खेड़ी में सेनिटाइजर का छिड़काव किया गया
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कनीना। गुरु रविदास विश्व महापीठ के हरियाणा प्रदेश मंत्री एवं खेड़ी गांव के पूर्व सरपंच चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए गांव खेड़ी के सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक, डाकघर, बिजली घर,राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय तथा गांव के धार्मिक स्थल माता मंदिर, बाबा भोला गिरी मंदिर आदि को सैनिटाइज किया। पूर्व सरपंच ने बताया कि सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों , डाकघर के कर्मचारी व बिजली पावर हाउस के कर्मचार को सैनिटाइजर भी वितरित किये।
फोटो कैप्शन 8: खेड़ी में सेनिटाइजर छिड़कते हुए रामनिवास खेड़ी।
प्रदीप शास्त्री की का हुआ निधन
-विगत दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए थे
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, कनीना। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कपूरी में कार्यरत तथा पोता निवासी प्रदीप शास्त्री का विगत कई दिनों से बीमारी से जूझते हुए निधन हो गया। सोमवार को उनका कोविड-19 के नियमों के अनुसार अंतिम संस्कार कनीना में कर दिया गया। मिली जानकारी अनुसार उनके फेफड़ों में इंफेक्षन था जिसके चलते उन्हें पटीकरा कोविड सेंटर में भर्ती करवाया गया था। वहां से उन्हें रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल भर्ती करवाया गया था। आज उन्होंने अंतिम सांस ली। अपने पीछे 2 पुत्र और पत्नी छोड़ गए हैं।
628 वैक्सीन लगाई
-भोजावास में लगी 188 डोज
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कनीना। कनीना के विभिन्न गांवों में 628 कोरोना वैक्सीन लगाई गई हैं। कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार एवं एचआई शीशराम ने बताया कि कनीना में 18 से 44 आयुवर्ग के 198 युवाओं को कोरोना वैक्सीन दी गई कि गुढ़ा में 45 प्लस के 170 लोगों को वैक्सीन दी गई, भडफ़ में 45 प्लस के 140 लोगों को वैक्सीन दी गई जबकि गाहड़ा में 120 डोज 45 प्लस को दी गई। सभी सेकंड डोज दी गई हैं।
उधर पीएचसी भोजावास के सुपरवाइजर राजकुमार चौहान ने बताया कि उनके यहां 45 प्लस के 188 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई हैं।
कनीना क्षेत्र के लोगों ने फोन के जरिये शोक जताया
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कनीना। भाजपा के शिव कुमार मेहता की मां चमेली देवी के निधन पर कनीना क्षेत्र के अनेकों लोगों ने शोक जताया है। उन्होंने कोरोना महामारी के कारण सोशल मीडिया व फोन पर ही संवेदना प्रकट की। फोन पर संवेदना देने वालों में सीताराम यादव विधायक अटेली, सत्यवीर सिंह यादव सेहलंग, राजेन्द्र प्रसाद भारद्वाज पोता, डा विनोद यादव करीरा, हनुमान शर्मा अगिहार, श्री शक्ति सिंह यादव पोता, कप्तान सिंह रोहिल्ला, थान सिंह, सुरेश अत्री बाघोत, शिव कुमार शर्मा खेड़ी, हनुमान यादव सेहलंग, राजकुमार भारद्वाज कनीना महेन्द्र सिंह यादव सिहोर, ओमप्रकाश धनौंदा, लखनलाल जांगड़ा कैमला, अरुणा पार्षद कनीना, ओमप्रकाश यादव कनीना, ओमप्रकाश लिसानिया कनीना, रोशनी देवी कनीना, शीला देवी धनौंदा, रामप्रताप यादव कनीना, मनोज यादव कनीना ने शोक जताया।
दो दिनों में पूरे कस्बा को कर दिया जाएगा सेनिटाइज्ड
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कनीना। कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार बताया कि कस्बा के विभिन्न वार्डों में सैनिटाइजर छिड़कने का काम तेजी से चल रहा है। आगामी दो दिनों में संपूर्ण कस्बे को सैनिटाइज्ड कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके पास सैनिटाइजर आया हुआ था किंतु पालिका कर्मियों एवं अधिकारियों के असहयोगपूर्ण रवैये तथा मशीन खराब होने से थोड़ा विलंब हो गया। मशीन ठीक करवा दी गई है और ट्रैक्टरों की सहायता से दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
कनीना मंडी के विभिन्न वार्डों में सैनिटाइजर छिड़का जा चुका है। धीरे-धीरे सभी 13 वार्डों में सैनिटाइजर छिड़क दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कस्बे वासी पूरी तरह से आश्वस्त रहें, किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तुरंत उन्हें अवगत कराएं। हर प्रकार समस्या के समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी कस्बा कनीना को सात बार सेनिटाइज किया गया था। दूसरी लहर में पहली बार कस्बा को सैनिटाइज किया जा रहा है। आवश्यकता हुई तो पुन: सैनिटाइज करवा दिया जाएगा और फोगिंग भी करवाई जाएगी।
फोटो कैप्शन 7: कनीना में दवा का छिड़काव कर सेनिटाइज करते हुए।
वार्ड वाइज कोरोना वैक्सीन लगवाई जाए
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कनीना। कनीना नागरिक अस्पताल में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है किंतु बहुत से लोग आनलाइन रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पा रहे हैं जिसके चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिनेश, महेश, सुरेश, रवि कुमार, जोगिंद्र देवेंद्र आदि ने बताया कि ठीक पांच बजे 200 व्यक्तियों के लिए स्लोट जारी होता है। एक पल में 200 से लौट भर जाते हैं, जो फोन के अनुभवहीन हैं या जिनको सेट चलाना नहीं आता वो बैठे रह जाते हैं और बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जिनको कोरोना वैक्सीन की जरूरत है। ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कनीना के विभिन्न वार्डो में वार्ड वाइज वैक्सीन का प्रबंध किया जाए ताकि सभी व्यक्ति नियम अनुसार वैक्सीन लगवा सके। अभी तक सभी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं।
उधर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि वे प्रशासन से इस संबंध में मांग करेंगे कि हो सके तो वार्ड वाइज सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाए।
उप नागरिक अस्पताल में दी जाए सुविधाएं
-एक्सरे मशीन तक का है टोटा
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल बने एक साल से अधिक समय बीत गया है किंतु अभी तक यहां सुविधाओं का टोटा है जिसके चलते मरीजों को दूरदराज जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। कस्बा के विभिन्न लोगों ने प्रशासन सरकार से मांग की है कि तुरंत कनीना उप नागरिक अस्पताल में जहां एमडी तथा सर्जन भेजा जाए। विभिन्न मशीनें भी उपलब्ध करवाई जाए।
कनीना कस्बे के समाज सेवी महेश बोहरा, सुमेर सिंह चेयरमैन, मोहन पार्षद, कुलदीप कुमार, शिव कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि कनीना उप-नागरिक अस्पताल में अभी तक कोई एमडी कार्यरत नहीं है जिसके कारण मरीजों को बड़े रोगों के इलाज के लिए दूसरे स्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने उन्होंने बताया कि अभी तक उप नागरिक अस्पताल होते हुए भी एक्सरे की सुविधा नहीं है, यहां तक की
अल्ट्रासाउंड, ईसीजी तथा विभिन्न अन्य
मशीनों का टोटा पड़ा हुआ जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। क्षेत्र के अधिकांश मरीज गरीब तबके के होते हैं जिन्हें इलाज के लिए दूर दराज जाना पड़ता है और वह लुटते पिटते रहते हैं। ऐसे में कनीना के लोगों ने कहा कि जल्दी मुख्यमंत्री को जान भेजेंगे ताकि कनीना के उप नागरिक अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। ताकि मरीज अपना इलाज करवा सकें।
कनीना के समाजसेवी कुलदीप बोहरा का कहना है कि कोरोना काल चल रहा है। एक के बाद एक अनेकों लोग आक्सीजन की कमी से तड़पते इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे में कनीना अस्पताल में कम से कम 20 प्वाइंट आक्सीजन के तैयार करवाए जाए जहां मरीजों को आक्सीजन मिल सके। आक्सीजन के अभाव में लोग दूर दराज अस्पतालों में भटक कर वापिस आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कनीना अस्पताल संपूर्ण सुविधाओं युक्त होगा तभी यहीं पर इलाज संभव है।
पार्षद मोहन सिंह ने कहा कि कनीना उप नागरिक अस्पताल में बेड तथा वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। यहां तक की अस्पताल में सभी 50 बेड दुरुस्त किए जाए ताकि मरीजों को आपातकाल के समय ये बेड उपलब्ध हो सके। पुराने भवन में भी आपातकाल के लिए बेड स्थापित किये जा सकते हैं। गरीब तबके के लोग तथा अन्य आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। अकेला बेहतरीन भवन खड़ा करने से कोई काम नहीं चलता जब तक कि एक्सपर्ट और विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध न करवाई जाएंगी।
उधर पूर्व सीपीएस संतोष यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कनीना, सेहलंगसहित विभिन्न अस्पतालों में आक्सीजन का कोटा और आपूर्ति बढ़ाई जाने, आईसीयू और वेंटीलेटर उपपलब्ध कराने, कोविड-19 में डाक्टरों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र में कहा कि इंजेक्टबल एवं दवाइयों के आवंटन के लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की जाए जो सीधे मरीजों को दवा उपलब्ध करवा सकें ।उन्होंने कहा कि जिले में 800 से अधिक कोरोना संक्रमित आ चुके हैं किंतु आईसीयू, बेड, आक्सीजन सिलेंडर ,आपातकाल दवाई, चिकित्सा का अभाव है। इनको पूरा किया जाए।
फोटो कैप्शन: उप नागरिक अस्पताल कनीना मोहन सिंह पार्षद तथा कुलदीप बोहरा।
मदर्स डे पर आनलाइन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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कनीना। एसडीवमा विद्यालय ककराला के विद्यार्थियों ने मां का महत्व विषय पर विद्यालय द्वारा आयोजित आनलाइन पोस्टर मेंकिग, कविता लेखन, कविता गायन व संस्मरण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने भाग लिया और मां के प्रति आदर एवं सम्मान को प्रकट किया।
विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशक जगदेव यादव ने बताया कि दीपेंद्र एवं शुभम ने कविता के द्वारा व सपना ने पोस्टर के द्वारा अपने भावों को प्रकट किया। अभिनव , दिव्यंाशी ने कविता को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत कर तथा हर्षित ने अंग्रेजी कविता के द्वारा मां के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट किया। अदिति ने अपनी माताजी को अपने द्वारा बनाया गया कार्ड भेंट कर तथा हार्दिक के पोस्टर के माध्यम से अपने भाव को प्रकट किया। अन्य विद्यार्थी आराध्या, वर्णिक, वंशिका , हिमांशी , सौम्या , सोनाक्षी , विश्वास , दिशु, आशीष , दक्ष, स्नेहा, हेतल,मानसू, मयंक, दीक्षा, वेदिका, अंशु आदि ने विभिन्न तरीकों से अपने भावों और विचारों को प्रकट किया।
विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने सभी प्रतिभागियों को मदर्स डे की शुभकामनाए देते हुए बताया कि मां हमारे जीवन का आधार स्तंभ है। वह जन्म दायिनी के साथ-साथ प्रथम गुरु वह सच्चे मार्गदर्शक की भी भूमिका निभाती है। मां के बिना ही जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती यही कारण है कि मां को पृथ्वी पर ईश्वर का स्वरूप माना जाता है। हमें मां के महत्व को समझते हुए उनको सदैव खुश रखने का प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थी को अपनी छोटी छोटी उपलब्धियों की जानकारी मां को देनी चाहिए। इससे मां को प्रसन्नता तथा स्वयं के अंदर दृढ़ निश्चय के भाव पैदा होते है।
दाह संस्कार के लिए प्रवक्ता ने 100 क्विंटल लकड़ी डलवाई श्मशान घाट पर
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कनीना। रतन सिंह सेवानिवृत्त प्रवक्ता पुत्र जगमाल सिंह, वार्ड 1 ने कनीना के संत शिरोमणि मोलडऩाथ आश्रम के पास स्थित दाह संस्कार स्थल पर 100 क्विंटल जाटी की लकड़ी का ईंधन डालकर मिसाल पेश की है। रतन सिंह ने बताया कि इस कोरोना काल में असमर्थ और गरीब आदमी अपने परिजनों के दाह संस्कार के लिए इस ईंधन प्रयोग निशुल्क कर कर सकते है। प्रवक्ता ने कहा कि इस कोरोना काल में लोगों की सेवा करने के अनेक तरीके हो सकते हैं। इनमें यह परमार्थ का कार्य सराहनीय है। इस कार्य में कुछ और
लोगों को भी आगे आना चाहिए।
54 कोरोना संक्रमित मिले
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कनीना। कनीना क्षेत्र के 17 विभिन्न गांव में 54 कोरोना संक्रमित मामले मिले हैं। मिली जानकारी अनुसार कोरोना के केस घटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कनीना में 19, कोका व सुंदरह-5-5 भालखी व रामबास 4-4, मुंडियाखेड़ा, मोहनपुर,ककराला, कोटिया, करीरा, दौंगड़ा अहीर 2-2 गुढ़ा, पड़तल, रसूलपुर,गोमला, नांगल हरनाथ भडफ़ में एक-एक कोरोना संक्रमित मिला है।
खरी खरी
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शिक्षक को कोई रोग नहीं हो सकता
-हजार कामों के लिए एक ही इंसान
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कनीना। पुलिस वाले पढ़ाते हुए नहीं देखे, न ही डाक्टर और नर्स कभी स्कूलों में पढ़ाने जाती हैं यहां तक कि पटवारी और न जाने कितने विभाग है जो कभी विद्यार्थियों को पढ़ाने नहीं जाते पर अध्यापक, जिसको संसार में सर्वोच्च स्थान दिया गया है किंतु आने वाले समय में वह घर-घर किसानों की गाय एवं भैंस भी बिवाने जाया करेंगे। हाल ही में अध्यापकों की कंटेनमेंट जोन में और गांव में कोरोना संक्रमितों की सहायता के लिए तैनाती लगाई जाने की संभावना है जिसकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। कभी यह घटना उत्तर प्रदेश के चुनाव वाली न हो जाए जहां 700 शिक्षक मौत के मुंह में चले गए थे। क्या शिक्षक एक ऐसा मूसलचंद है इसको न तो कोरोना और न कोई अन्य बीमारी नहीं लगती। वह सृष्टि का सर्वज्ञ है चाहे किसी की शादी करवानी हो या किसी पशुओं की गणना और इंसानों की गणना करनी हो। यूं ही हाल रहा तो हो सकता है शिक्षकों से शिक्षण कार्य नहीं लेंगे अपितु विभाग भैंस खरीदेगा और दो दो भैंस बणी तथा जंगलों में चराने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जाएगी। कहने को तो उनका मुख्य कार्य पढ़ाना था लेकिन सरकार ही नहीं चाहती कि वह पढ़ाई करवाये अपितु वह तो उनके इशारे पर कठपुतली की तरह नाचे।
गीता में कहा गया है कि आत्मा अमर है जिसे काटा नहीं जा सकता और.........। इसी प्रकार सरकार की नजरों में शिक्षक वो जीव है जिसे किसी भी तैनाती में लगाया जा सकता है जिसको न कोरोना मार सकता और न कोई अन्य रोग। गली मोहल्ले में सबसे ज्यादा बुराई जिसकी होती है वह शिक्षक है। जिस किसी का बस अपने परिवार पर नहीं चलता वो शिक्षकों पर रोब झाड़ते देखे गये, उनको दुकानदार भी महंगे दामों पर सामान देता है। आने वाले समय में मामला और गंभीर होगा शिक्षक की तैनाती कंटेनमेंट जोन वगैरह में करनी होगी और मर गये तो उन्हें परिवार का कंधा भी नसीब नहीं होगा। सरकार ने शिक्षक को एक ऐसा सैनिक बना दिया है जिसके हाथ में कोई तलवार और तोप नहीं किंतु युद्ध मैदान में उतारा जा रहा है। एक और जहां नर्स, डाक्टर और स्वास्थ्य विभाग के कितने ही कर्मचारी मौजूद है लेकिन उनके लिए सहायक पढ़े-लिखे ये अध्यापक बनेंगे। बड़े अफसोस की बात है कि शिक्षक को किस कदर गिरा दिया है। शिक्षक के पास पीपीई किट नहीं और न इस रोग का समुचित ज्ञान बल्कि दो दिन आनलाइन ट्रेनिंग देकर मैंदान में भेजा जा रहा है। याद आता है एक फूल दो माली का गीत-चल चल रे नौजवान, जीना अपमान है मरना तेरी शान, चल चल रे....। उन्हें कोई अतिरिक्त भत्ता आदि नहीं दिया जाएगा, बस उनको कंटेनमेंट जोन में जाकर सेवा करनी पड़ेगी। मानते हैं कि 55 साल से अधिक के व्यक्तियों को महामारी अधिक लगती है किंतु शिक्षकों पर शायद यह बात लागू नहीं होती और उन्हें घर में नहीं बैठने दिया जाएगा जब तक कि वो कोरोना संक्रमित होकर डेथ बेड पर न चला जाए। शायद 55 साल से अधिक उम्र के अध्यापकों को यह रोग नहीं तंग करेगा, इसलिए उनकी भी तैनाती की जा रही है । विज्ञान प्राध्यापकों और विज्ञान के शिक्षकों को कोरोना किसी हाल में नहीं लगेगा और शायद अधिक तनखा मिलती होगी जिसके चलते केवल विज्ञान शिक्षकों को ही तैनात करने एवं ट्रेनिंग देने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तो विज्ञान
पढऩा गुनाह बन गया है। स्कूल में भी अधिक काम करते हैं और अब तैनाती केवल विज्ञान शिक्षक और विज्ञान के प्राध्यापकों की लगाई है। बाकी अध्यापक शायद रोग से पीडि़त हो जाते होंगे या फिर विज्ञान अध्यापक पर प्राध्यापक सरकार को ज्यादा दर्द दे रहे होंगे इसलिए उनकी तैनाती पहले करने की तैयारी कर ली है। खैर अब तो गाए जा गीत मरणे के, कोरोना लगने के।
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