Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, November 24, 2021

 
 5 करोड़ रुपये की लागत का भेजा कनीना की सड़कें बनाने का प्रस्ताव
*********************************************************
**********************************************************
**********************************
***********************
 कनीना। कनीना कस्बे की कुछ सड़कों को पुन: निर्मित करने तथा कुछ नव निर्मित करने का प्रस्ताव नगरपालिका कनीना ने सरकार को भेजा है। प्रस्ताव पास होने पर कनीना की विभिन्न सड़कों का निर्माण करवा दिया जाएगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना पालिका प्रधान सैतीश जेलदार ने बताया कि कनीना के पावर हाउस से वाल्मीकि बस्ती की ओर जाने वाली सड़क मार्ग कनीना के अस्पताल से मंडी गेट तक का सड़क मार्ग, पूर्व सीपीएस अनीता यादव की कोठी के समक्ष गुजरने वाला सड़क मार्ग तथा भूमिगत की जा रही नहर के दोनों तरफ का सड़क मार्ग बनाए जाने का पांच करोड़ रुपये  का एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेजा है। सड़के बन जाती है तो न केवल किसानों को अपितु आमजन को बहुत लाभ मिलेगा विशेषकर अटेली सड़क मार्ग से रेवाड़ी सड़क मार्ग की ओर पहुंचने के लिए बाईपास का निर्माण हो जाएगा। राहगीर भीड़ वाले स्थान बस स्टैंड से बचकर सीधे इसी मार्ग से रेवाड़ी मार्ग पर पहुंच जाएंगे। इससे सफर भी आसान होगा वही उनका खर्चा भी कम आएगा। उन्होंने बताया कि कुछ छोटी सड़कें और भी बनाने का प्रस्ताव है।
इन सड़कों को लेकर यहां लोग परेशान है वही बार-बार इन सड़कों को निर्मित किए जाने की मांग करते आ रहे हैं। अब प्रस्ताव पारित होते इन सड़कों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
फोटो कैप्शन: सतीश जेलदार।





बढ़ती ही जा रही है सरसों एवं गेहूं की खेती जबकि चने की खेती घटी
********************************************************
***********************************
*****************
कनीना। कनीना क्षेत्र में गेहूं, सरसों की खेती बढ़ती ही जा रही है जबकि चने की खेती घट रही है। इस बार विगत वर्ष की तुलना में गेहूं एवं सरसों अधिक उगाये हैं किंतु भरसक प्रयासों के बावजूद भी चने की खेती अधिक नहीं बढ़ पा रही है। सरकार द्वारा किसानों को सरसों के बेहतर दाम दिए जाने के चलते सरसों की फसल की तरफ बढ़ा है। यद्यपि स्कूल, कालेज, मैरिज प्लेस बनाये जाने, बागवानी की ओर रुझान होने के चलते कृषि योग्य बेशक भूमि घटी है इसके बावजूद भी इस वर्ष क्षेत्र में सरसों की फसल की बिजाई 800 हेक्टेयर पर अधिक की गई है। वहीं क्षेत्र में गेहूं की बिजाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल तो सरसों का 5050 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज ने बताया कि ने बताया कि खंड में 2018 में करीब 19300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की फसल की बिजाई की गई थी जो वर्ष 2019 में 19950 हेक्टेयर तो 2020 में 19500 हेक्टेयर पर बिजाई की गई है। गेहूं की पैदावार 2018 में 11020 हेक्टेयर पर, वर्ष 2019 में 10405 हेक्टेयर तो 2020 में 10200 हेक्टेयर पर बिजाई की गई है। चना वर्ष 2018 में 50 हेक्टेयर, 2019 में 40 हेक्टेयर तो 2020 में 10 हेक्टेयर पर उगाया गया है। वर्ष 2020 में सरसों 48425 एकड़ पर तो 2021 में 49200 एकड़ पर वहीं चना 2021 में आठ एकड़ में उगाया गया है।
चने लड़ा रहा अस्तित्व की लड़ाई-
करीब 20 वर्ष पहले किसानों का चना उगाने में बहुत उत्साह दिखाता था किंतु अब चने उगाना ही भूल गये हैं। चने को उगाने पर पैदावार नहीं दे पा रहा है। बरानी भूमि अभाव चने की पैदावार में रोड़ा बन गया है।
  कनीना के दीपचंद ने विगत वर्षों भी एक एकड़ में चने उगाए थे और इस वर्ष भी उगाये हैं। किसान राजेंद्र सिंह, मा रविंद्र सिंह भी थोड़े से भूभाग पर चने उगाते हैं। रामानंद यादव ने बताया कि वे अब भी बेहतर चने की पैदावार ले लेते हैं। वे कई वर्षों से चने की खेती करते आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 10: लहलहाती सरसों की फसल।





 
 पत्रकार पर झूठे मुकदमे को बिना देरी प्रशासन व सरकार द्वारा करें खारिज
**************************************************************
***********************************
******************************
कनीना। वरिष्ठ पत्रकार हरविंदर यादव के खिलाफ मुकदमे को तुरंत प्रभाव से खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि पत्रकारिता स्वतंत्रता की कलम होती है और अगर इस पर किसी प्रकार से दबाव डाला जाता है तो वह पत्रकारिता पर तथा स्वतंत्रता पर कुठाराघात होगा।  वरिष्ठ नेता युवा प्रदेश इनेलो सचिव अनिल यादव एक प्रेस नोट में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि अगर भारत देश में प्रेस नहीं होगी तो देश में पनपने वाले दलाल देश को बेच खा जाएंगे इसलिए हमें पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की हिफाजत करनी चाहिए और उनको मान सम्मान से नवाजा जाना चाहिए ।
प्रेस वाले देश में आने वाली हर विकट परिस्थिति से बगैर हथियार के देश में रहने वाली जनता का तथा सरकार का साथ निभाते हैं और जन जन तक सरकार व समाजसेवी के हर वर्ग की उपलब्धियां पहुंचाने का काम करते हैं इसलिए सरकार का दायित्व बनता है कि इनको पूरा सम्मान दे। प्रेस वाले के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती है और उसमें उसकी जान माल की हानि हो जाती है तो उसके परिवार को सरकार द्वारा सरकारी नौकरी वह पेंशन के रूप में राशि प्रदान करनी चाहिए ताकि पत्रकारिता करने वाले साथी खुल कर पत्रकारिता कर सकें। गृह मंत्री अनिल विज से मांग कर अटेली में पिछले दिनों एक पत्रकार के साथ घटित घटना पर जो मुकदमा दर्ज हुआ उसे तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।



ओवरफ्लो पानी से फसलों को नहीं होने दिया जाएगा नुकसान-एसडीएम
********************************************************
***********************************
*********************
कनीना।  कनीना से कोटिया जाने वाले मार्ग पर बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) पर जाकर उप मंडल अधिकारी ने स्थिति का जायजा लिया। इस एसटीपी के ओवरफ्लो हो जाने से आस पास के किसानों के खेतों में गंदा पानी फैलने से फसल तबाह होने की शिकायत कुछ किसानों ने की थी। यही नहीं कुछ किसानों ने तो उच्चाधिकारियों को भी इस संबंध में शिकायत की थी।
 किसानों ने एक शिकायत उप मंडल अधिकारी को देकर मामले से अवगत कराया था जिस पर कार्रवाई करते हुए बुधवार को कनीना उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मौके का मुआयना किया तथा ओवरफ्लो होने वाले पानी की स्थिति का जायजा लिया और संबंधित विभाग को पानी की स्थिति से निबटने के लिए निर्देश भी दिए। आखिरकार अब देखना है कि ओवरफ्लो से होने वाले पानी से निजात मिलती है या किसान इसी प्रकार अपनी फसल को लेकर परेशान रहेंगे।
   उल्लेखनीय है कि एसटीपी का गंदा जल दूर दराज तक फैल जाता है। जगह अभाव के चलते एसटीपी का साफ किया हुआ तथा फसलों के योग्य पानी स्टोर करने की जगह का अभाव है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नगरपालिका कनीना ने मानका नामक बणी की जगह देने का प्रस्ताव सरकार तक भेजा हुआ है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाए तो एसटीपी एक वरदान बन सकता है।
फोटो कैप्शन 9: एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह एसटीपी का जायजा लेते हुए।




 
 प्रवक्ता सुरेश यादव नांगल काठा के पिता का हुआ निधन
-39 वर्षों तक शिक्षण का किया कार्य
**********************************************
************************************
**************
कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भूगोल के प्रवक्ता रहे प्रवक्ता सुरेश यादव नांगल कांठा के पिता मास्टर मातादीन (आयु 81 वर्ष ) का  मंगलवार के दिन निधन हो गया। उनका दाह संस्कार बुधवार को  सुबह 9 बजे उनके गांव नांगल काठा में किया गया।
मास्टर मातादीन 39 वर्षों तक शिक्षा विभाग में शिक्षा प्रदान कर हजारों विद्यार्थियों को ऊंचे पदों तक पहुंचाया। वे हंसमुख प्रकृति के थे। वो अपने पीछे तीन पुत्र महिपाल यादव,सुरेश प्रवक्ता, डॉक्टर महावीर सिंह व दो पुत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। रविवार को मास्टर मातादीन की पोती की शादी संपन्न हुई है। उनके अंतिम संस्कार में हसला के पूर्व  ब्लाकाध्यक्ष कनीना सुनील कुमार, सतीश कुमार, राजेश शास्त्री नेता,, सुनील बिसोहा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन: पूर्व मास्टर मातादीन(फाइल फोटो)





पैसे के लेनदेन के मसले को लेकर हुई मारपीट, एक घायल
 -दो के विरुद्ध मामला दर्ज
*******************************************
*********************************
****************
 कनीना। दौंगड़ा अहीर में पैसे के लेनदेन के मसले में मार पिटाई में एक व्यक्ति घायल हो गया। घायल ने दो व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है।
मिली जानकारी अनुसार धर्मेंद्र निवासी दौंगड़ा 18 नवंबर को सब्जी लेने के लिए दौंगड़ा चौक केी ओर जा रहे थे। ज्यों ही वह मनोज मेडिकल स्टोर के पास पहुंचा तो उसे महेंद्र एवं सुनील निवासी दौंगड़ा मिलेेंद्र ने धर्मेंद्र से जयपुर तक किराए पर ले जाई गई गाड़ी के पैसे मांगे तो धर्मेंद्र ने कहा कि तुमने दूध के पैसे नहीं दिए हैं। इसलिए तुम पहले दूध के पैसे दो तब तुम्हें गाड़ी का किराया दिया जाएगा। इतना कहते ही आपस में इतनी तनातनी हुई कि महेंद्र गाड़ी में रखी राह लोहे की राड लाया और धर्मेंद्र के सिर पर दे मारी वही सुनील ने भी राड से हमला किया जिससे धर्मेंद्र अचेत हो गया। इलाज के लिए सरकारी अस्पताल महेंद्रगढ़ ले जाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। रेवाड़ी में उनका 3 दिनों तक इलाज चला जब होश में आया तो उन्होंने महेंद्र और सुनील के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। दौंगड़ा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।





अनाज मंडी में बाजरे का भाव एक माह में 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा
*********************************************************
**********************************
**************************
 कनीना। इस वर्ष जहां बाजरे की सरकारी खरीद नहीं हुई किंतु किसान खुली मंडियों में बाजरा बेच रहे हैं जहां 10 अक्टूबर को बाजरे के भाव 1360 पर प्रति क्विंटल था जो आज 23 नवंबर को 1760 प्रति क्विंटल के हिसाब से बीकर रहा है। मुर्गीफार्म केंद्रों मांग अधिक होने के चलते किसानों के घरों से ही मुर्गी पालक बाजरा खरीदकर ले जा रहे हैं।
इस साल जहां राजस्थान में बाजरा का भाव अधिक होने के कारण बाजरे की आवक नहीं हुई केवल हरियाणा के किसानों का बाजरा ही अनाज मंडी के तक पहुंच रहा है। कनीना मंडी के व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल ने बताया कि 10 अक्टूबर को जहां बाजरा 1360 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था वहीं नवंबर माह में 1760 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बाजरा एमएसपी दरों पर खरीदने की बात कही थी किंतु बाजरा न खरीदकर किसानों के खाते में 6 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि डाल दी तथा दस एकड़ तक यह राशि डाली गई है।  
  अब तो किसानों को बाजरे के अच्छे भाव मिलने लगे हैं। उधर मुर्गी पालन केंद्र संचालक रमेश, दिनेश, योगेश, सुरेश आदि ने बताया कि मुर्गी पालन केंद्रों पर बाजरे की भारी मांग है। यही कारण है कि जहां खुली मंडियों तक कम बाजरा  जाता है। जबकि बाजरे पर आधारित छोटे-छोटे उद्योग ध्ंाधे चलाने वालों तक अधिक मात्रा में पहुंच रहा है।


आवारा जंतुओं से किसान परेशान
*****************************************
**********************************
**********
कनीना। सर्दी के मौसम में आवारा जंतु किसानों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। नील गाय उनमें से एक हैं। ये फसल का दस फीसदी भाग नष्ट कर देती हैं।
 किसान की फसल का बहुत कुछ हिस्सा आवारा जंतुओं का निवाला बन जाता है। चूहे,मोर, नील गाय, आवारा गाएं, पक्षी, कीट, बंदर और शशक आदि  किसान के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। किसान को तो इन जीवों से फसल को बचाए रखने के लिए भारी धन खर्च करना पड़ रहा है। आवारा जंतुओं से फसल को बचाने के लिए रखवालें भी रखने पड़ते हैं जो रखवाली के बदले अनाज लेते हैं। गौशाला होने के बावजूद भी कनीना में गाएं घूम रही हैं। किसान के लिए ये भी सिरदर्द बनी हैं। गौशाला के बाद माना जाता था कि अब तो खेत इनसे बच जाएंगे किंतु आवारा गाए अभी भी देखी जा सकती हैं।  
   किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि नील गाय और आवारा गायें सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नील गाय झुंड के रूप में चलती हैं और जिस किसी खेत में घुस जाती हैं उसे तबाह करके ही दम लेती हैं।  किसान को सबसे अधिक रखवाली इन्हीं जीवों से करनी होती है। इन्हीं जीवों से फसल को बचाने के लिए रखवालों का प्रबंध भी करना पड़ता है। आवारा गायों और नील गायों से बचने के लिए खेत में रखवाली के बावजूद भी ये गाएं फसल को नुकसान पहुंचाए बगैर नहीं रह सकती हैं। फसल को नुकसान पहुंचाने में आवारा गाएं, सुअरजैसे कितने ही जीव न केवल खेत में खड़ी अपितु काटकर डाली गई फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
दुपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में भी इन जीवों का अहं योगदान रहा है। वाहनों की दुर्घटनाओं में नील गाय एक समस्या बने हुए हैं।
क्या कहते हैं किसान-
 किसानों का कहना है कि नील गाय उनकी फसल को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। बाकी जानवर मिलकर जितना नुकसान नहीं पहुंचाते उतना नील गायें पहुंचा रही हैं। किसान अजीत कुमार, रमेश कुमार, सूबे सिंह ने बताया कि वे फलदार पौधे उगाते थे किंतु अब ये फलदार पौधे उगाने बंद कर दिए है क्योंकि फलदार एवं सब्जियों को नीलगाय खत्म कर जाते हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज ने कहा कि यूं तो पूरे हरियाणा की ही यह समस्या है और समस्या अधिक विकराल दक्षिण हरियाणा की है जहां मेहनत अधिक करके ही किसान फसल उगाता है और उस पर पानी फेर नील गाय चंपत हो जाती है। सर्दी से बचने के लिए किसान जब घर में जाता है तभी ये नील गाय नुकसान पहुंचा जाती है। इनका नुकसान भारी है जो दस फीसदी को पार कर जाता है। जब ये नील गाय खेत से दौड़ती है तो उनके पैरों से सरसों की खड़ी फसल टूट जाती है। ये जीव खाते कम हैं और खराब अधिक करते हैं।



 दौंगड़ा अहीर में खेल प्रतियोगिता 27 नवंबर से
*********










*************************************
*************************************************
कनीना। दौंगड़ा अहीर के खेल मैदान में 27-28 नवंबर को पहलवान अमीलाल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा। यह खेल प्रतियोगिता कुछ समय से अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित करना पड़ा था जिसे फिर से आयोजित करने के लिए गांव के युवा पिछले एक माह से तैयारी में लग रहा है। इस प्रतियोगिता में दूर-दूर से खिलाड़ी भाग लेंगे। क्षेत्र की विशाल खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
गांव के सहयोग और समर्थन से इसकी एक कमेटी यंग फार्मर क्लब का गठन किया गया। ग्रामीणों और कमेटी के सहयोग से क्षेत्र की इस विशाल पहलवान अमीलाल प्रतियोगिता का आयोजन 27-28 नवंबर को किया जा रहा है। क्लब कें प्रधान जयवीर सिंह प्राचार्य ने बताया कि इस विशाल खेल प्रतियोगिता में नेशनल कबड्डी, वालीबाल शूटिंग, बुजुर्गों की दौड़, लड़के और लड़कियों के लिए 400 मीटर रेस, लड़कों के लिए 16 सौ मीटर रेस, लोंग जंप, हाई जंप और 31 हजार रुपये तक की कुश्ती की प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। खेल प्रतियोगिता में बाहर से आने वाले खिलाडिय़ों के लिए खेल मैदान के पास श्री श्याम मंदिर में निशुल्क ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।

No comments: