Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, September 10, 2023
























 
खेत में खड़ी बाजरे की फसल पर चला रहे ट्रैक्टर
-उत्पादन कम और खर्च अधिक होने के चलते उठा रहे हैं यह कदम
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के करीब आधा दर्जन गांवों में खरीफ फसल दौरान हल्की और कम बारिश होने के चलते किसानों के बाजरे की फसल बर्बाद हो गई है वहीं दूसरी ओर बहुत से गांवों में अधिक वर्षा के चलते बाजरे की फसल को  नुकसान हुआ है। जहां कम वर्षा हुई वहां के किसान फसल पर ही ट्रैक्टर चला रहे हैं। इन गांवों में मोड़ी, भोजावास, गोमला, गोमली, मानपुरा आदि आते हैं। यहां किसान वर्षा का इंतजार करते रहे किंतु बारिश बहुत कम होने के कारण या तो फसल सूख गई या फसल अच्छी प्रकार नहीं पाक पाई जिसके चलते अब किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ही ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है।
 मोड़ी के किसान अजय कुमार, कांता, गजराज सिंह आदि ने बताया की बाजरा तो उगाया था किंतु बारिश कम होने से पैदावार कम देने की संभावना बन गई थी क्योंकि फसल कटाई एवं उत्पादन पर करीब 20 हजार रुपये का  खर्चा आएगा जबकि पैदावार 10 से 15 हजार की ही होगी जिसके चलते किसान अपने नुकसान को देखते हुए खड़ी फसल परी ट्रैक्टर चला रहे हैं। किसानों ने बताया कि खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने से कम से कम बाजरे के पौधे भूमि में जाकर खाद का काम तो करेंगे।
 हरियाणा सरकार ने समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल रखा है किंतु अधिक पैदावार न होने से लाभ की वजह हानि होने की संभावना ज्यादा है। किसानों ने बताया की कटाई और बाजरे की पैदावार लेने का खर्च करीब 18 से 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर आता है जबकि पैदावार मुश्किल से 10 हजार-15000 हो सकती है। ऐसे में घाटे में जाने की संभावनासिक किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ही ट्रैक्टर चलाना शरू कर दिया है ताकि अगली फसल के लिए खाद की आपूर्ति हो उसके
फोटो फोटो कैप्शन 7 मोदी का किसान अजय खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाते हुए






कृष्णावती नदी में पानी छोड़े जाने की उठी है मांग
-मानपुरा गांव तक खाले के रूप में कच्ची नदी बना दी पानी नहीं आता
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कनीना की आवाज। यूं तो कृष्णावती नदी जो नीम का थाना और पाटन से निकालकर करीब 300 गांव को जल उपलब्ध करवाती रही है। 1976 में अधिक पानी आने से इसकी चौड़ाई भी बढ़ गई थी किंतु 1995 में राजस्थान सरकार ने कचरेड़ा बांध बना दिया जिसके बाद पानी की आवक बंद हो गई थी किंतु हरियाणा सरकार ने जहां इस नदी को फिर से चालू करने के लिए कच्ची खोदाई करवाई थी। कनीना उपमंडल के गांव मानपुर तक कृष्णावती नदी की कच्ची खोदाई की गई जिस पर करोड़ों रुपये की लागत आई थी।
 किसान बड़ी आशा के साथ इस नदी पर नजर टिकाये हुए हैं ताकि कभी तो खेतों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा किंतु किसानों सुमेर सिंह, दिनेश कुमार ,महेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह ,लाजपत आदि ने बताया की नदी की खोदाई के बाद से अब तक कोई पानी की आवक नहीं हुई है जिससे किसानों की सभी आशाओं पर पानी फिर गया है। किसानों ने बताया की कृष्णावती नदी में यदि पानी छोड़ दिया जाए तो भूमि का जलस्तर ऊंचा उठेगा परंतु फिलहाल इस कृष्णावती कच्ची नदी में भारी मात्रा में अड़ंगा खड़ा हुआ है, झाड़ झंकार खड़े हैं जिसके चलते किसान मायूस है। उन्हें विश्वास था कि यह इस नदी से के जल से ही जोहड़ों में पानी भरा जाएगा और मवेशियों को पेयजल उपलब्ध होगा किंतु कोई लाभ नहीं हुआ। एक ओर तो खेतों के बीचों बीच नदी बना दी वहीं नदी में झाड़ झंकार खड़े हैं, जल नहीं आता। ऐसे में किसानों ने मांग की है किस नदी में जल छोड़ा जाए ताकि उन्हें खेती के लिए तथा भूमिगत जल की बढ़ोतरी के लिए जल उपलब्ध हो सके।
फोटो कैप्शन 6: कृष्णावती नदी की बदहाली को दिखाता किसान।






पूर्व इंस्पेक्टर बुजुर्गों की दौड़ों में कमा रहा है नाम
-विगत 5 सालों से जीत चुका है सैकड़ों पुरस्कार
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कनीना की आवाज। कनीना के वार्ड एक से पूर्व इंस्पेक्टर सीआरपीएफ रोशन लाल उमर में बेशक 67 वर्ष हो किंतु मेलों में आयोजित बूढ़ों की दौड़ में विशेष नाम कमा रहा है। विभिन्न जिलों में जब मेले आयोजित होते हैं और बूढ़ों की दौड़ करवाई जाती है तो उसमें सबसे आगे खड़ा रोशन लाल कनीना मिलता है।
 उन्होंने 62 साल की उम्र में दौडऩा शुरू किया था और जब कहीं किसी मेले में बुजुर्गों की दौड़ होती है वहां पहुंच जाते हैं और यही नहीं उनका अधिकांश बार प्रथम या फिर कभी द्वितीय और तृतीय स्थान भी प्राप्त होता है किंतु आज तक किसी मेले में उनको हर नहीं मिली है। आज भी उनके हौसले बुलंद हैं। रोशन लाल ने बताया की उन्हें दौडऩे में बड़ा आनंद आता है इसलिए हर मेले की सूचना मिलते ही वह वहां पहुंच जाते हैं और मेले में अपना नाम कमाकर ही घर लौटते हैं।
फोटो कैप्शन 8: रोशन लाल को सम्मानित करते हुए मेला कमेटी के सदस्य।







मुफ्त चिकित्सा शिविर में 73 रोगियों ने करवाई जांच
-सेवा भारती हरियाणा का था 66वां शिविर
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी के शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा की प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 66वां हृदय रोग एवं नेत्र रोग जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में मेट्रो अस्पताल एवं हृदय रोग संस्थान से डा. अश्विनी यादव एवं डा संजय, प्रवीना , लक्ष्मी, मनीष, सुमित एवं राजकुमार ने अपनी सेवा प्रदान की। इसी प्रकार डा. आरबी यादव अस्पताल रेवाड़ी से नेत्र रोग चिकित्सक डा. राहुल, मुख्तार सिंह एवं प्रेम कुमार की टीम ने नेत्र रोगियों की जांच की। इस मौके पर ईसीजी, बीपी उएवं ब्लड शुगर की निशुल्क जांच की गई, दवाइयां व चश्मे भी निशुल्क वितरित किए गए। इस अवसर पर 73 रोगियों ने अपनी जांच कराई।
योगेश अग्रवाल सेवा भारती के सदस्य ने बताया कि यह शिविर हर महीने की दूसरे रविवार को आयोजित होता है। शिविर में आसपास के करीब 30 गांवों के मरीज आते हैं। शिविर में सेवा भारती के संरक्षक शिव कुमार, प्रधान सुरेश शर्मा, श्याम सुंदर महाशय, अमित, मास्टर सोमदत्त शर्मा, आचार्य जगदीश कुमार, राकेश सिंघल प्रेम सिंगला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि सेवा भारती द्वारा आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक निशुल्क प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं महिला सिलाई प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया जाता है।
फोटो कैप्शन 03:मरीजों की जांच करता करते डॉक्टर।





क्षेत्र में रविवार को हुई एक एमएम वर्षा
-गर्मी से मिली राहत
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां विगत दिनों से लगातार गर्मी पड़ रही थी तापमान अधिक होने के कारण दिन भर किसानों को काम करने में कठिनाई हो रही थी किंतु रविवार के दिन दोपहर पूर्व एक एमएम बारिश हुई।  कनीना क्षेत्र में बारिश के चलते जहां फसलों को कोई लाभ होने वाला नहीं है किंतु गर्मी से राहत जरूर मिली है। कपास की फसल खड़ी हुई है।
 किसानों राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार,अजीत कुमार,योगेश कुमार आदि ने बताया कि भावी सरसों फसल को लाभ मिल सकता है। कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि वर्तमान फसल के लिए कोई लाभ नहीं किंतु भावी फसल के लिए यह बारिश लाभप्रद साबित हो सकती है। वर्तमान में कुछ खेतों में बाजरे की फसल काटकर डाली हुई है तथा किसान पैदावार ले रहे हैं। किसानों को परेशानी का सामना जरूर करना पड़ा है।
 फोटो कैप्शन 05: कनीना क्षेत्र में बारिश का नजारा।







जीना मरना प्रभु के हाथ-अनीता यादव
-कनीना की कौशल्या को दी श्रद्धांजलि

संज्जन सिंह बोहरा की चाची कौशल्या देवी(59) के निधन पर शोक
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कनीना की आवाज। जीना मरना प्रभु के हाथ है। जो जितने सांस लिखवाकर लाता है उतने ही जग में पाकर जाना पड़ता है। ये विचार कनीना के समाजसेवी संज्जन सिंह बोहरा की चाची कौशल्या देवी(59) के निधन पर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंची पूर्व सीपीएस एवं अटेली की पूर्व विधायक अनीता यादव ने व्यक्त किये।
अनीता यादव ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वर्गीय कौशल्या बहुत मिलनसार व उच्च विचारों की महिला थी। उन्होंने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार व उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जिसके परिणाम स्वरूप उनका एक पुत्र उम्मेद सिंह समाज में नाम कमा रहा है वहीं उनका पौत्र सोनू एवं पौत्री मौनी सहित पुत्रवधू एवं पौत्रवधू सहित भरा परिवार है।
इस मौके पर शोक जताने वालों में मा् कंवर सिंह, विजयपाल प्राध्यापक, कृष्ण कुमार, ईश्वर सिंह, करतार सिंह, दलीप सिंह, सूबे सिंह, अरविंद कुमार, भूपेंद्र सिंह, पोहप सिंह, पूर्व इंस्पेक्टर सत्यराज सिंह समेत कई जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: पूर्व सीपीएस अनीता यादव समाजसेवी सज्जन सिंह की भाभी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए।







लोक अदालत में 7.60 लाख रुपये की रिकवरी की
-रखे गये 282 मामले
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन लोक अदालत की चेयरपर्सन मेनका सिंह की अध्यक्षता में किया गया जिसमें आज की लोक अदालत में 282 मामले रखे गए। बैंक रिकवरी के 24 विवाद रखे गए जिनमें से किसी का निपटारा नही हो पाया । क्रिमिनल कंपाउंडेबल मामले 160 रखे गए जिसमें 110 का निपटारा किया गया और रिकवरी अमाउंट 15200 प्राप्त की एनआई एक्ट के 34 मामले रखे गए जिनमे 20 मामलों का डिस्पोजल किया गया और 760000 की रिकवरी की गई। सिविल केस के 47 मामले रखें गये जिसमे 35 मामले निपटाए गए अन्य 17 केस रखे गए जिसमे 9 का निपटारा किया गया। इस तरह से कुल 182 केसों का निपटारा मौके पर किया गया। इस अवसर पर एसडीजेएम मेनका सिंह ने कहा कि लोक अदालत में जो मामले निपटते हैं उसमें किसी पक्षकार की हर वह जीत नहीं होती और भाईचारा बना रहता है इसलिए लोक अदालतों मैं ज्यादा से ज्यादा मामले निपटाए जाएं निपटाना चाहिए। बार प्रधान ओ पी रामबास ने कहा कि लोक अदालत में मामले निपटने से व्यर्थ के समय और फिजूल खर्ची से बचा जा सकता है। इस अवसर पर बार प्रधान ओपी रामबास, ममता यादव, मीनाक्षी यादव, अनिल शर्मा, योगेश गुप्ता, मंजीत यादव, नजीर नीरज शर्मा, रीडर शेर सिंह, सुरेंद्र, नितिन नवीन, मनोज, ईश्वर पांडे व मनोज इत्यादि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: लोक अदालत में मामलों की सुनवाई करती चेयरपर्सन मेनका सिंह  







मौसमी बदलाव में,बूंदा-बांदी के बीच 182वेंं दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। रविवार को धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। धरने को 182 दिन बीत चुके हैं।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते छह माह बीत चुके हैं किंतु कट निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।  बार बार मौसम बदल रहा है जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।  कपास और बाजरे की दोनों फैसले बर्बाद होने का खतरा है वहीं धरने के चलते कट का भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। दूसरी तरफ आश्वासन के बाद केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू ना होने के कारण लोगों में आक्रोश है। सरकार को धरना स्थल पर बैठे किसानों की परेशानी को देखते हुए कट का काम जल्द शुरू करना चाहिए।
  उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के काम को अति शीघ्र शुरू किया जाए।
 इस मौके पर संघर्ष समिति के सदस्य ओमप्रकाश ,कृष्ण कुमार पंच सेहलंग,संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान धर्मपाल  सेहलंग, नरेंद्र शास्त्री छिथरौली ने पहलवान महावीर, पूर्व सरपंच सतवीर नौसवा, डा. राम भक्त, डॉ लक्ष्मण सिंह,दाताराम, चेयरमैन सतपाल,वेद प्रकाश, मनोज कुमार करीरा, मास्टर विजय पाल, बाबूलाल, रोशन लाल आर्य, हंस कुमार, मुंशी राम , सूबेदार हेमराज, सूबे सिंह पंच, सूबेदार भूले राम, प्रधान कृष्ण कुमार, शेर सिंह, सत्यनारायण साहब ,प्यारे लाल, सूबे सिंह
व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02:कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।

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