा मुहैया करवाई जाए व डीसी रेट पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी कोरोना से बचने की पीपीई किट व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाए। डीसी रेट के जो कर्मचारी कोरोना पीडि़त है उनको भी कंपनसेशन दिया जाये।
उन्होंने कहा किएचएसईबी वर्कर यूनियन शुरू से ही बिजली विभाग में आनलाइन तबादला नीति के लागू किए जाने का पुरजोर विरोध करती रही है तथा यूनियन के विरोध का संज्ञान लेकर 5 अक्टूम्बर 2020 को टीसी गुप्ता तत्कालीन एसीएस(पावर डिपार्टमेंट) हरियाणा सरकार द्वारा यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके इस पालिसी से सभी कर्मचारी विरोधी प्रावधानों का हटाने का आश्वासन दिया गया लेकिन उसके बावजूद पालिसीकी खामियों को दूर किए बगैर ही आनन-फानन में अधिकारियों द्वारा यूएचबीवीएन एवम डीएचबीवीएन में यूडीसी,एलडीसी,एवम जेई के तबादले कर दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पारदर्शिता के नाम पर लागू की जा रही आनलाइन पालिसी के तहत किए गए तबादलों में अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया। प्रबंधन के आश्वासन तथा कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए यूनियन द्वारा नैतिकता के आधार पर विरोध प्रदर्शन को स्थगित किया गया लेकिन बड़े खेद के साथ कहना पड़ता है कि अधिकारियों द्वारा पिछली खामियां दुरुस्त करना तो दूर की बात अभी 6 मई 2021 को चीफ आपरेशन पंचकूला द्वारा ए एलएम,लाइनमैन, शिफ्ट अटेंडेंट, फोरमैन आदि तकनीकी कर्मचारियों की आनलाइन तबादला के लिए पत्र जारी कर दिया गया जबकि उपरोक्त मीटिंग में किसी भी फोरमैन स्तर तक तकनीकी कर्मचारी का तबादला ना करने पर सहमति बनी थी और प्रबंधन द्वारा हाईकोर्ट में भी लिखित में इन कर्मचारियों की तबादलों से हादसों के बढऩे से जान माल की हानि होने की बात को स्वयं लिखित में स्वीकार किया है।
उन्होंने आनलाइन तबादला पालिसी के तहत गलत तबादले तुरंत प्रभाव से रद्द करने का आग्रह किया है। अन्यथा यूनियन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भी विरोध प्रदर्शन का निर्णय लेने के लिए बाध्य होगी। इसका विरोध करने में सर्कल सचिव टीएस रामरतन शर्मा गोमली, सर्कल सचिव सतवीर यादव ,आर्गनाइजर सतवीर यादव, मुख्य सलाहकार भूप बड़ेसरा, जिला प्रधान महासंघ शिवकुमार यादव ,यूनिट प्रधान सत्यवान यादव व अशोक यादव आदि ने भी कोरोना से पीडि़त कर्मचारियों की पूरी सुविधा मुहैया करवाने की मांग की है।
फोटो कैप्शन: महाबीर पहलवान।
6 गांवों में मिले 21 कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र के 6 गांवों में 21 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। मिली जानकारी के अनुसार भालखी- एक, दौंगड़ा अहीर-एक, खैराना-एक ,मोहनपुर-एक ,कोटिया 16 और पड़तल में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है।उधर डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ कनीना का कहना है कि लापरवाही के चलते ये केस बढ़ रहे हैं। लोग जानबूझकर कोरोना की जांच नहीं करवाते। कनीना में लगातार कोरोना के केस आ रहे हैं। प्रतिदिन करीब 100 व्यक्तियों की कोरोना जांच की जाती है परंतु कुछ लोग जानबूझकर मास्क नहीं लगाते। इधर-उधर आवारा घूमते हैं। कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करते ,यहां तक की कोरोना की संभावना होने जैसे बुखार,सर्दी, जुकाम आदि होने जांच नहीं करवाते। ऐसे में महामारी बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी नियमों का पालन नहीं करेंगे, महामारी को भगाया नहीं जा सकता।
डा पीके राय का हुआ निधन
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कनीना। कनीना में लंबे समय से प्रैक्टिस कर रहे डा पीके राय का निधन हो गया। वे गत दिनों कोरोना संक्रमित हो गये थे। इससे पहले ब्रेन ट्यूमर के कारण लंबे समय तक इलाज चला था और मुश्किल से इनकी जान बची थी किंतु अब कोरोना की चपेट में आने से उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
लाकडाउन में शराब बेचने का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना पुलिस कने मुखबिरी के आधार पर कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ के एक ठेके पर छापामारी की तो एक नौजवान शराब बेचता हुआ पाया। पुलिस को देखकर वो भागने लगा तो लड़के को पकड़ लिया गया। उसका नाम प्रदीप कुमार भडफ़ बताया। पुलिस ने ठेका चेक करके भारी मात्रा में अंग्रेजी व देशी शराब बरामद की। पुलिस ने जब प्रदीप से पूछताछ की तो बताया कि वह तथा विजेंद्र छितरोली, ठेका मालिक योगेश वासी ऊंचा रेवाड़ी के कहे अनुसार लाकडाउन में शराब बेचते हैं जो मुनाफा होता है तीनों बराबर का बांट लेते हैं। प्रदीप ने अपने साथी बिजेंद्र व ठेका मालिक योगेश के साथ मिलकर सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर तथा ठेका खोलकर शराब बेचने के जुर्म में विभिन्न धाराओं के तहत तीनों जनों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
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