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Saturday, November 20, 2021

 
नरेंद्र मोदी जैसा दरिया दिल इंसान भारत में कोई नहीं - कंवर राजीव छोकर
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कनीना। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दरिया दिल इंसान हैं जो लोगों का दुख भरे दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने आखिर कृषि कानूनों को वापस लेकर यह साबित कर दिया कि वह देश में प्रेम व भाईचारा कायम रखना चाहते हैं। ये विचार भाजपा के युवा नेता वह सोहना से विधायक कवर संजय सिंह के छोटे भाई राजीव सिंह छोकर ने कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा में एक कार्यक्रर्म में शिरकत के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भाजपा सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है तथा में कभी देश के गरीब कमरे व किसान के दुख और दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती जिसको देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि को लेकर बनाए तीनों कानूनों को वापस ले कर यह साबित कर दिया के भाजपा सब को सुख देने वाली पार्टी है। किसी का खून चूस कर या किसी को परेशान कर खुशी मनाने वाली नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आज देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है जिसको देखकर कांग्रेस जैसी पार्टियों के हौसले पस्त हो चुके हैं और वह अनाप-शनाप बयानबाजी या करती हैं जिसको जनता अच्छे से पहचान चुकी है और उनके बहकावे में आने वाली नहीं है। कवर राजीव ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही पद चिन्हों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी चल रहे हैं जो 36 बिरादरी को अपने साथ लेकर चलने का कार्य करते हैं तथा उनके दिल और दिमाग में किसी भी जाति बिरादरी के लिए कोई भेदभाव नहीं है जिसके कारण आज हरियाणा प्रदेश देश के अग्रिम प्रदेशों में गिना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में चहुं ओर विकास जोरों पर हो रहा है जिसको देखकर विपक्ष घबरा रहा है कि विपक्ष ने जो पिछले 50 साल में नहीं किया वह भाजपा ने मात्र 7 साल में कर दिखाया।
फोटो कैप्शन 6: सोहना विधायक के छोटे भाई कंवर संजय छोकर।




हरियाणवीं फिल्में में हो रहा है फुहड़पन शब्दों का समावेश-शर्मा
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कनीना। हरियाणा प्रदेश वो प्रदेश है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था और उस प्रदेश की फिल्मों में तथा गीतों में फुहड़पन झलकता है। ये विचार हरियाणवी फिल्मों के गीतकार महेंद्र शर्मा झाड़ली ने कनीना में व्यक्त किए।
  उन्होंने कहा कि हरियाणवीं फिल्मों का उद्देश्य हरियाणवीं संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। हरियाणवीं फिल्मों में प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति की झलक नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणवी फिल्मों में शब्दों का सही चयन नहीं किया जा रही है। उन्होंने हरियाणा के सभी निर्माता एवं निर्देशकों से मांग की है कि प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति को बढ़ावा देने वाली फिल्मों एवं गीतों का निर्माण किया जाए।
  उन्होंने खेद जताया कि प्रदेश हरियाणा तो एक मिसाल रहा है और यहां पर तो भगवान श्रीकृष्ण ने भी कदम रखा था। इस प्रदेश का इतिहास उज्ज्वल है तो भविष्य अति उज्ज्वल होना चाहिए। इस प्रदेश के शब्द, बोल,गीत एवं फिल्में बेहतरीन होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों से परेशान हैं और नए साल में बेहतरीन भजन एवं हरियाणवीं गीत लिखेंगे जिससे समाज में एकता एवं भाईचारा झलकने लगे।
फोटो: महेंद्र शर्मा



नरेंद्र मोदी जैसा दरिया दिल इंसान भारत में कोई नहीं - राजीव छोकर
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कनीना। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दरिया दिल इंसान हैं जो लोगों का दुख भरे दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने आखिर कृषि कानूनों को वापस लेकर यह साबित कर दिया कि वह देश में प्रेम व भाईचारा कायम रखना चाहते हैं। ये विचार भाजपा के युवा नेता वह सोहना से विधायक कवर संजय सिंह के छोटे भाई राजीव सिंह छोकर ने कनीना में एक निजी कार्य में शिरकत के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भाजपा सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है तथा में कभी देश के गरीब कमरे व किसान के दुख और दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती जिसको देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि को लेकर बनाए तीनों कानूनों को वापस ले कर यह साबित कर दिया के भाजपा सब को सुख देने वाली पार्टी है। किसी का खून चूस कर या किसी को परेशान कर खुशी मनाने वाली नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आज देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है जिसको देखकर कांग्रेस जैसी पार्टियों के हौसले पस्त हो चुके हैं और वह अनाप-शनाप बयानबाजी या करती हैं जिसको जनता अच्छे से पहचान चुकी है और उनके बहकावे में आने वाली नहीं है। कवर राजीव ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही पद चिन्हों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी चल रहे हैं जो 36 बिरादरी को अपने साथ लेकर चलने का कार्य करते हैं तथा उनके दिल और दिमाग में किसी भी जाति बिरादरी के लिए कोई भेदभाव नहीं है जिसके कारण आज हरियाणा प्रदेश देश के अग्रिम प्रदेशों में गिना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में चहुं ओर विकास जोरों पर हो रहा है जिसको देखकर विपक्ष घबरा रहा है कि विपक्ष ने जो पिछले 50 साल में नहीं किया वह भाजपा ने मात्र 7 साल में कर दिखाया।

अधर में लटका हैं कनीना का बाईपास तथा पुल निर्माण
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 कनीना। कनीना में लंबे समय से बाईपास तथा अटेली मार्ग पर रेलवे फाटक पर ब्रिज निर्माण अधर में लटके हुए हैं। बार-बार लोगों की इन समस्याओं को हल करने के लिए मांग की है तथा पूर्व में मंत्रियों ने भी इन्हें निर्मित किए जाने का इशारा किया था किंतु अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
 कनीना बस स्टैंड के पास वाहनों एवं यात्रियों का जमघट बनता जा रहा है वहीं दिनभर वाहनों के आवागमन के चलते सड़क मार्गों को क्रास करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यदि बाईपास बना दिया जाए तो भीड़ का दबाव कम हो सकता है। इसके अतिरिक्त आवागमन में भी सुविधा हो जाएगी। बस स्टैंड के समक्ष तो जाम की समस्या बनी रहती है वही वाहनों को किसी वैकल्पिक मार्गों से गुजरते देखा जा सकता हैं। लोगों की मांग है कि कनीना बाइपास शिघ्र बनवाया जाए। दो वर्ष पूर्व पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव एवं पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने भी भीड़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए बाइपास बनाने का आश्वासन दिया था किंतु अभी तक नहीं बन पाया है और न ही पुल का निर्माण किया गया है।
अनिल कुमार, रवि कुमार, महेश कुमार, सुरेश कुमार, राजेश कुमार, महेंद्र सिंह आदि ने सरकार से मांग की है कि कनीना की प्रमुख समस्या में बाईपास निर्माण तथा अटेली मार्ग पर ब्रिज का निर्माण है। इन दोनों मांगों को पूरा किया जाए।





आवारा जंतुओं से परेशान हैं किसान
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 कनीना। कनीना के आसपास जिन किसानों की कृषि योग्य भूमि है वे आजकल सुअरों से बहुत अधिक परेशान है। एक जाति विशेष के लोग सूअर पालते हैं जो दिन और रात को इधर-उधर घूमते रहते हैं। जहां ये सुअर कनीना कस्बे में गंदगी फैलाते हैं वहीं आसपास फसल में घुसकर फसल को नष्ट करते हैं।
 कनीना के अशोक कुमार, नरेंद्र सिंह, महेश कुमार, अजीत कुमार, गजराज सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि उनके खेत कनीना कस्बे के आसपास लगते हैं। जब रात होती है तो भारी संख्या में सुअर फसलों में घुस जाते हैं और फसल को रोंद जाते हैं।
किसानों ने बताया कि उनकी सरसों की फसल कनीना कस्बा के पास खेतों में खड़ी है जिसमें प्रतिदिन सूअर घुस जाते हैं और फसल को रौंद जाते हैं। सूअर पालकों को अपने सूअरों को बाड़े में बंद करने के लिए भी विगत वर्षों नगरपालिका ने आदेश जारी किए थे किंतु उस पर कुछ जाति विशेष के लोग कायम नहीं है। यही कारण है कि वे अपने सुअरों को आवारा छोड़ देते हैं जो कस्बा में गंदगी फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, वहीं खेतों में जाकर फसल को नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे नगरपालिका की इस बार होने वाली बैठक में रखवाएंगे। उनका कहना है कि  नगरपालिका को आदेश देना चाहिए कि ये लोग अपने सूअरों को छुट्टा न छोड़ें। उन्होंने कहा कि सूअर के अतिरिक्त जहां कई प्रकार के जंगली जीव आवारा जंतु, नीलगाय, चूहे, गिलहरी आदि भी उनकी फसल को नुकसान कर रहे हैं। किसानों की सुनने वाला कोई नजर नहीं आता है।



कनीना में  कांग्रेस पार्टी के यूथ कार्यकर्ताओं द्वारा  निकाली किसान विजय व जन जागरण यात्रा
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कनीना। कनीना में  कांग्रेस पार्टी के यूथ कार्यकर्ताओं द्वारा  किसान विजय व जन जागरण यात्रा निकाली। जन जागरण यात्रा अटेली मोड़ से रेवाड़ी टी-प्वाइंट तक  निकली गई।
इस यात्रा का नेतृत्व जिला युवा उपाध्यक्ष राहुल राव व अटेली विधान सभा युवा अध्यक्ष नीरज यादव के नेतृत्व में निकाली गई।
पूरे देश में आज कांग्रेस पार्टी द्वारा किसान विजय यात्रा व जन जागरण यात्रा निकली गई है। इसी कड़ी में कनीना मे भी अटेली मोड़ पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता  इक_े हुए और वहां से ये यात्रा शुरू हुई और बस स्टैंड होते हुए बाबा मोलडऩाथ धाम से होते हुए रेवाड़ी मोड़ पर समाप्त हुई। इस मौके पर राहुल राव व नीरज यादव ने कहा की पहले तो सभी किसानों को उनकी जीत के लिये बधाई देते है तथा आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।  उन्होंने कहा कि किसानों की जीत पर कांग्रेस पार्टी द्वारा ये यात्रा निकली गई है।
फोटो कैप्शन 5: किसानों की जीत पर कांग्रेसी नेता कनीना में विजय यात्रा निकालते हुए।




प्रदूषण से बचने के लिए पेड़ लगाए
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कनीना। क्षेत्र में चल रहे स्माग के कारण गत दिनों से दिल्ली ही नहीं अपितु हरियाणा आगोश में ले लिया है जिसके चलते पूरा प्रदेश चिंतित है। यहां तक की प्रदेश सरकार ने कुछ जिलों के सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों का अवकाश भी  घोषित किया है। इस प्रदूषण एवं स्माग से बचने के लिए ऐतिहात बरतने की जरूरत है। भविष्य में इस प्रकार की समस्या न आए उसके लिए कुछ कर गुजरने का संदेश दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रबुध जनों के विचार अलग अलग हैं किंतु स्माग से बचने के लिए पेड़ लगाने का सभी संदेश दे रहे हैं।
सोनू एसडीओ का कहना है कि पिछले कई दिन से प्रदूषण को पराली का कारण दे रहा है तो कोई थर्मल स्टेशन एवं किसानों को दोषी बता रहा है। कोई केंद्र को, सरकार को,कोई फैक्टरी को, कोई साधनों को,शहरीकरण को दोषी गता रहा है किंतु इस वक्त प्रदूषण से अपने आस पास ,परिवार में बच्चों का , बड़ो का अगले कुछ दिन ख्याल रखना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर दूसरों को संदेश देना चाहिए। ताकि प्रदूषण से बचा जा सके।
हसला के कनीना खंड प्रधान सुनील कुमार यादव का कहना है कि धूम-कोहरे(स्माग) की समस्या वास्तव में गंभीर है। सांस लेना भी कठिन हो गया है किंतु उनका कहना है कि इसके लिए दोषी हम सभी हैं। सरकार इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा भी पेड़-पौधे लगवा रही है और हम सभी का कर्तव्य बनता है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए ताकि प्रदूषण का नाश किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक पराली जलाना, उद्योग धंधे औद्योगीकरण, शहरीकरण भी जिम्मेदार है लेकिन उन कारकों से बच पाना भी तो मुश्किल है। बचाव पक्ष महज अपने स्तर पर संभव है और वह है पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाना। जहां भी संभव पेड़ पौधे लगाने चाहिए। उन्होंने लोगों को संदेश दिया है कि इस प्रकार की समस्याओं से बचना है तो पेड़ पौधे जरूर लगाएं।
 उधर पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी रामानंद यादव का कहना है कि कोहरा और प्रदूषण वास्तव में एक ही सिक्के के दो पहलू है। जब धुआं और कोहरा आपस में मिलते हैं तो  धूम-कोहरे(स्माग) बनता है जो प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होता है। यदि धरती हरी भरी होगी तो इस प्रकार की समस्या से निजात पाया जा सकता है और धरती को हरा-भरा बनाना हम सभी की जिम्मेदारी बनती है। वनों को काटना, पेड़ों की कटाई, अंधाधुंध पेड़ कटाई पर रोक लगानी चाहिए तथा जहां भी संभव हो फल, फूल एवं छायादार पौधे लगाने चाहिए तभी इस प्रकार की समस्या से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस वक्त धैर्य से काम लेते हुए आराम की जरूरत है। बच्चों को घर से बाहर कम से कम भेजा जाए।
वृक्ष मित्र राजेंद्र सिंह का कहना है कि जहां कस्बे और शहर यहां तक कि गांव में प्रदूषण अधिक है किंतु ट्यूबवेल पर दूरदराज रहने वाले क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण की समस्या कम सता रही है। उनका कहना है कि वे सदा ही पेड़ पौधे स्वयं भी लगाते आए हैं और दूसरों को भी यही संदेश देते आए हैं। उनकी मांग है कि जब हर इंसान हर वर्ष एक पौधा लगाएगा तो धरती तो हरी भरी होगी ही प्रदूषण और स्माग की समस्या से निजात मिल जाएगा। इस समस्या से निजात पाने का सबसे सरल तरीका पेड़ पौधे लगाना ही है और यह अपने और सभी के हाथ है। उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की अपील भी की है।
 फोटो कैप्शन: सोनू एसडीओ, सुनील कुमार यादव, रामानंद यादव, राजेंद्र सिंह।




पाली में बने प्रोजेक्ट को देखने पहुंचे अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह
दिसंबर में इस प्रोजेक्ट के जरिए सूक्ष्म सिंचाई के जरिए किसान कर सकेंगे सिंचाई
सामुदायिक खेत तालाब पर 85 व व्यक्तिगत तालाब पर सरकार दे रही 70 फ़ीसदी अनुदान : एसीएस
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कनीना। ऑन फार्म तालाब नीति के तहत पाली में बने प्रोजेक्ट को दिसंबर में शुरू किया जाए। अब मिकाडा का कार्यालय भी इस जिला में स्थापित हो चुका है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि इस बार इस नहर आने पर तालाब का पानी किसान सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत प्रयोग कर सके। यह निर्देश सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को गांव पाली में खेत तालाब के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस प्रोजेक्ट को लेकर देरी होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार हर खेत पानी की नीति के तहत किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाने को गंभीर है। हालांकि पिछले 2 साल में कोरोना के कारण काफी प्रोजेक्ट देरी से शुरू हुए हैं लेकिन इस तरह के कार्य में देरी नहीं होनी चाहिए। बहुत लोगों की आजीविका खेती पर टिकी हुई है। ऐसे में अधिकारी इस कार्य को अब इसे सिरे चढ़ाएं। अगली बार जब भी नहर आए तो इस तालाब को पानी से भरा जाए।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक चार किले पर एक नाका बनाया गया है। वहां से किसान को रिड्यूसर के माध्यम से 2 इंची पाइप के जरिए सूक्ष्म सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। यह पानी वार बंदी के अनुसार दिया जाएगा। एक किसान को उसकी बारी पर एक एकड़ के लिए 1.40 घंटे पानी मिलेगा। इसके लिए किसानों की एक समिति बनाई जाएगी। साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट के संबंध में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वह सही तरीके से पानी का प्रयोग कर सकें।
एसीएस ने बताया कि इस तालाब के सभी लाभार्थी किसान सूक्ष्म सिंचाई योजना अपनाकर इस पानी का प्रयोग करें। जिन किसानों ने पिछले 7 साल में सूक्ष्म सिंचाई के उपकरण पर अनुदान नहीं लिया है वह किसान मिकाडा की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें। राज्य सरकार किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने पर 85 फ़ीसदी तक अनुदान दे रही है। इसके अलावा सामुदायिक पानी के खेत तालाब के निर्माण पर 85 फ़ीसदी अनुदान दिया जाता है जबकि व्यक्तिगत किसान द्वारा बनाए गए तालाब पर सरकार 70 फ़ीसदी अनुदान दे रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव के इस दौरे से पाली के ग्रामीण उत्साहित नजर आए। उनकी मांग के अनुसार एसीएस ने इस तालाब को जल्द भरने के निर्देश दिए। इस पर ग्रामीणों ने उनका दिल से आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह खेत तालाब इस गांव के लिए आजीविका का बहुत बड़ा स्रोत बनने वाला है। किसानों ने कहा कि वे सरकार के पानी बचाने के अभियान के अनुसार बेहतर ढंग से सूक्ष्म सिंचाई के जरिए अपनी फसलों को सिंचित करेंगे।
इस अवसर पर मिकाडा के प्रशासक विकास यादव, उपायुक्त अजय कुमार, इंजीनियर इन चीफ सतबीर सिंह कादियान, चीफ इंजीनियर विजेंद्र सिंह नारा, डायरेक्टर डा समुद्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर पवन कुमार, डिप्टी डायरेक्टर डा मोहिंदर, एस ई सुरेश कुमार यादव, एस ई सतपाल दलाल, एक्सईएन अजय चौहान, एसडीओ विकास यादव के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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जल्द बनाई जाएगी 5 किसानों की समिति : उपायुक्त
ऑन फार्म तालाब नीति के तहत पाली में बने प्रोजेक्ट के संबंध में उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि दिसंबर माह में इस तालाब के माध्यम से यहां के किसान सिंचाई के लिए पानी ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए 5 किसानों की एक समिति बनाई जाएगी। शुरुआत में सिंचाई विभाग किसानों की समिति तथा वार बंदी बनाने में सहायता करेगा। बाद में किसान खुद मिलकर इसका संचालन करेंगे।
 इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द किसानों को इस प्रोजेक्ट के बारे में प्रशिक्षण देकर इस काम को शुरू करें। इस प्रोजेक्ट की पूरी तकनीक के बारे में किसानों को समझाया जाएगा ताकि वे बेहतर ढंग से इसका उपयोग कर सकें।
डीसी ने बताया कि सरकार की योजना है कि जहां पर नहरी पानी नहीं पहुंचा है वहां पर पाइपलाइन के जरिए नेहरी पानी पहुंचा कर तालाब के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई के जरिए किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाए। विभाग द्वारा समय-समय पर  सूक्ष्म विधि से सिंचाई करने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस विधि से कम से कम पानी में अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के जल संरक्षण अभियान को भी इसके साथ जोड़ा गया है। भविष्य में गांव के साथ लगने वाले ऐसे तालाबों को बारिश के सीजन के दौरान पानी को संरक्षित करने के लिए इन तालाब को भरने की व्यवस्था भी की जा सकती है।
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गांव पाली में खेत तालाब का निरीक्षण करते एसीएस देवेंद्र सिंह।
24 लाख लीटर क्षमता का है पाली का खेत तालाब
अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि गांव पाली में बने इस खेत तालाब पर राज्य सरकार ने 174 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस प्रोजेक्ट से आसपास के 235 एकड़ क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई के जरिए सिंचाई की जाएगी।
एटीएस ने बताया कि यहां फिलहाल 94 किसान लाभार्थी है प्रोजेक्ट पर 144 प्लेट का सोलर सिस्टम लगाया गया है। यहां पर भी सहसपुर की दो मोटर लगाई गई है जो सोलर सिस्टम से चलेंगी। उन्होंने बताया कि पाली में बनाए गए इस खेत तालाब की कुल क्षमता 24 लाख लीटर है।
 इस तालाब को धौली माइनर से जोड़ा गया है। इस बार जब भी नहर आएगी तो इस तालाब को भर के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।
फोटो कैप्शन एक व दो। संबंधित समाचार की है जिसमें देवेंद्र सिंह एसीएस जानकारी लेते हुए।
60 बोतल और 50 पव्वे देशी शराब पकड़ी संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर छापा मार एक व्यक्ति से पांच पेटी बोतल तथा 50 पव्वे शराब के पकड़े। पुलिस ने छापामारी कर वाल्मीकि मोहल्ले के पास दीपक उर्फ दीपू के घर के अंदर से 60 बोतल देसी शराब के 50 पव्वे देसी शराब के अवैध रूप से शराब बेचते मिला। कनीना पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।




खेत में खड़ी मोटरसाइकिल चोरी
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 कनीना । खेत में चाबी लगी बाइक अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली। कनीना उप मंडल के गांव उन्हाणी के संदीप कुमार के बयान पर पुलिस ने मोटरसाइकिल चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार संदीप कुमार ने अपने खेत में मोटरसाइकिल खड़ी कर रखी थी जिसकी चाबी मोटरसाइकिल में ही छोड़ दी। 18 नवंबर की रात को करीब 12 बजे एक लड़का आया और मोटरसाइकिल भगा ले गया। संदीप ने चोर का पीछा किया किंतु हाथ नहीं लगा। कनीना  पुलिस ने उनके बयान पर मामला दर्ज कर लिया है।


आसमान में








छाए बादल
-बारिश की बनी है संभावना
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कनीना। विगत दिनों से मौसम बार-बार बदल रहा है। यद्यपि सरसों की फसल अंगड़ाई लेने लग गई है जिसके चलते सरसों फसल को लाभ होने का अंदेशा बन गया है सर्दी बढ़ गई है वही बारिश होने की संभावना से किसान परेशान लग रहे हैं क्योंकि अभी गेहूं की बिजाई का कार्य चल रहा है। यही कारण है कि किसान अब कुछ दिनों के लिए बारिश न होने की इंद्रदेव प्रार्थना कर रहे हैं। मौसम बदलने से जहां सर्दी बढ़ गई है जो सरसों की फसल के लिए लाभप्रद मानी जा रही है। इस बार कनीना क्षेत्र में सबसे अधिक सरसों की बिजाई की गई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
उधर किसान सरसों निराई के काम में लग गये हैं। जैसे तैसे किसानों ने डीएपी की कमी को झेलते हुये सरसों की बिजाई कर ली है। अगेती फसल उगाने वाले किसान निराई गुड़ाई में लग गए हैं। 49200 एकड़ पर सरसों की बिजाई की गई है जो विगत वर्षों की तुलना में रिकार्ड है। इतने क्षेत्रफल पर सरसों की बिजाई पहले कभी नहीं हुई थी। किसान अगेती फसल उगाने वाले किसान सुनील, दिनेश, महेश आदि ने बताया कि सरसों फसल खेतों में दिखाई देने लग गई है ऐसे में किसान निराई गुड़ाई के काम में लग गई है। किसानों ने बताया कर निराई गुड़ाई करने से खेतों में खड़े हुए अवांछनीय पौधों को हटाया जाता है ताकि फसल बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि निराई-गुड़ाई के बाद खाद का छिड़काव किया जाएगा और फसल बेहतर बन जाएगी।
 क्या कहता है कृषि विभाग-
कृषि विभाग के डा देवराज का कहना है कि विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष जहां 800 एकड़ पर अधिक सरसों की बिजाई की गई है। सरसों के अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साहित है और धीरे-धीरे किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। गेहूं भी अधिक उगाई जाने की संभावना है। एक सप्ताह तक और गेहूं उगाया जा सकता है।
फोटो कैप्शन 1: खेत में निराई करता किसान।


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