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Monday, November 8, 2021

 
 भारत जानो प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित
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कनीना। भारत विकास परिषद के द्वारा कनीना मंडी की विश्वकर्मा धर्मशाला में  छात्र-अभिनन्दन व गुरु-वन्दन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भारत को जानों प्रतियोगिता में भाग लेने वाले स्कूलों के छात्रों व अध्यापकों को सम्मानित किया गया।
       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धनसिंह यादव सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक रहे वहीं विशिष्ट अतिथि रामपाल प्राचार्य राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना रहे। मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया।
   कार्यक्रम मोहन सिंह यादव शाखा अध्यक्ष की अध्यक्षता में तथा कंवर सेन वशिष्ठ संरक्षक व लखन लाल जांगड़ा कैमला शाखा सचिव एवं संयोजक भारत को जानो प्रतियोगिता के संयोजन में सुचारू रूप से चला। कार्यक्रम में कंवर सेन वशिष्ठ संरक्षक ने गुरु वन्दन व छात्र अभिनन्दन के बारे में बहुत ही सारगर्भित बातें बतायी। मुख्य अतिथि धनसिंह यादव ने छात्रों का उत्साह वर्धन करते हुए 8100 रुपये नकद भाविप शाखा कनीना को अपनी तरफ से भेंट किये। सुरेन्द्र सिंह यादव राजकीय कन्या स्कूल कनीना, जयभगवान रिटायर्ड डीएसपी, रामपाल प्राचार्य राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना ने भी अपने विचार व्यक्त किये।  शाखा अध्यक्ष मोहन सिंह यादव ने शिवलाल धर्मशाला के केयरटेकर प्रेम सिंह सिंगला का नि: शुल्क सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया। सभी अव्वल रहे विद्यार्थियों को मौके पर ही सम्मानित किया वहीं शिक्षकों का भी वंदन किया गया।
   इस कार्यक्रम में लखनपाल जांगड़ा कैमला,शाखा के सदस्य सूबेदारसुरेन्द्र सिंह, सुरेश शर्मा, शिवकुमार अग्रवाल, धनपत साहब, दलीप सिंह पार्षद, राजेन्द्र सिंह पार्षद, कप्तान सुबे सिंह, शक्ति सिंह पोता, उष्ण जांगड़ा कैमला, सुशीला यादव, प्रेम कुमार सिंगला कोषाध्यक्ष, व देशराज यादव आदि आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 9 व 10: भारत जानो प्रतियोगिता में अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते भाविप के पदाधिकारी।




उत्तर भारत जहरीली गैसों के अइागोश में
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कनीना। हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के अधिकतर शहर एक बार फिर बुरी तरह से जहरीली व प्रदूषित हवा के आगोश में है। इसके अलावा  उत्तरी पर्वतीय भागों पर अधिक मात्रा में हिमपात होने की वजह से मैदानी  इलाकों के तापमान में गिरावट आई है। जिससे कोहरे की मात्रा भी बढ़ गई है। आज सोमवार को सबसे कम तापमान पंचकूला का 10 . 4 डिग्री सेल्सियस रहा,  यमुनानगर11.3 डिग्री सेल्सियस रहा ,और महेंद्रगढ़ का 11.4 डिग्री सेल्सियस रहा , और नारनौल का 11.08 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसकी वजह से कोहरा की मात्रा भी बढ़ गई, कोहरे और प्रदूषण  के बढऩे से धूम कोहरा  धुआँसा या स्मॉग  की मात्रा बढ़ रही है।  राजकीय महाविद्यालय नारनौल  के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि धूम कोहरा  वायु प्रदूषण की एक अवस्था है। धूल, धुएँ और कुहासे का यह मिश्रण हिंदी में धुआँसा कहलाता है। गाडिय़ों और औद्योगिक कारखानों द्वारा उत्सर्जित धुएँ में उपस्थित राख, गंधक व अन्य हानिकारक रसायन जब कुहरे के संपर्क में आते हैं तो धुआँसे का निर्माण होता है।  दिल्ली एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर के कारण।  हरियाणा और उत्तर प्रदेश  में पराली के जलाने पर और आतिशबाजी करने पर रोक लगाई गई है । परंतु लोगों में जागरूकता की कमी और दीपावली के त्योहार पर प्रदूषण वाले पटाखों की जमकर हुई आतिशबाजी और पराली  जलाने से पूरे हरियाणा और उत्तर प्रदेश की आबो-हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा अधिक बढ़ गई इसके साथ साथ तापमान में गिरावट की वजह से कोहरे की मात्रा बढ़ रही है। जिन दोनों के मिलने से धूम कोहरा मे बढ़ोतरी हो रही है । धूंधकोहरा आमजन के लिए और  भी खतरनाक स्थिति पैदा कर देता है।हरियाणा के इन जिलों के वायु गुणवत्ता सूचकांक   सोमवार को भी  बहुत खराब श्रेणी में रहे। आज वायु गुणवत्ता सूचकांक  बहुत खराब श्रेणी में रहा है, जिनमें जींद 412, पानीपत 395, हिसार 381, कुरुक्षेत्र 367, अंबाला 356, रोहतक 350, और नारनौल 345 रहा। सोमवार दोपहर को उत्तर प्रदेश के शहरों में सबसे ज्यादा हवा में जहरीले पदार्थ पाए गए जिनमें वृंदावन 480, आगरा 479, गाजियाबाद 432, कानपुर 424  जबकि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक  भी  दिल्ली 388 वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी सुधार हुआ है । जो जो पिछले दिनों अति खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक की सूची में  विश्व में सबसे पहले स्थान पर रहा है, आज विश्व में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक में यूपी के अधिकतर स्थान रहे हैं जिनमें वृंदावन 480 पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर रहा है। जबकि सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 50 तक रहता है, अगर  एनसीआर दिल्ली  में शामिल शहऱो की बात की जाए तो यहां पहले से  कई कारण है, जिनसे वायु गुणवत्ता में कमी आई रहती है जिनमें पराली की जलाई सबसे प्रथम स्थान पर कारण है , त्योहारों पर आतिशबाजी,अनियंत्रित एवं परिवहन के साधनों की अधिकता जगह-जगह परिवहन के साधनों का जाम लगना, निर्माण कार्यों की अधिकता, सड़कों का निर्माण कार्य का चलना ,इसके साथ साथ क्रेशर जोन का होना, खनन कार्य का होना, बड़ी बड़ी सड़क परियोजनाओं का आना उनके साथ हरे वृक्षों की कटाई का कार्य होना, ईट भट्टा एवं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का निर्माण होना। यह सारे कारण इस प्रदूषण के स्तर को और  जहरीले पदार्थों को ज्यादा बढ़ा देते है और वायु की गुणवत्ता को  और कम कर देते है, आज दोपहर 2:00 बजे नारनौल शहर मे वायु गुणवत्ता सूचकांक पीएम 2.5 की मात्रा 343माइक्रोन, पीएम 10 की मात्रा  222माइक्रोन, एनओ 2 की मात्रा 45 माइक्रोन ,एन एच 3 की मात्रा 11 माइक्रोन,एसओ2 की मात्रा 5 माइक्रोनऔर सीओ की मात्रा 33 माइक्रोन, और ओजोन की मात्रा 3 माइक्रोन पाई गई थी।  इसमें अगर इनमें कोहरा और मिल जाए तो स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। जो वर्तमान में  व्यापक रुप से फैला हुआ है। जो बहुत ही खतरनाक स्थिति में हैं । नोडल अधिकारी ने इस स्थिति से बचने के लिए आमजन के लिए कुछ उपाय बताए हैं  जिनमें बाहर निकलते समय मास्क लगाना चाहिए,घरों की खिड़की और दरवाजे सुबह के समय खोलने चाहिए और पूरे दिन बंद रखने चाहिए, बाहर एक्सरसाइज करने से बचें, बूढ़े व्यक्ति और बीमार व्यक्ति बाहर जाने से बचें,जिससे धुंध कोहरा से जनित गंभीर बीमारियों जैसे सांस की बीमारियां, त्वचा संबंधी रोग, आंखों के रोग, मानसिक बीमारियों, से बचा जा सकता है।
 सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार नारनौल का  वायु गुणवत्ता सूचकांक आज सोमवार को दोपहर 2:00 बजे की स्थिति में  345 हो गया है दीपावली के बाद लगातार बढ़ोतरी और धुंध कोहरा में बढ़ोतरी बेहद खराब स्थिति में है।






नहीं हो रही गांवों में फागिंग
-बढ़ रही है दहशत
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कनीना। कनीना क्षेत्र में डेंगू बुखार का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अब तक अलग-अलग गांव से 14 लोग इससे ग्रसित हो चुके हैं। उप नागरिक अस्पताल कनीना के अंतर्गत 37 गांव आते हैं जिन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में पानी में लारवा मिलने की वजह से तकरीबन 450 लोगों को नोटिस दे चुकी है। हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम ने जानकारी देते हुए बताया कि उप नागरिक अस्पताल कनीना के अंतर्गत 37 गांव हैं जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव गांव घर घर जाकर डेंगू का लारवा जांच कर रही है। जहां जिस गांव में डेंगू का लारवा मिलता है वहां उन लोगों को नोटिस दिया जाता है। अधिकतर लारवा पानी में रुके हुए टैंक, बाहर पड़े हुए बर्तन, टायर, कूलर में मिल रहा है। सबसे पहला डेंगू का मरीज सितंबर के महीने में कोका गांव में मिला था। उसके बाद मरीजों की संख्या बढ़ती गई। अभी तक कनीना में 3, दौंगड़ा अहीर में 2, बेवल में 2, भालखी में 3, झिगावन में 1, कोका में 1, कलवाड़ी में 2  डेंगू से पीडि़त रोगी मिले हैं। इस वक्त अभी 3 डेंगू से पीडि़त एक्टिव हैं। हेल्थ इंस्पेक्टर ने बताया कि नगर पालिका कनीना द्वारा कनीना के तकरीबन सभी वार्डों में फागिंग करवाई जा चुकी है। उप नागरिक अस्पताल के अंतर्गत आने वाले गांवो में फॉगिंग करवाने के लिए उप मंडल अधिकारी नागरिक व बीडीपीओ कार्यालय में पत्र 13 अक्टूबर को दे दिया गया था।
 अभी तक 450 लोगों को दिया जा सके हैं नोटिस-
हेल्थ इंस्पेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार उप नागरिक अस्पताल कनीना के अंतर्गत आने वाले 37 गांव में गांव-गांव घर-घर जाकर डेंगू के लारवा की जांच कर रही है जिस भी घर में डेंगू का लारवा मिलता है वहां पर उन लोगों को जागरूक किया जाता है। जो लोग ठहरे हुए पानी या जिसमें डेंगू का लारवा मिल रहा है उसको स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर उनको नोटिस भी दिया जाता है। अब तक 450 लोगों को नोटिस दीया जा चुका है।
ग्रामीण राकेश, महेश, देवेंद्र, सूरजभान, पंकज, प्रियंका, रोनिका, स्वीटी आदि ने बताया कि अधिकतर गांव में गंदे पानी की नालियां भर  चुकी हैं जिसमें ग्राम सचिवों द्वारा सफाई नहीं करवाई जा रही हैं। जिससे बहुत अधिक मच्छर पनप रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आप डर सता रहा है कहीं यह डेंगू का डंक घर-घर में फैल गया तो बहुत बड़ी परेशानी हो जाएगी। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि उक्त नागरिक अस्पताल कनीना में डेंगू के बचाव के लिए पूर्ण रूप से इलाज उपलब्ध नहीं हैं। प्लेट्स कम होने पर बाहर रेफर कर दिया जाता है। डेंगू के लक्षण मिलने पर मरीजों को इलाज के लिए दूसरे शहरों के निजी अस्पतालों में ले जाना पड़ रहा है।
प्रवर चिकित्सा अधिकारीडॉ धर्मेंद्र यादव का कहना है कि अस्पताल में डेंगू से पीडि़त मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अधिक प्लेट्स कम होने पर रोगी को रोहतक के लिए रेफर कर दिया जाता है क्योंकि अभी जिले में कहीं भी प्लेट्स की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
एसईपीओ अरविंद यादवने बताया कि
गांव में फागिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। अभी तक गाहड़ा, छितरौली, उन्हानी, चेलावास, पाथेड़ा गांव में करवा दी गई है बाकी बचे हुए गांव में जल्द ही करवा दी जाएगी।




 नवंबर माह में पहली बार हाथ सेकते देखे गये लोग
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 कनीना। दीपावली के बाद तापमान में गिरावट आती जा रही है वहीं सुबह सवेरे ठंड का एहसास हुआ। सोमवार को पहली बार नवंबर के पहले सप्ताह के बाद ही लोग आग के पास बैठे देखे गए। जगह-जगह लोग दुकानों के आसपास हाथ सेकते नजर आए।
वास्तव में ठंड बढऩे लगी है। माना जा रहा है कि दीपावली के कारण प्रदूषण बढऩे के साथ साथ पहाड़ों पर हिमपात होने से ताप गिरा है। एक और जहां तापमान गिरने से किसान खुश है क्योंकि कम ताप से सरसों एवं  गेहूं की फसल को लाभ होगा। किसानों ने बताया कि अभी गेहूं की बिजाई चल रही है जबकि सरसों की बिजाई पूर्ण हो चुकी है। ऐसे में ठंड का मौसम फसलों के लिए लाभप्रद साबित होगा। बहराल क्षेत्र में सर्दी बढऩे लगी है। फोटो कैप्शन 5: आग के पास हाथ सेेकते हुए लोग।




एसडी विद्यालय ककराला में ब्लॉक स्तर के खेलों का हुआ शुभारंभ
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कनीना। एसडी विद्यालय ककराला में 8 नवंबर को ट्रायल खेंलों का एइओ रमेश चन्द्र द्वारा शुभारंभ किया गया। जिसमें फुटबाल,, वालीबाल, एथलेटिक, बाक्सिंग, जूड़ों, कबड्डी, वेट लिफ्टिंग, कुश्ती, खो-खो, बास्केटबाल, साइकलिंग, हैंडबाल, योगा, हाकी आदि खेलों आयोजन किया जा रहा है। उएइओ ने बताया कि आज सभी खिलाडिय़ों के दस्तावेजों की जांच की गई और खेलों का शुभारंभ किया गया। यह प्रतियोगिता 9 नवंबर 2021 तक कराई जानी है। खेल प्रात: 8 बजे से शुरू होंगे। सभी खिलाडिय़ों निर्धारित समय व निर्धारित स्थल  पर पहुंचने की अपील की है।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आर एस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, शैक्षणिक विभाग के मुखिया सुनील यादव, सुरेन्द्र कुमार चौहान, संदीप कुमार, प्रवीण बाक्सिंग कोच, विवेक जूडो कोच, सोनपाल कबड्डी कोच, रत्न सिह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6:खेलों का शुभारंभ करते एइओ रमेशचंद्र।
           7: खेलों में पहुंचे खिलाडिय़ों का स्वागत करते एइओ एवं अन्य।





भारत जानो प्रतियोगिता में किया बेहतर प्रदर्शन
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कनीना।भारत विकास परिषद् द्वारा जिला स्तरीय  भारत को जानो प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ढ्ढ इस प्रतियोगिता में कनीना शाखा के राजकीय एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। आरआरसी एम पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक स्थान प्राप्त किए।
प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में कक्षा  8 वीं की छात्रा वंशिका व  प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में कक्षा 10 वीं की छात्रा अंकिता ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि इन दोनों छात्राओं को  राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली भारत को जानो प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता  के लिए चयनित किया गया है। आज भारत विकास परिषद् की कनीना शाखा में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में उक्त दोनों छात्राओं को  सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्रा अंकिता ने दीप प्रज्वलित कर के किया। दोनों छात्राओं को विद्यालय में भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने कहा कि भारत विकास परिषद् द्वारा आयोजित प्रतियोगिता अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति की समझ उसके प्रति रुचि एवं लगाव की भावना का भी विकास करना है। इस अवसर पर संस्था के निदेशक संजय यादव ने बताया कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ उनमें अनेक गुणों का विकास होता है जो एक उत्तम नागरिक के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक है।
संस्था के प्राचार्य नरेन्द्र गौतम ने भी प्रतियोगिता में सफल विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभ-कामनाएं प्रदान की तथा उन्हें इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु प्रेरित किया।




 आर्य समाज रसूलपुर का वार्षिक उत्सव 5 फरवरी को
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 कनीना। आर्य समाज रसूलपुर का वार्षिकोत्सव 5 व 6 फरवरी 2022 शनिवार और रविवार को आयोजित होगा। विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश आर्य मंडलपति जिला महेंद्रगढ़ ने बताया कि यह 30वां वार्षिक उत्सव होगा। कोरोना काल में दो वार्षिक उत्सव संपन्न नहीं हो पाए। उन्होंने बताया कि इस मौके पर प्रसिद्ध भजन उपदेशिका अंजली आर्य पानीपत तथा संदीप आर्य भजन उपदेशक दिल्ली के अलावा हरियाणा से सतपाल मधुर आदि बुलाए गए हैं। उत्सव को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।



मतदाता सूची वर्ष 2022 का पुन: निरीक्षण -
-बूथ स्तर पर बैठेंगे बीएलओ
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 कनीना। अटेली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले कनीना के विभिन्न मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची 2022 के विशेष पुन: निरीक्षण के संबंध में बीएलओ बूथ स्तर पर बैठेंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार बीएलओ ने बताया की सूची के पुन: निरीक्षण के लिए एक नवंबर से कार्य शुरू हो गया है जो 30 नवंबर तक जारी रहेगा किंतु इस अवधि में 13 व 14 नवंबर तत्पश्चात 27 और 28 नवंबर को बूथ स्तर पर बीएलओ बैठेंगे वही 5 जनवरी 2022 को मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया जिन व्यक्तियों की आयु 1 जनवरी 2022 को 18 वर्ष हो जाएगी अपना मतदाता पहचान पत्र बनवा सकता है 25 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति भी अपना पहचान पत्र बनवा सकता है बशर्ते कि उन्हें अब तक नाम न दर्ज कराने का कारण बताना होगा। शुद्धिकरण एवं काटने का कार्य भी चलेगा। मौके पर ही मतदाता सूची का निरीक्षण किया जा सकता है।



ट्रेन चलाये जाने की मांग जोर पकडऩे लगी
-सभी ट्रेनों का हो कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ठहराव
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 कनीना। कनीना खास रेलवे स्टेशन से वर्तमान में सभी फास्ट ट्रेन कनीना खास रेलवे स्टेशन पर नहीं रुक रही है जिसके चलते यात्रियों ने रेलवे विभाग से सभी ट्रेन विशेषकर कुछ और पैसेंजर ट्रेन चलार्ये जाने की मांग की है ताकि आवागमन में सुविधा हो सके।
 कोविड के चलते ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया गया है जो अभी तक कम नहीं किया गया है। वर्तमान में महेंद्रगढ़ से रेवाड़ी के बीच 11 ट्रेन चल रही हैं किंतु अधिकांश ट्रेन कनीना खास रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकती है। क्षेत्र के यात्री रमेश कुमार, दिनेश कुमार, रवि कुमार सुरेश कुमार, महेश कुमार, कुलदीप कुमार, देशराज आदि ने बताया कि सामान लाने ले जाने के लिए आना जाना पड़ता है। बसे समय पर नहीं मिलती तो ट्रेन का साधन सुलभ होता है किंतु ट्रेन 22 मार्च 2020 से लगातार लंबे समय तक बंद रही वहीं अब कुछ चली तो उनका किराया बढ़ा दिया है वहीं उनका आनलाइन सीट का रिजर्वेशन करवाना जरूरी है।  ऐसे में आवागमन में बड़ी दिक्कत हो रही है। उन्होंने विभाग से मांग की है कि सभी ट्रेन चलाई जाए ताकि यात्रियों को आवागमन में सुविधा हो सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं भी समय समय पर आयोजित हो रही है जिन्हें जाने के लिए विद्यार्थियों को भारी परेशानी होती है।
नहीं रुकती ट्रेन-
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1935 में बना था। उपमंडल स्तर का रेलवे स्टेशन जरूर है किंतु ट्रेनों के मामले में किसी गांव से बदहाल स्थिति में है। विगत 12 वर्षों से लगातार लोगों का संघर्ष चल रहा है कि सभी ट्रेन यहां रोकी जाए। परंतु उपमंडल स्तर के इस कनीना खास रेलवे स्टेशन पर जहां पैसेंजर ट्रेन तथा एक फास्ट ट्रेन रुकती है जबकि कोरोना काल से पहले 18 पैसेंजर और 7 फास्ट ट्रेन चलती थी। जिनमें से कई ट्रेन अभी भी नहीं चल रही हैं। सभी ट्रेन चलाकर कनीना खास रेलवे स्टेशन पर रोके जाने की मांग की है।
बहुत पुराना है रेलवे स्टेशन-
 कनीना खास रेलवे स्टेशन पुराना एवं अंग्रेजी काल का है जब अनाज मंडी और रेलवे स्टेशन लगभग साथ बने थे। वर्तमान में कनीना की नई अनाज मंडी भी खिसक कर चेलावास में बन रही है वहीं रेलवे स्टेशन पर सभी फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाया है। कनीना अहीरवाल का गढ़ है यहां तीन मंत्री हुए हैं जिनकी संयुक्त पंजाब में मंत्री रहें सूबेदार ओंकार सिंह तो हरियाणा बनने पर राव दलीप सिंह बाद में केंद्र में मंत्री कर्नल राम सिंह कनीना से संबंध रखते थे। उनका कनीना खास रेलवे स्टेशन से खास लगाव था किंतु यह दुर्भाग्य की तीनों की मौत हो चुकी है। कनीना खास रेलवे स्टेशन जस का तस पड़ा हुआ है।
 फोटो कैप्शन 4: कनीना खास रेलवे स्टेशन।




आगे बढने के लिए इतिहास की जानकारी जरूरी-सत्यव्रत शास्त्री
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कनीना। सांस्कृतिक अहीरवाल के निदेशक सत्यव्रत शास्त्री ने आज महेन्द्रगढ़ मे एक कार्यशाला में लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा कि इतिहास वो साधन है जिसके सहारे कोई भी अपनी मंजिल पर आसानी से पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक अहीरवाल का उद्देश्य समस्त अहीरवाल का छुपा ऐतिहासिक  वैभव को खोजकर  वर्तमान पीढ़ी व आने वाली पीढ़ी को अवगत कराया जाये। 1857 के  नसीबपुर युद्ध के बाद अंग्रेजी शासन ने अहीरवाल पर जो अत्याचार किये उससे इस क्षेत्र के रीति रिवाज  रहन सहन परम्पराओं को बड़ी चोट पहुंची। उन्होंने इसके अनेक टुकड़े कर अपने वफादार रियासतों को भेंट कर दिया जिससे अनेक ऐतिहासिक विरासत नष्ट हो गये। इन्हीं लुप्त ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने लिये सांस्कृतिक अहीरवाल काम कर रहा है। महेन्द्रगढ इकाई के प्रमुख भाई रामसिंह के निवास पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया  जिसमें अमीलाल छाजियावास ,मदनलाल, शेरसिंह दुलोठ अहीर से रामनिवास प्राचार्य जांजडिय़ावास, बलवन्त बोहरा कुरहावटा ,सतपाल और  पूर्व पंचायत सचिव जगत सिंह थे।े






  देव उठावनी एकादशी होने से भी कपड़ों की मांग बढ़ी है
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कनीना। सर्दी दस्तक देने से गर्म कपड़ों की की मांग बढऩे लगी है। आधुनिक दर्जे के गर्म कपड़ों की मांग को देखते हुए दुकानदार भी विभिन्न प्रकार के गर्म कपड़े रखने लग गए हैं और आए दिन फैशन के नाम पर दुकानें खुलने लगी हैं।
  15 नवंबर से देव उठनी एकादशी पर विवाह शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में कपड़ों की विशेषकर आधुनिक कपड़ों की मांग बढऩे लगी है। सिले हुए कपड़ों की दुकान एवं सिलाई करने वाले दर्जियों के पास कपड़े सिलवाने वालों की मांग बढ़ी है वहीं स्कूल एवं कालेजों में जाने वाले विद्यार्थी एवं जवां दिखने की ललक वाले जन फैशन प्वाइंटों पर जाकर आधुनिक दर्जे के फैशनवाले कपड़े खरीदने लगे हैं।
  विगत करीब चार वर्षों में सिले हुए कपड़ों की दुकानों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वर्तमान में करीब तीन दर्जन नए नए फैशन की दुकानें तथा कई सिले हुए कपड़ों की दुकानें खुल चुकी हैं जहां युवा पीढ़ी कपड़े लेने जरूर जाते हैं।
क्या कहता है दुकानदार-
आधुनिक दर्जे के कपड़े सिलने व आधुनिक दर्जे के फैशन के कपड़े की दुकान करने वाले महेंद्र कुमार का कहना है कि नए डिजाइन एवं आधुनिकता से परिपूर्ण एवं गर्म कपड़ों की बेहद मांग हैं। वे दिल्ली से इस प्रकार के कपड़े लाकर युवाओं के लिए प्रदान कर रहे हैं। युवा एवं अन्य जन बेहद आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में शादियां शुरू होने जा रही हैं जिसके चलते नए डिजाइन के कपड़े सिलवाने वालों का तांता लगने लगा है।





बच्चों को ठंड लगने से बचाए
-गर्म पानी रोज पीये, बुजुर्गों को भी ठंड से बचाए
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कनीना। कनीना क्षेत्र में ठंड बढ़ी है।  ठंड पडऩे से जहां बुजुर्ग तथा छोटे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। वही पशुपालक भी परेशान होने लगे हैं। एक ओर कोरोना वहीं ठंड एवं शीत लहर ने परेशानी बढ़ा दी है।
 कनीना के  डा वेदप्रकाश  ने बताया कि छोटे बच्चों में ठंड जल्दी लगती है जिनमें निमोनिया तक होने की संभावना जताई है उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को कपड़े पहना कर सुला देने से वे ठंड के शिकार हो रहे हैं क्योंकि वह ऊपरी कपड़े फेंक देते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि अधिक कपड़े पहनाकर बच्चों को रजाई वगैराह नहीं ओढ़ाई जाए वही बच्चे की मां का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम है। बच्चों को सर्दी से बचाना चाहिए सर्दी लगने पर डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बच्चा दो-तीन घंटे में तक दूध नहीं पीता तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को उसकी सांस से पता लगाया जा सकता है कि उन्हें कहीं निमोनिया आदि तो नहीं लग गया है यदि सांसों में एक विशेष प्रकार की आवाज आए तो समझों की ठंड लग गई है।
 उधर वैद्य बालकिशन शर्मा एवं हरिकिशन शर्मा ने बताया कि सर्दी से बुजुर्गों को भी बचाना जरूरी है। सर्दी से हृदयघात होने तथा सांस में तकलीफ बढऩे की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे में बुजुर्गों को भी सर्दी से बचाना जरूरी है। उन्हें पीने के लिए गर्म पानी देने तथा बासी भोजन न देने की सलाह दी है। उनका कहना है कि धूप निकलने पर बिस्तर से बाहर जाने देना चाहिए। सर्दी से बचाने से उनके रोगों से भी बचा जा सकता है।
  उधर पशुओं के लिए लंबे समय से औषधियां बनाने के शोध कार्य में लगे हुए विक्की एवं शिब्बू पंसारी का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को भी सर्दी से बचाना चाहिए वरना वे दूध कम देंगे वहीं बीमार हो सकते हैं। उनका कहना है कि पशु भी इंसान की भांति रोगों से पीडि़त हो सकते हैं। उन्हें बचाना जरूरी है। ऐसे में उन्हें गर्म बोरी आदि से ढककर आराम दिलाना जरूरी होता है।
 वैसे भी कोरोना से बचने के लिए बाहर न घूमना चाहिए, गर्म पानी पीना चाहिए, धूप में कुछ समय जरूर बैठना चाहिए। इससे सर्दी एवं कोरोना दोनों से बचा जा सकता है।



कामयाबी चाहिए या संतुष्टि, वक्त की मांग-मनोवैज्ञानिक










सूर्यकांत
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कनीना। उम्मीद काउंसलिंग सेंटर डाइट महेंद्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव का कहना है कि आज प्रत्येक व्यक्ति सफल होना चाहता है,असफलता किसी को पसंद नहीं है। शायद ही हमने इस ओर ध्यान दिया हो कि सफलता और विफलता घटनाओं को इंगित करती हैं व्यक्ति को नहीं। या तो हम कुछ करते हुए सफल होते हैं,या हम किसी काम में विफल हो जाते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि हम पूरी तरह से सफल हैं या पूरी तरह से विफल हैं। हमारे कुछ पहलू ऐसे हो सकते हैं जिनमें हम पूरी तरह सफल न हों या किसी में पूरी तरह विफल न हों। एक सफल व्यक्ति का बड़ा बैंक बैलेंस हो सकता है,लेकिन वो एक अभिभावक या एक पति या पत्नी के रूप में हो सकता है पूरी तरह नाकाम हो। और वो व्यक्ति किसी व्यवसाय में पूरी तरह नाकाम हो जाए, वो अविश्वसनीय रूप से एक अच्छा अभिभावक हो सकता है।
दरअसल यह हमारा बिलीफ सिस्टम होता है जिसके कारण हम यह मान लेते हैं कि हम सफल हैं और हमारे बच्चों को भी सफल होना चाहिए,या हम ये मान लेते हैं कि हम नाकाम हैं लिहाज़ा ये सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि हमारे बच्चे नाकाम न हो जाएं। अगर बच्चा परीक्षा में फेल हो जाता है तो हम उसे नाकाम कहते हैं,हम इस तरह से पेश करते हैं जैसे कि वो अपनी बाकी जिंदगी में भी नाकाम ही रहेगा। जबकि हो सकता है कि बच्चा एक परीक्षा में फेल हुआ होगा और उसके जीवन में कई ऐसे पहलू होंगे जिनमें वो सफल रह सकता है। हम ये मानने के लिए तैयार नहीं होते कि बच्चे खेल में अच्छे हो सकते हैं,वे बहुत बड़े कलाकार हो सकते हैं, अच्छे वक्ता या रचनात्मक समस्या को हल करने वाले हो सकते हैं,वे ईमानदार व मददगार हो सकते हैं,उनमें व्यक्ति के रूप में अनोखे गुण हो सकते हैं। हम इन सब चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं और उन पर विफलता का ठप्पा लगा देते हैं सिर्फ इसलिए कि वो एक परीक्षा में फेल हुए हैं।
अपने बच्चों को उनके तमाम सामर्थों और कमजोरियों के साथ,समग्रता में स्वीकार करने के लिए यह समझने की जरूरत है कि सफलता और विफलता,घटनाओं को परिभाषित करने वाली शब्दावलियां हैं, लोगों को नहीं।
उन्होंने कहा कि कुछ विफलताओं का सामना हमें और हमारे बच्चों को निश्चित रूप से करना ही पड़ेगा। एक अभिभावक होने के नाते बच्चों को ऐसे जीवन कौशलों से सुसज्जित करना चाहिए जिनको वे नाकाम होने की स्थिति में इस्तेमाल कर सकें और परिस्थितियों से निपट सकें। हमें बतौर अभिभावक, विपरीत हालात के सामने साहस व समृद्धि के सामने विनम्रता के गुणों को विकसित करना चाहिए। तभी हम अपने बच्चों को उनके जीवन में आने वाली तमाम   चुनौतियों और खुशियों,सफलताओं और विफलताओं का सामना कर पाने लायक बना पाएंगे।
  उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता-असफलता बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। यह मायने नहीं रखता की आप कितनी बार असफल हुए हैं,दुनिया सिर्फ परिणाम देखती है, कोशिश नहीं। कभी-कभी सफलता हमारी नाकामी,गलती व अनचाहे अपराध की भी ढाल बन जाती है। अत: सफल होना व संतुष्ट होना दो भिन्न बातें हैं। यदि हम अपने मन के अनुसार कोई भी कार्य करके खुश हैं,तो वह संतुष्टि है और यदि हम किसी बड़े पद,प्रभाव या प्रतिष्ठा से समाज में रुतबा बनायें हुए हैं,तो यह कामयाबी है। जरूरी नहीं कि कामयाबी से आप संतुष्ट ही हों। जीवन का असली आनन्द सिर्फ इस बात में है कि लोग हमें पैसे,प्रभाव या पद से प्रभावित होकर अग्रिम पंक्ति में स्थान न दें,बल्कि हमारी योग्यता व समाज के प्रति हमारे योगदान के बलबूते पर अग्रिम पंक्ति में स्थान मिले।
फोटो कैप्शन: सूर्यकांत यादव मनोवैज्ञानिक

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