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Monday, September 11, 2023


मोटे अन्न को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है सरकार
-दक्षिण हरियाणा में श्रीअन्न का है भंडार
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कनीना की आवाज। सरकार के प्रयासों के चलते श्रीअन्न के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। कभी ग्रामीण क्षेत्रों में श्रीअन्न बाजरा, ज्वार आदि पर्याप्त मात्रा में पैदा होता था। बाजरे की रोटी को जमकर खाया जाता था किंतु अब इस रोटी को बनाने की जानकारी रखने वाली बुजुर्ग महिलाएं घटती जा रही हैं। वर्तमान पीढ़ी बाजरे की रोटी बनाने में आलस्य महसूस करती है तथा बनाने में महारत हासिल नहीं है।
वर्ष 2023 में जहां वित्त वर्ष बजट में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न योजना की शुरुआत हुई है वहीं दक्षिण हरियाणा मोटे अनाज का भंडार है। इसे मिलेट कहा गया है जो जलवायु को सहन कर सकता है। श्रीअन्न में जहां ज्वार, बाजरा, कुट्टू आदि कई अन्नों को शामिल किया गया है। ज्वार और बाजरा दक्षिण हरियाणा के खरीफ उत्पाद हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर हैं। 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय श्रीअन्न के रूप में घोषित किया है। बाजरा एवं ज्वार दक्षिण हरियाणा अधिक पैदावार देता है जिसका  समर्थन मूल्य गेहूं से अधिक है।
पूर्व कृषि अधिकारी डॉ देवराज बताते हैं कि बाजरा जलवायु सहिष्णु होता है। कम उर्वरा शक्ति वाले खेत में भी अच्छी पैदावार देता इसलिए किसान का दोस्त कहा जाता है। कम मेहनत में अधिक पैदावार देता है और पोषक तत्वों का भंडार है। श्रीअन्न में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम लोहा, मैग्नीज, फास्फोरस, पोटाशियम और विटामिन बी-कंपलेक्स पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। इससे कुपोषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है। श्रीअन्न में  प्रोटीन और फाइबर पोषक तत्व अधिक मिलने से। यह मधुमेह उच्च, रक्तचाप एवं कैंसर जैसे रोगों से भी बचाता है।
जहां जी-20 में मेहमानों को बाजरे के उत्पाद खिलाये जाएंगे जो अन्न का सम्मान होगा। वहीं करीरा गांव में भी बाजरे से अनेक पदार्थ बनाये जा रहे हैं जो लघु उद्योग और स्वयं रोजगार को बढ़ावा देता है। हरियाणा में इस  बार बाजरे का एमएसपी 2500 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। इससे मोटे अन्न के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है ताकि अधिक से अधिक प्रयोग करें और रोगों से बच सके।
उधर उधर करीरा के बालकिशन और श्रीकिशन वैद्य बताते कि मोटे खाने से शरीर में रोग रोधक क्षमता बढ़ जाती है। गेहूं का परंपरागत तरीके से प्रयोग करते आ रहे हैं उनमें रोग बढ़ सकते हैं। इसलिए गेहूं को छोड़कर मोटे उनका उपयोग किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। उधर आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर बाघोत शशी मोरवाल ने बताया कि बाजरा और ज्वार दोनों ही मोटे अन्न में शामिल किए गए हैं। जहां ज्वार अन्न हल्का होता है वही बाजरे में लोहे/आयरन की मात्रा अधिक होती है। इनमें ग्लूटेन नहीं होता। ग्लूटेन फ्री आटा बनाने के लिए उन्होंने कई अनाजों को शामिल करके प्रयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को ग्लूटन नुकसान पहुंचाता है उनके लिए श्रीअन्न बहुत लाभप्रद हैं।
 उधर किसान महावीर सिंह, अनिल कुमार, सुमेर सिंह, अजीत सिंह, देवेंद्र बलिया आदि ने उन्होंने बताया कि श्रीअन्न पैदा करने में अधिक मेहनत की जरूरत नहीं होती, जल्दी पैदावार दे देता है।
उधर कृषि विकास अधिकारी मनोज कुमार बताते हैं कि बाजरा 90 दिनों की फसल है जबकि गेहूं 150 दिनों की फसल है। भाव बाजरे के बेहतर हैं वहीं खाद डालने की जरूरत कम पड़ती है वहीं भाव बाजरे के अधिक हैं, शरीर के लिए अधिक लाभप्रद हैं ऐसे में श्रीअन्न की पैदावार लेनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 09:श्रीअन्न के रूप में बाजरे की फसल।
             10: श्रीअन्न की रोटी मक्खन सहित
   साथ में शशी मोरवाल चिकित्सा अधिकारी
      एवं पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज।









जिला पुलिस ने दो उद्घोषित अपराधियों को किया गिरफ्तार
चोरी और एनएसीटी एक्ट के मामले में थे पीओ
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ जिला पुलिस की स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम ने दो उद्घोषित अपराधियों को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। गिरफ्तार आरोपितों को पहचान सुनील वासी धिकाडा, राजस्थान, विकास वासी जावा, दादरी के रूप में हुई है। उद्घोषित अपराधियों की धर पकड़ के लिए चलाए गए अभियान के तहत स्पेशल स्टाफ कनीना की पुलिस टीम ने उद्घोषित अपराधियों को पकड़कर संबंधित थाना की पुलिस टीम के हवाले किया।
स्पेशल स्टाफ कनीना की पुलिस टीम ने चोरी के मामले में उद्घोषित अपराधी सुनील को गिरफ्तार किया। आरोपित सन 2017 में कैंपर चोरी के मामले में शामिल था, जिसे पुलिस द्वारा पीओ घोषित कराया गया था। टीम ने आरोपित को दादरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। एनएसीटी एक्ट के मामले में उद्घोषित अपराधी विकास को गिरफ्तार किया।  







साइक्लोथान में रेडक्रास वालंटियर सुधीर ने जीती साइकिल
-वालंटियर सुधीर ने जिला में शुरू से अंत तक मैराथन का हिस्सा रहकर साइकिल जीती
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कनीना की आवाज। साइक्लोथान एक साइकिल यात्रा नशा मुक्ति के नाम आयोजित कार्यक्रम में रेडक्रास वालंटियर सुधीर ने जिला में शुरू से अंत तक मैराथन का हिस्सा रहकर साइकिल जीती। एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने रेडक्रास वालंटियर सुधीर को साइक्लोथान में जिला में शुरू से अंत तक मैराथन का हिस्सा रहने के लिए पुरस्कार स्वरूप साइकिल वितरित की। उन्होंने बताया कि सुधीर कुमार को यह साइकिल यात्रा पूर्ण करने व जिला प्रशासन द्वारा उनके द्वारा किए गए सहयोग एवं प्रतिभागिता का सम्मान करते हुए साइकिल पुरस्कार के रूप में प्रदान की गई।  
इस अवसर पर जिला खेल अधिकारी मनोज कुमार,  रेडक्रास सचिव महेश गुप्ता, बीडीपीओ निशा तवंर, रेडक्रास से डा. एसपी सिंह,  सुभाष चन्द गुप्ता, राजकुमार व्यास, एनएन यादव, जिला यूथ अधिकारी एवं रैडक्रास के युवा वालंटियर मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08: सुधीर को साइकिल वितरित करते एसडीएम सुरेंद्र कुमार।







राष्ट्रीय प्रोत्साहन दिवस 12 सितंबर
प्रोत्साहन इंसान में भरता है सकारात्मक प्रभाव-नरेश कुमार
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कनीना की आवाज। प्रोत्साहन निशुल्क होता है जो अपने सहकर्मी, मित्र,दोस्त आदि को कुछ सकारात्मक शब्द कहना होता है। यह कभी महंगा नहीं पड़ता अपितु बहुत सस्ता होता है। अजनबी को भी आश्वस्त करने वाला एक शब्द उसके जीवन में बदलाव लाकर सकारात्मक ऊर्जा भरता है। प्रोत्साहन किसी को तब ऊपर उठाता है जब वह नीचे होता है, व्यक्ति को प्रेरित करता है जिसकी नजर लक्ष्य पर होती है। जब इंसान असफल हो जाते तो सही शब्द उसे प्रयास करते रहने की याद दिलाते हैं। सही शब्द तन में चिंगारी पैदा कर सकता है जिससे दृष्टिकोण में बदलाव आ जाता है।  उत्साह के विषय में विशेष कर शिक्षक को से चर्चा की गई जो अक्सर विद्यार्थियों को शिक्षा देते रहते हैं। उनके लिए उत्साह समय समय पर प्रयोग किया जाता है। क्या कहते हैं गणमान्य जन-
  अपने आसपास की दुनिया में रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहन बहुत महत्वपूर्ण होता है, विशेषकर विद्यार्थियों में प्रोत्साहन उनको और पढऩे की ललक पैदा करता है। वैसे तो प्रोत्साहन किसी भी क्षेत्र में लगे व्यक्ति को दिया जाए तो वह आगे बढ़ाने की सोचता है। उनका कहना है कि किसी व्यक्ति को बताएं कि उसकी प्रगति देखी है जो सराहनीय है, व्यक्ति आगे बढ़ रहा हो तो उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। अगर सही शब्द प्रयोग किया जाए तो निसंदेह एक व्यक्ति को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। जिससे उसका जीवन उज्ज्वल हो सकता है और भविष्य अच्छा बन सकता है।
   --शिक्षाविद नरेश कुमार
  प्रोत्साहन एक व्यक्ति में नया उत्साह का संचार करता है। यदि समय पर प्रोत्साहित किया जाए तो इंसान को आगे बढऩे से नहीं रोका जा सकता, सफलता निश्चित रूप से हासिल कर सकता है। प्रोत्साहन से एक नया जुनून पैदा होता है। प्रोत्साहन से जन को बेहतर रोल मॉडल बनाया जा सकता है। प्रोत्साहन एक प्रेरणा के रूप में काम करता है और इस प्रकार के प्रोत्साहन हमेशा देते रहना चाहिए ताकि इंसान अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
 --शिक्षाविद रणबीर सिंह
प्रोत्साहन किसी बड़ी ईनाम से कम नहीं होता जिससे तन में एक नई ऊर्जा का संचार पैदा होता है।  प्रोत्साहन से इंसान अपने लक्ष्य की और त्वरित गति से बढ़ता है। यदि प्रोत्साहन सही समय पर दिया जाए तो हर व्यक्ति को सहारा मिलता है और आगे बढ़ रहे व्यक्ति को और आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है। प्रोत्साहन यदि बच्चों में दिया जाए तो बहुत सार्थक साबित होता है। प्रोत्साहन के रूप में कहे गए दो शब्द भी एक बूस्टर डोज का काम करते हैं। ऐसे में प्रोत्साहन बहुत जरूरी होता है।
   -- शिक्षाविद सुनील कुमार।
फोटो कैप्शन: रणवीर सिंह, सुनील कुमार, नरेश कुमार।





चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने पर चौकीदारों ने लड्डू बाटकर किया खुशी का इजहार
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कनीना की आवाज। हरियाणा के चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने पर सोमवार को जिला महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिले के चौकीदारों ने कनीना खंड कार्यालय में पहुंचकर एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता जिला महेंद्रगढ़ चौकीदार यूनियन के प्रधान सुरेशचंद ने की।
उन्होंने कहा कि हमारी काफी दिन पुरानी सरकार से मांग थी कि  मानदेय राशि बढ़ाई जाए जिसको मुख्यमंत्री द्वारा सहर्ष मान लिया गया और अब मानेदय को 7000 से बढ़कर 11000 रुपये कर दिया है जिसके कारण आज दोनों जिलों के चौकीदार यहां इक_े हुए हैं। उन्होंने इस खुशी में लड्डू बांटकर मुख्यमंत्री व हरियाणा सरकार का आभार जताया।
 प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हमारी मांग मान लेने पर हम सभी कार्य खुशी से कर पाएंगे तथा हमारे बच्चों का पालन पोषण भी ठीक ढंग से हो जाएगा। वही चौकीदार यूनियन के ब्लॉक प्रधान रमेश कुमार निंबल तथा वरिष्ठ समाजसेवी मोहनपुर निवासी चौकीदार जयचंद गोठवाल ने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने हमारी मांग को मानकर हमारा मानदेय बढ़ाया है, ठीक इसी तरह हम भी  समय-समय  पर सरकार का सहयोग करेंगे तथा हमारे कर्तव्य निष्ठा पूर्वक ईमानदारी से निभाएंगे। बैठक में आए सभी चौकीदार यूनियन के नेताओं ने एक स्वर में  सरकार जिंदाबाद के नारे लगाए तथा मुख्यमंत्री का तह दिल से धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर पर विभिन्न गांवों से सैकड़ों की तादाद में चौकीदारी एकत्रित हुए।
 फोटो कैप्शन 06: सरकार द्वारा चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने पर चौकीदारों ने लड्डू बाटकर खुशी मनाते हुए।







फिर हुई कनीना क्षेत्र में 5 एमएम वर्षा
-एक सप्ताह में हो चुकी है 12 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से सोमवार के दिन दोपहर पश्चात 5 एमएम बारिश हुई। इस वक्त करीब 20 प्रतिशत किसानों की बाजरे की फसल खेतों में खड़ी हुई है जबकि कपास की फसल पूर्ण रूप से खड़ी हुई है। किसान त्वरित गति से लावणी के काम में लगे हुए हैं। इस वर्षा से बाजरे की खड़ी और काटकर डाली गई फसल को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है अपितु लावणी का काम जरूर प्रभावित हो रहा है। परंतु भावी फसल के लिए यह वर्षा अच्छी मानी जा रही है।
विगत दिनों से क्षेत्र में करीब 12 एमएम बारिश हो चुकी है। यदि यूं ही बारिश होती रही तो भावी रबी की फसल सरसों और गेहूं के लिए बेहतर साबित होगी। किसान अजीत कुमार, रवि कुमार, रोहित कुमार, सुनील कुमार, सूबे सिंह आदि बताते हैं की बारिश का होना भावी फसल के लिए शुभ संकेत है। कुछ मात्रा में खड़ी हुई वर्तमान फसल के लिए कोई लाभ नहीं होगा। कृषि वैज्ञानिक भी वर्तमान फसल के लिए वर्षा का कोई लाभ नहीं बता रहे हैं परंतु भावी फसल के लिए अच्छा संकेत बता रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने अपनी बाजरे की फसल पैदावार ले ली है। कुछ किसान बचे हैं वो भी अपनी फसल पैदावार लेने में लगे हुये हैं। आगामी चंद दिनों में सभी किसान बाजरे की पैदावार घरों में डाल लेंगे।
फोटो कैप्शन 07 : कनीना क्षेत्र में हुई वर्षा का नजारा






बाबा जिंदा का मेला 17 सितंबर को भोजावास में
-अटेली विधायक खेलों का करेंगे शुभारंभ
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कनीना की आवाज। कनीना उप- मंडल के गांव भोजावास में बाबा जिंदा देव का मेला 17 सितंबर को लगेगा। 16 सितंबर को रात्रि को भजन और बाबा के भजनों का गुणगान किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुये समाजसेवी मनीष कुमार ने बताया कि मेले में खेलों का आयोजन होगा। खेलों का उद्घाटन सीताराम यादव विधायक अटेली करेंगे। उन्होंने बताया कि कबड्डी, 1600 मीटर दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, बुजुर्ग दौड़ आदि आयोजित होंगी। बड़ी प्रतियोगिता कबड्डी की डू एंड डाई की होगी जिसमें प्रथम स्थान पाने वाली टीम को 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।







खेजड़ी दिवस -12 सितंबर
खेजड़ी को बचाने के लिए 363 लोगों ने दिया था बलिदान
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कनीना की आवाज। खेजड़ली राजस्थान के जोधपुर जिले का एक गांव है जहां के 363 महिला, बच्चों और पुरुष बच्चों ने खेजड़ी पेड़ों को बचाने के लिए बलिदान दे दिया था। दक्षिण हरियाणा का क्षेत्र आज की जाटी से परिपूर्ण है। खेजड़ली गांव का नाम खेजड़ी के पेड़ों के कारण पड़ा है। खेजड़ली आंदोलन का उद्देश्य जाटी के पेड़ों को काटने से रोकना था। 12 सितंबर 1730 को यह आंदोलन शुरू हुआ। अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में 363 महिला, पुरुष और बच्चों ने पेड़ों को बचाने के लिए बलिदान दे दिया था।
 हुआ यूं कि जोधपुर के तत्कालीन महाराजा अभय सिंह के समय यह घटना घटी थी उसे महल अभय सिंह को महल बनाने के लिए चूना गर्म करने के लिए पेड़ों की लकड़ी चाहिए थी। खेजड़ी को काटने के लिए उन्होंने सैनिकों को भेजा।   जब सैनिक खेजड़ली गांव में पहुंचे तो अमृता देवी ने अपनी तीन बेटियों के साथ पेड़ों को बचाने के लिए प्राण त्याग दिए। 363 में बिश्नोई भी मारे गए थे। एकमात्र अहिंसा वृक्ष आंदोलन था जिसमें बिश्नोई समाज का नाम सदा आगे आता रहेगा। खेजड़ली बलिदान दिवस 1978उन बलिदानी लोगों को याद किया जाता है जो जाटी पेड़ों को बचाने के लिए  पेड़ों से लिपट गए थे जिसमें अमृता देवी की तीन बेटियां आसू, रत्नी, भागू ने पेड़ों से लिपटकर प्राण न्यौछावर कर दिये थे। अपने सिद्धांत पर चलने वाले गुरु जंभेश्वर भगवान के बताए मार्ग को पर चलने वाले ये लोग पेड़ों के रक्षक एवं सेवक माने जाते हैं।
महाभारत काल में अर्जुन द्वारा अज्ञातवास के लिए भी जाटी/शमी/खेजड़ी आदि नाम से जाने वाले पेड़ में अपने हथियार छुपाये थे। राजस्थान में जाटी को खेजड़ी नाम से जाना जाता है। जाटी के पेड़ों पर वर्तमान में जमकर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है जिसके चलते जाटी का भविष्य अंधकार में है। जाटी के विषय में क्या कहते हैं-
 किसान महिपाल सिंह बताते हैं कि जाटी उनके सुख-दुख का साथी है। इसके फल सांगर/सांगरी विभिन्न सब्जियों, भाजी एएवं पकवानों में काम में लेते हैं। जाटी के नीचे अच्छी फसल होती है जिसके कारण यह फसलों की रक्षक मानी जाती है। जाटी लंबे समय तक जीवित रहती है और इसके हर भाग को प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके पत्ते भी पशु चारी के रूप में काम में लेते हैं। ऐसे में जाटी बेहतरीन पौधा होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पेड़ों की हमें रक्षा करनी चाहिए जो हम सभी का फर्ज बनता है।
 सूबे सिंह किस ने बताया कि जाटी पेड़ अबकी लालच में किसान इनको वृक्ष माफिया को भेच देते हैं जिससे वे कुल्हाड़ी चलाते देर नहीं करते। ऐसे में इन वृक्षों की कमी होती जा रही है। आने वाले समय में लोग सांगर/सांगरी के लिए भी तरसेंगे और जाटी को यूं ही काटते रहे तो यह पेड़ पुस्तकों में पढऩे को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जाटी पेड़ पर तीतर ,फाख्ता जैसे जीव अपना बसेरा बनाते हैं। इनको बचाना हर किसान और जन का फर्ज बनता है।
 गजराज सिंह मोड़ी का कहना है की जाटी एक बहुत असाधारण पौधा है जो फसल, जमीन, पशुओं और इंसान के लिए हर प्रकार से लाभप्रद है। इन पेड़ों की सुरक्षा करने से वातावरण शुद्ध होता है जिससे लाभ ही लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजस्थान में बलिदान देकर इन पेड़ों को बचाया हरियाणा में भी पेड़ों की सुरक्षा की जरूरत है।
 फोटो कैप्शन 03: जाटी का पेड़
साथ में सूबे सिंह, गजराज सिंह, महिपाल सिंह




कट की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना 183वें दिन रहा जारी
-ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर हैं
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कनीना की आवाज।  राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना 183वें दिन में प्रवेश कर गया है। सोमवार को धरने की अध्यक्षता डा. लक्ष्मण सिंह सेहलंग  ने की।
 धरने की अध्यक्षता कर रहे डा लक्ष्मण सिंह ने बताया कि धरने को चलते 183 दिन हो गए हैं परंतु सरकार ने कट का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया है।  बार बार मौसम बदल रहा है जिसके चलते किसान जो धरने पर बैठते हैं उनको फसल खराब होन ेतथा अगली फसल पैदावार लेने में दिक्कत आ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट शुरू ना होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी है।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा हमें आश्वासन मिला हुआ है और सरकार पर पूरा भरोसा भी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनेगा। 6 महीने से ज्यादा समय बीत गया है और सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम शुरू भी नहीं किया है। किसानों के लिए चिंता का विषय है। केंद्र सरकार किसानों की परेशानी को समझते हुए कट का काम जल्द शुरू करें। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से इस इलाके के विकास के सभी रास्ते खुल जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार नए बच्चों की सोच और किसानों के दर्द को समझे और वरीयता के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए।
 इस मौके पर संघर्ष समिति के सदस्य कृष्ण कुमार सेहलंग, नरेंद्र शास्त्री छिथरौली  ठेकेदार शेर सिंह, पूर्व सरपंच सतवीर नौसवा, डा. राम भक्त, ओम प्रकाश, मा. विजय पाल, सुरेंद्र सिंह,दाताराम, मास्टर विजय सिंह, विजय सिंह बाजे भगत ,वेद प्रकाश, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, मनोज कुमार , मास्टर विजय पाल, बाबूलाल, रोशन लाल आर्य, पूर्व उपसरपंच हंस कुमार, मुंशी राम , सूबेदार हेमराज, सूबे सिंह पंच, सूबेदार भूले राम ,  शेर सिंह, सत्यनारायण साहब ,  प्यारे लाल, सूबे सिंह
व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।







साक्षरता सप्ताह मनाया गया्र
-कालेज में हुए अनेक कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा के आदेश अनुसार साक्षरता सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन राजकीय महाविद्यालय ,कनीना में किया गया। साक्षरता सप्ताह कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग ,वाद विवाद और सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य  डा. सुरेंद्र सिंह ने की।
डा यतेंद्र सिंह प्राचारर्य ने कहा कि साक्षरता दर बढऩा एक शुभ संकेत है। साक्षरता को बढ़ाने के लिए हर इंसान को अपना फर्ज निभाना चाहिए। आने वाले समय में साक्षरता दर बढऩे की आशंका है। खुशी, अनु और निशा ने पोस्टर मेकिंग में विभिन्न स्थान प्राप्त किया । वाद विवाद प्रतियोगिता में दिनेश और करिश्मा ने स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के संयोजक की भूमिका डा यतेंद्र सिंह ने निभाई। कार्यक्रम में डॉ धर्मवीर, राकेश, संदीप, रविंद्र और अन्य महाविद्यालय के कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: साक्षरता सप्ताह में कालेज के विद्यार्थी।

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