गोगा पीर की छड़ी-2023 घूमने लगी
-गोगा पर्व को करती है इंगित
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कनीना की आवाज। गोगा पीर की छड़ी को कनीना में घूमते एक माह होने को है। यह छड़ी गोगा पर्व के पास आने पर ही दिखाई पड़ती है। करीब 50 फुट ऊंची गोगा पीर की मुबारक देने वाली छड़ी को चंद एक जाति विशेष के लोग घर घर ले जाते हैं।
वर्षों से कनीना में एक जाति विशेष के लोग जिनमें प्रवीण मलिक, विजय की टोली जाहर वीर गोगा पर्व नजदीक आने पर गोगा छड़ी को कनीना में घूमाने लग जाते हैं जिसे जाहर वीर को घोड़ा नाम से जाना जाता है। जो इस ओर इंगित करते हैं कि अब गोगा पर्व नजदीक आ पहुंचा है। करीब 50 फुट ऊंची यह गोगा की छड़ी अति मेहनत से बनाई हुई है। इस छड़ी में एक बड़े बांस पर मोर पंख, रंगीन वस्त्र,गोटा आदि से सजाकर गोगा पीर की छड़ी बनाते हैं। गोगा पर्व से दो माह पूर्व ही इस छड़ी को लेकर पांच सात जनों की एक टोली, ढोल और ताशों के साथ नृत्य करती द्वार-द्वार तक पहुंचती है और छड़ी की मुबारक देते हैं।
जहां गोगा की छड़ी अति मनमोहक होती है वहीं छड़ी के साथ गीत एवं भजन करती टोली भी अति सुंदर लगती है। इस छड़ी को देखने के लिए बच्चों की भारी भीड़ जमा हो जाती है वहीं घर घर के द्वार पर जाने पर घर के दरवाजे खोलकर इसका स्वागत किया जाता है। इस छड़ी के आने के पीछे मुबारकवाद देना होता बदले में प्रत्येक घर से इन्हें कुछ दान दक्षिणा दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस छड़ी का हर वर्ष शृंगार किया जाता है तथा गलियों में लेकर जाते हैं। इस छड़ी को हर वर्ष जाहर वीर गोगा स्थल गोगामेड़ी भी ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों वर्षों से उनके पूर्वज यह छड़ी यूं ही गली गली ले जाया करते थे जो आज भी चली आ रही है।
फोटो कैप्शन 12 एवं 13: गोगा पर्व की मुबारक देने वाली छड़ी।
आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
-नेताजी मेमोरियल क्लब में हुई बैठक
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कनीना की आवाज। आशा वर्कर की अपनी मांगों को लेकर हड़ताल 26वें दिन में प्रवेश कर गई। अपनी मांगों को लेकर कमलेश स्याना, रेखा पड़तल की अध्यक्षता ये लोग नेताजी मेमोरियल क्लब में इक_ा हुए और अंबेडकर चौक तक प्रदर्शन किया। 28 अगस्त को भी विधानसभा पर प्रदर्शन करने जा रही थी तो यमुनानगर की आशा वर्कर्स पारुल को व राज्य के नेता सुरेखा सहित सैकड़ों आशा वर्कर्स को गिरफ्तार किया कर लिया। उनका आरोप है कि पुलिस बस में बिठाकर बस को घूमाते रहे, पानी की मांग करने के बाद भी बस नहीं रोक पानी नहीं पीने के कारण पारुल की तबीयत खराब हो गई और पारुल की मौत हो गई। जिसके कारण आशा वर्कर्स में जबरदस्त रोष है। प्रदर्शन करते हुए मांग की कि पारुल के परिवार को 20 लाख रुपये एवं मुआवजा दिया जाए व परिवार के लिए एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। सरकार आशा वर्कर्स की मांगों का उन्हें वार्ता के लिए बुलाकर जल्दी समाधान करें ।
2018 के बाद महंगाई कई गुणा बड़ी है लेकिन आशा वर्कर के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नही हुई है लेकिन इन 5 सालों में आशा वर्कर के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। आशा वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है कि आशा वर्कर के वेतन में बढ़ोतरी की जाए, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये दिए जाएं तथा आशा को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। इस मौके पर कमलेश दौंगडा, पिस्तो रोहतास गोठवाल, कामरेड महावीर व शिव कुमार राज्य के उप-प्रधान प्रवेश आदि ने संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 01: अपनी मांगों कें समर्थन में प्रदर्शन करते हुए आशा वर्कर।
वैकल्पिक विवाद समाधान विषय पर एक कार्यशाला का हुआ आयोजन
-शिक्षा विकास का बीजारोपण का एक सशक्त माध्यम
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कनीना की आवाज। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण कनीना द्वारा वैकल्पिक विवाद समाधान विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में किया गया। न्यायाधीश ने किया स्कूल प्रांगण में किया पौधारोपण भी किया।
कार्यशाला में कनीना की उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं कनीना विधिक सेवा प्राधिकरण की चेयरपर्सन मेनका सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रही।
उन्होंने इस अवसर पर उपमंडल की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, अभिभावकों ,शिक्षकों व पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज अदालतों में आपसी झगड़ों के कारण काफी दबाव बढ़ा है अगर वैकल्पिक विवाद समाधान पर हम ध्यान केंद्रित करें तो अधिकांश परिवादों का निपटान अदालत से बाहर ही किया जा सकता है व इस निदानात्मक प्रक्रिया से लाखों टूटते परिवारों को बचाया जा सकता है। घरों में खुशहाली लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे हम समाज में विकास का बीजारोपण कर सकते है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के मुख्याध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने की तथा अभिभावकों से अपील की कि वे अपने घरों में माहौल खुशनुमा रखें तथा अपनी खुशियां बच्चों के साथ बाटें। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से से अपील की कि वे भारतीय दर्शन वसुधैव - कुटुंबकम को ध्यान में रखते हुए अपने परिवारों के बिखराव को रोकें तथा समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण करें ।
इस अवसर पर कनीना विधिक सेवा प्राधिकरण की मध्यस्थ अधिवक्ता मीनाक्षी यादव ने कहा कि अगर किसी भी परिवार में आप को कानूनी सहायता चाहिए या पारिवारिक विवाद को सुलझाने में कोई कानूनी मदद चाहिए तो इसके लिए प्राधिकरण के पास पूरी व्यवस्था है तथा आपको उचित मार्गदर्शन तथा पर्याप्त समाधान मिल सकता है।
कार्यक्रम में कनीना शहर के थाना प्रबंधक कमलदीप सिंह ,थाना सदर के अतिरिक्त थाना प्रभारी धर्मवीर सिंह ,कनीना बार के पूर्व प्रधान दीपक चौधरी ,मध्यस्थ अधिवक्ता नरेश यादव आंगनवाड़ी सुपरवाइजर जग्गो यादव,सुपरवाइजर सुमन देवी ,अंग्रेजी अध्यापक संदीप कुमार ,एसएमसी प्रधान सावित्री देवी ,एसएमसी सदस्य हेमलता देवी ,वीरमति देवी ,रुबीना बानो ,समाजसेवी राज सिंह यादव ,सतवीर यादव नौताना ,राकेश कुमार डीपी ,कैलाश चंद गुप्ता ,सुभाष वर्मा ,खुशबंता देवी ,रेनू देवी धनवंती देवी, मुन्नी देवी सहित उपमंडल की 50 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, अभिभावक व समस्त विद्यालय स्टाफ उपस्थित था। मुख्य अतिथि मेनका सिंह ने विद्यालय की मेधावी छात्रा कुमारी खुशी को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया अतिथियों का आभार वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार के पूर्व प्रधान दीपक चौधरी ने किया।
फोटो कैप्शन 06: कुमारी खुशी को पुरस्कृत करते हुए मेनका सिंह।
08: पौधारोपण करते हुए न्यायाधीश
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना की कुमारी याचना प्रथम
-खंड स्तरीय अंडर-11 सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग के तत्वावधान में खंड स्तरीय अंडर-11 सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में हुआ। इन प्रतियोगिताओं में संकुल की विजेता टीमों ने हिस्सा लिया।
इन प्रतिस्पर्धाओं में एकल नृत्य में राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना की कुमारी याचना प्रथम आरआरसीएम स्कूल की समीक्षा द्वितीय तथा आरसीएम स्कूल की दीपिका तीसरे स्थान पर रही। समूह नृत्य में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह प्रथम,राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला कनीना द्वितीय तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय कनीना तीसरे स्थान पर रहे ,पेंटिंग कंपटीशन में एसडी स्कूल के लक्ष्य प्रथम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर के किशन द्वितीय तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह की लतिका तीसरे स्थान पर रहे।
समूह गान में एसआरटीआर सुरजनवास प्रथम राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना द्वितीय तथा राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला कनीना तीसरे स्थान पर रहे।
एकल अभिनय में प्रथम आरआरसीएम की वंशिका व आरएचएम पोता की यशिका ,दूसरे स्थान पर राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना की परी तथा तीसरे स्थान पर आर आर सी एम का यमन रहा। रागिनी प्रतियोगिता में आरआरसीएम की खुशी प्रथम ,एसआरटीआर सुरजनवास का आशीष दूसरे तथा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना की दीपिका व भावना संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। विचित्र वेशभूषा में प्रतियोगिता में आरआरसीएम कनीना के हर्ष प्रथम इसी विद्यालय की दिशा दूसरे तथा आरसीएम कनीना के प्रतीक तीसरे स्थान पर रहे।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि इस प्रकार की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बच्चों के सर्वांगीण विकास में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा विद्यार्थियों को खुले मन से सांस्कृतिक व अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलापों में हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए अपना समय यथाशक्ति अवश्य प्रदान करें तभी सही मायने में हम अपने देश का गौरव बढ़ाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
निर्णायक मंडल में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा की राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश यादव ,एबीआरसी रिंकू देवी संगीत शिक्षक अनीता देवी संस्कृत अध्यापक चेतन ,विशेष अध्यापक अमृतलाल बीआरपी सोमबीर कला अध्यापिका इंदुबाला , अभिमन्यु सिंह तथा एबीआरसी रीना देवी विशेष तौर पर उपस्थित थे। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय का समस्त स्टाफ कथा एसएमसी प्रधान सावित्री देवी वह विद्यालय प्रबंधन समिति के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 07: विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए।
उड़ती हुई धूल के गुब्बार ने कर दिया है लोगों को परेशान
-एक और गर्मी वही उड़ते धूल कणों से रोग होने का बढ़ा खतरा
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कनीना की आवाज। गांव भडफ़ से उन्हाणी गांव तक करीब 5 किमी सड़क मार्ग पर उड़ते हुए धूल के गब्बर समस्या बनते जा रहे हैं। आवागमन करने वाले वाहन धूल को उड़ाकर चले जाते हैं किंतु आसपास दुकानदारों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती है। इस सड़क मार्ग ने जितना सिर दर्द विभिन्न लोगों के किया उतना शायद पहले कभी किसी सड़क ने नहीं किया है। इस सड़क मार्ग को लेकर बार-बार आंदोलन, धरना प्रदर्शन चले किंतु महज बार-बार आश्वासन मिलता रहा है कि जल्द ही बनाया जाएगा परंतु सड़क मार्ग को बनाया नहीं जा रहा है। विगत दिनों मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर के आगमन के चलते अटेली टी-प्वाइंट के पास अस्थाई सड़क मार्ग तो बना दिया किंतु कच्चा होने की वजह से धूल उड़ते रहते हैं। एक बार दुकानदारों ने आंदोलन भी किया था तो उनके विरुद्ध ही मामला दर्ज कर लिया गया था।
दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की थी सड़क मार्ग पर धूल से बचने के लिए जल का छिड़काव किया जाए। जल का छिड़काव भी कुछ समय के लिए किया जो बाद में बंद कर दिया गया। दुकानदार अपनी दुकानों में धूल आने से रोकने के लिए नलों से जल छिड़कते देखे जा सकते हैं।
पूर्व पार्षद कमल सिंह ने बताया कि वह बेहद परेशान है। इसलिए रोजाना सुबह उठते ही सड़क मार्ग पर पानी का छिड़काव करते हैं ताकि उनकी दुकानों में धूल उड़कर न जाए और कम से कम विभिन्न रोगों से बचा जा सके।
क्या कहते हैं दुकानदार-
दुकानदार महेश कुमार, नरेंद्र, सुनील कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया की दिनभर धूल के गुब्बर उड़ाते हैं इसलिए दुकानों में अपने आप ही धूल उड़कर आ जाती है। उनका कहना है निश्चित रूप से ही भविष्य में यह दुकानदार दमा या फेफड़ों के रोगी बन जाएंगे। ऐसे में बहुत से दुकानदार तो किराए की दुकान भी इस सड़क मार्ग पर लेना पसंद नहीं कर रहे हैं। उड़ते हुए धूल से चीनी और खाद्य वस्तुओं को खराब हो जाती हैं। यही कारण है कि यहां ग्राहक भी नहीं जाना चाहते हैं।
यहां से सुबह से शाम तक हजारों वाहन सड़क मार्ग से गुजरते हैं और प्रत्येक धूल कण उड़ाता चला जाता है। यह सड़क मार्ग कई प्रकार से परेशानियों का सबक बना हुआ है। जहां प्रशासन की नाक में भी दम कर चुका है वहीं सड़क मार्ग के बार-बार टूटने से प्रशासन को भारी क्षति उठानी पड़ रही है। चंद बूंदे बारिश की ओर जाने पर फिर से गड्ढे हरे हो जाते हैं। गड्ढों से भरा यह सबसे खतरनाक सड़क मार्ग है। इस सड़क मार्ग पर पैदल चलना भी कठिन है किंतु मजबूरीवस यहां से वाहन गुजरते हैं। कई बार प्रशासन ने आश्वासन दिया है किंतु हकीकत में निर्माण नहीं हुआ है। कि सड़क मार्ग को चार मार्गी बनाने की भी योजना चली किंतु सिरे अभी तक नहीं चढ़ पाई है। एक बार तो सड़क मार की पैमाइश भी की गई किंतु सड़क मार्ग नहीं बना। धूलकण के गुब्बर इस कद्र उड़ाते हैं कि दिनभरी सड़क मार्ग से गुजरा कठिन हो जाता है । आवागमन करने वाले उदुपहिया वाहन चालक मुंह पर कपड़े लपेट कर गुजरते हैं। कोई सुनने वाला नजर नहीं आता। ऐसे में दुकानदार ही नहीं आम नागरिक भी परेशान हो चला है। इस मार्ग की सुध न लेने के कारण कुछ समय पहले एक बैनर भी टांग दिया था हजिस पर लिखा था अनाथ कस्बा कनीना आपका स्वागत करता है परंतु कोई असर प्रशासन को नहीं हुआ है। आज भी लगातार धूलकण उड़ते रहते हैं। वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं परंतु हालात जस की तस है। इस सड़क मार्ग को ठीक करवाने के लिए कितने लोगों पर मामले दर्ज हुए, कितनी ही बार आंदोलन हुए ,कई बार ज्ञापन दिए गए परंतु सड़क मार्ग नहीं बना। यह मार्ग कनीना को महेंद्रगढ़ चरखी दादरी, नारनौल, अटेली आदि से जोडऩे वाला मार्ग है। यह दुहाई देते हुए मांग कर रहा है कि इसकी सुध ली जाए। अटेली विधायक ने इसे जल्द से जल्द पुन: निर्माण की बात कही थी आश्वासन दिया था परंतु यह मार्ग नहीं बन पा रहा है और नहीं लोगों की समस्या समाधान हो पा रहा है।
फोटो कैप्शन 3: उड़ते हुए धूलकण
फोटो कैप्शन 4: दुकानदार धूलकणों से बचने के लिए पानी छिड़काव करता हुआ।
कट के लिए नहीं शुरू हो पाया है काम
-अनिश्चितकालीन धरना 174वें दिन भी जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 174वें दिन में प्रवेश कर गया है। शनिवार को धरने की अध्यक्षता हंस कुमार सेहलंग ने की।
हंस कुमार सेहलंग ने बताया कि धरने को चलते 174 दिन हो गए हैं और इस दौरान गर्मी,सर्दी एवं बरसात को सहने करते हुए दो बार टेंट तक उड़ चुका है वहीं कई जन बीमार पड़ चुके हैं किंतु अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं। वाहनों के चलते धूल भी उड़ रही है, धरने पर बैठे किसानों को परेशानी भी है लेकिन यह सोचकर शांतिपूर्वक ढंग से धरने पर बैठे हुए हैं कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्दी शुरू कर दिया जाएगा।
संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा धरने पर बैठे किसानों को आश्वासन मिला कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्दी शुरू हो जाएगा। अब तक धरातल पर केंद्र सरकार के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है,कट का काम शुरू ना होने के कारण किसानों में निराशा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के दर्द को समझे और जितना जल्दी हो सके कट का काम शुरू करवाया जाए।
संघर्ष समिति के सदस्य मास्टर विजय सिंह और मास्टर विजयपाल सेहलंग ने बताया कि हम बाघेश्वर धाम, शिव नगरी में रहते हैं ,यहां पर बाबा शिव भोले का बहुत पुराना मंदिर है, श्रद्धालु बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए आते हैं और जो मन्नत मांगते हैं, उसे बाबा शिव भोले पूरी करते हैं। हम बाबा भोले के भक्त हैं और हमारी यही मांग है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम केंद्र सरकार के द्वारा जल्द शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर नरेंद्र शास्त्री -छिथरौली, अतर सिंह, सूरत सिंह यादव, डॉ लक्ष्मण सिंह, वेद प्रकाश , पूर्व सरपंच सत्यवीर, पहलवान धर्मपाल सिंह,रामभज, सूबेदार हेमराज,सुरेंद्र सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार,शेर सिंह,सत्य प्रकाश रामकुमार, डॉ सुरेंद्र सिंह,राम भक्त शिवकुमार, मुंशी राम, रोशन लाल प्यारे लाल,सीताराम,ईश्वर सिंह,जय सिंह पंच व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: कट के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण।
कनीना की शिरीषवाला जोहड़ पर मेले की हुई तैयारियां
-8 सितंबर को होंगे खेल
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कनीना की आवाज। लंबे समय से कस्बा कनीना का के शिरीषवाला जोहड़ पर जन्माष्टमी और गोगा नवमी के पर्व पर मेला लगता है वहीं खेलकूद प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। इसी कड़ी में शिरीषवाला जोहड़ पर तैयारियां शुरू हो गई है। खेल के मैदान को साफ करवा दिया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए पूर्व पालिका प्रधान के पुत्र प्रीतम जोनू ने बताया कि शिरीषवाला जोहड़ के पास खेलकूद आयोजन हेतु तैयारियां चल रही है। आठ सितंबर को हरियाणा स्टाइल कबड्डी, अंडर-19 कबड्डी, रस्साकशी, कुश्तियां, बूढ़ों की दौड़, लड़कों एवं लड़कियों की दौड़ आयोजित होगी।
उल्लेखनीय है कि शिरीषवाला जोहड़ बाबा मोलडऩाथ के समय से प्रसिद्ध है। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ और बाबा रामेश्वर दास दोनों दोस्त होते थे। उन्होंने एक बार इसी जोहड़ के पानी में तप करने की होड़ लगाई थी। इसी जोहड़ के पानी में बाबा मोलडऩाथ और संत रामेश्वर दास घंटों तक तप करते रहे। यह सत्य है कि रामेश्वर दास जल्दी बाहर आ गए किंतु मोल्डऩाथ
को पानी में कपाली खींचने का अनुभव होने से देर तक पानी के अंदर टिके रहे । कड़ाके की सर्दी होने के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था और संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ ने बाद में प्राण त्याग दिए थे। तभी से यह शिरीषवाला जोहड़ करीब 70 साल पुरानी याद दिला रहा है। इस जोहड़ पर जहां एक बहुत बड़ा शिरीष का पेड़ होता था इसके कारण शिरीषवाला जोहड़ नाम से जाना जाता था। वर्तमान में शिरीष समाप्त हो चुका है किंतु यहां पर मेला अब भी लगता आ रहा है। इसी स्थान पर मेले के लिए दृष्टिगत खेल के मैदान को साफ किया गया है और जन्माष्टमी एवं गोगा नवमी पर मेला लगता है। कस्बा कनीना के अधिकांश लोग जोहड़ पर पहुंचते हैं और खेल मेला और मेले का आनंद लेते हैं।
क्या है शिरीष-
सिरस/शिरीष/सिरसा का बड़ा पेड़ होता है जिसके फूल बहुत कोमल होने से उन्हें सुकुमार कहा जाता है। यह अति औषधीय पौधा होता है। इस जोहड़ के तट पर भी कभी यह पेड़ मिलता था। इसी के कारण जोहड़ का नाम पड़ा है। वर्तमान में यह जोहड़ पक्का बनवा दिया गया है और यहां पार्क बनवा दिया है।
फोटो कैप्शन 01: शिरीषवाला जोहड़
नपा सफाई कर्मियों ने अपनी मांगो को लेकर किया प्रदर्शन
--अनेक मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के सफाई कर्मचारियंो ने अपनी मांगो को लेकर कस्बे मं रोष प्रकट किया। जमादार व पूर्व पार्षद विक्की, सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक प्रधान अनिल कुमार,उप प्रधान प्रीति, सचिव सुनील कुमार, कैशियर नीरज कुमार सहित अन्य सफाई कर्मचारियों ने कहा कि 29 अक्टूबर 2022 और 5 अप्रैल 2023 के समझौते लागू किये जाए। ठेका प्रथा समाप्त की जाये।
दैनिक वेतन भोगी, विभिन्न प्रकार की ठेका प्रथा में कार्यरत पार्ट-1 एवं पार्ट-2 अनुबंध, सभी सफाई कर्मचारी, बेलदारआदि सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। ग्रुप- सी व ग्रुप-डी के कर्मचारियों के पद सृजित करने एवं पक्की नौकरी देने, न्यूनतम वेतन 24000 देने, मृत्यु के उपरांत उनके आश्रित को नौकरी देने, फायर विभाग को फिर से निकाय विभाग में शामिल करने, पालिका परिषद और निगमन की सीमा बढ़ाई जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, त्योहार के दिनों में काम करने वाले सभी कर्मियों को एक वर्ष में 1 महीने का वेतन अतिरिक्त देने, 10 मेडिकल अवकाश 10 आकस्मिक अवकाश के स्थान पर 20 मेडिकल तथा 20 आकस्मिक अवकाश दिए देने आदि अनेक मांगे को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना, प्रदर्शन एवं आंदोलन किया।
फोटो कैप्शन 02: आंदोलन करते नगरपालिका के कर्मी।
12वीं कक्षा पढऩे वाला विद्यार्थी हुआ गुम
-गुमशुदगी का मामला किया दर्ज
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कनीना की आवाज। देवयानी स्कूल बेवल में 12वीं कक्षा में पढऩे वाला विद्यार्थी स्कूल से बिना किसी को बताएं कहीं चला गया जिसको लेकर के उसके पिता ने विजयपाल ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। विजयपाल पुलिस में की शिकायत में कहा है कि उसका 17 वर्षीय बेटा अजय देवयानी इंटरनेशनल स्कूल बेवल में 12वीं कक्षा का छात्र है। एक सितंबर को करीब 12 बजे स्कूल से बिना किसी को बताएं कहीं चला गया, परिजनों को उस समय पता चला जब स्कूल की बस गांव में आई और अजय घर पर नहीं आया। अजय के बारे में स्कूल में, अपनी रिश्तेदारियों में, लड़के के दोस्तों से पता किया किंतु कहीं उसका कोई सुराग नहीं मिला जिसके चलते पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
नौकरी में लगाने के नाम पर ली गई राशी नहीं लौटाई और न नौकरी मिली
-धोखाधड़ी का हुआ मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव खरखड़ावास के दो लोगों के विरुद्ध पैसे लेकर नौकरी लगने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप अतर सिंह खैरोली निवासी ने लगाया है जिसके चलते दो लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
अतर सिंह खैरोली ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि मेरी बहन प्रेम खरकड़ाबास में राम अवतार से शादीशुदा है और खरकड़ाबास में एक फिजिकल एकेडमी खुली हुई है जो आर्मी भर्ती के लिए बच्चों को ट्रेनिंग करवाती है। अतर सिंह ने अपने लड़के रमेश को अपनी बहन व जीजा के घर खरकड़ा बास ट्रेनिंग के लिए 2019 में भेजा था। वहां काफी बच्चे ट्रेनिंग कर रहे थे, बहन प्रेम का लड़का रणबीर व भागमल गुर्जर का पोता विक्रम भी साथ में प्रैक्टिस कर रहे हैं। अक्टूबर 2019 में निहाल सिंह और नरेंद्र सिंह मेरे जीजा राम अवतार के पास आए और कहने लगे कि हमारी ऊपर तक पहुंच है। अक्टूबर 2019 में हिमाचल प्रदेश में टीए की भर्ती होनी है इन बच्चों को लगवा देंगे। आपको आठ लाख रुपये प्रत्येक बच्चे के हिसाब से देने होंगे। दोनों ने मेरे, रामावतार व भक्तमाल से 24 लाख नकद प्राप्त कर लिए और हमारे बच्चों के तमाम दस्तावेज भी ले लिए और कहने लगे कि जल्द ही आपके बच्चे का लेटर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा है कि खडख़ड़ावास का जयलाल भी मौके पर मौजूद था। उसके बाद पीडि़त कई बार दोनों लोगों से मिले और उनसे बच्चों के कॉल लेटर के बारे में पूछते रहे। तो वे लोग टरकाते रहे। उधर बच्चों को अकादमी में प्रैक्टिस करवाते रहे। पीडि़त बार-बार कहते रहे कि हमारे बच्चों को भर्ती तो करवा दोगे तो उनका जवाब था कि हम पैसे ऊपर भेज दिए जल्दी कर लेटर आ जाएगा लेकिन कोई कॉल लेटर नहीं। आया धीरे-धीरे कई माह बीत जाने के बाद लॉकडाउन लग गया। लाकडाउन का बहाना बनाकर दो-तीन साल निकाल दिये। जनवरी 2023 में जब सभी ने मिलकर उसे उनसे प्रार्थना की कि हमारे पैसे वापस दे तो आनाकानी करने लगे। और कहने लगे कि आपके पैसे उच्च अधिकारियों को दे दिए हैं,जल्दी पैसे वापस लौटा देंगे। इसके बाद खरकड़ा बास गांव में पंचायत की तो दोनों ने 15 फरवरी 2023 को सतनाली के बैंक की शाखा एचडीएफसी के तीन चेक क्रमश: 5 लाख, आठ लाख व 7 लाख रुपये के दिये और कहने लगे कि ये चेक आप स्वयं अपने खाते में लगा लो, बाकी पैसे आपको नकद दे देंगे। जब पीडि़तों ने पूछा कि जो चेक हमें दिए हैं वो सुरेंद्र नाम से दिए गए हैं तो वो कहने लगे कि हमारे ही आदमी के चेक है। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
ऐसा कहने पर जब इन लोगों ने ये चेक अपने अपने बैंक अकाउंट में लगाए तो पता चला कि यये ये चेक डिशऑनर हो गए हैं। उसके बाद पीडि़त दोबारा निहाल सिंह के पास गए तो उसने कहा कि आपके द्वारा लगाये गये चेक कोई रोक नहीं सकता। मिली निहाल सिंह ने कहा कि मैं वकील हूं, एक नोटिस के जरिए सारे पैसे खाते में आ जाएंगे। कि मैं अपना चेक एवं मिमो पास रख लिया किंतु रामौवतार एवं भागमल से निहाल सिंह ने असल चेक एवं मिमो वापस ले लिये। 11 मई 2023 को खरकड़ा बास की धर्मशाला में पंचायत की तो लोग उन लोगों ने हमसे कहा कि हम कोई पैसा नहीं देंगे आपको जो करना है कर लो, यहां तक की कह डाला कि मैं वकील हूं,तुम जैसे बहुत से लोग आते हैं ज्यादा तंग किया तो जान से मार दूंगा। तुम्हारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करवा दूंगा। अतर सिंह का कहना है कि इन्होंने एक गैंग बनाई हुई है जो गांव के भोले वाले लोगों को चंगुल में फंसा कर उनसे नौकरी के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं। मोटी रकम ले लेते हैं जो कि हम गरीब जमीदार आदमी है और उपरोक्त लोगों ने लाखों रुपए बच्चों को नौकरी लगवाने के नाम ऐंठ लिए। न ही हमें पैसे वापस मिल रहे हैं और न बच्चे नौकरी में लगे। उन्होंने इस लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। पुलिस अतर सिंह की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ विभिन्न न धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
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