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अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर विशेष लेख
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याद आने लगी हैं दादा-दादी की कहानियां
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कनीना। कहते हैं कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। यह कथन सत्य होता नजर आता है और हमारे समाज पर सही बैठता है। एक जमाने में जब संयुक्त परिवार होते थे घरों में बूढ़े-बड़े लोग जिन्हें दादा-दादी नाम से जाना जाता है की मदद से बच्चों का न केवल भरपूर मनोरंजन होता था अपितु उन्हें कहानियां सुनाकर उनका मनोबल बढ़ाया जाता था। बच्चे के विकास में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है किंतु जब से परिवार में विघटन होने लगा है तभी से न तो दादा-दादी का समय सही तरीके से बीत पाता है और नही बच्चों का सही ढंग से विकास होता है। महज टीवी एवं मोबाइल द्वारा ही मन बहलाने की प्रक्रिया चलती है जो अधिक टिकाऊ नहीं है और सभ्य जन बनने की बजाए टीवी/मोबाइल संस्कृति वाला मानव बनता जा रहा है।
कृष्ण सिंह, राजेंद्र सिंह, रोशन, राम सिंह, मेहरचंद आदि बताते हैं कि एक जमाना था जब बड़े-बूढ़ों की उनके बच्चे कहना मानते थे और पूरे-पूरे जीवन एकल परिवार के रूप में बीता देते थे। सभी मिलकर काम करते थे तथा आय को पूरे परिवार के लिए सभी सदस्य लाकर दे देते थे। यदि घर पर खेत का काम है तो सारे सदस्य एकसाथ मिलकर बुआई, कटाई और मढ़ाई आदि का काम करते थे। उनके बीच जरा भी मन मुटाव नहीं होता था। परिवार के बूढ़े बड़े जो खेतों में काम नहीं कर नाते थे वे घर की रखवाली के अलावा घर में छोटे बच्चों की देखभाल का काम करते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि परिवार के छोटे बच्चों को सही दिशा देने का काम अक्सर बूढ़े-बड़ों का होता था। वे बच्चों को देशभक्ति की कहानियां सुनाते थे और उन्हें महान बनने में कसर नहीं छोड़ते थे। यही कारण था कि पुराने जमाने के बच्चे अधिक सभ्य एवं देशभक्ति से परिपूर्ण होते थे। उस जमाने में टीवी/मोबाइल जैसी कोई वस्तु घर में नहीं होती थी जिसके चलते शिक्षाप्रद कहानियां और उच्चकोटि के ज्ञान का स्रोत बूढ़े-बड़े ही होते थे। यदि किसी भी देशभक्त की विगत कहानी पर नजर डाले तो पता चलता है कि उसकी सफलता के पीछे बूढ़े-बड़ों का हाथ रहा है या फिर देशभक्ति की कहानियां रही हैं।
वक्त ने करवट ली और परिवारों में भी विघटन की स्थितियां पैदा होने लगी। आज कोई भी बड़ा परिवार एक नहीं मिल सकता है क्योंकि आपसी फूट के कारण बदहाली आ चुकी है। आज घरों में दादा-दादी नहीं अपितु टीवी/मोबाइल ही दादा बना हुआ है जिस पर परोसे जाने वाले घटिया एवं फूहड़ नृत्य, नाटक एवं कहानियों को देखकर होने वाली संतान एवं देश के कर्णधार चोरी, डाका, लूटपाट, गंदी आदतें, गंदा फैशन, बिगड़ती चालढ़ाल एवं घटती देशभक्ति का शिकार बनते जा रहे हैं। किसी चोर या लुटेरे से जब पुलिस सारी कहानी उगलवाती है तो पता चलता है कि उसने चोरी, जारी आदि अवगुण टीवी/मोबाइल पर नाटक या फिल्म देखकर इस अंजाम को दिया। आज परिवारों में बूढ़े बड़े किसी टूटी हुई चारपाई पर पड़े मिल सकते हैं जिनकी कोई कद्र नहीं होती और समय बिताने के लिए वृद्ध आश्रमों में जाना पड़ता है। इस बदलाव के पीछे भी आधुनिक टीवी संस्कृति ही दोषी है। आज देशभक्त कम पैदा होने सूचना नहीं मिलती है और न ही कोई महान व्यक्तित्व उभरकर आता है जिसका सीधा-सादा अर्थ है कि उन्हें अब बूढ़े बड़े देशभक्ति का जजबा पैदा नहीं करते हैं। घर में अगर बूढ़े बड़े है तो उनकी सुनने वाला ही कोई नहीं है। देखने में आता हे कि उनके परिवार के सदस्य ही अपने बड़ों का आदर नहीं करते हैं ऐसे में भावी पीढ़ी पर तो बुरा असर पडऩा स्वाभाविक है।
एक जमाने में जब आस-पास के बच्चे इक_ïे हो जाते थे और दादा या दादी उन्हें एक-एक करके शानदार, मजेदार, रोचक, देशभक्ति औा ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाती थी। एक नहीं अपितु कई-कई कहानियां सुनाने में उनका घंटों समय बीत जाता था और बच्चे भी उनसे दूर जाने का नाम ही नहीं लेते थे। एक तरफ बच्चों को ज्ञान की बातें मिलती थी जिससे उनमें कुछ कर गुजरने की ताकत पैदा होती थी वहीं दादा-दादी का समय भी अच्छी प्रकार बीत जाता था। यही एक कारण था कि उनका बहुत बढिय़ा समय बीत जाता था और इधर उधर के सोच विचार से बच जाते थे और लंबे समय तक धरा पर जीवित रहते थे। अब समय बदल गया है बूढ़े बड़ों से कोई बात करने वाला भी नहीं होता हे और वे सोच विचार में डूबे हुए भगवान को प्यारे हो जाते हैं। उनके बच्चे भी उनकी कोई परवाह नहीं करते हैं। उल्टे यह कहकर पीछा छुड़ा लेते हैं कि अच्छा हुआ चलते हुए हाड़ पैर चला गया वरना पैरों को घसीटकर मरना पड़ता
एक बार फिर समय में बदलाव आ रहा है और पुन: दादा-दादी की कहानियों की आवश्यकता समझी जाने लगी है। टीवी/मोबाइल संस्कृति के बुरे प्रभावों की जांच हो रही है और कुछ समझदार जन तो अब अपने बच्चों को दूर दराज से रोचक एवं देशभक्ति की कहानियों की पुस्तकें लाकर देने लगे हैं। उनके दिल में उन्हें मजेदार कहानियां सुनाने की टीस रहती है। आज हर मां बाप यह सोचने को मजबूर हो रहा हे कि बच्चे को महान बनाने के लिए टीवी संस्कृति से दूर करके देशभक्ति का जजबा पैदा करना होगा और इसके लिए उन्हें दादा दादी ही सक्षम नजर आने लगे हैं। अब आम आदमी उन सुनहरे दिनों को पुन: याद करने लगा है और परिवारों में विघटनकारी कारणों को दूर करने के लिए प्रयासरत है। यदि ऐसा होता है तो एक बार पुन: बूढ़ों का मान सम्मान बढ़ेगा और देश के भावी कर्णधार अपने पूर्वजों के युग में लौट चलेंगे और अच्छे संस्कार ग्रहण करके महान देशभक्त बन सकेंगे।
कनीना क्षेत्र में मिले 56 कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र के 25 गांवों में 56 कोरोना संक्रमित पाए गए। लापरवाही के चलते केस बढ़ते ही जा रहे हैं। मिली जानकारी अनुसार ढाणा में 12, दौंगड़ा अहीर- 4 ,कनीना 8 मोहनपुर-एक, मुडियाखेड़ा- 5 नांगल हरनाथ-एक, बचीनी - एक भडफ़ 3 ,भोजावास दो, चेलावास-एक, गुढ़ा-एक, इसराना-दो ककराला-एक कोका-एक, कोटिया-9 पड़तल- एक, रामबास दो और रसूलपुर-3 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
77 सैंपल आरटीपीसीआर के लिए
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाते। शनिवार को 77 सेंपल लिये गये। विस्तृत जानकारी देते हुए बताया डॉ जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि शनिवार को 77 सैंपल लिए गए हैं। जांच के लिए इन्हें भेजा जा रहे हैं। 2 दिनों बाद इनकी रिपोर्ट आएगी।
163 डोज दी गई
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संस,कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में शनिवार को 18 से 44 आयु वर्ग कको 63 डोज वैक्सीन दी गई।
विस्तृत जानकारी देते हुए एसएसओ डा धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि सोमवार को फिर से सेशन शुरू होगा। रविवार तक 400 डोज वैक्सीन आने की संभावना हैं। अगर विभिन्न गांवों के सरपंच अपनी जिम्मेदारी ले तो गांवों में भी डोज दी जा सकती हैं। ककराला एवं नांगल हरनाथ दोनों गांवों में लोग शांति से डोज लगवाते हैं किंतु कुछ गांवों में पुलिस तक बुलानी पड़ती है। अब 18 से 44 के लिए सोमवार को डोज दिये जाने की संभावना है।
कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे सतीश जेलदार को मिला पुन: मौका
-सेवा रसोई के जरिये करेंगे मरीजों के जलपान एवं खाने की व्यपस्था
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कनीना। कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार वर्ष 2020 में कोरोना महायोद्धा के रूप में उभर कर सामने आए थे जिन्होंने 25 मार्च से लगातार प्रतिदिन 2000 लोगों को दो माह तक खाना खिलवाया। एक बार उन पर सेवा रसोई की जिम्मेदारी फिर से आ गई है। पुराने पालिका भवन में वे अस्पताल के मरीजों एवं उनके सहायकोंं को खाना खिलाएंगे।
विदित है कि 2020 में बाहर के लोगों के खाने, ठहराने की अहम भूमिका अदा की थी। जहां पालिका के सभी पार्षदों ने अपने दो-दो माह का पारिश्रमिक खाने के लिए दिया वही गांवों से तथा कनीना के लोगों ने जमकर दान दिया जिसके चलते यहां ठहरने खाने-पीने की समुचित व्यवस्था बाहर के लोगों के लिए बन पाई थी जो अभी तक याद है। इसमें सबसे अहम भूमिका सतीश जेलदार की रही है। उन्होंने छह बार कनीना को सैनिटाइज करवाया तीन बार फोगिंग करवाई, तीन बार मास्क वितरित करवाए,सैनिटाइजर दिए तथा हाथ में पहनने के लिए दस्तानों का वितरण भी करवाया।
यही नहीं उन्होंने पालिका में कार्यरत कर्मियों के लिए जूते, सॉक्स, सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, जैकेट आदि भी उपलब्ध करवाई ताकि कनीना को साफ सुथरा रख सके। उनके कार्य की पूरे राज्य और सीएम कार्यालय तक सराहना की गई है जिसके चलते वे एक कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं। सीताराम विधायक ने शनिवार को उनकी प्रशंसा करने के उपरांत उनको जिम्मेदारी सौंप दी है कि वो प्रबंध करके कनीना अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए खाना पैक करके पहुंचाने में मदद करेंगे।
सतीश जेलदार ने कहा कि जिस प्रकार विगत वर्ष उन्होंने बेहतर कार्य सभी के साथ मिलकर किया था ठीक उसी प्रकार का कार्य इस बार भी करने का प्रयास होगा। कनीना में जहां विगत वर्ष कहने को दो शेल्टर होम थे किंतु मुख्य सेंटर होम कनीना पालिका के समक्ष था जिसमें कहने को 52 लोग ठहरते थे किंतु दो हजार लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया जा रहा था जिसके पीछे भी उन्हीं का अहम योगदान रहा था।
पालिका प्रधान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी देकर खाने की व्यवस्था करवा रखी थी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी बाहर के लोगों को खाना खिलाते रहे हैं जिनमें सचिव, पूर्व पालिका प्रधान , पालिका उपप्रधान , महेंद्र सिंह हलवाई, पोंडा हलवाई तथा ठेकेदार ओमप्रकाश लेखाकार शिवचरण शर्मा ,केशव सहित सभी ने अहम भूमिका निभाई और कनीना कस्बे को पूरे हरियाणा भर में एक नंबर पर लाकर सिद्ध कर दिया था कि सतीश जेलदार की अध्यक्षता में सभी कार्य सही सुचारू रूप से चल सकते हैं।
फोटो कैप्शन : सतीश जेलदार।
विधायक ने किया सेवा रसोई का उद्घाटन
-पुराने नगरपालिका भवन में चलेगी
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कनीना। अटेली विधायक सीताराम यादव ने कनीना में पुरानी नगरपालिका के भवन में सेवा रसोई का शुभारंभ किया है। इस रसोई से कनीना अस्पताल में आने वाले मरीज तथा उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए मुफ्त खाना मिलेगा। नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार की देखरेख में होगा सारा काम चलेगा। प्रधान ने बताया कि केशव फोन नंबर 7876664066 व राकेश उर्फ विक्की 8059420780 के मोबाइल नंबरों पर काल कर आर्डर दे सकते है, खाना पैक हो कर मिलेगा। इसके लिए समय प्रात: 8 से 10 बजे और शाम को तीन से पांच बजे का रखा गया है। इस मौके पर अजीत सिंह कलवाड़ी सेवा रसोई के जिला संयोजक, अतर सिंह कनीना मंडल अध्यक्ष,सतबीर सेहलंगिया आदि मौजूद थे।
तत्पश्चात विधायक ने कनीना उप नागरिक अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में कुछ कमियां पाई गई जिसके लिए एसएमओ डा धर्मेंद्र को सख्त हिदायत दी और मरीजों की देखभाल में कोई कोताही न बरतने की हिदायत भी दी है।
विधायक सीताराम ने कहा कि महामारी का बुरा वक्त है। इस काल में सावधानी जरूरी है। साथ में मरीजों और गरीबों की सहायता की जरूरत भी है। उनकी सहायता करना हम सभी का कत्र्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने पूरे प्रदेश में मजदूरों को खाना खिलाकर नाम कमाया था। इस बार फिर से उनकी जरूरत है। उन्होंने सभी से अपील की कि जनसेवा में जुट जाये।
फोटो कैप्शन 09: उप नागरिक अस्पताल में विधायक एवं पालिका प्रधान कर्मियों को हिदायत देते हुए।
10: विधायक अटेली सीताराम यादव सेवा रसोई कनीना शुरू करते हुए।
विधायक ने किया सेवा रसोई का उद्घाटन
-पुराने नगरपालिका भवन में चलेगी
कनीना। अटेली विधायक सीताराम यादव ने कनीना में पुरानी नगरपालिका के भवन में सेवा रसोई का शुभारंभ किया है। इस रसोई से कनीना अस्पताल में आने वाले मरीज तथा उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए मुफ्त खाना मिलेगा। नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार की देखरेख में होगा सारा काम चलेगा। प्रधान ने बताया कि केशव फोन नंबर 7876664066 व राकेश उर्फ विक्की 8059420780 के मोबाइल नंबरों पर काल कर आर्डर दे सकते है, खाना पैक हो कर मिलेगा। इसके लिए समय प्रात: 8 से 10 बजे और शाम को तीन से पांच बजे का रखा गया है। इस मौके पर अजीत सिंह कलवाड़ी सेवा रसोई के जिला संयोजक, अतर सिंह कनीना मंडल अध्यक्ष,सतबीर सेहलंगिया आदि मौजूद थे।
तत्पश्चात विधायक ने कनीना उप नागरिक अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में कुछ कमियां पाई गई जिसके लिए एसएमओ डा धर्मेंद्र को सख्त हिदायत दी और मरीजों की देखभाल में कोई कोताही न बरतने की हिदायत भी दी है।
विधायक सीताराम ने कहा कि महामारी का बुरा वक्त है। इस काल में सावधानी जरूरी है। साथ में मरीजों और गरीबों की सहायता की जरूरत भी है। उनकी सहायता करना हम सभी का कत्र्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने पूरे प्रदेश में मजदूरों को खाना खिलाकर नाम कमाया था। इस बार फिर से उनकी जरूरत है। उन्होंने सभी से अपील की कि जनसेवा में जुट जाये।
फोटो कैप्शन 09: विधायक अटेली सीताराम यादव सेवा रसोई कनीना शुरू करते हुए।
इसराणा गांव को किया युवाओं ने सैनिटाइज
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कनीना। सर्वोदय युवा मंडल इसराना व नेहरू युवा केंद्र नारनौल युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा गांव इसराणा को सैनिटाइज करवाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
समाजसेवी मोहित शर्मा ने बताया कि इस महामारी के चलते युवा मंडल के सभी सदस्य पदाधिकारियों ने समय समय पर अपना योगदान दिया है, चाहे क्यों सैनिटाइजर वितरण हो या गरीबों को भोजन वितरण या कोरोना - 19 टीकाकरण पंजीकरण हो। किसी भी प्रकार की सेेवा के लिए गांव के युवा इस महामारी को बचाव के लिए हर संभव कार्य कर रहे हैं। अब सभी युवा मंडल के सदस्यों ने गांव को सैनिटाइज करवाने में अपना पूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का महेंद्र सिंह कार्यक्रम समन्वयक नेहरू युवा केंद्र के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। उन्होंने युवा मंडल तथा नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक गीता देवी और कार्तिकेय के सहयोग की सराहना की है, नेहरू युवा केंद्र के पूरे जिले में अपने अपने स्तर पर बचने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रवक्ता कृष्ण कुमार, नरेश कुमार मुनीम, सतेंद्र, प्रीतम , मोहित इसराना ,धीरज, रामवीर, गजेंद्र देशराज शुभम ,अजय,अंकित,उदयवीर अमित, मदन, शेर सिंह, ममता, सरोज, लाली देवी ,आदि ने अपना सराहनीय योगदान दिया।
फोटो कैप्शन 8: गांव इसराणा में सेनिटाइजर छिड़कते युवा।
लाकडाउन में महंगे दामों पर बेच रहे थे शराब
,मामला दर्ज
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कनीना। लाकडाउन में समय महंगे दामों पर शराब बेचने के जुर्म में 4 जनों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मिली जानकारी अनुसार पुलिस को सूचना मिली कि बस स्टैंड मोहनपुर पर ठेके का कारिंदा तथा ठेके का मालिक विशाल इसराणा चोरी छुपे शराब बेच रहे हैं। अगर तुरंत रेड की जाए तो गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस ने मोहनपुर के ठेके पर रेड की तो दो व्यक्ति ठेके के पास शराब बेचते दिखाई दिए। पुलिस ने उनको काबू करके पूछताछ की। एक में अपना नाम बच्चन सिंह लखवाड़ उत्तराखंड हाल आबाद मोहनपुर बताया तो दूसरे ने विशाल इसराना बताया। लाकडाउन के समय शराब बेचने बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ठेके में विशाल, अनिल इसराना, विकास इसराना ने कह रखा है कि लाकडाउन में शराब महंगी हो रही है। लाकडाउन में शराब ऊंचे दाम पर बेचोगे तो जो भी मुनाफा होगा सभी इससे में बराबर बांट लेंगे। बच्चन सिंह लखवाड़ एवं विशाल इसराना ने सरकार के आदेशों की अवहेलना करने पर अपने मालिक को से मिलीभगत कर शराब बेची जिसके चलते पुलिस ने बच्चन सिंह, विशाल, अनिल व विकास इसराणा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दो एमएम हुई बारिश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शनिवार की सुबह 2 एमएम बारिश हुई। गर्मी से जहां राहत मिली है वहीं कुछ फसलों के लिए लाभप्रद मानी जा रही है। वर्तमान में खेत में चारा देने वाली फसलें खड़ी हुई है तथा कपास की फसल भी उगाई हुई है। जहां कुछ किसानों ने राहत महसूस की है वहीं लोगों ने भी गर्मी से राहत महसूस की।
कृषि वैज्ञानिक डा देवराज यादव का कहना है कि बार-बार मौसम के बदलाव के कारण कुछ पौधों पर फल भी नहीं लग रहे हैं। लगातार अगर गर्मी पड़े तो टींट,सांगरी तथा पील आदि पर फल लगते हैं किंतु अब न तो फल आ रहे हैं और न ही उचित वातावरण बन रहा है। उन्होंने कहा कि ठीक है कि हल्की बूंदाबांदी से गर्मी से राहत मिल रही है तथा कुछ फसलों के लिए खेतों में खड़ी कुछ फसलों के लिए लाभ हो रहा है किंतु भावी फसल के गर्मी पडऩा जरूरी है।
महामारी से ब
चाव के लिए दो दिवसीय चल यज्ञ शुरू
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा में पूरे जग में फैली महामारी से बचाव के लिए दो दिवसीय चल यज्ञ का आयोजन किया गया। वैन द्वारा सभी घरों के सामने जाकर आहुति डलवाई गई। इस मौके पर पुरोहित आचार्य सत्यपाल प्रेरक , यज्ञमान आरडी शास्त्री ने निभाई। आरडी शास्त्री ने कहा कि यज्ञ हर प्रकार से समाज हित का कार्य होता है। पुराने समय से बुजुर्ग गांव में छोटे-छोटे यज्ञ करते आए हैं। अब चूंकि पूरे ही जगत में महामारी का प्रकोप है, इस प्रकोप से बचने का एकमात्र रामबाण इलाज यज्ञ है। यदि सभी मिलकर यज्ञ करें तो निसंदेह वातावरण साफ सुथरा हो जाएगा और इस महामारी से बचाव निकल सकता है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से गांव गाहड़ा के सभी लोगों ने मिलकर दो दिवसीय हवन का आयोजन किया है।
रविवार को यज्ञ का समापन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों की आहुति डलवाने के लिए चल प्रकार का हवन यज्ञ करवाया गया। यज्ञ एक गाड़ी में करवाया गया जिसमें को धीरे-धीरे सभी गलियों से गुजारा गया तथा अधिक से अधिक लोगों ने यज्ञ में आहुति डाली। इस मौके पर प्रधान राम सिंह, राजू सरपंच दारा सिंह पूर्व सरपंच, राजबीर सिंह पूर्व सरपंच, सत्यवीर सिंह पूर्व सरपंच,पतराम आर्य, सुमेर सिंह पंच, धुरेंद्र शर्मा, धर्मवीर सिंह, अनिल परदेशी, राजेश कुमार, राम सिंह साहब सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: चल यज्ञ में आहुति डालते लोग।
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