उन्हाणी महाविद्यालय में स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि का कार्यक्रम
---हरित क्रांति के जनक थे
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में एम. एस. स्वामीनाथन की स्मृति में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डा. विक्रम यादव ने की। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था , कि अगर भगवान रोटी के रूप में गरीबों और भूखों के सामने प्रकट होते हैं तो वह भगवान डॉ. स्वामीनाथन हैं। हर भारतीय को प्रतिदिन भोजन करते समय उनकी पूजा करनी चाहिए...उनकी ये एक लाइन बताती है कि स्वामीनाथन देश को क्या देकर गए हैं।
जब भारत आजाद हुआ तब हालात आज की तरह नहीं थे। देश में चारों तरफ खाद्यान्न संकट बढ़ता जा रहा था । भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन इसके अकाल और सूखा की वजह से कई सालों तक यहां भुखमरी के हालात पैदा हुए। ऐसा माना जाने लगा कि कृषि प्रधान देश में भुखमरी से कभी निजात नहीं मिल पाएगी , लेकिन एम एस स्वामीनाथन ने देश की इस समस्या को पहचाना और इसका समाधान भी निकाला। उन्होंने सबसे पहले गेंहू की एक बेहतरीन किस्म की पहचान की। ये मैक्सिकन गेहूं की एक किस्म थी। उनके इस कदम के बाद भारत में भुखमरी की समस्या खत्म हुई। गेहूं उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बना। यही वजह है कि स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है। जिसके कारण उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से जैसे पद्मश्री (1967), पद्मभूषण (1972), पद्मविभूषण (1989), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) से सम्मानित किया गया था के बारे में अतीव ज्ञानवर्धक जानकारी दी। इतिहास प्रवक्ता राजेश कुमार ने उनके जीवन के संबंध में वक्तव्य देते हुए कहा कि उनके परिजन उन्हें मेडिकल की पढ़ाई कराना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत प्राणिविज्ञान से की। इसी बीच दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1943 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा ,जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया। इसके बाद स्वामीनाथन ने तय किया कि देश में खाने की कमी नहीं हो इस उद्देश्य से कृषि की पढ़ाई की तथा उन्होंने नारी शक्ति की पहचान के लिए विधेयक भी पेश किया के बारे में प्रकाश डाला। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए महाविद्यालय परिवार के सदस्यों तथा छात्राओं ने दो मिनट मौन व्रत धारण किया।
फोटो कैप्शन 11: प्राचार्य उन्हाणी कालेज स्वामीनाथन की जानकारी देते हुए।
कनीना अनाज मंडी की समस्याएं
--कांटे नहीं कर रहे हैं काम तथा दोपहर तक मुख्य मार्ग पर जाम जैसी स्थिति
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास बणी में स्थित है जहां किसानों की कई समस्याएं हल कर दी गई है किंतु आज भी अनेक समस्याएं मुंह बाये खड़ी हुई है। सबसे प्रमुख समस्या किसने की कांटे संबंधित है। सरकारी कांटे अनाज मंडी में लगे हुए हैं जो सरसों बिक्री के समय काम कर रहे थे किंतु अब वो काम नहीं कर रहे हैं जिसके चलते विकेट 5 दिनों तक बाजरे की जमकर खरीद हुई है प्रतिदिन 800 से 900 वाहन अनाज मंडी में बाजरा लेकर आ रहे हैं और प्रति वाहन 50 रुपये निजी कांटों की तुलाई के देने पड़ते हैं। इस प्रकार इस प्रकार करीब 45000 रुपये तक प्रतिदिन किसानों की जेब पर बोझ पड़ रहा है क्योंकि प्रति किसान 50 रुपये है प्रति वाहन वहन करने पड़ रहे हैं। यदि सरकारी कांटे काम करने लग जाए तो किसानों की जेब पर पडऩे वाला अतिरिक्त बोझ कम हो जाएगा। इस संबंध में उच्च अधिकारियों से भी बात की जिन्होंने कहा कि कांटों को ठीक करवाने की कार्रवाई चल रही है परंतु 5 दिनों से कोई कांटा ठीक नहीं हुआ है।
कनीना मंडी की सबसे बड़ी समस्या मुख्य मार्ग पर जाम की है। क्योंकि चेलावास बणी में एक तरफ फायर ब्रिगेड स्थित है वहीं दूसरी तरफ कनीना की अनाज मंडी है। बीच से नारनौल का मुख्य सड़क मार्ग स्थित है। इस सड़क मार्ग पर सुबह से दोपहर तक स्कूली बसें, लोगों के निजी साधन, वही किसानों के ट्रैक्टर ट्राली तथा अन्य साधन खड़े होते हैं जिससे आवागमन बहुत कठिन हो जाता है या जाम की समस्या बन जाती है। जिसके चलते एक और किसान परेशान है वहीं निजी स्कूल चालक व निजी वाहन चालक बहुत परेशान है। अनाज मंडी में पर्याप्त स्थान उपलब्ध है यदि इन वाहनों के लिए खड़ा करने के लिए जगह उपलब्ध करवा दी जाए तो सड़क पर वाहन खड़े होने से बच जाएंगे और किसी प्रकार की अनहोनी की संभावना घट जाएगी।
क्या कहते हैं किसान- कनीना क्षेत्र के किसान अजीत कुमार, नरेंद्र, सूबे सिंह, श्यामलाल, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि वे बाजरा बेचने के लिए गए तो उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ी क्योंकि सरकारी कांटे काम नहीं कर रहे हैं जिससे तुलाई का काम निजी कांटों पर करवाना पड़ रहा है। इस प्रकार प्रतिदिन किसने की जेब पर खर्चा पड़ रहा है यदि। यह खर्चा प्रतिदिन के हिसाब से करीब 50000 रुपये के करीब बनता है। उच्च अधिकारी भी इस संबंध में यह कहते हुए सुने गए का कहना है कि जल्द ही ये कांटे ठीक कर दिए जाएंगे । अब एक और जहां कांटो की समस्या हल हो जाए वहीं सड़क मार्ग की किसी अनहोनी से बचने के लिए भी प्रशासन किसानों के वाहन खड़ा करने के लिए जगह निर्धारित कर दे तो वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से हो सकेगा।
मजदूरों का अभाव, परेशानी बढ़ी-
हैफेड मैनेजर/खरीदे एजेंसी के मैनेजर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अनाज मंडी में मजदूर कम होने से बोरों की पैकिंग एवं वाहनों में लोडिंग कार्य सही ढंग से नहीं चल पा रहा है। बारदाने और जगह की कोई कमी नहीं किंतु मजदूरों की कमी के चलते उनके ट्रांसपोर्ट के साधन बैग भरे जाने का इंतजार करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मजदूर की कमी विशेष रूप से देखने को मिल रही है
क्या कहते हैं उप प्रधान-
व्यापार मंडल उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि कारी 15 आढ़ती है और 300 के करीब मजदूर काम कर रहे हैं। मजदूरों की कोई कमी नहीं है किंतु लगातार खरीद जारी होने के कारण ये मजदूर दिन भर में परेशान हो जाते रात को भराई व तुलाई करते है। ऐसे में उनका कहना है कि एक दिन के लिए भी खरीद बंद कर दी जाए तो सभी बैग पैकिंग हो जाए। उन्होंने बताया कि शनिवार व रविवार को अवकाश रहने के कारण अब भराई एवं लोडिंग का काम पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद खरीद सुचारू रूप से चलेगी। अब भी खरीद सुचारू रूप से चल रही है।
पांच दिनों में खरीद 53493 क्विंटल पहुंची -
कनीना की अनाज मंडी में सोमवार से जहां बाजरे की खरीद शुरू हुई और बाजरे की खरीद में अब तेजी आती जा रही है। सोमवार को जहां 30 क्विंटल बाजरा खरीदा गया चूंकि वर्षा के कारण बाजरे की खरीद में दिक्कत आ गई थी। वहीं दूसरे दिन मंगलवार को 9715 क्विंटल बाजार खरीदा गया, तीसरे दिन बुधवार को 12769 क्विंटल तो चौथे दिन करीब 13490 क्विंटल बाजरा खरीदा गया है। पांचवें दिन शुक्रवार को 17489 क्विंटल बाजरा खरीदा गया है और कुल खरीद 53493 क्विंटल पहुंच गई है।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बाजरे की खरीद 2200 रुपये प्रति क्विंटल जारी है तथा 300 रुपये सरकार भावांतरण भरपाई के रूप में किसानों के खाते में डालेगी। शनिवार एवं रविवार को खरीद बंद रहेगी।
फोटो कैप्शन 7 व 9: सड़क पर जमा किसान साधन एवं जाम की स्थिति
8 व 10: मजदूर अनाज मंडी में काम करते हुए।
हिंदी पखवाड़े में भाग लेने वाले 158 विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
--आयोजित हुए कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। राजभाषा हिंदी के प्रति जागरूकता बनाए रखने के लिए प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में 29 सितंबर तक हिंदी पखवाड़े कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। हिंदी पखवाड़े कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, आशु भाषण प्रतियोगिता, लघु नाटिका, सुलेख, श्रुतिलेख, निबंध लेखन, कहानी लेखन, अंतर विद्यालयी वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।
शुक्रवार को हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रमों का समापन समारोह और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस किरण सिंह, प्रबंधक स्टेट बैंक आफ इंडिया, शाखा कनीना थे। प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए गए।
मुख्य अतिथि ने कहा कि बड़े खुशी की बात है कि प्राचार्य की अध्यक्षता में प्रतिदिन हिंदी से संबंधित कार्यक्रम किया और छात्र/छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। लगभग 158 छात्र/छात्राओं को मुख्य अतिथि ने पुरस्कार वितरित किए। हिंदी के महत्व को बढ़ाने व प्रचार प्रसार करने से हिंदी राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार की जा सकेगी। विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था।
प्राचार्य ने भी हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की समन्वयक सुदेश कुमारी ने कहा कि हिंदी हमारी मां है इसलिए माँ का सम्मान सर्वोपरि होना ही चाहिए। उन्होंने बताया कि हिंदी वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत, पाली-पाकृत. अन्य मंश से खड़ी बोली का निकास हुआ। खड़ी बोली ही आज की हिंदी है। कार्यक्रम में धर्मेंद्र आर्य उप-प्राचार्य, विजय मोहन,विक्रम सिंह, लोकेश कुमार, सरला यादव, पूजा सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: हिंदी पखवाड़े में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते अधिकारी।
30 सितंबर को मंडी में बाजरे की खरीद रहेगी बंद
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कनीना की आवाज। नई अनाज मण्डी कनीना में 30 सितंबर को बाजरे की खरीद बंद रहेगी।
यह जानकारी देते हुए सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी मार्केट कमेटी नकुल ने बताया कि 30 सितंबर को खरीद किए गए बाजरे का उठान कार्य किया जाएगा। इसलिए 30 सितंबर को कोई भी किसान मण्डी में बाजरे ना लेकर आएं। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को बाजरे की सरकारी खरीद के नए गेट पास भी जारी नहीं होंगे।
आगे कुआं पीछे खाई
-बस स्टैंड से सरकारी स्कूल तक सड़क मार्ग पर खतरे ही खतरे
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कनीना की आवाज। यूं तो धनौंदा का स्कूल और गांव अग्रणी गिने जाते हैं किंतु यहां के बस स्टैंड से अगर कोई सरकारी स्कूल तक पहुंचाना चाहे तो अनेकों खतरे, कई मोड़ है। मोड़ों पर स्पीड ब्रेकर, चारों ओर खड़ी हुई झाड़ झंकार, सड़क के बीच में डाली हुई कड़बी दूर दराज तक दिखाई पड़ती है। यह इंगित करती है कि सरकारी स्कूल आने वाला है।
एक और पहले ही सड़क मार्ग अति संकीर्ण है उस पर ग्रामीण कड़बी डाल-डाल कर और संकीर्ण बनाते ले जा रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ों विद्यार्थी सरकारी एवं निजी स्कूलों में जाते हैं तथा निजी वाहन एवं स्कूली वाहन इधर उधर गुजरते हैं। विद्यार्थी जब स्कूल जाते हैं और स्कूल की छुट्टी होती तो कोई भी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। इस सड़क मार्ग के दोनों और कड़बी इस कद्र तथा भारी मात्रा में डाली हुई है जैसे कि किसानों के पास फालतू कड़बी हो और यहां पटक कर चले गए हैं । यदि इनसे बच भी जाए तो विलायती कीकर की भरमार एवं कटीली झाडिय़ां खड़ी है। आश्चर्यजनक की सड़क पर ही गंदे पानी का भरा जोहड़ है जो चारों ओर से हजारों की संख्या में कटीली विलायती कीकरों से ढका हुआ है। यह वही जोहड़ है जो करीब एक वर्ष पूर्व विभिन्न अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर इसको साफ करवाने तथा इसके चार और घूमने की व्यवस्था करने की बात कही थी लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी जोहड़ गंदे पानी से भरा है। एक और झाड़ झंखाड़ खड़े हैं वही इस जोहड़ के साथ में किसानों ने कडबी डाल-डाल कर पूरे रास्ते को ब्लॉक करने का मन बना रखा है। इस संबंध में विधायक अटेली से फोन पर संपर्क करना चाहा किंतु संपर्क नहीं हो पाया। एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मौके पर जाकर देखा जाएगा और समस्या का समाधान किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 4: किसानों द्वारा रास्ते में डाली गई कड़बी
फोटो कैप्शन 5: सड़क मार्ग के पास कंटीली झाडिय़ों वाला जोहड़।
ग्रामीणों का कट की मांग के लिए धरना 201वें दिन रहा जारी
-ग्रामीण अडिग, अनिश्चितकालीन धरने पर हैं बैठे
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 201वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री ने की और उन्होंने बताया कि धरने पर बैठने का हमारा उद्देश्य एक ही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट बनना चाहिए ढ्ढ जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 201 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद हम शांतिपूर्वक तरीके से धरना स्थल पर बैठे हुए हैं और हमें विश्वास है कि सरकार के द्वारा कट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।
उनका कहना है कि सुबह बाबा शिव भोले के दर्शन करके, यही मन्नत मांगता हूं कि बाबा शिव भोले हमारे कट की नैया पार लगा दो। लाखों लोगों के कष्ट दूर करते हो, हमारा भी यह कष्ट है, इसे भी दूर कर दो। केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट शुरू हो जाता है, तब हम यह मान लेंगे की बाबा शिव भोले ने हमारी बात सुन ली है।
डा अमरजीत उर्फ जोनी और आशीष कुमार नौताना धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना 40 गांवों के लिए बहुत जरूरी है। हम धरना संघर्ष समिति का समर्थन करते हैं और तन- मन- धन से आपके साथ हैं।
इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, मास्टर विजय सिंह,ओम प्रकाश,डॉ लक्ष्मण सिंह, मुंशीराम, मास्टर विजय पाल, बाबूलाल,वेद प्रकाश,चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार,सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, हंस कुमार, सीताराम, सूबे सिंह पंच, दाताराम, संजय सिंह, करण सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।
एसडीवमा विद्यालय ककराला शैक्षणिक भ्रमण
-दिल्ली और जयपुर का करेंगे दौरा
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कनीना की आवाज। एसडी ववरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला द्वारा अपने कैलेण्डर अनुसार विद्यार्थियों के लिये शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया। इसमें तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए अक्षरधाम व छठी से नौवीं कक्षा के लिए गुलाबी नगरी जयपुर को चुना गया हैं। शैक्षिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थी आधुनिक संस्कृति व पुरातन संस्कृति से रू-ब-रू होंगे। छात्र दिल्ली में अक्षरधाम के अलावा इण्डिया गेट व अन्य दर्शनीय स्थल भी देखेंगे। जयपुर में आमेर का किला,जयगढ का किला, जल महल,जंतर-मंतर, राज मंदिर सिनेमा हाल, सीटी पैलेस, हवा महल , बिड़ला तारामंडल, बिड़ला मंदिर, एल्बर्ट हाल आदि दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे। शैक्षणिक भ्रमण पर जाने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय के चैयरमैन जगदेव यादव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया व बताया कि पुरातन संस्कृति हमारी समृद्ध धरोहर है। हमारा इतिहास हमें आगे बढऩे के लिये प्रेरित करता है। इसलिए नवीन पीढ़ी को अपनी वर्तमान एवं पुरातन संस्कृति को जानना अति आवश्यक है। भ्रमण से छात्रों को कला व संस्कृति को काफी नजदीकी से निहारेंगे तथा पुरातन संस्कृति व कला के प्रति उत्सुकता पैदा होती है। इसलिये इस भ्रमण कार्य से हमारा उद्देश्य भली भांति पूर्ण होता है। इसमें छात्रों को अपना स्वयं का विश्लेषण भी प्रस्तुत करने के लिये प्रोत्साहित किया ताकि छात्रों की चिन्तनशीलता बढ़ाई जा सके अर्थात मंनोरंजन और चिन्तन का समावेश हो सके।
फोटो कैप्शन 01: एसडी स्कूल ककराला के बच्चे शैक्षिक टूर पर जाते हुए।
शिक्षा विभाग के सौजन्य से जिले के 100 मेधावी विद्यार्थियों ने किया शैक्षिक भ्रमण-रविंद्र सिंह
-पांच दिवसीय भ्रमण करके लौटे विद्यार्थी
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग के सौजन्य से 11वीं कक्षा के 50 छात्राओं एवं 50 छात्रों ने पांच दिवसीय शैक्षिक भ्रमण किया। यह शैक्षिक भ्रमण 24 सितंबर से 28 सितंबर तक था जिसमें विद्यार्थियों ने अमृतसर का स्वर्ण मंदिर जलियांवाला बाग अटारी बार्डर तथा पुष्पा साइंस सिटी कपूरथला में साइंस की महत्वपूर्ण जानकारियां बारीकी से टीचर के सहयोग के साथ ली। जिसमें थ्री डी शो डायनासोर पार्क ,लेजर शो एवं फिजिक्स के प्रेक्टिकल, जीव विज्ञान प्रेक्टिकल्स ,आधुनिक इसरो से संबंधित रोबोट क्लाइमेट चेंज शो तथा अन्य इसी प्रकार की अनेक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपने विषय विशेषज्ञ एवं विषय के विषय की प्रवक्ताओं से काफी जानकारियां एकत्रित की।
उसके बाद धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में टीम का स्वागत बहुत अच्छे से किया गया जहां पैनोरमा श्रीकृष्ण संग्रहालय ज्योतिसर, ब्रह्म सरोवर अनेकों मंदिर धरोहर एवं कल्पना चावला म्यूजियम आदि का भरपूर आनंद उठाया। यह शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभप्रद रहा तथा सभी विद्यार्थियों को यह आदेश दिए गए कि वह अपने-अपने विद्यालय में जाकर के जिन विषयों के बारे में उन्होंने जानकारी प्राप्त की है उसको प्रार्थनाकालीन सभा में अपने सभी साथियों के साथ चर्चा करें ताकि बच्चों में इस शैक्षिक भ्रमण के लिए एक रुचि बन सके। सभी प्रकार की व्यवस्थाएं बहुत ही अच्छी प्रकार से शिक्षा विभाग के द्वारा की गई थी।
उन्होंने बताया कि पूरे जिले के विभिन्न स्कूलों से विज्ञान के विद्यार्थी शामिल किये गये हैं जो अपनी कक्षा में अच्छे अंक लेकर पास हुये है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौदा से तीन छात्राएं इस शैक्षणिक टूर करके लौट आई हैं। प्राचार्य सतीश कुमार ने बताया कि पहले भी इस विद्यालय के 10 छात्राएं कुरुक्षेत्र और करनाल का शैक्षणिक भ्रमण करके लौट चुकी हैं। शैक्षणिक टूर विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करती हंै। इस अवसर पर विक्रम, सतीश , दिनेश, सतन, उमा यादव, बीना यादव, सुनीता, राकेश, राकेश कुमारी एवं निशा शर्मा आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 02: शैक्षिक भ्रमण पर गये सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी।
न्यायालय ने एक व्यक्ति को किया भगोड़ा घोषित
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कनीना की आवाज। सीताराम नामक व्यक्ति जुलाई 2023 से कनीना न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहा है जिसके चलते कनीना मजिस्ट्रेट ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए कनीना पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कनीना पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर मामला दर्ज कर लिया है।
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