कनीना क्षेत्र में बुजुर्गों के पड़े 20 वोट
- बैलेट पेपर द्वारा डलवाए गए वोट
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कनीना की आवाज। निर्वाचन आयोग की टीम पुलिस बल सहित कनीना क्षेत्र के 20 बुजुर्गों के पास पहुंची जिनकी उम्र 85 प्लस है, जो चलने फिरने में परेशान हैं। ऐसे में उनके बैलेट पेपर द्वारा बड़ी गोपनीयता से मतदान करवाए गए। विधानसभा अटेली के इन 20 मतदाताओं में कनीना से 06, पाथेड़ा-06, छीथरोली-04, झाड़ली से एक और अगिहार से दो बुजुर्गों के बैलेट पेपर से वोट डलवाए गए। पहली बार इस प्रकार की कार्रवाई की गई है जब मतदान 5 अक्टूबर को होना है किंतु जिनकी उम्र 85 प्लस है उनके वोट घर-घर जाकर चुनाव आयोग की टीम ने वोट डलवाए। ये वोट डलवा कर गोपनीय तरीके से ले जाए गये।
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
एपिसोड- 27
अधिकारियों की गलती शिक्षक भुगतते हैं
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कनीना की आवाज। अधिकारी गलती कर जाए उसकी सजा शिक्षक भुगतते रहते हैं क्योंकि गलती करके अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं और उनकी जगह आए हुए अधिकारी इतने डरपोक, भीरु एवं कायर होते हैं कि जायज बात के लिए भी कलम टिकाते हुए भी डरते हैं। डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 को धनौंदा से सेवानिवत्त हो चुके हैं। उनके विचार यहां उन्हीं की जुबानी सुनिये-
मैंने अपने जीवन में कितने ही बोलड अधिकारी देखे और कितने ही डरपोक भीरु एवं कायर अधिकारी देखे हैं। कनीना में नरेश कौशिक मुख्य अध्यापक मिले तो उनकी बोल्डनेस एक मिसाल बन गई है। वो कहते हैं कि किसी कर्मचारी का हक है मेरे पास यदि वह शिक्षक आए तो मैं एक मिनट में प्रदान कर दूंगा, जवाब देना है मुझे देना पड़ेगा। में जिम्मेदार रहूंगा। इसमें डरने की क्या बात है? परंतु कर्मचारियों का हक मारना सबसे बुरी बात है। उधर कितने ही भीरु और कमजोर अधिकारी देखें जो गलती कर गए और सजा भुगतनी पड़ रही है। पहले भी बताया जा चुका है कि डा. होशियार सिंह की सर्विस बुक, 29 सालों की सेवा की, जो वर्तमान में धनौंदा में रखी हुई क्योंकि अंतिम समय में अगर तबादला कनीना हो जाता तो जीवन में जीते जी स्वर्ग मिल जाता क्योंकि सारे रुके हुए मेरे लाभ मिल चुके होते, किंतु अंतिम समय में बदली कनीना नहीं हो पाई जिसका बड़ा मलाल है। जब सर्विस बुक को देखा गया तो बड़े आश्चर्यजनक बातें सामने आई। जहां स्टेट अवार्ड के दो एडवांस इंक्रीमेंट पूरे हरियाणा के कितने शिक्षक ले चुके लेकिन धनौंदा में डा. होशियार सिंह को ये देने से प्राचार्य ने मना कर दिया और ऊपर से सफाई दी की पे एंड पेंशन रूल में आपको ये नहीं मिल सकते? चाहे हरियाणा के कितने भी शिक्षक ले में नहीं दे सकता हूं। जहां तक बाल शिक्षा भत्ते की बात की जाए तो केंद्र सरकार के अनुसार कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो पूरे सत्र का बाल शिक्षा भत्ता मिलता है लेकिन धनौंदा के प्राचार्य ने ये भी देने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि ये हरियाणा के नियम नहीं हैं? सबसे बड़ी गलती अधिकारियों की देखिये कि 21 नवंबर शाम को डा. होशियार सिंह की मेवात में बदली हुई जो बाद में रद्द कर दी गई और श्री सिंह वापस 15 दिसंबर को कनीना आ गए। इस दौरान के 24 दिन होते हैं और कितने ही अधिकारियों ने गिनती करते वक्त 25 दिन गिनती कर डाली। जिसकी सजा भुगत रहा है डा. होशियार सिंह। अब इसके लिए न्यायालय में जाना मजबूरी है और ऐसे अधिकारियों को सबक भी सीखनी जरूरी होती है। जिन्होंने यह गलती की वह आज फोन तक नहीं उठाते, वास्तव में ऐसी बड़ी गलती वेद प्रकाश जैनाबाद डहीणा करने वाले हैं जो 25 दिन लिख गए जबकि होते हैं 24 दिन। इसे दूसरे अधिकारियों न अंधे होकर 25 ही मान लिया, गिनती करने में शायद उन्हें डर लगता होगा। इसमें एसओ भी एक है। यही नहीं 2015 तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने विभिन्न सेवाकालीन कैंपों में भाग लेने वाले शिक्षकों को अर्जित अवकाश दिए हैं। ये अवकाश 2015 तक लागू होते हैं तत्पश्चात 2016 में अवकाश के नये नियम लागू कर दिए गए। आश्चर्यजनक बात है कि 2015 तक होशियार सिंह के 22 अर्जित अवकाश चढ़ाये हुये हैं। जब समर कैंप के अवकाश उनके पास बचे हुए थे साथ में आकस्मिक अवकाश बचे हुए थे तो 25 अर्जित अवकाश क्यों काटे गए और यह काटने वाले कोई और नहीं धनौंदा का प्राचार्य और एसओ नारनौल है क्योंकि जब कनीना स्कूल में ये अवकाश मिले थे। अधिकारी अवकाश के नियम 2016 के दिखाते हैं जबकि डा होशियार सिंह के अवकाश 2015 तक के हैं और मामला 2015 का है तो 2016 बीच में क्यों लाते हैं? अब नरेश कुमार कौशिक का कहना है कि अगर एक दिन भी मेरे पास डा. होशियार सिंह सेवा करने आ जाता तो सारे कष्ट दूर कर देता, सभी लाभ दे देता लेकिन आश्चर्य जनक है कि डा. होशियार सिंह कभी कनीना कभी धनौंदा, कभी जेनाबाद डहीणा तो कभी निदेशालय कभी उच्च अधिकारियों को बार-बार लिखता रहता है परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। लगता है सारे अंधे एवं बहरे हैं? मत सुनिए गलती करके जा रहे हैं तो सजा भी जरूर एक दिन मिलेगी। अगर न्यायालय सजा नहीं देगा तब भगवान की न्यायालय सबसे बड़ी होती है। निश्चित रूप से ईश्वर ऐसी सजा देगा कि जीवन में मरते दम तक याद रखेंगे क्योंकि इंसान वही है जो किसी की समस्या को समझे, हो सके तो हल करें न हो सके तो कोई बात नहीं लेकिन सुननी तो चाहिए। लेकिन बहुत से लोग इतने अंदर से मर चुके हैं कि डा. होशियार सिंह की कोई समस्या सुनते नहीं जिसका परिणाम है कि दो ही न्यायालय बचे हैं एक इंसान का न्यायालय और एक भगवान का। दोनों पर भरोसा है और एक दिन जरूर उनको न्याय मिलेगा।
एक गाड़ी में नेता आकर चंद लोंगों से बात करके जाते थे
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कनीना की आवाज। पहले वोट बैलेट पेपर से डालते थे। उस समय बहुत कम लोग अपना वोट डालते थे। गांव में जो ताकतवर लोग थे उनके प्रभाव से ही लोग अपने मत का प्रयोग कर देते थे। पहले लोगों के अंदर वोट डालने के प्रति जागरूकता बिल्कुल भी नहीं थी। उस समय के नेता वोट मांगने केवल एक ही गाड़ी में आते थे और गांव में जहां भी 5-7 लोग मिल जाते वहीं पर उनसे बात करके अपना वोट मांगते थे। शुरू में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार प्राप्त नहीं था बाद में जब महिलाओं को वोट डालने का अधिकार प्राप्त हुआ तो महिलाओं के वोट तो उनके परिवार की सदस्य ही डाल देते थे। जब से मशीनों से वोट डाले जाते हैं लोगों को वोट डालने में बहुत सुविधा हो गई है। अब लोगों में वोट डालने के प्रति जागरूकता बढ़ गई है। इस समय सभी मतदाता अपने मत का प्रयोग सोच समझकर ही करते हैं। लेकिन आज भी गरीब लोगों के मतों को प्रभावशाली लोग अपने प्रभाव से वोट डलवाने का प्रयास करते हैं। आज कुछ लोग जाति के आधार पर अपना मत डालते हैं और कुछ लोग सोच समझकर सही प्रत्याशी को अपना मत देते हैं। लेकिन फिर भी देखने में आया है कि प्रभावशाली लोग बहुत से लोगों को झूठा आश्वासन व किसी प्रकार का प्रलोभन देकर उनको वोट डालने के लिए मजबूर करते हैं। भारतीय निर्वाचन आयोग ने आज मतदान डालने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से मतदाता गुप्त रूप से अपना मतदान का सही प्रत्याशी का चयन करके अपने मत का प्रयोग कर सकता है। पहले मतदाता जब बैलेट पेपर से वोट डालता था तो उसकी वोट रद्द होने की संभावना बनी रहती थी लेकिन आज की व्यवस्था से वोट रद्द होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है। वोट प्रचार करने का तरीका ही बदल गया है। परिणाम सुनने के लिए रेडियो ही एकमात्र तरीका होता था। अब तो वोट का प्रचार का तरीका एवं वोट डालने वालों का आंखों देखा हाल मिल जाता है वहीं परिणाम भी लाइव देख एवं सुन सकते हैं।
फोटो कैप्शन: 84 वर्षीय रामस्वरूप पूर्व प्राचार्य
विधायक बनकर नेशनल हाइवे 152 डी पर कट बनवाएंगे - अतरलाल
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कनीना की आवाज। अटेली हलके से बसपा इनेलो गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी अतरलाल ने गांव सेहलंग, स्याणा तथा नौताना में आयोजित जन आशीर्वाद सम्मेलनों में पहुंचकर ग्रामीणों से 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में हाथी का बटन दबाकर उन्हें भारी बहुमत से जीताने की अपील की।
सभी गांवों में अतरलाल को सुनने के लिए ग्रामीणों की भीड़ रही। इस अवसर पर अतरलाल ने कहा कि आप सब के आशीर्वाद से अटेली हलके के चहुंमुखी विकास और तरक्की के लिए यह चुनाव लड़ रहा हूं। अटेली हलके के अब तक के कमजोर, दब्बू और नकारा नेतृत्व के कारण अटेली हलका विकास की दौड़ में बहुत पिछड़ गया है। उन्होंने कहा कि सेहलंग और बाघोत के बीच में नेशनल हाइवे 152-डी पर कट बनवाने के लिए इलाके के लोग डेढ़ साल तक धरने पर बैठे रहे, परंतु सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। अतरलाल ने जोर देकर कहा कि काम वही करवा सकता है जो काम करवाना जानता है। निवर्तमान बीजेपी सरकार और सत्ताधारी नेताओं पर तंज कसते हुए अतरलाल ने कहा कि डेढ़ साल लोगों के धरने के बाद नाकारा सरकार को ध्यान आया कि कनीना दादरी रोड़ तो स्टेट हाइवे ही नहीं है। यदि सरकार चाहती तो अब तक यहां एंट्री एग्जिट कट का कार्य शुरू हो गया होता। अतरलाल ने कहा कि उनका दृढ़ इरादा है कि जनता जनार्दन के आशीर्वाद से विधायक बनकर बाघोत और सेहलंग के बीच नेशनल हाइवे 152 डी पर एंट्री और एग्जिट कट का कार्य तुरंत शुरू करवाया जाएगा तथा इस कार्य में आ रही सभी तकनीकी दिक्कतों को दूर करवाया जाएगा।बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए अतरलाल ने कहा कि बेरोजगारी से निजात दिलाने के लिए वे अटेली हलके में आईएमटी. की स्थापना करवाएंगे। इलाके में खेल विश्वविद्यालय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम भी बनवाना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीपिका यादव,इनेलो एससी सैल के प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश नंबरदार, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन रतन सिंह, इनेलो हलका अध्यक्ष कर्ण सिंह यादव, डा. जितेंद्र पाल, चेयरमैन गुरदयाल सिंह कैमला, दिलावर ठेकेदार, बसपा जिला प्रभारी लालचंद शर्मा, भाग सिंह चेयरमैन, दान सिंह प्रजापत, राव रघुबीर सिंह बोहरा सेहलंग, राजेन्द्र यादव पंच सिहोर ने भी अतरलाल को जनता का उम्मीदवार बताते हुए ग्रामीणों से उन्हें भारी बहुमत से जीतने की अपील की।
फोटो कैप्शन 07: अतरलाल सेहलंग में संबोधित करते हुए।
कक्षा 6 में प्रवेश के लिए होने वाली चयन परीक्षा के लिए
-अब 7 तक कर सकते हैं आनलाइन आवेदन
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कनीना की आवाज। पीएमश्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा 6 में प्रवेश के लिए होने वाली चयन परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 7 अक्टूबर कर दी गई है, पहले इसकी अंतिम तिथि 16 सितंबर थी।
यह जानकारी देते हुए प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में सत्र 2025-26 में कक्षा छठीं में प्रवेश की चयन परीक्षा के लिए अब तक 3130 उम्मीदवार पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जो विद्यार्थी कक्षा छठी में प्रवेश लेना चाहता है वह एनवीएस की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी जिला महेन्द्रगढ़ के किसी भी सरकारी व सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा पांचवीं में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में अध्ययनरत होना चाहिए एवं जिले का निवासी होना चाहिए। अभ्यर्थी का आधार कार्ड जिला महेन्द्रगढ़ का हो, अभ्यर्थी ने किसी भी सरकारी व सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा तीसरी एवं चौथी में पूर्ण शैक्षणिक सत्र में अध्ययन किया हो तथा उत्तीर्ण होना चाहिए। अभ्यर्थी का जन्म 1 मई 2013 से 31 जुलाई 2015 के बीच होना चाहिए। अभ्यर्थी को संबंधित स्कूल से सर्टिफिकेट प्रमाण पत्र भरकर हेडमास्टर से सत्यापित करवाकर उस पर अभ्यर्थी और अभिभावक के हस्ताक्षर कर अपलोड करवाना है। किसी भी परिस्थिति में कोई भी अभ्यर्थी दूसरी बार इस परीक्षा में सम्मिलित होने के योग्य नहीं होगा।
प्राचार्य ने बताया कि परीक्षा की तिथि 18 जनवरी 2025 (शनिवार) है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए परीक्षा प्रभारी सुन्दर लाल के मोबाइल नंबर 8901453051 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
फांसी का फंदा डालकर अधेड़ ने की आत्महत्या
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव खरखड़ावास में एक व्यक्ति द्वारा संदिग्ध परिस्थितियोंं में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। मिली जानकारी के अनुसार बलबीर निवासी खरखड़ावास द्वारा गांव के बस स्टैंड पर बनी वाटर सप्लाई की डिग्गी के पास एक पेड़ में रस्सी डालकर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जिसकी सूचना परिजनों द्वारा पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौके का मुआयना किया तथा शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। आखिर आत्महत्या के पीछे का क्या कारण है यह तो पुलिस जांच में ही पता चल पाएगा। पुलिस जांच में जुटी हुई है।
5 महीने से नहीं मिला सफाई कर्मियों को वेतन
-लगाये सरकार विरोधी नारें
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के विभिन्न गांवों से आये दर्जनों सफाई कर्मियों ने प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये। सफाई कर्मी अंकित कुमार, सत्यवान, राजेंद्र ,विजय पाल वीरपाल, दयाराम, अनिल, मूलचंद ,राकेश, राजेश सोनू ,सुंदर ,रामकुमार ,गीता, बबली, भूप सिंह, महेश, हंसराज, पवन कुमार, रामपाल, धर्मवीर विजयपाल, शिवकुमार, महेश, दिनेश, सुशील कुमार, मुकेश कुमार, ओमप्रकाश, पवन कुमार आदि ग्रामीण सफाई कर्मियों ने बीडीपीओ कनीना को एक शिकायत देकर बताया कि हमें पिछले 5 महीने से कोई तनख्वाह नहीं मिली है। जिसके कारण दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश है लेकिन हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वे कई बार बीडीपीओ कनीना, एसडीएम कनीना, सीटीएम नारनौल तथा डीसी नारनौल को लिखित व मौखिक में अपनी शिकायत देकर मामले से अवगत करा चुके हैं। लेकिन सिर्फ झूठे आश्वासन के उनको कुछ नहीं मिला।
सफाई कर्मियों का कहना है पिछले 5 माह से तनख्वाह नहीं मिलने के कारण हमारे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई, खाने के लाले पड़ गए तथा बिजली का बिल नहीं भरा गया जिसके कारण हमारे मीटर उखाड़ दिए गए। अब हमें अंधेरे में ही अपना गुजारा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है लेकिन प्रशासन व सरकार द्वारा हमारी कोई मदद नहीं की गई। हमारे परिवार का जीना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा हम लोगों का तो काम केवल मेहनत मजदूरी से ही चलता है और जब उस मजदूर की मजदूरी न मिले तो वह क्या करेगा? उन्होंने जिला उपायुक्त से मांग कर जल्द से जल्द 5 महीने की तनखा डलवाने की गुहार लगाई है ताकि हम लोगों का परिवार दो जून की रोटी प्राप्त कर सके।
इस बारे में एसीपीओ कनीना से बात की गई तो उनका कहना था कि बजट न आने के कारण उनकी सैलरी नहीं दे पाये हैं जैसे ही बजट आएगा उनकी तनख्वाह डाल दी जाएगी।
फोटो कैप्शन 05: सफाई कर्मी बीडीपीओ कार्यालय के सामने रोष प्रगट करते हुए
ब्रह्मलीन स्वामी श्रीकृष्णानंद जी महाराज की पहली पुण्यतिथि पर विशाल यज्ञ
- भंडारा भी लगाया
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कनीना की आवाज। उच्च कोटि के साधु संत गुरु कभी मरते नहीं है वह तो केवल शरीर बदलते हैं और सूक्ष्म आत्मा में रहते हुए अपने शिष्यों की सहायता व उनकी मांगी हुई मन्नत पूरी करते हैं। ये विचार संत शिवानंद महाराज ने आज स्वामी श्रीकृष्णानंद महाराज की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित विशाल यज्ञ के उपरांत कार्यक्रम में शामिल हुए भक्तों को व्यक्त किये।
स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि कृष्णानंद महाराज 23 सितंबर की 2023 को अपना शरीर पूरा कर गए थे।
स्वामी जी ने कहा बड़े सौभाग्य की बात है कि आप जैसे शिष्यों को कृष्णानंद महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ जो महान संत थे जिनको कभी भूलाया नहीं जा सकता। जो भी उनके इस आश्रम रूपी धाम पर अपनी इच्छा लेकर आएगा वह अवश्य ही पूरी होती है। महाराज ने अपनी लगभग 96 वर्ष की आयु में जो समाज सुधार के कार्य किये।
स्वामी शिवानंद महाराज ने कृष्णानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे गांव धनौदा के एक सादा परिवार में पैदा हुए थे जिन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा अपने स्वामी हरद्वारी लाल महाराज से ली थी। उन्होंने अपने जीवन में स्कूली शिक्षा को पूरा करने के उपरांत पंजाब तथा हरियाणा में आयुर्वेद की शिक्षा पाई। संत ने हजारों वृक्ष लगाए।
इस मौके पर श्रीकृष्णानंद आश्रम ट्रस्ट के व्यवस्थापक कैलाश गोयल, आश्रम ट्रस्ट के प्रधान अनिल यादव, उप प्रधान ठाकुर कर्मवीर सिंह सचिव डा. फतेहचंद दायमा, कोषाध्यक्ष विजय कुमार आर्य, आश्रम ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य मखनलाल आचार्य , आनंद सिंह सिंगल दिल्ली, ठाकुर जसवंत सिंह, विजेंद्र ढिल्लो, घनश्याम शास्त्री नरेंद्र शास्त्री, सतीश कुमार , योगेश चौहान, योगेंद्र शर्मा, राहुल कुमार, तरुण कुमार, सत्येंद्र यादव, नरेंद्र कुमार के अलावा भक्तजन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: कृष्णानंद महाराज की पुण्य तिथि पर यज्ञ करते हुए
वोट अपनी पसंद की सरकार बनाने का एक जरिया- निरंजन
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कनीना की आवाज। वोट अपनी मनपसंद सरकार बनाने का जरिया होता है। जब निर्वाचन आयोग ने वोट देने का अधिकार दिया हुआ है तो उसका सदुपयोग किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। वोट देते समय किसी जाति पाती, धर्म एवं स्त्री पुरुष या किसी अन्य भाव को ध्यान में नहीं रखना चाहिए। वोट उस नेता को दिया जाना चाहिए जो बेहतर सरकार बना सके। जो न केवल समाज के कार्यों में रुचि रखें तथा देश के हित भी उसमें निहित हो। अक्सर ऐसी नेता को चुन लिया जाता है जिसका कोई वजूद नहीं होता न तो सत्ता में उसका हाथ होता है और न ही वह समाजहित में कोई काम कर सकता है। वोट किसी लोभ लालच के बल पर नहीं देना चाहिए अपितु अपनी इच्छा अनुसार यह सोच समझ कर देना चाहिए कि हमें किस नेता की जरूरत है। ऐसे नेता को चुनकर उनसे यह अपेक्षाएं भी रखी जाती है कि वह युवा, महिला और जनहित का ख्याल रखेगा। किसी के सुख-दुख में काम आए, किसी की मदद करने पर तैयार रहे, ऐसे नेता का चुनाव करके बेहतर सरकार बननी चाहिए। वोट डालने जाते समय किसी की गाड़ी आदि प्रयोग न करें, वोटर पर्ची लेते समय भी उन पर किसी पार्टी को वोट देने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में वोटर पर्ची उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा मिली हुई है, बस घर से अपना मन बना कर चले और सीधे बूथ पर जाए वोटडालकर ही घर आए। अगर किसी सही नेता को वोट नहीं दिया जाता है एक दिन नहीं पछताना पड़ता अपितु 5 साल पछताना पड़ता है। यही नहीं समाज व देश ऐसे नेता पर से खुश नहीं रहता। ऐसे में सभी बातों को ध्यान में रखकर बेहतर से बेहतर नेता का चुनाव करें, वोट जरूर डालें व डालने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट न करें। वोट डालने के लिए अपने निजी साधन का प्रयोग भी कर सकते हैं वरना पैदल जाकर ही वोट डाले।
फोटो कैप्शन:निरंजन समाजसेवी
जाति पाती से ऊपर उठकर करें मतदान-कैलाश चन्द
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कनीना की आवाज। हर मतदाता को जाति- पाति से ऊपर उठकर अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि जो मतदाता जाति पाति के आधार पर अपने मत का प्रयोग करता है वह सही प्रत्याशी का चयन नहीं कर सकता। सभी मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग उस नेता के पक्ष में ही करना चाहिए जो स्थानीय मुद्दों का ध्यान रखें। यहां तक भी कह दिया कि हमें उस प्रत्याशी के पक्ष में अपना मतदान करना चाहिए जो क्षेत्र में विकास को अधिक से अधिक प्राथमिकता दें। हमें अपना मत का प्रयोग करते समय सही प्रत्याशी का चयन करना चाहिए। हमें उस प्रत्याशी को अपना मत देना चाहिए जो हमेशा लोगों के दुख दर्द में शामिल हो व लोगों की समस्याओं को अच्छी तरह सुनकर उनका स्थायी रूप से समाधान करें। महिला मतदाताओं से भी अपील करते हुए कहा कि उन्हें भी अपने मत का प्रयोग स्थानीय मुद्दों को हल करने वाले व जाति-पाति से ऊपर उठकर किसी के दबाव में ना आकर स्वतंत्र रूप से मतदान करना चाहिए।
कैलाश चन्द सेवानिवृत प्राचार्य पायगा का कहना है कि
फोटो कैप्शन: कैलाश चन्द, सेवानिवृत्त प्राचार्य
एक दिन भी काम नहीं आये लाखों रुपये के ई-टायलेट
-जांच का विषय
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कनीना की आवाज। यूं तो कनीना को रिस्पांसिबल सिटी बनाने में 2018 में सार्थक प्रयास किए गए थे तथा कनीना को ई-टायलेट, इको फ्रेंडली टायलेट तथा आधुनिक दर्जे के डस्टबिन लगाकर कनीना को साफ सुथरा बनाने का प्रयास किया गया था जिसके चलते इसका नाम क्लीन सिटी भी रखा गया था। परंतु कनीना को रिस्पांसिबिलिटी बनाने के लिए लाखों रुपये के खरीदे गए ई-टायलेट खरीदे जाने के बाद से आज तक बंद पड़े हैं। कनीना के विभिन्न स्थानों पर ई टायलेट तथा इको फें्रडली टायलेट लगे थे जिनकी संख्या 12 थी, ये इस बात को सोच कर कि आम आदमी और राहगीरों को लाभ होगा, स्थापित तो कर दिये किंतु आज कबाड़ बने खड़े हुए हैं।
जानकारों का कहना है कि ई-टायलेट को लगातार बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है। अत्याधुनिक की टायलेट बड़े-बड़े शहरों में काम आ सकते हैं प्रत्येक ई-टायलेट की कीमत करीब 5 लाख रुपये है। अकेले कनीना में ही ई-टायलेट खरीदे गए थे। ऐसे टायलेट शायद हरियाणा में कहीं नहीं मिलेंगे। पूर्व एसडीएम संदीप सिंह इंजीनियर के वक्त खरीदे गये थे। इसी प्रकार की करीब 25 लाख रुपये की शवदाह मशीन खरीद कर स्थापित की गई किंतु चार वर्षों तक खड़ी रही। आखिरकार कनीना क्षेत्र के युवा इंजीनियरों ने इसे शुरू कर दिया है किंतु इसका उपयोग भी बहुत कम शवों के लिए किया गया था।
ई-टायलेट की सबसे बड़ी खूबी है कि जब तक अंदर कोई व्यक्ति होगा तब तक दूसरा व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। इसमें सेंसर लगे होते हैं, जब कोई नहीं अंदर कोई नहीं होगा तो दूसरे व्यक्ति के लिए द्वार खुल पाएगा। आश्चर्य है कि करीब 30 लाख रुपये की लागत से बनाए गए थे ई-टायलेट आज तक नकारा पड़े हैं।
बार-बार उठती रही है अंगुली-
वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम संदीप सिंह के वक्त कनीना को साफ सुथरा रिस्पांसिबल सिटी बनाने के लिए 6 ई- टायलेट और 6 इको फ्रेंडली टायलेट खरीदे गए थे और कनीना के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए थे जो आज भी खड़े हुए हैं। ई-टायलेट पर इतनी भारी-भरकम राशि खर्च करके भी एक दिन भी काम नहीं करना, इससे बड़ा और क्या मजाक हो सकता है। एसडीएम की अच्छी सोच ही कनीना के लिए बेकार साबित हुई।
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल ने बार-बार रेलवे स्टेशन के पास खड़े किए गए ई-टायलेट के ताला हटवाने की मांग की थी आरटीआई भी लगाई है किंतु परिणाम शून्य रहा क्योंकि इस टायलेट ने एक दिन भी काम नहीं किया।
उधर प्रदीप कुमार ने आरटीआई के जरिये भी जानकारी ली थी जिसमें बताया गया था कि ई-टायलेट एवं फ्रेंडली टायलेट पर 49 लाख रुपये के करीब खर्च आया था।
क्या करते पूर्व पालिका प्रधान -कनीना पालिका पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले ये खरीदे जा चुके थे। इनको ठीक करवाने के लिए नगरपालिका के इलेक्ट्रीशियन विद्यानंद ने भी प्रयास किया, कई बार उच्चाधिकारियों को भी इस संबंध में पत्र लिखे किंतु परिणाम शून्य रहा है। उनका भी मानना है कि ये ई-टायलेट आज तक एक दिन भी काम नहीं आये हैं और यह कनीना के लिए नुकसानदायक साबित हुये है। बार-बार इनका ठीक करवाने का प्रयास किया उनके मैकेनिक भी दिल्ली से आते थे परंतु उन्होंने भी इनको ठीक नहीं कर पाये।
ये ई-टायलेट केरल की एक कंपनी द्वारा सप्लाई किए हुए है। अधिकांश की टायलेट जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक खरीदे हुए हैं।
कहां कहां स्थापित किये गये थे-
ई-टायलेट कनीना में बीडीपीओ कार्यालय, पुलिस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पशु अस्पताल, उप नागरिक अस्पताल समक्ष आदि स्थानों पर खड़े किये गये थे।
क्या कहते हैं कनिष्ठ अभियंता नगर पालिका जयवीर सिंह -
नगर पालिका के कनिष्ठ अभियंता जयवीर सिंह का कहना है कि ई-टायलेट कनीना में स्थापित करने वाली कंपनी को पत्र प्रेषित कर दिया था ताकि इनको चालू किया जाए लेकिन कंपनी ने कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है। यही कारण है कि अभी तक ये ई- टायलेट बंद पड़े हैं। कंपनी के अभी भी कुछ पैसे भी बकाया है। पुन: पत्र प्रेषित किया जाएगा।
- जयवीर सिंह जेई
नगरपालिका कनीना
फोटो कैप्शन 01: इको फ्रेंडली टायलेट
02:ई-टायलेट कनीना में स्थापित।
साथ में निवर्तमान पालिका प्रधान सतीश जेलदार
अनीता यादव ने निकाला है रोड शो
-भारी संख्या में जुटे समर्थक, गदगद हो गई अनीता यादव
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कनीना की आवाज। अटेली से कांग्रेस प्रत्याशी अनीता यादव ने कनीना में रोड शो निकला। जगह-जगह उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। बैंड बाजा पर साथ थिरकते पैरों से भारी संख्या में समर्थक जयकारे लगाते हुए निकले। बाहरी संख्या में समर्थक देखकर बदलाव के संकेत नजर आए। अनीता यादव ने स्पष्ट कहा कि इस बार परिवर्तन की लहर है और कांग्रेस पूरे हरियाणा में जीत कर आएगी और निश्चित रूप से कांग्रेस सरकार बनाएगी। जीत के बाद अटेली का पूर्ण रूप से विकास किया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस के झंडे लेकर बैंड बाजा के साथ फूल बरस,ते हुए समर्थक विभिन्न गलियों से गुजरे।
े फोटो कैप्शन 08: अनीता यादव सहित समर्थक सड़कों से रोड शो करते हुए
पिंकी यादव को मिला योग रत्न सम्मान
-मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज।।बीएमडी फाउंडेशन की तरफ से काउंसलर पिंकी यादव ने दिल्ली में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह में भाग लिया। सीगड़ा निवासी पिंकी यादव ने बताया कि इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह नैचरोकान-2024 का आयोजन ऋषिकुल योगपीठ द्वारा लाजपत भवन नई दिल्ली में किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान पिंकी यादव को योग रत्न सम्मान से सुशोभित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान समय में प्राकृतिक चिकित्सा की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना था। पिंकी यादव ने इस सम्मान के लिए योगपीठ का आभार व्यक्त करते हुए कहा की योग एक प्राचीन भारतीय कला एवं विज्ञान है जो मनुष्य के भौतिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक स्तर पर स्वास्थ्य एवं जीवन कल्याण प्रदान करता है। योग का इतिहास पांच हजार वर्षों से अधिक है।
प्राकृतिक चिकित्सा या नेचुरोपैथी भारतीय एवं पश्चिमी दर्शन पर आधारित दवा रहित चिकित्सा प्रणाली है। इस पद्धत्ति के माध्यम से व्यक्ति अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल कर सकता हैं। जल चिकित्सा, मालिश चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, उपवास चिकित्सा, आहार चिकित्सा इत्यादि प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ बुनियादी उपचार पद्धती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का संयोग, रोगों के बोझ को कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा एवं जीवन कल्याण हेतु उपयोगी है।
इस राष्ट्रीय सेमिनार में डा.भंवर सिंह, सुनील देवी, डा.बिजेंद्र, डा.विजेता, नेहा चौहान, मनीष, योग साधक दिनेश राकेश, डा. रमेश, कविता सहित देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
फोटो कैप्शन 03: पिंकी यादव को सम्मान देते हुए।
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