महक व प्रिया को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
-खंड शिक्षा अधिकारी ने किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज। कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना का दौरा किया तथा विद्यालय में चल रहे स्वच्छता कार्यक्रम व अन्य विद्यार्थियों की गतिविधियों का निरीक्षण किया प्रात: कालीन सभा में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उनका प्रदर्शन खंड में सराहनीय है। उन्होंने नवोदय विद्यालय द्वारा आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर रही विद्यालय की छात्राओं महक व प्रिया को भी प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
उन्होंने शिक्षकों में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे आगामी 2 अक्टूबर को स्वच्छता मार्च व स्वच्छता रैली में बढ़ चढ़कर भाग ले तथा सफाई अभियान को परम अग्रता देते हुए विद्यालय परिसर को साफ व सुंदर बनाकर रखें।
इस अवसर पर विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि विद्यार्थियों के जन्मदिवस पर उन्हें विद्यालय की तरफ से एक जन्मदिन शुभकामना संदेश का कार्ड दिया जाता है तथा उस विद्यार्थी का जन्म दिन प्रार्थना सभा में मनाया जाता है। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक कैलाश चंद गुप्ता एसएमसी प्रधान सावित्री देवी ,हेमलता ,राजेश शास्त्री, संदीप कुमार सुभाष वर्मा ,शीला देवी ,शीतल चौहान,मुख्य शिक्षक बस्तीराम शुभ कुमारी, सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: बीइओ अव्वल रही छात्राओं को सम्मानित करते हुए।
किसान संगोष्ठी का पोता में हुआ आयोजन
-संगोष्ठी में 12 गांवों के 172 किसानों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। शनिवार को उप मंडल के गांव पोता में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें 12 से अधिक गांवो के 172 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में किसानों को नुजिविडू सीड्स कम्पनी द्वारा सरसों का बीज निशुल्क दिये गये। इस दौरान जैविक विधि से खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया।
एसडीओ मनोज कुमार ने किसानों को उत्तम कृषि करने एवं अधिक लाभ प्राप्त करने के तरीके बताये। आरएम सोमवीर यादव ने किसानों से बुआई की जाने वाली सरसों की फसल पर बात करते हुए नुजिविडू सीड्स कम्पनी के सर्वोत्तम बीज के लाभ बताएं। उन्होंने सरसों के बारे में बताया कि जोरदार सरसों में सर्दी की मार नहीं आती है और रोग बिल्कुल भी नहीं आता है । वही पिछले वर्ष क्षेत्र में जोरदार सरसों लगाके सर्वाधिक उपज प्राप्त करने वाले किसान मुरारी लाल गांव जांट,सूबे सिंह गांव पोता , रामनिवास गांव नौताना को चांदी के सिक्के भेंटकर सम्मानित किया। किसान गोष्ठी में सैकड़ों किसानों उपस्थिति रहे। किसानों को कृषि संबंधित जानकारी एमडीओ मनोज कुमार, कम्पनी आरएम सोमवीर यादव, डीआरएम रजत पांडे, एएसएम शिवप्रकाश चौधरी ने उपलब्ध करवाई।
फोटो कैप्शन 06: किसानों को जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी।
सेवानिवृत्त हुए मुख्याध्यापक हजारी लाल स्टाफ ने दी भावभीनी विदाई
-श्रुति आर्या एबीआरसी ने भी किया संबोधित
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कनीना की आवाज। लगभग 30 वर्षों तक शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं देने के बाद मुख्याध्यापक हजारी लाल राजकीय उच्च विद्यालय छिथरोली से सेवानिवृत्त हो गए। राजकीय प्राथमिक पाठशाला उच्चत के प्रभारी संजय लाम्बा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर आयोजित समारोह में प्राचार्य सतीश कुमार, एबीआरसी श्रुति आर्या व गांव के सरपंच बलवान सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
श्रुति आर्या ने उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं। वे हमेशा समाज के लोगों को एक नई दिशा प्रदान करते हैं। जिससे समाज सशक्त और मजबूत होता है।
समारोह में एलए कमलेश कुमार ने मुख्याध्यापक को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। राकेश कुमार ने मंच संचालन किया।
इस अवसर पर स्टाफ के सभी सदस्य व आसपास के विद्यालयो से अध्यापकगण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: मुख्याध्यापक हजारीलाल को सम्मानित करते हुए।
अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस -1 अक्टूबर
परिवार को सही दिशा देते हैं बुजुर्ग -महेद्र शर्मा
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कनीना की आवाज। वैसे तो हर दिन बुजुर्गों का सम्मान होना चाहिए लेकिन उनके प्रति मन में छुपे ही समान को व्यक्त करने के लिए बुजुर्ग दिवस 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुव्र्यवहार को रोकने के लिए, उनके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1991 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया गया। बुजुर्ग जो अपने बच्चों को पालते हैं और उनको कुछ लोग अनाथाल्य भेज देते हैं। इससे दुख की बात कोई नहीं हो सकती। बुजुर्ग हर हाल में सम्मान के पात्र होते हैं, उनका सम्मान करना चाहिए।
बुजुर्ग ईश्वर के अवतार होते हैं जिनके आशीर्वाद से बच्चों का पालन पोषण होता है। उनका सम्मान होना ही चाहिए और उन्हें सहारे की बहुत जरूरत होती है। एक दिन कम से कम उनके प्रति समर्पित भाव होना चाहिए और उनकी हर प्रकार की सेवा करनी चाहिए। वैसे तो उनकी सेवा करने में जो आनंद आता है व्यक्त नहीं किया जा सकता। निश्चित रूप से वह घर स्वर्ग के सामान बन जाता है जहां बुजुर्गों की सेवा की जाती है।
------- बलवान सिंह आर्य कनीना
क्या कहना है संयुक्त परिवारों का--
आज भी कुछ घरों में संयुक्त परिवार मिलते हैं। सुनील कुमार का के घर में भाई, मां, दादी मां, पड़दादी, पोते, पड़पोते आदि आज के दिन भी जीवित है और सभी एक ही चूल्हे पर खाना बनाते हैं। सभी की एकता बरकरार है तथा परिवार बेहद प्रसन्न है। सुनील कुमार ने बताया घर में उसका भाई अजीत यादव, उनकी पत्नी मोनिका, सुनील कुमार उनकी पत्नी प्रीति, मां लाली देवी, दादी मां मोहरली, छोटे बच्चे जियान तथा आन्या है। सबसे छोटे बच्चे पड़पोते की उम्र 3 साल है जिसकी पड़दादी 88 वर्ष के करीब है। एकल परिवार में रहते हैं जिसमें बेहद खुशी होती है। बच्चों के पालने में तथा संस्कार देने में उनका अहं योगदान है। आज भी एकल परिवारों से बहुत बेहतर है। एकल परिवार खराब स्थिति में है। सुनील कुमार का संयुक्त परिवार आज दूसरों के लिए उदाहरण बना हुआ है।
-सुनील कुमार संयुक्त परिवार का सदस्य
संयुक्त परिवार नंबर दो-
उधर कनीना का चमेली देवी परिवार आज पोते, पड़पोतों सहित भरा हुआ है। इस परिवार में नायब तहसीलदार पद महेंद्र मोरवाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं वही डॉक्टर, शिक्षक आदि भी हैं। इस परिवार में जहां चमेली देवी उनके दो पुत्र, पांच पुत्रियां, चार पोते, 6 पोतियां, 6 पड़पोते तथा तथा दो पउ़पोतियां शामिल है। इस परिवार में गजब की एकता देखने को मिलती है। चमेली देवी की उम्र 95 वर्ष जो आज भी अपने एकल परिवार को संजोय हुए है। परिवार अति प्रसन्न है और एकता के गुण उनके होठों पर हैं।
---डा जितेंद्र मोरवाल परिवार सदस्य
आज के दिन समाज में एकल परिवार बढ़ते जा रहे हैं। भाई-भाई में बैर, भाई बहन में तनाव जिसके चलते अलगाववाद आ गया है और परिवार में बिखराव की स्थिति आ गई है। किसी के पास समय नहीं है। बुजुर्गों का ख्याल नहीं किया जाता। हालत यह है कि बुजुर्ग परेशान बैठे भोजन पानी के लिए तरसते देखे गये हैं। कुछ घरों मेें बुजुर्ग है उन्हें एक चारपाई पर लेटा दिया जाता है जो दिन भर पानी एवं भोजन के लिए भी तरसता देखा जा सकता है ऐसे में एकल परिवार सबसे खतरनाक परिवार है विगत दिनों से देखने में आ रहा है कि उनके बच्चे दूर विदेश में काम करते हैं। अपने बुजुर्गों के प्रति उनके दिल में कोई रहम नहीं हैं। वे बुजुर्ग रो-रो कर मर जाते हैं परंतु उनकी देखरेख कभी नहीं होती। ऐसे बुजुर्गों के प्रति सहानुभूति भी होती है। ऐसे में एकल परिवार फिर से मांग बढ़ती जा रही है।
----- महेंद्र शर्मा झाड़ली वाले
याद आती हैं दादा दादी की कहानियां-
एक जमाने में जब संयुक्त परिवार होते थे घरों में बूढ़े-बड़े लोग जिन्हें दादा-दादी नाम से जाना जाता है, की मदद से बच्चों का न केवल भरपूर मनोरंजन होता था अपितु उन्हें कहानियां सुनाकर उनका मनोबल बढ़ाया जाता था। बच्चे के विकास में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है किंतु जब से परिवार में विघटन होने लगा है तभी से न तो दादा-दादी का समय सही तरीके से बीत पाता है और नही बच्चों का सही ढंग से विकास होता है। महज टीवी एवं मोबाइल द्वारा ही मन बहलाने की प्रक्रिया चलती है जो अधिक टिकाऊ नहीं है और सभ्य जन बनने की बजाए टीवी/मोबाइल संस्कृति वाला मानव बनता जा रहा है।
कृष्ण सिंह, राजेंद्र सिंह, रोशन, राम सिंह, सूबे सिंह आदि बताते हैं कि एक जमाना था जब बड़े-बूढ़ों की उनके बच्चे कहना मानते थे और पूरे-पूरे जीवन एकल परिवार के रूप में बीता देते थे। सारे सदस्य एकसाथ मिलकर काम करते थे। परिवार के छोटे बच्चों को सही दिशा देने का काम अक्सर बूढ़े-बड़ों का होता था। वे बच्चों को देशभक्ति की कहानियां सुनाते थे और उन्हें महान बनने में कसर नहीं छोड़ते थे। उस जमाने में टीवी/मोबाइल जैसी कोई वस्तु घर में नहीं होती थी जिसके चलते शिक्षाप्रद कहानियां और उच्चकोटि के ज्ञान का स्रोत बूढ़े-बड़े ही होते थे।
फोटो कैप्शन 07: मोहरली का संयुक्त परिवार
साथ में महेंद्र शर्मा एवं बलवान सिंह आर्य।
मंडी में खरीद न होने पर भी पहुंचे कुछ किसान पहुंचे
- थोड़े समय के लिए लगाया जाम
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी में एक प्रेस विज्ञप्ति अनुसार 30 सितंबर को कोई खरीद नहीं की जानी थी जिसकी सूचना समाचार पत्रों में 29 सितंबर की शाम को मिली जो 30 को प्र्रकाशित हो पाई परंतु बहुत से किसान ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और वे बाजरा बकचने के लिए कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास मंडी में पहुंच गए। तब उन्हें ज्ञात हुआ कि आज तो खरीद ही नहीं की जाएगी। इसके बाद किसानों में रोष पनपा और थोड़े समय के लिए उन्होंने सड़क जाम कर दिया। किसानों ने बताया कि उन्हें समय पर सूचना नहीं मिली कि अनाज मंडी में खरीदने नहीं होगी जिसके परिणाम स्वरूप वे अपने वाहनों में बाजरा पैदावार डालकर अनाज मंडी पहुंच गए। उनका कहना है कि बहुत पहले ही सूचना देनी चाहिए थी ताकि सभी किसानों को सूचना समय पर मिल जाए और वह अनाज मंडी में अनाज लेकर न पहुंचे। मौके पर रामानंद एसआई पुलिस सहित पहुंचे और किसानों को समझा बूझाकर जाम खुलवाया।
उल्लेखनीय की शनिवार को खरीदना नहीं हुई वहीं अब भविष्य का किसानों को नहीं पता कि कब खरीद नहीं की जाएगी। ऐसे में उन्होंने मार्केट कमेटी कनीना और खरीद एजेंसी कनीना से मांग की है कि बाजरे की खरीद प जाने वाले दिन की पहले से ही सूचना दी जाए ताकि सभी किसानों तक इसकी सूचना मिल सके और परेशान होने से बच पाए।
फोटो कैप्शन 1 एवं 2: सड़क पर जाम लगाते हुए किसान। बाजरे की खरीद न होने पर।
कट बनने के अटल विश्वास के साथ 202वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसान अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं। धरने की अध्यक्षता डॉ रामभक्त स्वामी बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि हम अटल विश्वास के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे। केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू करवाया जाए।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 202 दिन हो गए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और अहीरवाल के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर हमें पूरा भरोसा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा कट की घोषणा की गई और कट की घोषणा करवाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह है। हम धरना स्थल पर बैठे हुए हैं कि उन्हें याद दिलाते रहे कि आपने राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है। जल्द से जल्द कट का काम शुरू होना चाहिए।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से इन 40-50गावों को अनेक फायदे है। पढऩे वाले और सर्विस करने वाले बच्चों के लिए समय की बचत, रोजगार के लिए, उद्योग धंधों के लिए, व्यापार के लिए, पर्यटक स्थल के लिए लाभप्रद साबित होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट के लिए जल्द संज्ञान लेना चाहिए, जिससे किसानों को राहत मिल सके ।
इस मौके पर पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह बाघोत संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पहलवान धर्मपाल सेहलंग, सरपंच हरिओम पोता, पहलवान रणधीर सिंह, ठेकेदार शेर सिंह,करण सिंह,मास्टर विजय सिंह,ओम प्रकाश,डॉ लक्ष्मण सिंह, मुंशीराम, मास्टर विजय पाल, बाबूलाल,वेद प्रकाश,चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार,सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, राकेश, राम भक्त, हंस कुमार,सीताराम,सूबे सिंह पंच, दाताराम, रामकिशन, कर्मवीर
व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरने पर बैठे किसान।
शाकाहार भोजन दिवस- 01 अक्टूबर
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भोजन है शाकाहार भोजन
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कनीना की आवाज। शाकाहार भोजन विश्व का सर्वश्रेष्ठ भोजन माना गया है जो सिर्फ पौधों से प्राप्त होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खाद्य उत्पाद होते हैं, शाकाहारी भोजन में मांसाहार भोजन को शामिल नहीं किया जाता। लोग भोजन खाने की आदतें बदलते रहते हैं। 80 साल तक के लोग हैं जो शाकाहार भोजन करते आ रहे हैं और शाकाहार भोजन कैंसर, डायबिटीज, हृदयघात आदि बीमारियों से भी बचाता है। कुछ लोग पशु कल्याण और पर्यावरण संबंधित चिंताओं को लेकर चिंतित रहते हैं और शाकाहार भोजन खाते हैं। कई देशों में शाकाहार भोजन को बढ़ावादिया जा रहा है। तीन प्रतिशत अमेरिका के शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं जबकि भारत देश में शाकाहारी भोजन सेवन करने वाले लोगों की संख्या 40 प्रतिशत से अधिक पाई जाती है। भारत में सब्जियां और जड़ी बूटियों की भरमार है। सरकारी भजन बहुत लोकप्रिय हो रहा है, पोषक तत्व को काम भी करता है। शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों से चर्चा की गई।
पूरा शहकारी भोजन करना सेहत के लिए लाभकारी है। इसमें फल, सग्जियां आदि प्रयोग करते हैं। अंडे एवं मांस प्रयोग नहीं करते। यही कारण है कि आज तक में 50 वर्ष के करीब हो चुके हैं किंतु कभी कोई रोग नहीं हुआ है। एक कच्चा शाकाहारी भोजन के साथ-साथ पकाकर शाकाहार भोजन भी करते हैं। उनका कहना है कि रोगों से बचने का एकमात्र कारण शाकाहारी भोजन इस संसार का बेहतर भोजन है।
--- संजय पीटीआई बाघोत
शाकाहारी भोजन में कभी मांसाहार पदार्थ नहीं शामिल किये जाते। मांसाहारी भोजन खाने से पशु और जंतुओं के प्रति क्रूरता देखने को मिलती है। जब शाकाहार भोजन और वह भी स्वादिष्ट भोजन हमारे सामने है तो हम पशुओं को अपना आहार क्यों बनाए? यही कारण है कि शाकाहार भोजन खाने से शरीर दुरुस्त और शरीर रोगों से दूर रहता है। शाकाहार भोजन में आने को विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और जल पर्याप्त मात्रा मिलते हैं। इस प्रकार का भोजन सर्वश्रेष्ठ भोजन होता है। वे इसे प्रयोग करने की वह सलाह देते हैं।
---सुरेश कुमार प्राध्यापक
शाकाहार भोजन बीमारियों से हमें बचाता हैञ यह बेहतर रक्त शर्करा बेहतर कोलस्ट्राल के स्तर को बढ़ावा देता है। इसके अलावा शाकाहार भोजन हृदय के रखरखाव करता है। शाकाहार भोजन का सबसे बड़ा योगदान है वो जिन लोगों में डायबिटीज होती है, वह भी शाकाहार भोजन खाने की सलाह देते हैं। शाकाहारी भोजन में ओमेगा-3 आलसी, वनस्पति तेल आदि से प्राप्त होता है। विटामिन बहुत मात्रा मिलते हैं। शाकाहार भोजन नियमित सेवन करने के रोगों से बचाएगा अपितु इंसान की उम्र भी बढ़ाएगा। यदि शाकाहारी लोगों को पर नजर डालें तो मांसाहारी लोग उनके मुकाबले कई रोगों से पीडि़त होते हैं। दिन रात दुखी मिलते हैं। ऐसे में शाकाहार भोजन श्रेष्ठ भोजन है। --संतोष देवी कनीना
लंबे समय से उनके पूर्वज भी शाकाहार भोजन खाते आए हैं। शाकाहार भोजन खाने से लोगों में किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती, जीवो की हत्या भी नहीं करनी पड़ती। शाकाहार भोजन दुनिया में सर्वश्रेष्ठ भोजन है। शाकाहार भोजन विश्व ने भी माना है। इस भोजन को खाकर इंसान स्वस्थ रहता है अधिक फुर्ती दायक माना गया है।
-------पूनम देवी
फोटो कैप्शन: सुरेश कुमार, पूनम देवी, संतोष देवी, संजय पीटीआई
ग्रामीणों का कट की
मांग के लिए धरना 201वें दिन रहा जारी
-ग्रामीण अडिग, अनिश्चितकालीन धरने पर हैं बैठे
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 201वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री ने की और उन्होंने बताया कि धरने पर बैठने का हमारा उद्देश्य एक ही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट बनना चाहिए। जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 201 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद हम शांतिपूर्वक तरीके से धरना स्थल पर बैठे हुए हैं और हमें विश्वास है कि सरकार के द्वारा कट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।
उनका कहना है कि सुबह बाबा शिव भोले के दर्शन करके, यही मन्नत मांगता हूं कि बाबा शिव भोले हमारे कट की नैया पार लगा दो। लाखों लोगों के कष्ट दूर करते हो, हमारा भी यह कष्ट है, इसे भी दूर कर दो। केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट शुरू हो जाता है, तब हम यह मान लेंगे की बाबा शिव भोले ने हमारी बात सुन ली है।
डा अमरजीत उर्फ जोनी और आशीष कुमार नौताना धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना 40 गांवों के लिए बहुत जरूरी है। हम धरना संघर्ष समिति का समर्थन करते हैं और तन- मन- धन से आपके साथ हैं।
इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, मास्टर विजय सिंह,ओम प्रकाश,डॉ लक्ष्मण सिंह, मुंशीराम, मास्टर विजय पाल, बाबूलाल,वेद प्रकाश,चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार,सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, हंस कुमार, सीताराम, सूबे सिंह पंच, दाताराम, संजय सिंह, करण सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।