सांसद की गाड़ी पर पथराव करने का विरोध जताया
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कनीना। अखिल भारतीय जिला जांगिड़ ब्राह्मण कल्याण सभा की कनीना में विश्वकर्मा धर्मशाला एक विशेष बैठक का आयोजन ओमप्रकाश भडफ़ अध्यक्षता में की गई जिसमें भगवान विश्वकर्मा दिवस के पावन अवसर पर रामचंद्र जी सांसद राज्यसभा को हिसार जिले के नारनौंद में एक नवनिर्मित धर्मशाला का उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जाना था इसमें शामिल होने के लिए जब वे जा रहे थे तो कुछ असामाजिक एवं शरारती तत्वों के द्वारा उनकी गाड़ी पर पथराव व नारेबाजी, अभद्र व्यवहार किया गया। गाड़ी के शीशे आदि तोड़े गये जो बड़ा ही निंदनीय कार्य है।
बैठक में इस अभद्रतापूर्ण व्यवहार कड़ी निंदा की। यह केवल व्यक्ति विशेष ही नहीं बल्कि पूरे समाज के धार्मिक देव व आराध्य देव का अपमान ही माना जा रहा है। सरकार से मांग की कि इस प्रकार के असामाजिक तत्वों के प्रति कठोर से कठोर कार्यवाही अमल में लाए। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया ताकि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हो पाए और समाज में अराजकता और अशांति फैलाने वाले तत्वों पर अंकुश लगाया जा सकें। इस अवसर पर अराजकता और अशांति फैलाने वाले तत्वों पर अंकुश लगाया जा सकें ताकि समाज की छवि और आराध्य देव का निरादर होने से बचा जा सकें और हम सब सुरक्षित जीवन यापन कर सके। इस अवसर पर राजेंद्र सिंह साहब, कृपाराम पूर्व सरपंच ,धर्मदत्त , ब्रह्मदत्त प्रधान मुकेश नंबरदार ,विजय सिंह अशोक पैकन पूर्व प्राचार्य ,सतबीर सिंह ,धर्मपाल नंबरदार, कैलाश ,सुरेश पेंटर मदन कोटिया, बंशीधर ठेकेदार, मोतीराम थानेदार, सुभाष उपप्रधान,दलीप कुमार ,ओम प्रकाश, मूलचंद, अशोक, पवन कुमार मुकेश कुमार, विरेंद्र सिंह, मुंशीराम ठेकेदार, सुबे सिंह पूर्व सरपंच, रोहतास, छोटेलाल, वेद प्रकाश रामचंद्र आदि जांगिड़ बंधु जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 10: बैठक का नजारा।
निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर 9 को
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कनीना। 9 नवंबर को आर एस वाटिका में निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए सूबेदार जयनारायण तथा कप्तान सूबे सिंह ने बताया कि आरएस वाटिका में लगने वाले शिविर में विशेष डॉक्टरों की टीम निशुल्क एक्सरे, ईसीजी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर आदि की जांच करेगी। वही हड्डी रोग विशेषक और हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। इस शिविर में सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगे तथा परामर्श मुफ्त दिया जाएगा।
दीपावली के पटाखों की राशि से खरीदे पौधे और गमले
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कनीना। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऋषिराज खेड़ा ने अपने पुत्र सुजल द्वारा दीपावली पर खर्च की जाने वाली करीब 5 हजार रुपये की राशि से न केवल विभिन्न प्रकार के पौधे अपितु गमले खरीदे हैं। ये गमले एवं पौधे घर में सजाये हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उनका पुत्र सुजल नहीं चाहता था कि पटाखे चलाए जाए
ऐसे में उनके खाते से 5000 रुपये की राशि जो पटाखों पर खर्च की जानी थी उसे विभिन्न गमले खरीदे हैं। उल्लेखनीय है कि ऋषिराज खेड़ा निवासी का घर गमलों पेड़ पौधों से भरा हुआ है। दूरदराज के लोग उनके घर को देखने के लिए आते हैं। विभिन्न अवसरों पर भी अपने पैसों से विभिन्न गमले एवं पौधे खरीदते हैं और उनसे घर की शोभा बढ़ाते हैं। वर्तमान में उनके घर में फलदार फूलदार करीब 300 पौधों में रखे हुए हैं वही बड़े पौधे भारी संख्या में मौजूद हैं।
फोटो कैप्शन 9: ऋषिराज का घर उसमें रखे हुए गमले।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में यूरो स्कूल के विद्यार्थियों ने पाई सफलता
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कनीना। हाल ही में घोषित मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में यूरो ग्रुप आफ स्कूल्स के 62 विद्यार्थियों ने सफलता पाई है।
चेयरमैन सत्यवीर यादव ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की 720 अंकों की इस परीक्षा में छात्र प्रिन्स ने 631, प्रीती ने 611, आयूषी ने 603, प्रियांशी ने 568, तमन्ना ने 523 तथा भारती ने 500 अंक प्राप्त किए। इस सफलता पर यूरो ग्रुप के चेयरमैन सत्यवीर यादव ने विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं अभिभावकों को बधाई दी। यूरो गु्रप के शैक्षणिक निदेशक डा राजेन्द्र यादव ने बताया कि कांउसलिंग में सफल विद्यार्थी विभिन्न मेडिकल कालेजों से कोर्स करके चिकित्सा के क्षेत्र में सेवाएं देंगे। यूरो गु्रप के प्रबन्धक नितिन यादव व प्राचार्य सुनील यादव ने इन सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की एवं उनको निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा दी।
विधायक सीताराम ने किया जिम का उद्घाटन
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कनीना। अटेली विधायक सीताराम यादव ने बॉडीक्राफ्ट जिम सेहलंग का उद्घाटन किया।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि रोज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज बहुत जरूरी हो गई है। ऐसे में जिम लाभदायक है। उन्होंने कहा कि जब तक स्वास्थ्य है तब तक यह संसार है। सेहत खराब होने पर धन और सब कुछ बेकार है। सेहत बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करने पर बल दिया। इस अवसर पर उन्होंने जिम संचालक पंकज एवं राहुल की सराहना की। उन्होंने लोगों से समय निकालकर जिम करने की भी सलाह दी। विधायक ने जिम ट्रेनर पंकज से जिम के तरीकों की जानकारी ली और उपलब्ध उपकरणों का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व जिला अध्यक्ष सतवीर यादव, हनुमान शर्मा, शीला शक्ति, नाथन पोता,सज्जन रोहिल्ला, दिनेश, वेद प्रकाश एडवोकेट बाघोत, अतर सिंह स्याणा, सूबे, कुलदीप सिंह, विनीत सिंह, रामनिवास आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 8: जिम का उद्घाटन करते सीताराम विधायक।
भूला दिया है मोटे अन्न उपजाना
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कनीना। तीन दशक पूर्व कनीना क्षेत्र में पैदावार बहुत अधिक होती थी जो अब लगभग समाप्त हो चुकी हैं। किसी एक या दो क्यारी में किसान चना उगाते हैं। अब दाल के भावों में तेजी आने के पीछे भी यही कारण माना जाता है। क्षेत्र में सबसे अधिक चने की खेती होती थी जो विगत 2014 में महज तीस हेक्टेयर में चना उगाया था। वर्ष 2015 में 52 हेक्टेयर पर चने की बीजाई की गई थी। 2015 से 2018 तक भी चने की महज 70 से 80 हेक्टेयर बिजाई की जाती रही है। विगत दो वर्षों से चने की खेती दस हेक्टेयर से कम रह गई है। इस वर्ष चना 6 हेक्टेयर तो जौ 15 हेक्टेयर पर बीजाई होने की संभावना है।
कनीना की भूमि बावनी नाम से जानी जाती है। 52 हजार हेक्टेयर पर खरीफ एवं रबी की कृषि की जाती है। कनीना क्षेत्र में चने की खेती आज के दिन महज इतनी रह गई है कि कभी कभार बुजुर्गों को चटनी के लिए हरे चने की पत्तियां चाहिए तो किसी किसान के खेत में एक या दो क्यारियां ही मिल सकती हैं। यही कारण है कि बाजार में चने के पौधे भी बिकते देखे जा सकते हैं।
किसानों का कहना है कि दालों के भावों में निरंतर तेजी के पीछे कारण है कि किसान अपने खेतों में मोटे अन्न जिनमें चना आदि तथा दाल देने वाली फसलें नहीं उगाते हैं। एक वक्त था जब विवाह शादी में अवश्य लड्डू बनाए जाते थे किंतु अब जब किसी के शादी होती है तो लड्डू के लिए चने दूर दराज से लाने पड़ते हैं या फिर खरीदकर लाते हैं।
किसानों का कहना है कि वे भी किसी वैज्ञानिक से कम नहीं होते हैं और नई नई फसल उगाकर लाभ व हानि का अनुभव करते हैं। अब जब खेतों में कुओं द्वारा सिंचाई की जाती है तो चने के लिए प्रतिकूल है। किसान अजीत सिंह कहते हैं कि पूर्णरूप से वर्षा के जल पर चने की कृषि आधारित है। अब किसान कम खेत में अधिक पैदावार लेने के चक्कर में होते हैं और पुराने अन्न को उगाना भूल गए हैं।
बुजुर्ग राम सिंह, दुलीचंद, धनपती का कहना है कि कभी इस क्षेत्र में चने की खेती की जाती थी तो चने की सब्जी, चने की रोटी, मेसी रोटी, हरे चने की चटनी, खाटा का साग, कढ़ी, परांठे व कई अन्य सब्जियों में डालकर जायका लिया जाता था। जब तक चना सूख न जाता था तब तक चने को खाते रहते थे किंतु अब दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। कृषि अधिकारी डा देवराज का कहना है कि इस क्षेत्र में चने की कृषि घटती ही जा रही है जिसके पीछे बरानी (असिंचित) क्षेत्र न होना माना जाता है। जहां सिंचाई हो जाती है वहां चना नहीं होता है। अभी भी पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी डा रामानंद यादव चने की खेती कर रहे हैं।
सरसों की अगेती बिजाई करने वाले खुश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सरसों की अगेती बिजाई करने वाले किसान अब खुश हैं तथा उनके खेतों में खड़ी फसल अच्छी नजर आने लगी है। किसानों ने 11 अक्टूबर को सरसों की बिजाई कर दी थी। कनीना के किसान सुनील कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 11 अक्टूबर को सरसों की बिजाई कर दी थी जो अब अच्छी फसल दिखाई देने लग गई है। सरसों खूड़ों से बाहर नजर आ रही है। कृषि विभाग सरसों की बिजाई का समय 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर मानता है परंतु गर्मी अधिक पडऩे के कारण बहुत से किसानों ने जल्दी में बिजाई नहीं की लेकिन कुछ किसानों ने रिस्क लेकर बिजाई की थी जो अब बेहतर नजर आ रही है। वर्तमान में गेहूं की बिजाई जोरों पर चल रही है। सरसों की बिजाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।
पूर्व कृषि अधिकारी डॉ देवराज का कहना है कि कनीना क्षेत्र करीब 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई तथा 8000 हेक्टेयर के करीब गेहूं की बिजाई की जानी है। अभी तक किसान सरसों की बिजाई पूर्ण कर चुके हैं। क्योंकि खाद की कमी से उनकी बीजाई भी प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि वैसे तो 25 अक्टूबर तक सरसों की बिजाई करना उचित है। इसके बाद तो प्रतिदिन प्रति एकड़ 18 किलो सरसों पैदावार कम होती चली जाती है। ऐसे में देरी से बीजाई करना नुकसानदायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि अब किसान गेहूं की बीजाई में लगे हुये हैं जो 25 नवंबर तक जारी रहेगी।
फोटो कैप्शन 8: खेतों में अगैती खड़ी सरसों।
एनएसएस यूनिट के स्वयं सेवकों ने की सफाई
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कनीना। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला के एनएसएस यूनिट के स्वयं सेवकों ने स्टाफ सदस्यों के साथ विद्यालय में सफाई अभियान चलाया।
त्योहार के उपलक्ष्य में स्वयं सेवकों ने विद्यालय में साफ सफाई की और पौधाों को पानी दिया।
एनएसएस प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि सफाई का अपना महत्व है इनसे मिलने वाले सन्देश समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां साफ सफाई होती है वहीं देवता निवास करते हैं। ऐसे में सभी को साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
इस मौके पर विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि साफ सफाई से देवता प्रसन्न होते हैं। त्योहारों का सामाजिक व धार्मिक दोनों ही दृष्टि से अत्यधिक महत्व है।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आरएस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, शैक्षणिक विभाग के मुखिया सुनील यादव, सुरेन्द्र कुमार चौहान, संदीप कुमार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: एसडी स्कूल में सफाई करने वाली एनएसएस टीम।
जहरीली गैसें बढ़ी
-दीपावली के बाद स्थिति बिगड़ी
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कनीना। दीपावली और गोवर्धन पूजा के अगले दिन यानी शनिवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली सहित उत्तर भारत के अधिकतर शहर एक बार फिर बुरी तरह से जहरीली हवाओं की चपेट में हैं. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में हवा बेहद जहरीली हो चुकी हैं। इस प्रदूषण की वजह से सूर्य का प्रकाश भी धुंधला दिखाई दे रहा है, शनिवार सुबह में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेवल 410 था जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।दिल्ली आज दुनिया में सबसे प्रदूषित हवा वाला शहर है. यह लेवल बेहद जहरीली हो चुकी हवा का संकेत दे रहा है। दीपावली और गोवर्धन पूजा त्यौहार पर हुई आतिशबाजी की वजह वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी से हरियाणा राज्य की वायु गुणवत्ता सूचकांक में भारी बढ़ोतरी हुई है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डा चंद्रमोहन ने बताया की दिल्ली एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण के मद्देनजऱ हरियाणा सरकार ने पटाखों की बिक्री को लेकर अहम फैसला लिया था। हरियाणा सरकार ने दिल्ली एनसीआर के अंतर्गत आने वाले हरियाणा के 14 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी । जिनमें भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहा।
यह आदेश राज्य के उन सभी शहरों में भी लागू होगा, जहां पिछले साल नवंबर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रहा था. सरकारी आदेश के मुताबिक, जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य श्रेणी में रहा था, वहां केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की गई है. दीपावली और गुरु नानक जयंती पर रात आठ बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी. परंतु लोगों में जागरूकता की कमी और दीपावली के मौके पर देर रात तक ग्रीन पटाखों की जगह प्रदूषण वाले पटाखों की जमकर हुई। आतिशबाजी से पूरे हरियाणा का खासकर जिन जिलों में सरकार के आदेश थे कि पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा इन जिलों में सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। हरियाणा के इन जिलों के वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य श्रेणी में नहीं रहे। जिला महेंद्रगढ़ जिले का आज वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रहा है, जिनमें नारनौल का 197 जबकि अटेली का 184 महेंद्रगढ़ का 180 और रेवाड़ी का 224 रहा, रोहतक 378, अंबाला 179, असंध 207, बाहदुरगढ़ 267, उचाना 218, बरवाला 212, बावल 182, भिवानी 232, चरखी दादरी 281, फरीदाबाद 339, गोहाना 308, गुरुग्राम 299,, हिसार 334, झज्जर 326 कलानौर 326, खरखोदा 365, महम 335, रोहतक 378, रहा, दिल्ली 410 जो विश्व में सबसे पहले स्थान पर रहा है, जबकि सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 50 तक रहता है, अगर एनसीआर दिल्ली में शामिल शहऱो की बात की जाए तो यहां पहले से ही कई कारण है जिनसे वायु गुणवत्ता में कमी आई रहती है जिनमें अनियंत्रित एवं परिवहन के साधनों की अधिकता जगह-जगह परिवहन के साधनों का जाम लगना, निर्माण कार्यों की अधिकता, सड़कों का निर्माण कार्य का चलना ,इसके साथ साथ क्रेशर जोन का होना, खनन कार्य का होना, बड़ी बड़ी सड़क परियोजनाओं का आना उनके साथ हरे वृक्षों की कटाई का कार्य होना, ईट भट्टा एवं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का निर्माण होना। यह सारे कारण इस प्रदूषण के स्तर को और ज्यादा बढ़ा देते है और वायु की गुणवत्ता को और कम कर देते है, इसलिए हम सभी को अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना चाहिए, त्योहारों पर आतिशबाजी नहीं करनी चाहिए, जिससे हमें स्वस्थ पर्यावरण और स्वस्थ हवा मिल सके । और प्रदूषण को कम किया जा सके।
छठ पूजा का अवकाश घोषित करने की मांग
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कनीना। क्षेत्र में बिहार एवं उत्तरप्रदेश के भारी संख्या में आए हुए लोग या तो छठ पूजा से वंचित रह गए हैं या फिर अपने क्षेत्र में लौट गए हैं।
कनीना क्षेत्र में करीब दो हजार लोग दूसरे राज्यों से भारी संख्या में मजदूर एवं मिस्त्री आए हुए हैं जिनके यहां छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में ये लोग या तो छठ पूजा के लिए अपने वतन को लौट गए हैं या फिर जो नहीं जा पाए वो मायूस हैं और छठ पूजा से वंचित रह रहे हैं। कनीना के आस पास रेवाड़ी में छठ पूजा मनाए जाने की प्रथा अधिक है। ऐसे में कुछ लोग तो रेवाड़ी जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
कई उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोगों ने बताया कि उनका यह प्रमुख पर्व होता है। इस दिन वे अकसर अपने गांव चले जाते हैं किंतु मजबूरी वश वे जब गांव नहीं जा पाते हैं तो यहीं पर पर्व मना लेते हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भी इस दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए ताकि यह पर्व बेहतर ढंग से मनाया जा सके। मजदूरी करने बिहार से आए रमलू, शौनक, दानू तथा उत्तर प्रदेश से आए मुन्नीलाल, धर्मा, खेताराम तथा रेवती ने बताया कि उनके साथी उत्तर प्रदेश तथा बिहार जा चुके हैं। 10 नवंबर को छठ पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व में शामिल होने चले गए हैं किंतु मजदूरी अभी जारी है ऐसे में वे मजदूरी छोड़कर अपने प्रदेश को नहीं जा सके और वे या तो पर्व कनीना में ही मनाएंगे या फिर रेवाड़ी जैसे शहर में जाकर पर्व का मना सकेंगे।
भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है भैया दूज-सुरेंद्र
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कनीना। भाइयों के प्रति बहनों के प्रेम और विश्वास का पर्व भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। भाई दूज के दिन बहने नारियल भाई को देकर टीका करती है, टीका करने के बाद बहने भाई आरती करती करती है, बदले में भाई अपने बहन को गिफ्ट देती है। ये विचार कनीना ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने व्यक्त किये।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को कहा कि उत्तर भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में कई अनोखी परंपराएं प्रचलित हैं, जिनका निर्वहन करते हुए बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
उन्होंने सुनाई पूरी कहानी-
पंडित प्रदीप शास्त्री ने पूरी कथा सुनाते हुये बताया कि भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।अयमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।
क्षेत्र में शनिवार को भाई बहने के अटूट प्रेम को दर्शाता भैया दूज का पर्व मनाया गया। बहनों ने भाइयों को तिलक किया।
वर्ष में दो बार भाई बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाने वाले पर्व भैया दूज का आगाज होता है। दीपावली के पर्व के बाद यह पर्व आता है। महिलाएं अपने भाई के आने का बेसब्री से इंतजार किया और व्रत रखकर उनके आने पर खाना खाया।
इस दिन बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए यम से प्रार्थना की। भाई चलकर बहनों से मिलने के लिए गए। कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र वशिष्ठ का कहना है कि यह पर्व सभी पर्वों में सबसे बड़ा होता है। इस दिन बहना कहीं भी हो उससे मिलने भाई जरूर जाता है और बहने उन्हें तिलक कर अपने हाथों से मीठा भोजन कराकर फिर भोजन ग्रहण करती हैं। इस पर्व पर बहने अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए यमराज से प्रार्थना करती हैं।
फोटो कैप्शन 02: बहन भाई को टीका करते हुए।
ऋग्वेद पारा
यण यज्ञ का आयोजन 7 नवंबर से
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा स्थित वेद मंदिर में ऋग्वेद पारायण यज्ञ का आयोजन 7 नवंबर से 13 नवंबर तक चलेगा। विस्तृत जानकारी देते हैं मंदिर के मंत्री-प्रधानाचार्य सूरत सिंह आर्य ने बताया दो पारियों में कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें सुबह नौ से 12 तथा शाम अढ़ाई से 5 बजे तक हवन एवं प्रवचन चलेंगे। इस अवसर पर यज्ञ ब्रह्मचार्य संजीव रूप बदायूं तथा वेद पाठी ब्रह्मचारी मनोज आर्य वीर तथा ब्रह्मचारी आनंद आर्य होंगे।
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