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Tuesday, November 9, 2021



निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का हुआ आयोजन
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कनीना। कनीना की आरएस वाटिका में एक निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन दिल्ली की अस्पताल आकाश हेल्थ केयर की तरफ से किया गया। यह शिविर कनीना के कप्तान सूबे सिंह, सूबेदार जयनारायण व सुशील मित्तल का विशेष सहयोग रहा। इस जांच शिविर में एक्स-रे ईसीजी, रेंडम ब्लड सूगर ब्लड शूगर, हड्डी रोग विशेषज्ञ हृदय रोग विशेषज्ञ के द्वारा मरीजों की जांच की गई। इस संबंध में जानकारी देते हुए सूबेदार जयनारायण ने बताया कि इस शिविर में आने वाले मरीजों का एक्स-रे बीपी शुगर चेकअप निशुल्क किया गया। इसके साथ ही जिन मरीजों को घुटनों के जोड़ों में दर्द की शिकायत थी उनकी जांच की गई । कुछ मरीजों को ज्यादा गंभीर समस्या नहीं थी उन्हें दवाइयां लिख कर दी गई । जिन लोगों को घुटनों के जोड़ों में ज्यादा दर्द की शिकायत थी उन्हें ऑपरेशन के लिए परामर्श भी दिया गया। इस जांच शिविर में 100 से भी अधिक लोगों ने निशुल्क जांच सेवा का लाभ उठाया।





खाद न मिलने पर लगाया जाम
-किसानों ने लगाया लगभग 2 घंटे जाम
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कनीना। कनीना में खाद न मिलने से परेशान किसानों ने रेवाड़ी महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग पर जाम लगाया।
 जाम की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी संतोष कुमार अपने दलबल सहित पहुंचे मौके पर पहुंचे।
थोड़ी देर बाद एसडीओ कृषि विभाग अजय कुमार भी मौके पर पहुंचे।
एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने लोगों को दस नवंबर को खाद देने के आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने जाम खोल दिया। सड़क मार्ग जाम होने से दोनो ओर लंबी लंबी कतारें लग गई।े
 खाद की किल्लत कनीना क्षेत्र में लगातार बनी हुई है। लोगों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिससे उनके खेतों में बिजाई नही हो पा रही है इससे गुस्साए किसानों ने कैंनीना में रेवाड़ी महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग पर जाम लगा दिया जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई किसानों का कहना है कि वह पिछले 5 दिनों से खाद  के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है जिससे उनके खेतों में बिजाई नहीं हो पा रही है। इससे उन्हें नुकसान हो रहा है। वहीं महिलाओं का कहना है कि वह अपने सभी कामकाज छोड़कर खाद के लिए लाइनों में लगी रहती हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है यही नहीं उनके घरेलू कामकाज भी बाधित हो रहे हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से जल्दी खाद उपलब्ध करवाने की मांग की। जाम की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी संतोष कुमार कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तहसीलदार मैडम मौके पर पहुंचे व किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान उनकी बात से सहमत नहीं हुए तथा लगातार जाम में नारेबाजी करते रहे। कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार ने  किसानों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। किसानों का कहना है कि वह पिछले कई दिनों से अपने काम धाम को छोड़कर खाद के लिए धक्के खा रहे हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। विशेष तौर से महिलाओं का कहना है कि वह अपना चूल्हा चौका छोड़कर खाद के लिए लाइनों में लगे हैं लेकिन उन्हें कोरे आश्वासन मिलते हैं बिजाई का समय निकला जा रहा है लेकिन अभी तक गेहूं की बिजाई नहीं हो पाई है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
बाद में एसडीएम सुरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे वह कल खाद देने का लोग किसानों को आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने जाम खोल दिया।
उनका कहना है कि बाजरा नहीं खरीद रही है और ना ही उसको खाद व बीज दे रही है जिसके कारण मजबूरी बस सड़कों पर आना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया के यह सरकार किसान विरोधी है तथा किसानों को खत्म करने पर तुली हुई है जिसको लेकर आज मजबूरी बस हमें सड़कों पर आना पड़ रहा है। पीडि़त किसानों की अगुवाई कर रहे युवा नेता संजय सिंह सराधना ने बताया कि किसान पिछले 20 दिन से परेशान हैं लेकिन उनको खाद नहीं मिल रहा है आखिर सरकार चाहती क्या है जो किसान को न तो खाद ही दे रही है और ना ही उसकी कहीं कोई मदद कर रही है।  किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हो रहा है।इस जाम को लेकर थाना प्रभारी संतोष कुमार व तहसीलदार अवनीत कौर तथा नायब तहसीलदार सत्यपाल यादव के अलावा अन्य उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बड़ी मुश्किल से लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
फोटो कैप्शन 8 व 9: जाम से संबंधित एवं कनीना में मौके पर पुलिस बल।



न्यायिक सेवा दिवस मनाया
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 कनीना। कनीना उपमंडल विधिक सेवा समिति ने न्यायिक सेवा दिवस मनाया। इस मौके पर विधिक सेवा समिति के प्रवक्ता कुलदीप कुमार, ओम प्रकाश रामबास, मीनाक्षी यादव, ममता यादव, मंजीत यादव, नरेश कुमार, विक्रमनाथ आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सिंह एडिशनल सिविल जज सीनियर डिविजन मेनका सिंह ने की।     उन्होंने बताया कि सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए की गई थी। उसको मनाने का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए निशुल्क और कानूनी सेवाओं की पेशकश करना है। यह कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना होने के साथ-साथ उन्हें अधिकारों के बारे में जागरूक करने का प्रयास करता है। उन्होंने बताया कि लीगल एड द्वारा लोगों को मुफ्त में कानूनी सहायता दी जाती है और बताया कि सीनियर सिटीजन व सभी महिला, माताओं, बच्चों, विकलांग व्यक्तियों के लिए अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए मुफ्त में वकील भी लीगल एड द्वारा दिया जाता है। इस अवसर पर देशबंधु यादव एडवोकेट, संदीप एडवोकेट, सुनील लांबा, सतीश कुमार भाटिया एडवोकेट एडवोकेट, देवेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
 फोटो कैप्शन 7: बैठक में भाग लेती एडिशनल सिविल जज मेनका सिंह।



मंगलवार को भी उत्तर भारत रहा जहरीली गैसों के आगोश में
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कनीना। हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के अधिकतर शहर मंगलवार को भी बुरी तरह से जहरीली व प्रदूषित हवा के आगोश में शामिल है।  केंद्रीय पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार यहां की आबोहवा आमजन के लिए बहुत ही खतरनाक स्तर पर है, इसी वजह से इन शहरों में सांस की बीमारी, आंखों की बीमारी, त्वचा संबंधी  बीमारी पेशेंट (बीमार) ज्यादा बढ़ रहे हैं,और संबंधित अस्पतालों में इन पेशेंट की लंबी कतारें देखने को मिल रही  है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल  के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डा चंद्रमोहन ने बताया कि वायु प्रदूषण अनियंत्रित यातायात के साधनों, लंबे लंबे परिवहन के साधनों के जाम , बड़े स्तर पर पराली की जलाई और औद्योगिक कारखानों, खनन कार्य, क्रेशर जोन का होना, त्योहारी सीजन पर आतिशबाजी  द्वारा, और ईट भट्टों द्वारा उत्सर्जित धुएं में उपस्थित राख, गंधक व अन्य हानिकारक रसायन  वायु गुणवत्ता के स्तर को गिरा देती है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर के बढऩे के कारण  हरियाणा और उत्तर प्रदेश  में पराली के जलाने पर और आतिशबाजी करने पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई है । परंतु लोगों में जागरूकता की कमी और दीपावली के त्योहार पर प्रदूषण वाले पटाखों की जमकर हुई आतिशबाजी और पराली  जलाने से पूरे हरियाणा, एनसीआर दिल्ली और उत्तर प्रदेश की आबो-हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा अधिक बढ़ गई । भारत देश के इन शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक  मंगलवार को भी  बहुत खराब श्रेणी में रहे हैं। मंगलवार दोपहर को उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शहरों में सबसे ज्यादा हवा में जहरीले पदार्थ पाए गए जिनमें फिरोजाबाद 499, आगरा 482, वृंदावन 466, गाजियाबाद 446, बल्लभगढ़ 443, बागपत 436, फरीदाबाद 435, हापुड  432, नोएडा 425, मेरठ 423,  जींद 402,जबकि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक  में सोमवार को काफी सुधार हुआ था जो 388 था  परंतु आज फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक 402 हो गया।  मंगलवार को अति खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक की सूची में  विश्व में सबसे पहले स्थान पर  फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश रहा है, आज विश्व में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक में यूपी और हरियाणा के अधिकतर स्थान रहे हैं । जबकि सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 50 तक रहता है, अगर  एनसीआर दिल्ली  में शामिल शहऱो की बात की जाए तो यहां पहले से  कई कारण है, जिनसे वायु गुणवत्ता में कमी आई रहती है जिनमें पराली की जलाई सबसे प्रथम स्थान पर कारण है , त्योहारों पर आतिशबाजी,अनियंत्रित एवं परिवहन के साधनों की अधिकता जगह-जगह परिवहन के साधनों का जाम लगना, निर्माण कार्यों की अधिकता, सड़कों का निर्माण कार्य का चलना ,इसके साथ साथ क्रेशर जोन का होना, खनन कार्य का होना, बड़ी बड़ी सड़क परियोजनाओं का आना उनके साथ हरे वृक्षों की कटाई का कार्य होना, ईट भट्टा एवं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का निर्माण होना। यह सारे कारण इस प्रदूषण के स्तर को और  जहरीले पदार्थों को ज्यादा बढ़ा देते है और वायु की गुणवत्ता को  और कम कर देते है। नोडल अधिकारी ने इस स्थिति से बचने के लिए आमजन के लिए कुछ उपाय बताए हैं  जिनमें बाहर निकलते समय मास्क लगाना चाहिए,घरों की खिड़की और दरवाजे सुबह के समय खोलने चाहिए और पूरे दिन बंद रखने चाहिए, बाहर एक्सरसाइज करने से बचें, बूढ़े व्यक्ति और बीमार व्यक्ति बाहर जाने से बचें,वायु प्रदूषण  से जनित गंभीर बीमारियों जैसे सांस की बीमारियां, त्वचा संबंधी रोग, आंखों के रोग, मानसिक बीमारियों, से बचा जा सकता है।





दो दिवसीय खेलों का हुआ आयोजन
-विभिन्न टीमों ने दिखाया दमखम
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कनीना। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में खंड स्तर केदो दिवसीय  खेलों का आयोजन हुआ। जिनमें 23 स्कूलों की टीमों ने भाग लिया। कबड्डी में 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों की 12 टीमें, 19 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों की 11 टीमों ने भाग लिया।खो-खो में 10 टीमों की, बालीबाल में 11 टीमों की हैंडबाल की 09, फुटबाल 8 और हाकी की 07 टीमों ने भाग लिया।
17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 1500 मीटर की दौड़ में एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला का छात्र रोहित प्रथम, जीएल पब्लिक स्कूल कनीना के रवि ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 19 वर्ष तक की आयुवर्ग में लड़कों में 1500 मीटर दौड़ में राजकीय माडल स्कूल के छात्र नितिन प्रथम आरआरसीएम स्कूल के छात्र रोहित ने  द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों में 800 मीटर की दौड़ में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा अनिता  प्रथम और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिहोर की छात्रा तनिशा द्वितीय स्थान पर रही। 19 वर्ष तक आयु वर्ग की लड़कियों में 800 मीटर की दौड़ में आईवीपीएस स्कूल की छात्रा रितु प्रथम स्थान पर और एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा विशाखा द्वितीय स्थान पर रही। 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 800 मीटर की दौड़ में आरसीएम स्कूल के छात्र हितेश प्रथम व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बाघोत के छात्र सचिन ने द्वितीय स्थान किया। 19 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 800 मीटर की दौड़ में आरआरसीएम स्कूल का सोनू प्रथम  और राजकीय उच्च विद्यालय बूचावास के छात्र शक्ति दूसरे स्थान पर रहा।
इसी प्रकार 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 400 मीटर की दौड़ में जीएलपीएस का छात्र दीपक, आईवीपीएस का छात्र साहिल क्रमश: प्रथम एवं दूसरे स्थान पर रहा। 19 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 400 मीटर की दौड़ में आरआरसीएम स्कूल का छात्र निशु प्रथम स्थान पर और आरआरसीएम विद्यालय का छात्र प्रदीन द्वितीय स्थान पर रहा। 17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों में 400 मीटर की दौड़ में आईव पी स्कूल की छात्रा गीतंाशु प्रथम और देवयानी स्कूल की छात्रा कल्पना द्वितीय स्थान पर रही। 19 वर्ष तक आयु वर्ग की लड़कियों में 400 मीटर की दौड़ में जीए पी स्कूल की छात्रा अंजली  प्रथम और एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा संजू द्वितीय स्थान पर रही। 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 200 मीटर की दौड़ में आर आरसीएम स्कूल का छात्र मनीष प्रथम  व आईवीपीएस का छात्र साहिल द्वितीय स्थान पर रहा। 19 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 200 मीटर की दौड़ में आरआरसीएम स्कूल का छात्र निशु प्रथम स्थान पर और आईवीपी स्कूल का छात्र आशीष द्वितीय स्थान पर रहा।
   इसी प्रकार 17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों में 200 मीटर की दौड़ में जीएस एस स्कूल ककराला की छात्रा भारती प्रथम स्थान पर और आईवीपी स्कूल की छात्रा पवीता  द्वितीय स्थान पर रही। 19 वर्ष तक आयु वर्ग की लड़कियों में 200 मीटर की दौड़ में जीएल पी स्कूल की छात्रा अंजली  प्रथम स्थान पर और एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा संजू द्वितीय स्थान पर रही। 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 100 मीटर की दौड़ में देवयानी स्कूल का छात्र धनराज प्रथम स्थान पर व जीएसएस स्कूल का छात्र सुरेन्द्र  द्वितीय स्थान पर रहा। 19 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में 100 मीटर की दौड़ में आईवीपी स्कूल का छात्र आशीष पुत्र राजपाल प्रथम स्थान पर और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भोजावास का छात्र सचिन  द्वितीय स्थान पर रहा।
17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों में 100 मीटर की दौड़ में जीए एस स्कूल ककराला की छात्रा भारती प्रथम स्थान पर और आईवी पी स्कूल की छात्रा गीतांशु द्वितीय स्थान पर रही। 19 वर्ष तक आयु वर्ग की लड़कियों में 100 मीटर की दौड़ में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराल की छात्रा खुशी प्रथम स्थान पर और जीएमएस एसएस विद्यालय की छात्रा मंजू द्वितीय स्थान पर रही।
17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कों की हॉकी प्रतियोगिता में एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की टीम विजेता रही और 19 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कों की हाकी प्रतियोगिता में जीएमएसएस स्कूल कनीना की टीम विजेता रही।
17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों की हाकी प्रतियोगिता में आरसीएम स्कूल कनीना की टीम विजेता रही और 19 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों की हाकी प्रतियोगिता में आरसीएम स्कूल कनीना की टीम विजेता रही।
17 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों की कबड्डी प्रतियोगिता में जीएलपी स्कूल कनीना की टीम विजेता रही और 19 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों की हाकी प्रतियोगिता में आरआरसीएम स्कूल कनीना की टीम विजेता रही।
19 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कों की शॉट पुट में आईवीपीएस स्कूल दौंगड़ा का छात्र गौरव प्रथम स्थान पर और एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला का छात्र राहुल  द्वितीय स्थान पर रहा तथा 17 वर्ष तक की आयुवर्ग के लड़कों में शाट पुट में आर आर सी एम स्कूल कनीना का छात्र हरिश प्रथम स्थान पर और आईवीपी स्कूल का छात्र योगेश द्वितीय स्थान पर रहा।
19 वर्ष तक की आयुवर्ग की लड़कियों में शाट पुट में आरआरसी एम स्कूल की छात्र मुस्कान प्रथम स्थान पर और एसडी स्कूल ककराला की छात्रा निशा द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक की आयु की लड़कियों में शाट पुट में एसडी स्कूल ककराला की छात्रा प्रथम स्थान पर आई वी पी स्कूल की छात्रा प्रिया द्वितीय स्थान पर रही है।
19 वर्ष तक आयुवर्ग के लडकों में लंबी कूद में जीएसएस स्कूल भोजावास का छात्र कोहली प्रथम स्थान पर और आर आरसीएम कनीना का छात्र दिनेश द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक आयुवर्ग के लड़कों में आरआरसीएम कनीना का छात्र मन्दीप प्रथम स्थान पर और जीएसएस स्कूल रामबास का छात्र गौरव द्वितीय स्थान पर रहा।
19 वर्ष तक आयुवर्ग की लड़कियों में लंबी कूद में एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा विशाखा प्रथम स्थान पर और देवयानी स्कूल की छात्रा कल्पना पुत्री ललीत कुमार द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक आयुवर्ग की लड़कियों में लंबी कूद में आईवीपीएस दौंगड़ा की छात्रा प्रिया और आईवीपीएस स्कूल दौंगड़ा की छात्रा गीतांशु द्वितीय स्थान पर रही।
19 वर्ष तक आयुवर्ग के लडकों में ऊंची कूद में एसडी स्कूल ककराला का छात्र आशीष प्रथम स्थान पर और आरआरसीएम कनीना का छात्र सुदर्शन द्वितीय स्थान पर रहे।
19 वर्ष तक आयुवर्ग के लडकों में जेवलिन थ्रो में जीएसएस स्कूल भोजावास का छात्र अशोक प्रथम स्थान पर और आईवीपीएस दौंगड़ा का छात्र गौरव द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक आयुवर्ग के लड़कों में आईवीपी एस दौंगड़ा का छात्र हिमांशु  प्रथम स्थान पर और जीएसएस स्कूल रामबास का छात्र नीरज पुत्र धर्मेन्द्र द्वितीय स्थान पर रहा।
19 वर्ष तक आयुवर्ग के लडकों में ट्रिपल जंप में आरआरसीएम का छात्र गगन  प्रथम स्थान पर और आईवीपी एस दौंगड़ा का छात्र कृष्ण  द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक आयुवर्ग के लड़कों में आई वी पी एस दौंगड़ा का छात्र साहिल  प्रथम स्थान पर और आरआरसीएम स्कूल कनीना का छात्र हरिश द्वितीय स्थान पर रहा।
19 वर्ष तक आयुवर्ग की लड़कियों में ट्रिपल जंप में आईवी पी विद्यालय की छात्रा रविना प्रथम स्थान पर और आरआरसीएम की छात्रा मांशी द्वितीय स्थान पर तथा 17 वर्ष तक आयुवर्ग की लड़कियों में ट्रिपल जंप में आईवीपीएस दौंगड़ा की छात्रा टीना और आईवीपीएस स्कूल दौंगड़ा की छात्रा मुस्कान  द्वितीय स्थान पर रही।
इस अवसर पर बलजीत, राकेश, शर्मिला, सरीता, कुलदीप, कलदीप सिंह, अनिल कुमार, नीरज कुमार, हरिओम आदि उपस्थित थे। 



45500 पशुओं को पैर मुंह खुरी तथा गलघोटू की वैक्सीन देने का लक्ष्य
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 कनीना। कनीना उपमंडल स्तर के पशु अस्पताल कनीना के तहत विभिन्न गांव में 45500 पैर-मुंह खुरी तथा गलघोटू बीमारी की वैक्सीन 30 दिसंबर 2021 तक दिए जाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 3201 टीके लगाए जा चुके हैं। यह खुराक केवल गाय और भैंसों को दी जा रही है। जिसमें दोनों रोगों के लिए बचाव के लिए एक ही डोज निर्मित है जो दी जा रही है। कनीना पशु के वरिष्ठ पशु चिकित्सक
डा पवन कांगड़ा ने बताया कि कनीना उपमंडल स्तरीय पशु चिकित्सालय के अलावा कनीना उपमंडल में दौंगड़ा अहीर, मुंडिया खेड़ा बाघोत, धनौंदा, स्याणा तथा खैराना के राजकीय पशु चिकित्सालय आते हैं। सभी में 45500 पशुओं को जिनमें गाय और भैंस शामिल है को एक खुराक दी जाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने हरियाणा को प्राथमिकता के आधार पर की दवाई उपलब्ध करवाई है। उसका पशु पालकों को भारी लाभ होगा। पशुपालक भी त्वरित गति से डोज दिलवा रहे ताकि उनके पशु भयंकर बीमारी से बच सके। डॉक्टर ने बताया कि यह खुराक केवल गाय और भैंस के लिए होती तथा अन्य पशुओं को नहीं लगाई जा सकती।
फोटो कैप्शन 3: पशुओं को पैर मुह खुरी तथा गलघोटू का डोज देने के बाद डाक्टर।


50 फीसदी अनुदान











पर मिल रहा है बरसीम  और जई का बीज
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 कनीना।  कनीना क्षेत्र में 50 फीसदी अनुदान पर जई और बरसीम का बीज किसानों को उपलब्ध हो रहा है। इस योजना के तहत उन्हें 5 किलो जई और 2 किलो बरसीम की के बीज की थैली उपलब्ध करवाई जा रही है। विस्तृत जानकारी देते हुए पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा ने बताया की ये बीज 50 फीसदी अनुदान में प्राप्त करने के लिए भरा जानो वाला आवेदन पशु चिकित्सालय से प्राप्त किया जा सकता है तथा उन्हाणी के पास हिसार बीज हाउस पर यह बीज सब्सिडी पर परमिट दिखाकर मिल सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों ही चारा देने वाली फसलें पशुओं के लिए लाभप्रद मानी जाती है। ऐसे में सरकार ने 50 फीसदी अनुदान पर देने की का निर्णय लिया है।





नगरपालिका के नये भवन पर साइन बोर्ड लगाने की मांग
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 कनीना। कनीना नगरपालिका का विशाल, सभी सुविधाओं युक्त भवन, एसडीएम कार्यालय समक्ष स्थापित हो चुका है। जिसका उद्घाटन हुए 1 वर्ष बीत चुका है किंतु अभी तक इस पर कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है। अधिकांश कार्यों के लिए विशेष कर आधार कार्ड की कमियां दुरुस्त करवाने के लिए, नगर पालिका के कार्यों के लिए विभिन्न गांवों और कस्बों से लोग नगरपालिका कार्यालय आते हैं। अक्सर वे भी पुराने भवन पहुंच जाते हैं जहां पर नगर पालिका कार्यालय का साइन बोर्ड लगा हुआ है किंतु नए कार्यालय का साइन बोर्ड नहीं होना समस्या बना हुआ है। जिसके चलते लोग इधर-उधर दुकानदारों से नगरपालिका कार्यालय का पता पूछते हैं ।यही कारण है कि परेशानी झेलते हुए नगर पालिका कार्यालय तक पहुंच पाते हैं। लोगों की मांग है कि नगरपालिका कार्यालय का साइन बोर्ड जरूर लगवाया जाए तथा नगर पालिका भवन के अंदर भी ऐसा बोर्ड लगवाया जाए।
 इस संबंध में नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात की तो उन्होंने कहा कि नगर पालिका को दर्शाने वाला कोई बोर्ड नहीं लगा हुआ है। 2 से 3 दिनों में नगरपालिका का साइन बोर्ड लगवा दिया जाएगा जिसके बाद लोगों को नगरपालिका तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई शिकायत दिक्कत तो नहीं आएगी। एसडीएम कार्यालय कनीना के सामने जहां एक ओर फाइनेंस का बड़ा साइन बोर्ड लगा है वहीं दूसरी ओर शुद्ध देशी घी का भोजनालय का बोर्ड लगा है। इनके बीच से 50 गज पर भवन दिखाई पड़ता है।
 फोटो कैप्शन 4: नगरपालिका कार्यालय की गली और सामने नगरपालिका कार्यालय।





गायों की पूजा का पर्व है गोपाष्टमी, पर्व 11 नवंबर को
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कनीना। गोपाष्टमी का पर्व गायों की विधि विधान से पूजा का पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा चलाए गए इस पर्व पर गायों को विभिन्न प्रकार का चारा खिलाया जाता है और सुबह सवेरे से ही पूजा शुरू कर दी जाती है। उनको छापे लगाए जाते हैं तथा रोली एवं मेहन्दी लगाकर पूजा की जाती है। विभिन्न गौशालाओं में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
  कार्तिक शुक्ल अष्टमी यानी 11 नवंबर को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व पर ही भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम गोबिंद पड़ा था। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी बताते हैं कि गोपाष्टमी पर गायों की विधि विधान से पूजा की जानी चाहिए। घर में अगर गाय न हो तो गौशाला में जाकर भी पूजा की जा सकती है। उनके अनुसार गाय में सभी देवता निवास करते हैं और उनके गोबर में भी लक्ष्मी का निवास पाया जाता है। यही कारण है कि कच्चे घरों को गाय के गोबर से लीप पोतकर साफ सुथरा बनाया जाता है। सुबह से शाम तक उनकी इस दिन पूजा करनी चाहिए। गाय को मां का दर्जा दिया हुआ है। ऐसे में गायों की पूजा करने का विधान भी है।
  गोपाष्टमी का पर्व मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। बताया जाता है कि इंद्र का गर्व चूर करने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाए रखा था जिसके चलते इंद्र का गर्व आठवें दिन चूर चूर हो गया और वे भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आ गए थे। तभी से भगवान श्रीकृष्ण का नाम गोविंद पड़ा था। इस दिन भगवान की कामधेनु ने अपनी दुग्ध धारा से नहलाया था और भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की सेवा करने का वचन दिया था। तभी से यह पर्व चला आ रहा है।
  एक दूसरी कहानी के अनुसार बलराम एवं श्रीकृष्ण ने गोकुल में गायों की सेवा करने का प्रशिक्षण लिया था और गोपाष्टमी के दिन माता यशोदा एवं नंद बाबा से आज्ञा पाकर गायों को जंगल में चराने का निर्णय लिया था। उस वक्त भगवान श्रीकृष्ण की उम्र महज छह-सात वर्ष थी। उनके द्वारा गाए चराने पर ही उनका नाम गोपालक पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण जीवनभर गायों के रक्षक एवं सेवक बने रहे थे। यह भी माना जाता है कि राधा ने इसी दिन से जंगल में गाए चरानी शुरू की थी चूंकि लड़कियों को गाये चराने की अनुमति नहीं थी किंतु उन्होंने पुरुष ग्वाले के वस्त्र धारण किए और भगवान श्रीकृष्ण के साथ वन में गाए चराने निकल पड़ी थी। इस दिन मेहंदी के थापे लगाकर हल्दी एवं रोली से गायों की पूजा करने से सभी विकार पूर्ण हो जाते हैं।





छठ पूजा से कुछ वंचित रहे तो कुछ अपने वतन लौटे
-10 नवंबर को छठ पूजा
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कनीना। क्षेत्र में बिहार एवं उत्तरप्रदेश के भारी संख्या में आए हुए लोग या तो छट पूजा से वंचित रह गए हैं या फिर अपने क्षेत्र में लौट गए हैं।
  कनीना क्षेत्र में दूसरे राज्यों से भारी संख्या में मजदूर एवं मिस्त्री आए हुए हैं जिनके यहां छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में ये लोग या तो छठ पूजा के लिए अपने वतन को लौट गए हैं या फिर जो नहीं जा पाए वो मायूस हैं और छठ पूजा से वंचित रह रहे हैं। कनीना के आस पास रेवाड़ी में छठ पूजा मनाए जाने की प्रथा अधिक है। ऐसे में कुछ लोग तो रेवाड़ी जा रहे हैं।
  कई उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोगों ने बताया कि उनका यह प्रमुख पर्व होता है। इस दिन वे अकसर अपने गांव चले जाते हैं किंतु मजबूरी वश वे जब गांव नहीं जा पाते हैं तो यहीं पर पर्व मना लेते हैं।
सूर्योपासना का पर्व है छठ पूजा -
बिहार और उत्तर प्रदेश में जहां वैदिक आर्य संस्कृति की झलक छठ पूजा पर देखने को मिलती है। सूर्योपासना का यह पर्व माना जाता है। दीपावली के बाद षष्ठी को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। यद्यपि छठ पूजा साल में दो बार मनाई जाती चैत्र मास में तथा दूसरी कार्तिक मास में । मां कात्यायनी के नाम से भी जाना जाता है।
 जब पांडव सारा कुछ राज पाट हार गए थे तब श्रीकृष्ण द्वारा द्रौपदी को छठ पूजा का पर्व मनाने की बात कही। तभी से उन्हें सारा राजपाट मिला था। यदि खगोल शास्त्रियों की बात माने तो सूर्य की हानिकारक छठ के समय अधिक मात्रा में धरती पर आती है जिससे रक्षा के लिए यह पर्व मनाया जाता है। जयपाल लगातार तीन दिन चलता रहता है जहां 36 घंटे तक व्रत रखा जाता है और इस दौरान पानी तक नहीं करते। किसी नदी में नहाते हैं प्रसाद वितरित करते हैं। पानी में खड़े होकर ही प्रसाद सूर्य का आराधना की जाती है। विभिन्न पुराणों में भी सूर्य की उपासना की बात कही गई है।

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