दोहान नदी पर मांगी आरटीआई, मिले अटपटे जवाब
--90 किमी क्षेत्र में 163 गांवों से होकर गुजरती है
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कनीना की आवाज। घर में चोर घुस जाए तो बताने के लिए पड़ोसी को आना पड़ेगा। यह बात हरियाणा नहर विभाग महेन्द्र गढ एक जन सूचना का उत्तर देते हुए चरित्रार्थ कर रहा है। महेन्द्रगढ़ असोसियसन फॉर यूथ अवेरनस रजि. के अध्यक्ष कैलाश पाली द्वारा मांगी जानकारी से साबित हो रहा है महेंद्रगढ़ की जीवनदायनी दोहन नदी जिसे प्राचीन समय में वधुसा नाम से जाना जाता था के विषय में कार्यकारी अभियंता नहर महेंद्रगढ़ ने जानकारी देते हुए पत्र क्रमांक 10621-22/ आरटीआई के अनुसार बताया कि दोहन नदी का 90 किलोमीटर महेंद्रगढ़ जूरिडिक्शन क्षेत्र में उनके अंतर्गत आता है। जन सूचना में पूछा गया था कि नदी कितनी चौड़ी है इसका उत्तर देते हुए इस पत्र में यह कहा गया कि यह अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग चौड़ाई में है। शायद विभाग को इसकी कोई जानकारी है ही नहीं। साथ ही जब जन सूचना कार्यकर्ता ने पूछा कि इस पर कहां-कहां लोगों या सरकारी विभागों द्वारा कब्जा किया हुआ है इसका उत्तर जन सूचना अधिकार का मजाक उड़ाते हुए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर महेंद्रगढ़ में बताया कि आज तक किसी भी व्यक्ति ने उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं की है कि इस नदी के ऊपर और किनारों पर किसी के द्वारा कब्जा किया हुआ है जबकि ऊपर अधिकारी द्वारा यह बताया गया है कि 90 किलोमीटर का क्षेत्र उनके अधिकार में है इससे यह सिद्ध होता है कि जन सूचना का उत्तर देते हुए अधिकारी किस प्रकार सामान्य जन का मजाक उड़ाते हैं।
पाली ने बताया कि उनके पास तथात्मक जानकारी है कि इस नदी पर जगह-जगह कुछ सरकारी विभागों व सामान्य जनों द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है जिसके कारण यह नदी अपने वेग से नहीं बह पाती और इसके कारण इस क्षेत्र का जलस्तर निरंतर नीचे जा रहा है, यह जवाब पूर्ण रूप से विभागीय लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस नदी का उद्गम स्थल राजस्थान के सीकर जिले का मंधोलि गांव है किसी समय यह नदी वर्ष भर बहती थी। अध्ययन करने पर इसकी जानकारी प्राप्त होती है परंतु समय के साथ हुए जलवायु परिवर्तन के कारण यह नदी बरसाती नदी के रूप में जानी जाने लगी। 1978 में जब इस क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई तब दोहन में लगातार 22 दिन तक पानी चलता रहा जिससे इस क्षेत्र के का जलस्तर 25 फीट पर आ गया था उसके उपरांत विभागीय लापरवाही और राजस्थान में बने बांधों के कारण यह नदी बंद हो गई। 1988 में अच्छी बारिश के चलते एक दिन के लिए इस नदी में पानी आया जो ग्राम पाली तक पहुंचा। तत्पश्चात जो 2014के बाद हरियाणा सरकार ने इस क्षेत्र के गिरते हुए जलस्तर को संभालने के लिए नहरी पानी इस नदी के रास्ते से छोड़ परंतु स्थान स्थान पर अवैध कब्जे होने के कारण यह पानी जिस उद्देश्य के लिए छोड़ा गया था उसकी पूर्ति नहीं कर सका और वर्तमान में भी इस नदी मैं छोड़े जाने वाला पानी अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रहा जबकि हरियाणा सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर यहां के जल स्तर को सुधारने का प्रयत्न कर रही है परंतु अधिकारियों की लापरवाही जो इस जन सूचना से सामने आती है इसी कारण सरकार का यह प्रोजेक्ट फेल हो रहा है।
पाली कि अधिकारियों को यह जानकारी ही नहीं है कि नदी कहां पर कितनी चौड़ी है तथा कहां पर इस नदी पर कब्जा किया हुआ है। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही इस विषय को लेकर राष्ट्रीय हरित आयोग में केस दायर करेंगे जिससे कि इस क्षेत्र के लोगों का जो मूल व्यवसाय कृषि है उन्हें खेती हेतु अच्छा भू जल मिल सके। यह नदी महेंद्रगढ़ जिले के 163 गांव के लिए जीवनदायनी का काम करती है परंतु लापरवाह अधिकारी इनके परिणामों से अनजान है जिनके अधिकार क्षेत्र में यह नदी आती है उन्होंने कभी आज तक नदी क्षेत्र की वस्तु स्थिति को जाना ही नहीं है। पाली ने दावा किया कि अधिकारिओं ने आज तक इस 90 किलोमीटर क्षेत्र की जानकारी लेने का प्रयत्न ही नहीं
विश्व हृदय दिवस 29 सितंबर
नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करवाई जाये- डा. यादव
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कनीना की आवाज। विश्व हृदय दिवस का उद्देश्य हृदय रोगों से बचने के लिए तथा रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। हृदय रोग दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इंसान के पास काम अधिक है फुर्सत कम है। हर साल लगभग 1.7 करोड़ लोग हृदय घात के कारण मरते हैं जो विश्व की मृत्यु दर का 31 प्रतिशत भाग होता है। स्वस्थ हृदय के लिए जीवन जीवन शैली में बदलाव करना जरूरी है। आज के दिन हृदय रोग दुनिया भर में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण बन गया है। दिल का दौरा, स्ट्रोक, क्रोनोलाजी हृदय रोग के प्रमुख कारण है। कुल मौतों में से 85 प्रतिशत हृदय विकारों के कारण हो रही है। विश्व हृदय दिवस वर्ष 2000 से मनाया जा रहा है जो लगातार मनाया जाता आ रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ से इस संबंध में बात की गई।
अपने ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर की जांच नियमित रूप से करवाएं, कोलेस्ट्राल लेवल और बीएमआई को सही रखे, धूम्रपान किसी भी हालत में ना करें, तली हुई चीजों का सेवन कम से कम करें, शुगर वसा, रक्तचाप जांच करवाये, प्रतिदिन व्यायाम करें। 6 से 7 घंटे नींद ले, फलाहार जरूर करें जिनमें अनार, संतरा आदि का सेवन करें। अपने फैमिली डॉक्टर से भी समय-समय पर सलाह ले। शरीरिक रूप से फिट रहना बहुत जरूरी है। कोलेस्ट्राल, मधुमेह, अधिक वजन, मोटापा, पारिवारिक इतिहास ध्यान में रखे। शराब का सेवन अधिक हृदय रोगों को जोखिम का कारण बनता है, व्यायाम हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने, बीएमआई को नियंत्रित रखने, उच्च कोलेस्ट्राल ,उच्च शर्करा ,उच्च रक्तचाप के कारण धमनी क्षति के जोखिम को कम करता है। हृदय घात की घटना से बचने में मदद करता है। चलना, दौडऩा, तैरना, साइकिल चलाना, टेनिस खेलना, रस्सी कूदना, एरोबिक व्यायाम, रक्त परिसंचरण में सुधार करते हैं। इसके कारण रक्तचाप रक्तचाप कम हो जाता है।
------- डॉ राहुल सिंगला वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट
हृदय घात रोग का प्रमुख कारण गतिहीन जीवन शैली, गलत खानपान एवं आवश्यकता से अधिक तनाव है। इसके कारण घबराहट महसूस होती है, सीने में दर्द होता है। यह दर्द बाहों कंधे से लेकर जबड़े तक हो सकता है। सांस लेने में दिक्कत आती है, जी मचलाता है, पसीना आना, चक्कर आना आदि प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। धूम्रपान करने वाले, शुगर के रोगी, अत्यधिक रक्त दाब, अत्यधिक वजन वाले व्यक्ति को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना, धूम्रपान का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना,समुचित वजन पर नियंत्रण रखना, तनाव मुक्त जीवन शैली आदि जरूरी हैं।
अपने हृदय को स्वस्थ बनाए रखने का अर्थ है अधिक उम्र जीना। लाइफ़स्टाइल में बदलाव करना चाहिए, नियमित खान-पान करके हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण कोलेस्ट्रोल का बढऩा है, फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण मोटापा बढ़ता चला जाता है जो हृदय रोग का कारण बनता है। अच्छी आदतें डालकर भी रोगों से बचा जा सकता है। जिन लोगों को कोविड का गंभीर रूप था उन्हें सावधानी बरतनी की जरूरत है। कोविड संक्रमण होने के बाद कुछ जोरदार व्यायाम नहीं करें, हल्के व्यायाम करने जरूरी है।
--- डॉ अश्वनी यादव वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट
फोटो कैप्शन: डा. अश्विनी यादव तथा डा राहुल सिंगला
तीन लोगों के विरुद्ध दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज
-महिला ने संदिग्ध परिस्थितियों में खाई फांसी
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव गोमला में गुरुवार को करीब 25 वर्षीय एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए महेंद्रगढ़ अस्पताल भिजवा दिया। मृतका के भाई दीपक ने पुलिस में ससुराल पक्ष के तीन लोगों पर उसकी बहन को दहेज के लिए प्रताडि़त करने व जान से मरने के लिए मजबूर करने की शिकायत दी है। सदर थाना प्रभारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतका के भाई दीपक की शिकायत के आधार पर सास, ससुर व पति सचिन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दीपक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी बहन निशा की शादी गोमला निवासी सचिन के साथ 15 मार्च 2021 को हुई थी। शादी में उन्होंने अपनी श्रद्धा के अनुसार 4 लाख रुपये नकद व सभी आभूषण व सारा सामान देकर की थी। शादी के कुछ दिनों बाद से निशा के ससुराल वाले उसे शादी में गाड़ी न देने के लिए परेशान करने लगे थे। दीपक ने मृतका की सास, ससुर सुरेन्द्र व पति सचिन के खिलाफ शिकायत देकर कार्रवाई करने की मांग की है।
अनाज मंडी में बाजरे की आवक बढ़ी
- चार दिनों में खरीद 36004 क्विंटल पहुंची
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कनीना की आवाज। कनीना की अनाज मंडी में सोमवार से जहां बाजरे की खरीद शुरू हुई और बाजरे की खरीद में अब तेजी आती जा रही है। सोमवार को जहां 30 क्विंटल बाजरा खरीदा गया चूंकि वर्षा के कारण बाजरे की खरीद में दिक्कत आ गई थी। वहीं दूसरे दिन मंगलवार को 9715 क्विंटल बाजार खरीदा गया, तीसरे दिन बुधवार को 12769 क्विंटल तो चौथे दिन करीब 13490 क्विंटल बाजरा खरीदा गया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया की बाजरे खरीद के सभी व्यापक प्रबंध किए हुए हैं। अनाज मंडी में बाजरे की त्वरित खरीद की जा रही है। किसान अपने वाहनों में बाजरे को लेकर आ रहे हैं तथा नई अनाज मंडी में पहुंच रहे हैं, जहां पर्याप्त मात्रा में फड़ों पर स्थान उपलब्ध है। शुरुआत में कनीना की पुरानी अनाज मंडी में बाजरे की खरीद शुरू हुई थी किंतु वहां जगह का अभाव है तथा टीन शेड भी नहीं हैं। बाजरे की खरीद 2200 रुपये प्रति क्विंटल जारी है तथा 300 रुपये सरकार भावांतरण भरपाई के रूप में किसानों के खाते में डालेगी।
अटेली- नारनौल कनीना मार्ग पर किसानों के वाहनों की भीड़ बढऩे लगी है। नई अनाज मंडी कनीना से करीब दो किमी दूर चेलावास बणी में है जहां जाम की स्थिति बनने लगी है क्योंकि किसान अपने वाहनों में बाजरे की पैदावार लेकर बेचने के लिए आते हैं और सुबह सवेरे न केवल स्कूली बसें अपितु कर्मचारी अपने वाहनों में कार्यालयों में जाते हैं जिसके चलते यहां भीड़ बढ़ जाती है और इस मार्ग पर जाम जैसी स्थिति बन जाती है। अब तक कनीना की पुरानी अनाज मंडी में जाम जैसी स्थिति बनी रहती थी जिससे रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्री परेशान रहते थे। नई अनाज मंडी और फायर ब्रिगेड आमने-सामने है यहां पर बाजरे की खरीद जारी है और यहां भीड़ बढऩे लगी है।
फोटो कैप्शन 05: कनीना की नई अनाज मंडी में खरीद का नजारा।
07: नारनौल मुख्य मार्ग पर भीड़ की स्थिति।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, 200वे दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण अडिग हैं धरने पर
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना 200वें दिन में प्रवेश कर गया है। गुरुवार को धरने की अध्यक्षता कृष्ण कुमार पंच सेहलंग ने की।
धरने की अध्यक्षता कृष्ण कुमार पंच सेहलंग ने बताया कि धरने को चलते 200 दिन हो गए है फिर भी धरना स्थल पर बैठे सभी किसान खुश हैं,वे जानते हैं कि हमारी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। किसानों ने मन बना रखा है कि उनके सामने कोई भी परेशानी आएगी उसका डटकर मुकाबला करेंगे लेकिन जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे। उन्होंने बताया कि हमारी मांग जायज है, इस इलाके के लोगों के भविष्य को देखते हुए कट का होना बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू किया जाए।
उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से जवान बच्चों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, उद्योग लगेंगे, शैक्षणिक संस्थान बढ़ेंगे और बाघेश्वर धाम पर्यटक स्थल बनेगा।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली ने बताया डॉ लक्ष्मण सिंह, पहलवान धर्मपाल , बाबूलाल, वेद प्रकाश, चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार, सूबेदार हेमराज अत्रि, रामकुमार, रामकिशन, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य, मनोज कुमार करीरा, सूबेदार श्रीराम, ठेकेदार शेर सिंह, हंस कुमार,सीताराम,सूबे सिंह पंच, दाताराम, सुरेंद्र सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: धरने पर कट की मांग को लेकर बैठे ग्रामीण।
श्राद्ध 29 सितंबर से शुरू
श्राद्ध 12 प्रकार होते हैं -पंडित ऋषि राज शर्मा
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कनीना की आवाज। शितिकंठा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि राज शर्मा ने बताया की इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होने जा रहा है। पितृ पक्ष 16 दिनों की अवधि होती है जिसमें अपने पितरों को याद किया जाता है और उनके नाम का तर्पण किया जाता है।
पितरों को जल देने का समय प्रात: का होता है। पितरों को जल चढ़ाते समय कांसे का लोटा या तांबे के लोटे का प्रयोग करें। पितरों को पानी दे !
पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। पूर्वजों की कृपा से जीवन में आने वाली कई प्रकार की रुकावटें दूर होती हैं। व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों से भी मुक्ति मिलती है।
वैसे तो साल में एक बार 16 दिनों के लिए पितृ पक्ष का समय आता है लेकिन श्राद्ध के कुल 12 प्रकार होते हैं। पंडित ऋषिराज अनुसार इन श्राद्धों में नित्य श्राद्ध, नैमित्तिक श्राद्ध, काम्य श्राद्ध, वृद्ध श्राद्ध, सपिंडी श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध, गोष्ठी श्राद्ध, शुद्धयर्थ श्राद्ध, कर्माग श्राद्ध, यात्रार्थ श्राद्ध, पुष्ट्यर्थ श्राद्ध, दैविक श्राद्ध प्रमुख प्रकार हैं।
पितरों को खुश करने का सही समय-
पितरों को खुश करने के लिए श्राद्ध प्रारंभ हो रहे हैं। पितरों के प्रति कृतज्ञता अभिव्यक्त करने के लिए ये पर्व चलते हैं। उनका कहना है कि पूर्वजों के कारण हम आज अस्तित्व में है, उनके गुण व कौशल आदि हमें विरासत में मिले हैं। हमें उनका ऋण जरूर चुकाना चाहिए और इस ऋण को चुकाने के लिए उन्हें हर वर्ष श्राद्ध या तर्पण कर्म किये जाते हैं। उनका कहना है कि देवताओं को प्रसन्न करने से पहले पितरों को प्रसन्न करना जरूरी होता है।
मार्कंडेय पुराण में कहा गया है रुचि नाम का ब्रह्मचारी साधक वेदों के अनुसार साधना कर रहा था। जब 40 वर्ष का हुआ तब उसे अपने चार पूर्वजों जो मनमाना आचरण शास्त्र विरुद्ध साधना करके पितर बने हुए थे तथा वे कष्ट भोगते दिखाई दिए। पितरों ने उससे कहा कि बेटा रुचि शादी करवा कर हमारे श्राद्ध निकाला करो। यद्यपि रुचि तर्पण में विश्वास नहीं करता था किंतु पितरों के कष्ट को दूर करने के लिए श्राद्ध निकाले। पितरों में नाना-नानी, माता-पिता, दादा-दादी या उनसे पहले उत्पन्न हुए पितर भी शामिल किए जाते हैं। श्राद्ध पूरे 16 दिन चलते हैं। कभी-कभी एक श्राद्ध दो दिनों तक चल सकता है। इस बार 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक लगातार श्राद्ध चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि घर एवं परिवार की समस्याओं के निराकरण के लिए भी श्राद्ध निकालना उचित माना जाता है। इस दौरान पिंड दान, दर्पण कर्म और ब्राह्मणों को भोजन प्रसन्नता पूर्वक खिलाया जाता है। पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। पूर्णिमा के दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन पूर्णिमा की तिथि के दिन हुआ हो। चाहे किसी व्यक्ति की मृत्यु शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष में हुई हो किंतु जिस तिथि को मृत्यु हुई है उसी तिथि को श्राद्ध निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों को अपने पूर्वजों की देहांत की तिथि नहीं मालूम उन्हें आश्विन अमावस्या को श्राद्ध कर्म करना चाहिए। इसके अलावा अकाल मृत्यु या किसी दुर्घटना का शिकार हुये लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जाता है।
प्रतिदिन इस अवधि में गायों , पक्षियों एवं ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है वहीं दान दक्षिणा भी चलती रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें श्राद्ध को कनागत नाम से जाना जाता है।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा
सामाजिक कार्यों पर मिला नेशनल आइडल अवार्ड
-मोड़ी के पवन राठौर को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव मोड़ी के पवन कुमार को दिल्ली में आयोजित अवार्ड शो में नेशनल आइडल अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम सशक्त नारी फाउंडेशन व बेटिया फाउंडेशन के द्वारा किया गया। देश भर में सामाजिक कार्यों में उच्च भागीदारी करने वालों के लिए सशक्त नारी फाउंडेशन की तरफ से कार्यक्रम रखा गया। पूरे भारतवर्ष में जो व्यक्ति अपना जीवन सामाजिक कार्यों में अर्पण कर चुके हैं सशक्त नारी फाउंडेशन ने उन व्यक्तियों को ढूंढा और स्कोप मीनार लक्ष्मी नगर दिल्ली में सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि बॉलीवुड अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल रही। यह कार्यक्रम सशक्त नारी फाउंडेशन की डायरेक्टर विशेष कविता मेहरा व बेतिया फाउंडेशन की संस्थापक डॉक्टर ज्योत्सना जैन ने किया।
पवन कुमार ने अपना जीवन अनाथ आश्रम खोलकर लोगों की सेवा में लगा रखा है। अनाथ एवं बेसहारा लोगों के खानपान के लिए तथा आवास के लिए काम कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 03: पवन कुमार को सम्मान से सम्मानित करते हुए।
उमेद सिंह को हरियाणा पावर कारपोरेशन एससी,एसटी एवं बीसी कर्मचारी यूनियन प्रधान
-सतनराली सब-यूनिट के द्विवार्षिक चुनाव संपन्न
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कनीना की आवाज। हरियाणा पावर कारपोरेशन एससी,एसटी एवं बीसी कर्मचारी यूनियन की बैठक सब यूनिट सतनाली का द्विवार्षिक 2023-25 का चुनाव करवाने के लिए आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता महेश कुमार गोमला सर्कल सचिव नारनौल ने की व मंच संचालन सुरेन्द्र वर्मा सर्कल ऑर्गेनाइजर नारनौल ने किया। बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर राजेंद्र कपूरी राज्य वित्त सचिव ने भाग लिया तथा चुनाव अधिकारी गौरीशंकर ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्य कर्मचारियों की सहमति से सब यूनिट सतनाली का चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न करवाया। बैठक में सर्वसम्मति से उमेद सिंह एएलएम को प्रधान, अनिल एएलएम को उप प्रधान, प्रदीप एएलएम को सचिव, मुकेश एएलएम को सह सचिव, धीरज एसए को कोषाध्यक्ष, कमल एएलएम को संगठनकर्ता, विकास एएलएम को संगठनकर्ता, सोनू एसए को संगठनकर्ता के पद पर चुना गया। सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को राजेंद्र कपूरी राज्य वित्त सचिव ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई और उपस्थित सभी कर्मचारियों ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं व बधाई दी। बैठक में दिनेश कुमार , मुकेश कुमार, अनिल कुमार, प्रेमचंद एवं अनेकों कर्मचारी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: चुने गये पदाधिकारी शपथ लेते हुए।
अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य हानि दिवस-29 सितंबर
हजारों लोगों का खाना महज शादी समारोह में हर वर्ष खराब कर दिया जाता है
-चूहे,दीमक कीट से करें अनाज की सुरक्षा-डा देवराज
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कनीना की आवाज। हजारों लोगों का खाना विभिन्न तरीकों से बर्बाद कर दिया जाता है। यहां तक कि गरीब तबके के लोग घटिया और खराब खाने को खाने के लिए मजबूर हो रहे हैं, एक-एक दाने के मोहताज हैं। एक और जहां हमें खाद्य पदार्थों की सुरक्षा करनी चाहिए उसे नष्ट नहीं होने देना चाहिए वहीं पर गरीब लोगों को खाद्य पदार्थों की जानकारी उपलब्ध करवाने में कसर नहीं छोडऩ़ी चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ बाजार में उपलब्ध होते हैं जो निर्धारित मानदंडों के अनुसार नहीं मिलते जो रोगों का कारण बनते हैं। एक शोध के अनुसार हर साल खाने से होने वाली बीमारियोंं से करीब 42 लाख लोग मौत के शिकार हो जाते हैं। खाद्य मानक जीवन को बचाते हैं, उन मानकों भुला देने से भी खाद्य पदार्थ खराब मिलते हैं जो जिंदगी के लिए खिलवाड़ करना होता है। खाद्य पदार्थों को खराब करने में चूहे, गिलहरी, रोडेंट पक्षी तथा कुछ आवारा जंतुओं का हाथ होता है। चूहा को जितना भोजन चाहिए उससे कहीं अधिक कुतरकर खराब कर देता है जिससे प्लेग जैसा रोग हो जाता है।
कभी बारिश में खाद्य पदार्थ खराब हो जाता है तो कभी सही ढंग से संरक्षित न करने करने से भी खाद्य पदार्थ खराब हो जाता है। सबसे अधिक खाद्य पदार्थ खराब होने के पीछे विवाह समारोह स्थल हैं। कभी घरों में विवाह शादियां होती थी किंतु अब विवाह शादियों के लिए शादी समारोह स्थल बनाए गए हैं।
प्रत्येक समारोह में 30-35 से लेकर 70 से 80 सादियां ग्रामीण क्षेत्रों में संपन्न हो जाती है जबकि शहरी क्षेत्रों में इनकी संख्या और भी अधिक है। न केवल शादी अपितु विभिन्न कार्यक्रम जैसे जन्म उत्सव, किसी नेता का आगमन, विभिन्न खुशियों पर कार्यक्रम आदि शादी समारोह स्थल पर आयोजित किए जाते हैं जहां देखा जाए तो खाद्य पदार्थों को भारी मात्रा में खराब किया जाता है। क्या कहते हैं विभिन्न लोग-
प्रतिवर्ष उनके यहां 30-35 शादियां होती है और वर्षभर में करीब 70 आदमियों का खाना पत्तलों में उठा कर फेंक देते हैं। जिनमें कुत्ते झपटते रहते हैं और दुर्घटनाएं बढ़ती है। उन्होंने बताया कि यदि सही ढंग से खाने का वितरण किया जाए तो कम भोजन पत्तल में बचने की संभावना होती है। बिठाकर उचित ढंग से खाना खिलाया जाए।
-----कृष्ण प्रकाश मैरिज पैलेस संचालक
एक सौ के करीब शादियां तथा 50 विभिन्न उत्सव मनाये जाते हैं। सभी उत्सवों पर खाना बनाया जाता है किंतु करीब 150 व्यक्तियों का खाना तो लोग बिना खाए ही कूड़ेदान में फेंक जाते हैं। उनका कहना है कि भोजन को खराब होने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
---हनुमान सिंह संचालक शादी समारोह स्थल
लोगों को खाद्य पदार्थों को खराब होने के प्रति जागरूक किया जाए। पुराने नियमानुसार धरती पर बिठा कर खाना खिलाया जाए तो खाना कम बर्बाद होगा, वहीं आम व्यक्ति को पौष्टिक तत्वों की जानकारी देनी चाहिए। बाजार से स्टैंडर्ड की खाद्य वस्तुएं खरीदनी चाहिए। तथा पौष्टिक तत्वों की लोगों को जानकारी दी जानी चाहिए ताकि लोग रोगों से बच सके।
----शिवचरण समाजसेवी
खाद्य खाद्य पदार्थों को चूहे, गिलहरी, रोडेंट आवरा जंतुओं से बचाना चाहिए, खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाना चाहिए। एक चूहा एक साल में एक क्विंटल अन्न खराब कर देता है। इंसान की आबादी के बराबर जग में चूहे हैं। दीपक, कीट, आवारा जंतु,पशु भारी मात्रा में यहां तक की 60 फीसदी भाजन खराब कर देते हैं।
--डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी
फोटो कैप्शन- हनुमान सिंह, कृष्ण प्रकाश, शिवचरण , डा देवराज
शहीद ए आज़म भगत सिंह के जन्मदिवस पर याद किया शहीद ए आजम भगत सिंह को
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कनीना की आवाज। इंकलाब जिंदाबाद के नारों की गूंज के साथ शहीद ए आज़म भगत सिंह का जन्मदिन कनीना स्थित आर के वाई विद्यालय के प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। शहीद भगत सिंह को याद करते हुए सर्वप्रथम विद्यालय प्राचार्या सत्येंद्रा यादव ने प्रतीकात्मक शाहिद भगत सिंह को भारतीय परंपरा अनुसार तिलक लगाकर एवं मिश्री का प्रसाद खिलाकर उनके चरणों में पुष्प अर्पित किए। सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने भी भगत सिंह को तिलक लगाकर एवं पुष्प अर्पित कर भगवान से प्रार्थना की की भगत सिंह जैसे सुरमा हिंदुस्तान की सरजमीं पर जन्म लेते रहे। सुबह की प्रार्थना सभा में पूरा विद्यालय शहीद भगत सिंह अमर रहे एवं इंकलाब जिंदाबाद के नारों से गूंजता रहा। विद्यालय के नन्हे मुन्ने विद्यार्थियों ने भगत सिंह पर रचित कविताएं एवम भाषण आदि प्रस्तुत किए। अध्यापिका मनीषा यादव ने अपने वक्तव्य में भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपना संघर्ष में जीवन यापन किया और कम उम्र में ही देश सेवा का जज्बा लिए अपना सर्वस्व देश के लिए न्योछावर कर दिया। उन्होंने भगत सिंह की तरह बच्चों से निडर एवं साहसी बनने का वचन लिया। इस अवसर पर विद्यालय के संचालक सुरेश यादव, प्राचार्या सत्येंद्रा यादव, एचओडी नरवीर सिंह एवं समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: शहीद भगत सिंह को जन्म दिन पर याद करते हुए।
विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई मुफ्त
-आरपीएस की ओर से मनाया गया दिवस
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कनीना की आवाज। राजकीय पशु चिकित्सालय कनीना में विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर एंटी रेबीज वैक्सीन फ्री में लगाने का अभियान चलाया गया जिसमें क्षेत्र के पशुपालकों ने भाग लिया। इसमें कुल 45 कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई। इस अवसर पर आरपीएस महाविद्यालय के डा. दिलीप यादव, डा. योगेंद्र ,पंकज वीएलडीए ने लोगों को संबोधित किया। डा. दिलीप ने लोगों को रेबीज से होने वाली बीमारी उसके नुकसान एवं बचाव के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ पवन कांगड़ा ने पशुपालकों से अनुरोध किया कि जब भी कोई पशु को कुत्ते के द्वारा काटा जाता है तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें और अपने पशुओं का समय पर रेबीज से बचाव का टीकाकरण जरूर करवाएं।
फोटो कैप्शन 02: एन्टी रेबिीज के टीके लगाते हुए कनीना राजकीय पशु चिकित्सालय के डा कांगड़ा।
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