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Tuesday, November 16, 2021

 कनीना की प्रथम महिला पत्रकार को दी जाएगी श्रद्धांजलि
-उनके नाम पर ट्रस्ट कार्यालय का भी होगा उद्घाटन

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कनीना। कनीना कस्बा की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की 11वीं पुण्य पर 17 नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस अवसर पर सुमन यादव के आवास पर हवन आयोजित होगा वहीं विभिन्न जन उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। उनके नाम पर चले आ रहे श्रीमती सुमन यादव चेरिटेबल ट्रस्ट के नये कमरे का उद्घाटन भी किया जाएगा। वे दैनिक ट्रिब्यून चंडीगढ़ तत्पश्चात दैनिक जागरण की लंबे समय तक पत्रकार रही थी।
 उनके जीवन व चरित्र को उजागर करने वाली कनीना के लेखक डा एचएस यादव की कृति  कष्टों की देवी का दूसरा संस्करण एवं आइएसबीएन संस्करण भी आ चुका है। जिसमें सुमन यादव का संक्षिप्त जीवन का चरित्र-चित्रण किया गया है। 2010 को वे स्वर्ग सिधार गई। उनकी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जहां उनके निवास मोदीका मोहल्ला में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा  आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है।
अलवर में दो अक्टूबर 1979 में पैदा हुई सुमन यादव की शादी कनीना के लेखक होशियार सिंह से हुई थी। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें 'मानव बाडी कविताएं तथा ' आस्थाÓ प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक ' कष्टों की देवीÓ में विस्तृत प्रकाशन किया गया है। बीमार होते हुए भी कभी उन्होंने अपने काम को विराम नहीं दिया। एक ओर जहां गृहस्थ आश्रम वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता एवं लेखन कार्य को बखूबी से निभाया। उन्होंने अपने पत्रकारिता के दौरान आम आदमी एवं किसान आदि की समस्याओं को अधिक उठाया।
  कनीना पत्रकार परिषद की सदस्य सुमन यादव अपने जीवन के अंतिम समय में पीएचडी कर रही थी। एमए. इतिहास के अलावा पीजीडीसीए धारक सुमन यादव स्वभाव से अति मृदु एवं अति हिम्मत वाली साहसी स्त्री थी। उनकी हिम्मत की दाद उस वक्त देखने को मिली जब वे वर्ष 2008 में गंभीर रोग से पीडि़त हो गई। जिसकी परवाह न करते हुए भी उन्होंने अपना दैनिक कार्य विशेषकर समाचार संकलन एवं प्रेषण का काम नहीं छोड़ा। जब उन्होंने जग को छोड़ा उन्होंने अपने अंतिम समय के तीन वर्षों में घोर कष्ट सहन किए। अपने छोटे पुत्र अमीश को भी घोर संकटों में डालकर समाचार संकलन में लगी रहती थी।
कभी बचपन में कोई दवा नहीं लेने वाली कष्टों की देवी ने तीन वर्षों में छह बार आपरेशन करवाना पड़ा और भारी मात्रा में दवाएं खानी पड़ी किंतु उनकी जिंदगी फिर भी नहीं बच पाई। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।  
   उनके चरित्र एवं गुणों पर आधारित कनीना के साहित्यकार होशियार सिंह की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक'कष्टों की देवीÓ में उनके बचपन से लेकर अंतिम समय तक विभिन्न कष्टों के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है। उनके साहस का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि घर गृहस्थी के काम के अलावा समय निकालकर लेखन कार्य में जुट जाना और वो भी उस वक्त जब भयंकर रोग ने उन्हें घेर रखा हो। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार को विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया था। उनके साहित्य को अभी प्रकाशित किया जाना बाकी है। लोग विशेषकर महिलाएं उनको आज तक नहीं भूला पाए हैं। वे सभी से शालीनता से बातें करती थी और सभी का मन जीत लेती थी।  आज उनकी बस यादें शेष हैं। 


दक्षिणी हरियाणा में बन रही है बारिश की संभावना
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कनीना। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों विशेषकर पंजाब हरियाणा राजस्थान एनसीआर दिल्ली  में दर्ज न्यूनतम तापमान आंकड़ों का ब्यौरा आने वाले समय में तापमान में और गिरावट आएगी। कोहरे की मात्रा में भी बढ़ोतरी होगी। 19 और 20 तारीख को बंगाल की खाड़ी में बने कम दाब एरिया अरब सागर में बने लो एरिया की वजह से एनसीआर दिल्ली और दक्षिण हरियाणा के सीमित इलाकों पर बारिश की संभावना बन रही है। यह जानकारी डॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी  नारनौल ने दी।




एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में दो दिवसीय जिला स्तरीय खेलों का हुआ समापन
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कनीना। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में दो दिवसीय जिला स्तर के खेलों का समापन हुआ। जिसमें जूडो और कुश्ती प्रतियोगिताओं सराहनीय प्रदर्शन रहा।
   निदेशक जगदेव यादव ने बताया कि 17 वर्ष की आयुवर्ग के 40 किलोग्राम वाले लड़कों में एसडी स्कूल ककराला के छात्र पीयूष और 45 किलो भार वर्ग वाले लड़कों में कपिल ने बाजी मारी। 50 किलो भार वर्ग में लड़कों में एचआइएस के छात्र योगेश , 55 किलो भार वर्ग मेंं दीपेश  60 किलो भार वर्ग में लड़कों में हितेश विजेता रहे। 66 किलो भार वर्ग में लड़कों में एसडी विद्यालय ककराला के छात्र सचिन और 73 किलो भार वर्ग में लड़कों में शिवम विजेता रहे।
19 वर्ष की आयुवर्ग के 45 किलो भार वर्ग वाले लड़कों में एसडी स्कूल ककराला के छात्र धीरज और 50 किलो भार वर्ग में एचआईएसएस के छात्र सुशील कुमार  55 किलो भार वाले लड़कों में एस डी स्कूल का छात्र जतीन प्रथम रहे । 60 किलो ग्राम भार वर्ग वाले लड़कों में आरआरसीएम. कनीना के छात्र कौशल और 66 किलो भार वर्ग वाले छात्रों में हितेश विजेता रहे। 73 किलो भार वर्ग में लड़कों में एसजीएम पाथेड़ा का छात्र हिमांशु  81 किलो भार वर्ग में लड़कों में एचआइएसएस के छात्र केशव और 90 किलो भार वर्ग वाले लड़कों में अमन ने बाजी मारी।
17 वर्ष की आयुवर्ग की 44 किलो भार वर्ग में वाली लड़कियों में सलोनी स्कूल की छात्रा प्रियंका यादव , 48 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में एसडी स्कूल ककराला की छात्रा मुस्कान और 52 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में एसडी स्कूल ककराला की छात्रा भावना ने बाजी मारी।
19 वर्ष की आयुवर्ग की 44 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्राएं नीरु , 48 किलो वर्ग वाली लड़कियों में हिमांशु , 57 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा पारुल  और 70 किलो भार वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला की छात्रा मनीषा  विजेता रहीं।
17 वर्ष की आयुवर्ग के 45 किलोग्राम वाले लड़कों में ग्रीको रोमन कुश्ती में आइवीपीएस दौगड़ा के छात्र इकबाल और 48 किलो भार वर्ग वाले लड़कों में धीरजने बाजी मारी। 51 किलो भार वर्ग में लड़कों में आरआरसीएम कनीना का छात्र मंजीत  55 किलो भार वर्ग मेंं आई वी पी एस दौगड़ा के छात्र पवन और 60 किलो भार वर्ग में लड़कों में हिमांशु विजेता रहे।
17 वर्ष के आयुवर्ग के 40 किलोग्राम वाली लड़कियों में जीजीएसएसएस सतनाली की छात्रा अमीशा , 43 किलो भार वर्ग में सरस्वती शिक्षा स्कूल, कलां माजरा की छात्रा काजल , 46 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में जीजीएसएसएस. काजल  49 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में आइवीपीएस दौगड़ा की छात्रा मुस्कान  53 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जड़वा की छात्रा निशा 61 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों आइवीपीएस दौगड़ा अहीर की छात्रा कनिष्का ने बाजी मारी।
19 वर्ष की आयु वर्ग की 50 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में आईवीपीएस की छात्रा अल्का , 53 किलो भार वर्ग लड़कियों में रविना  51 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में रितु  57 किलो भार वर्ग वाली लड़कियों में कोमल  59 किलो भार वर्ग में आरएमएस राता कलां की छात्रा अंतिम  60 किलो भार वाली लड़कियों में आइवीपीएस दौगड़ा की छात्रा अर्पिता 76 किलो भार वर्ग में आरएमएस राता कलां की छात्रा सिमरण ने बाजी मारी।
इन प्रतियोगिताओं के दौरान प्रबन्धन समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, आर एस यादव, रतिराम कोच डीएवी नारनौल, ओमप्रकाश कोच मारोली, विरेन्द्र कोच मांडोला महेन्द्रगढ़, मान सिहं सलीमपुर, इन्द्रजीत कोच चन्दपुरा, कुलदीप कनवीनर भोजावास, किस्मती पीटीआई, मनोज डीपीई, जयभगवान कोच, अनुज कोच, नरेन्द्र कोच, कर्मबीर कोच आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: एसडी स्कूल में खिलाडिय़ों से हाथ मिलवाते हुए स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य एवं अन्य।




जिला स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में एनआर स्कूल के विद्यार्थियों ने पाया नाम
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कनीना। जिला स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता नांगल चौधरी में एनआर स्कूल कोटिया के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया।
 विद्यालय के निदेशक डा महेंद्र सिंह ने बताया कि जिला स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में 17 वर्ष से कम आयु वर्ग में मनीष, नेहा, संगीता, पायल, लक्की ने पहला स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही नितेश, सक्षम, बलविंद्र, यस, गौरव, धनंजय, सज्जन, जतिन ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।  डा महेंद्र सिंह ने बताया कि प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय स्कूल खेल प्रतियोगिता में 24 व 25 नवंबर को भाग लेंगे। इस दौरान विद्यालय स्टाफ सहित अन्य भी मौजूद रहे।  
फोटो कैप्शन 6: विद्यार्थियों को सम्मानित करते विद्यालय के निर्देशक डा महेंद्र सिंह।


मानसिक आरोग्य को प्राथमिकता दें शिक्षक - मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत
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कनीना। मानसिक अरोग्य सम्पूर्ण स्वास्थ्य का एक अनिवार्य हिस्सा है इसलिए समाज को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ  सूर्यकांत यादव का कहना है कि हमें पहले परिवार के भीतर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बातचीत करने की जरूरत है और धीरे-धीरे समाज के प्रत्येक नागरिक को इसके प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही हमें अपने शिक्षकों को इस तरह से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है कि वे बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का आसानी से पता लगा सकें।
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे प्रतिदिन के जीवन, पारिवारिक और सामाजिक समझ और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह जीवन की विभिन्न घटनाओं में संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। जीवन की खुशियों में खुश रहता है और यदि दु:ख या विपरीत परिस्थिति आए तो उससे निकलने और दुबारा जीवन को सही दिशा में जीने का तरीका सिखाता है।
शोध बताते हैं कि हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी मानसिक रोग का शिकार है लेकिन यह जानते हुए भी कि वह मानसिक समस्या से अकेले जूझ रहा है, वह किसी डॉक्टर को दिखाने से डरता है। इसका बहुत बड़ा कारण हमारे समाज का मानसिक समस्या के बारे में गलत धारणा रखना या पूर्वाग्रहग्रस्त होना है। हम छोटी-छोटी शारीरिक समस्या जैसे: सर्दी, जुकाम और बुखार से लेकर बड़ी से बड़ी बीमारी – हृदयरोग, मधुमेह और कैंसर तक के लिए तुरंत डॉक्टरी परामर्श लेते हैं। बिना किसी संकोच के सबको बताते हैं लेकिन किसी मानसिक बीमारी की न हम चर्चा करना चाहते हैं न ही किसी समाधान पर ध्यान देते हैं। यह स्थिति अत्यंत दुखद है जो भविष्य में विस्फोटक रूप ले सकती है। शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक समस्याएं भी कई प्रकार की होती हैं जिनका निदान संभव है लेकिन सही समय पर मनोवैज्ञानिक परामर्श न लेने से छोटी मानसिक समस्या? बड़ी बन जाती है।
प्राय: देखा गया है कि मानसिक समस्या को 'पागलपनÓ से संबंधित समस्या मान लिया जाता है जबकि यथार्थ में ऐसा बिलकुल नहीं है।अवसाद, उलझन और तनाव तेजी से बढ़ती मानसिक बीमारियां हैं जिन्हें हम नजरअंदाज करते हैं। अवसाद की समस्या में व्यक्ति को नींद न आना, भूख न लगना, शरीर का वजन अचानक कम या ज्या?दा होना, मन उदास रहना, किसी से भी मिलने का मन न करना, नकारात्मक बातें सोचना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ लोगों को अंधेरे से डर लगता है, तो कुछ को मंच से, बच्चों को परीक्षा से डर लगता है तो किसी को छिपकली से; इन सभी समस्याओं का निदान संभव है यदि आप सही समय पर प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से उचित परामर्श लें।
 मानसिक समस्या को लेकर हम जितना अधिक जागरूक होंगे, इस विषय पर जितना अधिक बात करेंगे या जानकारी साझा करेंगे और इसे शारीरिक समस्या की तरह ही सामान्य समझेंगे, उतनी ही आसानी से इस समस्या से लड़ा जा सकता है।अवसाद और तनाव जैसी समस्या से अपने समाज को मुक्त किया जा सकता है। ध्यान रखिए, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता व नैदानिक मनोचिकित्सक  हमेशा मनोरोगी की सहायता के लिए तत्पर हैं। जरूरत है तो जागरूक होने की, समस्या पर चर्चा करने की और सबसे जरूरी मानसिक रोगी को घृणा या हेय दृष्टि से देखने के बजाय संवेदनशीलता दिखाने की और उसे आगे आने और अपनी समस्या खुलकर बताने के लिए प्रोत्साहित करने की। इसी दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा,पंचकूला ने पहल करते हुए हरियाणा के विभिन्न जिलों में उम्मीद काउंसलिंग सेंटरों को स्थापित किया है जिनका उद्देश्य है मनोवैज्ञानिक सेहत व सुरक्षा सुनिश्चित करना,स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराना, विद्यार्थियों के भावनात्मक, व्यवहारिक व सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ समग्र मनोवैज्ञानिक अधिगम का निर्धारण करना है।
फोटो कैप्शन: मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत




योग करने की डाले नियमित आदत-डा शशी मोरवाल
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 कनीना। कनीना के नेता जी मेमोरियल क्लब में चल रहे पांच दिवसीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित मधुमेह प्रबंधन शिविर के तीसरे दिन डा शशी मोरवाल ने कहा कि योग करने की नियमित आदत डालने से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। योग रोग भगाने में सहायक है।
 इस मौके पर जहां मनोज कुमार योग शिक्षक पतंजलि ने विभिन्न योग करवाएं।  इस अवसर पर ध्यान, योगिक प्रणायाम के पश्चात सूक्ष्म व्यायाम जिनमें गर्दन हिलाना, बाजू हिलाना, घुटने मोडऩा आदि योग एवं जोगिंग खड़े होकर ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, वृक्षासन कटिचक्रासन, बैठकर मंडूकासन, योग मुद्रासन, शशांक आसन, उष्ट्रासन वक्रासन करवाए वहीं स्पाइन से संबंधित उत्तानपाद आसन, सर्वांगासन हलासन, पवन मुक्त आसन, सेतुबंध आसन, मर्कटासन, शवासन के साथ-साथ अन्य आसन भी करवाएं। साथ में भस्त्रिका, कपालभाति के अलावा मेडिटेशन, योग निद्रा आदि आने गतिविधियां करवाई गई।
 इस मौके पर  डा शशि मोरवाल के अतिरिक्त संदीप कुमार फार्मासिस्ट, शर्मिला स्टाफ नर्स, अनुराधा डिस्पेंसर, महेश बोहरा, सुरेंद्र प्राध्यापक, शिवकुमार अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 7: योग करते हुए योगार्थी।




डेंगू रोग के लिए उठाये जाये सार्थक कदम
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कनीना। बसपाके नेता प्रमुख समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने जिला में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से डेंगू की रोकथाम के लिए धरातल पर कारगर कदम उठाने की मांग की है।
 हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भेजे ज्ञापन में अतरलाल ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने डेंगू की रोकथाम के लिए तत्काल सार्थक कदम नहीं उठाए तो बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्त्ता सी.एम.ओ. नारनौल के कार्यालय के सामने धरना देंगे। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण इलाके में डेंगू बेकाबू होता जा रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में दवाईयों का अभाव है तथा मरीजों के लिए बैड मिलना मुश्किल हो गया है। बैड की कमी के साथ-साथ प्लेट्लेट्स चढ़ाने की किट की भी किल्लत है। प्रशासन ने न तो डेंगू के लारवा को खत्म करने के लिए कारगर कदम उठाए हैं और न ही उसको फैलने से रोकने के लिए फागिंग अथवा डी.डी.टी. के छिड़काव पर ध्यान दिया है। उन्होंने सरकार तथा प्रशासन से तत्काल गांव, शहरों में फांगिग करने के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग करते हुए कहा कि इस दिशा में सरकार की देरी तथा लापरवाही आम जनता के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की आपूर्ति करने तथा बेडों की संख्या में बढ़ोतरी करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण लोगों में भारी रोष व्याप्त है। यदि सरकार ने तत्काल डेंगू तथा मलेरिया की रोकथाम के लिए कारगर कदम नहीं उठाए तो बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता सीएमओ. नारनौल कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे।



ककराला में 12 दिसम्बर को प्रतिभाखोज प्रतियोगिता होगी आयेजित,22 नवंबर तक करें पंजीकरण
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कनीना।खंड के ग्राम ककराला में हर वर्ष की तरह युवाओं और बच्चों के लिये ग्रामीण स्तर पर प्रतिभा खोज प्रतियोगिता ककराला गोट टैलेंट केजीटी-2021 का संस्था बाबा भैंया सेवा दल कार्यकारिणी ने 12 दिसंबर 2021 को आयोजन करने का फैसला लिया है। यह प्रतिभा समारोह ककराला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रात: 8 बजे से प्रारंभ होगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये पंजीकरण अभी आरम्भ हो चुके हैं और ये प्रक्रिया 22 नवंबर तक जारी रहेगी। इस समारोह में पांचवी कक्षा तक के आयु वर्ग के लिये चित्रकला, छठी से बारहवीं तक प्रश्नोतरी व सभी आयुवर्ग के लिये अन्य कोई भी विशेष कला जैसे भाषण, कविता, नृत्य, गीत, संगीत यंत्र बजाना, स्टैंड-अप कॉमेडी, मिमिक्री, जादू आदि कलाओं में प्रतियोगताओं का आयोजन किया जायेगा। चित्रकला प्रतियोगिता के विषय मेरा स्वच्छ गांव, मेरी ग्राम पंचायत रहेंगें जो 35 मिनट ने बनानी होगी। वहीं अन्य विशेष कला प्रतियोगिता के लिये प्रतिभागियों को अपनी कला की 2 मिनट आडियो या वीडियो सँस्था को भेजनी होगी जिसके बाद ऑडिशन के जरिये शीर्ष 10 का चुनाव होगा, जिनको प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा। हरेक आयुवर्ग में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत किया जायेगा।
संस्था के प्रधान अजय कुमार ने बताया कि प्रतिभागियों को इसमें भाग लेने के लिए 22 नवम्बर से पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। यह आयोजन सभी के लिये खुला है।
सँस्था के कोषाध्यक्ष अजय कुमार फौजी ने बताया कि संस्था ने पंजीकरण को सुविधाजनक करने हेतु आनलाइन सुविधा दी गई है व प्रतिभागी बीबीएसडी ककराला नाम की मोबाईल एप्लिकेशन पर भी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 5: स्कूली बच्चों को कार्यक्रम की जानकारी देते क्लब के पदाधिकारी।



19 नवंबर को लगेगा चंद्र ग्रहण
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कनीना। उन्नीस नवम्बर शुक्रवार का भारत के पूर्वी राज्यों में सबसे लम्बा आंशिक चन्द्र ग्रहण देखा जायेगा। यह मौका 580 साल बाद आयेगा। ये आंशिक चन्द्र ग्रहण 18-19 की दरमियानी रात को होगा। भारत में आंशिक चन्द्र ग्रहण उन्नीस नवम्बर को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से 04 बजकर 17 मिनट तक दिखाई देगा। भारत में अरूणाचल प्रदेश और आसाम के हिस्सों में दिखाई देगा। यह आंशिक चन्द्र ग्रहण 03 घण्टे 28 मिनट और 24 सेकंड का होगा इससे पहले इतना लम्बा चन्द्र ग्रहण 18 फरवरी  1440 में लगा था अगला लम्बा चन्द्र ग्रहण 08फरवरी 2629 मे लगेगा। यह चन्द्र ग्रहण अरूणाचल प्रदेश और आसाम के हिस्सों के अलावा दक्षिण अमेरिका, पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया और प्रशान्त क्षेत्र में देखा जा सकेगा। यह चन्द्र ग्रहण नंगी आखों से नहीं देखा जा सकेगा। इसे देखने के लिए विशेष उपकरणों की जरूरत पड़ेगी। इस वर्ष इससे पहले 26 मई को चन्द्र ग्रहण लगा था जो ब्लड मून चन्द्र ग्रहण था। उन्नीस नवम्बर के बाद 04 दिसम्बर को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा अपनी-अपनी कक्षा मे एक दुसरे के बिल्कुल सिद्ध मे होते हैं पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा के दौरान चन्द्रमा और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पङती है जिससे चन्द्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय हो जाता है। इस स्थिति में पृथ्वी से चन्द्रमा को देखते वह भाग हमें काला दिखाई देता है
 इसे चन्द्र ग्रहण कहते हैं। यह एक खगोलीय घटना होने जा रही है और विज्ञान का नियम है। इसमें राहु और केतु का कोई रोल नहीं है। कुछ लोग ग्रहण का उपयोग जानबूझकर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए उदर पूर्ति के लिए लोगों को डराते हैं उनमें खौफ पदा करते हैं। मनुष्य की अज्ञानता, अनजानपन, अनभिज्ञता लाभ उठाते हैं और अंधविश्वास फैलाते हैं यह एक अदभुद्ध नजारा है प्रकृति का चमत्कार है हमे इसका आनंद लेना चाहिए। ग्रहण से कोई समस्या नहीं होने वाली है अपने बच्चों को अंधविश्वास के भंवर में न डुबाये।




तैराकी में पाया स्था









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कनीना। आर. सी. एम. पब्लिक स्कूल कनीना मे आज जिला स्तरीय खेल-कूद  प्रतियोगिताओं में तैराकी के 50 मीटर फ्री स्टाइल स्पर्धा में सफल विद्यार्थियों को सम्मानित किया ढ्ढ गौरतलब है की इस प्रतियोगिता में आयु वर्ग 17 में साहिल ने प्रथम स्थान, आयु वर्ग 14 में दिपेन्द्र, प्रतीक,और सचिन ने दूसरा स्थान प्राप्त कर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए अपनी जगह पक्की की ढ्ढ  
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि खेल द्वारा हममें उच्च स्तर का आत्मविश्वास पैदा है, जिससे हमारे जीवन में अनुशासन उत्पन्न होता है और यह अनुशासन हमारे साथ पूरे जीवन भर रहता है। इसलिए हमें बच्चों को सदैव खेलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घर तथा स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर संस्था के निदेशक संजय यादव ने बताया कि विद्यार्थियों को श्रेष्ठ खिलाड़ी बनाने के लिए हमारे  विद्यालय में विद्यार्थियों की तैयारी के साथ-साथ समय-समय पर अनेक प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाती है।
अंत मे कार्यक्रम को विद्यालय के प्राचर्य नरेन्द्र गौतम ने भी संबोधित किया उन्होंने बताया कि नियमित रुप से खेल खेलने से मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक सन्तुलन को बनाए रखता है, इसके साथ ही यह हमारे एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को भी सुधारता है। इसके साथ ही यह हमें किसी भी कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार करता है। उन्होंने सफल विद्यार्थियों को उनकी सफलता पर हार्दिक शुभ कामनाएं एवं बधाई प्रदान की।

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