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Wednesday, September 13, 2023

 
 तीन माह पहले उखाड़ी गई सड़क का निर्माण कार्य पड़ा है अधर में
-आवागमन में हो रही है भारी दिक्कत
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कनीना की आवाज। कनीना बस स्टैंड के पास से छीथरोली को जाने वाली सड़क मार्ग को सीहोर टी-प्वाइंट से कनीना तक करीब तीन महीने पहले उखाड़ कर रख दिया था जो आज तक इसी हालत में पड़ी है जिससे वाहनों का आगमन बहुत कठिन हो गया है। एक और दुर्घटनाओं का अंदेशा है वही इस मार्ग पर चलना कठिन हो गया है। यह मार्ग आगे छीथरोली से शिव धाम बाघोत पहुंचता है। कावड़ अर्पित करते समय जाने वाले भक्तों को भी इस मार्ग पर भारी दिक्कत आई थी परंतु सड़क को उखाड़ कर तो रख दिया आगे कार्रवाई नहीं की जा रही है जिसके चलते किसान, बच्चे, बूढ़े एवं आम जन बेहद परेशान है।
 यह सड़क मार्ग एक और जहां भूतपूर्व सैनिकों की कैंटीन को जाती है वही इस मार्ग पर स्कूल संस्थाएं स्थापित है। आगे चलकर विभिन्न गांवों से होते हुए बाघेश्वर धाम पहुंचती है। बाघेश्वर धाम पहुंचने वालों के लिए परेशानी का कारण भी बनी हुई है। इधर आसपास करीब सैकड़ों ट्यूबवेलों के मालिक इस मार्ग से जाते हैं। सभी की मांग है कि इस मार्ग को पक्का किया जाए ताकि आवागमन सुचारु रूप से हो सके। इस संबंध में क्या कहते कनीना के लोग-
  बार-बार घर तक आना जाना ट्यूबवेल पर पहुंचना इसी मार्ग से होकर गुजरना होता है। यह मार्ग इतना बदहाल है कि पैदल चलना भी कठिन हो गया है। विभाग ने करीब तीन माह पहले पुराने जर्जर मार्ग को उखाड़कर रख दिया किंतु आगामी कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में यह सड़क मार्ग आफत बन गया है।
   ----विजेंद्र सिंह पूर्व अधिकारी कनीनावासी
  खेतों में अक्सर आना जाना पड़ता है। खेतों का एकमात्र यही रास्ता है जिससे होकर गुजरने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। साइकिल से चलना कठिन है। मोटरसाइकिल भी दो बार पंचर हो चुकी है। सड़क मार्ग को उखाड़ तो दिया पर अब इस रोड़ी, तारकोल नहीं डाला गया है जो समस्या बना हुआ है। इस मार्ग पर स्कूल विभिन्न अधिकारियों के आवास, सैकड़ों किसानों के घर तथा धार्मिक स्थान बने हैं जहां तक पहुंचने का यह सबसे छोटा मार्ग है। इसको ठीक किया जाए।
--- दिनेश कुमार किसान
 बाघेश्वर धाम पहुंचने का सबसे छोटा और सरल मार्ग है। करीब 5 किलोमीटर दूरी का यह मार्ग उखाड़ तो दिया है परंतु इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। परिणाम स्वरूप कोई वाहन इस मार्ग से आसानी से गुजर सकता। इस मार्ग से पैदल या वाहन द्वारा चलना दुष्कर बना हुआ है। किसान अपनी फसल पैदावार इस मार्ग से लाने ले जाने में बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
----अनिल कुमार कनीना
 जिस वक्त शिवभक्त शिवालय पर गंगा जल अर्पित करने जा रहे हैं उससे पहले से यह मार्ग जर्जर उखाड़कर डाल दिया है। इधर-उधर रोड़े पड़े हैं वहां से निकलना कठिन है। पैदल चलना और भी दुर्लभ है। दोपहिया वाहन चालक बार-बार गिर रहे हैं। इस मार्ग पर सबसे अधिक शिव भक्त निकलते हैं परंतु अब उनके लिए वाया सेहलंग होकर जाना पड़ रहा है जो करीब 10 किलोमीटर अधिक दूरीवाला मार्ग है।  ऐसे में इस मार्ग की अभिलंब सुध ली जाए।
  ---चौधरी महावीर सिंह
फोटो कैप्शन 6: उखाड़ कर डाला गया कनीना छीथरोली मार्ग साथ में महावीर सिंह, दिनेश कुमार, बिजेंद्र कुमार और अनिल कुमार।









रणजीत सिंह बने सब यूनिट के प्रधान
-एससी/बीसी कर्मचारी यूनियन के द्वि-वार्षिक चुनाव संपन्न
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कनीना की आवाज। हरियाणा पावर कारपोरेशन एससी/बीसी कर्मचारी यूनियन के द्विवार्षिक चुनाव संपन्न हो गए जिसकी अध्यक्षता सत्यवीर सिंह सर्किल आर्गेनाइज द्वारा की गई।
इस मौके पर मुख्य रूप से प्रदेश संगठनकर्ता राजेंद्र नौतन एडिशनल जनरल सचिव सज्जन सिंह गाहड़ा मौजूद रहे।
इस मौके पर रणजीत सिंह एसए को सब-यूनिट का प्रधान सर्व सम्मति  से चुना गया, राजेश लाइनमैन को सचिव, राहुल को प्रधान दीपक को सहसचिव, अमित को खजांची, नरेंद्र को संगठनकर्ता  चुना गया।
 इस अवसर पर धर्मपाल एसएसए, राजेश सहगल, सतीश लाइनमैन, जोगिंद्र एएलएम, अमित एसए,नरेश कुमार, नवीन कुमार, प्रदीप कुमार आदि कर्मचारी मौजूद रहे ।सभी नाम पदाधिकारी को राजेंद्र नौताना मुख्य संगठनकर्ता ने शुभकामनाएं दी और पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
 फोटो साथ है








बच्चों में हिंदी के प्रति रूचि पैदा करना जरूरी- राजेश
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कनीना की आवाज। आज के बच्चों और युवाओं में  मौजूदा परिवेश में अंग्रेजी भाषा को सीखने की ललक ज्यादा रहती है हिंदी भाषा को सीखने की कम जो सीधा हमारी मातृभाषा हिंदी का अपमान है। हमें बच्चों में हिंदी भाषा को सीखने की प्रति रूचि पैदा करनी चाहिए। यह कहना है उन्हाणी निवासी शिक्षक राजेश कुमार का।
उन्होंने कहा कि हिंदी भारत माता के माथे की बिंदी है इसके अस्तित्व की रक्षा करना हमारा और सरकार का नैतिक दायित्व है। हिंदी से हमें नई पहचान मिल सकती है । विदेशी भाषाओं के बढ़ते आकर्षण में यह जरूरी है कि देश के बच्चों में हिंदी के प्रति समझ व रुचि पैदा करें।
स्कूली शिक्षा के दौरान ही बच्चों को हिंदी की उपयोगिता और उसके महत्व के बारे में बताया जाए इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव जरूरी है मौजूदा समय में हिंदी की किताबों में नैतिक और चरित्र निर्माण से जुड़े पाठों का घोर अभाव है इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।
फोटो कैप्शन: मा. राजेश।





नौकरी का झांसा देकर पैसे ठगने के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार, 1 लाख बरामद
-आरोपित से की जा रही है पूछताछ
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कनीना की आवाज। नौकरी का झांसा देकर पैसे ठगने के मामले में थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान संजीत वासी कनीना के रूप में हुई है। आरोपित ने एसएससी जीडी में नौकरी का झांसा देकर शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपए ठग लिए थे। शिकायतकर्ता ने 2021 में आरोपितों को नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे दिए थे। पुलिस ने पूछताछ में आरोपित से 1 लाख रुपए बरामद किए हैं। आरोपित को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपित को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना निवासी सचिन ने अगस्त 2023 में थाना शहर कनीना में दो नामजद के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। जिसमे उसने बताया कि नवम्बर 2021 में वह कनीना में दुकान पर काम करता था, आरोपित उस दूकान पर आता जाता था। जिसने शिकायतकर्ता को बताया की उसकी पत्नी एसएससी दिल्ली में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क है और उसने कई युवकों को नौकरी लगवाया है। वह तुझे भी नौकरी लगवा देगी, लेकिन इसके लिए कुछ रकम देनी होगी। आरोपित ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया गया कि एसएससी जीडी में नौकरी लगवा देगा और उसके लिए तीन लाख रुपये देने होगें। इसके बाद आरोपित और उसकी पत्नी ने शिकायतकर्ता से 6-7 बार मुलाकात की और आश्वासन दिया कि तीन लाख में एसएससी जीडी में नौकरी लगवा देंगे। शिकायतकर्ता ने आरोपितों की बातों पर विश्वास करके नवंबर और दिसंबर 2021 में बैंक से पैसे निकलवा कर तथा कुछ रकम ब्याज पर उधार लाकर कुल तीन लाख रूपये आरोपितों को से दिए, आरोपितों ने शिकायतकर्ता को भरोसा दिया कि रिजल्ट आने पर उसकी नौकरी लग जाएगी, परन्तु जनवरी 2022 में एसएससी जीडी का रिजल्ट आया तो शिकायतकर्ता का सिलेक्शन नही हुआ। जब शिकायतकर्ता ने पैसे वापिस देने की बात कही तो आरोपितों ने कहा की अब नगद पैसे नही है और जानबूझकर बन्द खाते का चैक दे दिया। बाद में आरोपितों ने पैसे देने से साफ मना कर दिया। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया कि नौकरी का झासा देकर उससे पैसे ठग लिये और पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल ने जिला वासियों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या सोशल मीडिया साइटों पर अपने दस्तावेज अपलोड ना करें। सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी में रिक्त पदों की भर्ती के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट या संबंधित विभाग के अधिकारी से ही संपर्क करें। सरकारी पदों और प्राइवेट कंपनियों में नौकरी लगवाने का झांसा देने वाले ठगों से बचें और नौकरी लगवाने के नाम पर पैसों का लेनदेन ना करें।
फोटो कैप्शन 07: नौकरी का झांसा देकर ठगने वाला आरोपित।






धनौंदा में प्रतिभा सम्मान समारोह में करीब 50 विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत
-विभिन्न क्षेत्रों में कमाया है नाम
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव धनौंदा स्थित रााजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि अजीत सिंह जिला पार्षद, एसएमसी प्रधान हरप्रसाद, राजेंद्र सिंह नबरदार, डा. मुकेश कुमार ने विशिष्ट अतिथि बतौर भूमिका निभाई।
 इस मौके पर प्राचार्य सतीश कुमार ने बताया कि इस विद्यालय के विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र  में किसी से कम नहीं हैं। इस विद्यालय में 390 विद्यार्थी शिक्षा पा रहे हैं। विद्यालय के 10 विद्यार्थी कुरुक्षेत्र करनाल आदि क्षेत्र में धार्मिक स्थानों की यात्रा करके लौटे हंै और अब पांच छात्राएं बाघा बार्डर, कपूरथला जाएंगी। विद्यालय के शिक्षक बड़े ही प्रशिक्षित और स्टेट अवार्डी भी हैं वही विद्यालय का माहौल आज के दिन सबसे बेहतरीन हैं। हर क्षेत्र में विद्यार्थी बड़ा नाम कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में न केवल अध्यापक का अपितु सरकार पूरी सहायता कर रही है। हर प्रकार की सुविधा छठी  से आठवीं तक के विद्यार्थियों को दी रही दे रही है, इनमें किताबें मुफ्त दी जाती है वहीं दोपहर का भोजन भी प्रदान किया जाता है। विद्यार्थियों के सततप्रयास और अध्यापकों की लगन केे चलते विद्यालय के विद्यार्थी हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं चाहे सुपर-100 हो या एनएमएमएस हो।
मुख्य अतिथि अजीत सिंह ने कहा कि वह विद्यालय के योगदान के लिए सदा तैैयार रहता हूं।  उन्होंने 5100 स्कूल के विद्यार्थियों के लिए निजी कोस से दान किये। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया वहीं सभी अतिथियों का प्राचार्य एवं समस्त स्टाफ ने स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया।
 इस अवसर पर मधु मैडम, घनश्याम, मेघ सिंह, नरेश कुमार, महिपाल सिंह, मनीराम, संतोष मिथिलेश कुमार, मीनाक्षी, सुनीता ,संतोष कुमारी देवेंद्र सिंह, जगदीश,  रणवीर सविद्र सिंह सहित समस्त स्टाफ हाजिर रहा।
 फोटो कैप्शन 3 और 4: अव्वल विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए वहीं अजीत सिंह एवं अन्य विद्यार्थी।






हिंदी दिवस-14 सितंबर
हिंदी हर माथे की बिंदी होनी चाहिए-नरेश कुमार
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कनीना की आवाज। पूरे भारत में हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया। सन 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था।  वर्ष 1949 में काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।
चूंकि अ-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेजी भाषा का प्रभाव पडऩे लगा। हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं। इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है। क्या कहते हैं हिंदी के जानकार-
हिंदी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करना चाहिए। हिंदी माथे की बिंदी होनी चाहिए। यह मातृभाषा है इसका सम्मान करना चाहिए। हिंदी में काम करने वाले लोगों को सम्मानित करना चाहिए।  हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु हर संभव प्रयास करने चाहिए।
         शिक्षाविद नरेश कुमार
 हिंदी बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढऩे और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गयी है। हिंदी के प्रचार एवं प्रसार का प्रयास करना वाहिए।
        शिक्षाविद निर्मल सिंह
हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें। वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इसे आम बोलचाल की भाषा बनाना चाहिए तथा हर काम हिंदी में करने चाहिए।
  शिक्षाविद सत्येंद्र सिंह
हिंदी, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए। हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें।
  शिक्षाविद मदनलाल
फोटो कैप्शन: मदनलाल, नरेश कमार, निर्मल सिंह, सत्येंद्र सिंह





जूस विक्रेता की दुकान से नकदी चोरी,
-चोरी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना के बस स्टैंड पर स्थित काकू जूस कार्नर एवं फल विक्रेेता की दुकान का ताला तोड़कर नौ सितंबर की रात को अज्ञात चोर ताला तोड़कर नकदी ले उड़ा। काकू जूस कार्नर एवं फल विक्रेेता के मालिक ने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा है कि उनके गले में 16500 रुपये की नकदी रखी हुई थी जिसे अज्ञाता चोर चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है, जांच जारी है।





कट की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना 185वें दिन रहा जारी
-अडिग हैं धरना देने वाले
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना 185वें दिन में प्रवेश कर गया है। बुधवार को धरने की अध्यक्षता सूबेदार हेमराज अत्री बाघोत ने की। उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि सरकार के आश्वासन के बाद से वे शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। उनकी एकमात्र मांग है कि कट बनाया जाए और जब तक कट का काम शुरू नहीं किया जाएगा तब तक धरना जारी रहेगा।
 संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य डा लक्ष्मण सिंह और वेद प्रकाश सेहलंग ने बताया कि हमें सरकार की तरफ से आश्वासन मिला है कि  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए सकारात्मक कार्रवाई चल रही है। धैर्य रसे सरकार के आश्वासन पर टकटकी जमाये हुए हैं।
 उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार पर पूरा भरोसा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनाया जाएगा। सरकार पर विश्वास करते हुए 6 महीने से ज्यादा समय हो गया है अब हमें भी शंका होने लगी है कि अब तक कट का काम क्यों शुरू नहीं किया गया है।
 इस मौके पर नरेंद्र शास्त्री, रामकुमार, अशोक,  शेर सिंह, पूर्व सरपंच सतवीर नौसवा, डा. राम भक्त,दाताराम, बाबूलाल,पहलवान धर्मपाल, चेयरमैन सतपाल,ओम प्रकाश, मास्टर विजय सिंह,जय सिंह पंच, प्रधान कृष्ण कुमार, सीताराम, मनोज, सुरेंद्र सिंह, मास्टर विजय सिंह,  रोशन लाल आर्य, सत्य प्रकाश, मास्टर विजय पाल,मनोज, मुंशी राम , सूबेदार हेमराज, सूबे सिंह पंच,  शेर सिंह,  प्यारे लाल व गणमान्य लोग मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन 05: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।





नरेश कौशिक को कनीना खंड का नोडल अधिकारी नियुक्त किया
-राजकीय उच्च विद्यालय के हैं नरेश कुमार मुख्याध्यापक
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापक नरेश कौशिक को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार 2009 के तहत प्राइवेट विद्यालय में विद्यार्थियों के दाखिले के लिए कनीना खंड का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन  12(1) सी के प्रावधान अनुसार वर्ष 2023 -24 में मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में दाखिले के लिए उनकी नियुक्ति खंड शिक्षा अधिकारी कनीना ने की है।
अपनी नियुक्ति के उपरांत नरेश कौशिक ने कहा कि खंड के विभिन्न प्राइवेट  विद्यालयों में जो विद्यार्थी दाखिला लेना चाहते हैं उन्हें प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की हिदायतों  के अनुसार दाखिला दिलवाया जाएगा।। अगर अभिभावकों के सामने कहीं कोई समस्या आती है तो संबंधित निजी विद्यालय से बात करके उसका निराकरण किया जाएगा।
इसके लिए सभी निजी विद्यालयों  को उनकी छात्र संख्या  के अनुसार दाखिले सुनिश्चित करने के लिए  को अवगत  करा दिया गया है।
फोटो कैप्शन : नरेश कुमार मुख्याध्यापक



प्रतिमाह 30 हजार रुपये

































कमा लेते हैं केंचुआ खाद बेचकर
-दूर दराज तक उनके केंचुआ खाद की मांग
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कनीना की आवाज। कनीना का किसान रोहित अपनी मेहनत बल पर प्रतिमाह केंचुआ खाद/वर्मी कंपोस्ट तैयार करकके, बोरों में भरकर बेचकर करीब 30 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रहे हैं। अपने खेत में उन्हाणी गांव के पास उन्होंने केंचुआ फार्म बना रखा है जहां उन्होंने 60 ट्राली गाय के गोबर की खाद गौशालासे मंगवा कर काम शुरू किया था। जिसमें एक लाख रुपये के केंचुआ भी खरीद कर लाया। तत्पश्चात एक ट्राली गोबर से 70 बैग केंचुआ खाद प्राप्त हुआ। करीब साढ़े तीन माह में यह खाद प्राप्त हो गया है। इस खाद के 50 किलो के बैग भरकर ने केवल झज्जर अपितु नर्सरी क्षेत्र में भिजवा रहे हैं। एक ट्राली में करीब 35 क्विंटल गोबर का खाद आता है।
 रोहित कुमार ने बताया करीब साढ़े तीन माह में ये केंचुआ गोबर को खाकर खाद में बदल देते हैं। इस खाद की फिर छलनी द्वारा साफ किया जाता है। वैसे तो अब मशीन खाद को छानने के लिए आ गई है किंतु अभी तक वे अपने हाथों से चलने वाले छानने द्वारा इन्हें छानते हैं और बैग भरकर नर्सरी एवं जहां मांग है वहां पहुंचा रहे हैं। इसी केंचुआ खाद से वो सब्जी भी उगा लेते हैं जिससे घर का गुजर बसर हो जाता है। उन्होंने बताया कि मजदूरों द्वारा भी काम करवाते हैं जिनकी मजदूरी भी इसी काम से निकाल ली जाती है। तत्पश्चात प्रति महीने करीब 30 हजार रुपये की आय होती है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि केंचुआ खाद को सबसे उत्तम खाद और स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना जाता है वहीं केंचुआ फार्म को लगाने में अधिक खेत की जरूरत नहीं होती है। थोड़े से क्षेत्रफल पर ही केंचुआ खाद तैयार किया जा सकता है।
 उनका कहना है इस प्रकार के काम को करने से आत्मविश्वास बढ़ता है वहीं लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।
 फोटो कैप्शन 01 एवं 02: केंचुआ फार्म दिखाते हुए रोहित कुमार।

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