धमाल-2023 कार्यक्रम आयोजित
लोक नृत्य प्रतियोगिता में कुमारी याचना प्रथम
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में ,धमाल 2023 ,नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ खंड नोडल अधिकारी एवं मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने किया। उन्होंने अभिभावकों, शिक्षकों व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के अंदर बहुमुखी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं और धमाल-2023 का उद्देश्य उन छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें एक अच्छा मंच प्रदान करना है।
आज की प्रतियोगिताएं लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य व आधुनिक नृत्य वर्ग में आयोजित की गई। जूनियर एकल लोक नृत्य प्रतियोगिता में कुमारी याचना प्रथम, प्राची द्वितीय तथा हिमांशी तीसरे स्थान पर रही। लोक नृत्य के सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान प्रिया, दूसरा निकिता तथा तीसरा स्थान कुमारी भावना को मिला।
समूह नृत्य जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान याचना और उसकी टीम को मिला दूसरा स्थान नैना और उसकी टीम को तथा तीसरा स्थान परी की टीम को मिला सीनियर वर्ग समूह नृत्य में प्रथम स्थान खुशी और उसकी टीम को मिला। दूसरा स्थान एकता और उसकी टीम को मिला तथा तीसरे स्थान पर भारती-गुंजन की टीम रही। आधुनिक नृत्य में प्रथम स्थान भारती को दूसरा स्थान रचना को तथा तीसरा स्थान कुमारी निशा को मिला। निर्णायक मंडल की भूमिका मॉडल संस्कृति विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश कुमार यादव तथा राजकीय प्राथमिक पाठशाला की शिक्षिका कृष्णा देवी ने निभाई।
इस अवसर पर विद्यालय की तरफ से धमाल-2023 के विजेताओं व खंड स्तर पर व जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएमसी प्रधान सावित्री देवी व हेमलता ने की,इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक राजेश शास्त्री, संदीप कुमार,राकेश कुमार, कश्मीरी निमल,सुभाष वर्मा ,शीला देवी, शालिनी प्रधान,शीतल चौहान, राजबाला यादव, सुनीता मेहरा ,मुख्य शिक्षक बस्तीराम, शुभ कुमारी ,रेखा यादव,तेजपाल सत्यवीर सिंह सहित विद्यालय शिक्षा समिति के सभी सदस्य, समस्त स्टाफ व अभिभावक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए नरेश कौशिक नोडल अधिकारी।
एक बार फिर से मानसून हुआ सक्रिय
-जिलाभर में हुई है वर्षा
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कनीना की आवाज। बंगाल की खाड़ी से उठे मौसमी सिस्टम एक बार फिर से मानसून को जीवन दान दिया है, जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बादलों ने डेरा जमा लिया है और हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। एक बार फिर से सम्पूर्ण इलाके पर पुरवाई चलने से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आमजन को उमस भरी पसीने वाली गर्मी से आंशिक तौर पर राहत मिली है ।
मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर मानसून ब्रेक की स्थिति और लगातार उष्ण आर्द्र पश्चिमी हवाएं और तापमान में बढ़ोतरी की वजह से आमजन को उमसभरी पसीने वाली गर्मी से रू-ब-रू होना पड़ रहा था परन्तु पिछले 24 घंटों में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदली है जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके पर बादल वाही और हल्की से मध्यम बारिश/ बूंदाबांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। हालांकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बारिश का सिलसिला जारी है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान लुढ़क गया है । और आमजन को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस से 27.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। जबकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 29.0डिग्री सेल्सियस से 35.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। सम्पूर्ण इलाके पर दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है।
वर्तमान में उत्तरी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती ओडिशा तट के आसपास से लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव है। जिसका असर से चक्रवातीय सरकुलेशन आज सुबह से ही पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी दक्षिणी राजस्थान पर बना हुआ है ।जिसकी वजह से मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात में जबरदस्त बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। जबकि इस मौसमी प्रणाली का सीधा असर हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर नहीं है केवल आंशिक असर ही देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके पर भारतीय मौसम विभाग ने 16-18 सितंबर के दौरान येलो अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि मानसून ट्रफ रेखा अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में स्थित है साथ ही आज एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन पंजाब पर बना हुआ है और दक्षिणी हरियाणा में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है । इन सभी मौसम प्रणालियों के चलते हरियाणा एनसीआर दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश का दौर बना हुआ है,। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 18 सितंबर तक मौसम गतिशील बना रहेगा।हालांकि 18 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक और चक्रवात बनने जा रहा है और साथ ही साथ एक नया ताजा पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने से, जिससे बारिश का दौर सितंबर अंत तक जारी रह सकता है। वर्तमान में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में कमजोर मानसून को जीवन दान मिला है हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले डेढ़ महीने से बारिश की गतिविधियां नदारद रहने से मानसून बारिश का आंकड़ा सामान्य से कम हों गया था आने वाले दिनों में वह सामान्य या इसके आसपास पहुंच कर मानसून की सम्मान जनक स्थिति में पहुंच सकता है । जिला महेंद्रगढ़ पर भी इस मौसम प्रणाली का आंशिक असर साफ तौर पर दिखाई दिया जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके पर बादल वाही देखने को मिलीं और हल्की बारिश बूंदाबांदी की गतिविधियों को दर्ज किया गया है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आमजन को उमस भरी पसीने वाली गर्मी से आमजन को राहत मिली है। आज जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश डिग्री सेल्सियस और डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का अधिकतम तापमान क्रमश 33.5 डिग्री सेल्सियस और 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज जिला महेंद्रगढ़ में शाम 5.0 बजे तक नारनौल में 8.0 मिलीमीटर , महेंद्रगढ़ में 65.5 मिलीमीटर, नांगल चौधरी और निजामपुर में 3.0 मिलीमीटर जबकि सतनाली 14.0 मिलीमीटर और कनीना में 15.0 मिलीमीटर ,अटेली में 21.0 मिलीमीटर सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया गया है केवल नांगल चौधरी में हल्की बूंदाबांदी ही दर्ज हुई है। शाम 5.0 बजे बाद भी जिला महेंद्रगढ़ में लगातार बारिश की गतिविधियां जारी है।
किसान पंचायत आयोजित
-पंचायत में सर्वसम्मति से दस प्रस्ताव पास कर भेजे केंद्र व राज्य सरकार को
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कनीना की आवाज। मंडियों में बाजार की सरकारी खरीद तत्काल शुरू करने तथा इलाके की अनेक मांगों को लेकर बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में गाहड़ा गांव में किसान पंचायत आयोजित की गई। जिसमें गाहड़ा, सिहोर, कोटिया, करीरा, बाघोत, छिथरौली, झाड़ली, धनौन्दा, खेड़ी, तलवाना, अगिहार, कनीना, भडफ़ व ककराला सहित 15 गांवों के किसानों ने भाग लिया। पंचायत की अध्यक्षता अतरलाल एडवोकेट ने की।
पंचायत में सर्वसम्मति से दस प्रस्ताव पास कर केंद्र व राज्य सरकार से बाजार की सरकारी खरीद तत्काल शुरू करने, रासायनिक खाद की कमी पूरा कर किसानों को मांग अनुसार पर्याप्त मात्रा में डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध कराने, बिजली कटौती बंद करने, युवाओं को रोजगार के लिए अटेली विधानसभा क्षेत्र में आइएमटी स्थापित करने, कनीना में लेबर ऑफिस स्थापित करने, मनरेगा का बजट बढ़ाकर ढाई सौ दिन की रोजगार गारंटी देने, क्षेत्र में संचालित खेल स्टेडियमों में कोचों की नियुक्ति कर खेल सुविधाएं बढ़ाने, नेशनल हाईवे 152 डी पर बाघोत सेहलंग के बीच में कट बनवाने तथा कनीना उन्हानी व अटेली के सरकारी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं चालू करने की मांग की गई। पंचायत को संबोधित करते हुए बसपा नेता अतरलाल ने सरकार पर अटेली क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए पारित प्रस्तावों को तत्काल पूरा करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि बाजरा की सरकारी खरीद 20 सितंबर तक शुरू नहीं की गई तो उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। रघुवीर सिंह, रामपत शास्त्री, राजेंद्र यादव, शेर सिंह यादव ने प्रस्तावों का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से अविलंब पंचायत में पारित प्रस्तावों को मानने की अपील की। इस अवसर पर रविदत्त, घीसाराम, किशन कुमार, सतीश कुमार, दाताराम शर्मा, बलवंत आर्य, नरेंद्र, सतीश, राजवीर, संतोष, सुमेर, हेतराम, नरेंद्र, दिलीप, श्रीपाल सरपंच, रामअवतार, ऋषिराज, जितेंद्र, ईश्वर, जगदीश, शिवलाल, सुबेसिंह, राजेंद्र दीवान, सागरमल, बलजीत, राम अवतार, राज डॉक्टर, बाबूलाल, महेंद्र सिंह, रामपाल, राजेश, मनोहर लाल नंबरदार, शमशेर शास्त्री, राजकुमार, राजेश कुमार, राजपाल, रामप्रसाद, कृष्ण कुमार, रमेश, रामकिशन, श्याम सुंदर,ओमप्रकाश, धर्मवीर, लालचंद, अजय, विक्रम, रजत, टिंकू, मोहित, विजय सिंह व राजपाल शर्मा सहित अनेक किसान व ग्रामीण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 06.गांव गाहड़ा में आयोजित किसान पंचायत में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करने तथा अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए किसान।
विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर
देव शिल्पी भगवान नाम से जाने जाते हैं विश्वकर्मा- मुकेश नंबरदार
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कनीना की आवाज। 17 सितंबर को देश में विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। विश्वकर्मा जयंती पर जहां जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं वहीं विश्वकर्मा को देव शिल्पी नाम से जाना जाता है। ऋग्वेद में भी इनका हवाला मिलता है। मजदूर, बढई, शिल्पकारों, लोहार, यांत्रिकी अन्य श्रमिकों द्वारा मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा पूजा अर्चना की जाती है।
यह दिन विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर, शिल्पीकार मानते हैं। सृष्टि की रचना भगवान ब्रह्मा ने की उस वक्त भी विश्वकर्मा ने सहायता की थी। विश्वकर्मा ने ही देवताओं के घर, नगर ,अस्त्र-शस्त्र, हथियार निर्माण किया था। हस्तिनापुर, द्वारिका, इंद्रपुरी, पुष्पक विमान, इंद्रप्रस्थ जैसे कई नगरों और भवनों का निर्माण भी उन्होंने किया था।
कनीना के कुछ लोगों से संबंध में चर्चा की गई। जिनके विचार निम्न थे।
विश्वकर्मा पूजा दिवस देशभर में मनाया जाएगा। यह उत्सव प्राय: कारखानों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में मनाया जाता है। विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता तथा देवताओं का वास्तुकार माना गया है। अक्सर दुकान के फर्श पर। न केवल अभियन्ता और वास्तु समुदाय द्वारा बल्कि कारीगरों, शिल्पकारों, यांत्रिकी, स्मिथ, वेल्डर, द्वारा पूजा के दिन को श्रद्धापूर्वक चिह्नित किया जाता है। वे बेहतर भविष्य, सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों और सबसे बढ़कर, अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। श्रमिक विभिन्न मशीनों के सुचारू संचालन के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
---मुकेश नंबरदार कनीना
श्री विश्वकर्मा पूजा दिवस, एक हिंदू भगवान विश्वकर्मा, दिव्य वास्तुकार के लिए उत्सव का दिन है। उन्हें विश्व का निर्माता माना जाता है। उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां कृष्ण ने शासन किया, पांडवों की माया सभा, और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माता थे। उन्हें निर्माणकार्ता, इंजीनियर , वैज्ञानिक जगतकार्ता ईश्वर कहते हैं। विश्वकर्मा पूजा के तीसरे दिन हर्षोल्लास के साथ सभी लोग विश्वकर्मा जी की प्रतिमा विसर्जित करते हैं।.
---ओमप्रकाश भडफ़
विश्वकर्मा को देव शिल्पी नाम से जाना जाता है। शिल्पकारों, लोहार, यांत्रिकी अन्य श्रमिकों द्वारा मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा पूजा अर्चना की जाती है। यह यह दिन विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने सृष्टि के निर्माण के समय जो भूमिका निभाई जिसके कारण वे भगवान के रूप में पूजे जाते हैं।
---अशोक पेकन कनीना
फोटो कैप्शन: अशोक पेकन, ओमप्रकाश, मुकेश नंबरदार।
श्याम बाबा का जागरण 18 को
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कनीना की आवाज। 18 सितंबर को कनीना के नजदीकी गांव ढहीना मे श्याम बाबा का जागरण आयोजित किया जाएगा। जानकारी देते हुए श्री श्याम सेवा कनीना के प्रधान नीटू जांगड़ा ने बताया कि 18 सितंबर को कनीना के नजदीकी गांव ढहीना मे श्याम बाबा का जागरण आयोजित किया जाएगा। जिसमे मुख्य कलाकार कन्हैया मित्तल चंडीगढ़, गौरवदत तिजारा अलवर राजस्थान, पियूष गर्ग मोदी नगर गुजरात, मंच संचालक शंकर अनुरागी बाबा की महिमा का गुणगान करेंगे। वही मानवेंद्र सिंह चौहान ट्रस्टी श्रीखाटू श्याम मंदिर से विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। जागरण स्थल नजदीक यदुवंशी गौशाला खेल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।
बाबा जिंदा का मेला 17 सितंबर को
-खेलकूद प्रतियोगिता होगी आयोजित
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव ढाणा में रविवार 17 सितंबर को बाबा जिंदा देव का मेले का आयोजन किया जाएगा।इस विषय पर जानकारी देते हुए गांव के सरपंच राधेश्याम ने बताया कि हर वर्ष बाबा जिंदा देव का मेला आयोजित किया जाता है
मेले में आसपास के क्षेत्र से व दूरदराज से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इसके साथ-साथ मेले में खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें ओपन वालीबाल प्रतियोगिता होगी जिसमें विजेता टीमों को नगद इनाम देकर सम्मानित किया जाएगा।
प्रथम स्थान पर आने वाली टीम को 21000 रुपये,दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 11000 रुपये तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 2100 रुपये तथा चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 1100 रुपये व पांचवें स्थान पर रहने वाली टीम को 1100 रुपये नगद देकर सम्मानित किया जाएगा।
फिर हुई कनीना क्षेत्र में 15 एमएम वर्षा
-विगत दिनों हुई थी 12 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से शनिवार के दिन दोपहर पश्चात 15 एमएम वर्षा हुई। इस वक्त करीब 10 प्रतिशत किसानों की बाजरे की फसल खेतों में खड़ी हुई है या पड़ी है जबकि कपास की फसल पूर्ण रूप से खड़ी हुई है। किसान त्वरित गति से लावणी के काम में लगे हुए हैं। इस वर्षा से बाजरे की खड़ी और काटकर डाली गई फसल को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है अपितु लावणी का काम जरूर प्रभावित हो रहा है। किसानों का मानना है कि बाजरे की काटकर डाली गई फसल के भुट्टों में बाजरा अंकुरित हो जाएगा। परंतु भावी फसल के लिए यह वर्षा अच्छी मानी जा रही है।
विगत दिनों से क्षेत्र में करीब 12 एमएम बारिश हो चुकी है। यदि यूं ही वषा होती रही तो भावी रबी की फसल सरसों और गेहूं के लिए बेहतर साबित होगी। किसान अजीत कुमार, रवि कुमार, रोहित कुमार, सुनील कुमार, सूबे सिंह आदि बताते हैं की बारिश का होना भावी फसल के लिए शुभ संकेत है। कुछ मात्रा में खड़ी हुई वर्तमान फसल के लिए कोई लाभ नहीं होगार्।
कृषि वैज्ञानिक डा देवराज यादव भी वर्तमान फसल के लिए वर्षा का कोई लाभ नहीं बता रहे हैं परंतु भावी फसल के लिए अच्छा संकेत बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल के अवशेष खेतों में वर्षा के कारण गल जाएंगे वहीं वे खाद का काम करेंगे। साथ में अगली रबी फसल के लिए खेतों की सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी वहीं किसान ट्यूबवेलों से पानी को कम निकालेंगे।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने अपनी बाजरे की फसल पैदावार ले ली है। कुछ किसान बचे हैं वो भी अपनी फसल पैदावार लेने में लगे हुये हैं। आगामी चंद दिनों में सभी किसान बाजरे की पैदावार घरों में डाल लेंगे।
उधर जहां कहीं भी देखे पानी ही पानी भर गया है। अटेली टी-प्वाइंट से बस स्टैंड कनीना तब सड़क के दोनों ओर जमकर पानी भरा हुआ है। नहर के साथ साथ कनीना मंडी सड़क मार्ग पर भी कई जगह जल भराव हो गया है। कनीना से रेवाड़ी सड़क मार्ग पर जगह जगह पानी भर गया है। होलीवाला जोहड़ सड़क मार्ग गंदे पानी से लबालब भर गया है। कनीना बस स्टैंड से कनीना मंडी मार्ग पर दुकानों के साथ साथ गंदा पानी भरा खड़ा है जियससे दुकानदार परेशान हैं।
फोटो कैप्शन 04 : कनीना क्षेत्र में हुई वर्षा से सड़कों पर भरा पानी।
कट की मांग को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना 188वे दिन में प्रवेश
-कट शुहोने पर ही हटेंगे धरना से
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का निश्चित कालीन धरना 188 दिन में प्रवेश कर गया है। शनिवार को धरने कि अध्यक्षता दाताराम बाघोत ने की।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 188 दिन हो गए हैं। बार-बार मौसम बदलाव से डालने पर बैठे ग्रामीण परेशान है। एक और जहां खडी और पड़ी फसल वहीं भावी रबी फसल को लेकर किसने की चिंता बढ़ रही है। बार-बार आसमान में बादल छाए रहते हैं, गर्मी और उमस बढ़ रही है, फिर भी किसान शांतिपूर्वक ढंग से धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है,तब तक हमारा धरना जारी रहेगा ।
संघर्ष समिति के सदस्य डॉक्टर लक्ष्मण सिंह और पहलवान धर्मपाल सिंह सेहलंग ने बताया कि हमें केंद्र सरकार मैं किसानों को भरोसा दिया हुआ कि जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने किसानों को जो आश्वासन दिया गया है,उसके अनुसार कट का काम जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए । कटनी निर्माण में जितनी देरी होती है उतना ही उनका उनको परेशानी बढ़ रही है
संघर्ष समिति के सदस्य चेयरमैन सतपाल पोता और मक्खन लाल स्वामी बसई ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से सेंट्रल यूनिवर्सिटी पाली,आईएमटी खुडाना, एनटीपीसी प्लांट झाड़ली, सीमेंट प्लांट चिडिय़ा और बाघेश्वर धाम बाघोत आना-जाना आसान हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू कर देने पर किसान चैन की सांस ले सकते हैं ।
इस मौके पर सरपंच हरिओम पोता,पूर्व सरपंच रामस्वरूप बाघोत, पहलवान रणधीर सिंह, पहलवान महावीर सिंह , नरेंद्र शास्त्री छिथरौली ,दिलबाग सिंह,जयसिंह पंच, बाबूलाल, सूबे सिंह, विजय सिंह, रामकुमार, रोशन लाल आर्य, मास्टर विजय पाल, ठेकेदार शेर सिंह,सूबेदार भूले राम,रघुवीर पंच प्यारे लाल, शेर सिंह,प्रकाशवीर, जले सिंह,सत्य प्रकाश, डॉ राम भक्त, वेद प्रकाश, सुरेंद्र सिंह, सूबेदार श्री राम, राजेश कुमार, मास्टर विजय सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे ।
फोटो कैप्शन 03: ग्रामीणों की धरने की फोटो साथ है
किसान बेसब्री से सरकारी तौर पर बाजरा बेचने का कर रहे हैं इंतजार
-1.60 करोड़ बैग बाजरा खरीदने की हो चुकी है घोषणा- लिसानिया
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने अपनी बाजरे की फसल पैदावार ले ली है और बेसब्री से सरकारी तौर पर बेचने का इंतजार कर रहे है। सरकारी तौर पर एक अक्टूबर से खरीद होने की संभावना है। उधर सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 1.60 करोड़ बैग बाजरा खरीदे जाने की घोषणा की है जिससे किसान प्रसन्नचित नजर आ रहे हैं।
व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि प्रतिदिन 1500 से 2000 क्विंटल बाजरा खुली मंडियों में किसान लेकर आ रहे हैं। यह बाजरा व्यापारी अपने स्तर पर खरीद रहे हैं तथा भाव 2000 से 2050 तक चल रहा है। यह बाजरा राजस्थान में भेजा जा रहा है। राजस्थान के खरीददार उनके पास आते हैं या उन्हें भेजा जा रहा है। राजस्थान में बाजरे की मांग अधिक रहती है। उन्होंने आशा जताई कि सरकार जल्द ही बाजरे की सरकारी खरीद करेगी जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि इस बार अगैती और पछेती दोनों प्रकार की बाजरे की पैदावार की गई है। अगैती फसल पैदावार पहले से किसान ले चुके हैं और अगली फसल की तैयारी में जुटे हुए हैं। परंतु साथ में बाजरे को घरों में रख रखा हुआ है ताकि समय आने पर उसे बेचा जा सके। सरकारी तौर पर बाजरे का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
उधर पूर्व उपाध्यक्ष मार्केट कमेटी कनीना ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि एक अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद होगी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष सरकार बाजरे की खरीद एक अक्टूबर से रखती है। उन्होंने किसानों को इंतजार करने की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकार ने बाजरे की खरीद की घोषणा की है जिसमें 1.30 करोड़ बैग केंद्र सरकार एवं 30 लाख बैग हरियाणा सरकार खरीदेगी। इस प्रकार 1.60 करोड़ बैग बाजरे खरीदे जाने की कृषि मंत्री ने घोषणा की है।
उधर किसान अजीत कुमार, सुरेश कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया कि बाजरे की वो पैदावार ले चुके हैं और अपने घरों में बाजरे की पैदावार को रखा हुआ है। ज्योंही ही बाजरे की सरकारी खरीद शुरू होगी वो तुरंत बाजरे को अनाज मंडी में ले जाएंगे। बहरहाल किसान इंतजार कर रहे हैं ताकि बाजरे को बेचा जा सके। उधर कुछ किसान अपनी पैदावार औने दामों पर खुली मंडियों में बेच रहे हैं। जिला महेंद्रगढ, भिवानी़ एवं रेवाड़ी जिलों में अधिक बाजरा पैदा किया जाता है।
फोटो कैप्शन 02: खुली मंडी में बाजरे की आवक का नजारा।
सांस्कृतिक अहीरवाल कनीना इकाई की बैठक 17 को
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कनीना की आवाज। 17 सितंबर को बलराम समारोह स्थल कनीना में सांस्कृतिक अहीरवाल कनीना कीएक बैठक आयोजित की गई है जिसमें मुख्य अतिथि सत्यव्रत शास्त्री अध्यक्ष सांस्कृतिक अहीरवालअध्यक्षता करेंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए सुरेंद्र सिंह समाजसेवी ने बताया कि कनीना इकाई के समस्त गांवों का संक्षिप्त इतिहास लेखन कार्य पूर्ण हो गया। इसी खुशी में यह समारोह आयोजित किया गया है जिसमें विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे तथा सत्यव्रत शास्त्री संबोधित करेंगे।
नहर के साथ साथ मार्ग को पुन: किया जाए निर्मित
-जर्जर हालात में पड़ा है मार्ग
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कनीना की आवाज। अटेली सड़क मार्ग को रेवाड़ी सड़क मार्ग से मिलाने वाला नहर के साथ साथ मार्ग को पुन: निर्मित किये जाने की मांग कनीनावासियों ने की है। कनीना के विभिन्न मार्गों को पक्का करने या पुन: निर्मित किये जाने की कार्रवाई जारी है किंतु वर्षों से कनीनावासियों की प्रमुख मांग अधर में अटकी है। यह मार्ग करीब आठ साल पहले निर्मित हुआ था। पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इसे सिरे चढ़ाने का प्रयास किया था जिसके चलते नहर को भूमिगत कर दिया गया था किंतु पेड़ों को हटाने तथा बिजली की लाइनों को हटाने की कार्रवाई नहीं पा पाई थी। वर्तमान में कनीना प्रशानिक धिकारी एसडीएम कनीना हैं जिनसे यह मार्ग पूरी किये जाने की आश टिकाये हैं।
उल्लेखनीय है कि मार्ग के साथ साथ गुजरने वाली नहर को भूमिगत कर दिया है। अब सड़क निर्माण कर दोनों तरफ से आवागमन बाईपास के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए लंबे समय से कार्रवाई चल रही है किंतु अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। करीब 3 किलोमीटर है रास्ता पहले ही नगर पालिका द्वारा पक्का किया हुआ है। यह अति जर्जर हो गया है। अगर यह मार्ग पुन: निर्मित हो जाये तो रेवाड़ी से अटेली अटेली से रेवाड़ी जाने वाली लोगों को भारी लाभ होगा।
क्या कहना है कनीनावासियों का--
एक और यह छोटा रास्ता है वही कनीना बस स्टैंड से होकर रेवाड़ी मार्ग पर चलना अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जिसके कारण धन और समय भी बर्बाद भी बर्बाद होता है। इस मार्ग को बनाने के लिए पहले नहर का भूमिगत करना जरूरी था जिसे अब तक को भूमिगत कर दिया है।
योगेश अग्रवाल मंडीवासी
एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह कनीना के प्रशासनिक अधिकारी हैं। विभिन्न विकास कार्य त्वरित गति से चल रहे हैं तो इस मार्ग को भी पुन: निर्मित कर देने से कनीनावासियों को आवागम में सुविधा मिलेगी। मिनी बाईपास बनने से कनीना मंडी के लोगों को विशेष राहत मिलेगी परंतु अभी तक कोई भावी कार्रवाई नहीं हुई है जिसके चलते लोगों की नजरें इस मार्ग पर टिकी हैं।
थान सिंह कनीनावासी
अगर यह मार्ग बन जाता है तो सोने पर सुहागा। एक और जहां कनीना मंडी के लोगों को बस स्टैंड नहीं जाना पड़ेगा वही अटेली नारनौल जाने वाले लोगों को रेवाड़ी जाने के लिए कनीना बस स्टैंड नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और धन की बचत होगी वही नहर को भूमिगत करने का मसला करीब 6 माह पहले ही पूर्ण हो गया था। अब आगामी कार्रवाई पर लोगों की नजरें टिकी है।
--राज कुमार कनीना समाजसेवी
अगर यह मार्ग बन जाता है तो सबसे अधिक लाभ कनीना को ही होगा बाद में दूसरे गांव को एवं गांवों के लोगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यह कनीना का मिनी बाइपास बन जाएगा। यदि यह मिनी बाइपास बन जाता है तो आम आदमी को भी लाभ मिलेगा तथा समय एवं धन की बचत हो पाएगी। यह रास्ता छोटा भी होगा।
--भरपूर सिंह शिवभक्त कनीना
नगर पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी दिली इच्छा थी कि मिनी बाईपास उनके कार्यकाल में बन जाए किंतु उनके कार्यकाल में नहीं बन पाया। अब एसडीएम कनीना प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसडीएम की देखरेख में यह मिनी बाईपास बन जाएगा। मिनी बायपास बनता है तो हर इंसान को ही लाभ होगा।
--पूर्व प्रधान सतीश जेलदार
फोटो कैप्शन 01: नहर के साथ वो मार्ग जिसे पुन: निर्मित किये जाने की मांग है
साथ में थान सिंह,राज कुमार, भरपूर सिंह, योगेश अग्रवाल
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