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Tuesday, November 23, 2021

 प्रवक्ता सुरेश


यादव नांगल काठा के पिता का हुआ निधन
-अंतिम संस्कार नांगल काठा में बुधवार को

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कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ज्योग्राफी के प्रवक्ता रहे प्रवक्ता सुरेश यादव नांगल कांठा के पिता मास्टर मातादीन (आयु 81 वर्ष ) का  मंगलवार के दिन निधन हो गया। उनका दाह संस्कार बुधवार को  सुबह 9 बजे उनके गांव नांगल काठा में किया जाएगा।
मास्टर मातादीन 39 वर्षों तक शिक्षा विभाग में शिक्षा प्रदान कर हजारों विद्यार्थियों को ऊंचे पदों तक पहुंचाया। वे हंसमुख प्रकृति के थे। वो अपने पीछे तीन पुत्र महिपाल यादव,सुरेश प्रवक्ता, डॉक्टर महावीर सिंह व दो पुत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। रविवार को मास्टर मातादीन की पोती की शादी संपन्न हुई है।


 
अनाज मंडी में बाजरे का भाव एक माह में 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा
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कनीना। इस वर्ष जहां बाजरे की सरकारी खरीद नहीं हुई किंतु किसान खुली मंडियों में बाजरा बेच रहे हैं जहां 10 अक्टूबर को बाजरे के भाव 1360 पर प्रति क्विंटल था जो आज 23 नवंबर को 1760 प्रति क्विंटल के हिसाब से बीकर रहा है। मुर्गीफार्म केंद्रों मांग अधिक होने के चलते किसानों के घरों से ही मुर्गी पालक बाजरा खरीदकर ले जा रहे हैं।
इस साल जहां राजस्थान में बाजरा का भाव अधिक होने के कारण बाजरे की आवक नहीं हुई केवल हरियाणा के किसानों का बाजरा ही अनाज मंडी के तक पहुंच रहा है। कनीना मंडी के व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल ने बताया कि 10 अक्टूबर को जहां बाजरा 1360 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था वहीं नवंबर माह में 1760 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बाजरा एमएसपी दरों पर खरीदने की बात कही थी किंतु बाजरा न खरीदकर किसानों के खाते में 6 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि डाल दी तथा दस एकड़ तक यह राशि डाली गई है।  
  अब तो किसानों को बाजरे के अच्छे भाव मिलने लगे हैं। उधर मुर्गी पालन केंद्र संचालक रमेश, दिनेश, योगेश, सुरेश आदि ने बताया कि मुर्गी पालन केंद्रों पर बाजरे की भारी मांग है। यही कारण है कि जहां खुली मंडियों तक कम बाजरा  जाता है। जबकि बाजरे पर आधारित छोटे-छोटे उद्योग ध्ंाधे चलाने वालों तक अधिक मात्रा में पहुंच रहा है।




आवारा जंतुओं से किसान परेशान
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कनीना। सर्दी के मौसम में आवारा जंतु किसानों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। नील गाय उनमें से एक हैं। ये फसल का दस फीसदी भाग नष्ट कर देती हैं।
 किसान की फसल का बहुत कुछ हिस्सा आवारा जंतुओं का निवाला बन जाता है। चूहे,मोर, नील गाय, आवारा गाएं, पक्षी, कीट, बंदर और शशक आदि  किसान के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। किसान को तो इन जीवों से फसल को बचाए रखने के लिए भारी धन खर्च करना पड़ रहा है। आवारा जंतुओं से फसल को बचाने के लिए रखवालें भी रखने पड़ते हैं जो रखवाली के बदले अनाज लेते हैं। गौशाला होने के बावजूद भी कनीना में गाएं घूम रही हैं। किसान के लिए ये भी सिरदर्द बनी हैं। गौशाला के बाद माना जाता था कि अब तो खेत इनसे बच जाएंगे किंतु आवारा गाए अभी भी देखी जा सकती हैं।  
   किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि नील गाय और आवारा गायें सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नील गाय झुंड के रूप में चलती हैं और जिस किसी खेत में घुस जाती हैं उसे तबाह करके ही दम लेती हैं।  किसान को सबसे अधिक रखवाली इन्हीं जीवों से करनी होती है। इन्हीं जीवों से फसल को बचाने के लिए रखवालों का प्रबंध भी करना पड़ता है। आवारा गायों और नील गायों से बचने के लिए खेत में रखवाली के बावजूद भी ये गाएं फसल को नुकसान पहुंचाए बगैर नहीं रह सकती हैं। फसल को नुकसान पहुंचाने में आवारा गाएं, सुअरजैसे कितने ही जीव न केवल खेत में खड़ी अपितु काटकर डाली गई फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
दुपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में भी इन जीवों का अहं योगदान रहा है। वाहनों की दुर्घटनाओं में नील गाय एक समस्या बने हुए हैं।
क्या कहते हैं किसान-
 किसानों का कहना है कि नील गाय उनकी फसल को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। बाकी जानवर मिलकर जितना नुकसान नहीं पहुंचाते उतना नील गायें पहुंचा रही हैं। किसान अजीत कुमार, रमेश कुमार, सूबे सिंह ने बताया कि वे फलदार पौधे उगाते थे किंतु अब ये फलदार पौधे उगाने बंद कर दिए है क्योंकि फलदार एवं सब्जियों को नीलगाय खत्म कर जाते हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज ने कहा कि यूं तो पूरे हरियाणा की ही यह समस्या है और समस्या अधिक विकराल दक्षिण हरियाणा की है जहां मेहनत अधिक करके ही किसान फसल उगाता है और उस पर पानी फेर नील गाय चंपत हो जाती है। सर्दी से बचने के लिए किसान जब घर में जाता है तभी ये नील गाय नुकसान पहुंचा जाती है। इनका नुकसान भारी है जो दस फीसदी को पार कर जाता है। जब ये नील गाय खेत से दौड़ती है तो उनके पैरों से सरसों की खड़ी फसल टूट जाती है। ये जीव खाते कम हैं और खराब अधिक करते हैं।



 दौंगड़ा अहीर में खेल प्रतियोगिता 27 नवंबर से
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कनीना। दौंगड़ा अहीर के खेल मैदान में 27-28 नवंबर को पहलवान अमीलाल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा। यह खेल प्रतियोगिता कुछ समय से अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित करना पड़ा था जिसे फिर से आयोजित करने के लिए गांव के युवा पिछले एक माह से तैयारी में लग रहा है। इस प्रतियोगिता में दूर-दूर से खिलाड़ी भाग लेंगे। क्षेत्र की विशाल खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
गांव के सहयोग और समर्थन से इसकी एक कमेटी यंग फार्मर क्लब का गठन किया गया। ग्रामीणों और कमेटी के सहयोग से क्षेत्र की इस विशाल पहलवान अमीलाल प्रतियोगिता का आयोजन 27-28 नवंबर को किया जा रहा है। क्लब कें प्रधान जयवीर सिंह प्राचार्य ने बताया कि इस विशाल खेल प्रतियोगिता में नेशनल कबड्डी, वालीबाल शूटिंग, बुजुर्गों की दौड़, लड़के और लड़कियों के लिए 400 मीटर रेस, लड़कों के लिए 16 सौ मीटर रेस, लोंग जंप, हाई जंप और 31 हजार रुपये तक की कुश्ती की प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। खेल प्रतियोगिता में बाहर से आने वाले खिलाडिय़ों के लिए खेल मैदान के पास श्री श्याम मंदिर में निशुल्क ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।





नहर की पगडंडी से आवागमन हुआ मंगलवार से बंद
-भूमिगत करने का कार्य होगा शुरू
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 कनीना। कनीना अनाज मंडी से गुजरने वाली रामगढ़ डिस्ट्रीब्यूटरी को अटेली सड़क मार्ग से रेवाड़ी सड़क मार्ग  में भूमिगत करने का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया है। करीब दो माह केे लंबे समय से यह कार्य विभिन्न कारणों अटका हुआ था जिसके चलते अब नहर की पगडंडी को बंद कर दिया गया है। करीब 1 माह तक चलने वाले इस कार्य के दौरान नहर को भूमिगत किया जाएगा।
 विस्तृत जानकारी देते हुए नहर विभाग के जेई दीपक ने बताया कि मंगलवार से कनीना -अटेली सड़क मार्ग से गुजरने वाली नहर के साथ-साथ पगडंडी जो रेवाड़ी सड़क मार्ग तक नहर के साथ पहुंचती है, को मंगलवार से बंद कर दिया गया है।  नहर का भूमिगत करने का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में उन्होंने राहगीरों से अपील की कि इस नहर की पगडंडी से होकर न गुजरे क्योंकि आगे चलकर यह पगडंडी बंद हो चुकी है। जब तक नहर को भूमिगत करने का कार्य चलेगा तब तक यह पगडंडी बंद रहेगी।
उल्लेखनीय है कि नहर का भूमिगत करने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। किंतु ज्यों ही ही यह कार्य शुरू हुआ तो लोगों ने नहर की जगह के बीचोंबीच पाइप दबाने की मांग की जिसके चलते एक बार यह कार्य करीब दो माह से बंद पड़ा था और रुक गया था किंतु फिर से यह कार्य अब शुरू हो गया है। कभी पेड़ों की कटाई की मंजूरी को लेकर तो कभी नेताओं द्वारा मांग उठाई जाने के चलते यह कार्य लंबे समय तक रुका हुआ है। नहर के भूमिगत की गई नहर के ऊपर से  बाईपास का निर्माण करवा दिया जाएगा जो क्षेत्र की प्रमुख मांग भी रही है।
  उल्लेखनीय है कि यह नहर धनौंदा वाटर पंप से शुरू होकर रामगढ़ जिला रेवाड़ी तक जाती है जिसको हाल ही में सिमेंटेड कर दिया गया है। उधर कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि नहर को भूमिगत करने के बाद बाईपास बनाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने खुशी व्यक्त की।
फोटो कैप्शन 4 व 5: नहर के भूमिगत करने की कार्रवाई में जुटा नहरी विभाग। जेसीबी से नहर की खुदाई करते हुए।





 
बारात में शरीक होकर वापस लौट रहे 2 युवाओं की गाड़ी नाले में गिर जाने से दर्दनाक मौत
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कनीना।  शादी में शरीक होकर वापिस लौट रहे 2 युवाओं की मौत  हो जाने का मामला प्रकाश में आया है मिली जानकारी के अनुसार कनीना के निकटवर्ती ग्राम पाथेड़ा से एक बारात जो गुडग़ांव गई हुई थी वही उस बारात में केशव के कुछ दोस्त भी आए हुए थे जिनको इस बात का पता था की केशव गुरुग्राम में प्राइवेट सेक्टर के अंदर काम करता है जिसके कारण कुछ केशव के दोस्तों ने केशव को फोन कर शादी में शामिल होने के लिए बुलाया था वही यह भी बताया की शादी में शरीक होने के उपरांत केशव का दोस्त धर्मवीर उसे उसके घर छोडऩे के लिए गुरु ग्राम जा रहा था तो रास्ते में गाडोली गांव के निकट निकलने वाले गंदे नाले में उनकी गाड़ी गिर गई जिसमें दोनों युवाओं की दर्दनाक मौत हो गई वही इसकी सूचना जब किसी ने गुरुग्राम पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया तो पुलिस ने तुरंत प्रभाव से गाड़ी को निकलवाने का इंतजाम कर गाड़ी को नाले से बाहर निकाला और देखा तो उसमें दो युवा साथी जो मृत हालत में पाए गए जिनकी पहचान जिला महेंद्रगढ़ के गांव धनौंदा निवासी केशव तथा ग्राम पाथेड़ा निवासी धर्मवीर के रूप में हुई वहीं पुलिस ने उक्त हादसे की जानकारी मृतक के परिजनों को देकर रात को ही अवगत कराया था जिस पर दोनों परिवारों के लोग रात को ही गुरुग्राम हादसे के मौके पर पहुंच गए तथा पुलिस ने दोनों युवाओं का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। वही यह भी बताया जाता है की केशव गांव धनौंदा निवासी वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर राजेंद्र सिंह नंबरदार का पोता है जिस की खबर सुनकर समूचे गांव धनौंदा में शोक की लहर दौड़ गई और गांव में किसी के घर 1 दिन चूल्हा नहीं जला। वही गम हीन माहौल में केशव का अंतिम संस्कार गांव धनौंदा में किया गया जिसके अंतिम संस्कार में गांव के ही नहीं क्षेत्र के सैकड़ों जन व समाजसेवी पहुंचे। केशव अपने पिता का इकलौता पुत्र था। वही शोक व्यक्त करने वालों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह, जेजेपी के वरिष्ठ नेता ठाकुर रतन सिंह तंवर, इनेलो नेता अनिल यादव ,ठाकुर राजेंद्र सिंह नंबरदार, ठाकुर किशन पाल सिंह तंवर, ठाकुर कर्मबीर सिंह, ठाकुर अजय पाल सिंह, डॉक्टर फतेहचंद दायमा, पूर्व पंच घनश्याम सिंह, पूर्व पंच सुनील कुमार, एक सरपंच ,मुकेश कुमार माहोर के आदि ने केशव धर्मवीर की दर्दनाक मौत पर शोक व्यक्त किया है।



 
लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला दर्ज
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 कनीना। उपमंडल के गांव से गंगाराम ने शिकायत दर्ज करवाई है उनकी लड़की शादीशुदा है को रवि नाम का लड़का बहला फुसला कर भगा ले गया। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार गंगाराम ने शिकायत दी है कि उनकी दो लड़कियां और एक लड़का है जो तीनों शादीशुदा है परवेश उर्फ मोहल्ला जो गम करीरा में विवाहिता है। प्रवेश उर्फ मोना अपने पिता के घर खेड़ी तलवाना आई थी। 20 नवंबर को सामान लेने के लिए दुकान पर गई थी किंतु वह लौटकर नहीं आई। उन्होंने एक व्यक्ति रवि पर शक जाहिर किया है कि वह उसे बहला-फुसलाकर ले भागा। पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



पेटीएम से निकाले दस हजार, मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा निवासी पराग यादव के खाते से ठगी करके 10599 रुपये राशि खाते से उड़ा दी। पराग के पिता संदीप की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार पराग के फोन पर काल आई कि हम पेटीएम आफिस से बोल रहे हैं आपके अकाउंट से पैसे कट गए हैं। बैलेंस चेक करो। ज्यों ही पराग ने अपने मोबाइल फोन को होल्ड रखकर पर फोन पे में जाकर बैलेंस चेक किया तो खाते से 3999 रुपये कट गए। तत्पश्चात काल पर उन्होंने वापस भेजने का वादा किया और मायडेस्क एप्लीकेशन मोबाइल में इंस्टॉल करने के लिए कहा। ऐसा करने से उनके खाते से तत्पश्चात 2000 रुपये, 3999 रुपये तथा 599 की ट्रांजैक्शन हो गई। इस प्रकार उनके खाते से 10599 रुपये निकाल लिए गए। कनीना पुलिस में 22 नवंबर को गाहड़ा के संदीप कुमार की शिकायत पर ठगी किए जाने का मामला अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज कर लिया है।




जल्द ही शुद्ध पानी को सहेजेगा कनीना का ऐतिहासिक जो







हड़, काम पूरा होने के कगार पर
-संत मोलडऩाथ करते थे जोहड़ पर तपस्या
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 कनीना। कस्बा कनीना ऐतिहासिक जोहड़ का अब पुनरुद्धार लगभग पूर्ण हो गया है। सैकड़ों वर्षों से वर्षा जल को सहेजते आ रहा था जो जो दो दशकों से गंदे पानी से लबालब भरा रहने लगा था। किंतु पालिका ने इसकी ऐतिहासिकता को देखते हुये साफ जल से भरने का निर्णय लिया। अब इसे वर्षा जल के अलावा साफ पानी से भरा जाएगा और संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम नाम से जाना जाएगा। तत्पश्चात सैलानियों को भी आश्रम एवं जोहड़ आकर्षित करेगा। कभी यहां छोटी बणी होती थी जिसकी एक दर्जन जाल के पेड़ होते थे आज भी पौराणिकता को इंगित करती हैं।
जोहड़ का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। 28 लाख लागत आएगी। मोलडऩाथ आश्रम के पास के करीब एक दर्जन धार्मिक स्थलों को सीधे जोहड़ से जोड़ा जाएगा। जिस प्राकृतिक जोहड़ के पास बैठकर तप करते थे उसको एक बार फिर से पानी से भरा जाएगा। इस बार पक्की चारदीवारी भी बनाई जा चुकी है। जोहड़ के चारों ओर कांस्य स्तंभ तथा प्रकाश व्यवस्था के अलावा फ्लाईओवर भी निर्मित किया गया है। इस जोहड़ की ऐतिहासिकता को देखते हुए साफ पानी से भरने के लिए दैनिक जागरण ने दो साल पूर्व एक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत पालिका प्रधान तक यह बात पहुंचाई गई थी और आखिरकार पालिका प्रधान ने जोहड़ का पुनरुद्धार शुरू करवा दिया। छह माह से अधिक समय से इस जोहड़ पर काम चल रहा है। अब इसकी चारदीवारी बनाकर साफ पानी से भरने का निर्णय लिया है।
मोलडऩाथ का तप स्थल है जोहड़-
 जाल के पेड़ों से आच्छादित यह जंगल में जोहड़ होता था। संत मोलडऩाथ इस जोहड़ के किनारे बैठकर तप करते थे। यह जोहड़ साफ पानी से भरा होता था। जीव जंतु यहां विचरित करते थे। 72 साल पहले यहां मोर और गीदड़, कबूतर, चिडिय़ा और नाना प्रकार के जीव जंतु बाबा के आसपास घूमते रहते थे। संत इसी जोहड़ का पानी पीता था। इसी पानी से स्नान करता था। जब जल समाधि लेनी होती तो समाधि भी लेते थे। कालांतर में बणी समाप्त कर दी।
परंतु कनीना बस स्टैंड स्थापना के बाद इस जोहड़ को मलिन कर दिया था और अब इसका पुनरुद्धार किया गया है। जोहड़ और बाबा की आस्था को ध्यान में रखते हुए इसका पुनरुद्धार किया गया है ताकि आने वाले समय में लोग जोहड़ के दर्शन कर सके और बाबा की यादों में खो जाए। वर्तमान में इस जोहड़ की खुदाई करके चारदीवारी, फ्लाईओवर, कांस्य स्तंभ,प्रकाश व्यवस्था आदि लग चुके हैं।  यहां पास में ही खाटू श्याम मंदिर 2019 में निर्मित हुआ था जिसके लिए खाटू तालाब की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह जोहड़ खाटू श्याम मंदिर के तालाब का काम भी करेगा।
सांस रोकने की क्षमता थी बाबा में-
बाबा मोलडऩाथ विक्रमी संवत 2006 में ब्रह्मलीन हो गये थे किंतु संत  को पानी में समाधि लगाने की क्षमता थी। समाधि लगाकर लंबे समय ठहरने की होड़ सिरसवाला जोहड़ में लगी थी। जहां बाबा रामेश्वरदास जोहड़ से जल्दी बाहर आ गये थे और बाबा मोलडऩाथ अधिक देर रहे थे जिसके चलते उन्हें निमोनिया हो गया था। बाद में वे ब्रह्मलीन हुये।
क्या क्या हैं योजनाएं-
यह जोहड़ साफ पानी से भरने की योजना है जो पानी को सहेजेगा। इसके पेंदे में एक बोर करवाया जाएगा ताकि जल का रिचार्ज होता रहे। करीब 28 लाख रुपये लागत से नगरपालिका इस जोहड़ को एक तरफ से खाटू श्याम तो दूसरी ओर से शिवालय,सीताराम मंदिर, हनुमान मंदिर, शिर्डी के मंदिर, शनिदेव मंदिर, माता मंदिर, मोलडऩाथ आश्रम, राधाकृष्ण मंदिरों को जोहड़ के किनारे उतरने का प्रबंध किया जाएगा। आपस में एक पुल से जोड़ा जा रहा है ताकि कोई भी श्रद्धालु आये वो तालाब के दर्शन कर सके। पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि इस जोहड़ को नहर से को जोडऩे के प्रयास किये जाएंगे। यह पानी को सहेजेगा, रिचार्ज भी करेगा तथा पानी को विभिन्न कामों में लिया जाएगा। लाखों लीटर पानी स्टोर होगा।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-
पालिका प्रधान सतीश जेेलदार ने बताया कि यह पौराणिक जोहड़ विभिन्न धार्मिक स्थानों की सुंदरता बढ़ाएगा, शुद्ध जल को सहेजेगा तथा रिचार्ज भी करेगा। खाटू मंदिर के तालाब की भूमिका भी निभाएगा तथा मोलडऩाथ का पुराने जोहड़ के रूप में भी जाना जाएगा। करीब 28 लाख रुपये के करीब खर्चा आई है। इसमें बारिश का साफ पानी भी भरा होगा वहीं नहर के पानी से जोडऩे का प्रयास भी किया जाएगा। नहर करीब दो किमी दूर कनीना मंडी से गुजरती है।
फोटो कैप्शन 1 व 2: बाबा मोलडऩाथ जोहड़ जो साफ पानी को सहेजेगा।
साथ में सतीश जेलदार प्रधान पालिका

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