दुकानें खुली प्रात: नौ से शाम 6 बजे तक, हुये दुकानदार बोर
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-कनीना में फल एवं सब्जी विके्रेताओं ने ज्ञापन भेज समय प्रात: 6 से 11 बजे तक करने की मांग
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जिला उपायुक्त के आदेशानुसार विभिन्न दुकानें प्रात: 9 बजे से शाम छह बजे तक खुली। ग्राहकों का किया इंतजार। दुकानदारों ने कहा कि ग्राहक कम मिले हैं और कहीं रोग अधिक न मिल जाये। एक ही दिन में दुकानदार बोर हो गये। दुकानदारों ने ज्ञापन भेज समय कम करने की मांग की है।
उपमंडल अधिकारी व जिला उपायुक्त से मांग कर दुकान खोलने का टाइम सुबह 6 बजे से प्रात: 11 बजे करने की मांग की है। सब्जी एवं फल विक्रेेताओं ने उप मंडल अधिकारी को ज्ञापन आनलाइन भेजा है। जिसमें सभी दुकानदारों ने कनीना उपमंडल अधिकारी दिनेश कुमार को व्हाट्सएप के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर कहां है कि अब दुकानदारों का समय 9 बजे से शाम 6 बजे तक का है जिसमें काफी भीड़ जुटने के कारण कोरोना महामारी फैलने का खतरा बढ़ता है। जिसके चलते हम आपके माध्यम से आपसे तथा जिला उपायुक्त के अलावा सरकार से मांग करते हैं कि हमारा दुकानदारों का टाइम सुबह 6 बजे से दोपहर पूर्व 11 बजे तक का ही किया जाए ताकि महामारी से बचा जा सके। दुकानदार रामनारायण, गुड्डू, सुमेर सिंह, मुकेश कुमार के अलावा अन्य दुकानदारों ने मांग कर सब्जियों और फलों के दुकान खोलने का समय सुबह 6 से 11 बजे तक करने की मांग की है।
एक दिन में ही हुये बोर-
बुधवार को दुकानें खोलने का यह समय रखा गया है जिसमें दुकानदार बोर हो गये। शाम के छह बजे तक ग्राहकों की संख्या कम होती चली गई। कुछ दुकानदार तो ठाली बैठे नजर आये। उन्होंने मांग की है कि महामारी से बवने के लिए समय सुबह 11 बजे तक का ही किया जाए।
क्या कहते हैं प्रधान व्यापार मंडल-
कनीना बस स्टैंड के व्यापार मंडल एवं व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष महेश बोहरा ने बताया कि ग्राहक कुछ समय ही आते हैं बाकी समय वे ठाली बैठे नजर आये। ऐसे में उन्होंने कहा कि कमाई कम कर पाएंगे और कहीं रोग अधिक न ले जाये? ऐसे में उन्होंने एसडीएम से गुहार लगाई है कि दुकानें खोलेने का समय कम किया जाए।
अब तक लगी 16780 वैक्सीन डोज
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कनीना। उप नागरिक अस्पताल कनीना के तहत विभिन्न गांवों में अब तक 16780 डोज वैक्सीन विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों को दी जा चुकी है। विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि बुधवार को 18 से 44 आयु वर्ग के 188 युवाओं को कोरोना डोज दी गई हैं। 16 जनवरी 2021 से कोरोना डोज देने का सिलसिला शुरू हुआ था। बुधवार को 18 से 44 आयु वर्ग के युवाओं को 188 डोज वैक्सीन दी गई। 300 डोज और आने से गुरुवार को 45 प्लस के लोगों को डोज दी जाएगी।
उधर भोजावास पीएचसी में 120 कोरोना डोज बुधवार को दी गई। सुपरवाइजर राजकुमार चौहान ने बताया कि बुधवार को 45 प्लस के लोगों को ही कोरोना डोज गई दी गई जिनमें 67 प्रथम दोष तथा 53 दूसरी डोज दी गई है।
डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि सेहलंग एरिया में अब तक 11,502 डोज दी जा चुकी हैं। यहां 18 से 44 आयु वर्ग को 1001 तथा 45 प्लस के लोगों को 10501 डोज दी जा चुकी है।
व्यंग्य समाचार **********
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विज्ञान पढ़ाना गुनाह बना
-अनपढ़ को बहू भी चाहिए तो एमएससी
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कनीना। अब तो विज्ञान की पढ़ाई करवाना गुनाह बनता जा रहा है। एक जमाना था जब विज्ञान स्नातक इक्का-दुक्का कहीं मिलता था किंतु वर्तमान समय में तो घास खोदने वाली घसियारी भी एमएमएसी मिलती है। यदि अनपढ़ व्यक्ति बैलों के पीछे हल चलाने वाले, ट्रैक्टर से हल जोतने वाले, हाली,पाली और मवाली सभी की ख्वाहिश पूछी जाए तो ऐसी लड़की बहू के रूप में
चाहिए। वास्तव में इतना के्रेज विज्ञान की ओर बढ़ा है किंतु विज्ञान पढऩा अब लगता है गुनाह बनता जा रहा है। कभी विज्ञान पढऩे वाले को बुद्धिमान समझा जाता था आजकल उसे मूर्ख। विज्ञान पढऩे वाले विज्ञान तो बेशक पढ़ ले लेकिन शिक्षा विभाग में चले जाए तो समझो बड़ी समस्या बन जाती है। जहां विज्ञान की पढ़ाई करने से आंखें और स्वास्थ्य भी गिर जाता है जबकि आर्ट से स्नातक करने वाले हंसते गाते, भजन गीत, गाते कालेज में जाते हैं, अब तो सिनेमाघर नहीं है वरना सिनेमा देखकर वापस आ जाते थे और विज्ञान स्नातक दिन रात प्रयोगशाला में जुटे रहते थे किंतु हरियाणा में क्या कोई विज्ञान शिक्षक लग जाए तो उसको एक रुपए तनख्वाह भी अन्य शिक्षकों के मुकाबले फालतू नहीं मिलती। आप तो यह भी देखने में आया है की पीटीआई, शास्त्री या ड्राइंग आदि का कोर्स कर शिक्षक बन जाए ज्यादा बेहतर है क्योंकि अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और तनक्ष्वाह भी विज्ञान शिक्षक के बराबर ही मिलती है। सबसे बड़ी बात है संस्कृत से स्नातक करने वाले शिक्षक को शास्त्री की संज्ञा दी जाती है क्योंकि संस्कृत को शास्त्र माना गया है बाकी चाहे भौतिक शास्त्र,प्राणी शास्त्र, राजनीति शास्त्र, वनस्पति शास्त्र और कितने ही शास्त्र पढ़ ले विज्ञान शिक्षक को शास्त्री नहीं कहा जाएगा। सबसे बड़ी बात है की विज्ञान शिक्षक से स्कूल में अधिक लिया जाता है, काम भी अधिक करना पड़ता है ,प्रयोग तक भी करवाने पड़ते हैं किंतु वेतन के नाम पर कोई फालतू पैसा नहीं। अब तो सरकार ने यह मान लिया है कि विज्ञान की पढ़ाई करने वालों में कोई भी रोग नहीं होता। कोरोना का बाप भ्भी विज्ञान शिक्षकों का बाल तक बांका नहीं कर सकता तभी तो सभी विज्ञान शिक्षकों या प्राध्यापकों की तैनाती कोरोना कार्यों में लगाई है। नतीजा यह है कि उन्हें शायद कोई रोग नहीं होता है या विज्ञान पढ़कर उन्होंने गुनाह कर दिया केवल उन्हीं की तैनाती लगेगी, बाकी शिक्षक और अन्य विभागों के कर्मी आराम से घर मौज मस्ती करो। वास्तव में विज्ञान शिक्षक ने कालेजों में भी दिन रात मेहनत की और आप शिक्षा विभाग में आ गए तो उनकी गर्दन भी शिक्षा विभाग जल्दी पकड़ता है। आर्ट विषय लेने वाले कालेज में जाते समय भी खूब ढोलक तबला बजा बजाकर सिनेमा देखकर घर आए और अब उनको घर में आराम से बिताने पड़ेंगे। यही नहीं अगर किसी आईएएस या अन्य विभागों में कार्यरत अधिकारियों को देखा जाए तो विज्ञान के स्नातक कम जाते हैं और आर्ट वाले ज्यादा जाते हैं। इसलिए यह निष्कर्ष निकाला है कि भविष्य में जहां भी पत्थर फेंकोगे विज्ञान स्नातक खड़ा मिलेगा। आर्ट स्नातक ढूंढे भी नहीं पाए। अपनी मृत्यु से पहले अपने बेटे पोतों को कह कर जाऊंगा की विज्ञान की पढ़ाई नहीं करना, केवल हंसी खुशी से आर्ट से स्नातक करना और फिर संस्कृत का कोर्स कर लेना शास्त्री भी कहलाओगे और अड़ी आंट में फेरे भी करवा दोगे।
और तो और एमएससी/बीएससी शिक्षक की घरवाली भी उन्हें घर में देखना पसंद नहीं करती। स्कूल में शिक्षा विभाग गर्दन पकड़ता है तथा घर में घरवाली। बाहर जाये तो कोरोना मार आखिरकार कहां जाये?
पढ़ाई से दिल लगाया, विज्ञान को समझा शान। बेशक एमएससी कर लेना, नहीं बनेगी पहचान।।
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एक निवेदन
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किसी भी समय कोई समाचार देना हो या किसी समाचार में कोई त्रुटि नजर आए तो तुरंत मेरे फोन नंबर 9416348400 पर संपर्क करें, खबर को समुचित स्थान देने का प्रयास किया जाएगा वहीं कोई समाचार में त्रुटि है तो उसे को भी दूर कर सही किया जाएगा।
मिट्टी के नीचे दबकर मौत
-चार घंटे चले बचाव अभियान
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कनीना। गांव सीगडा में 35 वर्षीय व्यक्ति की करीब 40 फुट गहरे कुएं में मोटर बदलते समय मिट्टी धंसने से मौत हो गई। कच्चा कुआं अचानक धंस गया और उसके ऊपर मिट्टी आ गिरी।
मिली जानकारी के अनुसार गांव सिगड़ा निवासी इंद्रजीत यादव एक किसान के कुएं में मोटर बदलते के लिए नीचे उतरा था। जब वह मोटर दल रहा था तो कच्चा कुआं ढह गया और मिट्टी के नीचे दब गया।
घटना की सूचना पाकर घटना स्थल पर एसडीएम दिनेश कुमार, थाना प्रभारी महेंद्रगढ़ सतबीर सिंह, डाक्टरों की टीम,एम्बुलेंस, 3 जेसीबी ,1 पोपलेंड मौके पर पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया गया। मिली जानकारी अनुसार करीब 4 घंटे लगातार जेसीबी से खुदाई के पश्चात इंद्रजीत को मिट्टी से निकाला। मिट्टी से निकाला तुरंत एंबुलेंस से महेंद्रगढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बचाव अभियान मंगलवार रात करीब साढ़े नौ बजे तक चलता रहा। गांव से सिगड़ा में माहौल गमगीन है।
इंद्रजीत अपने माता पिता के 2 भाई 2 बहन हैं जोकि सभी शादीशुदा हैं। इंद्रजीत के दो बच्चे हैं 1 लड़का 1 लड़की हैं। पूरे परिवार की आजीविका का साधन केवल इंद्रजीत ही था। इंद्रजीत बोरिंग मशीन से मोटर ठीक करने का काम करता था।
फोटो कैप्शन 5: सिगड़ा में मिट्टी के नीचे दबे युवक को बचाने का प्रयास करता प्रशासन। सौजन्य: लक्की सिगड़ा
प्रदीप शास्त्री के निधन पर विधायक सीताराम यादव अटेली ने शोक जताया
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कनीना। प्रदीप शास्त्री पोता के निधन पर विधायक सीताराम यादव विधानसभा अटेली ने शोक जताया है उन्होंने प्रदीप शास्त्री के निधन पर शोक जताया और कहा कि श्री शास्त्री धार्मिक सामाजिक ओर कर्तव्य पालन इंसान थे। शिक्षा जगत में अपनी 56 साल की छोटी सी उम्र में अपनी अमिट छाप छोड़ गये। उनकी कमी कभी भी पूरी नहीं हो सकती। वे कपूरी राजकीय विद्यालय में संस्कृत अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
प्रदीप शास्त्री के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में सत्यवीर सिंह यादव सेहलंग, राजेन्द्र प्रसाद भारद्वाज पोता, डा विनोद यादव करीरा, हनुमान शर्मा अगिहार, शक्ति सिंह यादव पोता, कप्तान सिंह रोहिल्ला, सवाई सिंह, हनुमान यादव, शिवकुमार शर्मा खेड़ी, महेन्द्र सिंह यादव सिहोर, नथन यादव पोता, रामप्रताप यादव कनीना, रोशनी देवी कनीना, शीला देवी, लखनलाल जांगड़ा, ओमप्रकाश लिसानिया, राजेन्द्र आदि ने फोन पर शोक प्रकट किया।
दूसरे दिन भी हवन आयोजित
-गुरुवार को होगा हवन का समापन
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संस,कनीना। गांव रसूलपुर में मंगलवार की भांति हवन कुंड यात्रा पूरे गांव में घर घर निकाली गई। दूसरे दिन उत्साह अधिक देखने को मिला। दस किलो घी आहूत होने के बाद पांच किलो घी आज शेष रह गया जो कल अन्तिम दिन आहूत किया जाएगा। इस मौकेपर सतीश आर्य, धर्मपाल आर्य , विनोद कुमार, यशपाल व मनजीत आदि का सहयोग मिला। गुरुवार को हवन का प्रसाद भी दस्तानें पहनकर बांटा जाएगा।
पुलिया निर्माण बीच में बन्द करने से स्याणा के किसान परेशान
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कनीना। कनीना तहसील के गांव स्याणा से गांव चिडिय़ा को जाने वाले सड़क मार्ग को स्याणा माइनर नहर दो बार क्रास करती है। दोनों जगहों पर पुलियों का निर्माण पहले से ही किया हुआ था और उनका आकार सही नहीं होने से आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती थी। वर्ष 2010-11 में सड़क का निर्माण हो गया जिससे आने जाने वाले वाहनों की आवाजाही बढ़ गई। ग्रामीण किसानों को भी अपनी फसल लाने ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। किसानों ने काफी बार नहर विभाग को लिखा तथा कई बार सीएम विंडो में भी शिकायतें दर्ज करवाई। यह शिकायतों का सिलसला 2018 के आरंभ से शुरू हुआ जिसके चलते दोनों पुलियों को सीधा और आसान बनाने के अस्टीमेटों की स्वीकृति अधीक्षक अभियंता नहर विभाग नारनौल से मिल पाई। एस्टीमेटों की स्वीकृति होने के बाद दोनों पुलियों के निर्माण हेतु टेंडर भी हो गए। टेंडर होने के बाद पुलियों का निर्माण कार्य होना था जिसमें एक पुलिया के दायरे में एक पीपल का पेड़ बाधक बन गया। गांव के किसानों/ग्राम पंचायत के प्रयासों से उक्त पीपल का पेड़ वन विभाग ने जुलाई 2019 में हटा दिया। पीपल के पेड़ के हटने से पहले दूसरे पुलिया का निर्माण भी नहीं करवाया गया। दूसरे पुलिया निर्माण में कोई बाधा नहीं थी। जबकि दोनों पुलियों का टेंडर एक ठेकेदार के पास न हो कर अलग-अलग के पास थे। दोनों ही पुलियों का निर्माण न होने से दुखी ग्रामीण किसान समशेर कोसलिया ने कई बार सीएम विंडो में शिकायत दर्ज कराई तब जाकर विभाग ने रिकाल टेंडर किए।
पु:टेंडर होने के बावजूद भी पुलियों का निर्माण कार्य चालू नहीं किया गया। किसान समशेर ने पुन: सीएम विंडो में शिकायत की तब जाकर एक पुलिया का निर्माण कार्य चालू किया गया। पुराने वाले पुलिया को हटा दिया गया और गांव स्याणा से गांव चिडिय़ा सड़क को बंद कर दिया गया और निर्माण कार्य बीच में रुका पड़ा रहा। फिर शिकायतों का दौर शुरू हुआ तब जाकर आठ नौ महीने में पुलिया का निर्माण आधी अधूरी मिट्टी डालकर पूरा किया गया। जबकि दोनों पुलियों का निर्माण एक साथ नहीं किया गया। दूसरे पुलिया का निर्माण कार्य पहले का निर्माण लगभग पूरा होने को था तब शुरू किया गया पुराने पुलिया को हटा दिया गया तथा दोनों तरफ की दीवार बना दी गई। पिछले 6 महीने से पुलिये का निर्माण कार्य बीच में ही लटका हुआ है जिससे आम राहगीरों व ग्रामीण किसानों को अपने ही खेतों में आना जाना दूभर हो गया है। न तो नहर विभाग इस तरफ ध्यान दें रहा है और ना ही ठेकेदार इस कार्य को पूरा करवा रहा है। समशेर कोसलिया, वीरपाल, जगदीश,विक्रम, सत्यपाल, सुमेर सिंह, अंकुश,भागमल, मांगेराम,जयविन्द्र, मनोज, कुलदीप आदि किसानों सरकार से मांग है कि इस पुलिया का निर्माण शीघ्र करवाया जाए।
फोटो कैप्शन 2:अधूरा पड़ा स्याणा-चिडिय़ा माग््र पर नहर का पुलिया।
पूर्व मुख्याध्यापक एवं कनीना पालिका के पूर्व पार्षद करतार सिंह का निधन
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कनीना। करीब 95 वर्षीय कनीना के सबसे अधिक वृद्ध व्यक्ति करतार सिंह पूर्व मुख्य अध्यापक का बुधवार को निधन हो गया। कनीना में दो बार पालिका पार्षद रहे थे वहीं पितामह कान्ह सिंह कालेज की शिक्षा समिति के अध्यक्ष भी रहे थे। धनौंदा के राजकीय स्कूल से सेवानिवृत्त हुए करतार सिंह मुख्य अध्यापक पूर्णरूप से स्वस्थ थे तथा कनीना में ही अपने आवास पर रह रहे थे। हरियाणा के पूर्व मंत्री राव दलीप सिंह कभी कनीना विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और मंत्री पद तक रहे उनके भाई होते थे जिनका पहले ही निधन हो चुका है। कोरोना काल में किसी रिश्तेदार को अंत्येष्टि में नहीं बुलाया गया। उनके पौते पंचम पार्षद ने बताया कि घर परिवार में वे पांच लड़े, दो लड़कियां,8 पौते, 5 पौतियां, 4 पड़पौते, 4 पड़पौतियां छोड़ गये हैं।
उनके निधन पर कनीना के पूर्व प्रधान मा दलीप सिंह, कंवरसेन वशिष्ठ, प्रो हरिओम भारद्वाज, महेश बोहरा , सुमेर सिंह चेयरमैन तथा विभिन्न जनों ने शोक जताया है।
फोटो कैप्शन: पूर्व मुख्याध्यापक करतार सिंह।
पूरे कस्बा को कर दिया है सेनिटाइज
-आवश्यकता हुई तो फांगिंग भी कराई जाएगी
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कनीना। कस्बा कनीना में विगत तीन दिनों से सेनिटाइजर छिड़कने का काम चला और पूरे कस्बा को सेनिटाइज कर दिया गया है। नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनके पास सैनिटाइजर आया हुआ था किंतु मशीन खराब होने से थोड़ा विलंब हो गया। मशीन ठीक करवा दी गई है और ट्रैक्टरों की सहायता से दवा का छिड़काव का काम भी पूर्ण कर दिया गया है।
प्रधान ने कहा कि संपूर्ण कस्बेवासी पूरी तरह से आश्वस्त रहें, किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तुरंत उन्हें अवगत कराएं। हर प्रकार समस्या के समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी कस्बा कनीना को सात बार सेनिटाइज किया गया था। दूसरी लहर में पहली बार कस्बा को सेनिटाइज किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार पुन: सैनिटाइज करवा दिया जाएगा और फोगिंग भी करवाई जाएगी।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में दवा का छिड़काव कर सेनिटाइज करते हुए।
77 मिले कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 77 कोरोना संक्रमित मिले हैं। लापरवाही के चलते कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि कनीना क्षेत्र के 17 गांवों में 77 कोरोना संक्रमित मिले हैं।
मिली जानकारी अनुसार भडफ़-दो, भोजावास-1, चेलावास-एक, ढाणा-5, दौंगड़ा अहीर- 14, गुढ़ा- 2, ककराला-3, कनीना-27, करीरा-5, कोटिया-61, कोका-एक, मोहनपुर-दो मुंडियाखेड़ा-1, रामबास-दो, सुंदराह-दो एवं उन्हाणी-2 प्रमुख हैं।
उधर डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ कनीना का कहना है कि लापरवाही के चलते ये केस बढ़ रहे हैं। लोग जानबूझकर कोरोना की जांच नहीं करवाते। कनीना में लगातार कोरोना के केस आ रहे हैं। प्रतिदिन करीब 100 व्यक्तियों की कोरोना जांच की जाती है परंतु कुछ लोग जानबूझकर मास्क नहीं लगाते। इधर-उधर आवारा घूमते हैं। कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करते ,यहां तक की कोरोना की संभावना होने जैसे बुखार,सर्दी, जुकाम आदि होने जांच नहीं करवाते। ऐसे में महामारी बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी नियमों का पालन नहीं करेंगे, महामारी को भगाया नहीं जा सकता।
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