जल्द से जल्द मिलेंगी कनीना उप नागरिक अस्पताल को सुविधाएं -विधायक सीताराम
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कनीना। भाजपा के जिला प्रवक्ता ओमप्रकाश लिसानिया ने गत दिनों मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर को ज्ञापन भेजकर कनीना के 50 बेड के अस्पताल में सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की थी जिन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए विधायक सीताराम यादव तथा सांसद चौधरी मामले को संज्ञान में लेते हुए सभी सुविधाएं अविलंब प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
क्या था ज्ञापन क्या -जिला प्रवक्ता भाजपा ओमप्रकाश लिसानिया ने भेजे ज्ञापन में कहा है कि
कनीना के 50 बेड के अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डाक्टरों और वेंटीलेटर आदि की विशेष जरूरत है ।
उनके द्वारा भेजे गए ज्ञापन में कहा है कि कनीना में 50 बेड का अस्पताल 2 वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गया था जिसमें तीन मंजिल है।
अस्पताल में इस वक्त 10 से 12 बेड हैं। डाक्टरों, स्टाफ नर्स, उपकरणों की कमी के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। इस 50 बेड के अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। उन्होंने ऐसे में 50 बेड के अस्पताल में 5 वेंटीलेटर, ईसीजी मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स रे मशीन, एक लिफ्ट, डाक्टर एवं नर्स स्टाफ को पूर्ण करके अस्पताल को 50 बेड का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विधायक अटेली सीताराम भी प्रयासरत है। कनीना क्षेत्र में कोरोना महामारी बहुत बुरी तरह से फैली है, मरीजों को दूरदराज के अस्पताल चक्कर काटने पड़ते हैं, बेड नहीं नहीं मिलते। ऐसे में कनीना के बेहतरीन भवन में 50 बेड सहित संपूूर्ण सुविधाएं दी जाएं।
क्या कहते हैं चौधरी धर्मवीर सांसद-सांसद चौधरी धर्मवीर ने जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश लिसानिया को फोन पर बताया कि उनकी बात एसीएस राजीव अरोड़ा से हो चुकी है। सभी सुविधाएं जल्द से जल्द कनीना के अस्पताल में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जरूरत होती है। प्रदेश सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे रही है और जल्द से जल्द सभी सुविधाएं कनीना के अस्पताल में दी जा रही हैं। उन्होंने फोन पर जिला प्रवक्ता को सारी जानकारी जुटाई है।
क्या कहते हैं सीताराम विधायक-
अटेली विधायक सीताराम यादव ने भी जिला प्रवक्ता ओमप्रकाश लिसानिया को फोन पर बताया कि कनीना के अस्पताल में तीसरी मंजिल पर कोरोना के दृष्टिगत 6 बेड तुरंत प्रभाव से शुरू किए जा रहे हैं और लिफ्ट का सामान आ चुका है। आगामी 5 दिनों में लिफ्ट लगाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही सभी सुविधाओं वाला कनीना का अस्पताल होगा। उधर जिला प्रवक्ता ने खुशी जताई कि उनके एक छोटे से ज्ञापन पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। इस मौके पर कंवरसेन वशिष्ठ , महेश बोहरा, कुलदीप बोहरा, सुरेंद्र सिंह आदि ने खुशी खुशी जताई है।
फोटो कैप्शन: जिला प्रवक्ता ओमप्रकाश, विधायक सीताराम यादव, सांसद चौधरी धर्मवीर।
हरियाणा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा चौहान के नेतृत्व में देर तक चली पहली वर्चुअल बैठक
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कनीना। हरियाणा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा चौहान के नेतृत्व में पहली वर्चुअल बैठक हुई। इस वर्चुअल बैठक में हरियाणा भाजपा की उपाध्यक्ष व भाजपा महिला मोर्चा हरियाणा की प्रभारी संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में रही। उन्होंने बैठक में उपस्थित प्रदेश महिला मोर्चा की सभी पदाधिकारी व जिला अध्यक्षों से औपचारिक परिचय किया।
परिचय के बाद बैठक को आगे बढ़ाते हुये संतोष यादव ने महिला मोर्चा की प्रत्येक जिला अध्यक्षों द्वारा कोविड-19 मे किये जा रहे जनसेवा के कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ सभी अध्यक्षों की चुनौतियों एवं सुझाव पर विस्तृत चर्चा भी की। जिला अध्यक्षों से चर्चा के बाद सुमित्रा चौहान ने प्रदेश महिला मोर्चा की सभी पदाधिकारियों से भी प्रदेश स्तरीय सुझाव लिये और उन सुझावों को संगठन के साथ चर्चा कर उन पर कार्य करने का आश्वासन दिया।
फोटो कैप्शन 10:भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सुमित्रा चौहान बर्चुअल बैठक लेते हुए।
गर्मी में पक्षियों का रखें ख्याल- पंकज कनीनवाल
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कनीना। जैसे जैसे गर्मी का पारा बढ़ रहा है पक्षियों के लिए पानी और भोजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। डाक्टर पंकज कनीनवाल ने भक्ति मंदिर कनीना में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते वक्त कहा कि अधिक गर्मी होने की वजह से पक्षियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे से पक्षी मर रहे हैं। इस समय में हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम इन बेजुबान पक्षियों के लिए दानी पानी की व्यवस्था करें। सभी को पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ खेतों में नीलगाय को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जब फसल होती है तो खेतों में फव्वारे चल रहे होते हैं वहां पर वह पानी पी लेते हैं लेकिन इस वक्त खेतों में फसल नहीं है और ना ही कहीं पानी भरा हुआ है इस वजह से नीलगाय को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन लोगों के ट्यूबेल है वह ट्यूबवेल पर इन बेजुबान जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करें।
उधर सूबे सिंह, अजीत कुमार, बालकिशन करीरा ने भी पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध किया है।
फोटो कैप्शन 11: पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते पंकज कनीनवाल।
187 कोरोना डोज दी गई
-लिये गये 56 सेंपल
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां सोमवार को 18 से 44 आयु वर्ग को कोरोना वैक्सीन दी गई वहीं मंगलवार को भी 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को 187 कोरोना वैक्सीन दी हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि अभी कोरोना वैक्सीन आनी है। वैक्सीन आने पर ही बुधवार को सेशन चलाया जाएगा।
56 टेस्ट लिया -
उधर प्रतिदिन कनीना के नागरिक अस्पताल में कोरोना के लिए सैंपल लिए जाते हैं। मंगलवार को कोरोना के लिए 56 सैंपल लिए गए। डा जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि डा दीपांशु की देखरेख में सैंपल लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि लगातार सैंपल लिए जाते रहेंगे। उन्होंने अपील की कि कोरोना वैक्सीन जरूर ले तथा ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करें ताकि रोगों से बचा जा सके।
फोटो कैप्शन 7: कोरोना वैक्सीन लेते हुए युवती।
55 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों की तैनाती न लगाई जाए-अध्यापक परिषद
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कनीना। हरियाणा सरकार में समय-समय पर विभिन्न अध्यापकों की तैनाती विभिन्न कार्य में लगाई जा रही है किंतु वर्तमान में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है जिसमें बुजुर्गों को पहले रोग लगने का खतरा होता है। ऐसे में हरियाणा राजकीय अध्यापक परिषद के नेताओं ने कोरोना संक्रमण काल में 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के शिक्षकों को किसी प्रकार की तैनाती न लगाने की मांग की है। प्रदेश प्रेस सचिव केएस वशिष्ठ तथा निर्मल शास्त्री ने संयुक्त बयान में कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रोग लगने का ज्यादा जोखिम बुजुर्गों को होता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के रोगों से पीडि़त हैं उनको भी किसी प्रकार का खतरा बना रहता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि तैनाती लगाते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि शिक्षक 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र का न हो क्योंकि ऐसे व्यक्ति जल्दी रोग की चपेट में आते हैं और पहले भी सैकड़ों शिक्षकों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है। अगर जरूरी हो तो अन्य सभी शिक्षकों की तैनाती लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है की विभिन्न रोग फैल रहे हैं शिक्षक पढ़ाने के अलावा भी आने को कार्यों में लगाये जा रहे हैं, जो उचित नहीं लगता है। उन्होंने ऐसे में बुजुर्ग शिक्षकों को तैनाती से अलग करने की मांग की है।
झगड़ोली गांव को सेनिटाइज किया
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कनीना। कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु युवा मंच से बिजेंद्र सिंह के सौजन्य से झगड़ोली व ढाणी में समस्त गांव को सेनीटाइज किया गया तथा जरूरतमंदों को मास्क एवं ग्लव्स बांटे गए। विजेंद्र सिंह ने बताया कि बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है। उन्होंने सभी से निवेदन किया कि प्रदेश के लोक डाउन के महत्व को समझते हुए अपने घरों से बाहर निकलने से बचे। इस प्रयास में साधु सिंह,सतवीर भाटिया,देशराज ईश्वर सिंह,ललित,नरेंद्र, अभिषेक,सचिन,सुमित,राजवीर,मोनू,परमानंद तथा अजय हलवाई का विशेष सहयोग रहा।
फोटो कैप्शन 8: झगड़ोली में सेनिटाइज करवाते लोग।
जलभराव की समस्या के चलते बेवल ग्रामवासी परेशान
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कनीना। क्षेत्र के गांव बेवल में नालियों में पानी भरे रहने की वजह से ग्रामीण परेशान हैं। बेवल गांव के बस स्टैंड से मेन रास्तों पर ही नालियां पूरी तरह से लबालब भरी हुई हैं। बाबा भैया और बाबा समाध के स्थान के आसपास नालियों में पानी भर जाने के कारण गलियों में पानी बह रहा है। जिससे लोगों को आने जाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है गांव दक्षिण और पूर्व दिशा वाली फिरनी में काफी दिन से जलभराव की समस्या बनी हुई है। गांव के मुख्य मार्गों में से एक इस मार्ग की दुर्दशा के चलते लोगों के आने जाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं गन्दे ठहरे हुए पानी में मच्छर और मक्खियां पनप महामारी को बुलावा दे रहें हैं। ग्रामीणों को गंदगी कीचड़ के बीच से निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस रास्ते में जलभराव की समस्या को लेकर ग्रामीणों की ओर से मौखिक रूप से प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है। घरों से निकलने वाला पानी भी गांव की गलियों में भर जाता है। गलियों में जल निकासी नहीं होने के कारण सारा पानी गलियों में भरा रहता है। आए दिन गंदे पानी कीचड़ में फिसलने के कारण लोग चोटिल हो रहे हैं।आने वाले मानसूनी सीजन में ये समस्या और भी ज्यादा विकट होगी । ग्रामवासी रामपालसिंह, लालचंद, राजेन्द्रसिंह, रवियादव, सुरेंद्र, सुनील कुमार ने बताया की ग्राम सरपंच एवं प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया गया है इसके बावजूद भी कोई समाधान नहीं हो सका है और वे जल्द ही इसका उचित समाधान चाहते हैं।
फोटो कैप्शन 9: गंदा पानी नालियों में भरा हुआ।
दिनभर चली सावन जैसी फुहार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में दिनभर सावन सी फुहार पड़ती रही। मौसम खुशगवार हो गया। नहीं लग रहा था कि बैशाख की गर्मी पड़ रही है। गर्मी से राहत पाई वहीं खड़ी चंद फसलों को लाभ मिलने के आसार हैं।
कनीना क्षेत्र में जहां कपास उगाई जा चुकी है वहीं चारा देने वाली फसलें भी खेतों में खड़ी हैं। बारिश की फुहार फसल के लिए लाभकारी साबित होगी। कृषि विशेषज्ञ भी खड़ी फसल के लिए बूंदाबांदी को अच्छा मान रहे हैं किंतु भावी फसल के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं। चूंकि बार बार मौसम में नमी आने से ताप नहीं बढ़ पाएगा और सावन की बारिश पर प्रभाव पड़ सकता है।
कोरोना जैसी आपदा में हर संभव सहयोग के लिए रहेंगे वचनबद्ध - महंत बिट्ठल गिरी महाराज
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कनीना। श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा निर्मित और संचालित जय महाकाल जेएमके अस्पताल बोहड़ाकला का लोकार्पण किया।
महंत लक्ष्मण गिरी गौशाला बूचावास के संचालक एवं श्रीमहाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के सचिव महंत बिट्ठल गिरी महाराज ने बताया कि स्वामी ज्योति गिरी महाराज द्वारा यह अस्पताल जनसेवा के लिए बनाया गया है। इस महामारी में सभी का नैतिक कर्तव्य भी बनता हैं कि हम सब को आगे आकर अपने पास जो संसाधन हैं उन्हें जनसेवा में समर्पित करें ताकि आमजन के साथ-साथ सरकार का भी सहयोग किया जा सके।
महंत वि_ल गिरी ने यह भी कहा कि हमें सीमित संसाधनों से ही कोरोना जैसी महामारी पर लगाम कसते हुए इस पर विजय प्राप्त करनी है । इस जटिल कार्य के लिए हम सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनकल्याण को सर्वोपरि रखते हुए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा फिलहाल यहां जय महाकाल जेएमके अस्पताल कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर में 50 बेड की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है , जरूरत पडऩे पर यहां बेड की संख्या 90 तक बढ़ाई जा सकेगी। कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी को देखते हुए ऐसे पीडि़त अथवा रोगियों को जिन्हें कि सांस लेने में परेशानी हो या आक्सीजन लेवल जरूरत से कम हो उनका यहां अस्पताल में प्राथमिकता से उपचार किया जाएगा जिससे की पीडि़त अथवा रोगी जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है या भगवान का अवतार माना गया है । आज कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी में जितने भी डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी रात दिन सेवा कर रहे हैं वह वास्तव में भगवान के दूत के रूप में ही काम कर रहे हैं ।
श्रीमहाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के सचिव महंत विठ्ठल गिरि ने जय महाकाल जेएमके अस्पताल में आरंभ किये गए कोविड 19 आइसोलेशन सेंटर के संदर्भ में कहा कि, जिस लक्ष्य को लेकर यहां अस्पताल बनाया, आज खुशी है कि महामारी में यह भवन रोगियों के स्वास्थ्य लाभ के काम आएगा। श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट आपदा के समय शासन-प्रशासन सहित सरकार के सहयोग के लिए वचनबद्ध है।
फोटो कैप्शन: महाराज बिट्ठल गिरी।
पालिका प्रधान ने संभाली दूसरी बार जिम्मेदारी
-विगत वर्ष महायोद्धा बनकर उभरे थे
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कनीना। कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार सेवा रसोई के जरिये दूसरी पारी संभाल ली है। विगत वर्ष कोरोना महायोद्धा बनकर पूरे ही प्रदेश में नाम कमाया था। गत दिनों से अस्पताल के मरीजों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। पालिका की ओर से मरीजों को खाना देने का काम शुरू कर दिया है जिनकी संख्या 25 से 30 होती है। उन्होंने बताया कि हलवाई की सहायता से भोजन बनाया जाता है। दिनभर हलवाई तैयार रहता है। चाय एवं जूस तक की भी व्यवस्था होती है। डाक्टरों के दिशानिर्देशों के अनुसार खाना प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार भी बेहतर खाना प्रदान कर वे नाम कमाएंगे। पालिका के कर्मी साफ सफाई तो हलवाई सुबह शाम का खाना बनाकर देता है।
वगत वर्ष कमाया था प्रदेश में नाम-
कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार वर्ष 2020 में कोरोना महायोद्धा के रूप में उभर कर सामने आए थे जिन्होंने 25 मार्च से लगातार प्रतिदिन 2000 लोगों को दो माह तक खाना खिलवाया।
विदित है कि 2020 में बाहर के लोगों के खाने, ठहराने की अहम भूमिका अदा की थी। जहां पालिका के सभी पार्षदों ने अपने दो-दो माह का पारिश्रमिक खाने के लिए दिया वही गांवों से तथा कनीना के लोगों ने जमकर दान दिया जिसके चलते यहां ठहरने खाने-पीने की समुचित व्यवस्था बाहर के लोगों के लिए बन पाई थी जो अभी तक याद है। इसमें सबसे अहम भूमिका सतीश जेलदार की रही है। उन्होंने छह बार कनीना को सैनिटाइज करवाया तीन बार फोगिंग करवाई, तीन बार मास्क वितरित करवाए,सैनिटाइजर दिए तथा हाथ में पहनने के लिए दस्तानों का वितरण भी करवाया।
यही नहीं उन्होंने पालिका में कार्यरत कर्मियों के लिए जूते, सॉक्स, सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, जैकेट आदि भी उपलब्ध करवाई ताकि कनीना को साफ सुथरा रख सके। उनके कार्य की पूरे राज्य और सीएम कार्यालय तक सराहना की गई है जिसके चलते वे एक कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं। सीताराम विधायक ने शनिवार को उनकी प्रशंसा करने के उपरांत उनको जिम्मेदारी सौंप दी है कि वो प्रबंध करके कनीना अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए खाना पैक करके पहुंचाने में मदद करेंगे।
सतीश जेलदार ने कहा कि जिस प्रकार विगत वर्ष उन्होंने बेहतर कार्य सभी के साथ मिलकर किया था ठीक उसी प्रकार का कार्य इस बार भी करने का प्रयास होगा।
पालिका प्रधान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी देकर खाने की व्यवस्था करवा रखी थी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी बाहर के लोगों को खाना खिलाते रहे हैं जिनमें सचिव, पूर्व पालिका प्रधान , पालिका उपप्रधान , महेंद्र सिंह हलवाई, पोंडा हलवाई तथा ठेकेदार ओमप्रकाश लेखाकार शिवचरण शर्मा ,केशव सहित सभी ने अहम भूमिका निभाई और कनीना कस्बे को पूरे हरियाणा भर में एक नंबर पर लाकर सिद्ध कर दिया था कि सतीश जेलदार की अध्यक्षता में सभी कार्य सही सुचारू रूप से चल सकते हैं।
फोटो कैप्शन : सतीश जेलदार।
कोरोना ने ली एक और जान
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कनीना। कोरोना के कारण मौतों का सिलसिला जारी है। कनीना में एक और मौत कोरोना के कारण हो गई है। मिली जानकारी अनुसार बिजेंद्र(41) गत दिनों कोरोना संक्रमित मिला था। ठीक होने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई थी जिसके चलते उन्हें महेंद्रगढ़ निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उनका मंगलवार को गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए कर दिया गया। वे बैंक में कार्यरत थे।
स्कूलों में चलाया पुस्तकें आदान प्रदान करने का अभियान
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कनीना। जहां पूरे प्रदेश में महामारी का प्रकोप चल रहा है वहीं सरकार पुस्तकें प्रकाशित करवा कर पहली से आठवीं तक प्रदान करने में परेशानी महसूस कर रही है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने पुस्तकों के आदान प्रदान करने का कार्यक्रम शुरू किया है।
अध्यापक नेता निर्मल शास्त्री ने बताया कि विगत वर्ष नौ लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए थे और 50 लाख पुस्तकें आदान प्रदान की गई थी जिसके चलते मुख्यमंत्री ने सराहना की थी। एक बार फिर से वही अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि सरकार का कहना है विद्यार्थी पहले तय कर ले कि किस विद्यार्थी से पुस्तकें लेनी है तत्पश्चात इनसे पुस्तकें ली जा सकती है किंतु कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा तथा हाथों को सैनिटाइज कर कोरोना से बचाव की पूरी सावधानी बरतनी होगी। इस कार्य में शिक्षक योगदान दे सकते हैं तथा शिक्षकों से फोन नंबर प्रदान कर पुस्तकें लेन देन में मदद करने की मांग की है।
महान हैं लोकल मैकेनिक-
चार वर्षों से जंग खा रही गैस पर आधारित शवदाह मशीन को न केवल चालू किया अपितु कनीना के हवाले किया
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कनीना। क्षेत्रीय मैकेनिक किसी बड़े से बड़े मिस्त्री से कम नहीं होते हैं। यह बात कनीना के लोकल मैकेनिक्स ने चार वर्षों से जंग खा रही 16 लाख की गैस पर आधारित शवदाह मशीन को न केवल अपने स्तर पर ठीक कर दिया अपितु डेमो के बाद अंतिम संस्कार करके मशीन कनीना के हवाले कर दी है। इसके बाद छह-छह लाख से निर्मित आधा दर्जन ई-टायलेट पर नजरें कनीनावासियों की टिक गई हैं।
उल्लेखनीय है कि कस्बे को प्रदूषण मुक्त करने व पेड़ों को कटने से बचाने के लिए तत्कालीन एसडीएम संदीप सिंह ने करीब चार वर्ष पूर्व कनीना कस्बे में गैस चालित शवदाह गृह बनवाया था। गोरखपुर से मंगवाई गई इस मशीन के मैकेनिक बार बार आकर खानापूर्ति कर जाते थे किंतु शुरू नहीं कर पाये। कस्बावासियों की तरफ से भी अनेक बार प्रशासन के समझ गुहार लगाई गई लेकिन गैस चालित शवदाह गृह को शुरू नहीं किया जा सका। जिसके बाद कोरोना के इस संकट के समय कस्बे के समाजसेवियों व इंजीनियरों ने आगे आते हुए करीब 10 दिन पहले ही इस मशीन को सही कर शुरू किया है। जिसमें पहला दाह संस्कार किया गया है। जिसके लिए इंजीनियर मुकेश पंजाबी, अमरनाथ पंजाबी, सुरेश पंजाबी व अनिल जांगड़ा ने मौके पर पहुंचकर मशीन का निरीक्षण किया व उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। सभी मैकेनिक्स की प्रशंसा की जाए कम है। इंजीनियर मुकेश पंजाबी एवं सुरेश पंजाबी ने बताया कि गैस चालित शवदाह गृह के शुरू होने से जहां पेड़ों की लकडिय़ों की बचत होगी वहीं इस मशीन से प्रदूषण भी काफी कम होगा। उन्होंने बताया कि इस मशीन से दाह संस्कार करने के लिए करीब एक हजार तक तापमान पैदा किया जाता है। वहीं कुछ विशेष उपकरणों का उपयोग कर इससे निकलने वाले धुएं को भी पानी से फिल्टर कर बाहर छोड़ा जाता है। जिससे प्रदूषण की संभावना न के बराबर हो जाती है।
नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि एक पेड़ को बड़ा होने में सालों लग जाते है पर जलकर खाक होने में 50 मिनट लगते है। वही एक शव का अंतिम संस्कार करने में कई क्विंटल लकड़ी जल जाती है। जिसका खर्च करीब पांच हजार होता है। जब की गैस चलित शवदाह में अंतिम संस्कार को मात्र एक घंटा लगता है तथा सिलेंडर का खर्चा करीब एक हजार रुपये आता है। प्रदेश में कम ही स्थानों पर ऐसे शवदाह गृह है ये जिले में पहला गैस चलित शवदाह गृह है। उन्होंने बताया कि बाबा लालगिरी मोक्ष आश्रम के पास शमशान भूमि में जिले का पहला गैस चलित शवदाह गृह बनाया गया है। गैस चालित शवदाह गृह से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
नपा प्रधान ने बताया कि लकडिय़ों के माध्यम से अंतिम संस्कार करने में करीब चार हजार से पांच हजार रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में लावारिस मिलने वाले शवों का अंतिम संस्कार या तो समाज सेवी संगठनों की मदद या फिर पुलिस अपने खर्च से करती है। गैस चलित शवदाह गृह चालू होने के बाद कम खर्च में शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। जिससे शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए पांच हजार रुपये खर्च करने वाले किसी समाज सेवी या पुलिसकर्मी की मदद का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गैस चलित शवदाह गृह में अब गैस सिलेंडर से शवों को अंतिम संस्कार होगा। वहीं लावारिस शवों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क किया जाएगा।
उधर इस मशीन से बंगाली अस्पताल के मालिक डॉ. प्रमोद बंगाली(पीके राय) का बीमारी के चलते निधन हो गया था। वे पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। जिनके अंतिम संस्कार के लिए उनकी बेटी डा. प्रियंका व उनके बेटे डा विशाल व दो अन्य परिजनों ने उनके शव का अंतिम संस्कार करवाया। डा प्रियंका ने बताया कि उनकी पिता की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार गैस चालित शवदाह गृह में ही करवाया जाए वह पूरी कर दी है।
फोटो कैप्शन 01: कनीना के गैस पर आधारित शवदाह मशीन को शुरू करते हुए।
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